Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती - Page 5 - SexBaba
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Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती

मुझे लगा था मम्मी सुबह उठकर अपने आप को इस हालत मे देखकर कही हड़बड़ा नही जाए लेकिन हुआ इसका उल्टा असर हुआ मम्मी ने नीचे अपनी चूत को देखा ऑर कहा

मम्मी:कल तो तुमने बहुत जोरदार चुदाई करी मेरी ,तुमने तो मेरी हालत ही खराब कर दी थी
मे:मुस्कुराया,ये लो चाइ

मम्मी ने चाइ लेते हुए
मम्मी:ये सब तुम्हे चाची ने सिखाया है ना,नही तो कोई नया नया किसी को इतनी जोरदार तरीके से नही चोद सकता

मे:हाँ मम्मी,चाची ने मुझे चोदना सिखाया,
उन्होने तो मुझे गान्ड मारना भी सिखाया है

मम्मी:क्या,गान्ड मारना,चाची बोल तो रही थी कि गान्ड मरवाने मे बहुत मज़ा आता है

मे:हाँ मम्मी गान्ड मरवाने मे बहुत मज़ा आता है

मम्मी अब खुल कर सब कुछ बता रही थी

मम्मी:हाँ तभी तो केवल चाची की एक उंगली ने ही मुझे चूत के बिना हाथ लगाए ही पानी निकला दिया,तभी से मेरी गान्ड मरवाने की इच्छा है

ऑर चाची बता रही थी गान्ड मारना कोई छोटी मोटी बात नही है,इसके लिए अनुभवी होना बहुत ज़रूरी है,ऑर उनके बेटे सलीम ने 7-8 की गान्ड मार रखी है,ऑर 13 को मेरी गान्ड मारने ही तो आ रहा है

मुझे तो डर भी लग रहा है ऑर खुशी भी हो रही है कि बहुत जल्द मेरी गान्ड मे एक लंड होगा



((चाची ने मेरी माँ की गान्ड का पूरा इंतज़ाम कर रखा है,मे भी देखता हूँ कैसे मारता है गान्ड,आज तो 11 ही हुई है ,13 तक तो मे 4-5 बार गान्ड मार चुका हुँगा))



मे:तो आपकी ये इच्छा मे पूरी कर सकता हूँ

मम्मी:गान्ड मारने की

मे:खुश होते हुए ,हाँ मम्मी ,ऐसी मस्त गान्ड मारूगा कि आपकी तबीयत खुश हो जाएगी

मम्मी:लेकिन चाची बोल रही थी ये किसी अनुभवी का काम है,तूने तो केवल चाची की गान्ड मारी है,उसने तो 7-8 की गान्ड मारी है,ऑर चाची ये भी कह रही थी कि पहली बार गान्ड किसी अनुभवी से ही मर्वानी चाहिए



मे:देखो मम्मी ,गान्ड तो कोई भी मार सकता है पर अपनी मम्मी पे पहला हक तो बेटा का ही बनता है,ये सोचो मुझे कितना दुख होगा जब कोई ऑर मेरे सामने मेरी माँ की पहली बार गान्ड मारे

मम्मी:हाँ ये बात तो है



मे:चलो एक काम करते है ,मे आपकी गान्ड मारता हूँ,अगर अच्छा नही लगे तो फिर सलीम से मरवा लेना,

मम्मी को ये बात जच गयी



मम्मी:लेकिन ये तेरा लंड इतने से छोटे से छेद मे जाएगा कैसे

मे:मम्मी बहुत आराम से जाएगा,सरसो का तेल है ना,एक दम चिकना कर दूँगा गान्ड का छेद

मम्मी:फिर भी दर्द तो होगा??

मे:हाँ मम्मी शुरू शुरू मे दर्द तो होगा लेकिन एक बार जब लंड पूरा गान्ड के छेद मे उतार जाए उसके बाद दर्द कम हो जाएगा,फिर मज़े ही मज़े



मम्मी:हाँ गान्ड मराई का मज़ा तो मे भी लेना चाहती हूँ,चाची ने गान्ड मे उंगली डाल कर इतना पानी निकाला है कि गान्ड मरवाने के लिए मे पागल हुई जा रही हूँ



मुझे मनोहर की बाते याद आई कि चूत मारने के बाद 1 दिन रुक जाउ,ऑर फिर गान्ड मारु,इससे मेरे शरीर मे दुगनी ताक़त रहेगी जिससे मे बहुत अच्छी तरह से चोद सकुगा ,लेकिन आज का दिन रुकना संभव नही था ,तो मेने सोचा क्यो ना आज दिन भर आराम कर लिया जाए,जिससे रात भर मे माँ की गान्ड चोद सकूँ



मे:मम्मी एक काम करता हूँ,मे आपके लिए नाश्ता बना लाता हूँ,नाश्ता करके फिर हम आराम कर लेते है,फिर रात को चुदाई करेगे

मम्मी:हाँ कल रात की जोरदार चुदाई से मेरी हालत अभी भी खराब है,थोड़ी देर सोने से हालत भी सही हो जाएगी

क्या बनाएगा नाश्ते मे

मे:ब्रेड ओमलेट

मम्मी:हाँ ठीक है

मे तुरंत किचन मे गया ऑर फटाफट ब्रेड सेकि ऑर ओमलेट बनाया
 
मुझे कभी इतनी खुशी नही हुई थी ,ऑर आज मम्मी की गान्ड मारने के लिए मे सब कुछ करने को तैयार था



मे मम्मी के पास आया एक ग्लास दूध ऑर ब्रेड ओमलेट रख दिए ऑर मेने प्लेट रखते हुए मम्मी के गालो पे पप्पी दे दी

मम्मी:हट शैतान,मम्मी को पप्पिया दे रहा है

मे:कल रात को तो मे बहुत कुछ दे चुका हूँ

मम्मी:हाँ हाँ मोके का फ़ायदा उठा लिया

मम्मी:मम्मी आप हो ही इतनी खूबसूरत कि कॉन आपका फ़ायदा उठना नही चाहेगा

तभी तो चाची आपको पटा रही थी अपने बेटे से चुदवाने के लिए

ऑर खास कर आपकी ये बड़ी सी गान्ड,क्या गान्ड है मम्मी आपकी इसके लिए तो मर भी सकता हूँ ऑर मार भी सकता हूँ

मम्मी:क्या है इस गान्ड मे,मुझे तो कोई ख़ास नही लगती

मे:ये बात आप किसी ऑर से पूछो ,सलीम ने तो आपकी गान्ड मारने के लिए ही तो चाची को आपको पटाने भेजा है नही तो चाची की भी गान्ड कम थोड़ी ही है

मम्मी:मेरी गान्ड चाची से अच्छी है

मे:बिल्कुल मम्मी,ऑर खास बात ये है अभी तक इसकी ओपनिंग नही हुई,बिल्कुल कसी हुई गान्ड है ऑर कसी हुई गान्ड चोदने मे मज़ा ही कुछ ऑर है

मम्मी:अच्छा तुम्हे तो मेरी कसी गान्ड मारने की पड़ी है ऑर ये नही देख रहे कि मे क्या महसूस कर रही हूँ

मे:अरे मम्मी क्यो चिंता कर रही हो,मे हूँ ना ,एक दम मस्त गान्ड मारूगा

मम्मी:तुम मर्द लोगो को तो बस कुवारि चूत या गान्ड मिल जाए बस मस्त हो जाते हो लेकिन मुझे तो पता नही कैसा लगेगा पहली बार गान्ड मरवाने मे

मे:मम्मी,((एक बाजू मम्मी के कंधे पे रखते हुए)),आप बस अपने बेटे पे भरोसा रखो,मे आपकी इस तरह गान्ड मारूगा कि आगे से तुम गान्ड मरवाना ज़्यादा पसंद करोगी

मम्मी:अच्छा ठीक है,मेने अपना नाश्ता ख़तम कर लिया तुम भी कर लो,ऑर मे अब सो रही हूँ,शाम को देखेंगे

मे:मे एक बार फिर मम्मी के गालो पे पप्पी देते हुए,हाँ मम्मी आज शाम की रात बहुत मजेदार होने वाली है


((मन मे,मम्मी आज रात तो तुम्हारी बहुत जोरदार गान्ड चुदाई होने वाली है,बस एक बार पूरा लंड घुस जाने देना,फिर तो मे बिल्कुल भी रहम नही करूगा,ऑर यहाँ तो मुझे कोई डर भी नही है तुम्हारे चिल्लाने का,यहाँ दूर दूर तक कोई नही है आवाज़ सुनने वाला))


मम्मी:चल अब ज़्यादा पप्पिया मत दे,अपना नाश्ता ख़तम कर ऑर तू भी आराम कर ले

मे:ठीक है मम्मी(ये बात मेने मुस्कुराते हुए कही थी)

मम्मी भी मुझे देख मुस्कुराइ ऑर लेट गयी,मम्मी ने अभी भी नीचे कुछ नही पहना था,मम्मी के शरीर पे केवल ब्लाउस ही था,मेने सोचा क्यो ना ब्लाउस को भी खोल दूं लेकिन मेने सोचा सब रात को करेगे अब तो मम्मी की पर्मिशन भी मिल गयी है

ये सोचकर मेने चद्दर ली ऑर मम्मी के उपर डाल दी,ऑर साइड मे आकर मे भी सो गया


पता नही क्यो मम्मी को रात मे चोदने के बात मे मम्मी का बहुत ख़याल रखने लगा था,मेरे मन अब ज़्यादा से ज़्यादा मम्मी की सेवा करने की इच्छा थी,मे पूरी तरह कॉसिश कर रहा था कैसे भी करके मे मम्मी की सेवा कर सकूँ


मम्मी एक करवट लेकर सो रही थी ऑर उनका चेहरा दूसरी ओर था,इस कारण मम्मी की बड़ी सी गान्ड का उभार चद्दर के उपर से ही दिख रहा था,क्या गान्ड थी ,कुछ बात तो है इस गान्ड मे ,नही तो कई लोगो को ये यूही अपना दीवाना नही बनाती

आज रात सारा घमंड तोड़ दूँगा इस गान्ड का,मेने अपना एक हाथ ले जाकर मम्मी के ठीक गान्ड के उपर ले जाकर रख दिया ,मे मम्मी की गान्ड को महसूस करना चाहता था,लेकिन मे मम्मी को जगाना नही चाहता था ,इसलिए मेने अपना हाथ वापस खिच लिया

मेने अपने लंड की ओर देखा वो झटके खा रहा था,शायद मम्मी की गान्ड को देखकर पागल हो गया था,हाँ मेरी भी बहुत इच्छा थी मम्मी की अभी जाकर बड़ी सी गान्ड मे लंड डालकर चुदाई कर दूं,पर मेने अपनी इस इच्छा को दबा रखा था लेकिन मेरा लंड इस इच्छा को दबा नही पा रहा था

मे अपनी मम्मी की गान्ड की अपने मन मे कल्पना करने के बाद मुझे बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा ,लेकिन फिर भी मेने कॉसिश की लेकिन मुझे नींद नही आई,मे मम्मी की गान्ड मारने को पागल हुए जा रहा था

मे उठा ऑर बाथरूम गया ,ऑर लंड हिलाने लगा लेकिन मुझे लगा मेरा लंड जल्दी ही पानी छोड़ देगा ऑर फिर मेरे मन मे ये ख़याल आया कि अगर अभी पानी छोड़ दिया तो शाम को दिक्कत आ सकती है इसलिए मेने लंड हिलाना बंद कर दिया


लेकिन मेने शाम की तैयारी के लिए अपने लंड को रेडी करने के लिए सरसो के तेल की सीसी लाया ऑर कुछ बूँदें डाल कर लंड की मालिश करने लगा,मेरा लंड पूरा सख़्त होकर झटके खाने लगा,मेरा लंड बिल्कुल चिकना हो गया था ऑर मेरे हाथ मे बहुत आसानी से फिसल रहा था

मेने खुद से बोला बहुत जल्द ठीक ऐसे ही तू मम्मी की गान्ड मे फिसलेगा
 
मेने खुद से बोला बहुत जल्द ठीक ऐसे ही तू मम्मी की गान्ड मे फिसलेगा

मे वापस आया ऑर सोने की कॉसिश की

मुझे नींद नही आ रही थी लेकिन कुछ देर बाद कैसे भी करके मुझे नींद आ ही गयी

मे शाम को उठा ,मेने उठते ही घड़ी की ओर देखा ,मुझे खुद पता नही था कि मे घड़ी देखने की इतनी जल्दी क्यो कर रहा हूँ,लेकिन शायद मेरे माइंड को पता था कि मुझे मम्मी की गान्ड मारनी है

मेने घड़ी की ओर देखा तो शाम के 4 बज रहे थे

मेने देखा कल रात हम 4 बजे सोए सुबह 8 बजे उठ गये ,मेने नाश्ता बनाया ऑर साथ मे खाया ऑर फिर तकरीबन 9 बजे सो गये मतलब मे ऑर मम्मी 11 घंटे सो गये
,वाकई चुदाई करना बहुत मेहनत का काम है

मे उठा तो देखा मम्मी अभी तक सो रही है,ऑर इस बार भी मम्मी एक तरफ सिरहाना लगाकर सो रही थी ,मुझे मम्मी की गान्ड का उभार नज़र आ रहा था,मेरा लंड अभी तक खड़ा था ,शायद मेरी पूरी नींद मे मेरा लंड मुरझाया नही ,मुरझाए भी क्यो ,उसे आज इतनी मस्त गान्ड की ओपनिंग जो करनी थी

मे मम्मी के पास गया ,उपर से चद्दर हटाया ,अब मम्मी की नंगी गान्ड मेरे सामने थी ,क्या मुलायम सी मखमली गान्ड ,मन तो कर रहा था कि अभी गान्ड मार दूं लेकिन मेने खुद पे काबू रखा

ओर सोचा क्यो ना मम्मी के लिए चाइ बनाई जाए

मे तुरंत किचन मे गया ऑर जितना हो सकता था उतनी कॉसिश की अच्छी चाइ बनाने की,मे मम्मी को जितना हो सके खुश करना चाहता था क्योकि वो अपने बेटे को दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट देने वाली थी,वो थी मस्त गान्ड की ओपनिंग,जो की किस्मत वालो को ही मिलती है


मे चाइ बनाके लाया ,मेने चाइ टॅबेल पे रखी ऑर मेने देखा मम्मी के चेहरे पे एक अलग तरह की चमक थी,मज़ा आ गया था मम्मी के सुंदर चेहरे को देखके

मैं अपना मुँह मम्मी के मुँह के पास लाया ऑर इस बार मम्मी के गाल पर पप्पी देने की बजाए मेने होंठो पे पप्पी दी,मम्मी थोड़ी कसमसाई लेकिन उठी नही फिर मेने ऐसे ही 2-3 पप्पिया मम्मी के होंठो ओर दे दी,तब जाकर मम्मी की नींद खुली

मम्मी मुझे देखते ही मुस्कुराइ बोली क्या कर रहा था शैतान

मे:कुछ नही बस अपनी रानी से प्यार जता रहा था

मम्मी:ओह तो ऐसे जताते है प्यार,किसी को सोते हुए होंठो पे पप्पिया देकर उठाना

मे:नही मम्मी ,प्यार तो दोनो शरीर को एक करके किया जाता है

मम्मी:शरीर को एक करके

मे:मतलब मिलन करके

मम्मी:मतलब तू उसकी बात कर रहा है जो हमने कल रात को किया था

मे:हाँ मम्मी,चुदाई की ही बात कर रहा हुँ

मम्मी मुस्कुराइ ,मेने एक कॅप चाइ का मम्मी की ओर बढ़ाई

मम्मी चाइ का कॅप लेते हुए,आजकल बड़ी सेवा कर रहा है मम्मी की,जब भी मे उठ ती हूँ तू चाइ लेकर खड़ा रहता है

मे:अपने प्यार के लिए मे सब कुछ करने को तैयार हूँ,अगर आप कहे तो मे हमेशा आपके चर्नो मे पड़ा रहूं

मम्मी मेरी इन बातो से पिघल जाती है ऑर मम्मी की ममता जाग उठती है

ऑर मम्मी मेरे सिर पे हाथ हाथ फेरते हुए

मम्मी:बहुत अच्छा बेटा है मेरे ,पिछले जन्म मे कुछ अच्छे काम किए होगे तभी तुझ जैसा बेटा पैदा हुआ है

मे:पता नही मम्मी मे बस आपसे बहुत प्यार करता हूँ

अब मम्मी ने भी अपनी चाइ ख़तम कर ली थी

मे:मम्मी तो आगे क्या प्रोग्राम है

मम्मी:क्या प्रोग्राम है ,तू जानता है,तुझे जो करना है वो करेगे

मे मुस्कुराया,ऑर बहुत धीरे से बोला ,"मम्मी बस आपके पिछवाड़े का उद्घाटन करना है""

मम्मी:क्या बोला

मे:कुछ नही मम्मी बस आपकी सेवा करनी है

मम्मी :आजा मम्मी के सेवा कर,पाँव दबा मेरे

मे उठकर मम्मी के पैरो के तरफ जाने वाला ही था

मम्मी:रहने दे,पहले मे नहा लेती हूँ,मेरा शरीर टूट सा रहा है

मम्मी जैसी ही उठी चद्दर गिर गयी ऑर मम्मी की चूत मेरे सामने आ गयी

मम्मी:मुझे कुछ पहना तो देता(मम्मी को चुदाई का नशा उतर चुका था ,इस वजह से शायद मम्मी को शर्म आ रही थी)

मे:मम्मी ,दो प्रेमी आपस मे नही शरमाते

मम्मी ने चद्दर को फेक्ते हुए

मम्मी:तुझ से तो बात करना ही बेकार है पता नही कॉन से प्रेम मिलन की बाते करता रहता है

मे:अभी प्रेम मिलन पूरा कहाँ हुआ

मम्मी रुककर पूछते हुए "जो रात को किया तब पूरा नही हुआ था तेरा मिलन"

मे:मम्मी हमारा मिलन ,ना कि केवेल मेरा मिलन

मम्मी:हाँ हाँ वही हमारा मिलन

मे:नही मम्मी ,जब एक प्रेमी आगे के हिस्से मे अपना हथियार डालता है तो आधा मिलन होता है

मम्मी:ऑर बाकी आधा

मे:पिछवाड़े मे डालने से
 
मम्मी:अच्छा बाबा समझ गयी

मे:क्या समझ गयी

मम्मी:कुछ नही

मे:मम्मी बताओ ना

मम्मी:कहा ना कुछ नही

,थोड़ा गुस्सा होते हुए

((इसकी गान्ड को जोरूर जोरदार तरीके से चोदुन्गा,बड़ा नाटक कर रही है))

ऑर मम्मी जानबूझ कर गान्ड मटका मटका के बाथरूम की तरफ जाने लगती है

हालाँकि मम्मी की शर्म इतनी तो खुल चुकी थी कि उन्होने बाथरूम का दरवाजा बंद नही किया

मे तुरंत गान्ड मराई के काम मे आने वाली चीज़ो की सोचने लगा जैसे तेल,मे बिना देरी किए तेल ले आया,ऑर बैठ गया
मम्मी को आने मे देरी लग रही थी,पता नही मुझे क्यो 5 मिनट भी निकालना जैसे 5 घंटे लग रहा था,ऑर मम्मी बाथरूम से बाहर निकलने का नाम नही ले रही थी,इसी बीच मेने तेल की शीशी उठाई ऑर कुछ बूंदे अपने लंड पे डालकर मसल्ने लगा, ऑर कल्पना करने लगा कि आज तो मम्मी की गान्ड ऐसे मारूगा वैसे मारूगा

मे यही कल्पना कर रहा था कि मम्मी एक दम से नहाते नहाते बाहर आई ,हालाँकि उन्होने टॉवल लपेट रखा था ऑर उनके शरीर मे साबुन अभी भी लगा हुआ था,ऑर बोली
मम्मी:बेटा मोहित आज तो सलीम आने वाला था यहाँ पे

मे:भेन्चोद अब सलीम कहाँ से आ गया

मम्मी मेरे मुँह से गाली सुनकर कुछ देर के लिए मेरी तरफ देखने लगती है,लेकिन फिर आगे बोल पड़ती है
मम्मी:चाची ने ऑर मेने प्लान बनाया था आज मैं सलीम के साथ यहाँ पे आउन्गी ऑर तुझे चाची वहाँ घर पे संभाल लेगी

मे थोड़ा कॉन्फिडेन्स मे मे होते हुए

(क्योकि मे सब बाते सुन ली थी जो चाची ऑर मम्मी के बीच हुई ,मे पलंग के नीचे छुपा हुआ था)

मे:अरे मम्मी मे जानता हूँ प्लान ,सलीम ऑर तुम यहाँ फार्महाउस पे आने वाले थे ऑर चाची ऑर मैं वही घर पे रुकने वाले थे,लेकिन वो 12 तारीख की बात थी,आज तो 11 ही है ऑर कल तो हम ट्रेन से निकल जाएगे

मम्मी:अरे चाची ने बाद मे बताया था कि सलीम 11 की शाम को आ रहा था ऑर तरीबन 7 बजे पहुच जाएगा घर

मे:कब कहा

मम्मी:जब तू शाम को सो रहा था ,जब चाची आई थी घर पे ऑर बोला था कि सलीम 11 को ही आ रहा है ऑर मुझे 7 बजे तैयार रहने को कहा था

मे:मतलब चाची पलटी मार गयी ,लेकिन हमे क्या ख़तरा है,ऑर कॉन्सा सलीम 7 बजे आते ही फार्महाउस पे आ जाएगा

मम्मी:अरे नही चाची ने बताया था कि वो पागल है मेरी गान्ड के पीछे,ऑर मेने जब बात करी तो मुझसे बोला "मेरी जान अपनी कुवारि गान्ड के मज़े ले लो क्योकि मे बहुत जल्द इस कुवारि गान्ड को चोदने वाला हूँ ऑर उसके बाद तुम अपनी कुवारि गान्ड के मज़े नही ले पाओगि"""

उसकी बातो से लगा वो वाकई पागल है

मे:तो क्या लगता है वो यहाँ आ सकता है

मम्मी:आ तो सकता है लेकिन क्यो डरना,क्या करेगा वो,निकल तो सकते नही हमे ,इतनी तो जानकारी है अपनी आपस मे

मे:अरे मम्मी लेकिन सलीम जो आपकी गान्ड के पीछे पड़ा हुआ है वो

मम्मी:तो क्या हुआ,तू मार ले गान्ड बाद मे वो मार लेगा,उस बेचारे की मम्मी ने भी तो तुझे चोदने दिया ,ऑर वो उस उसकी मम्मी की देन है कि मे तेरे साथ यहाँ मज़े कर रही हूँ

मे:नही मम्मी ,मे नही चाहता कि मेरी मम्मी को कोई ऑर चोदे

((लग रहा था कि अब मम्मी एक पवित्र पत्नी से एक रंडी की तरफ जा रही थी
))

मम्मी:लेकिन बेटा जैसे तुम्हारी इच्छा होती है अलग अलग औरत या लड़की को चोदने की वैसे ही हमारी भी इच्छा होती है अलग अलग लंड से चुदने की

मे :उदास से होते हुए,लेकिन मम्मी मुझे अच्छा नही लगता कि मेरी मम्मी किसी ऑर लंड से चुदे

मम्मी:अरे बेटा निराश मत हो,चल मे जब तक किसी ऑर से नही चुदवाउगि तब तक तू मुझे हाँ नही कर देता ठीक है अब तो

मे खुश होते हुए ,तो ठीक है मम्मी ,अब नहा लो हम घर चलेगे,मे नही चाहता कि सलीम यहाँ आ जाए ऑर वो मेरी आँखो के सामने मेरी मम्मी की गान्ड मार दे

मम्मी:मम्मी की गान्ड से इतना प्यार,चल कोई नही मे नहा लेती हूँ

ऑर इतना कहकर मम्मी वापस बाथरूम मे घुस गयी
ऑर मे सामान पॅक करने लगा

समान पॅक हो जाने के बाद मे घर की चीज़ो को वापस अपनी जगह पे रखने लग गया ऑर देख रहा था कि कोई चीज़ छूट ना जाए

फिर मम्मी नहा कर बाहर आई ऑर अपने कपड़े पहनने लगी

मेने जब देखा कि मम्मी बाथरूम से केवल टवल मे बाहर आई है तो मे मम्मी को देखता रह गया,मम्मी इस समय स्वर्ग की अप्सरा जैसी लग रही थी,मे बस मम्मी को देखे जा रहा था

मम्मी:क्या हुआ ,देख तो ऐसे रहा है जैसे मम्मी को इस रूप मे पहली बार देखा हो,
मे:हाँ मम्मी ,आपको इस रूप मे पहली बार ही देख रहा हूँ

मम्मी:तो कल रात जो मुझे पूरी नंगी करके मेरी जो हालत खराब कर रहा था वो क्या था

मे:आप अभी जितनी खूबसूरत लग रही हो उसका कोई जवाब नही
ये कहते हुए मे मम्मी के पास गया

ऑर मेने एक हाथ मम्मी के पीछे ले जाकर मम्मी की कमर पे रखा ऑर मम्मी के बदन को मेरी तरह खिचा ,मम्मी की चुचि मेरी छाती से भिड़ गयी,ऑर मेने अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए

बहुत ही मादक दृश्य था,एक मस्त औरत अपने बेटे से बहुत ही आनंद से साथ एक दूसरे के होंठो का रस्पान कर रहे थे
 
बहुत ही मादक दृश्य था,एक मस्त औरत अपने बेटे से बहुत ही आनंद से साथ एक दूसरे के होंठो का रस्पान कर रहे थे

मे मम्मी के होंठो का रस्पान करएे हुए नीचे से मम्मी के टवल को थोड़ा उपर किया ऑर अपने लंड मम्मी की चूत पे रख कर एक करारा धक्का दिया ऑर मेरा लंड फ़फफ़ाआककककचह के साथ आधा अंदर घुस गया

मम्मी:आआआआऐययईईईईई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ये क्या?????

मम्मी को दर्द का अहसास कम वो चौंकाने का अहसास ज़्यादा था
शायद इसके पीछे कारण था कि मेरा लंड तेल की वजह से चिकना था ऑर मम्मी की चूत भी नहाने की वजह से स्मूद हो गयी थी

मे आगे कुछ कर पाता इससे पहले ही घड़ी की 6 बजने की आवाज़ आई ,मुझे सलीम का इतना डर था कि मुझे पता नही चला कि मेने कब अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाल लिया ,अब मम्मी भी होश मे आ गयी थी

मे खिड़की से बाहर देखा कहीं सलीम तो नही आ गया,फिर ध्यान आया कि आवाज़ तो घड़ी की थी किसी गाड़ी की नही

मे वापस मुड़ा तो मम्मी भी तैयार हो गयी,

मम्मी:चले,लेकिन इस वक्त तो कोई साधन भी नही मिलेगा

मे:हमे कुछ देर पेदल चलने पड़ेगा . ऑर हम फार्महाउस छोड़कर निकल गये

मेने सोचा सड़क के साथ चलना सही नही रहेगा ,साला कहीं सलीम मिल गया तो मम्मी को वापस ले आएगा फार्महाउस ,तो मेने सोचा जॅंगल से शॉर्टकट ले लिया जाए

मे:मम्मी हमे शॉर्टकट लेना चाहिए ,जंगल से,जल्दी पहुच जाएगे

मम्मी:कहीं कोई जानवर मिल गया था,

मे:मे हूँ ना ,ओर जानवर कुछ नही करता जब तक उसे कोई ख़तरा नही हो हम से
मम्मी:चल जैसी तेरी मर्ज़ी

ऑर हम जंगल की ओर निकल लिए

मम्मी मैं दोनो जंगल की ओर निकल चुके थे

जंगल घना ऑर डरावना था ,पता नही शायद मन का वहम था या फिर्र डर के कारण जंगल घना ऑर डरावना दोनो लग रहा था

लेकिन एक बात अच्छी थी ,आधा चाँद निकला हुआ था,जिससे आगे कुछ दूरी तक दिखाई दे रहा था
तकरीबन आधा घंटा हो गया था हमे चलते चलते,अब हम दोनो की टांगे दुखने लगी थी

मम्मी:बेटा इस शॉर्टकट से अच्छा हम सड़क से जाते कम से कम डर तो नही लगता ऑर क्या पता कॉन्सा जानवर हम्पे हमला कर दे

मे:अरे मम्मी ,मे हूँ ना ,किसी को कुछ भी करने से पहले उससे मुझसे से गुज़रना होगा

मम्मी:हाँ हाँ ड्रामेबाज़,किसी को बातो से खुश करना तो तुझसे जाने

मे:मेने कहाँ ड्रामा किया मम्मी,ऑर मे आपको बातो से खुश नही बल्कि आपको अंदर तक खुश करना चाहता हूँ

मम्मी:चल हट ड्रामेबाज़,मुझे तुझसे कोई बात नही करनी

तभी किसी की आवाज़ आई

लड़का:उससे बात नही करनी तो हमसे बात करले चिकनी

मम्मी और मैने हम दोनो ने साइड मे देखा तो वहाँ एक 25 साल का जवान लड़का जिसकी हाइट 5.5 फुट होगी,ऑर हेल्त नॉर्मल थी,पर बातों से वो सही कॅरक्टर का नही लग रहा था,ऑर साथ मे एक 21-22 की लड़की थी,लड़की बड़ी मस्त थी,मन तो कर रहा था अभी चढ़ जाउ ऑर चोद दूं साली को
 
लड़की:बड़ी मस्त आइटम लाया है जंगल मे,जंगल मे चुदवाने का मज़ा ही कुछ ऑर है

मुझे लगा लड़का ही खराब है पर यहाँ तो लड़की भी खराब निकली

मेने अपनी मम्मी को देखा ,मम्मी के चेहरे पे डर सॉफ नज़र आ रहा था,मुझे भी डर लग रहा था पर मुझे इस बात का ज़्यादा डर था कि कही ऑर ज़्यादा लोग ना आ जाए,इस लड़के लड़की को तो मे संभाल लुगा ,पर अगर ऑर आ गये तो मेरे लिए ऑर मेरी मम्मी के लिए ये मुसीबत हो जाएगी

लड़का:क्या सोच रहा है लोंडे

मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी पर मेने अपनी हिम्मत जुटाई ऑर बोला

मे:तुझसे मतलब(कड़क आवाज़ मे)

लड़का:हाँ मतलब है

मुझे इस जवाब की आशा नही थी फिर भी मे वापस बोला

मे:क्या मतलब है

लड़का:इतनी मस्त आइटम लाया है जंगल मे ,सीधा मकसद तो होगा नही ,चोदने ही लाया होया,अगर चोदने लाया लाया है हम दोनो का फ़ायदा हो सकता है

मे बस उसे देख रहा था ऑर चौकन्ना था

लड़का:देख हम दोनो एक को ही चोदते चोदते बोर हो गये होगे,मेरी गर्लफ्रेंड भी एक ही लंड से बोर हो गयी है ऑर ये मस्त आइटम भी तेरे लंड से चुदते चुदते बोर हो गयी होगी

मे:तो क्या

तभी लड़की बोली

लड़की:हम आपस मे अदला बदली कर सकते है ,मेरा बाय्फ्रेंड तुम्हारी आइटम के साथ ऑर तुम मेरे साथ,जो मर्ज़ी आए करना(लड़की अपने चेहरे पे मुस्कुराहट लाते हुए)

मे:नही मुझे ये मंजूर नही

लड़का अपनी जेब से पैसे निकालता हुआ
लड़का:देख ये 10000 रुपये है,बस एक बार चोद लेने दे इस आइटम ,बड़ा मस्त आइटम ,मे इसे चोदने को मरा जा रहा हूँ

ये कहते हुए वो आगे बढ़ने लगा ,ऑर मेरे पास आया मेरा हाथ पकड़ा ऑर आगे किया ऑर पैसे मेरे हाथ मे रख दिए ऑर मेरी मम्मी की तरफ जाने लगा

मैं कुछ देर सोच मे पड़ गया (मुझे खुद पता नही था क्या करना है,लेकिन शायद उसे लगा होगा कि मे पैसो के कारण अपनी मम्मी को चुदवाने दे रहा हूँ,पर वो ग़लत थे)

वो लड़का मेरी मम्मी के सामने खड़ा होकर मुस्कुरा रहा था

मेने लड़के के कंधे पे हाथ रखा ऑर उसे अपनी तरफ घुमाया ऑर उसका हाथ पकड़कर उसे पैसे वापस उसके हाथ मे दे दिए

मे:मुझे नही चाहिए तेरे पैसे ,निकल जा यहाँ से नही तो मे क्या कर दूँगा मुझे खुद पता नही

लड़का:देख अगर पैसे कम हो तो बोल,मे 15000,या 20000 देने को भी तैयार हूँ,बस एक बार चोदने दे

मे: एक लाख भी देगा तो भी नही चोदने दूँगा

लड़के को गुस्सा आ गया उसने आगे बढ़ कर मेरी गर्दन पकड़ ली ऑर बोला

लड़का:तू चाहे मान या मत मान,तेरी ये मस्त आइटम यहाँ से बिना चुदे नही जानी वाली

मुझे भी गुस्सा आ गया ,मेने भी एक धक्का दिया जिससे वो 4-5 फुट पीछे खिसक गया

मे:मुझे मजबूर मत कर,तू मुझसे नही जीत सकता,मुझसे भिड़ेगा तो चलने लायक भी नही रखुगा

लड़का:अच्छा ये बात है तो आज़ा देखते है किसमे कितना है दम,ये कहकर वो खड़ा हुआ फिर

हम दोनो भागे एक दूसरे की तरफ ,हम दोनो ज़ोर अजमाइश करने लगे,मेरे पलड़ा भारी पड़ रहा था
मेने उसकी गर्दन दबाकर ,ऑर घुमा कर ज़ोर से दूर फैंक दिया

मे:मेने कहा था ,मुझसे लड़ना बेकार है,

मे:आआआआहह......

मेरे पीछे से किसी ने मेरे सिर पे हमला किया ,ऑर फिर मेरा सिर फटने लगा,धरती घूमने लगी ऑर मे नीचे गिर गया
मम्मी:मोहितत्तत्त......... मम्मी ज़ोर से चीखी
 
लड़का:शाबाश मेरी जानेमन,आज तूने बहुत अच्छा काम किया है

मे नीचे गिरा हुआ था,मेरी आँखे बंद सी होने लगी लेकिन मेरे कान चालू थे मुझे सब कुछ सुनाई दे रहा था

लड़का:तू नही जानती मुझे भारी शरीर की औरते कितनी पसंद है ,ऑर ये औरत तो कमाल की है,आज तक जितनी भी औरते देखी कुछ ना कुछ तो कमी रहती ही थी,लेकिन इस साली मे कोई कमी नही है,इसका चेहरा ,नाक ,होठ,चुचिया ,पेट ,गान्ड सब कुछ मस्त है

लड़की:जानू तेरे लिए तो मे सब कुछ करने को तैयार हूँ

आज तो मज़ा आ गया ,क्या माल हाथ लगा है,ऑर ये कहा कर वो मम्मी की तरफ जाने लगा
मम्मी डर के कारण धीरे धीरे पीछे खिसक रही थी ऑर वो लड़का धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था

मम्मी के पीछे पेड़ आ गया ,ऑर मम्मी पेड़ आने की वजह से ऑर पीछे नही खिसक पाई

लड़का मम्मी के बहुत नज़दीक आ गया

लड़का:देख तेरे पास दो ही रास्ते है ,पहला प्यार से चुदवायेगि तो प्यार से चोदुगा ,ऑर दूसरा अगर नखरे किए तो ऐसा चोदुगा कि जिंदगी भर याद रखेगी

मम्मी ने मेरी तरफ देखा मदद के लिए आश् लगाई,लेकिन उनकी उम्मीद टूट गयी जब देखा मे बेहोश पड़ा हूँ

वो लड़का मम्मी से बिल्कुल चिपक गया था,मम्मी पेड़ ऑर इस लड़के बीच फसि हुई थी

उस लड़के ने मम्मी के होंठो पे अपने होठ रख दिए

मम्मी ने तुरंत सिर घुमा कर उसका किस तोड़ते हुए एक ज़ोर दार आवाज़ लगाई """"""मोह्हीत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त"""""""

जैसे ही मम्मी की आवाज़ मेरे कानो तक पहुचि मेरी शरीर मे चेतना दौड़ गयी लेकिन मेरी हिम्मत नही हो पा रही थी उठने की

लड़का हँसते हुए:जान अब तुम्हे बचाने कोई नही आएगा,आज तो तुझे रगड़ के चोदुन्गा

लड़की:हाँ चोद डाल इसे,इस जंगल ऐसी माल किस्मत वालो को ही मिलती है

वो लड़का वापस मम्मी के चेहरे को पकड़ कर मम्मी के होंठो अपने होठ रखते हुए किस करने लगा

मम्मी ने इस बार भी ज़ोर लगाकर चेहरा हटाते हुए मुझे आवाज़ लगाई

मम्मी: म्म्मूओह्ह्ह्हीइत्त्त्त्त्त्त

लड़का:ज़रा पकड़ना तो इसको बहुत हिल डुल रही है

लड़की ने मम्मी को पेड़ के पीछे से पकड़ लिया

लड़का:अब कैसे बचेगी मेरी जान

अब तक मेरी हिम्मत हो चुकी थी उठने की
मे उठा ऑर सीधा लड़के के पीछे गया

लड़की:रणजीतत्त्तत्त..... पीछे देख

वो लड़का जैसे ही पीछे देखा एक दमदार मुक्का हवा मे लहराता हुआ उस के मुँह पे लगा

लड़का इस मुक्के की दमदार चोट झेल नही पाया ऑर कुछ कदम पीछे की ओर चला गया

उसके होंठो से खून की धारा बह निकली

उसने हाथ लगाया अपने मुँह पे ,ऑर देखने लगा कि खून बह रहा है या नही ,वो अपना खून देखकर गुस्से से पागल हो गया

लड़का:साले तू तो गया ऑर वो एक बार फिर भागता हुआ मेरे पास आया ,मेने थोड़ा सा हट कर एक ऑर करारा मुक्का जमा दिया जो कि इस बार उसके जबड़े पे ना लग कर उसके कान मे लगा

(कान की चोट मे बहुत दर्द होता है,वो वही बैठ गया ऑर दर्द से कराहने लगा)

तभी मुझे पीछे से किसी के चलने की आवाज़ आई

जैसे ही मे पीछे मुड़ा तो उसने हमला कर दिया एक मोटी लकड़ी से ,मे इस बार चोन्कन्ना था,मेने हाथ से उस लकड़ी को रोक दिया ऑर बोला

मे:इस बार नही,हर बार मे वही ग़लती नही करूगा

ऑर मेने ज़ोर लगाकर वो लकड़ी छीन ली
 
लकड़ी छीन ने की वजह से वो लड़की भी मेरे पास खीची चली आ गयी,लेकिन पता नही मेरी मारने की इच्छा नही थी फिर भी मेरा हाथ उठ गया ऑर एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पे रशीद दिया ""चटाआक्ककककककककककक""

लड़की:आाआआईयईईईईई

ऑर वो उसी पेड़ से टकरा गयी जिसके पास मेरी मम्मी खड़ी थी,उसका सिर पेड़ से टकराया ओर वो बेहोश हो गयी,उसके सिर पे चोट आई थी ऑर उसके गालो पे मेरी पाचो उंगलिया छप गयी थी

मुझे उस लड़की पे हमदर्दी आ रही थी पर पता नही किस चीज़ ने मुझे उसकी मदद करने से रोक रखा था

लेकिन मेरा गुस्सा ख़तम नही हुआ था उस लड़के पे से

मे उसके पास गया ,मेरे हाथ मे वो लकड़ी थी मेने एक जोरदार वार किया उसके बाजू वाले हिस्से पे

लड़का:आआआहह,वो उछल के कुछ दूर खड़ा हो गया ऑर अपने चोट वाली जगह को मसल्ने लगा

उस लड़के को गुस्सा बहुत आ रहा था पर वो बेबश था मेरे सामने ,ख़ासकर जब मेरे हाथ मे लकड़ी का मोटा टुकड़ा था

लड़का:साले तुझे देख लूँगा

मे:तो आ ना साले,अभी तुझे बताता हूँ

ये कह कर मे कुछ कदम आगे खिसका

मुझे आगे खिसकता देख कर वो पीछे खिसक रहा था

मे:साले आता है या नही ,नही तो मे तेरी इस गर्लफ्रेंड को मार मार के हड़िया तोड़ दूँगा

लड़का:तुझे जो करना है करले

मे:भेन्चोद, बचपन मे मम्मी का दूध नही पिया क्या,लगता है तुझे अपनी माँ का भी नही पता

मेरी ये बात सुनकर वो भड़क गया ऑर भागता हुआ एक बार फिर मेरे पास आया
((कहते है गुस्से मे अपने शरीर पे कंट्रोल नही रहता,ठीक यही हो रहा था उस लड़के के साथ))

मेने एक बार फिर साइड मे हट कर लकड़ी से जोरदार प्रहार करके की कॉसिश की लेकिन वो बच गया,लकड़ी का डंडा ठीक उसके कान के पास से निकला ,अगर लग जाता तो उसकी माँ बहन हो जाती

लेकिन मेरे इस प्रहार से वो सकपका गया ऑर दूर भागकर खड़ा हो गया

लड़का:तू तो गया तुझे देख लूँगा

मे:अपनी माँ का दूध पिया हो तो आ मेरे पास ,,,अरे यार तू आएगा कैसे ,तूने जब माँ का दूध ही नही पिया तो मुझसे लड़ेगा कैसे

लेकिन बार मेरी बातो का कोई असर नही हुआ,मे जानता था ख़तरा जब तक टल नही सकता जब तक ये लड़का यहाँ है

मे:भेन्चोद आ ना

ये कहकर मे लड़की के पास गया ऑर उसके बाल पकड़के उसे खिचते हुए खड़ा करने लगा

वो बेहोश थी फिर भी बालो की पकड़ की वजह से दर्द मे वो कराह गयी

ऑर मे अब उसके होंठो को अपनी उंगलियो से इतना ज़ोर से दबाने लगा कि वो लड़की बेहोश होने के बाद भी चीख गयी

ये सीन देख कर उस लड़के से रहा नही गया ऑर एक बार फिर भागता हुआ मेरे पास आया

जैसा मेने सोचा वैसा ही हुआ,जैसे ही वो मेरे पास आया मैने इस बार लकड़ी से बिल्कुल सटीक हमला किया,मेरा वार सीधा उसके जबड़े मे लगा ऑर वो गिर कर वही ज़मीन पे ढेर हो गया

मे:बहन्चोद मेरी माँ को चोदने चला था,तूने उसके साथ ज़बरदस्ती करने की हिम्मत कैसे की
ऑर ये कहकर एक वार उसकी टाँग पे किया,उसमे इतनी हिम्मत भी नही बची कि वो चोट वाली जगह को मसल कर अपना दर्द कम कर सके

फिर मेने एक जोरदार लात उसके पेट पे मारी,लात इतनी ज़ोर से थी कि उसके मुँह से खून ऑर थूक बाहर आने लगा था,ऑर उसने अपना पेट पकड़ लिया था,मेने ऐसे ही 2-4 लाते ऑर पीट मे मार दी

वो अपनी आँखों के इशारो से मुझे बोलना चाह रहा था कि ""अब बस कर ""

लेकिन मेरा गुस्सा शांत नही हुआ,मे नीचे बैठा ऑर उसके होंठ पकड़ते हुए बोला ""ये वही होंठ है ना जिसने मेरी माँ के होंठो को छुआ था"" ऑर ये कह कर एक मुक्का सीधा उसके होंठो पे मार दिया

इस मुक्के से उसके होठ पूरे कट गये थे ऑर पूरा मुँह खून मे हो गया था

मम्मी:मोहिततत्त,बहुत हुआ अब

मे:मम्मी इन्होने आपके साथ ज़बरदस्ती करने की कॉसिश की

ऑर ये कह कर मे खड़ा होने लगा,जैसे ही खड़ा हुआ

""छाटाआआक्कककककककककक"" की आवाज़ जंगल मे गूँज गयी
 
""छाटाआआक्कककककककककक"" की आवाज़ जंगल मे गूँज गयी

मुझे समझ मे नही आया क्या हुआ,मम्मी ने एक जोरदार थप्पड़ मेरे गालो पे मार दिया था
मे मम्मी की ओर कुछ देर यूही देखता रहा ऑर मम्मी भी कुछ देर यूही देखती रही
मुझे मम्मी की आँखो मे गुस्सा सॉफ दिखाई दे रहा था

ऑर मम्मी पलट कर जाने लगी

मे:मम्मी रूको,बताओ तो सही क्या हुआ,
लेकिन मम्मी ने कुछ जवाब नही दिया

मे भाग कर मम्मी के बराबर आया ऑर बोला

मे:मम्मी कुछ तो बोलो

मम्मी ने मेरी तरफ देखा,मम्मी की आँखे गुस्से से लाल पड़ चुकी थी

मे मम्मी के आँखो को देख कर समझ गया था अभी चुप रहने मे ही भलाई है

हम रोड तक आए ,वहाँ से रिक्शा लिया ऑर घर आ गया ,मेरी हिम्मत नही हो पा रही थी कुछ बोलने की फिर सोचा सुबह बात करेंगे अभी मम्मी बहुत गुस्से मे है

ऑर फिर हम घर आकर कब सोए पता भी नही चला ,हम बहुत थक गये थे

सोने से पहले मे मुस्कुराया ((आज घटना ही ऐसी हुई थी))

सुबह मे उठा ,मम्मी मुझे हिला कर उठा रही थी
मम्मी: (कड़क आवाज़ मे) चाइ पी ले ,हमे ट्रेन पकड़नी है

मे उठा ऑर मम्मी के पास गया ऑर बोला
मे:मम्मी आपको क्या हुआ,आप क्यो रूठी हो मुझसे

मम्मी:तू कैसे किसी को इतना दर्दनाक तरीके से मार सकता है,मेने तुझे कभी नही सिखाया

मे:मम्मी वो आप से ज़बरदस्ती कर रहा था

मम्मी:तो तू उससे मार मार के अधमरा कर देगा

मे:मे तो मार डालु

मम्मी:फिर वही बात,मुझसे बात मत कर,मेने तुझे किसी को मारना नही सिखाया ऑर उस लड़की के साथ क्या कर रहा था ,तुझ पे अच्छा लगता है क्या

मे:लेकिन मम्मी
मम्मी:चुप,ऑर तैयार होज़ा हम लेट हो रहे है

फिर हम लोग तैयार हुए ऑर रवाना हो गये रेलवे स्टेशन की ओर,कुछ ही देर मे हम ट्रेन के अंदर ऑर ट्रेन रवाना हो गयी

क्योकि हमारी ट्रेन स्पेशल थी,ऑर हमने 2 सिटर ही बुक कराई थी,इसलिए हमारे डिब्बे मे मैं ऑर मम्मी ही थी

शुरू के कुछ घंटे यूही बीत गये

मेने तो सोचा था पूरे रास्ते मज़े करते हुए जाउन्गा पर यहाँ तो उल्टा ही हो रहा था
फिर भी मेने कॉसिश की
मे:मम्मी
मम्मी ने कोई जवाब नही दिया

मे:मम्मी ,सुनो ना
मम्मी ने फिर कोई जवाब नही दिया

मे:मम्मी मम्मी मम्मी(( एक साथ बोल दिया))

मम्मी: (गुस्से मे) क्या है

मे:आप गुस्से मे बहुत सुन्दर लगती है

मेरी इस बात पे मम्मी के चेहरे पे थोड़ी स्माइल आ गयी लेकिन मम्मी ने जैसे ही देखा कि मे उन्हे देख रहा हूँ ,वापस गुस्से वाला चेहरा बना लिया

मे समझ गया मम्मी नाटक कर रही है

मे:मम्मी प्लीज़ मुझसे बात करो,मे आपसे बात करे बिना नही रह सकता

मम्मी:तूने उस लड़के को इतनी बेरहमी से क्यो मारा

मे:वो आपके साथ ज़बरदस्ती कर रहा था
 
मम्मी:तो मतलब तू मेरे साथ ज़बरदस्ती करने वालो को मार डालेगा

मे:हाँ मम्मी,जो भी आपके साथ ज़बरदस्ती करेगा उसको मे मार डालुगा,मे आपसे इतना प्यार करता हूँ कि मे आपको किसी ऑर के साथ नही देख सकता

मम्मी:चल सो जा,बहुत लंबा सफ़र तय करना है

मे:मम्मी एक किस दो ना

मम्मी: (शरारती हसी के साथ) नही दूँगी

मे:मम्मी प्लीज़

मम्मी :केवल एक बार

मे तुरंत उठा ऑर मेने अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए

चलती ट्रेन मे ,मैं एक मस्त औरत के होंठो का रस पी रहा था ,ऑर वो औरत ऑर कोई नही मेरी माँ थी,जिससे मे इस दुनिया मे सबसे ज़्यादा प्यार करता था

मे बस मम्मी के होंठो को चूसे जा रहा था,मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,ऑर साथ मे ही मे अपने हाथ मम्मी की कमर से चला रहा था

मे अपनी जीभ मम्मी के मुँह मे डालकर मम्मी के मुँह रस का स्वाद ले रहा था

ऑर मम्मी भी पीछे नही थी मम्मी मेरी मुँह अपनी जीब डालकर मेरे मुँह का स्वाद ले रही थी
हमारी आपस मे जीब एक दूसरे से भिड़ा रहे थे

तभी किसी के आने की आवाज़ आई ऑर हम दोनो ने किस तोड़ा ऑर वापस मे अपनी जगह बैठ गया

मम्मी की सास तेज हो चुकी थी ऑर मेरा लंड खड़ा हो गया था

मम्मी मेरे लंड की ओर देखकर हँसते हुए,तेरा ये हमेशा की खड़ा रहता है क्या

मे:मम्मी आपके देखते ही ये खड़ा हो जाता है मन करता है बस आपको चोदता रहूं

मम्मी:देख हम गाव अपने घर जा रहे है वहाँ ऐसा कुछ मत करना ,नही तो गाव मे हमारी इज़्ज़त ख़तम हो जाएगी

मे:तो फिर मे क्या करूगा इतने दिन

मम्मी:मज़े करना ,खेतो ऑर पहाड़ियो मे घूमना

मे:मम्मी फिर तो ये दिन बहुत बुरे निकलने वाले है

मम्मी:ज़्यादा नही बस 10 दिन रुकेगे फिर वापस आ जाएगे ,फिर हम मज़े करेंगे ,तुझे जो करना है वो करना

मे: (मन मे)) मुझे बहुत कुछ करना है

मम्मी:हाँ तुझे जो करना है वो करना ,मे नही रोकूगी तुझे

फिर हम इधर उधर की बाते करने लगे ऑर हमारा सफ़र कटता चला गया,हम सोए भी नही क्योकि हमे बहुत मज़ा आ रहा था एक दूसरे से बाते करने मे,क्योकि हम खुल के बात कर पा रहे थे

कुछ घंटो बाद हम अपने गाव के पास वाले स्टेशन पे उतर गये
वहाँ से गाड़ी की ऑर गाव पहुच गये

जैसे ही हम घर पहुचे वहाँ मामी ने हमारा स्वागत किया

मेरी मामी का नाम गीता है,उनके दो बेटे है (मे नाम बाद मे बता दूँगा अगर मेरी इच्छा हुई स्टोरी को लंबा करने की) दोनो की शादी हो चुकी है ऑर दोनो बाहर ही काम काज़ करते है

घर मे मामा मामी ही रहते है,मामा का नाम केसरी लाल है ऑर सब उन्हे केसरी कहते है
उस समाय घर मे केवल मामी थी,मेने मामी के पाव छुए उन्होने मुझे आशीर्वाद दिया

मे अब बदल चुका था खास कर अपनी मम्मी को चोदने के बाद
मेने देखा कि मामी भी कुछ कम नही ,मस्त बदन ,फूली हुई गान्ड ,बड़ी बड़ी चुचिया
कुलमिलाकर मेरे लिए एक मस्त माल जिसे मे चोदना चाहूगा
 
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