XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास - Page 7 - SexBaba
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XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास

अब मैं मम्मी से सॅट कर बैठा था और मम्मी के बदन से उठती हुई खुश्बू ने मेरे लंड को फिर से खड़ा होने के लिए मजबूर कर दिया था, मैं समझ गया था कि मम्मी को अगर चोदने को मिल जाए तो साली मस्त कर देगी, उसकी भारी भरकम गुदज जवानी ने मुझे पागल कर रखा था और मैं हिम्मत करके मम्मी की मोटी जाँघो पर अपने हाथ को रख कर उनकी जाँघो की मोटाई और गुदाज मुलायम एहसास को महसूस करके मस्त हो रहा था,

करीब 5 बजे के लगभग हम लोग शिर्डी पहुच गये और फिर उस दिन हम लोगो ने दर्शन करने के बाद खूब घूमे फिरे और शाम को 4 बजे वापस चल दिए, इस बार ना मम्मी सोई और ना ही संगीता को सोने का मोका मिला और हम लोग रास्ते भर बाते करते हुए घर पहुच गये,

अगले दिन सुबह से ही संगीता मेरे आस पास मंडरा रही थी और मैं समझ गया था कि मेरी रंडी बहना की चूत खूब पानी छ्चोड़ रही है मैने देखा मम्मी किचन मे है और मैने संगीता को पकड़ कर अपनी गोद मे बैठा कर उसके गालो को चूमते हुए हल्के से उसके दूध को च्छू लिया और संगीता मेरे सीने से चिपकते हुए गहरी साँसे लेने लगी,

संगीता- भैया आज मुझे भी अपने साथ घुमाने ले चलो ना

राज- अरे बेबी मैं वहाँ घूमने थोड़े ही जाता हू जो तू कह रही है मैं वहाँ काम करने जाता हू

संगीता- भैया आप ने ही कहा था कि तुझे गन्ने चुसाने ले जाउन्गा और अब मना कर रहे हो

राज- अच्छा जा मम्मी से पुच्छ ले यदि मम्मी हाँ कह देगी तो ले चलूँगा,

संगीता मेरी गोद से उठी और दौड़ कर किचन मे चली गई और मम्मी से कहने लगी आज मुझे भी भैया के साथ गाँव घूमने जाना है,

रति- अरे पागल तू क्या करेगी वहाँ गाँव मे बोर हो जाएगी

संगीता- मूह बना कर मैं कुच्छ नही जानती मुझे तो बस भैया के साथ जाना है,

रति- ठीक है जा लेकिन अपने भैया को परेशान मत करना

संगीता खुशी से मम्मी का मूह चूम लेती है और फिर मेरे सीने से आ कर लिपटते हुए कहती है भैया अब तो मम्मी ने भी हाँ कह दिया है अब तो मुझे ले चलोगे ना,

राज- मैने संगीता के होंठो को एक दम से गहराई से चूम लिया और संगीता मुझसे चिपक गई, मैने कहा एक शर्त पर तुझे ले जाउन्गा

संगीता- वो क्या

राज- वहाँ मैं तुझसे जो कहूँगा वह तुझे करना पड़ेगा,

संगीता- मुस्कुराते हुए, भैया आप मुझे नही भी ले जाते तो भी आप जो कहते मैं वह ज़रूर करती आख़िर अपने भैया की बात कैसे टाल सकती हू

राज- मैने संगीता की चुचियों को अपने दोनो हाथो से हल्के से दबाते हुए कहा मेरी गुड़िया रानी को बड़ा ख्याल है अपने भैया का, अब तो मुझे अपनी बहना को आज लेजाना ही पड़ेगा और खूब मस्त गन्ने चुसवाने पड़ेंगे, बोल चुसेगी अपने भैया का गन्ना

संगीता- इठलाते हुए, मैं तो कब से यही चाहती हू भैया लेकिन आपको मेरा ख्याल ही कहाँ रहता है
 
[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैने संगीता की गुदाज जवानी को सहलाते हुए उससे कहा मेरी रानी आज मैं तेरी सारी शिकायत दूर कर दूँगा और तू एक दम मस्त हो जाएगी, कुच्छ देर बाद मैं और संगीता तैयार हो गये और फिर अपनी बाइक पर संगीता को बैठा कर मैं हरिया और रामू के गाँव की ओर चल दिया,[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं बाइक बड़े आराम से चला रहा था और संगीता मेरे पिछे मुझसे सॅट कर बैठी थी, संगीता ने जीन्स और टीशर्ट पहना हुआ था और अपनी टाँगे बाइक के दोनो तरफ करके मेरी कमर पकड़ कर मुझसे पूरी तरह सटी हुई थी जब कोई ब्रकेर आता तो संगीता मुझसे और भी सॅट जाती और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, कुच्छ ही देर मे हम साइट पर पहुच गये और मैने मजदूरो को काम पर लगाने के बाद पेदल संगीता का हाथ पकड़ कर उसे तालाब के आसपास घुमाने लगा और गाँव का नज़ारा दिखाने लगा, संगीता काफ़ी खुस लग रही थी और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी, मैं थोड़ा उसके बराबर मे पहुच कर धीरे से उसकी मोटी गंद पर हाथ मारते हुए उससे पुच्छने लगा- संगीता कैसा लगा तुमको गाँव का महॉल संगीता- अच्छा लग रहा है भैया यहा तो पेड़ की च्चाँव मे बैठ कर ठंडी हवा लेने का मज़ा ही कुच्छ और है,राज- चल तुझे गाँव के गन्ने चुस्वाता हू, बड़े मीठे गन्ने है यहा केसंगीता और मैं पेदल घूमते हुए हरिया के खेत की ओर चल देते है कुच्छ देर बाद हम दोनो हरिया के खेत मे पहुच जाते है और हमे वहाँ चंदा मिल जाती है,राज- अरे चंदा तुम्हारा बाबा हरियाकहाँ हैचंदा- बाबू जी वह सुधिया चाची के खेत की ओर गये है और हमे कह गये है जब तक हम आए ना तुम कही नही जाना,राज- अच्छा चंदा देखो यह संगीता है और संगीता यह चंदा है तुम दोनो बाते करो मैं हरिया के पास से आता हू उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और संगीता चंदा से बाते करने लगी,जब मैं रामू के खेतो की ओर पहुचा तो सुधिया बैठी बैठी घास काट रही थी और हरिया उसके सामने बैठा हुआ अपने लंड को धोती के उपर से मसल रहा था, मैने दूर से उसे आवाज़ दी और वह दौड़ कर मेरी तरफ आ गया[/font]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]राज- अरे माफ़ करना हरिया मैने तुम्हे डिस्टर्ब किया लेकिन मैं अपनी बहन संगीता को लेकर आया हू और कुच्छ देर के लिए मैं उसे यही छ्चोड़ कर साइट पर जा रहा हू तब तक तुम उसे थोड़ा गरम करने की कोशिश करो, उसकी चूत से पानी बहने लगना चाहिए ताकि बाद मे मुझे उसे चोदने मे कोई दिक्कत ना हो,हरिया- आप फिकर ना करो बाबूजी बस आप हम पर छ्चोड़ दो, उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और हरिया सुधिया से यह कह कर चला गया कि वह अभी आता है,हरिया जब अपने खेत मे गया तो संगीता और चंदा उसे देख कर खड़ी हो गई,हरिया- अरे बैठो संगीता बैठो हम जानते है तुम हमारे बाबूजी की प्यारी सी बहना हो ना, आपके भैया आपके बारे मे हमसे बहुत बाते करते है, वह आपको बहुत प्यार करते है,संगीता- अच्छा और क्या कहते है भीया मेरे बारे मे हरिया- वो सब हम आपको बताएगे संगीता लेकिन पहले कुच्छ पानी वग़ैरह तो पीलो, चंदा जा संगीता बहन के लिए पानी लेकर आ और फिर चंदा पानी लेकर आ जाती है, हरिया झोपड़ी मे जाता है और चंदा को इशारे से बुला कर उसके कान मे कुच्छ समझा कर बाहर आ जाता है, हरिया- अरे चंदा मैं ज़रा रामू भैया के खेतो मे काम से जा रहा हू तू संगीता बहन को गन्ने के खेतो मे घुमा कर उन्हे अच्छे मीठे मीठे गन्ने चूसने को दे दे तब तक मैं आता हू, हरिया वहाँ से चला गया और चंदा संगीता के पास आकरछंदा- चलो दीदी मैं आपको मस्त गन्ने चुस्वाउंगी, आपको देख कर लगता नही है कि कभी आपने गन्ने चूसे है,संगीता- गन्ने तो नही चूसे चंदा लेकिन हाँ गन्ने का रस ज़रूर पिया हैचंदा- ज़ोर से हस्ते हुए, अरे दीदी जब तक गन्ना चुसोगी नही रस कहाँ से निकलेगसांगीता- अरे पगली रस गन्ने को मशीन मे डाल कर निकाला जाता हैचंदा- मुस्कुराते हुए कौन सी मशीन उपर वाली या नीचे वाली या फिर पिछे वालीसंगीता उसे गौर से देख कर मैं तुम्हारा मतलब नही समझी,चंदा- दीदी कभी तुमने गन्ना देखा हैयसंगीता- अरे पागल वो सामने लगे तो है[size=large]मैने संगीता की गुदाज जवानी को सहलाते हुए उससे कहा मेरी रानी आज मैं तेरी सारी शिकायत दूर कर दूँगा और तू एक दम मस्त हो जाएगी, कुच्छ देर बाद मैं और संगीता तैयार हो गये और फिर अपनी बाइक पर संगीता को बैठा कर मैं हरिया और रामू के गाँव की ओर चल दिया,
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[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]मैं बाइक बड़े आराम से चला रहा था और संगीता मेरे पिछे मुझसे सॅट कर बैठी थी, संगीता ने जीन्स और टीशर्ट पहना हुआ था और अपनी टाँगे बाइक के दोनो तरफ करके मेरी कमर पकड़ कर मुझसे पूरी तरह सटी हुई थी जब कोई ब्रकेर आता तो संगीता मुझसे और भी सॅट जाती और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, कुच्छ ही देर मे हम साइट पर पहुच गये और मैने मजदूरो को काम पर लगाने के बाद पेदल संगीता का हाथ पकड़ कर उसे तालाब के आसपास घुमाने लगा और गाँव का नज़ारा दिखाने लगा, संगीता काफ़ी खुस लग रही थी और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी, मैं थोड़ा उसके बराबर मे पहुच कर धीरे से उसकी मोटी गंद पर हाथ मारते हुए उससे पुच्छने लगा- संगीता कैसा लगा तुमको गाँव का महॉल संगीता- अच्छा लग रहा है भैया यहा तो पेड़ की च्चाँव मे बैठ कर ठंडी हवा लेने का मज़ा ही कुच्छ और है,राज- चल तुझे गाँव के गन्ने चुस्वाता हू, बड़े मीठे गन्ने है यहा केसंगीता और मैं पेदल घूमते हुए हरिया के खेत की ओर चल देते है कुच्छ देर बाद हम दोनो हरिया के खेत मे पहुच जाते है और हमे वहाँ चंदा मिल जाती है,राज- अरे चंदा तुम्हारा बाबा हरियाकहाँ हैचंदा- बाबू जी वह सुधिया चाची के खेत की ओर गये है और हमे कह गये है जब तक हम आए ना तुम कही नही जाना,राज- अच्छा चंदा देखो यह संगीता है और संगीता यह चंदा है तुम दोनो बाते करो मैं हरिया के पास से आता हू उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और संगीता चंदा से बाते करने लगी,जब मैं रामू के खेतो की ओर पहुचा तो सुधिया बैठी बैठी घास काट रही थी और हरिया उसके सामने बैठा हुआ अपने लंड को धोती के उपर से मसल रहा था, मैने दूर से उसे आवाज़ दी और वह दौड़ कर मेरी तरफ आ गया[/font][/size]

[font="lucida grande", "trebuchet ms", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]राज- अरे माफ़ करना हरिया मैने तुम्हे डिस्टर्ब किया लेकिन मैं अपनी बहन संगीता को लेकर आया हू और कुच्छ देर के लिए मैं उसे यही छ्चोड़ कर साइट पर जा रहा हू तब तक तुम उसे थोड़ा गरम करने की कोशिश करो, उसकी चूत से पानी बहने लगना चाहिए ताकि बाद मे मुझे उसे चोदने मे कोई दिक्कत ना हो,हरिया- आप फिकर ना करो बाबूजी बस आप हम पर छ्चोड़ दो, उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और हरिया सुधिया से यह कह कर चला गया कि वह अभी आता है,हरिया जब अपने खेत मे गया तो संगीता और चंदा उसे देख कर खड़ी हो गई,हरिया- अरे बैठो संगीता बैठो हम जानते है तुम हमारे बाबूजी की प्यारी सी बहना हो ना, आपके भैया आपके बारे मे हमसे बहुत बाते करते है, वह आपको बहुत प्यार करते है,संगीता- अच्छा और क्या कहते है भीया मेरे बारे मे हरिया- वो सब हम आपको बताएगे संगीता लेकिन पहले कुच्छ पानी वग़ैरह तो पीलो, चंदा जा संगीता बहन के लिए पानी लेकर आ और फिर चंदा पानी लेकर आ जाती है, हरिया झोपड़ी मे जाता है और चंदा को इशारे से बुला कर उसके कान मे कुच्छ समझा कर बाहर आ जाता है, हरिया- अरे चंदा मैं ज़रा रामू भैया के खेतो मे काम से जा रहा हू तू संगीता बहन को गन्ने के खेतो मे घुमा कर उन्हे अच्छे मीठे मीठे गन्ने चूसने को दे दे तब तक मैं आता हू, हरिया वहाँ से चला गया और चंदा संगीता के पास आकरछंदा- चलो दीदी मैं आपको मस्त गन्ने चुस्वाउंगी, आपको देख कर लगता नही है कि कभी आपने गन्ने चूसे है,संगीता- गन्ने तो नही चूसे चंदा लेकिन हाँ गन्ने का रस ज़रूर पिया हैचंदा- ज़ोर से हस्ते हुए, अरे दीदी जब तक गन्ना चुसोगी नही रस कहाँ से निकलेगसांगीता- अरे पगली रस गन्ने को मशीन मे डाल कर निकाला जाता हैचंदा- मुस्कुराते हुए कौन सी मशीन उपर वाली या नीचे वाली या फिर पिछे वालीसंगीता उसे गौर से देख कर मैं तुम्हारा मतलब नही समझी,चंदा- दीदी कभी तुमने गन्ना देखा हैयसंगीता- अरे पागल वो सामने लगे तो है[/font][/size]
 
चंदा- मुस्कुराते हुए अरे दीदी मैं उस गन्ने की बात नही कर रही हू मैं तो उस गन्ने की बात कर रही हू जो मर्दो के आगे झूलता रहता है,चंदा की बाते सुन कर संगीता एक दम से चौक जाती है और उसे गौर से देखती हुई, मुस्कुरा कर तू बहुत बदमाश है चंदा कैसी बाते करती है,चंदा - दीदी हमारे गाँव मे तो गन्ना उसी हथियार को कहते है जो मेरे बाबा और तुम्हारे भैया के पास है और उसी गन्ने को हम गाँव की औरते खूब कस कर चुस्ती है,संगीता- उसे आश्चर्या से देखती हुई, क्या तुमने वह गन्ना चूसा हैचंदा- हाँ खूब जी भर कर और मैं तो उसे अपने नीचे भी खूब लेती हू,संगीता- क्या तेरी शादी हो गई हैचंदा- अरे दीदी अभी शादी कहाँ हुई है अभी तो मैं बहुत छ्होटी हुसांगीता- तो क्या बिना शादी के ही तू सब कर चुकी हैचंदा- हाँ मैं तो रोज ही चुदवाती हू,संगीता- अपने गले का थूक गटकते हुए, क्या तू रोज चुदवाती है लेकिन किससे चंदा- अपने बाबा से और किससे संगीता- क्या बकती है भला कोई अपने बाबा से भी चुदवाता हैचंदा- लो कर लो बात हमे तो हमारे बाबा रोज पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोद्ते है,

संगीता- उसे आश्चर्या से देखती हुई क्या बात कह रही है चंदा,

चंदा- कसम से दीदी मैं भला आपसे बेकार मे झूठ क्यो बोलूँगी, सच दीदी चूत मरवाने मे बड़ा मज़ा आता है, क्या आपका मन नही करता अच्छे मोटे मोटे लंड से चुदने का,

संगीता- करता तो है पर क्या करू

चंदा- अपने भैया को क्यो नही फसा लेती हो, मस्त ठुकाई करेगे वह तुम्हारी चूत की

संगीता- नही नही मुझसे यह सब नही होगा तू अपना आइडिया अपने पास रख

चंदा- अच्छा दीदी कभी तुमने किसी को चुदाई करते देखा है,

संगीता- नही रे भला मैं किसे देख सकती हू

चंदा- आपका मन करता है चुदाई करते हुए देखने का

संगीता- करता तो है लेकिन उससे क्या होगा,

चंदा- आप कहे तो मैं आपको मस्त चुदाई करते हुए दिखा सकती हू

संगीता - वह कैसे

चंदा- मेरे बाबा है ना वह अभी मेरी चाची सुधिया को चोदने ही तो गये है

संगीता- क्या बात कह रही है

चंदा- तुम चलो मैं तुम्हे आज मस्त चुदाई दिखाती हू और फिर चंदा संगीता का हाथ पकड़ कर रामू के गन्नो के खेत की ओर ले गई जहाँ हरिया सुधिया के सामने बैठा बाते कर रहा था, हरिया बार बार सुधिया को अपने लंड का टोपा खोल खोल कर दिखा रहा था और सुधिया अपने काम मे लगी हुई मंद मंद मुस्कुरा रही थी,

संगीता और चंदा दोनो की निगाहे हरिया और सुधिया पर लगी हुई थी,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--32

गतान्क से आगे......................

हरिया- एक बार इधर देख तो भौजी देख कैसे पहाड़ी आलू की तरह फूला हुआ है मेरा गुलाबी सूपड़ा

सुधिया- एक नज़र हरिया के लोदे पर मार कर उसे कंधे पर मारती हुई मुस्कुराकर चल कमिने सुबह से तुझे बस एक ही चीज़ नज़र आती है और कोई काम नही है तेरे पास,

संगीता- तू तो कह रही थी तेरा बाबा सुधिया को चोदने गया है पर सुधिया तो उसे भगा रही है

चंदा- अरे तुम चुपचाप देखती जाओ

हरिया- भौजी थोड़ा घाघरा उपर कर के बैठा करो हमे कुच्छ भी नज़र नही आता है और हरिया सुधिया के आगे गिरे घाघरे को उठा कर उसकी जाँघो तक चढ़ा देता है और सुधिया उसको मुस्कुराकर देखती हुई उसी के सामने अपनी चूत को खोल कर खुजलाते हुए वापस घास काटने लगती है,

सुधिया- अपने माथे का पसीना पोछ्ते हुए हाय राम ऐसी गर्मी मे कैसे काम किया जाए बड़ी प्यास लग आई और फिर सुधिया उठ कर पानी पीने लगती है उसके मूह से पानी गिरता हुआ उसकी आगे से पूरी चोली गीला कर देता है और सुधिया के मोटे मोटे दूध पूरे भीगे नज़र आने लगते है, थोड़ा पानी सुधिया के पेट और नाभि से नीचे गिरने लगता है और हरिया सुधिया के पेट और उसकी गहरी नाभि को एक दम से चाट लेता है,

सुधिया- उसका मूह दूर धकेलते हुए, अरे कमिने बोलता क्यो नही क्या चाहिए तुझे, सुबह से कुत्ते की तरह मेरी गंद के पीछे लगा हुआ है, ना जाने कहा से सुन्घ्ता हुआ मेरे पीछे पीछे आ जाता है,

हरिया- भौजी बस एक बस पिला दे

सुधिया- क्या पिला दू

हरिया- अपना मूत पीला दे भौजी,तेरी मुतति हुई चूत चाटने का मज़ा ही कुच्छ और है

संगीता- चंदा तेरा बाबा कितना गंदा है देख सुधिया चाची से क्या कह रहा है

चंदा- अरे दीदी तुम नही जानती इन मर्दो को औरत का मूत पीने मे कितना मज़ा आता है,

एक बार अगर तुम अपने भैया से कह दो ना कि भैया मेरा पेशाब चाट लो तो तुम्हारे भैया पागल हो जाएगे और तुम्हारी पूरी चूत चाट जाएगे, तुम कभी देखना जब तुम भैया से कहोगी कि तुम्हे पेशाब लगी है तब देखना तुम्हारे भैया का लंड ज़रूर खड़ा हो जाता होगा,

हरिया- भौजी तुझे बाबाजी की कसम अगर तू मुझे अभी के अभी अपना मूत ना पिलाए तो

सुधिया- कुत्ते कही के उन महान बाबाजी की कसम देता है और फिर सुधिया वही खड़ी खड़ी अपना घाघरा उठा कर हरिया को अपनी फूली हुई चूत दिखाते हुए ले हरामी ले पी मेरा मूत, चाट ले जी भर के

सुधिया का इतना कहना था कि हरिया घुटनो के बल सुधिया की चूत के आगे मूह लगा कर बैठ गया और सुधिया ने थोड़ा सा अपनी चूत को और उपर उठा कर हरिया के मूह से लगा कर छुल्ल से खड़े खड़े हरिया के मूह मे अपनी पेशाब की मोटी धार मारनी शुरू कर दी,

हरिया के मूह मे जैसे ही सुधिया का मूत पड़ा हरिया ने अपना हाथ पिछे लेजा कर सुधिया की गुदाज मोटी गंद को अपने हाथो मई दबोच कर उसकी फूली हुई चूत से अपना मूह कस के भिड़ा दिया और पागल कुत्ते की तरह सुधिया की चूत को चाटने लगा, हरिया ने जैसे ही सुधिया की चूत को अपने मूह मे भर लिया सुधिया का मूत एक दम से रुक गया और सुधिया अपने हाथो से अपने मोटे मोटे दूध दबाती हुई कहने लगी चाट कुत्ते पी ले अपनी भौजी की चूत से मूत,
 
हरिया- रुक क्यो गई और मूत मेरे मूह मे अपनी चूत रगड़ रगड़ कर मूत साली रंडी आज मैं तेरी चूत का सारा रस पी जाउन्गा, सुधिया ने अपनी चूत मे ताक़त लगा कर फिर से थोड़ा सा पेशाब हरिया के मूह मे किया और हरिया फिर से सुधिया की चूत को खूब कस कस कर अपने होंठो से पीने लगा, उसने सुधिया के भज्नाशे को अपने होंठो के बीच दबा कर कस कर चूसना चालू कर दिया और सुधिया खड़ी खड़ी अपनी चूत उठा उठा कर हरिया के मूह पर मारने लगी,

हरिया अपने दोनो हाथो से सुधिया की चूत को फैला फैला कर अपनी लंबी जीभ निकाल कर सुधिया की चूत को चाट रहा था,

उधर संगीता वह नज़ारा देख कर एक दम सन्न रह गई थी और उसकी चूत के पानी से पॅंटी पूरी गीली हो गई थी

चंदा- क्या हुआ दीदी अच्छा लग रहा है ना

संगीता- चंदा क्या तेरे बाबा तेरे साथ भी ऐसा ही करते है

चंदा- हाँ दीदी बाबा खूब चूत चाटना पसंद करते है लेकिन तूहरे भैया तो मेरे बाबा से भी ज़्यादा चूत चाटना पसंद करते है,

संगीता- क्या मेरे भैया ने तेरी भी चूत ऐसे ही चाती थी

चंदा- हाँ दीदी और वह जब मेरे मोटे मोटे दूध दबा दबा कर मेरी चूत चाट रहे थे तो बड़ा मज़ा आ रहा था, लाओ मैं तुम्हारे दूध दबाती जाती हू और तुम सामने का नज़ारा देखो तुम्हे बहुत अच्छा लगेगा, उसके बाद चंदा ने जैसे ही संगीता के मोटे मोटे दूध को उसकी पतली सी टीशर्ट के उपर से दबाया संगीता वही गन्नो के बीच अपनी गंद टिका कर बैठ गई और अपने उपर के जिस्म का वजन चंदा के उपर दे दिया,

चंदा उसके मोटे मोटे दूध को बड़े प्यार से सहलाती हुई कहने लगी अब देखना दीदी बाबा कैसे रगड़ रगड़ कर अपने मोटे लंड से सुधिया चाची की चूत और गंद मारेंगे,

हरिया लगातार सुधिया की चूत उसे खड़ी करके चाट रहा था और सुधिया उसके सर को अपनी चूत मे दबाती हुई आह आह करती हुई कह रही थी चाट और चाट हरामी चोद अपनी भौजी को खूब कस कस कर पी उसकी चूत का रस,

हरिया ने सुधिया की फांको को खूब चौड़ा करके उसके छेद मे अपनी जीभ डाल कर उसका रस चूसना शुरू कर दिया और सुधिया ने हरिया के मूह मे चूत का सारा पानी छ्चोड़ दिया और एक दम से ज़मीन पर बैठ कर हरिया की धोती से उसके लंड को बाहर निकाल कर उसके टोपे को चाटने लगी,

संगीता ने जब हरिया का मोटा तना हुआ लंड देखा जिसे सुधिया बड़े प्यार से चाट रही थी तब संगीता ने चंदा से कहा हाय चंदा तेरे बाबा का लंड कितना बड़ा है इतना मोटा लंड तेरी चूत मे कैसे घुसता होगा,

चंदा ने तुरंत अपनी छ्होटी सी फ्रांक उपर करके संगीता को अपनी चूत को थोडा फैला कर अपनी चूत का छेद दिखाते हुए कहा देखो दीदी यह छेद, जब बाबा का लंड घुसता है तो यह अपने आप और भी फैल कर बड़ा हो जाता है, अब तो मैं अपने बाबा का पूरा लंड इसमे भर लेती हू,

संगीता- पर चंदा मेरी चूत तो तेरी चूत से बड़ी है पर उसका छेद बहुत छ्होटा है

चंदा- दीदी अभी तक आप की चूत मे कोई मस्त लंड घुसा नही है ना इसलिए, एक बार आप अपने भैया का लंड इसमे डलवा लो फिर देखना आप अपने भैया से रोज चुदे बिना नही रह पओगि, चंदा देखो दीदी ज़रा मेरी चूत मे अपनी तीन उंगलिया एक साथ डाल कर देखो, चंदा के कहने पर संगीता ने उसकी चूत मे अपनी तीन उंगलिया डाली और उसकी तीनो उंगलिया चंदा की चूत मे घुस गई,

चंदा ने भी संगीता की जीन्स के उपर से उसकी चूत को कस कर दबोच लिया और संगीता आह करते हुए चंदा से लिपट गई,

चंदा एक दम एक्सपर्ट थी उसने संगीता की टीशर्ट को उपर उठा कर उसके पके हुए आम को बाहर खींच कर कस कस कर उसके मोटे मोटे पके आमो को मसलना शुरू कर दिया,

संगीता चंदा की चूत को खुरेदते हुए हरिया के मोटे लंड को देख रही थी जिसे सुधिया बड़े प्यार से चूस रही थी, हरिया थोड़ा झुका हुआ सुधिया के मोटे मोटे दूध को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था,

कुच्छ देर बाद हरिया ने सुधिया को घोड़ी बना कर उसका घाघरा पिछे से उठा कर उसके नंगे चूतादो पर कस कर थप्पड़ मारते हुए उसकी गुदा मे उंगली डाल कर उसकी गुदा को खूब फैला कर चाटने लगा और साथ ही साथ सुधिया की चूत की फांको को खोल कर उसके छेद को अपनी जीभ से सहलाने लगा, सुधिया खूब अपनी गंद मटकाने लगी और हरिया उसकी गंद मे कस कस कर तमाचे मारता हुआ,

ले मोथेर्चोद बहुत मोटी गंद है तेरी आज तेरी गंद और चूत मार मार कर फाड़ दूँगा,

सुधिया- अपनी मोटी गंद हिला कर कहती है अरे हरिया कुत्ते भोक्ता ही रहेगा या मेरी चूत मे अपना मूसल लंड भी डालेगा,

हरिया- अरे मेरी रंडी सुधिया भौजी ले संभाल मेरे मूसल को और फिर हरिया ने एक करारा धक्का सुधिया की चूत मे मार दिया और उसका पूरा लंड सुधिया की चिकनी चूत को चीरता हुआ अंदर तक जाकर धस गया और सुधिया के मूह से एक सिसकी निकल गई, हरिया अब सुधिया की गंद दबा दबा कर उसकी चूत मे अपना लंड खूब रगड़ रगड़ कर पेलने लगा और सुधिया अपने मोटे मोटे चूतड़ हरिया के लंड पर मारने लगी,
 
उधर संगीता के मोटे मोटे बोबे दबा दबा कर चंदा ने उसे पागल कर दिया था और अपनी आँखो के सामने पहली बार किसी गदराई औरत की चूत किसी मोटे लंड से ठूकते देख कर संगीता की चूत खूब चिकना गई थी,

कुछ समय बाद जब हरिया सुधिया को चोद चुका तब चंदा संगीता को चुपचाप वापस अपने झोपड़ी के पास ले आई और फिर खाट पर बैठ कर संगीता के मोटे मोटे दूध को दबाती हुई,

चंदा- क्यो दीदी मज़ा आया कि नही,

संगीता- मुस्कुराते हुए बहुत मज़ा आया चंदा लेकिन अब मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है

चंदा- संगीता के बोबे मसल्ते हुए, पहले यह बताओ कि तुम्हारा मन अपनी चूत मे अपने भैया का लंड लेने का कर रहा है कि नही,

संगीता- आह थोड़ा धीरे दबा चंदा, मेरा मन तो बहुत कर रहा है चुदने का लेकिन मेरी ऐसी किस्मत कहाँ

चंदा- कस कर संगीता के बोबे दबाती हुई, अरे दीदी जब भी तुम्हारे भैया तुम्हे अपने गले लगाते है ना तब तुम अपने मोटे मोटे दूध को खूब कस कर उनके सीने से दबाया करो फिर देखना तुम्हारे इन मोटे मोटे आमो के मुलायम और ठोस उभार से तुम्हारे भैया का मस्त लोडा कितनी जल्दी खड़ा होता है,

संगीता- पर क्या पता चंदा मेरे भैया मुझे चोदना चाहते है कि नही

चंदा- संगीता की जाँघो को फैला कर उसके जीन्स के उपर से उसकी चूत को दबा कर देखती हुई, अरे दीदी तुम एक बार कहो तो कि तुम्हे अपने भैया के लंड से चुदना है फिर मई तुम्हे आसान तरीका बता देती हू,

संगीता- बता देना पर पहले मुझे यह बता मैं पेशाब कहाँ करू मुझे बहुत ज़ोर से मूत आ रहा है

चंदा- दीदी अभी अपनी चूत को अपनी मोटी जाँघो के बीच कस कर दबा कर बैठी रहो जब तक तुम्हारे भैया नही आ जाते, जब वह आ जाए तो उनसे धीरे से शरमाने का नाटक करती हुई कहना भैया मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है, फिर देखना तुम्हारी बात सुनते ही तुम्हारे भैया को तुम्हारी फूली हुई चूत दिखने लगेगी और उनका लंड खड़ा हो जाएगा, फिर वह तुम्हे कही एक तरफ मूतने के लिए ले जाएगे तब तुम जानबूझ कर ऐसी जगह मुतना जहा से तुम्हारे भैया आराम से तुम्हारे मोटे मोटे नंगे चूतादो और तुम्हारी गंद की दरार देख सके, उसके बाद तुम खूब देर तक मुतना और जब मूत आना बंद हो जाए तब अपनी चूत को वही बैठी बैठी रगड़ रगड़ कर खूब लाल कर लेना जब तुम्हे ज़्यादा देर हो जाएगी तब भैया कहेगे क्या हुआ संगीता हो गया क्या,

तब फिर तुम वही करना जो मैं तुम्हे बता रही हू और फिर संगीता को चंदा ने कुच्छ और भी टिप्स दिए और फिर उसे एक गन्ना लाकर चूसने को दे दिया,

संगीता- गन्ना चूस्ते हुए अरे चंदा भैया ना जाने कब आएगे तब तक क्या मैं अपना पेशाब रोके बैठे रहूंगी,

चंदा-हस्ते हुए दीदी अब अपने भाई का मोटा लोडा जो अपनी चूत मे डलवाना हो तो थोड़े समय तो अपना पेशाब रोक कर रखना ही होगा, पर हाँ यह ज़रूर ध्यान रखना कि अपनी पॅंटी मे ही मत मूत देना,

संगीता- हस्ते हुए तू बहुत चुड़क्कड़ और छीनाल है साली, दिखती कितनी भोली और शरीफ है लेकिन अपने बाबा का लंड भी बड़े प्यार से खा जाती है,

चंदा- सबसे ज़्यादा चटोरा तो तुम्हारा भैया है जो सारी गाँव की औरतो की चूत चाटता फिरता है और फिर भी उसका पेट नही भरा तो आज वह तुम्हे भी यहाँ ले आया,

संगीता- के मतलब है तेरा

चंदा- यही कि तुम जानती हो तुम्हारे भैया तुम्हे यहाँ क्यो लाए है,

संगीता- हाँ गन्ने चुसवाने के लिए

चंदा- ज़ोर से हस्ते हुए, हाँ वो तो है पर तुम यह नही जानती कि तुम्हारे भैया तुम्हे यहाँ चोदने के लिए लाए है और वो जो सामने आम का बगीचा दिखाई दे रहा है ना उधर ज़्यादातर कोई नही जाता है और तुम अपने भैया को कहना कि तुम्हे वह बगीचा घूमना है फिर वहाँ जाकर तुम कहना तुम्हे पेशाब लगी है और फिर देखना तुम्हारे भैया तुम्हे उसी बगीचे मे खूब रगड़ रगड़ कर चोदेन्गे,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--33

गतान्क से आगे......................

संगीता- मुझे यकीन नही होता कि मेरे भैया इतने चुड़क्कड़ है, क्या वह सचमुच मुझे चोदने के लिए यहाँ लाए है,

चंदा- कसम से दीदी आज बड़ा अच्छा मौका है उस बगीचे मे जाकर खूब अपने भैया से अपनी चूत मरवा लो सच वह तुम्हे इतनी तबीयत से चोदेगे कि तुम मस्त हो जाओगी, और फिर चंदा ने संगीता के बोबे को कस कर मसल्ते हुए कहा तब तक दीदी अपना पेशाब रोक के रखना जब तुमसे सहा ना जाए और मूत की बूंदे तुम्हारी चूत के दाने से रिस रिस कर बाहर आने लगे तब अपने भैया को अपनी चूत खड़ी खड़ी ऐसे चटाना जैसे सुधिया चाची चटा रही थी और धीरे धीरे रुक रुक कर अपने भैया के मूह मे मुतती जाना ताकि तुम्हारे भैया तुम्हारा मूत तुम्हारी चूत से चाट चाट कर पीते जाए,

संगीता- आह बस कर चंदा नही तो मेरी चूत की नशे फट जाएगी, कितनी चुदासी बाते करती है तू 2 घंटे मे तूने मेरा क्या हाल कर दिया है,

चंदा- हस्ते हुए अरे दीदी मैने तो सिर्फ़ कढ़ाई मे पानी और शक्कर डाल कर बस गरम आँच दी है अभी असली चासनी तो तुम्हारे भैया बनाएगे तब देखना तुम्हे कितनी मस्ती चढ़ती है, आज जब तुम रात को घर पहुचोगी तो तुम्हारा रोम रोम मीठे मीठे दर्द के मारे तुम्हारे सारे बदन को तडपाएगा, जब मर्द लोग औरत को पूरी नंगी करके तबीयत से ठोकते है तब औरत बिल्कुल मस्त हो जाती है,

चंदा और संगीता बाते कर रही थी तब हरिया भी वहाँ आ गया और फिर चंदा ने पुछा बाबा बाबूजी कब तक आएगे, संगीता दीदी बोर हो रही है,

हरिया- अच्छा हम अभी उन्हे बुला कर लाते है और फिर हरिया वहाँ से तालाब की ओर चल दिया, इन सबके बीच चंदा ने संगीता को पूरे गाँव मे कौन किससे अपनी चूत मराता है कौन किसकी बहन चोद्ता है और कौन अपनी मा को रात भर नंगी करके चोद्ता है वह सारे किस्से संगीता को सुना सुना कर उसकी चूत से इतना पानी बहाया कि उसकी पॅंटी के बाद उसकी जीन्स का भी वह हिस्सा गीला हो गया जहाँ संगीता की मस्त फूली हुई चूत दबी हुई थी,

संगीता चुदाई की बातो से ही बहुत गरम हो चुकी थी उपर से चंदा ने उसे रिश्ते मे होने वाली चुदाई के बारे मे जब सारी बाते बताई तो संगीता से सहन करना मुश्किल हो गया और वह अपने भैया के लंड से खूब ज़ोर ज़ोर से चुदने के लिए तड़पने लगी,

उधर हरिया मेरे पास आकर कहने लगा बाबूजी चलिए संगीता आपको याद कर रही है

राज- क्या हुआ हरिया कुच्छ बात बनी कि नही

हरिया- अरे बाबूजी आपकी बहना तो बस अब लंड के सिवाय कुच्छ सोच ही नही रही है उसकी चूत खूब पनिया गई है और वह आपके लंड को लेने के लिए तड़प रही है,

राज- अच्छा लगता है तुम बाप बेटी ने मिल कर उसे खूब गरम कर दिया है, लेकिन हरिया अब उसे कहाँ ले जाकर चोदुगा,

हरिया- बाबूजी सामने वाले आम के बगीचे मे उसे घुमा लाओ और वहाँ कोई आता जाता भी नही है बस वही अपनी बहन को तबीयत से छोड़ लेना,

राज- हाँ यह ठीक रहेगा चलो चलते है उसके बाद मे हरिया के साथ वापस उसके खेत मे आ गया, संगीता मुझे देख कर मुस्कुरा कर खड़ी हो गई लेकिन उसका चेहरा काफ़ी लाल नज़र आ रहा था,

राज- क्या हुआ गुड़िया रानी बोर हो गई क्या

संगीता- नही भैया ऐसी बात नही है यह चंदा बड़ी अच्छी बाते करती है

राज- अच्छा चल हम लोग थोड़ा बहुत और घूमते है फिर घर चलते है उसके बाद मैं संगीता का हाथ पकड़ कर गाँव की पगडंडी पर चलने लगा, संगीता बिल्कुल शांत थी और मैं उसे गाँव के बारे मे बताता हुआ उसके गले मे हाथ डाले चला जा रहा था, बीच बीच मे मैं संगीता के भारी चूतादो को उसकी जीन्स के उपर से सहला देता था तब संगीता मुझसे और भी सॅट जाती थी,

जब हम बगीचे मे पहुचे तब संगीता की चल कुच्छ कम हो गई

राज- क्या हुआ कुच्छ परेशानी है क्या तू कुच्छ बोल भी नही रही है,

संगीता- शर्मा कर अपना सर नीचे करते हुए कहने लगी भैया मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है

राज- अच्छा जा वहाँ सामने जाकर कर ले तब तक मैं तेरे लिए पके हुए आम तोड़ता हू, संगीता धीरे से आगे बढ़ गई और एक पेड़ के पिछे खड़ी होकर जीन्स खोलने लगी, मैं चोर नज़रो से उसे देख रहा था और वह भी मुझे चुपके से देखने की कोशिश कर रही थी, वह बड़े आराम से अपनी जीन्स को नीचे सरका कर कुच्छ देर खड़ी रही,
 
मुझे उसकी गुदाज मोटी गंद ब्लॅक पॅंटी मे कसी हुई नज़र आ रही थी लेकिन मैं ऐसे दिखा रहा था जैसे मैं उसे नही देख रहा हू, संगीता की चूत खूब फूल चुकी थी तभी वह बड़े मस्ती भरे अंदाज मे अपनी पॅंटी निच्चे सरका कर जैसे ही बैठी उसकी गंद की दरार एक पल के लिए मुझे नज़र आ गई फिर उसके मोटे मोटे चूतड़ फैल कर खुल गये और संगीता की मोटी गंद मुझे नज़र आने लगी, मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था,

उधर संगीता का प्रेसॉर भी ज़्यादा था और वह बैठी बैठी मुते जा रही थी, मैं उसकी चूत से निकलती मोटी धार को देख तो नही पाया लेकिन मेरी आँखो के सामने मेरी बहन की गुलाबी रसीली चूत का नज़ारा ज़रूर आ गया और मैं कल्पना मे डूब गया कि संगीता की चूत से कैसे पेशाब की धार निकल रही होगी और उसकी चूत का गुलाबी छेद कैसे भीगा हुआ लसलसा रहा होगा,

राज- क्या हुआ संगीता हो गया क्या

संगीता- एक दम से खड़ी होकर कहने लगी बस भैया आ गई उसके बाद भी संगीता वही खड़ी जीन्स चढ़ा कर ना जाने क्या करने लगी थोड़ी देर बाद मैने फिर उससे पुछा

राज- क्या हुआ गुड़िया कितना टाइम लगाती हो

संगीता- अरे भैया यह जीन्स की चैन बंद नही हो रही है

राज- लाओ इधर मैं लगा देता हू,

संगीता जीन्स को कमर से पकड़े हुए मेरी तरफ आने लगी उसकी कमर से लेकर घुटनो तक का एरिया इतना भरा हुआ नज़र आ रहा था कि मैं तो उसकी मोटी जाँघो को छुने के लिए तड़पने लगा,

संगीता मेरे सामने आकर खड़ी हो गई उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह शरारती मूड मे लग रही है और वह मंद मंद मुस्कुरा भी रही थी,

राज- इधर आओ मैं लगाता हू और फिर मैने उसके सामने बैठ कर सबसे पहले मैने दोनो हाथो से उसकी मोटी जाँघो को पकड़ कर सहलाते हुए अपने हाथ को पिछे लेजाकार उसके भारी चूतादो को पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया उसके बाद मैने उसकी जीन्स की चैन को देखा ऐसा लग रहा था जैसे संगीता ने जान बुझ कर चैन की कॅप को तोड़ दिया हो,

मैं उसकी चैन के कॅप को पकड़ने की कोशिश कर रहा था और जैसे ही मैने एक उंगली से चैन के अंदर वाले हिस्से को पकड़ना चाहा मेरी उंगली संगीता की ब्लॅक पॅंटी मे फूली हुई चूत से टच हो गई और संगीता के मूह से आह की आवाज़ निकल पड़ी मैने जब उपर देखा तो संगीता अपनी आँखे बंद किए हुए अपना सर उपर उठाए हुए थी और उसका चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे खड़े खड़े लंड लेने को तैयार हो,

जब मेरी उंगली उसकी चूत से च्छू गई तो मुझे भी बड़ा मज़ा आया और इस बार मैने जान बुझ कर उसकी फूली हुई चूत को सहलाते हुए उसकी चैन लगाने का नाटक करने लगा, उसकी चूत का फूला हुआ गुदाज भाग बहुत मस्त लग रहा था तभी मैने उसकी पॅंटी के उपर से उसकी चूत को अपनी हथेली मे थामते हुए उसकी चैन उपर खिचने लगा जिससे मेरा हाथ का दबाव संगीता की फूली हुई चूत पर पड़ा और वह आह भैया सीई करके एक दम से तड़प उठी,

राज- क्या हुआ संगीता क्या चेन चुभ गई

संगीता- नही भैया मैं ठीक हू, क्या नही बंद हो रही है

राज- अरे इस चैन की कॅप टूट गई है इसलिए यह उपर नही चढ़ रही है एक काम करता हू इसे दन्तो से खींच कर उपर चढ़ाने की कोशिश करता हू उसके बाद मैने संगीता की जीन्स को और भी खोल दिया और मुझे नही पता संगीता मेरी तरफ देख रही थी या अपनी आँखे बंद करके खड़ी थी मैने उसकी जीन्स को फैला कर जब उसकी ब्लॅक पॅंटी मे कसी हुई गुदाज फूली चूत को देखा तो मुझसे नही रहा गया और मैने अपने मूह को उसकी मस्त फूली चूत पर पनटी के उपर से दबा दिया और संगीता आह करके एक दम से सीसीयाने लगी और उसके पैर खड़े खड़े काँपने लगे,

मैं चैन तो नही खींच रहा था बस अपने मूह से संगीता की पॅंटी के उपर से उसकी गुदाज बुर को खूब दबा रहा था, और संगीता पूरी मस्ती मे खड़ी मज़ा लूट रही थी,

राज- संगीता तुम ठीक से खड़ी रहना मैं चैन को दन्तो मे फसा कर उपर खिचता हू तुम संभाल कर खड़ी रहना थोड़ा धक्का भी लग सकता है, उसके बाद मैने संगीता की चैन को दन्तो से पकड़ने का नाटक करते हुए अपनी जीभ से संगीता की चूत को उसकी पॅंटी के उपर से चाट लिया और उसकी बुर को अपनी नाक लगा कर कस कर सूँघा तो क्या बताऊ मैं तो एक दम मस्त हो गया,

मैं मनमाने तरीके से कभी संगीता की मोटी गंद को दबा कर उसकी चूत को अपने मूह से दबाने लगता और कभी उसकी चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोच लेता, संगीता खड़ी खड़ी पानी छ्चोड़ रही थी और मैं अपनी जवान कुँवारी बहन की मस्त चूत और गंद का मज़ा सहला सहला कर ले रहा था,

कुच्छ देर मज़ा लेने के बाद जब मुझे लगा कि अब संगीता खूब चुदासी हो चुकी है तब मैने संगीता से कहा संगीता यह तो ऐसे बंद नही होगी,

संगीता- फिर क्या करे भैया मैं घर कैसे जाउन्गि सब लोग देखेगे और हसेगे

राज- एक काम हो सकता है लेकिन उसके लिए तुझे अपनी जीन्स उतारना पड़ेगी

संगीता- लेकिन भैया जीन्स उतार के कैसे बनेगी

राज- जीन्स उतार कर तेरी चैन को दन्तो से थोड़ा उपर खिचना पड़ेगा ताकि वह जहाँ फसि है वहाँ से थोड़ा उपर आ गई तो आसानी से लग जाएगी, अभी तू पहन कर खड़ी है इसलिए पूरी ताक़त लग नही पा रही है, चल जल्दी से जीन्स उतार कर देदे मैं अभी लगा देता हू,
 
संगीता- कुकछ शरमाने का नाटक करते हुए कहने लागो पर भैया आपके सामने मैं कैसे अपनी जीन्स उतारू

राज- अरे पागल है जो अपने भैया के सामने शर्मा रही है अभी एक दो साल पहले तक तो मैं तुझे कई बार पूरी नंगी करके नहला देता था, याद नही है क्या तुझे, अब थोड़ी बड़ी क्या हो गई अपने भैया से ही शर्मा रही है

चल जल्दी से जीन्स उतार कर दे दे,

संगीता- मेरी बाते सुन कर एक दम लाल हो गई थी और फिर अपनी जींस उसने जैसे ही नीचे की हाय क्या बताऊ उसकी गुदाज गोरी गोरी मोटी मोटी जंघे और उसके उपर काली पॅंटी मे कसी उसकी मस्त फूली हुई चूत देख कर तो मैं पागल हो गया, मैं तो संगीता को एक जवान लोंड़िया समझ रहा था लेकिन जब मैने उसकी गुदाज नंगी मोटी मोटी जंघे देखी तो मुझे एहसास हुआ कि संगीता तो भरी पूरी औरत नज़र आ रही थी, रुक्मणी के नंगे बदन से कम नही था संगीता का बदन और चिकनी इतनी ज़्यादा थी की उसकी मासल उठी जवानी देख कर ही मूह मे पानी आ गया था,

संगीता ने अपनी जीन्स उतार कर मुझे दे दी और अपनी छ्होटी सी टीशर्ट जो कि उसकी नाभि के उपर से थी को खींच कर अपनी चूत ढकने की कोशिश करने लगी, मैं उसकी चैन को अपने दन्तो से खिचने की कोशिश करता हुआ संगीता की गुदाज जवानी को अपनी आँखो से पी रहा था, तभी मैने संगीता की चोर नज़रो को पकड़ लिया जो कि मेरे पेंट मे उस जगह बड़े गौर से देख रही थी जहा मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ तंबू बनाए था,

मैं संगीता की पॅंटी मे कसी मोटी गंद को मटकते हुए देखना चाहता था और मैने संगीता से कहा

राज- गुड़िया ज़रा इधर उधर देख कोई पत्थर पड़ा हो तो लेकर आ इसे पत्थर से ठोक कर सीधा करना पड़ेगा,

संगीता- इधर उधर देखने लगी और फिर उसे कुच्छ दूर एक छ्होटा सा पत्थर नज़र आया और वह अपनी गंद मतकाते हुए उस ओर जाने लगी, मैं उसके भारी चूतादो की मदमस्त थिरकन देख कर अपने लंड को मसल्ने लगा और फिर संगीता जैसे ही उस पत्थर को उठाने के लिए झुकी उसकी गुदाज गंद का उभार देख कर मैं पागल हो गया और फिर संगीता सीधी हुई तो उसकी पॅंटी उसकी गंद की दरार मे फस गई और संगीता ने उसे निकालने की कोशिश नही की और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे पास आ गई, मैने उसके हाथ से पत्थर लेकर चैन पर हल्के से मारा और फिर उसकी चैन लगाने की कोशिश करने लगा,

तभी संगीता एक दम से चहक कर मुझसे कहने लगी

संगीता- भैया वो देखो कितना पका हुआ आम लगा है देखो कितना नीचे है भैया प्लीज़ इस आम को तोड़ लो ना

मैने भी उस आम को देखा जो मेरी हाइट से थोड़ा उपर था मैं जीन्स छ्चोड़ कर खड़ा हो गया और उचक कर उस आम को तोड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन वह थोड़ा उपर था और मेरे हाथ से बस दो बीते की दूरी पर था

राज- संगीता ऐसे नही बनेगा तू एक काम कर इधर आ मैं तुझे गोद मे उठाता हू और तू आम तोड़ लेना
 
संगीता- मुस्कुराते हुए ठीक है भैया

मैं तो यही चाह रहा था और जैसे ही संगीता ने ठीक है भैया कहा मैने झुक कर उसकी मोटी गंद मे हाथ भर कर उसे अपनी गोद मे चढ़ा लिया, संगीता का नंगा पेट मेरे मूह के सामने था और मैं उसके पेट को चूमते हुए उसकी मोटी गंद को कस कर अपने हाथो से दबाए हुए था, संगीता भी रंडी इतनी चुदासी थी कि उसने अपनी दोनो टाँगो को मेरी कमर से लपेट लिया, उसका हाथ आम तक च्छू जाता था लेकिन ना तो वह आम तोड़ रही थी और ना मैं ही आम को देखने मे समय गवा रहा था, मेरा तो लंड पूरे तव मे आ चुका था और मैं अपनी जवान घोड़ी बहन को अपनी गोद मे चढ़ाए हुए उसकी मोटी गंद को सहला रहा था, धीरे धीरे संगीता निच्चे सरकने लगी और उसकी फूली चूत मेरे लंड से रगड़ खाती हुई नीचे सरकने लगी,

राज- क्या हुआ संगीता क्या हाथ वहाँ तक नही पहुच रहा है

संगीता- भैया थोड़ा और उपर उठाओ ना,

मैने इस बार संगीता की दोनो जाँघो की जड़ मे अपना एक हाथ लेजाकार उसकी चूत और गंद को एक साथ दबाते हुए इतना उपर चढ़ा लिया कि संगीता की फूली हुई चूत मेरे मूह के सामने आ गई और मैं बिना कुच्छ सोचे संगीता की फूली बुर को अपने मूह से दबा कर पागलो की तरह उसकी चूत को पॅंटी के उपर से अपने मूह से खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, संगीता की पॅंटी से पेशाब की गंध आ रही थी जिसने मुझे और भी पागल कर दिया था,

संगीता मेरे गले मे हाथ डाले हुए मेरे उपर चढ़ि हुई थी और मैं उसकी गंद उसके मोटी जाँघो और उसकी फूली हुई चूत को खूब कस कस कर अपने मूह से भींच भींच कर दबा रहा था,

राज- संगीता अब तेरा हाथ पहुच रहा है क्या

क्रमशः........
 
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