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- Dec 5, 2013
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विजय से पहले इस बार विकास बोला—“मेरे कुछ सवालों का जवाब देंगे क्राइमर अंकल?”
“जरूर दूंगा।”
“क्या आप चैम्बूर को जानते हैं?”
“जानता हूं नहीं, जानता था—अब ये भी जानता हूं कि उसे तुमने मार दिया है।”
“तब तो आप यह भी सोच सकते हैं कि सब कुछ उगलवाने के बाद ही हमने उसे मारा होगा।”
“बेशक!”
“फिर भी आप हमें वही पढ़ा रहे हैं, यह जानने के बावजूद कि उसने हमें आपकी योजना भी बता दी है।”
अलफांसे ने एक कदम आगे बढ़कर कहा—“मैं वह एक-एक लफ्ज जानता हूं, जो उसने कहा होगा, लेकिन...।”
“लेकिन क्या?”
“चैम्बूर सिर्फ वही कह सकता था जिस भ्रम में मैंने उसे रखा था।”
“मतलब?”
“उसने झूठ नहीं बोला, फिर भी उसकी बात में झूठ का अंश था—वह मुझसे स्वयं मिला और वहां से लेकर मेरी और इर्विन की लंदन में हुई भेंट का वह सारा किस्सा सच है, जो उसने कहा—मैं कोहिनूर के चक्कर में ही यहां आया था—इर्विन से भेंट सचमुच एक संयोग थी—जिस क्षण मुझे ये पता लगा कि वह गार्डनर की लड़की है—ये सच है कि उस क्षण मैंने उस पर आसक्त होने का नाटक कोहिनूर के लिए किया था—परन्तु उससे भी बड़ा सच ये है विकास कि उससे होने वाली मुलाकातें, उसके व्यवहार—प्यार और मेरे प्रति उसके विश्वास और श्रद्धा ने मुझे तोड़ दिया—मेरे दिमाग से कोहिनूर की बात बिल्कुल ही निकल गई, अपने और इर्विन के सम्बन्धों को मैं एक नए और अनूठे ही रूप में देखने लगा।”
“तुम ये लैला-मजनूं की कहानी बन्द करते हो या नहीं?”
अलफांसे ने बड़े ही असहाय भाव से विजय की तरफ देखा।
“एक मिनट अंकल, प्लीज—गुरु को कहने दीजिए।” विकास ने कहा—“हां तो मतलब ये हुआ गुरु कि आप सचमुच ही इर्विन से मोहब्बत करने लगे, फिर?”
“उन चन्द ही दिनों में मैं और इर्विन काफी आगे बढ़े चुके थे कि उस दिन गार्डन की कोठी पर अचानक चैम्बूर से मुलाकात हो गई, फिर मेरे और उसके बीच होटल के कमरे में जो बाते हुईं, वे सब तो उसने बता ही दी होंगी।”
“उनके बारे में आपका क्या कहना है?”
“सिर्फ ये कि जरा सोचो, जो बातें मैंने उससे कीं—उनके अलावा मैं और कर भी क्या सकता था—मैं जानता था कि यदि गर्म तवे पर बैठकर चैम्बूर से ये कहूं कि मैं अब कोहिनूर के चक्कर में नहीं हूं, बल्कि सचमुच इर्विन से प्यार करता हूं तो वह यकीन नहीं करेगा, बोलो—क्या तुम्हारे ख्याल से वह यकीन करता?”
“नहीं।”
“इसलिए मैंने उसका ये आरोप स्वीकार किया कि मैं कोहिनूर के चक्कर में हूं क्योंकि स्वीकार न करने का अर्थ था, उसका यह समझना कि मैं उससे चार सौ बीसी कर रहा हूं और उसके यह समझने का अर्थ था, उसके द्वारा मेरा भंडा फूट जाना—उसकी बात में वजन था, सब उसी का यकीन करते—मुझे कोहिनूर के चक्कर में मान लिया जाता और ऐसा होते ही इर्विन मुझसे नफरत करने लगती—वह मुझसे बहुत दूर हो जाती विकास और सच, तब तक तेरे में उसे खो देने की हिम्मत बाकी नहीं रह गई थी—अत: चैम्बूर की जुबान बन्द करने के लिए मैंने उसके सामने स्वीकार कर लिया कि मैं कोहिनूर के चक्कर में हूं—उसे पार्टनर भी बना लिया—यकीन दिलाने के लिए एक उल्टी-सीधी योजना भी सुना दी उसे—योजना तुमने भी सुनी होगी—वह सुलझी हुई सशक्त और सुदृढ़ नहीं है, केवल इसलिए कि मैं इस पर कार्य करने वाला नहीं था, केवल उसे सन्तुष्ट करना ही मेरा एकमात्र मकसद था और वह योजना सुनाकर मैंने उसका मुंह बन्द कर दिया।”
“अब यानी शादी के बाद आप कितने दिन तक चैम्बूर को इस तरह संतुष्ट रख सकते थे?”
“सोचा था कि महीने-दो-महीने में इर्विन और गार्डनर को विश्वास में लेकर मैं किसी दिन शांति से बैठकर उससे ये सब बातें सच-सच बता देता जो इस वक्त यहां कह रहा हूं।”
विजय ने व्यंग्य किया—“यानी अपना काम तुम चैम्बूर को मैदान से साफ करके करने वाले थे?”
“लगता है मैं जिन्दगी में तुम्हारा नजरिया कभी भी नहीं बदल सकूंगा विजय!”
“एक तरफ तुम कहते हो कि तुम दूध में धुल चुके हो प्यारे, दूसरी तरफ तुम्हारी हरकतें अब भी वही हैं।”
“ऐसा क्या किया मैंने?”
“जो कुछ हमने जेम्स ऐलिन और हैमेस्टेड बनकर किया, तुम वह सब कुछ जान गए—तुमने यह भी पता लगा लिया कि इस वक्त हम यहां हैं, ये सारी हरकतें दूध से धुले लूमड़ की हैं या पुराने लूमड़ की?”
“तुम्हारे ऐलिन और हैमेस्टेड वाले रोल की जानकारी प्राप्त करने से सम्बन्धित स्पष्टीकरण तो मैं दे ही चुका हूं—अब रही यहां पहुंचने की बात—इसका जवाब केवल ये है विजय कि इंसान का चरित्र बदलवाने से वे योग्यताएं तो खत्म नहीं हो जाती जो उसमें हैं—ग्राडवे की लाश देखकर ही मैं समझ गया था कि तुम किस लाइन पर चल रहे हो, उसके बाद तुम पांचों इस मेकअप में एलिजाबेथ आए—शायद भूल गए कि अलफांसे मेकअप के धोखे में नहीं आता—उस दिन, एलिजाबेथ में आशा ने सिक्योरिटी के जासूस को फंसाने के लिए जो ड्रामा किया, उसने मुझ पर बहुत-सी हरकतें खोल दीं—मैं बड़ी आसानी से समझ सकता था कि ऐसी सुन्दर चाल तुम्हारे ही दिमाग की देन हो सकती है, मैं जानता था कि मुझे वॉच किया जा रहा है, इस मन से कि कहीं तुम मुझे कोई नुकसान न पहुंचा दो, मैंने अपने एक शार्गिद को विक्रम के पीछे लगा दिया—जिससे मुझे यहां का पता मिल गया।”
“यानी अपने पुराने साथियों से सम्पर्क बनाए हुए हो?”
“सिर्फ तब तक जब तक कि तुम यहां सक्रिय हो, अपनी सुरक्षा हेतु!” अलफांसे ने पूछा—“आज दिन में मुझे पता लगा कि तुमने चैम्बूर को किडनैप कर लिया है, मैं समझ गया कि अपनी समझ में तुम बिल्कुल सही लाइन पर चल रहे हो और यदि इसी तरह चलते रहे तो तुम मेरी फैमिली लाइफ बिखेर दोगे।”
“क्या मतलब?”
“प्लीज विजय, मुझे सुधरने दो—यहां से चले जाओ दोस्त, वैसा कोई चक्कर नहीं है, जैसा तुम सोच रहे हो—मैं कोहिनूर को नहीं चुराऊंगा, इसलिए कोहिनूर तो तुम्हारे हाथ नहीं लगेगा, लेकिन इस चक्कर में मेरी फैमिली लाइफ जरूर बिखर जाएग।”
“वह कैसे प्यारे?”
“यदि तुम्हारी एक्टिविटीज यूं ही जारी रहीं तो दूसरे लोग भी मेरे बारे में वही सोचने लगेंगे जो तुम सोच रहे हो, इर्विन भी यही सोचने लगेगी—मैं इस वक्त भी पूरा रिस्क लेकर आया हूं—यदि इर्विन जाग गई तो कमरे से मुझ चोरों की तरह गायब देखकर जाने क्या सोचने लगेगी—मेरे प्रति शंकित हो उठेगी वह, लेकिन यहां आना भी मेरे लिए जरूरी हो गया था—प....प्लीज लौट जाओ विजय, व्यर्थ का बखेड़ा मत खड़ा करो—यदि तुम सक्रिय रहे तो बॉण्ड भी सक्रिय रहेगा—कांटे की तरह मेरे दिमाग में वह भी चुभने लगा है, जिसने तुम्हें फोन किया—पता नहीं वह कौन है—इस सारे झमेले में मेरी इर्विन दूर हो जाएगी मुझसे।”
“इसमें मैं क्या कर सकता हूं?”
“तुम यहां से चले जाओ, सारे बखेड़े अपने आप बन्द हो जाएंगे।”
व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ विजय ने कहा—“और मैदान साफ होते ही तुम्हारा बखेड़ा शुरू?”
“उफ्फ!” इस बार अलफांसे झुंझलाकर चीख पड़ा—“तु...म मेरा यकीन क्यों नहीं करते—मैं कोहिनूर के चक्कर में नहीं हूं विजय—“मैं एक छोटे-से घर, एक शान्त जिंदगी के चक्कर में हूं—म...मैं....अपने होने वाले बच्चे की कसम खाकर कहता हूं कि मैं कोहिनूर के चक्कर में नहीं हूं।”
“ब....बच्चा?” विकास चौंका—“क्या इर्विन आण्टी मां बनने वाली हैं अंकल?”
“हां!” दांत भींचकर क्रोधित स्वर में कहते वक्त अलफांसे की आंखों में आंसू और लहू का मिश्रण डबडबा रहा था, गुर्राहटदार स्वर में वह कहता ही चला गया—“इर्विन मां बनने वाली है, उसकी कोख में मेरा बच्चा है—मैं बदल गया हूं—अगर तुमने यकीन नहीं किया और अपने दिमाग में फितूर की वजह से यहां सक्रिय रहे तो मेरा बनाया हुआ आशियां तिनके-तिनके करके बिखर जाएगा और यदि ऐसा हो गया विजय तो कसम से, बोटी नोच डालूंगा मैं तुम्हारी—हिन्दुस्तान में खून के दरिया बहा दूंगा—यदि मेरा बसाया हुआ ये घर उजड़ गया तो फिर—फिर अलफांसे अतीत के अलफांसे से कई गुना ज्यादा खतरनाक होगा, ये तुम याद रखना विजय!” पागलों की-सी अवस्था में कहने के बाद वह घूमा और बड़ी तेजी से हॉल से बाहर निकल गया।
“अंकल—रुकिए अंकल!” विकास ने उसे पुकारा।
मगर अलफांसे रुका नहीं—आवाज देते हुए विकास ने उसके पीछे दौड़ना चाहा, परन्तु आगे बढ़कर विजय ने उसकी कलाई पकड़ ली और बोला—“लूमड़ को जाने दो प्यारे!”
विकास अवाक्-सा विजय के चेहरे को देखता रह गया।
“जरूर दूंगा।”
“क्या आप चैम्बूर को जानते हैं?”
“जानता हूं नहीं, जानता था—अब ये भी जानता हूं कि उसे तुमने मार दिया है।”
“तब तो आप यह भी सोच सकते हैं कि सब कुछ उगलवाने के बाद ही हमने उसे मारा होगा।”
“बेशक!”
“फिर भी आप हमें वही पढ़ा रहे हैं, यह जानने के बावजूद कि उसने हमें आपकी योजना भी बता दी है।”
अलफांसे ने एक कदम आगे बढ़कर कहा—“मैं वह एक-एक लफ्ज जानता हूं, जो उसने कहा होगा, लेकिन...।”
“लेकिन क्या?”
“चैम्बूर सिर्फ वही कह सकता था जिस भ्रम में मैंने उसे रखा था।”
“मतलब?”
“उसने झूठ नहीं बोला, फिर भी उसकी बात में झूठ का अंश था—वह मुझसे स्वयं मिला और वहां से लेकर मेरी और इर्विन की लंदन में हुई भेंट का वह सारा किस्सा सच है, जो उसने कहा—मैं कोहिनूर के चक्कर में ही यहां आया था—इर्विन से भेंट सचमुच एक संयोग थी—जिस क्षण मुझे ये पता लगा कि वह गार्डनर की लड़की है—ये सच है कि उस क्षण मैंने उस पर आसक्त होने का नाटक कोहिनूर के लिए किया था—परन्तु उससे भी बड़ा सच ये है विकास कि उससे होने वाली मुलाकातें, उसके व्यवहार—प्यार और मेरे प्रति उसके विश्वास और श्रद्धा ने मुझे तोड़ दिया—मेरे दिमाग से कोहिनूर की बात बिल्कुल ही निकल गई, अपने और इर्विन के सम्बन्धों को मैं एक नए और अनूठे ही रूप में देखने लगा।”
“तुम ये लैला-मजनूं की कहानी बन्द करते हो या नहीं?”
अलफांसे ने बड़े ही असहाय भाव से विजय की तरफ देखा।
“एक मिनट अंकल, प्लीज—गुरु को कहने दीजिए।” विकास ने कहा—“हां तो मतलब ये हुआ गुरु कि आप सचमुच ही इर्विन से मोहब्बत करने लगे, फिर?”
“उन चन्द ही दिनों में मैं और इर्विन काफी आगे बढ़े चुके थे कि उस दिन गार्डन की कोठी पर अचानक चैम्बूर से मुलाकात हो गई, फिर मेरे और उसके बीच होटल के कमरे में जो बाते हुईं, वे सब तो उसने बता ही दी होंगी।”
“उनके बारे में आपका क्या कहना है?”
“सिर्फ ये कि जरा सोचो, जो बातें मैंने उससे कीं—उनके अलावा मैं और कर भी क्या सकता था—मैं जानता था कि यदि गर्म तवे पर बैठकर चैम्बूर से ये कहूं कि मैं अब कोहिनूर के चक्कर में नहीं हूं, बल्कि सचमुच इर्विन से प्यार करता हूं तो वह यकीन नहीं करेगा, बोलो—क्या तुम्हारे ख्याल से वह यकीन करता?”
“नहीं।”
“इसलिए मैंने उसका ये आरोप स्वीकार किया कि मैं कोहिनूर के चक्कर में हूं क्योंकि स्वीकार न करने का अर्थ था, उसका यह समझना कि मैं उससे चार सौ बीसी कर रहा हूं और उसके यह समझने का अर्थ था, उसके द्वारा मेरा भंडा फूट जाना—उसकी बात में वजन था, सब उसी का यकीन करते—मुझे कोहिनूर के चक्कर में मान लिया जाता और ऐसा होते ही इर्विन मुझसे नफरत करने लगती—वह मुझसे बहुत दूर हो जाती विकास और सच, तब तक तेरे में उसे खो देने की हिम्मत बाकी नहीं रह गई थी—अत: चैम्बूर की जुबान बन्द करने के लिए मैंने उसके सामने स्वीकार कर लिया कि मैं कोहिनूर के चक्कर में हूं—उसे पार्टनर भी बना लिया—यकीन दिलाने के लिए एक उल्टी-सीधी योजना भी सुना दी उसे—योजना तुमने भी सुनी होगी—वह सुलझी हुई सशक्त और सुदृढ़ नहीं है, केवल इसलिए कि मैं इस पर कार्य करने वाला नहीं था, केवल उसे सन्तुष्ट करना ही मेरा एकमात्र मकसद था और वह योजना सुनाकर मैंने उसका मुंह बन्द कर दिया।”
“अब यानी शादी के बाद आप कितने दिन तक चैम्बूर को इस तरह संतुष्ट रख सकते थे?”
“सोचा था कि महीने-दो-महीने में इर्विन और गार्डनर को विश्वास में लेकर मैं किसी दिन शांति से बैठकर उससे ये सब बातें सच-सच बता देता जो इस वक्त यहां कह रहा हूं।”
विजय ने व्यंग्य किया—“यानी अपना काम तुम चैम्बूर को मैदान से साफ करके करने वाले थे?”
“लगता है मैं जिन्दगी में तुम्हारा नजरिया कभी भी नहीं बदल सकूंगा विजय!”
“एक तरफ तुम कहते हो कि तुम दूध में धुल चुके हो प्यारे, दूसरी तरफ तुम्हारी हरकतें अब भी वही हैं।”
“ऐसा क्या किया मैंने?”
“जो कुछ हमने जेम्स ऐलिन और हैमेस्टेड बनकर किया, तुम वह सब कुछ जान गए—तुमने यह भी पता लगा लिया कि इस वक्त हम यहां हैं, ये सारी हरकतें दूध से धुले लूमड़ की हैं या पुराने लूमड़ की?”
“तुम्हारे ऐलिन और हैमेस्टेड वाले रोल की जानकारी प्राप्त करने से सम्बन्धित स्पष्टीकरण तो मैं दे ही चुका हूं—अब रही यहां पहुंचने की बात—इसका जवाब केवल ये है विजय कि इंसान का चरित्र बदलवाने से वे योग्यताएं तो खत्म नहीं हो जाती जो उसमें हैं—ग्राडवे की लाश देखकर ही मैं समझ गया था कि तुम किस लाइन पर चल रहे हो, उसके बाद तुम पांचों इस मेकअप में एलिजाबेथ आए—शायद भूल गए कि अलफांसे मेकअप के धोखे में नहीं आता—उस दिन, एलिजाबेथ में आशा ने सिक्योरिटी के जासूस को फंसाने के लिए जो ड्रामा किया, उसने मुझ पर बहुत-सी हरकतें खोल दीं—मैं बड़ी आसानी से समझ सकता था कि ऐसी सुन्दर चाल तुम्हारे ही दिमाग की देन हो सकती है, मैं जानता था कि मुझे वॉच किया जा रहा है, इस मन से कि कहीं तुम मुझे कोई नुकसान न पहुंचा दो, मैंने अपने एक शार्गिद को विक्रम के पीछे लगा दिया—जिससे मुझे यहां का पता मिल गया।”
“यानी अपने पुराने साथियों से सम्पर्क बनाए हुए हो?”
“सिर्फ तब तक जब तक कि तुम यहां सक्रिय हो, अपनी सुरक्षा हेतु!” अलफांसे ने पूछा—“आज दिन में मुझे पता लगा कि तुमने चैम्बूर को किडनैप कर लिया है, मैं समझ गया कि अपनी समझ में तुम बिल्कुल सही लाइन पर चल रहे हो और यदि इसी तरह चलते रहे तो तुम मेरी फैमिली लाइफ बिखेर दोगे।”
“क्या मतलब?”
“प्लीज विजय, मुझे सुधरने दो—यहां से चले जाओ दोस्त, वैसा कोई चक्कर नहीं है, जैसा तुम सोच रहे हो—मैं कोहिनूर को नहीं चुराऊंगा, इसलिए कोहिनूर तो तुम्हारे हाथ नहीं लगेगा, लेकिन इस चक्कर में मेरी फैमिली लाइफ जरूर बिखर जाएग।”
“वह कैसे प्यारे?”
“यदि तुम्हारी एक्टिविटीज यूं ही जारी रहीं तो दूसरे लोग भी मेरे बारे में वही सोचने लगेंगे जो तुम सोच रहे हो, इर्विन भी यही सोचने लगेगी—मैं इस वक्त भी पूरा रिस्क लेकर आया हूं—यदि इर्विन जाग गई तो कमरे से मुझ चोरों की तरह गायब देखकर जाने क्या सोचने लगेगी—मेरे प्रति शंकित हो उठेगी वह, लेकिन यहां आना भी मेरे लिए जरूरी हो गया था—प....प्लीज लौट जाओ विजय, व्यर्थ का बखेड़ा मत खड़ा करो—यदि तुम सक्रिय रहे तो बॉण्ड भी सक्रिय रहेगा—कांटे की तरह मेरे दिमाग में वह भी चुभने लगा है, जिसने तुम्हें फोन किया—पता नहीं वह कौन है—इस सारे झमेले में मेरी इर्विन दूर हो जाएगी मुझसे।”
“इसमें मैं क्या कर सकता हूं?”
“तुम यहां से चले जाओ, सारे बखेड़े अपने आप बन्द हो जाएंगे।”
व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ विजय ने कहा—“और मैदान साफ होते ही तुम्हारा बखेड़ा शुरू?”
“उफ्फ!” इस बार अलफांसे झुंझलाकर चीख पड़ा—“तु...म मेरा यकीन क्यों नहीं करते—मैं कोहिनूर के चक्कर में नहीं हूं विजय—“मैं एक छोटे-से घर, एक शान्त जिंदगी के चक्कर में हूं—म...मैं....अपने होने वाले बच्चे की कसम खाकर कहता हूं कि मैं कोहिनूर के चक्कर में नहीं हूं।”
“ब....बच्चा?” विकास चौंका—“क्या इर्विन आण्टी मां बनने वाली हैं अंकल?”
“हां!” दांत भींचकर क्रोधित स्वर में कहते वक्त अलफांसे की आंखों में आंसू और लहू का मिश्रण डबडबा रहा था, गुर्राहटदार स्वर में वह कहता ही चला गया—“इर्विन मां बनने वाली है, उसकी कोख में मेरा बच्चा है—मैं बदल गया हूं—अगर तुमने यकीन नहीं किया और अपने दिमाग में फितूर की वजह से यहां सक्रिय रहे तो मेरा बनाया हुआ आशियां तिनके-तिनके करके बिखर जाएगा और यदि ऐसा हो गया विजय तो कसम से, बोटी नोच डालूंगा मैं तुम्हारी—हिन्दुस्तान में खून के दरिया बहा दूंगा—यदि मेरा बसाया हुआ ये घर उजड़ गया तो फिर—फिर अलफांसे अतीत के अलफांसे से कई गुना ज्यादा खतरनाक होगा, ये तुम याद रखना विजय!” पागलों की-सी अवस्था में कहने के बाद वह घूमा और बड़ी तेजी से हॉल से बाहर निकल गया।
“अंकल—रुकिए अंकल!” विकास ने उसे पुकारा।
मगर अलफांसे रुका नहीं—आवाज देते हुए विकास ने उसके पीछे दौड़ना चाहा, परन्तु आगे बढ़कर विजय ने उसकी कलाई पकड़ ली और बोला—“लूमड़ को जाने दो प्यारे!”
विकास अवाक्-सा विजय के चेहरे को देखता रह गया।