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- Dec 5, 2013
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लम्बे ओवरकोट वाला भी हाथ में छोटा-सा डन्डा लिये उसकी ओर बढ़ रहा था ।
राज ने टेलीफोन को रिसीवर सहित उठा लिया एक झटके से उसने टेलिफोन के प्लग को साकेट से निकाल दिया । उसने टेलीफोन को दुबारा
अपने पर वार करने को तत्पर इन्स्पेक्टर के ऊपर खींच मारा।
टेलीफोन भड़ाक से इन्स्पेक्टर के चेहरे पर से टकराया । उसके हाथ से रिवाल्वर निकल कर जमीन पर जा गिरी।
राज रिवाल्वर पर झपटा ।
उसी क्षण काले ओवरकोट वाला उसके सिर पर पहुंच गया। उसके हाथ में थमे डन्डे का भरपूर प्रहार फिर राज के सिर पर पड़ा। उसके बाद क्या हुआ, राज को पता नहीं लगा
उसकी चेतना लुप्त हो चुकी थी।
***
जब राज की आंख खुली तो उसने अपने आप को अस्पताल के एक कमरे में पाया ।
उसके जिस्म का जोड़-जोड़ दुख रहा था और उसके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी।
उसने सिर घुमाकर कमरे में चारों ओर देखा । कमरा खाली था ।
फिर उसे पलंग के साथ काल बैल का पुश लटका दिखाई दिया । उसने पुश का बटन दबाया और
उस पर से हाथ हटाना भूल गया ।
एक आदमी भागता हुआ कमरे में घुसा । वह एक सफेद कोट पहने हुये था और उसके गले में स्टेथस्कोप लटक रहा था ।
"क्या करते हो, मिस्टर ?" - वह जल्दी से बोला
राज ने पुश पर से हाथ हटा लिया ।
"तुम डॉक्टर हो ?" - राज बोला ।
"हां ।" - उत्तर मिला। “
मैं कहां हूं?"
"तुम सिल्वर जुबली अस्पताल में हो ।" - डॉक्टर ने बताया ।
"मैं यहां कैसे पहुंचा ?"
"तुम एक दुर्घटना के शिकार हो गये थे ।"
"कैसे?"
"तुम्हें नहीं मालूम ?" - डॉक्टर तनिक हैरानी भरे स्वर में बोला।
राज ने नकारात्मक ढंग से सिर हिला दिया । "हद से ज्यादा शराब पीने का यही अन्जाम होता है।" - डॉक्टर धीरे से बोला ।
"किसने पी थी शराब ?" - राज तीव्र स्वर से बोली।
"तुमने और किसने ? तभी तो सड़क पर चलते हुये कार से जा टकराये थे ।"
"कहां?"
"प्रिंस एल्बर्ट रोड पर | जब तुम अस्पताल में लाये गये थे, तब भी तुम्हारे मुंह से शराब के भभूके छूट रहे थे।"
"लेकिन कल मैंने शराब नहीं पी थी । बल्कि शराब को चखा तक नहीं था ।"
"तुम शराब नहीं पीते ?"
"पीता तो हूं लेकिन..." '
"तो क्या रात को किसी ने शराब जबरदस्ती तुम्हारे हलक में उड़ेल दी थी ?"
"हां, यह हो सकता है।" डाक्टर विचित्र नेत्रों से उसकी ओर देखने लगा |
"मेरी हालत कैसी है ?"
"खुशकिस्मत हो तुम | कोई हड्डी नहीं टूटी है और बाकी जिस्म पर भी थोड़ी बहुत खरोचें ही आई हैं । सिर्फ सर में ज्यादा चोट आई है।"
"मैं यहां कैसे पहुंचा ?"
"किसी भले आदमी ने तुम्हें सड़क पर पड़ा पाया था । वह तुम्हें यहां अस्पताल में छोड़ गया था ।"
राज ने टेलीफोन को रिसीवर सहित उठा लिया एक झटके से उसने टेलिफोन के प्लग को साकेट से निकाल दिया । उसने टेलीफोन को दुबारा
अपने पर वार करने को तत्पर इन्स्पेक्टर के ऊपर खींच मारा।
टेलीफोन भड़ाक से इन्स्पेक्टर के चेहरे पर से टकराया । उसके हाथ से रिवाल्वर निकल कर जमीन पर जा गिरी।
राज रिवाल्वर पर झपटा ।
उसी क्षण काले ओवरकोट वाला उसके सिर पर पहुंच गया। उसके हाथ में थमे डन्डे का भरपूर प्रहार फिर राज के सिर पर पड़ा। उसके बाद क्या हुआ, राज को पता नहीं लगा
उसकी चेतना लुप्त हो चुकी थी।
***
जब राज की आंख खुली तो उसने अपने आप को अस्पताल के एक कमरे में पाया ।
उसके जिस्म का जोड़-जोड़ दुख रहा था और उसके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी।
उसने सिर घुमाकर कमरे में चारों ओर देखा । कमरा खाली था ।
फिर उसे पलंग के साथ काल बैल का पुश लटका दिखाई दिया । उसने पुश का बटन दबाया और
उस पर से हाथ हटाना भूल गया ।
एक आदमी भागता हुआ कमरे में घुसा । वह एक सफेद कोट पहने हुये था और उसके गले में स्टेथस्कोप लटक रहा था ।
"क्या करते हो, मिस्टर ?" - वह जल्दी से बोला
राज ने पुश पर से हाथ हटा लिया ।
"तुम डॉक्टर हो ?" - राज बोला ।
"हां ।" - उत्तर मिला। “
मैं कहां हूं?"
"तुम सिल्वर जुबली अस्पताल में हो ।" - डॉक्टर ने बताया ।
"मैं यहां कैसे पहुंचा ?"
"तुम एक दुर्घटना के शिकार हो गये थे ।"
"कैसे?"
"तुम्हें नहीं मालूम ?" - डॉक्टर तनिक हैरानी भरे स्वर में बोला।
राज ने नकारात्मक ढंग से सिर हिला दिया । "हद से ज्यादा शराब पीने का यही अन्जाम होता है।" - डॉक्टर धीरे से बोला ।
"किसने पी थी शराब ?" - राज तीव्र स्वर से बोली।
"तुमने और किसने ? तभी तो सड़क पर चलते हुये कार से जा टकराये थे ।"
"कहां?"
"प्रिंस एल्बर्ट रोड पर | जब तुम अस्पताल में लाये गये थे, तब भी तुम्हारे मुंह से शराब के भभूके छूट रहे थे।"
"लेकिन कल मैंने शराब नहीं पी थी । बल्कि शराब को चखा तक नहीं था ।"
"तुम शराब नहीं पीते ?"
"पीता तो हूं लेकिन..." '
"तो क्या रात को किसी ने शराब जबरदस्ती तुम्हारे हलक में उड़ेल दी थी ?"
"हां, यह हो सकता है।" डाक्टर विचित्र नेत्रों से उसकी ओर देखने लगा |
"मेरी हालत कैसी है ?"
"खुशकिस्मत हो तुम | कोई हड्डी नहीं टूटी है और बाकी जिस्म पर भी थोड़ी बहुत खरोचें ही आई हैं । सिर्फ सर में ज्यादा चोट आई है।"
"मैं यहां कैसे पहुंचा ?"
"किसी भले आदमी ने तुम्हें सड़क पर पड़ा पाया था । वह तुम्हें यहां अस्पताल में छोड़ गया था ।"