hotaks444
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प्यार हो तो ऐसा पार्ट--2
गतांक से आगे........................
किशोर मदन को पूरी बात सुनाता है, तभी उन्हे फिर से ज़ोर की चीन्ख सुनाई देती है
“देखा मदन ये कोई ओर है हम नही, हम भला क्यों इतनी बुरी तरह चीखेंगे” – किशोर ने मदन से कहा
“पर तुम इतनी रात को यहा क्या कर रहे हो, ये तो अछा है की मैं यहा हूँ, पिता जी होते तो तुरंत तुम्हे घसीट कर रूपा के बापू के पास ले जाते, और रूपा तुम, तुम्हे क्या यही मिला था, एक नंबर का बदमास और लफंगा है ये”
“मैं किशोर से प्यार करती हूँ मदन, हम शादी करने वाले हैं, किशोर जल्दी ही बापू से मिल कर शादी की बात करेगा” – रूपा ने कहा
“पर तुम्हारे बापू को किशोर एक आँख नही भाता वो इस शादी के लिए कभी राज़ी नहीं होंगे” ---- मदन ने कहा
“बस मदन… बहुत हो गया.. तुम अपने काम से काम रखो… ठीक है, हमारे साथ जो होगा देखा जाएगा, चलो रूपा…” --- किशोर ने कहा
“हाँ-हाँ जाओ यहा से, मैने तुम्हे यहा नही बुलाया था, आगे से यहा नज़र भी मत आना वरना..” --- मदन ने कहा
“वरना क्या बे, क्या कर लेगा तू मेरा”
“मदन………………” --- पेड़ के पीछे से वर्षा चील्लाति है
“ये कौन है” --- किशोर ने हैरानी मैं पूछा
मदन तुरंत भाग कर पेड़ के पीछे जाता है. वो देखता है कि वर्षा डरी सहमी खड़ी है और थर थर काँप रही है
“क्या हुवा वर्षा, डरो मत मैं यहीं तो हूँ”
“वो वो अभी अभी सामने के खेत में कोई घुस्सा है”
“क्या कह रही हो, मुझे तो कुछ नही दीखा”
“मेरा यकीन करो मैने अपनी आँखो से देखा है मदन”
तभी किशोर भी पेड़ के पीछे आ जाता है, उसके पीछे-पीछे रूपा भी आ जाती है.
“ओह हो.. भाई जान हमसे तो बड़ी बड़ी बाते कर रहे थे और खुद यहा ठाकुर की चिड़िया को फँसा रखा है, लगता है तुम्हे अपनी जान प्यारी नही है”
“मूह संभाल कर बात करो किशोर हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं”
“अछा तुम्हारा प्यार तो है प्यार और मेरा प्यार बेकार” --- किशोर ने हंसते हुवे कहा
“किशोर रहने दो क्यों उनके प्यार का अपमान कर रहे हो” --- रूपा ने किशोर से कहा
“क्या तुम भूल गयी अभी ये हमें क्या कह रहा था ?”
“हम उसके खेत में हैं किशोर, हम भी तो ग़लत हैं” – रूपा ने कहा
गतांक से आगे........................
किशोर मदन को पूरी बात सुनाता है, तभी उन्हे फिर से ज़ोर की चीन्ख सुनाई देती है
“देखा मदन ये कोई ओर है हम नही, हम भला क्यों इतनी बुरी तरह चीखेंगे” – किशोर ने मदन से कहा
“पर तुम इतनी रात को यहा क्या कर रहे हो, ये तो अछा है की मैं यहा हूँ, पिता जी होते तो तुरंत तुम्हे घसीट कर रूपा के बापू के पास ले जाते, और रूपा तुम, तुम्हे क्या यही मिला था, एक नंबर का बदमास और लफंगा है ये”
“मैं किशोर से प्यार करती हूँ मदन, हम शादी करने वाले हैं, किशोर जल्दी ही बापू से मिल कर शादी की बात करेगा” – रूपा ने कहा
“पर तुम्हारे बापू को किशोर एक आँख नही भाता वो इस शादी के लिए कभी राज़ी नहीं होंगे” ---- मदन ने कहा
“बस मदन… बहुत हो गया.. तुम अपने काम से काम रखो… ठीक है, हमारे साथ जो होगा देखा जाएगा, चलो रूपा…” --- किशोर ने कहा
“हाँ-हाँ जाओ यहा से, मैने तुम्हे यहा नही बुलाया था, आगे से यहा नज़र भी मत आना वरना..” --- मदन ने कहा
“वरना क्या बे, क्या कर लेगा तू मेरा”
“मदन………………” --- पेड़ के पीछे से वर्षा चील्लाति है
“ये कौन है” --- किशोर ने हैरानी मैं पूछा
मदन तुरंत भाग कर पेड़ के पीछे जाता है. वो देखता है कि वर्षा डरी सहमी खड़ी है और थर थर काँप रही है
“क्या हुवा वर्षा, डरो मत मैं यहीं तो हूँ”
“वो वो अभी अभी सामने के खेत में कोई घुस्सा है”
“क्या कह रही हो, मुझे तो कुछ नही दीखा”
“मेरा यकीन करो मैने अपनी आँखो से देखा है मदन”
तभी किशोर भी पेड़ के पीछे आ जाता है, उसके पीछे-पीछे रूपा भी आ जाती है.
“ओह हो.. भाई जान हमसे तो बड़ी बड़ी बाते कर रहे थे और खुद यहा ठाकुर की चिड़िया को फँसा रखा है, लगता है तुम्हे अपनी जान प्यारी नही है”
“मूह संभाल कर बात करो किशोर हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं”
“अछा तुम्हारा प्यार तो है प्यार और मेरा प्यार बेकार” --- किशोर ने हंसते हुवे कहा
“किशोर रहने दो क्यों उनके प्यार का अपमान कर रहे हो” --- रूपा ने किशोर से कहा
“क्या तुम भूल गयी अभी ये हमें क्या कह रहा था ?”
“हम उसके खेत में हैं किशोर, हम भी तो ग़लत हैं” – रूपा ने कहा