desiaks
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उर्मिला : पगली..!! शादी के बाद पति तो करता ही है पर एक लंड ऐसा भी है जो पति के लंड से भी ज्यादा मजा देता है.
कम्मो : (बड़ी-बड़ी आँखों से) पति के लंड से भी ज्यादा मजा देने वाला लंड भाभी?
उर्मिला : हाँ मेरी कम्मो रानी....
कम्मो : भुट्टे और पति के लंड से भी ज्यादा मजा भाभी??
उर्मिला : (कम्मो के मोटे दूध को जोर से दबाते हुए) हाँ कम्मो...!! उस लंड के सामने तेरा वो भुट्टा और पति का लंड कुछ भी नहीं है.
कम्मो : बाप रे भाभी...!! इतना मजा? कहा मिलता है ये लंड?
उर्मिला : चुप पगली...!! ये लंड मिलता नहीं है. इस लंड वाला इंसान होता है जो हमारे साथ ही रहता है.
कम्मो : हमारे साथ ही रहता है? आप किसकी बात कर रहे हो भाभी?
उर्मिला : गोलू की....
उर्मिला के मुहँ से गोलू का नाम सुनते ही कम्मो की आँखे बड़ी हो जाती है और मुहँ खुला का खुला रह जाता है.
कम्मो : ब....बा...भाभी....!! गोलू मेरा सगा भाई है ना....मैं उसका लंड अपनी बूर में कैसे ले सकती हूँ? ये तो पाप हैं ना?
उर्मिला : पागल....!! कोई पाप नहीं है. अगर ये पाप है तो दुनिया के ९० % लोग पापी हो जायेंगे.
कम्मो : (बड़ी-बड़ी आँखों से) मतलब भाभी ?
उर्मिला : मतलब ये की कम्मो रानी, ये लगभग हर घर में होता है. घर की जवान बूरें घर के ही मोटे लंडों से खूब पेली जाती है.
कम्मो : (हैरानी से) मतलब भाभी ये सब हमारे गाँव में भी होता है? हमारे घर में भी?
उर्मिला : हाँ कम्मो....तेरे गाँव में तो होता ही है. और रही बात तेरे घर की तो तू हैं ना... तू ही शुरुवात कर दे इसकी. वैसे भी घर का जो सबसे समझदार होता है वही घर में हर नयी बात की शुरुवात करता है....
उर्मिला ने अब जो बात कही थी वो सुन कर कम्मो के अन्दर का राजकुमारी वाला भूत जाग गया था. गर्व से कम्मो के फेफड़ों में हवा भरती चली जाती है और उसकी बड़ी-बड़ी चुचियाँ सीने के साथ ऊपर उठती चली जाती है. कम्मो के चेहरे पर अब चमक आ चुकी थी.
कम्मो : हाँ भाभी..!! इसकी शुरुवात मैं ही करुँगी.
उर्मिला : शाबाश मेरी कम्मो रानी...!!
कम्मो : (उठते हुए) मैं अभी गोलू को ले कर आती हूँ भाभी....
उर्मिला : (कम्मो का हाथ पकड़ कर उसे बिठाते हुए) अरे कहाँ जा रही है, बैठ इधर. ऐसे लेते है क्या अपने भाई का लंड? उसे आने दे, दोनों भाई-बहन आराम से बैठ कर बातें करो, प्यार करो, तभी तो असली मजा आएगा.
कम्मो : (मुहँ फुला कर बैठ जाती है) मुझे इसकी जल्द से जल्द शुरुवात करनी है भाभी. मुझसे पहले और कोई नहीं करेगा...
उर्मिला : हाँ बाबा... तू ही करेगी और कोई नहीं. बस गोलू को आने दे. उसके आने के बाद मैं सब संभाल लुंगी. बस तू मेरी किसी भी बात पर कोई सवाल नहीं करेगी, समझी?
कम्मो : हाँ भाभी, समझ गई.
कम्मो : (बड़ी-बड़ी आँखों से) पति के लंड से भी ज्यादा मजा देने वाला लंड भाभी?
उर्मिला : हाँ मेरी कम्मो रानी....
कम्मो : भुट्टे और पति के लंड से भी ज्यादा मजा भाभी??
उर्मिला : (कम्मो के मोटे दूध को जोर से दबाते हुए) हाँ कम्मो...!! उस लंड के सामने तेरा वो भुट्टा और पति का लंड कुछ भी नहीं है.
कम्मो : बाप रे भाभी...!! इतना मजा? कहा मिलता है ये लंड?
उर्मिला : चुप पगली...!! ये लंड मिलता नहीं है. इस लंड वाला इंसान होता है जो हमारे साथ ही रहता है.
कम्मो : हमारे साथ ही रहता है? आप किसकी बात कर रहे हो भाभी?
उर्मिला : गोलू की....
उर्मिला के मुहँ से गोलू का नाम सुनते ही कम्मो की आँखे बड़ी हो जाती है और मुहँ खुला का खुला रह जाता है.
कम्मो : ब....बा...भाभी....!! गोलू मेरा सगा भाई है ना....मैं उसका लंड अपनी बूर में कैसे ले सकती हूँ? ये तो पाप हैं ना?
उर्मिला : पागल....!! कोई पाप नहीं है. अगर ये पाप है तो दुनिया के ९० % लोग पापी हो जायेंगे.
कम्मो : (बड़ी-बड़ी आँखों से) मतलब भाभी ?
उर्मिला : मतलब ये की कम्मो रानी, ये लगभग हर घर में होता है. घर की जवान बूरें घर के ही मोटे लंडों से खूब पेली जाती है.
कम्मो : (हैरानी से) मतलब भाभी ये सब हमारे गाँव में भी होता है? हमारे घर में भी?
उर्मिला : हाँ कम्मो....तेरे गाँव में तो होता ही है. और रही बात तेरे घर की तो तू हैं ना... तू ही शुरुवात कर दे इसकी. वैसे भी घर का जो सबसे समझदार होता है वही घर में हर नयी बात की शुरुवात करता है....
उर्मिला ने अब जो बात कही थी वो सुन कर कम्मो के अन्दर का राजकुमारी वाला भूत जाग गया था. गर्व से कम्मो के फेफड़ों में हवा भरती चली जाती है और उसकी बड़ी-बड़ी चुचियाँ सीने के साथ ऊपर उठती चली जाती है. कम्मो के चेहरे पर अब चमक आ चुकी थी.
कम्मो : हाँ भाभी..!! इसकी शुरुवात मैं ही करुँगी.
उर्मिला : शाबाश मेरी कम्मो रानी...!!
कम्मो : (उठते हुए) मैं अभी गोलू को ले कर आती हूँ भाभी....
उर्मिला : (कम्मो का हाथ पकड़ कर उसे बिठाते हुए) अरे कहाँ जा रही है, बैठ इधर. ऐसे लेते है क्या अपने भाई का लंड? उसे आने दे, दोनों भाई-बहन आराम से बैठ कर बातें करो, प्यार करो, तभी तो असली मजा आएगा.
कम्मो : (मुहँ फुला कर बैठ जाती है) मुझे इसकी जल्द से जल्द शुरुवात करनी है भाभी. मुझसे पहले और कोई नहीं करेगा...
उर्मिला : हाँ बाबा... तू ही करेगी और कोई नहीं. बस गोलू को आने दे. उसके आने के बाद मैं सब संभाल लुंगी. बस तू मेरी किसी भी बात पर कोई सवाल नहीं करेगी, समझी?
कम्मो : हाँ भाभी, समझ गई.