hotaks444
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मे: भेंचूओद्द्द्द्दद्ड………….!!!
कभी कभी ना मैं बहुत ही चूतियापा करता हूँ और कलपद होता हैं. कलपद मतलब खड़े लंड पे डंडा. अब क्या करे? मैं बेड पे ही लेट के गेम खेलने लगा मोबाइल पे.5 मिनट ही हुए होगे कि डोर बेल बजी. मैं ऐसा भागते गया नीचे तक..
मे: मेरी पायल आ गयी…. मेरी पायल आ गयी…… मेरी पायल आ गयी…
कहते कहते मैं नाचता हुआ डोर तक गया;
मे: मुझे पता था यू विल नेवेर डिसपायंट मी.. आ गयी तू फाइनली..कब्से वेट कर रहा हूँ मैं टर्ररर……
डोर खोलते ही मेरी ज़बान दाँतों के नीचे दब गयी..सुन्न हो गया था मेरा दिमाग़ सामने जो खड़ा था उसे देख कर..कभी कभी ऐसा होता हैं ना कि जो हम देखते हैं वो हमारी समझ मे नही आता कॉज़ दिमाग़ तक कनेक्षन ही नही हो पाता..वैसा ही मुझे होने लगा था उस वक़्त.
‘आइ वांटेड टू सर्प्राइज़ यू..’
डर,डर,गुस्सा,सर्प्राइज़,रिग्रेट ऐसे ढेर सारे एमोशन्स एक ही पल मे मेरे अंदर समा गये.
‘समर??’
दुनिया मे एक इंसान हैं जो मुझे ‘समर’ कहके पुकारती हैं.
मे: नेहा??
नेहा: फेवववव..थॅंक गॉड! मुझे तो लगने लगा था कि नाम याद हैं या नही तुम्हे? पहचानोगे भी या नही..
मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या कहूँ?
नेहा: कॅन आइ कम इन..
मैं अपनी धुन मे से बाहर निकला.
मे: या..उम्म्म..श्योर..आ जा
नेहा अंदर आ गयी घर के. मेरे पास से जब वो गुज़री तो मुझे मेरे फॅवुरेट पर्फ्यूम की स्मेल आई. आइ मीन जो नेहा लगाती थी. आइ लाइक्ड दट पर्फ्यूम आ लॉट..
मे: बैठो तुम. मैं पानी लेकर आता हूँ.
मैं पलटने ही वाला था कि उतने मे नेहा ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
नेहा: समर! आइ आम फाइन.. जस्ट….
मैं समझ गया. मैने हाथ से इशारा करते हुए सोफा की ओर चलने लगा. नेहा मेरे पीछे पीछे आने लगी. हम सोफे पर बैठ गये.
मे: आर यू श्योर तुम्हे कुछ नही चाहिए? आइ कॅन मेक सम कॉफी इफ़ यू लाइक.
नेहा: मैं कॉफी नही पीती सम्राट.
मे: ओह्ह्ह!! हाँ..याआद आया.सॉरी.
नेहा:इतना वक़्त गुज़र गया हैं क्या कि तुम्हे ये याद नही दट आइ डॉन’ट ड्रिंक कॉफी..
मे: नही..याद हैं मुझे. इट्स जस्ट आ रीफ्लेक्स. कोई घर मे आता हैं तो उसे चाइ पानी तो पूछते ही हैं ना?
नेहा: चाइ तो पूछी ही नही तुमने?
नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा! उसकी स्माइल ही उसका बेस्ट फीचर था. यू नो, किसी किसी को गॉर्जियस दिखने के लिए कोशिश नही करनी पड़ती. जस्ट स्माइल ही काफ़ी होती हैं उनकी. नेहा उन लोगो मे से थी. उसकी स्माइल से ही सामने वाले के दिल मे जगह बन जाती हैं उसके लिए. क्यूट सा डिम्पल पड़ता हैं उसके राइट चिक पर जब वो हँसती हैं. और उसका पेटेंट स्टाइल हैं. जब वो स्माइल करती हैं अपनी लटो को वो साइड मे करती हैं कान के पीछे करते हुए. सच आ सिंपल जेस्चर बट एट सो ब्यूटिफुल. सिंपल सा लॅवंडर कलर का टॉप पहना था उसने और ब्लॅक जीन्स. राइट हॅंड मे टाइटन रॅगा की घड़ी पर मेरी नज़र गयी.. मैं सवालिया नज़रों से घड़ी को देखने लगा. मुझे लगा नेहा अब ये नही पहनती होगी. मैने गिफ्ट की थी उसके लास्ट बर्थ’डे पर. सोचा था वरुण उसे कभी पहनने नही देगा वो. मेबी ग़लत सोचा. हम दोनो काफ़ी देर चुप रहे. कोई कुछ नही बोला. वो मुझे देख रही थी, मैं उसे.आख़िर कार नेहा ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा;
नेहा: सो?? हाउ आर यू?
मे: हुहह??
मेरा ध्यान नेहा के सवाल पर नही था. बॅस कुछ यादे आ गयी थी.
कभी कभी ना मैं बहुत ही चूतियापा करता हूँ और कलपद होता हैं. कलपद मतलब खड़े लंड पे डंडा. अब क्या करे? मैं बेड पे ही लेट के गेम खेलने लगा मोबाइल पे.5 मिनट ही हुए होगे कि डोर बेल बजी. मैं ऐसा भागते गया नीचे तक..
मे: मेरी पायल आ गयी…. मेरी पायल आ गयी…… मेरी पायल आ गयी…
कहते कहते मैं नाचता हुआ डोर तक गया;
मे: मुझे पता था यू विल नेवेर डिसपायंट मी.. आ गयी तू फाइनली..कब्से वेट कर रहा हूँ मैं टर्ररर……
डोर खोलते ही मेरी ज़बान दाँतों के नीचे दब गयी..सुन्न हो गया था मेरा दिमाग़ सामने जो खड़ा था उसे देख कर..कभी कभी ऐसा होता हैं ना कि जो हम देखते हैं वो हमारी समझ मे नही आता कॉज़ दिमाग़ तक कनेक्षन ही नही हो पाता..वैसा ही मुझे होने लगा था उस वक़्त.
‘आइ वांटेड टू सर्प्राइज़ यू..’
डर,डर,गुस्सा,सर्प्राइज़,रिग्रेट ऐसे ढेर सारे एमोशन्स एक ही पल मे मेरे अंदर समा गये.
‘समर??’
दुनिया मे एक इंसान हैं जो मुझे ‘समर’ कहके पुकारती हैं.
मे: नेहा??
नेहा: फेवववव..थॅंक गॉड! मुझे तो लगने लगा था कि नाम याद हैं या नही तुम्हे? पहचानोगे भी या नही..
मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या कहूँ?
नेहा: कॅन आइ कम इन..
मैं अपनी धुन मे से बाहर निकला.
मे: या..उम्म्म..श्योर..आ जा
नेहा अंदर आ गयी घर के. मेरे पास से जब वो गुज़री तो मुझे मेरे फॅवुरेट पर्फ्यूम की स्मेल आई. आइ मीन जो नेहा लगाती थी. आइ लाइक्ड दट पर्फ्यूम आ लॉट..
मे: बैठो तुम. मैं पानी लेकर आता हूँ.
मैं पलटने ही वाला था कि उतने मे नेहा ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
नेहा: समर! आइ आम फाइन.. जस्ट….
मैं समझ गया. मैने हाथ से इशारा करते हुए सोफा की ओर चलने लगा. नेहा मेरे पीछे पीछे आने लगी. हम सोफे पर बैठ गये.
मे: आर यू श्योर तुम्हे कुछ नही चाहिए? आइ कॅन मेक सम कॉफी इफ़ यू लाइक.
नेहा: मैं कॉफी नही पीती सम्राट.
मे: ओह्ह्ह!! हाँ..याआद आया.सॉरी.
नेहा:इतना वक़्त गुज़र गया हैं क्या कि तुम्हे ये याद नही दट आइ डॉन’ट ड्रिंक कॉफी..
मे: नही..याद हैं मुझे. इट्स जस्ट आ रीफ्लेक्स. कोई घर मे आता हैं तो उसे चाइ पानी तो पूछते ही हैं ना?
नेहा: चाइ तो पूछी ही नही तुमने?
नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा! उसकी स्माइल ही उसका बेस्ट फीचर था. यू नो, किसी किसी को गॉर्जियस दिखने के लिए कोशिश नही करनी पड़ती. जस्ट स्माइल ही काफ़ी होती हैं उनकी. नेहा उन लोगो मे से थी. उसकी स्माइल से ही सामने वाले के दिल मे जगह बन जाती हैं उसके लिए. क्यूट सा डिम्पल पड़ता हैं उसके राइट चिक पर जब वो हँसती हैं. और उसका पेटेंट स्टाइल हैं. जब वो स्माइल करती हैं अपनी लटो को वो साइड मे करती हैं कान के पीछे करते हुए. सच आ सिंपल जेस्चर बट एट सो ब्यूटिफुल. सिंपल सा लॅवंडर कलर का टॉप पहना था उसने और ब्लॅक जीन्स. राइट हॅंड मे टाइटन रॅगा की घड़ी पर मेरी नज़र गयी.. मैं सवालिया नज़रों से घड़ी को देखने लगा. मुझे लगा नेहा अब ये नही पहनती होगी. मैने गिफ्ट की थी उसके लास्ट बर्थ’डे पर. सोचा था वरुण उसे कभी पहनने नही देगा वो. मेबी ग़लत सोचा. हम दोनो काफ़ी देर चुप रहे. कोई कुछ नही बोला. वो मुझे देख रही थी, मैं उसे.आख़िर कार नेहा ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा;
नेहा: सो?? हाउ आर यू?
मे: हुहह??
मेरा ध्यान नेहा के सवाल पर नही था. बॅस कुछ यादे आ गयी थी.