hotaks444
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नौकरी हो तो ऐसी--15
गतान्क से आगे…………………………………….
हम लोगो का भोजन होने के बाद घर की सभी महिलाओ ने भोजन कर लिया और सब लोग अपने अपने कमरो की तरफ चल पड़े……
मैं अपने कमरे के तरफ जानेवाला था कि मुझे कॉंट्रॅक्टर बाबू की छोटी लड़की मालंबंती ने पूछा “आप कौन है” मैं उसके सामने गया और बोला “मैं इस घर मे काम करता हू..”
मालंबंती की चुचिया छोटे छोटे सेब की तरह थी और उस टांग कमीज़ के अंदर से बाहर आने के लिए तरस रही थी..उसने कमीज़ के अंदर कोई अन्तवस्त्र नही पहना होने के कारण उसके छोटे छोटे अंगूर के जैसे चूचुक(निपल्स) का आकार मेरे लंड को फिरसे खड़ा कर रहा था
मालंबंती ने पूछा “कैसा काम…”
मैं – “जो भी तुम कहो वो काम”
मालंबंती – आप सब काम करते हो क्या आपको कहानी सुनाना आता है”
मैं अर्श्चर्य मे पड़ गया इस उमर मे भला ये कहानी सुनने की बात क्यू कर रही है तभी वहाँ पे नलिनी और नसरीन (वकील बाबू की सबसे छोटी लड़की) चहल पहल करते हुए आ गयी. नसरीन एक दम मालंबंती के जैसी दिखती थी.. उसने भी तंग कमीज़ पहनी थी.. उस वजह से उसके चूचुक(निपल्स) भी नमस्ते कह रहे थे और हमारे लंड महाराज भड़क रहे थे… मेरी पॅंट को अगर कोई ठीक से देखता तो जान जाता कि मैं किस हाल से गुजर रहा था….
नसरीन बोली “अरे वाह आप हमे कहानी सूनाओगे.. आपको आती है कहानी..”
मैं उसकी पीठ थपथपाते हुए बोला- “हां आती है और मैं तुम्हे सबको कहानी सुनाउन्गा”… ज़रूर सुनाउन्गा और मैने उसके गाल पे हाथ पे रख के ईक चिमती काट ली…
नलिनी बोली- “चलो ना हमारे कमरे मे हमे कहानी सूनाओ ना…”
उतने मे उधर ताइजी अपनी सारी के पेड्र को ठीक करते हुए और अपने सुंदर पेट पर धकते हुए आई और बोली “लड़कियो तुम सब सो जाओ कल तुम्हे सुनाएँगे ये कहानी…”
सब लड़किया एक सूरमे बोली “नही अभी सुननी है कहानी ..”
ताइजी बोली “नही आज नही कल…सोने जाओ तुम लोग अभी ”
लड़किया ना चाहते हुए भी अपने अपने कमरे मे चली गयी… मैं उनके मस्त मस्त चूतड़ देखते रह गया… ये मेरे खड़े लंड पे वार था…
ताइजी मुझे देखकर बोली “तुम किधर सोवोगे”
मैं – वही जहाँ मैं दोपेहर मे सोया था
ताइजी – अरे नही वहाँ तुम नही सो सकते… उस कमरे मे मैने आज समान रखवाया है
मैं – तो फिर........कहाँ........
ताइजी – तो एक काम करो मेरे कमरे मे दो पलंग है.. तुम एक पे सो जाना
मेरे लंड ने ये सुनके फिरसे लार टपकानी शुरू करदी, फिर भी मैं बोला
मैं – पर….
ताइजी – अरे शरमाओ नही… आ जाओ
गतान्क से आगे…………………………………….
हम लोगो का भोजन होने के बाद घर की सभी महिलाओ ने भोजन कर लिया और सब लोग अपने अपने कमरो की तरफ चल पड़े……
मैं अपने कमरे के तरफ जानेवाला था कि मुझे कॉंट्रॅक्टर बाबू की छोटी लड़की मालंबंती ने पूछा “आप कौन है” मैं उसके सामने गया और बोला “मैं इस घर मे काम करता हू..”
मालंबंती की चुचिया छोटे छोटे सेब की तरह थी और उस टांग कमीज़ के अंदर से बाहर आने के लिए तरस रही थी..उसने कमीज़ के अंदर कोई अन्तवस्त्र नही पहना होने के कारण उसके छोटे छोटे अंगूर के जैसे चूचुक(निपल्स) का आकार मेरे लंड को फिरसे खड़ा कर रहा था
मालंबंती ने पूछा “कैसा काम…”
मैं – “जो भी तुम कहो वो काम”
मालंबंती – आप सब काम करते हो क्या आपको कहानी सुनाना आता है”
मैं अर्श्चर्य मे पड़ गया इस उमर मे भला ये कहानी सुनने की बात क्यू कर रही है तभी वहाँ पे नलिनी और नसरीन (वकील बाबू की सबसे छोटी लड़की) चहल पहल करते हुए आ गयी. नसरीन एक दम मालंबंती के जैसी दिखती थी.. उसने भी तंग कमीज़ पहनी थी.. उस वजह से उसके चूचुक(निपल्स) भी नमस्ते कह रहे थे और हमारे लंड महाराज भड़क रहे थे… मेरी पॅंट को अगर कोई ठीक से देखता तो जान जाता कि मैं किस हाल से गुजर रहा था….
नसरीन बोली “अरे वाह आप हमे कहानी सूनाओगे.. आपको आती है कहानी..”
मैं उसकी पीठ थपथपाते हुए बोला- “हां आती है और मैं तुम्हे सबको कहानी सुनाउन्गा”… ज़रूर सुनाउन्गा और मैने उसके गाल पे हाथ पे रख के ईक चिमती काट ली…
नलिनी बोली- “चलो ना हमारे कमरे मे हमे कहानी सूनाओ ना…”
उतने मे उधर ताइजी अपनी सारी के पेड्र को ठीक करते हुए और अपने सुंदर पेट पर धकते हुए आई और बोली “लड़कियो तुम सब सो जाओ कल तुम्हे सुनाएँगे ये कहानी…”
सब लड़किया एक सूरमे बोली “नही अभी सुननी है कहानी ..”
ताइजी बोली “नही आज नही कल…सोने जाओ तुम लोग अभी ”
लड़किया ना चाहते हुए भी अपने अपने कमरे मे चली गयी… मैं उनके मस्त मस्त चूतड़ देखते रह गया… ये मेरे खड़े लंड पे वार था…
ताइजी मुझे देखकर बोली “तुम किधर सोवोगे”
मैं – वही जहाँ मैं दोपेहर मे सोया था
ताइजी – अरे नही वहाँ तुम नही सो सकते… उस कमरे मे मैने आज समान रखवाया है
मैं – तो फिर........कहाँ........
ताइजी – तो एक काम करो मेरे कमरे मे दो पलंग है.. तुम एक पे सो जाना
मेरे लंड ने ये सुनके फिरसे लार टपकानी शुरू करदी, फिर भी मैं बोला
मैं – पर….
ताइजी – अरे शरमाओ नही… आ जाओ