desiaks
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जोरू का गुलाम भाग ५५
जबरदस्त सेल
दोपहर में सुजाता आयी थी उसने बोला की कोई फेयर लगा है , खासतौर से लेडीज के लिए बहुत स्पेशल शाप हैं , डिस्काउंट भी।
, सुजाता के हसबैंड को कहीं आज टूर पर जाना था तो हम सब खाना भी वहीँ खा के घर आएंगे।
जबरदस्त सेल थी और जबरदस्त डिस्काउंट। खचाखच भीड़।
औरतें ही औरतें ,कच्ची अमियों से लेकर खेली खायी तक , पटी पड़ी थीं।
मैं,मम्मी और सुजाता ,समझ में नहीं आ रहा था किधर से शुरू करें।
एक लेन साड़ियों की थी ,हम तीनो उधर ही चल पड़े, जार्जेट ,शिफॉन , साउथ इन्डियन हर त्तरह की साड़ियों के स्टाल, और साड़ियों की खरीदारी तो आप समझ सकते हैं. मम्मी एक शिफॉन की दूकान पर बैठ गयी और वो और सुजाता ,...
लेकिन मेरे दिमाग में सामने की लेन दिख रही थी जहाँ हाट वेस्टर्न ड्रेसेज मिल रही थीं।
मैंने मम्मी और सुजाता को वहीँ छोड़ा और उस ओर जा पहुंची।
मेरे मन में कुछ और था , अपने से ज्यादा अपनी उस छिनार ननदिया के लिए , ... चार दिन ही तो रह गए थे ,इनके मायके जाने के लिए। उसके लिए।
अरे माल पटाना है तो कुछ तो इन्वेस्ट करना ही पडेगा , और मैं चाहती थी की वहीँ इनके मायके में ही उसे हॉट हॉट ड्रेसेज पहना के ,
उसके घरवालों के बीच ही झलकउवा कपड़ों में ,...
और उसके भइया की ओर से गिफ्ट होगा तो उसे ,
तो फिर मैंने खूब रिवीलिंग हॉट हॉल्टर, स्पैन्डेक्स,छोटी छोटी स्कर्ट ,साइड स्प्लिट वाली और साथ में मैचिंग अंतवस्त्र,...
उसके बूब्स की साइज तो मुझे मालुम ही थी ,३२ सी, तो ,
पुश अप ब्रा ,
पीक अ बू ब्रा और
थॉन्ग्स,..
वहीँ पर मुझे सोफ़ी दिख गयी ,
असल में शापिंग का मजा ही किसी सहेली के साथ है , सुजाता तो मम्मी के साथ थी और मैं अकेली।
सोफी के साथ आने से मजा दूना हो गया।
मिलवाया तो था आप से , इनकी मेकअप की गुरुआनी और मेरी पक्की सहेली , उसके मेकअप ब्रश से कोई भी लड़का लड़की बन सकता था , ब्यूटी पार्लर में जिसने इनका सुधार किया था , वही जिस दिन मम्मी ने अपने दामाद का नाक और कर्ण छेदन करवाया था , मेरी और मम्मी दोनों से पक्की दोस्ती हो गयी थी , एकदम अच्छी वाली ,...
थोड़ी देर में सोफी ने मेरे कान में कहा और हम लोग एक दूकान की खोज में निकल पड़े।
सुना मैंने भी था की इस सेल में है लेकिन सोफी के पास पक्का पता था।
आज कल मेल आर्डर या इंटरनेट पे मिल जाते थे लेकिन जो मजा दूकान पर खरीदारी करने में है वो भी किसी सहेली के साथ ,
हर चीज को हाथ में पकड़कर ,छू कर,दबा कर देखने में ,एक दूसरे को चिढाते हुए जांचने परखने में ,
एडल्ट ट्वाय शाप ,वो भी जो फीमेल्स के लिए खासतौर से , ...
वैसी एक दो दुकाने भी एक सेल में आयी थी।
सोफी को पक्का पता था और वहीँ वो मुझे खींच कर ले गयी।
एक से एक लंबे कड़े मस्त ,मोटे भी खूब ,
ऐसा नहीं पहले मैने डिल्डो देखे नहीं थे ,लेकिन फोटुओं में , इंटरेनट पर या कभी नेट पर किसी कैटलॉग पर ,
हाथ में लेने का पकड़ने का ,दबाने का छूने और सहलाने का मौका पहली बार मिल रहा था।
तीन साइज में , सात इंच , आठ इंच और एक दस इंच। मोटाई भी ढाई से तीन इंच तक ,और एक दम रियल।
सात इंच वाला नार्मल साइज का था ,पिंक कलर का , मन कर रहा था बस चूम लूँ , मुंह में ले लूँ।
एकदम इनके वाले की तरह,लंबाई भी मोटाई और वैसे ही प्यारा।
आठ इंच वाला किंग साइज का था , डार्क ब्ल्यू कलर का। शायद कमल जीजू के साइज का , या उनका इसके १९,२० होगा।
१९ क्या कमल जीजू का ही २० ही होगा , जैसा मेरी कजिन चीनू बताती थी।
चीनू मुझसे थोड़ी ही बड़ी थी ,मौसेरी बहन लेकिन शादी मुझसे बाद हुयी थी ,चार पांच महीने बाद।
कजिन्स में सबसे छोटी मैं ही थी। और चीनू की पहली रात में ही कमल जीजू ने सच्ची में फाड् के रख दिया था ,अगले दिन ही बिचारी को टाँके लगे।
आठ इंच वाला तो देखने में ही डर लगता था ,लेकिन सच बोलूं तो मन भी करता था ,एक बार तो ट्राई करने का।
और तब तक सोफी ने उस सेल्स गर्ल से बोला और वो ,
सुपर किंग साइज वाला लायी वो और मैं देख के दंग रह गयी।
मुश्किल से मुट्ठी में पकड़ में आता था ,एकदम काला।
टेप से उस सेल्स गर्ल ने नाप के भी दिखाया, पूरे दस इंच लंबा और तीन इंच मोटा।
" ये कोई घोंट भी सकता है ,"
मेरे मुंह से निकल गया और अपनी बात पे मैं खुद शर्मा गयी।
सोफी और उस सेल्सगर्ल की पहले से जान पहचान थी दोनों जोर से खिलखिलाने लगी।
" वो तो घोटाने वाले और घोटने वाली पर डिपेंड करता है। "
सेल्स गर्ल हंसते हुए बोली।
और मुझे मौसी ( चीनू की माँ ) और मम्मी की बात याद आ गयी ,वही चीनू के सुहागरात के अगले दिन जब उसकी कमल जीजू ने फाड़ कर रख दी थी और उसे टाँके लगवाने जाना पड़ा था।
मौसी कमल जीजू के लिए बोलीं ,लगता है चीनू की सास किसी गदहे घोड़े से तभी इतना लंबा मोटा , ...
मम्मी बात काट के बोलीं अच्छा तो है,अपनी बात भूल गयी ,कैसे रात भर चिल्लाई थी।
मौसी मुस्कराने लगी तो मम्मी ने अपना डायलाग बोल दिया ,
" अरे अगर कोई लड़की बोले की बहुत लंबा मोटा है नहीं घोंट पायेगी तो समझो छिनार पना कर रही है , अरे इतने बड़े बच्चे जो चूत रानी निकाल देती हैं , उनके लिए लन्ड क्या चीज है। "
और मौसी ने तुरंत हामी भरी।
तब तक सोफी ने उस सेल्स गर्ल को कुछ इशारा किया था और वो अंदर चली गयी थी।
कुछ देर में हार्नेस जैसी कोई चीज ले के आयी जो मैंने आज तक नहीं देखी थी।
सोफी मेरे हाथ में पकड़ाते बोली ,
अरे कोई जरूरी नहीं डिल्डो का मजा अकेले अकेले लिया जाय इसको लगा के दो लोग साथ भी , ...
तबतक सेल्स गर्ल ने अपनी कमर में बाँध के अपनी जीन्स के ऊपर से ही उसमें ८ इंच वाला डिलडो फिट कर लिया था और मैं अब समझ गयी स्ट्रैप आन डिल्डो,
" देखा बस कमर और हिप के जोर पे डिपेंड करता है कितना अदंर जाएगा , लड़कों की जरूरत नहीं सहेलियां आपस में मजे ले सकती है। " स्ट्रैप आन डिल्डो को प्यार से मुठियाते वो सेल्स गर्ल बोली।
" अरे हम लड़कियां लड़कों केसाथ भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं , क्यों ,..."
आँख मार के मुझसे सोफी बोली।
और मैं सोफी का इशारा समझ गयी की वो 'किसके ' बारे में बाते कर रही थीं।
और अब मैं खिलखिला के हंस पड़ी ,एकदम।
तबतक सेल्स गर्ल भी हम लोगों की बात समझ गयी थीं ,हंसी में शामिल होते हुए बोली ,
" यस आई गॉट इट यू मीन मेल कन्ट्। "
फिर कुछ रुक के वो बोली लेकिन हमारे पास ऐनल डिल्डो भी हैं थोड़े थिन।
लेकिन उसकी बात मैंने और सोफी ने एक साथ काट दी ,
"एकदम नहीं व्हाट इज़ गुड फार फीमेल होल इज गुड फार मेनहोल। "
बट आई हैव समथिंग यूजफुल फॉर योर मेल ,
कह के सेल्स गर्ल अंदर चली गयी ,स्ट्रैप आन लगाए लगाए।
और उसका स्ट्रैप आन देखकर मेरे मन में में बस एक चीज नजर आ रही थी , मेरी ममेरी ननद ,इनकी छिनार बहन गुड्डी।
अब चार दिन बाद तो उससे मुलाकात होनी ही थी फिर मैंने तय कर लिया था ,
इन्हें भी पटा लिया था की कुछ जुगत लगा के उसे अपने साथ ले आएं ,फिर तो दिन रात चक्की चलेगी उसकी।
इनकी तो रखैल बना के रखूंगी ही ,और जब वो आफिस चले जाएंगे तो मैं , बस यही स्ट्रैप आन के साथ ,,... "
लेकिन फिर मैंने सोचा की मम्मी के दिमाग में तो वो तो बस इन्ही के पीछे पड़ जाएँगी।
तबतक वो सेल्स गर्ल कुछ रिंग्स ले के आयी और अपने स्ट्रैप आन पे लगे डिल्डो पर चढ़ा के समझा भी दिया उसने ,ये काक रिंग्स है।
जबरदस्त सेल
दोपहर में सुजाता आयी थी उसने बोला की कोई फेयर लगा है , खासतौर से लेडीज के लिए बहुत स्पेशल शाप हैं , डिस्काउंट भी।
, सुजाता के हसबैंड को कहीं आज टूर पर जाना था तो हम सब खाना भी वहीँ खा के घर आएंगे।
जबरदस्त सेल थी और जबरदस्त डिस्काउंट। खचाखच भीड़।
औरतें ही औरतें ,कच्ची अमियों से लेकर खेली खायी तक , पटी पड़ी थीं।
मैं,मम्मी और सुजाता ,समझ में नहीं आ रहा था किधर से शुरू करें।
एक लेन साड़ियों की थी ,हम तीनो उधर ही चल पड़े, जार्जेट ,शिफॉन , साउथ इन्डियन हर त्तरह की साड़ियों के स्टाल, और साड़ियों की खरीदारी तो आप समझ सकते हैं. मम्मी एक शिफॉन की दूकान पर बैठ गयी और वो और सुजाता ,...
लेकिन मेरे दिमाग में सामने की लेन दिख रही थी जहाँ हाट वेस्टर्न ड्रेसेज मिल रही थीं।
मैंने मम्मी और सुजाता को वहीँ छोड़ा और उस ओर जा पहुंची।
मेरे मन में कुछ और था , अपने से ज्यादा अपनी उस छिनार ननदिया के लिए , ... चार दिन ही तो रह गए थे ,इनके मायके जाने के लिए। उसके लिए।
अरे माल पटाना है तो कुछ तो इन्वेस्ट करना ही पडेगा , और मैं चाहती थी की वहीँ इनके मायके में ही उसे हॉट हॉट ड्रेसेज पहना के ,
उसके घरवालों के बीच ही झलकउवा कपड़ों में ,...
और उसके भइया की ओर से गिफ्ट होगा तो उसे ,
तो फिर मैंने खूब रिवीलिंग हॉट हॉल्टर, स्पैन्डेक्स,छोटी छोटी स्कर्ट ,साइड स्प्लिट वाली और साथ में मैचिंग अंतवस्त्र,...
उसके बूब्स की साइज तो मुझे मालुम ही थी ,३२ सी, तो ,
पुश अप ब्रा ,
पीक अ बू ब्रा और
थॉन्ग्स,..
वहीँ पर मुझे सोफ़ी दिख गयी ,
असल में शापिंग का मजा ही किसी सहेली के साथ है , सुजाता तो मम्मी के साथ थी और मैं अकेली।
सोफी के साथ आने से मजा दूना हो गया।
मिलवाया तो था आप से , इनकी मेकअप की गुरुआनी और मेरी पक्की सहेली , उसके मेकअप ब्रश से कोई भी लड़का लड़की बन सकता था , ब्यूटी पार्लर में जिसने इनका सुधार किया था , वही जिस दिन मम्मी ने अपने दामाद का नाक और कर्ण छेदन करवाया था , मेरी और मम्मी दोनों से पक्की दोस्ती हो गयी थी , एकदम अच्छी वाली ,...
थोड़ी देर में सोफी ने मेरे कान में कहा और हम लोग एक दूकान की खोज में निकल पड़े।
सुना मैंने भी था की इस सेल में है लेकिन सोफी के पास पक्का पता था।
आज कल मेल आर्डर या इंटरनेट पे मिल जाते थे लेकिन जो मजा दूकान पर खरीदारी करने में है वो भी किसी सहेली के साथ ,
हर चीज को हाथ में पकड़कर ,छू कर,दबा कर देखने में ,एक दूसरे को चिढाते हुए जांचने परखने में ,
एडल्ट ट्वाय शाप ,वो भी जो फीमेल्स के लिए खासतौर से , ...
वैसी एक दो दुकाने भी एक सेल में आयी थी।
सोफी को पक्का पता था और वहीँ वो मुझे खींच कर ले गयी।
एक से एक लंबे कड़े मस्त ,मोटे भी खूब ,
ऐसा नहीं पहले मैने डिल्डो देखे नहीं थे ,लेकिन फोटुओं में , इंटरेनट पर या कभी नेट पर किसी कैटलॉग पर ,
हाथ में लेने का पकड़ने का ,दबाने का छूने और सहलाने का मौका पहली बार मिल रहा था।
तीन साइज में , सात इंच , आठ इंच और एक दस इंच। मोटाई भी ढाई से तीन इंच तक ,और एक दम रियल।
सात इंच वाला नार्मल साइज का था ,पिंक कलर का , मन कर रहा था बस चूम लूँ , मुंह में ले लूँ।
एकदम इनके वाले की तरह,लंबाई भी मोटाई और वैसे ही प्यारा।
आठ इंच वाला किंग साइज का था , डार्क ब्ल्यू कलर का। शायद कमल जीजू के साइज का , या उनका इसके १९,२० होगा।
१९ क्या कमल जीजू का ही २० ही होगा , जैसा मेरी कजिन चीनू बताती थी।
चीनू मुझसे थोड़ी ही बड़ी थी ,मौसेरी बहन लेकिन शादी मुझसे बाद हुयी थी ,चार पांच महीने बाद।
कजिन्स में सबसे छोटी मैं ही थी। और चीनू की पहली रात में ही कमल जीजू ने सच्ची में फाड् के रख दिया था ,अगले दिन ही बिचारी को टाँके लगे।
आठ इंच वाला तो देखने में ही डर लगता था ,लेकिन सच बोलूं तो मन भी करता था ,एक बार तो ट्राई करने का।
और तब तक सोफी ने उस सेल्स गर्ल से बोला और वो ,
सुपर किंग साइज वाला लायी वो और मैं देख के दंग रह गयी।
मुश्किल से मुट्ठी में पकड़ में आता था ,एकदम काला।
टेप से उस सेल्स गर्ल ने नाप के भी दिखाया, पूरे दस इंच लंबा और तीन इंच मोटा।
" ये कोई घोंट भी सकता है ,"
मेरे मुंह से निकल गया और अपनी बात पे मैं खुद शर्मा गयी।
सोफी और उस सेल्सगर्ल की पहले से जान पहचान थी दोनों जोर से खिलखिलाने लगी।
" वो तो घोटाने वाले और घोटने वाली पर डिपेंड करता है। "
सेल्स गर्ल हंसते हुए बोली।
और मुझे मौसी ( चीनू की माँ ) और मम्मी की बात याद आ गयी ,वही चीनू के सुहागरात के अगले दिन जब उसकी कमल जीजू ने फाड़ कर रख दी थी और उसे टाँके लगवाने जाना पड़ा था।
मौसी कमल जीजू के लिए बोलीं ,लगता है चीनू की सास किसी गदहे घोड़े से तभी इतना लंबा मोटा , ...
मम्मी बात काट के बोलीं अच्छा तो है,अपनी बात भूल गयी ,कैसे रात भर चिल्लाई थी।
मौसी मुस्कराने लगी तो मम्मी ने अपना डायलाग बोल दिया ,
" अरे अगर कोई लड़की बोले की बहुत लंबा मोटा है नहीं घोंट पायेगी तो समझो छिनार पना कर रही है , अरे इतने बड़े बच्चे जो चूत रानी निकाल देती हैं , उनके लिए लन्ड क्या चीज है। "
और मौसी ने तुरंत हामी भरी।
तब तक सोफी ने उस सेल्स गर्ल को कुछ इशारा किया था और वो अंदर चली गयी थी।
कुछ देर में हार्नेस जैसी कोई चीज ले के आयी जो मैंने आज तक नहीं देखी थी।
सोफी मेरे हाथ में पकड़ाते बोली ,
अरे कोई जरूरी नहीं डिल्डो का मजा अकेले अकेले लिया जाय इसको लगा के दो लोग साथ भी , ...
तबतक सेल्स गर्ल ने अपनी कमर में बाँध के अपनी जीन्स के ऊपर से ही उसमें ८ इंच वाला डिलडो फिट कर लिया था और मैं अब समझ गयी स्ट्रैप आन डिल्डो,
" देखा बस कमर और हिप के जोर पे डिपेंड करता है कितना अदंर जाएगा , लड़कों की जरूरत नहीं सहेलियां आपस में मजे ले सकती है। " स्ट्रैप आन डिल्डो को प्यार से मुठियाते वो सेल्स गर्ल बोली।
" अरे हम लड़कियां लड़कों केसाथ भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं , क्यों ,..."
आँख मार के मुझसे सोफी बोली।
और मैं सोफी का इशारा समझ गयी की वो 'किसके ' बारे में बाते कर रही थीं।
और अब मैं खिलखिला के हंस पड़ी ,एकदम।
तबतक सेल्स गर्ल भी हम लोगों की बात समझ गयी थीं ,हंसी में शामिल होते हुए बोली ,
" यस आई गॉट इट यू मीन मेल कन्ट्। "
फिर कुछ रुक के वो बोली लेकिन हमारे पास ऐनल डिल्डो भी हैं थोड़े थिन।
लेकिन उसकी बात मैंने और सोफी ने एक साथ काट दी ,
"एकदम नहीं व्हाट इज़ गुड फार फीमेल होल इज गुड फार मेनहोल। "
बट आई हैव समथिंग यूजफुल फॉर योर मेल ,
कह के सेल्स गर्ल अंदर चली गयी ,स्ट्रैप आन लगाए लगाए।
और उसका स्ट्रैप आन देखकर मेरे मन में में बस एक चीज नजर आ रही थी , मेरी ममेरी ननद ,इनकी छिनार बहन गुड्डी।
अब चार दिन बाद तो उससे मुलाकात होनी ही थी फिर मैंने तय कर लिया था ,
इन्हें भी पटा लिया था की कुछ जुगत लगा के उसे अपने साथ ले आएं ,फिर तो दिन रात चक्की चलेगी उसकी।
इनकी तो रखैल बना के रखूंगी ही ,और जब वो आफिस चले जाएंगे तो मैं , बस यही स्ट्रैप आन के साथ ,,... "
लेकिन फिर मैंने सोचा की मम्मी के दिमाग में तो वो तो बस इन्ही के पीछे पड़ जाएँगी।
तबतक वो सेल्स गर्ल कुछ रिंग्स ले के आयी और अपने स्ट्रैप आन पे लगे डिल्डो पर चढ़ा के समझा भी दिया उसने ,ये काक रिंग्स है।