hotaks444
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रमिया- हाँ बाबा जी
राज- ठीक है तो आज हम तुम्हे अपना लंड चूसाएगे बोलो चुसोगी
मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया और जैसे ही मेरे खड़े मोटे लंड को देखा तो उसकी आँखे खुली की खुली रह गई,
राज- क्या देख रही हो बेटी
रमिया- बाबा जी आपका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है आपका लंड तो भैया से भी दोगुना नज़र आ रहा है
राज- बेटी तुम्हारे जैसी जवान लोंदियो को ऐसे ही मोटे लंड से ज़्यादा मज़ा आता है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारी गंद और चूत का छेद तुम्हारी मा सुधिया जैसा हो जाए,
मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया और मैं झुक कर उसके मोटे-मोटे बोबे को खूब कस कस कर मसल्ने लगा,
रमिया को अपना लंड चूसा-चूसा कर रामू ने एक दम उसे एक्सपर्ट बना दिया था और वह बड़े ही मस्त तरीके से मेरा लंड चूस रही थी, उधर रामू एक हाथ से चंदा के बोबे मसल रहा था और दूसरे हाथ से रुक्मणी चाची की मस्त चिकनी चूत को बड़े प्यार से सहला रहा था, रुक्मणी भी पूरी मस्ती मे चंदा की रसीली चूत चाट रही थी, चंदा रामू के लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर दबोच रही थी,
रुक्मणी- रामू चंदा की चूत का छेद कितना बड़ा लग रहा है जैसे यह रोज चुदवाती हो
रामू- अरे नही चाची आज कल की लोंदियो की चूत का गुलाबी छेद जल्दी ही उनकी उमर के साथ बढ़ने लगता है रमिया की चूत का छेद तो चंदा की चूत से भी बड़ा नज़र आता है लगभग तुम्हारी चूत के जैसा दिखने लगा है,
रुक्मणी- मुस्कुराते हुए और अपनी मा सुधिया के भोस्डे के बारे मे क्या ख्याल है तेरा,
रामू- चाची की चूत मे उंगली पेल कर उसे चूमता हुआ हे चाची क्यो मा की मस्तानी छूट की याद दिलाती हो चलो मेरा मोटा लंड एक बार तुम चूस कर अपनी बेटी की गुलाबी चूत मे लगाओ और तुम चंदा के मूह के पास आकर बैठ जाओ और अपनी जंघे फैला लो ताकि मैं तुम्हारी बेटी को चोद्ते हुए उसकी मा की रसीली फूली हुई बुर को चूस सकु और फिर रामू ने अपने लंड को रुक्मणी के मूह मे दे दिया और रुक्मणी ने उसे अच्छे से चूसना शुरू कर दिया
रमिया लगातार मेरे लंड को खूब दबोचे जा रही थी और मैने अपने दोनो हाथो से उसके मोटे-मोटे दूध दबा-दबा कर लाल कर दिए थे उसका गुलाबी निप्पल बहुत कड़ा हो गया था और उसे मैं अपने होंठो से खूब दबा-दबा कर चूस रहा था, फिर मैने रमिया की दोनो जाँघो को खूब फैला दिया और सच आज पहली बार किसी जवान लोंड़िया की चिकनी चूत देख रहा था मैने उसकी चूत की फांको को फैला कर उसके गुलाबी रस से भीगे छेद को चाटने लगा और रमिया ओह बाबा जी सी आह बहुत अच्छा लग रहा है और चतो आह आह करने लगी,
उधर रुक्मणी ने रामू के लंड को पूरा गीला कर दिया और फिर उसे अपनी बेटी चंदा की मस्तानी चूत से लगा कर रामू की ओर इशारा किया और रामू ने सटाक से एक करारा धक्का चंदा की चूत मे मार दिया और चंदा आसानी से रामू के लंड को पूरा अंदर उतार गई और रामू उसकी चूत मे चढ़-चढ़ कर उसे चोदने लगा चंदा सिसकिया लेती हुई अपनी मा के बोबे से खेलने लगी और रामू चंदा के उपर लेट गया और अपने मूह को रुक्मणी चाची की चूत से सटा कर उसकी बुर चाटते हुए चंदा को खूब कस कस कर ठोकने लगा,
मुझे रमिया की चूत का रस पागल किए जा रहा था मैं जितनी बार रमिया की चूत का रस चूस्ता उसकी चूत और भी रस छ्चोड़ने लगती, रमिया मेरे सर को अपनी चूत मे दबाती हुई कह रही थी, ओह बाबा जी आप तो रामू भैया से भी अच्छा चूस्ते हो, ओह बाबा जी खा जाओ मेरी चूत को फाड़ दो बाबा जी आह आह सी ओह मा मर गई
क्रमशः........
राज- ठीक है तो आज हम तुम्हे अपना लंड चूसाएगे बोलो चुसोगी
मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया और जैसे ही मेरे खड़े मोटे लंड को देखा तो उसकी आँखे खुली की खुली रह गई,
राज- क्या देख रही हो बेटी
रमिया- बाबा जी आपका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है आपका लंड तो भैया से भी दोगुना नज़र आ रहा है
राज- बेटी तुम्हारे जैसी जवान लोंदियो को ऐसे ही मोटे लंड से ज़्यादा मज़ा आता है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारी गंद और चूत का छेद तुम्हारी मा सुधिया जैसा हो जाए,
मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया और मैं झुक कर उसके मोटे-मोटे बोबे को खूब कस कस कर मसल्ने लगा,
रमिया को अपना लंड चूसा-चूसा कर रामू ने एक दम उसे एक्सपर्ट बना दिया था और वह बड़े ही मस्त तरीके से मेरा लंड चूस रही थी, उधर रामू एक हाथ से चंदा के बोबे मसल रहा था और दूसरे हाथ से रुक्मणी चाची की मस्त चिकनी चूत को बड़े प्यार से सहला रहा था, रुक्मणी भी पूरी मस्ती मे चंदा की रसीली चूत चाट रही थी, चंदा रामू के लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर दबोच रही थी,
रुक्मणी- रामू चंदा की चूत का छेद कितना बड़ा लग रहा है जैसे यह रोज चुदवाती हो
रामू- अरे नही चाची आज कल की लोंदियो की चूत का गुलाबी छेद जल्दी ही उनकी उमर के साथ बढ़ने लगता है रमिया की चूत का छेद तो चंदा की चूत से भी बड़ा नज़र आता है लगभग तुम्हारी चूत के जैसा दिखने लगा है,
रुक्मणी- मुस्कुराते हुए और अपनी मा सुधिया के भोस्डे के बारे मे क्या ख्याल है तेरा,
रामू- चाची की चूत मे उंगली पेल कर उसे चूमता हुआ हे चाची क्यो मा की मस्तानी छूट की याद दिलाती हो चलो मेरा मोटा लंड एक बार तुम चूस कर अपनी बेटी की गुलाबी चूत मे लगाओ और तुम चंदा के मूह के पास आकर बैठ जाओ और अपनी जंघे फैला लो ताकि मैं तुम्हारी बेटी को चोद्ते हुए उसकी मा की रसीली फूली हुई बुर को चूस सकु और फिर रामू ने अपने लंड को रुक्मणी के मूह मे दे दिया और रुक्मणी ने उसे अच्छे से चूसना शुरू कर दिया
रमिया लगातार मेरे लंड को खूब दबोचे जा रही थी और मैने अपने दोनो हाथो से उसके मोटे-मोटे दूध दबा-दबा कर लाल कर दिए थे उसका गुलाबी निप्पल बहुत कड़ा हो गया था और उसे मैं अपने होंठो से खूब दबा-दबा कर चूस रहा था, फिर मैने रमिया की दोनो जाँघो को खूब फैला दिया और सच आज पहली बार किसी जवान लोंड़िया की चिकनी चूत देख रहा था मैने उसकी चूत की फांको को फैला कर उसके गुलाबी रस से भीगे छेद को चाटने लगा और रमिया ओह बाबा जी सी आह बहुत अच्छा लग रहा है और चतो आह आह करने लगी,
उधर रुक्मणी ने रामू के लंड को पूरा गीला कर दिया और फिर उसे अपनी बेटी चंदा की मस्तानी चूत से लगा कर रामू की ओर इशारा किया और रामू ने सटाक से एक करारा धक्का चंदा की चूत मे मार दिया और चंदा आसानी से रामू के लंड को पूरा अंदर उतार गई और रामू उसकी चूत मे चढ़-चढ़ कर उसे चोदने लगा चंदा सिसकिया लेती हुई अपनी मा के बोबे से खेलने लगी और रामू चंदा के उपर लेट गया और अपने मूह को रुक्मणी चाची की चूत से सटा कर उसकी बुर चाटते हुए चंदा को खूब कस कस कर ठोकने लगा,
मुझे रमिया की चूत का रस पागल किए जा रहा था मैं जितनी बार रमिया की चूत का रस चूस्ता उसकी चूत और भी रस छ्चोड़ने लगती, रमिया मेरे सर को अपनी चूत मे दबाती हुई कह रही थी, ओह बाबा जी आप तो रामू भैया से भी अच्छा चूस्ते हो, ओह बाबा जी खा जाओ मेरी चूत को फाड़ दो बाबा जी आह आह सी ओह मा मर गई
क्रमशः........