desiaks
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छेदी भी ऊपर चढ़ जाता है. बैग को सिरहाने रख कर खुशबू अंदर की ओर, उस तरफ पलट कर लेट जाती है. छेदी बैग से एक चादर निकाल कर खुशबू को ओढा देता है और फिर खुद भी वही चादर ओढ़ कर खुशबू के पीछे चिपक कर लेट जाता है. छेदी धीरे-धीरे अपना हाथ खुशबू की जांघों पर फेरने लगता है. तभी कोई कम्पार्टमेंट की एकमात्र बत्ती भी बुझा देता है और अन्दर अँधेरा छा जाता है. अँधेरा होते ही छेदी अपना हाथ खुशबू की टॉप में घुसा कर उसके मोटे दूध पकड़ लेता है और दबाने लगता है.तभी ट्रेन भी चल पड़ती है.
खुशबू: (धीमी आवाज़ में) सीईई....!! भैया. बहुत जोर से दबाते हो आप मेरे दूध.
छेदी: (धीमी आवाज़ में) बहनों के दूध दबाने में ही तो भाइयों को सबसे ज्यादा मजा आता है बहना (और छेदी अपनी कमर खुशबू की चूतड़ों में सटा देता है )
खुशबू: (धीमी आवाज़ में) उफ़ भैया...!!
छेदी खुशबू के गाल पर हाथ रखकर अपनी तरफ घुमा देता है और सर उठाकर उसके रसीले ओंठों को अपने मुहँ में भर कर चूसने लगता है. खुशबू भी छेदी के मुहँ में अपनी जीभ निकाल कर घुमाने लगती है तो छेदी भी अपनी जीभ खुशबू की जीभ से लड़ाने लगता है. कुछ देर दोनों भाई-बहन एक दुसरे के ओंठों का जी भर के रसपान करते है. फिर छेदी अपनी पैंट खोलकर निचे कर लेता है और खुशबू की स्कर्ट पीछे से उठाकर अपना मोटा लंड उसकी चूतड़ों के बीच रख देता है. खुशबू भी अपना एक पैर हल्का सा ऊपर उठा देती है तो छेदी लंड पकड़ कर उसकी बूर में घुसा देता है. कमर को एक झटका देते ही छेदी का लंड खुशबू की बूर में समां जाता है. ट्रेन तेज़ गति पकड़ चुकी थी और पटरी की तेज़ आवाज़ के साथ डिब्बा जोर-जोर से हिल रहा था. डब्बे के हिलने के साथ छेदी भी अपनी कमर जोर-जोर से हिलाने लगता है. उसका लंड खुशबू की बूर में तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगता है. छेदी खुशबू की टॉप में हाथ डाले, उसके दूध दबाते हुए उसकी चुदाई कर रहा था. ट्रेन का डब्बा जितना ज्यादा हिलता, छेदी भी उतनी ही जोर से खुशबू की चुदाई कर देता. ३० मिनट तक खुशबू की अच्छी तरह से चुदाई करने के बाद छेदी अपना पानी उसकी बूर में गिरा देता है. दोनों भाई-बहन थक कर आँखे बंद कर लेते है. चादर ओढ़े धीरे-धीरे दोनों की आँख लग जाती है.
शाम के ५ बज रहे थे. अपने प्लान के मुताबीक उर्मिला सोनू और पायल के साथ माखनपुर से गोलू और कम्मो को साथ ले कर अपने भाई के घर की और निकल पड़ती है. सोनू गाड़ी चला रहा था और उसके साथ गोलू बैठा हुआ था. पीछे उर्मिला, पायल और कम्मो हंसी मजाक कर रहे थे. तीनों में कुछ इशारे होते है और फिर उर्मिला पायल से कहती है.
उर्मिला: अरे वाह पायल. आज तो तुने लाल रंग की कच्छी पहनी है.
पायल दीदी की लाल रंग की कच्छी का नाम सुनते ही सोनू झट से पीछे मुड़ कर देखता है. पायल अपने दोनों पैरों को सीट पर रखे हुए थी और उसकी उठी हुई स्कर्ट और जाँघों के बीच लाल रंग की पैन्टी दिख रही थी. सोनू आँखे फाड़े अपनी दीदी की बूर पर कसी हुई लाल पैन्टी को देखने लगता है. तभी उर्मिला चिल्ला पड़ती है.
उर्मिला: अरे सोनू...!! वो सामने गाड़ी देख...!!
सोनू हडबडा के आगे देखता है तो सड़क खाली होती है. पीछे उर्मिला, कम्मो और पायल खिलखिला कर हँसने लगती है.
उर्मिला: (हँसते हुए) बुद्धू...!! नज़रे अपनी दीदी की पैन्टी पर नहीं, आगे सड़क पर रख, नहीं तो एक्सीडेंट हो जायेगा.
पायल: वैसे भाभी, लाल कपड़ा देखकर तो सांड पागल हो जाता है ना? (तीनो फिर से हँसने लगते है)
उर्मिला: हाँ पायल, और अपने मोटे-मोटे सिंग खड़ा करके दौड़ा चला आता है.
तीनो फिर से खिलखिलाकर हंसने लगते है
खुशबू: (धीमी आवाज़ में) सीईई....!! भैया. बहुत जोर से दबाते हो आप मेरे दूध.
छेदी: (धीमी आवाज़ में) बहनों के दूध दबाने में ही तो भाइयों को सबसे ज्यादा मजा आता है बहना (और छेदी अपनी कमर खुशबू की चूतड़ों में सटा देता है )
खुशबू: (धीमी आवाज़ में) उफ़ भैया...!!
छेदी खुशबू के गाल पर हाथ रखकर अपनी तरफ घुमा देता है और सर उठाकर उसके रसीले ओंठों को अपने मुहँ में भर कर चूसने लगता है. खुशबू भी छेदी के मुहँ में अपनी जीभ निकाल कर घुमाने लगती है तो छेदी भी अपनी जीभ खुशबू की जीभ से लड़ाने लगता है. कुछ देर दोनों भाई-बहन एक दुसरे के ओंठों का जी भर के रसपान करते है. फिर छेदी अपनी पैंट खोलकर निचे कर लेता है और खुशबू की स्कर्ट पीछे से उठाकर अपना मोटा लंड उसकी चूतड़ों के बीच रख देता है. खुशबू भी अपना एक पैर हल्का सा ऊपर उठा देती है तो छेदी लंड पकड़ कर उसकी बूर में घुसा देता है. कमर को एक झटका देते ही छेदी का लंड खुशबू की बूर में समां जाता है. ट्रेन तेज़ गति पकड़ चुकी थी और पटरी की तेज़ आवाज़ के साथ डिब्बा जोर-जोर से हिल रहा था. डब्बे के हिलने के साथ छेदी भी अपनी कमर जोर-जोर से हिलाने लगता है. उसका लंड खुशबू की बूर में तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगता है. छेदी खुशबू की टॉप में हाथ डाले, उसके दूध दबाते हुए उसकी चुदाई कर रहा था. ट्रेन का डब्बा जितना ज्यादा हिलता, छेदी भी उतनी ही जोर से खुशबू की चुदाई कर देता. ३० मिनट तक खुशबू की अच्छी तरह से चुदाई करने के बाद छेदी अपना पानी उसकी बूर में गिरा देता है. दोनों भाई-बहन थक कर आँखे बंद कर लेते है. चादर ओढ़े धीरे-धीरे दोनों की आँख लग जाती है.
शाम के ५ बज रहे थे. अपने प्लान के मुताबीक उर्मिला सोनू और पायल के साथ माखनपुर से गोलू और कम्मो को साथ ले कर अपने भाई के घर की और निकल पड़ती है. सोनू गाड़ी चला रहा था और उसके साथ गोलू बैठा हुआ था. पीछे उर्मिला, पायल और कम्मो हंसी मजाक कर रहे थे. तीनों में कुछ इशारे होते है और फिर उर्मिला पायल से कहती है.
उर्मिला: अरे वाह पायल. आज तो तुने लाल रंग की कच्छी पहनी है.
पायल दीदी की लाल रंग की कच्छी का नाम सुनते ही सोनू झट से पीछे मुड़ कर देखता है. पायल अपने दोनों पैरों को सीट पर रखे हुए थी और उसकी उठी हुई स्कर्ट और जाँघों के बीच लाल रंग की पैन्टी दिख रही थी. सोनू आँखे फाड़े अपनी दीदी की बूर पर कसी हुई लाल पैन्टी को देखने लगता है. तभी उर्मिला चिल्ला पड़ती है.
उर्मिला: अरे सोनू...!! वो सामने गाड़ी देख...!!
सोनू हडबडा के आगे देखता है तो सड़क खाली होती है. पीछे उर्मिला, कम्मो और पायल खिलखिला कर हँसने लगती है.
उर्मिला: (हँसते हुए) बुद्धू...!! नज़रे अपनी दीदी की पैन्टी पर नहीं, आगे सड़क पर रख, नहीं तो एक्सीडेंट हो जायेगा.
पायल: वैसे भाभी, लाल कपड़ा देखकर तो सांड पागल हो जाता है ना? (तीनो फिर से हँसने लगते है)
उर्मिला: हाँ पायल, और अपने मोटे-मोटे सिंग खड़ा करके दौड़ा चला आता है.
तीनो फिर से खिलखिलाकर हंसने लगते है