hotaks444
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मे:मे भी कोई कम नही हूँ,ऐसी बहुत सी कुवारि गान्ड को खोल सकता हूँ,
चाची:अच्छा ये बात है,तो लगी शर्त
मे:हाँ बिल्कुल
चाची:अगर तू मेरी गान्ड मे पूरा लंड डालकर मेरी गान्ड मार सकता है तो मे वादा करती है तेरी माँ की गान्ड मे सबसे पहला लंड तेरा ही जाएगा
ऑर अगर तू हार जाता है,तो तेरे ही सामने मेरा बेटा तेरी माँ की गान्ड खोलेगा,
मे:मे अब फस चुका था,मुझे कोई चाल नज़र आ रही थी ,ऑर मे उसमे फसना नही चाहता था,लेकिन अब बाज़ी मेरी हाथ से निकल चुकी थी,मजबूरी मे मुझे हाँ कहना पड़ा
चाची:तो ले आज़ा ,चाची घोड़ी बन गयी
मुझे मेरा सपना पूरा होता नज़र आ रहा था,मेने लंड पे थूक लगाया ऑर चाची की गान्ड के छेद पे भी थूक लगाया,ऑर कहा चाची रेडी हो
मेरा 8 इंच का लंड मुझे बहुत बड़ा दिख रहा था,ऑर इतना फूल गया था जैसे अब ही फट पड़ेगा
चाची:हाँ आज़ा ,मेरी गान्ड तेरे लंड का इंतज़ार कर रही है
मेने लंड के टोपे को चाची की गान्ड के छेद पे रखा,ऑर एक झटका दिया,मेरा लंड फिसल कर उपर चला गया
चाची:क्या हुआ(हँसते हुए)
मेने एक बार फिर झटका दिया,लंड फिर फिसल गया
चाची :तेरे बस की बात नही हार मान ले
मे:नही ,इस बार मेने उंगलियो से टोपे को पकड़ा ऑर एक जोरदार झटका लगाया
पुख्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ मेरा टोपा चला गया
चाची के मूह से आह निकल गयी ऑर बूली चलो अपना लंड तो अंदर घुसा पाया
लेकिन जैसे ही मेरा अंदर गुसा मुझे ऐसा लगा कि मेरे टोपे को किसी ने बहुत जोरदार तरीके से भीच दिया हो,चाची की गान्ड ने इतना दबाव बनाया कि मेरा लंड झेल नही सका,ओर पानी छोड़ दिया
चाची :बस हो गया तेरा,इतना ही दम,मे कहती हूँ ना ,तुझे अभी बहुत चुदाई करनी है,मेरे बेटे को आज करीब 3 साल हो गये,अब जाकर वो किसी भी औरत की कई घंटे तक गान्ड मार सकता है
तू रोज आया कर ,मुझे जी भर कर चोदा कर ,ऑर अभी तेरा लंड अभी पूरी ताक़त मे नही आया है,अभी थोड़ा वक्त लगेगा,ऑर अभी कुछ वक्त के लिए माँ की गान्ड को भूल जा
मे वापस घर आ गया
ऑर बेड पे आकर सोचने लगा
मे:ये क्या हो गया,मे चाची की कई बार चुदि हुई गान्ड नही चोद पाया,माँ की गान्ड कैसे चोदता अच्छा हुआ ,अगर माँ होती तो बोलती कैसा बेटा पैदा किया है
लेकिन तब तक मेरा लंड दमदार होगा जब तक तो सलीम मेरी माँ की गान्ड फाड़ चुका होगा
मुझे कुछ करना होगा ,कुछ ना कुछ तो करना होगा
ये सोचते सोचते मुझे नींद आ गयी
अगले दिन मे जब उठा ,फिर यही सोचने लग गया कि क्या किया जाए
मुझे फ़ैसला बहुत जल्दी लेना था कि क्या मे माँ की गान्ड के फाडू या फिर जाने दूं,
एक तरफ तो ये मन मे आ रहा था कि ,चाहे कुछ भी हो जाए किसी ऑर को माँ की गान्ड नही मारने दूँगा,ऑर दूसरी तरफ़ ये था कि जिसकी किस्मत मे होगा उसी को मिलेगी
मेरा माइंड भी दूसरे की तरफ जा रहा था कि सब कुछ किस्मत मे छोड़ दिया जाए,अगर सलीम को मारनी होगी गान्ड तो मार लेने दो,कम से कम मुझे भी माँ की गान्ड ऑर चूत मिलेगी,ऑर फिर बाद मे तो मेरी ऐश ही ऐश ,जब भी मन करेगा माँ की चूत मार लुगा ,फिर तो हर दिन मज़े से निकलेगा बस ज़्यादा से ज़्यादा हो सकता है कि मुझे चुदि हुई गान्ड मिले
ऑर बिना चुदि गान्ड मारने की इच्छा है तो वो मे निकिता जी को पटा कर पूरी कर लुगा
मेने फ़ैसला कर लिया था सब कुछ किस्मत पे छोड़ दूँगा,लेकिन फिर भी कॉसिश करूगा कि माँ पे पहला हक मे जमा पाऊ
मे चाची के पास गया
चाची:अच्छा ये बात है,तो लगी शर्त
मे:हाँ बिल्कुल
चाची:अगर तू मेरी गान्ड मे पूरा लंड डालकर मेरी गान्ड मार सकता है तो मे वादा करती है तेरी माँ की गान्ड मे सबसे पहला लंड तेरा ही जाएगा
ऑर अगर तू हार जाता है,तो तेरे ही सामने मेरा बेटा तेरी माँ की गान्ड खोलेगा,
मे:मे अब फस चुका था,मुझे कोई चाल नज़र आ रही थी ,ऑर मे उसमे फसना नही चाहता था,लेकिन अब बाज़ी मेरी हाथ से निकल चुकी थी,मजबूरी मे मुझे हाँ कहना पड़ा
चाची:तो ले आज़ा ,चाची घोड़ी बन गयी
मुझे मेरा सपना पूरा होता नज़र आ रहा था,मेने लंड पे थूक लगाया ऑर चाची की गान्ड के छेद पे भी थूक लगाया,ऑर कहा चाची रेडी हो
मेरा 8 इंच का लंड मुझे बहुत बड़ा दिख रहा था,ऑर इतना फूल गया था जैसे अब ही फट पड़ेगा
चाची:हाँ आज़ा ,मेरी गान्ड तेरे लंड का इंतज़ार कर रही है
मेने लंड के टोपे को चाची की गान्ड के छेद पे रखा,ऑर एक झटका दिया,मेरा लंड फिसल कर उपर चला गया
चाची:क्या हुआ(हँसते हुए)
मेने एक बार फिर झटका दिया,लंड फिर फिसल गया
चाची :तेरे बस की बात नही हार मान ले
मे:नही ,इस बार मेने उंगलियो से टोपे को पकड़ा ऑर एक जोरदार झटका लगाया
पुख्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ मेरा टोपा चला गया
चाची के मूह से आह निकल गयी ऑर बूली चलो अपना लंड तो अंदर घुसा पाया
लेकिन जैसे ही मेरा अंदर गुसा मुझे ऐसा लगा कि मेरे टोपे को किसी ने बहुत जोरदार तरीके से भीच दिया हो,चाची की गान्ड ने इतना दबाव बनाया कि मेरा लंड झेल नही सका,ओर पानी छोड़ दिया
चाची :बस हो गया तेरा,इतना ही दम,मे कहती हूँ ना ,तुझे अभी बहुत चुदाई करनी है,मेरे बेटे को आज करीब 3 साल हो गये,अब जाकर वो किसी भी औरत की कई घंटे तक गान्ड मार सकता है
तू रोज आया कर ,मुझे जी भर कर चोदा कर ,ऑर अभी तेरा लंड अभी पूरी ताक़त मे नही आया है,अभी थोड़ा वक्त लगेगा,ऑर अभी कुछ वक्त के लिए माँ की गान्ड को भूल जा
मे वापस घर आ गया
ऑर बेड पे आकर सोचने लगा
मे:ये क्या हो गया,मे चाची की कई बार चुदि हुई गान्ड नही चोद पाया,माँ की गान्ड कैसे चोदता अच्छा हुआ ,अगर माँ होती तो बोलती कैसा बेटा पैदा किया है
लेकिन तब तक मेरा लंड दमदार होगा जब तक तो सलीम मेरी माँ की गान्ड फाड़ चुका होगा
मुझे कुछ करना होगा ,कुछ ना कुछ तो करना होगा
ये सोचते सोचते मुझे नींद आ गयी
अगले दिन मे जब उठा ,फिर यही सोचने लग गया कि क्या किया जाए
मुझे फ़ैसला बहुत जल्दी लेना था कि क्या मे माँ की गान्ड के फाडू या फिर जाने दूं,
एक तरफ तो ये मन मे आ रहा था कि ,चाहे कुछ भी हो जाए किसी ऑर को माँ की गान्ड नही मारने दूँगा,ऑर दूसरी तरफ़ ये था कि जिसकी किस्मत मे होगा उसी को मिलेगी
मेरा माइंड भी दूसरे की तरफ जा रहा था कि सब कुछ किस्मत मे छोड़ दिया जाए,अगर सलीम को मारनी होगी गान्ड तो मार लेने दो,कम से कम मुझे भी माँ की गान्ड ऑर चूत मिलेगी,ऑर फिर बाद मे तो मेरी ऐश ही ऐश ,जब भी मन करेगा माँ की चूत मार लुगा ,फिर तो हर दिन मज़े से निकलेगा बस ज़्यादा से ज़्यादा हो सकता है कि मुझे चुदि हुई गान्ड मिले
ऑर बिना चुदि गान्ड मारने की इच्छा है तो वो मे निकिता जी को पटा कर पूरी कर लुगा
मेने फ़ैसला कर लिया था सब कुछ किस्मत पे छोड़ दूँगा,लेकिन फिर भी कॉसिश करूगा कि माँ पे पहला हक मे जमा पाऊ
मे चाची के पास गया