hotaks444
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यह तो कन्फर्म था कि अगले 4-5 घंटे हमें डिस्टर्ब करने वाला कोई नहीं था।
बस जय का ही डर था, उसे मैंने कह दिया था कि वो फोन भी न करे।
चाय लेकर हम दोनों नीचे सेटी पर ही बैठ गई।
रात की चुदाई पूरी प्रीति ने बड़ी बेशर्मी से सुना दी… मुझे बहुत मजा आया प्रीति की बात सुनकर…
प्रीति बोली- मैं तो सोने आई हूँ… रात भर जय ने सोने नहीं दिया!
मैंने कहा- नहा ले, फिर सो लेना।
वो नहाने चली गई… मैं देखती रह गई… सोचा था साथ नहायेंगे… उसकी अन्दर से आवाज आई- क्यों? क्या शर्म आ रही है साथ नहाने मैं?
मैं फटाफट बाथरूम में गई।
अन्दर वो वीट से अपनी चूत के बाल साफ़ कर रही थी… क्या गोल गोल मम्मे थे बिल्कुल मेरे जैसे!
मैंने भी कपड़े उतार लिए।
वो मेरे मम्मे दबाते हुए बोली- तेरे मम्मों का तो जय भी दीवाना है…
मैंने बनावटी गुस्से में कहा- जय ने कहाँ देख लिए?
प्रीति बोली- इतनी गोल गोल हैं और जब तू टाइट ड्रेस पहनती है तो अंधे को भी नजर आ जायेंगे…
प्रीति बोली- रात जय ने कहा था कि इसकी शेव कर लूं, इसीलिए वीट अपने साथ ले आई थी कि पता नहीं यहाँ हो या न हो।
प्रीति ने मेरे भी रिमूवर लगा दिया, हैण्ड शावर की मोटी धार से हम दोनों ने एक दूसरे की चूत मालिश की।
चिपक कर नहाने के बाद हम तौलिया लपेट कर बाहर निकली… मैंने उसे फ्रॉक दी पहनने को तो वो बोली- चल, ऐसे ही लेटते हैं, उठ कर पहन लेंगे।
बेड पर लेटते ही हम दोनों बेकाबू हो गईं, 69 पोजीशन में पहले तो चूत चटाई हुई और दोनों ने एक दूसरे की चूत में खूब उंगली की… थक कर हम दोनों चिपक कर सो गईं।
दो बजे आँख खुली, कपड़े पहन कर मैंने जय और रंगीला को फोन किया कि आ जाओ, साथ खाना खायेंगे।
आधा घंटे में वो दोनों आ गए और हमें फ्रॉक में देखकर मुस्कुरा पड़े।
हम दोनों ही अच्छे से तैयार हुई थीं… हाँ, ब्रा पैंटी न मैंने पहनी थीं और न प्रीति को पहनने दी थी।
हालाँकि वो बहुत जिद कर रही थी पहनने के लिए।
रंगीला और जय दोनों को समझ आ गया था कि हम लोग नीचे कुछ नहीं पहने हैं।
मैं कुछ लेने किचन में गई तो पीछे पीछे रंगीला आ गया और किचन में ही मुझे चूमने लगा और मेरी फ्रॉक उठा कर मेरी चूत में उंगली कर दी।
मैंने कहा- क्या करते हो? जय आ जायेगा।
रंगीला बोला- उस हरामी को मैं अच्छे से जनता हूँ, वो भी बाहर यही कर रहा होगा।
मैंने कहा- दूसरे के घर में? ऐसा हो ही नहीं सकता…
रंगीला बोला- बाहर चलते हैं, अगर जय प्रीति में घुसा मिले तो तुझे वहीं मुझसे चुदना पड़ेगा।
मैंने हाँ कह दी क्योंकि मुझे लगा कि प्रीति ऐसा नहीं करेगी।
बाहर आई तो देख कर हैरान रह गई कि जय ने प्रीति को घोड़ी बना कर चुदाई शुरू कर दी थी।
मैं शर्त हार गई थी और रंगीला अपना लंड निकल कर मेरी फ्रॉक उठा कर मेरी चूत में घुसा चुका था।
मैं चहक कर बोली- प्रीति की बच्ची… इंतज़ार नहीं कर सकती थी? रात भर चुदी है, फिर शुरू हो गई?
प्रीति हंस कर बोली- जय चोदने पर अमादा था… या तो वो तेरी चोदता या मेरी… अब बता तुझे चुदवाना हो तो तू आ जा…
आईडिया बढ़िया था।
रंगीला ने मुझे छोड़ दिया और में जय प्रीति के पास गई…
पहले तो प्रीति को किस किया फिर जय को…
जय प्रीति की चूत से बाहर आ गया और मुझे पास के सोफे पर ले गया और मेरी टांगों को ऊपर करके अपनी पुरानी स्टाइल में मेरी चूत में घुस गया।
उधर रंगीला और प्रीति भी होंठ चिपकाये खड़े थे।
रंगीला ने प्रीति की एक टांग पास के सोफे पर रखी और अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
नया लंड नई चूत… जोर ज्यादा लग रहा था, प्रीति चीखी- फाड़ दोगे क्या मेरी?
रंगीला ने प्रीति को सेटी पर लिटा दिया और पहले तो उसकी चूत को चूस कर थूक से चिकना किया, जब प्रीति गर्म हो गई, तब उसने भी घमासान चुदाई शुरू की… अब तो हम दोनों ही ‘और करो… और जोर से…’ के नारे लगा रहीं थी।
थोड़ी देर में ही हम दोनों की चूत माल से भर गई… सफाई करके हमने खाना खाया।
थोड़ी देर बाद जय और प्रीति चले गए, रंगीला भी फैक्ट्री चला गया।
मैंने पायल को फोन लगाया।
पायल शिकायत कर रही थी कि बहुत दिनों से हम मिले नहीं हैं।
गप्पें लगने के बाद उसका फोन रखा ही था कि प्रीति का फोन आ गया… वो बहुत खुश थी, बोली- बस किसी को पता नहीं चले प्लीज… मैंने कहा- पागल है क्या? भला ये बातें किसी से कही जाती हैं।
मैंने प्रीति से कहा- हमारे बहुत अच्छे दोस्त हैं पायल और राज… तुम लोगों को उनसे मिलवाना है। कल पायल दोपहर को मेरे घर आएगी, तुम भी आ जाना… खाना हमारे साथ ही खाना।
अगले दिन सुबह सच में बहुत काम था, मैं और जय सुबह से ही कई लोगों से मिले। अच्छा बिजनेस मिलने की उम्मीद थी… जय मेरे बात करने के स्टाइल से बहुत खुश था।
मैं क्लाइंट्स को पॉलिसी बहुत प्रभावी ढंग से समझाती थी।
हमें बिज़नस भी मिल रहा था।
मैंने जय को 11 बजे तक के लिए ही बोला था, जय ने मुझे ठीक ग्यारह बजे घर पर उतारा।
मैंने कहा- कुछ पीकर जाना, उसे मालूम था कि प्रीति आएगी!
तो चाह कर भी वो रुका नहीं, बस गेट के अंदर आकर मुझे लिपटा कर एक लम्बा फ्रेंच किस किया।
उसके लंड के उभार को और अपनी चूत के गीलेपन को मैं समझ रही थी पर मौका नहीं था इसलिए तड़फ कर रह गई।
फटाफट कपड़े बदले… जान बूझकर एक शार्ट और टॉप डाला… अंदर कुछ नहीं…
मैंने किचन में जाकर भेलपुरी और फ्रूट चाट बनाई और एक बियर फ्रिज में रख दी।
थोड़ी देर में ही प्रीति आ गई… मुझे इन कपड़ों में देखकर मेरे मम्मे दबा दिये… बोली- जय के साथ मस्ती कर रही थी क्या?
मैंने कहा- अगर उसके साथ मस्ती कर रही होती तो तुझसे क्या शर्म थी… वो तो मुझे गेट से ही छोड़ कर चला गया।
मैंने उसे भी चेंज करने को कहा तो वो मेरी वार्डरॉब से एक बरमूडा और सॉर्ट टॉप निकाल लाई और वहीं बदलने लगी।
उसके कपड़े उतरते ही मैंने उसके मम्मे लपक लिए और उन पर प्यार से काट लिया।
तभी डोर बेल बजी..
मैंने कहा- जल्दी पहन, पायल है।
जब तक मैं पायल को लाई तब तक प्रीति मेरे बेड रूम में ड्रेसिंग टेबल पर हल्का सा मेकअप ठीक करके आ गई।
हाँ उसने अब लिपस्टिक ऑरेंज कलर की लगा रखी थी जो उस पर खूब फब रही थी।
पायल और प्रीति को इंट्रोडयूस किया मैंने… उसने आते ही पायल को गले लगाकर चुम्बन लिया… जो पायल को बहुत अच्छा लगा।
हम दोनों के कपड़े देखकर पायल ने मुँह गोल करके सीटी मारी…
मैंने कहा- ज्यादा नीयत मत ख़राब कर और तू भी चेंज कर ले! फिर गप्पें मारेंगे।
पायल सकुचाई तो मैंने कहा- दो-चार घंटे कोई नहीं आ रहा।
प्रीति ने उसे एक फ्रॉक दी और कहा- आज मेरी पसंद से पहन लीजिये।
पायल बेड रूम में गई, पीछे पीछे मैं भी गई और उसे बता आई कि आज हम दोनों ने भी अंदर कुछ नहीं पहना है।
मैंमे और प्रीति किचन से सामान लेकर बेड पर ही बिछा लिया… बियर भी ले आई में।
हम तीनों बेड पर बैठी… बियर हम तीनों ही लेती थीं, इस लिए शुरुआत बियर से ही हुई।
बस जय का ही डर था, उसे मैंने कह दिया था कि वो फोन भी न करे।
चाय लेकर हम दोनों नीचे सेटी पर ही बैठ गई।
रात की चुदाई पूरी प्रीति ने बड़ी बेशर्मी से सुना दी… मुझे बहुत मजा आया प्रीति की बात सुनकर…
प्रीति बोली- मैं तो सोने आई हूँ… रात भर जय ने सोने नहीं दिया!
मैंने कहा- नहा ले, फिर सो लेना।
वो नहाने चली गई… मैं देखती रह गई… सोचा था साथ नहायेंगे… उसकी अन्दर से आवाज आई- क्यों? क्या शर्म आ रही है साथ नहाने मैं?
मैं फटाफट बाथरूम में गई।
अन्दर वो वीट से अपनी चूत के बाल साफ़ कर रही थी… क्या गोल गोल मम्मे थे बिल्कुल मेरे जैसे!
मैंने भी कपड़े उतार लिए।
वो मेरे मम्मे दबाते हुए बोली- तेरे मम्मों का तो जय भी दीवाना है…
मैंने बनावटी गुस्से में कहा- जय ने कहाँ देख लिए?
प्रीति बोली- इतनी गोल गोल हैं और जब तू टाइट ड्रेस पहनती है तो अंधे को भी नजर आ जायेंगे…
प्रीति बोली- रात जय ने कहा था कि इसकी शेव कर लूं, इसीलिए वीट अपने साथ ले आई थी कि पता नहीं यहाँ हो या न हो।
प्रीति ने मेरे भी रिमूवर लगा दिया, हैण्ड शावर की मोटी धार से हम दोनों ने एक दूसरे की चूत मालिश की।
चिपक कर नहाने के बाद हम तौलिया लपेट कर बाहर निकली… मैंने उसे फ्रॉक दी पहनने को तो वो बोली- चल, ऐसे ही लेटते हैं, उठ कर पहन लेंगे।
बेड पर लेटते ही हम दोनों बेकाबू हो गईं, 69 पोजीशन में पहले तो चूत चटाई हुई और दोनों ने एक दूसरे की चूत में खूब उंगली की… थक कर हम दोनों चिपक कर सो गईं।
दो बजे आँख खुली, कपड़े पहन कर मैंने जय और रंगीला को फोन किया कि आ जाओ, साथ खाना खायेंगे।
आधा घंटे में वो दोनों आ गए और हमें फ्रॉक में देखकर मुस्कुरा पड़े।
हम दोनों ही अच्छे से तैयार हुई थीं… हाँ, ब्रा पैंटी न मैंने पहनी थीं और न प्रीति को पहनने दी थी।
हालाँकि वो बहुत जिद कर रही थी पहनने के लिए।
रंगीला और जय दोनों को समझ आ गया था कि हम लोग नीचे कुछ नहीं पहने हैं।
मैं कुछ लेने किचन में गई तो पीछे पीछे रंगीला आ गया और किचन में ही मुझे चूमने लगा और मेरी फ्रॉक उठा कर मेरी चूत में उंगली कर दी।
मैंने कहा- क्या करते हो? जय आ जायेगा।
रंगीला बोला- उस हरामी को मैं अच्छे से जनता हूँ, वो भी बाहर यही कर रहा होगा।
मैंने कहा- दूसरे के घर में? ऐसा हो ही नहीं सकता…
रंगीला बोला- बाहर चलते हैं, अगर जय प्रीति में घुसा मिले तो तुझे वहीं मुझसे चुदना पड़ेगा।
मैंने हाँ कह दी क्योंकि मुझे लगा कि प्रीति ऐसा नहीं करेगी।
बाहर आई तो देख कर हैरान रह गई कि जय ने प्रीति को घोड़ी बना कर चुदाई शुरू कर दी थी।
मैं शर्त हार गई थी और रंगीला अपना लंड निकल कर मेरी फ्रॉक उठा कर मेरी चूत में घुसा चुका था।
मैं चहक कर बोली- प्रीति की बच्ची… इंतज़ार नहीं कर सकती थी? रात भर चुदी है, फिर शुरू हो गई?
प्रीति हंस कर बोली- जय चोदने पर अमादा था… या तो वो तेरी चोदता या मेरी… अब बता तुझे चुदवाना हो तो तू आ जा…
आईडिया बढ़िया था।
रंगीला ने मुझे छोड़ दिया और में जय प्रीति के पास गई…
पहले तो प्रीति को किस किया फिर जय को…
जय प्रीति की चूत से बाहर आ गया और मुझे पास के सोफे पर ले गया और मेरी टांगों को ऊपर करके अपनी पुरानी स्टाइल में मेरी चूत में घुस गया।
उधर रंगीला और प्रीति भी होंठ चिपकाये खड़े थे।
रंगीला ने प्रीति की एक टांग पास के सोफे पर रखी और अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
नया लंड नई चूत… जोर ज्यादा लग रहा था, प्रीति चीखी- फाड़ दोगे क्या मेरी?
रंगीला ने प्रीति को सेटी पर लिटा दिया और पहले तो उसकी चूत को चूस कर थूक से चिकना किया, जब प्रीति गर्म हो गई, तब उसने भी घमासान चुदाई शुरू की… अब तो हम दोनों ही ‘और करो… और जोर से…’ के नारे लगा रहीं थी।
थोड़ी देर में ही हम दोनों की चूत माल से भर गई… सफाई करके हमने खाना खाया।
थोड़ी देर बाद जय और प्रीति चले गए, रंगीला भी फैक्ट्री चला गया।
मैंने पायल को फोन लगाया।
पायल शिकायत कर रही थी कि बहुत दिनों से हम मिले नहीं हैं।
गप्पें लगने के बाद उसका फोन रखा ही था कि प्रीति का फोन आ गया… वो बहुत खुश थी, बोली- बस किसी को पता नहीं चले प्लीज… मैंने कहा- पागल है क्या? भला ये बातें किसी से कही जाती हैं।
मैंने प्रीति से कहा- हमारे बहुत अच्छे दोस्त हैं पायल और राज… तुम लोगों को उनसे मिलवाना है। कल पायल दोपहर को मेरे घर आएगी, तुम भी आ जाना… खाना हमारे साथ ही खाना।
अगले दिन सुबह सच में बहुत काम था, मैं और जय सुबह से ही कई लोगों से मिले। अच्छा बिजनेस मिलने की उम्मीद थी… जय मेरे बात करने के स्टाइल से बहुत खुश था।
मैं क्लाइंट्स को पॉलिसी बहुत प्रभावी ढंग से समझाती थी।
हमें बिज़नस भी मिल रहा था।
मैंने जय को 11 बजे तक के लिए ही बोला था, जय ने मुझे ठीक ग्यारह बजे घर पर उतारा।
मैंने कहा- कुछ पीकर जाना, उसे मालूम था कि प्रीति आएगी!
तो चाह कर भी वो रुका नहीं, बस गेट के अंदर आकर मुझे लिपटा कर एक लम्बा फ्रेंच किस किया।
उसके लंड के उभार को और अपनी चूत के गीलेपन को मैं समझ रही थी पर मौका नहीं था इसलिए तड़फ कर रह गई।
फटाफट कपड़े बदले… जान बूझकर एक शार्ट और टॉप डाला… अंदर कुछ नहीं…
मैंने किचन में जाकर भेलपुरी और फ्रूट चाट बनाई और एक बियर फ्रिज में रख दी।
थोड़ी देर में ही प्रीति आ गई… मुझे इन कपड़ों में देखकर मेरे मम्मे दबा दिये… बोली- जय के साथ मस्ती कर रही थी क्या?
मैंने कहा- अगर उसके साथ मस्ती कर रही होती तो तुझसे क्या शर्म थी… वो तो मुझे गेट से ही छोड़ कर चला गया।
मैंने उसे भी चेंज करने को कहा तो वो मेरी वार्डरॉब से एक बरमूडा और सॉर्ट टॉप निकाल लाई और वहीं बदलने लगी।
उसके कपड़े उतरते ही मैंने उसके मम्मे लपक लिए और उन पर प्यार से काट लिया।
तभी डोर बेल बजी..
मैंने कहा- जल्दी पहन, पायल है।
जब तक मैं पायल को लाई तब तक प्रीति मेरे बेड रूम में ड्रेसिंग टेबल पर हल्का सा मेकअप ठीक करके आ गई।
हाँ उसने अब लिपस्टिक ऑरेंज कलर की लगा रखी थी जो उस पर खूब फब रही थी।
पायल और प्रीति को इंट्रोडयूस किया मैंने… उसने आते ही पायल को गले लगाकर चुम्बन लिया… जो पायल को बहुत अच्छा लगा।
हम दोनों के कपड़े देखकर पायल ने मुँह गोल करके सीटी मारी…
मैंने कहा- ज्यादा नीयत मत ख़राब कर और तू भी चेंज कर ले! फिर गप्पें मारेंगे।
पायल सकुचाई तो मैंने कहा- दो-चार घंटे कोई नहीं आ रहा।
प्रीति ने उसे एक फ्रॉक दी और कहा- आज मेरी पसंद से पहन लीजिये।
पायल बेड रूम में गई, पीछे पीछे मैं भी गई और उसे बता आई कि आज हम दोनों ने भी अंदर कुछ नहीं पहना है।
मैंमे और प्रीति किचन से सामान लेकर बेड पर ही बिछा लिया… बियर भी ले आई में।
हम तीनों बेड पर बैठी… बियर हम तीनों ही लेती थीं, इस लिए शुरुआत बियर से ही हुई।