hotaks444
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चाचा बड़े जालिम हो तुम--4
गतान्क से आगे......
हरी बिना रुके मम्मो से खेलते बोला, "इतना साल पति के साथ धीरे से किया अब असली मर्द के हाथ से दर्द क्यो होता है जान ले. माज़ा आएगा, बेटी चल तेरे बेडरूम मे, आज तुझसे मेरा बिस्तर गर्म करवा के तुझे चोद्के इलाज करूँगा."
रज़िया खुद दोनो बाँहे हरी के गले मे डालते बोली, "चाचू, अब यहा करे या बिस्तर मे बेडरूम मे उससे क्या फ़र्क पड़ेगा? जो भी करना हो करो लेकिन मेरी अंदर की प्यास बुझा दो. हां पर हौले - हौले मसलके करो चाचा, मेरा जिस्म . . हाई, धीरे - धीरे सब . करके .. पहली बार का है ना इसलिए कहती हूँ प्यार से करना जो करना है."
. हरी ने रज़िया का एक हाथ लूँगी के उप्पर से अपने लंड पे रखते उसके मम्मे और ज़ोर्से मसल्ते रज़िया को दर्द देते बोला, " आरे बेटी, धीरे - धीरे तेरे पति जैसे नमार्द करते है, हम जैसे गरम मर्द नही. तुझे बच्चा चाहिए ना तो जैसा मैं चाहू वैसा करूँगा, तेरे इस मुसलमानी जिस्म का भोसड़ा बना दूँगा, तुझे एक इज़्ज़तदार बीवी से एक रंडी औरत बनाके रखूँगा. अब तू मेरी लूँगी खोल औरमेरा लॉडा देख उसे सहला, उसकी पूजा कर और मुझसे मिन्नत कर तुझे चोद्के मा बनाने की."
एक पराए मर्द के हाथ नंगी होके उससे जिस्म मसलवाने और उसका लंड सहलाने मे रज़िया को ज़रा भी शर्म नही आई बल्कि अब दोनो हाथ से लंड सहलाते हरी के हाथ अपने मम्मो पे दबाते वो बोली, "अच्छा चाचा जैसे आपका जी चाहे वैसे मस्लो, लेकिन ध्यान रखना मेरा पहली बार का है एक पराए मर्द के साथ यह सब करना इसलिए मुझे ज़्यादा दर्द मत देना. और क्या बोला अपने? मिन्नत करू आपसे? पूजा करू इसकी? वो क्यों चाचा? आपका तो औज़ार है कि लंबा पाइप? देखो कितना बड़ा और मोटा हो गया है. अब इसकी मैं मिन्नत करूँगी तो अल्लाह जाने क्या हॅश्र होगा मेरा. मेरे मिया का औज़ार तो घुसाने से पहले ही झाड़ जाता है और आपका औज़ार घुसा तो बाहर ही नही निकलेगा. चाचा यह भोसड़ा क्या होता है? रंडी क्या होती है? रंडी तो बुरा शब्द है ना?"
रज़िया के जवाब से खुश होके हरी बोला, "आरे बेटी, पहली बार तू इतना मस्त लंड लेने वाली है पता है पर उसके लिए मिन्नत इसलिए माँगने को बोल रहा हूँ ताकि तुझे अहसास हो कि तुझे चोद्के मेहरबानी करनेवाला हूँ. जितनी तू मिन्नत करेगी उतने ज़्यादा जोश मे तुझे चोदुन्गा समझी बेटी? और भोसड़ा मतलब आज तुझे मेरे इस लंड से चोदने के बाद जब कभी तेरा मिया तेरी चूत मे लंड डालेगा, तुझे लगेगा जैसे किसी बच्चे की उंगली घुसी है तेरी चूत मे, तेरी चूत और गांद चोद्के इतनी चौड़ी कर डालूँगा कि तुझे सिर्फ़ मेरे लंड जैसे बड़े लंड से ही चुदवाने मज़ा आएगा. रंडी खराब शब्द है तो ज़रूर पर क्या एक पराए मर्द से चुदवाके तू रंडी बाजी नही कर रही? इसलिए तुझे अब मैने रंडी बुलाया."
हाथ नीचे करके हरी की लूँगी उप्पर उठाते रज़िया बोली, "चाचा यह बात सही है कि आप अपने इस औज़ार को मेरे नीचेवाले छेद मे डालके अपना कीमती रस अंदर डालके मुझे मा बनाओगे यह मुझ पर मेहेरबानी होगी. पर सच बोलो आपको मेरा जिस्म बहुत पसंद है ना? सच्ची बोलो. चाचा मैं भी सच कहती हूँ कि आप मेरे छेद मे रस डाल रहे हो इसके लिए मैं आपके औज़ार को चुस्के और बड़ा बनाउंगी." रज़िया अब नंगे लंड को पकड़के सर्प्राइज़्ड होके उसे मसल्ते बोली, "हाई अल्लाह, कितना लंबा और मोटा है आपका औज़ार. बाप रे बाप, इतनी मोटी तो मेरे पति की कलाई भी नही. अब समझी की आपने क्यों बोला कि मस्ती करने के बाद मेरा भोसड़ा बन जाएगा. चाचा मस्ती करने के बाद अगला पिछला छेद चौड़ा होता है और उसे भोसड़ा कहते है यह तो मुझे आज ही मालूम हुआ है ."
गतान्क से आगे......
हरी बिना रुके मम्मो से खेलते बोला, "इतना साल पति के साथ धीरे से किया अब असली मर्द के हाथ से दर्द क्यो होता है जान ले. माज़ा आएगा, बेटी चल तेरे बेडरूम मे, आज तुझसे मेरा बिस्तर गर्म करवा के तुझे चोद्के इलाज करूँगा."
रज़िया खुद दोनो बाँहे हरी के गले मे डालते बोली, "चाचू, अब यहा करे या बिस्तर मे बेडरूम मे उससे क्या फ़र्क पड़ेगा? जो भी करना हो करो लेकिन मेरी अंदर की प्यास बुझा दो. हां पर हौले - हौले मसलके करो चाचा, मेरा जिस्म . . हाई, धीरे - धीरे सब . करके .. पहली बार का है ना इसलिए कहती हूँ प्यार से करना जो करना है."
. हरी ने रज़िया का एक हाथ लूँगी के उप्पर से अपने लंड पे रखते उसके मम्मे और ज़ोर्से मसल्ते रज़िया को दर्द देते बोला, " आरे बेटी, धीरे - धीरे तेरे पति जैसे नमार्द करते है, हम जैसे गरम मर्द नही. तुझे बच्चा चाहिए ना तो जैसा मैं चाहू वैसा करूँगा, तेरे इस मुसलमानी जिस्म का भोसड़ा बना दूँगा, तुझे एक इज़्ज़तदार बीवी से एक रंडी औरत बनाके रखूँगा. अब तू मेरी लूँगी खोल औरमेरा लॉडा देख उसे सहला, उसकी पूजा कर और मुझसे मिन्नत कर तुझे चोद्के मा बनाने की."
एक पराए मर्द के हाथ नंगी होके उससे जिस्म मसलवाने और उसका लंड सहलाने मे रज़िया को ज़रा भी शर्म नही आई बल्कि अब दोनो हाथ से लंड सहलाते हरी के हाथ अपने मम्मो पे दबाते वो बोली, "अच्छा चाचा जैसे आपका जी चाहे वैसे मस्लो, लेकिन ध्यान रखना मेरा पहली बार का है एक पराए मर्द के साथ यह सब करना इसलिए मुझे ज़्यादा दर्द मत देना. और क्या बोला अपने? मिन्नत करू आपसे? पूजा करू इसकी? वो क्यों चाचा? आपका तो औज़ार है कि लंबा पाइप? देखो कितना बड़ा और मोटा हो गया है. अब इसकी मैं मिन्नत करूँगी तो अल्लाह जाने क्या हॅश्र होगा मेरा. मेरे मिया का औज़ार तो घुसाने से पहले ही झाड़ जाता है और आपका औज़ार घुसा तो बाहर ही नही निकलेगा. चाचा यह भोसड़ा क्या होता है? रंडी क्या होती है? रंडी तो बुरा शब्द है ना?"
रज़िया के जवाब से खुश होके हरी बोला, "आरे बेटी, पहली बार तू इतना मस्त लंड लेने वाली है पता है पर उसके लिए मिन्नत इसलिए माँगने को बोल रहा हूँ ताकि तुझे अहसास हो कि तुझे चोद्के मेहरबानी करनेवाला हूँ. जितनी तू मिन्नत करेगी उतने ज़्यादा जोश मे तुझे चोदुन्गा समझी बेटी? और भोसड़ा मतलब आज तुझे मेरे इस लंड से चोदने के बाद जब कभी तेरा मिया तेरी चूत मे लंड डालेगा, तुझे लगेगा जैसे किसी बच्चे की उंगली घुसी है तेरी चूत मे, तेरी चूत और गांद चोद्के इतनी चौड़ी कर डालूँगा कि तुझे सिर्फ़ मेरे लंड जैसे बड़े लंड से ही चुदवाने मज़ा आएगा. रंडी खराब शब्द है तो ज़रूर पर क्या एक पराए मर्द से चुदवाके तू रंडी बाजी नही कर रही? इसलिए तुझे अब मैने रंडी बुलाया."
हाथ नीचे करके हरी की लूँगी उप्पर उठाते रज़िया बोली, "चाचा यह बात सही है कि आप अपने इस औज़ार को मेरे नीचेवाले छेद मे डालके अपना कीमती रस अंदर डालके मुझे मा बनाओगे यह मुझ पर मेहेरबानी होगी. पर सच बोलो आपको मेरा जिस्म बहुत पसंद है ना? सच्ची बोलो. चाचा मैं भी सच कहती हूँ कि आप मेरे छेद मे रस डाल रहे हो इसके लिए मैं आपके औज़ार को चुस्के और बड़ा बनाउंगी." रज़िया अब नंगे लंड को पकड़के सर्प्राइज़्ड होके उसे मसल्ते बोली, "हाई अल्लाह, कितना लंबा और मोटा है आपका औज़ार. बाप रे बाप, इतनी मोटी तो मेरे पति की कलाई भी नही. अब समझी की आपने क्यों बोला कि मस्ती करने के बाद मेरा भोसड़ा बन जाएगा. चाचा मस्ती करने के बाद अगला पिछला छेद चौड़ा होता है और उसे भोसड़ा कहते है यह तो मुझे आज ही मालूम हुआ है ."