XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें - Page 27 - SexBaba
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XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

नैना ने बताया कि आज कमरा न. 4 की बारी है, वो उन लड़कियों को ले कर आ गई लेकिन उन दोनों ने अपनी मज़बूरी ज़ाहिर कर दी और मना कर दिया.मैंने नैना के कान में कहा- आज तुम कमरा न. 5 और 6 वालियों को बुला लो!
जब वो लड़कियों को लेकर वापस आई तो उनमें सुशी और हेमा थी और वो दोनों भी थी जो मेरे साथ ड्रेसिंग रूम में भी थी. वो सब मुझको देख कर बड़ी खुश हुई और मुझ को घेर कर अपने कमरे में ले गई.साथ में नैना भी थी.
ड्रेसिंग रूम वाली लड़कियों के नाम डॉली और जॉली था.हेमा और मेरा साथ तो चिपको डांस से ही था तो हम एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे और सुशी ड्रेसिंग रूम में ही थी जब मैंने हेमा को वहाँ देखा था.डॉली और जॉली अलबत्ता मेरे लिए नई थी हालाँकि इन दोनों को मैं पूरा नग्न देख चुका था ड्रेसिंग रूम में.
कमरे में घुसते ही हेमा ने मुझको पकड़ लिया और एक जफ्फी मुझको डाल दी और मेरे होटों को चूमने लगी.उसको छोड़ कर मैंने सुशी को पकड़ लिया और उसके कान में धीरे से कह दिया- लंड को हाथ लगा कर देख लो, कैसा है यह? तुम्हारा काम कर सकेगा कि नहीं?
सुशी थोड़ी शरमाई और बोली- वक्त आने पर उसको भी देख लेंगे. वैसे हेमा कह रही थी कि आपके उसने उसको तीन बार हे-मा हे-मा कहने पर मजबूर कर दिया था.मैं हंस कर बोला- हाँ, वो कुछ इसी तरह बोल रही थी जब मेरा बम्बू लगा बैठा था 3 बार उसमें अपना तम्बू.
सुशी और दूसरी लड़कियाँ अब नैना की तरफ देख रही थी और नैना ने फैसला किया कि पहले डॉली की बारी है और उसके बाद जॉली का नंबर लगेगा लेकिन लड़कियाँ अपने कपड़े उतार कर एक दूसरी के साथ आनन्द ले सकती हैं.
अब उनमें कपड़े उतारने की होड़ लग गई और सबसे पहले नंबर पर आई डॉली और वो भाग कर मेरे से आकर चिपक गई, मुझको चिपको डांस करने के लिए मजबूर कर दिया और फिर उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए और मैंने बारी बारी से सबके साथ चिपको डांस किया.
मधु और रूबी मैडम ने इस डांस के स्टेप्स ऐसे बनाये थे कि कोई भी जोड़ा इस डांस को करते हुए एकदम से बहुत ज़्यादा कामातुर हो जाएगा.चिपको डांस करते हुए मेरा लौड़ा हमेशा या तो उनके चूतड़ों के अंदर गांड से चिपका हुआ रहता था या फिर अगर सामने से यह डांस किया जाता था तो लौड़ा सीधे लड़की की चूत द्वार पर दस्तक देता था.
कम से कम दो लड़कियाँ यह चिपको डांस आगे से करते हुए ही झड़ गई थी क्योंकि मेरा लंड डांस करते हुए उनकी चूत में भग को रगड़ता था जिससे उनमें कामातुरता बहुत अधिक बढ़ जाती थी और वो सब कई दिनों से लंड की प्यासी थी सो जल्दी ही स्खलित हो जाती थी.
मैंने नैना के इशारे पर डॉली को खड़े खड़े ही चोदने का प्लान बनाया और इस काम के लिए मैंने डॉली को अपने से चिपका कर थोड़ी देर चूमा चाटा लेकिन वो तो अभी ही बहुत चुदवाने के लिए अधीर हो रही थी तो मैंने उसकी एक टांग ऊपर उठा कर और उसकी बाहें अपने गले में डाल कर लंड की एंट्री मार दी और वो उसके अधिक गीलेपन के कारण फटाक से पूरा ही अंदर चला गया और फिर हम धीरे धीरे एक दूसरे को फक करने लगे.
सब लड़कियाँ बड़े ध्यान से हमारे यह नए ढंग की चुदाई देख रही थी और अपनी गर्ल पार्टनर को और भी गर्म कर रही थी.डॉली काफी गर्म हो चुकी थी, वो ज़्यादा धके बर्दाश्त नहीं कर सकी और जल्दी ही मेरे से ज़ोरदार चिपकी मार कर छूट गई.
नैना ने जॉली को तैयार कर रखा था, वो बेड पर थोड़ा झुक कर खड़ी थी और मैंने अपने डॉली की चूत के पानी से भीगे लंड को छपाक से जॉली की चूत में डाल दिया और वो खुद ही आगे पीछे होकर मुझको ही चोदने लगी और मैं सिर्फ उसके मुम्मों के चूचुकों से खेलता रहा और उसके मुलायम चूतड़ों को हाथ लगा कर खूब आनन्द लेता रहा.
क्यूंकि ये फ़िल्मी कलियाँ थी तो इन्होंने अपने शरीर को मेहनत से संभाल के रखा था और शरीर की सुंदरता को अच्छी तरह से कायम रखा था.जॉली की चुदाई के वक्त उसकी शारीरिक सुंदरता अति लुभावनी थी और दिल चाह रहा था कि उसके शरीर के हर अंग को चूमता और चाटता रहूँ.बहुत अधिक कामुक हुई जॉली जल्दी ही हाय हाय चिल्लाती हुई स्खलित हो गई.

 
अब नंबर था सुशी का जिसको नैना ने अभी से बेड पर बिठा रखा था.मैं जैसे ही जॉली से फारिग हुआ तो नैना ने मुझको भी बेड पर बिठा दिया और सुशी को अपनी टांगें फैला कर मेरे दोनों तरफ रख कर लंड के ऊपर बिठा दिया.अब सुशी का चुनाव था कि वो कैसे चुदना चाहेगी तेज़ या फिर धीरे धीरे.और चुदाई की सारी मेहनत अब सुशी के ऊपर थी.
उसने पहले कुछ धीरे धीरे चोदना शुरू किया और फिर धीरे से चुदाई की स्पीड तेज़ करने लगी.मैंने सुशी के चूतड़ों के नीचे अपने दोनों हाथ रखे हुए थे ताकि उसकी चूत मेरे लौड़े के निशाने पर रहे और उसकी दोनों बाहें मेरे गले में थी.कभी हम डीप किस भी कर लेते थे और कभी मैं उसके गोल और मोटे मुम्मों को चूस भी लेता था.चुदाई के इस पोज़ में भी सारी मेहनत लड़की या फिर औरत को करने पड़ती थी और आदमी सिर्फ अपने लौड़े को खड़ा रखने की कसरत करता था.
थोड़ी देर में सुशी मेरे गले में बाहें डाले हुए अपनी चूत को आगे पीछे करते हुए एक झूले का आनन्द लेने लगी. अब मैंने सुशी की गांड में हाथ की ऊँगली डाल दी और सुशी और भी जोश से मुझ को चोदने लगी.थोड़ी देर तीव्र चुदाई के बाद सुशी मेरे गले से चिपक गई और अपनी चूत को मेरे लौड़े से जोड़ कर कंपकंपाती हुई झड़ गई.
नैना ने सुशी को वहाँ से उठाया और उसकी जगह हेमा को ले आई और मुझको लेटने को कह कर उसने हेमा को मेरे ऊपर से मुझको चोदने के लिए कहा.हेमा तो मेरे से पहले ही चुद चुकी थी, उसको चोदने का मेरे मन में कोई विशेष आकर्षण नहीं था, फिर भी उसको भी चोदना मेरी ड्यूटी थी और सच कहूँ तो हेमा चुदाई की मास्टर थी, इतना अधिक चुदाई की शौक़ीन थी कि कोई भी मौका इस काम का नहीं छोड़ना चाहती थी.
हेमा मेरे ऊपर बैठ कर पहले धीरे धीरे से ऊपर नीचे हो रही थी और मैं उसकी काली डोडियों से खेल रहा था लेकिन उसकी चूत इतनी रसीली हो चुकी थी कि उसकी चूत का पानी टपक कर मेरे पेट पर जमा हो रहा था.
सबसे बेखबर आँखें बंद किये हेमा मुझको चोदने में मगन थी.उसके गोल और मोटे मम्मे बार बार ऊपर नीचे हो रहे थे और उसकी बालों से भरी चूत मेरे हरियाले लंड को बार बार पूरा निगल जाती थी और फिर उसका थोड़ा सा रस चूस कर वापस ऊपर हो जाती थी.
मैंने उसकी उभरी हुई चूत में हाथ डाला तो वो अत्यंत गीली हो चुकी थी लेकिन मैंने उसके मोटे भग को छूना और मसलना शुरू कर दिया और अब हेमा की चुदाई स्पीड एकदम से तेज़ होने लगी और मैं उसके उछलते स्तनों को एक हाथ से पकड़ कर मसलने लगा.
अचानक सबने देखा कि हेमा का मुंह थोड़ा सा खुला और एक ज़ोरदार हुंकार उसके मुंह से निकल गई और वो स्खलित होते हुए मेरे ऊपर पसर गई.उसकी सिकुड़ती हुई चूत मेरे लंड को दोहने की कोशिश में थी लेकिन मेरी ट्रेनिंग और सेल्फ कंट्रोल के कारण मेरा एक बूँद वीर्य भी नहीं निकला इस सारी चुदाई प्रकरण में!
लेकिन इस चुदाई सेशन और फिर सारा दिन की कामुक डांस प्रक्रिया के कारण मेरे अंडकोष में वीर्य को रोकने के कारण थोड़ा भारीपन आ रहा था और अब उचित समय था कि मैं वीर्य स्खलन कर लेता तो जैसे ही मैं हेमा को चोद कर उठा, सामने नैना आ गई और मैंने उसको पकड़ा और बेड पर लिटा दिया और सिर्फ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चुदाई शुरू कर दी.
ऐसी तेज़ धकम्पेल शुरू की मेरे बेलगाम घोड़े ने कि नैना की एकदम रसीली चूत भी उसको नहीं रोक सकी.गहरे धक्के, ज़ोरदार धक्के मारते हुए मैंने नैना को चोदना शुरू कर दिया.इतनी देर से चुदाई के माहौल में रहते हुए नैना भी अपनी कामुकता के शिखर पर पहुँच चुकी थी, वो जल्दी ही अपने चूतड़ों को उठा उठा कर मेरे लौड़े का स्वागत कर रही थी.
आँखों ही आँखों से वो मेरा धन्यवाद कर रही थी कि मैंने देखा डांस वाली सारी लड़कियाँ गुरु और चेले की लंड और चूत की लड़ाई बड़े ध्यान से देख रही थी.नैना मेरी हालत से पूरी तरह से वाकिफ थी और वो चाहती थी कि मेरा वीर्य जल्दी छूट जाए लेकिन मैं भी इस कोशिश में था कि हम दोनों साथ साथ छूटें.
फिर नैना का शरीर एकदम अकड़ा और उसका पानी भी छूटने लगा और तभी नैना की चूत ने एक ट्रिक खेली और मैं भी अपने वीर्य के बाँध को रोक नहीं सका और मेरा भी फव्वारा ज़ोर से छूटा और मैं नैना के गुदाज़ शरीर पर लुढ़क गया.नैना ने मेरे सर को सहलाया और हम दोनों उठ बैठे.और यह देख कर सब लड़कियाँ हैरान थी कि मेरा लंड अभी भी पूरी तरह से खड़ा था और हवा में लहलहा रहा था.

कहानी जारी रहेगी.

 

दोनों मैडमों की चूत चुदाई


नैना ने मेरे सर को सहलाया और फिर हम दोनों उठ बैठे और यह देख कर सब लड़कियाँ हैरान थी कि मेरा लंड अभी भी पूरी तरह से खड़ा था और हवा में लहलहा रहा था.थोड़ी देर बाद हम दोनों बाइक पर बैठ कर हवेली पहुँच गए.
मैं अपने कमरे में पहुँचा ही था कि पर्बती आई और बोली- छोटे मालिक, आपको मम्मी और बड़े मालिक याद कर रहे थे, कहा है कि जैसे ही आप पहुँचें, मैं आपको बता दूँ!यह कह कर वो जाने लगी लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़ लिया, उसको अपनी तरफ खींच उसके लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी और साथ ही उसके मोटे गुदाज़ मुम्मों को भी मसल दिया.वो कहती रही- यह क्या कर रहे हो छोटे मालिक? कोई आ जाएगा, छोड़ो न प्लीज!
जैसे जैसे वो बोलती थी, वैसे ही मैं उसके जिस्म पर हाथ लगा रहा था.मैंने उसको आलिंगन में लेकर उसकी धोती को ऊपर उठा दिया और उसकी बालों से भरी चूत पर हाथ फेरने लगा.पर्बती की चूत एकदम सूखी थी, उसको ऊँगली से गीली किया मैंने, उसको कहा कि आज रात वो काम खत्म करके मेरे कमरे में आ जाए, आज उसकी चुदाई की रात है.
मैं जल्दी से मम्मी पापा के कमरे में पहुँच गया जहाँ वो मेरा इंतज़ार ही कर रहे थे.पापा बोले- सतीश बेटा पिछले कुछ दिनों से मैं देख रहा हूँ कि तुम बहुत ही ज़्यादा काम कर रहे हो, जब से ये फिल्म वाले यहाँ आये हैं, तुम्हारा काम बहुत ही बढ़ गया है, तुम छुट्टियाँ मनाने यहाँ आये हो बेटा, काम करने नहीं.मैं बोला- नहीं पापा, काम कोई ख़ास ज़्यादा नहीं है और मुझको इस काम में बहुत अधिक मज़ा आ रहा है, और फिर सारा काम तो नैना और उसकी सहेलियों ने संभाल लिया है, मैं तो ऊपर से ज़रा देखभाल कर रहा हूँ.मम्मी बोली- शाबाश सतीश, तुम वाकयी में बड़े हो रहे हो.

मैं ज़रा झिझकते हुए बोला- पापा वो फिल्म वालों ने मुझको डांस ग्रुप में भी शामिल कर लिया है तो मैं डांस की शूटिंग डांसर्स के साथ कर रहा हूँ.पापा मम्मी दोनों बहुत खुश हुए और पापा बोले- वेरी गुड बेटा, यह तो बहुत ही अच्छी खबर तुमने सुनाई. हमने तुमको इसलिए बुलाया है कि कल हम 3 दिनों के लिए बरेली जा रहे हैं जहाँ मेरे एक ख़ास दोस्त की लड़की की शादी है तो पीछे से तुमने घर को संभालना है! ठीक है?मैं बोला- वो तो मैं संभाल लूंगा लेकिन यह पंचोली साहिब से आपकी क्या बात हुई है पैसे के बारे में?
पापा बोले- पंचोली साहिब ने एक लाख रुपया एडवांस में जमा कर दिया है मुनीम जी के पास! पैसे का हिसाब किताब वो देख रहे हैं, जब ये लोग जाएंगे तो फाइनल हिसाब मुनीम जी कर लेंगे. ये लोग तुमको क्या फीस दे रहे है डांस के लिए?मैं बोला- मैंने पूछा नहीं डांस डायरेक्टर से! कुछ दे दें तो इनकी मर्ज़ी है और अगर ना भी दें तो फ़र्क नहीं पड़ता क्यूंकि मैं बड़ा मज़ा ले रहा हूँ.पापा बोले- ठीक है सतीश बेटा, जैसा तुम ठीक समझो. हम सुबह जल्दी चले जाएंगे. जाओ बेटा, अब सो जाओ बेटा, सारे दिन की भाग दौड़ से थक गए होंगे.
मैं अपने कमरे में पहुँचा ही था कि देखा मधु मैडम और रूबी के कमरे की लाइट जल रही है, मैं दरवाज़ा खटका कर अंदर घुस गया.दोनों एकदम नंगी एक दूसरी के साथ गुंथी लेटी हुई थी और लेस्बो सेक्स में लीन थी, मुझको देख कर दोनों एकदम चौंक गई.मैं बोला- वेरी सॉरी मैडम जी, मैंने तो दरवाज़ा खटखटया था लेकिन शायद आप बहुत बिजी थी इसीलिए सुना नहीं. कुछ हेल्प करूँ आप दोनों की?रूबी तो चुप रही लेकिन मधु मैडम बोली- अरे सतीश राजा, आओ आओ, क्या ठीक टाइम पर आये हो!
मधु मैडम वैसे ही नंगी खड़ी हो गई और आगे बढ़ कर मुझ को अपने से लिपटा लिया, मेरी चुम्मियाँ लेती हुई मेरे को सारे कमरे में घुमाने लगी.मेरे को अपने से चिपकाए हुए ही बोली- यार सतीश, क्या सेक्सी डांस किया था आज तुमने! मेरी तो पुसी में क्लिट्टी खड़ी हो गई थी! उफ़्फ़ क्या फड़कता डांस था!मैं बोला- मैडम जी, डांस के स्टेप्स तो आप दोनों के ही थे, बहुत ही हॉट डांस है! क्या यह सेंसर बोर्ड से पास हो जाएगा मैडम?मधु मैडम बड़े जोश से बोली- ज़रूर होगा! आओ सतीश राजा, अपने कपड़े उतार दो, फिर चिपको डांस करते हैं हम तीनों.
मैंने रूबी मैडम की तरफ देखा, वो अपनी चूत में ऊँगली डाल कर हल्के हल्के अपनी भग को मसल रही थी.मैंने कहा- ठीक है!मधु मैडम ने जल्दी से मेरे कपड़े उतार दिए और फिर मैं और मधु मैडम धीरे धीरे से चिपको डांस करने लगे.
डांस करते वकत मेरा लंड मैडम की चूत में ऊपर से घुसा हुआ था और उसकी भग को रगड़ मार रहा था.जैसे जैसे मैडम को मज़ा आ रहा था, वैसे वैसे ही वो मेरे से चिपकती जा रही थी.
 
दो तीन चक्कर कमरे के लगाने के बाद वो मुझको लेकर बेड पर आ गई, मुझको बेड पर लिटाने की कोशिश करने लगी लेकिन मुझको तो चिपको डांस में बड़ा आनन्द आ रहा था तो मैं उसको कस कर कर अपने से चिपकाये हुए घूमता रहा और 2 चक्कर के बाद ही लंड और भग की घिसाई के कारण मधु मैडम का पानी छूट गया और वो कांपती हुई मेरे गले से लिपट गई.
रूबी मैडम अब उठी और अपने उन्नत उरोजों के साथ एक गज गामिनी की तरह मेरी तरफ बढ़ी, आँखों में कामुकता की खुमारी लिए हुए वो मेरे निकट आई और मेरे सीधे तने हुए लौड़े को अपने हाथ में ले लिया और उसको चूम कर बोली- क्यों बे लंडम, तुझको अपने पर बड़ा घमंड है ना कि तुझको कोई हरा नहीं सकता? चल आ, आज मैं तेरा घमंड चूर चूर कर दूंगी साले.यह कह कर वो नीचे बैठ गई और मेरे लंड को पागलों की तरह चूमने और चूसने लगी.
उसका चुसाई का खेल कोई 10 मिन्ट चला होगा लेकिन जब लंड पर कोई असर नहीं पड़ते देख कर वो मुझको खींच कर बिस्तर पर ले गई और मुझको नीचे लिटा कर आप मेरे ऊपर चढ़ बैठी और बड़े ज़ोर की धक्काशाही शुरू कर दी.मैं मन ही मन मुस्करा रहा था क्यूंकि इस चुदाई के दौरान वो दो बार स्वयं झड़ चुकी थी लेकिन फिर भी हार नहीं मान रही थी.
मैं भी अपनी बाहें अपने सर के नीचे रख कर बड़े आलखन से रूबी के करतब देख रहा था.जब दो बार रूबी फिर छूट गई तो थक कर मेरे ऊपर पसर गई तब मधु मैडम आगे बड़ी और रूबी को हटा कर खुद मेरे लौड़े पर विराजमान हो गई.जब उसने भी सारे हथकंडे आज़मा लिए और स्वयं 3 बार पानी छोड़ गई और मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकी तो उसने भी हाथ खड़े कर दिए.
तब मधु मैडम ने कहा- उफ़्फ़ रूबी, मैं तो भूल गई सतीश राजा तो बिमारी से ग्रस्त है इस बिमारी की वजह से इसका लंड काफी देर खड़ा रह सकता है और कोई चूती इसको हरा नहीं सकती और जब यह चाहे इसका वीर्य भी छूट सकता है.रूबी बोली- मधु मैडम जी, आपको यह पहले बतलाना चाहिए था ना! हम खामख्वाह इतनी मेहनत करते रहे इसका छुटाने के लिए! इस चक्कर में मेरा 4-5 बार छूट गया!
मैंने कहा- अच्छा चलो आज की सभा विसर्जित करते हैं और कल देखेंगे क्या होता है? वैसे मैडमो, आपका चिपको डांस हिट हो जाएगा अगर सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया तो! अच्छा मुझको क्या मिलने वाला है इस डांस के लिए?
मधु मैडम बोली- तुमको क्या चाहिए सतीश यार? तुम्हारे पास तो सब कुछ है धन, मन, लन, फन और क्या चाहिए?मैं बोला- मैडम जी, मेरी जेब खर्ची के लिए पैसे चाहिए होते हैं ना! मैंने आपके लिए इतने दिन डांस किया और मुफ्त का मैनेजर बना तो उसका कुछ तो फायदा होना चाहिए ना?मधु मैडम बोली- तुम घबराओ नहीं सतीश यार, मैंने पंचोली साहिब से बात कर ली है, उन्होंने कहा है कि वो तुमको उचित मेहनताना देंगे.
मैं बहुत खुश हो गया और मैं जोश से बोला- वाह मैडम जी, चलो इसी ख़ुशी में आप दोनों को एक एक बार और चोद देता हूँ!दोनों मैडम एक साथ चिल्ला पड़ी- नहीं सतीश, तेरे लंड ने तो हमारी चूतें चोद चोद कर लाल कर दी हैं, इनको सुजा दिया है. अब दो दिन कोई लंड वंड नहीं चाहिए.
मैं हँसते हुए अपने कमरे में आ गया और लाइट जलाई तो देखा कि पर्बती मेरे बिस्तर पर सर रख कर नीचे फर्श पर बैठे ही सो गई थी.मैं अपने कपड़े बदल कर बाथरूम से बाहर निकला और उसको हल्के से जगाया और जब वो जगी तो मैंने उसको उठा कर उसकी धोती इत्यादि उतार कर पूरी नंगी कर दिया और स्वयं भी नंगा हो गया और उसको लेकर अपने बेड में लेट गया.
पर्बती का शरीर एकदम फ्रेश और जवान था क्यूंकि उसकी उम्र भी ज़्यादा नहीं थी और उसकी शादी में चुदाई भी बहुत कम हुई थी तो उसको चोदने का अपना ही कुछ अलग आनन्द था.मैं उसके लबों को चूमने के बाद उसके गोल गुदाज़ मुम्मों को चूसने लगा और उसकी मोटी चूचियों को मुंह में रख कर गोल गोल घुमाना मुझको बहुत ही अच्छा लगता था.

 
साथ साथ मैं उसकी बालों भरी चूत के अंदर छुपी भग को भी हल्के से मसल रहा था और इस तरह कुछ ही समय में वो मुझको अपने ऊपर आने का न्योता देने लगी और मैंने उसको फ़ौरन घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया.
क्यूंकि पर्बती काफी अरसे से नहीं चुदी थी तो वो पहली बार बड़ी जल्दी ही झड़ गई लेकिन मैं आज उसको पूरा काम सुख देना चाहता था. मैंने उसको लिटा कर और स्वयं भी लेट कर उसके पीछे से अपना लंड उसकी फूली चूत में डाल दिया और फिर आहिस्ता चुदाई का माहोल बना दिया. जिसमें दोनों प्रतिद्वंदी बड़े आलखन से एक दूसरे को काम सुख प्रदान करते हैं.
इस पोज़ के बाद मैंने पर्बती को अपने ऊपर बिठा लिया और वो ऊपर से मुझको चोदने लगी.क्यूंकि ऊपर वाले पोज़ में चुदाई की लगाम औरत के हाथ में होती है, वो जैसे चाहे जिस स्पीड से चाहे अपने आदमी को चोद सकती है और स्वयं पूरा आनन्द ले सकती है.पर्बती मुझ को आनंद से चोद रही थी और अभी तक कुल मिला कर 5-6 बार छूट जाने के कारण पूरी तरह से तृप्त और संतुष्ट हो चुकी थी लेकिन फिर भी वो अभी भी वो मुझ को ऊपर से पूरे जोश से चोद ही रही थी कि जाने कब मैं गहरी नींद में सो गया.
सुबह उठा तो पर्बती जा चुकी थी और मेरे रात के कपड़े भी मुझको पहना गई थी.थोड़ी देर बाद नैना मेरे लिए चाय लेकर आई और हम दोनों ने मिल कर चाय पी. उसने बताया कि मम्मी पापा सुबह जल्दी चले गए थे.मैंने नैना से पूछा- शूटिंग कब तक चलेगी? मेरे कॉलेज वापस जाने के दिन भी नज़दीक आ रहे हैं.नैना बोली- मेरे ख्याल से 3-4 दिन और चलेगी शायद.मैं बोला- नैना, तुम सारे खर्चे का हिसाब रूबी मैडम से कर रही हो ना? जितना भी दुकान वाले का हिसाब है वो साथ ही साथ निबटा दिया करो, नहीं तो बाद में सारा खर्च हम पर आ जाएगा.
नाश्ते के टेबल पर रूबी और मधु मैडम भी मिल गई और उन्होंने बताया कि आज कोई खास प्रोग्राम नहीं है शूटिंग का सो सब फ्री हैं जैसा चाहें वो कर सकते हैं.मधु मैडम ने मुझसे पूछा- सतीश, यहाँ कुछ ख़ास चीज़ है देखने के लिए?मैं बोला- कोई खास जगह या चीज़ तो नहीं है देखने के लिए यहाँ पर अगर आपकी मर्ज़ी हो तो हमारा घोड़ों का स्टड फार्म है यहाँ जो शायद आप देखना चाहें?
मधु मैडम बोली- स्टड फार्म क्या होता है?मैं बोला- यहाँ हमारे फार्म में घोड़े और घोड़ियाँ पाले जाते हैं और कई दूसरी ज़मींदार अपनी घोड़ियों को हरा करवाने भी आते हैं.मधु मैडम बोली- घोड़ियों को हरा कैसे किया जाता है? कभी देखा नहीं.मैं बोला- पापा ने कुछ ख़ास नसल के घोड़े पाले हुए हैं जो सिर्फ घोड़ियों के साथ सेक्स करके उनके बच्चे पैदा करना का काम करते हैं.मधु और रूबी मैडम दोनों साथ ही बोली- अच्छा एनिमल सेक्स? क्या हम देख सकते हैं? पहले कभी देखा नहीं.मैंने कहा- हाँ, देख सकते है लेकिन पहले मुझको कन्फर्म करने दो अपने स्टड फार्म मास्टर से कि कोई घोड़ी आई हुई है हरी होने के लिए!
मैंने लखन सिंह को पुछवा लिया और उसने बताया कि आज दो बाहर की घोड़ियों को हरा करना है और एक अपने फार्म की घोड़ी को भी हरा करना है और उसने कहा कि आप मेहमानों को ला सकते हैं यह दिखाने के लिए!
मैंने सब मैडमों को बता दिया और उन्होंने फैसला लिया कि वो सब डांसर्स को ले जाएंगी यह खेल दिखाने के लिए!कॉटेज में लड़कियों से बात हो गई और वो सब यह देखने के लिए बहुत अधिक इच्छुक थीं.

कहानी जारी रहेगी.

 

स्टड फार्म और नदी में स्नान


मैंने सब मैडमों को बता दिया और उन्होंने फैसला लिया कि वो सब डांसर्स को ले जाएंगी यह खेल दिखाने के लिए!कॉटेज में लड़कियों से बात हो गई और वो सब यह देखने के लिए बहुत अधिक इच्छुक थी.
मैडम की कार में दो तीन ट्रिप में सब लड़कियाँ स्टड फार्म पहुँच गई.मैं और नैना भी उनके लिए लंच का सारा इंतज़ाम करके स्टड फार्म अपनी बाइक पर पहुँच गए.लखन सिंह ने नाश्ते पानी का इंतज़ाम कर रखा था सो सबने पहले जलपान किया और फिर लखन सिंह हम सबको लेकर घोड़ों के अस्तबल ले गए जहाँ घोड़ियों के गर्भाधान की तैयारी चल रही थी.
सब लड़कियों को पता नहीं था कि क्या होने वाला है सो वो मेरे से पूछ रही थी कि क्या करेंगे ये लोग!जब मैं बताने लगा तो सारी लड़कियाँ मुझ को घेर कर खड़ी हो गई और जब मैंने बताया कि घोड़े का 2-3 फ़ीट का लंड घोड़ी की चूत के अंदर घोड़ा डालेगा तो घोड़ी के बच्चा होने की सम्भावना बन जाती है.
तब हेमा धीरे से फुसफुसाई- कल जब तुमने हम सबके अंदर अपना लंड डाला तो क्या हमारे अंदर भी बच्चा होने की सम्भावना बढ़ गई थी?मैं जानता था कि वो मेरी टांग खींच रही है सो मैंने भी उसी लहजे में धीरे से उसको बताया- हाँ, सम्भावना तो बढ़ जाती अगर मैं आप सबकी चूत में अपने लंड से वीर्य की पिचकारी मार देता तो? लेकिन आप सबने नोट किया होगा कि मेरा एक बूँद भी वीर्य नहीं छूटा था किसी की चूत में तो किसी को भी बच्चा होने की कोई सम्भावना नहीं है.

हम ये बातें कर ही रहे थे कि हमारा स्टार घोड़ा एक घोड़ी के पास लाया गया और वो पहले घोड़ी के चारों तरफ घूमा और फिर घोड़ी की चूत को सूंघा और फिर घोड़ी के पास गया और उसके मुंह के साथ कुछ देर छेड़छाड़ करने लगा और फिर वो वापस घोड़ी के पीछे आया और फिर उसकी चूत को सूंघा और फिर उसका लंड एकदम से खड़ा हो गया और वो एक झटके से घोड़ी के ऊपर चढ़ा और उसके 3 फुट लम्बे लंड को ज़ोर से घोड़ी की चूत के अंदर डाल दिया, कुछ पल आगे पीछे होने लगा और फिर उसने अपने लंड से ज़ोरदार पिचकारी वीर्य की छोड़ी और घोड़ी की चूत को पानी से भर कर वो नीचे उतर आया.
इसी तरह दूसरी घोड़ी भी तैयार कर के लाई गई और उस पर दूसरे घोड़े को चढ़ाया गया और वैसे ही उसका भी पानी छूट कर घोड़ी की चूत को पानी से भर गया.
मैंने लड़कियों को ध्यान से देखा कि सबके चेहरे कामुकता की गर्मी से लाल हो रहे थे और 2-3 अपने दुपट्टे को आगे करके अपनी ऊँगली से अपनी भग को सहला रही थी.मेरे आगे खड़ी हुई तीन चार लड़कियाँ अपने चूतड़ों को मेरे लंड के साथ जोड़ कर हल्के से रगड़ा लगा रही थी और इस काम में मैं उनकी पूरी सहयता कर रहा था, एक के साथ रगड़ लगा कर दूसरी के पीछे शिफ्ट हो रहा था और तीसरी के चूतड़ों को हाथ से सहला रहा था.जब बाकी लड़कियों ने इस खेल के आनन्द को समझा और मेरे आगे पीछे होने लगी तब तक दो घोड़ियाँ हरी हो चुकी थी और बाकी एक घोड़ी रह गई थी, उसके पीछे जब घोड़ा खड़ा हुआ तो वो बहुत ही बिगड़ रही थी और पास आने वाले घोड़े को लातें मार रही थी.
इस घोड़ी के लिए लखन सिंह खुद भी अंदर चला गया और धीरे धीरे कुछ अस्फुट शब्द बोलते हुए बिगड़ी घोड़ी के बालों को सहलाने लगा और उसके कान में कुछ बोलने लगा और थोड़ी देर में ही वो घोड़ी कुछ शांत हो गई.अब वो मस्त काला घोड़ा घोड़ी के चारों तरफ घुमा और फिर अपना बहुत ही बड़ा लंड निकाल कर घोड़ी के ऊपर चढ़ गया. कुछ देर वो आगे पीछे हुआ और फिर अपने वीर्य का फव्वारा छोड़ता हुआ नीचे उतर आया.
मेरे आगे खड़ी लड़कियों तो अब इतनी अधिक कामातुर हो चुकी थी कि वो अपनी गांड मेरे लंड के साथ खूब रगड़ रही थी और मैं भी सब के चूतड़ों को अपने पैंट में छुपे लंड से हरा पीला कर रहा था.उधर दोनों मैडमों को नैना समझा रही थी और मैंने नोट किया कि रूबी मैडम तो खुले आम अपनी ऊँगली अपनी चूत में डाले नैना के साथ सट्ट के खड़ी थी.

 
इधर डांसर लड़कियों के साथ हम सब वापसी चल पड़े और तब मैंने उन लड़कियों से पूछा कि क्या उन्होंने कभी नदी में नहाने का आनन्द लिया है?सब बोली- नहीं… लेकिन जुहू बीच में समुद्र में बहुत बार नहाई हैं.मैंने पूछा- क्या नदी में स्नान करने की इच्छा है किसी की?सब बोली- हाँ इच्छा तो है पर यहाँ नदी कहाँ है जिसमें नहाया जा सके?मैं बोला- जहाँ शूटिंग हुई थी ना, उसी नदी में नहा सकते हैं अगर सबकी मर्ज़ी हो तो!जूली बोली- अरे सतीश, उसमें तो पानी ही नहीं है ज़्यादा. नहा कहाँ सकते है उसमें?मैं बोला- जगह है जहाँ आप सब अच्छी तरह से नहा सकती है सारे कपड़े उतार कर… आप सब की मर्ज़ी हो तब ही प्रोग्राम बन सकता है?सब बोली- सतीश बनाओ प्रोग्राम नहाने का, हम तैयार हैं.
थोड़ी देर में नैना हमारी तरफ आती हुई दिखाए दी, मैंने उससे पूछा- ये लड़कियाँ नदी में नहा सकती है क्या?और साथ ही नैना को आँख भी मार दी.नैना बोली- हाँ, एक जगह है जहाँ गाँव वाली औरतें भी नहाती हैं, ये सब वहाँ नहा सकती हैं अगर इनकी मर्ज़ी हो तो!
सब डांसर्स तैयार हो गई और कॉटेज में जाकर सब अपने नहाने वाले कपड़े बदल कर आ गई और नैना उनको कार में ले गई और वहीं उतार दिया जहाँ गाँव वाली औरतें नहा कर जा चुकी थी.सबको वो जगह बड़ी पसंद आई और वो और भी खुश हुई जब उनको नैना ने बताया कि यहाँ गाँव के मर्दों का आना सख्त मना है तो वो बगैर किसी प्रॉब्लम के यहाँ खुले आम नहा सकती हैं, अगर चाहें तो पूरी नंगी भी नहा सकती हैं.
मैं अपनी बाइक पर बैठ कर अपनी पुरानी झाड़ी में छुपने वाली जगह पर आ गया और बाइक को थोड़ी दूर छुपा कर पार्क कर आया और जा कर अपनी ख़ास जगह में बैठ गया.मैं वहाँ टाइम पास करने के लिए 6 कोका कोला की बोतलें भी साथ ले आया था.
जब मैंने झाड़ी का पर्दा हटा के देखा तो डांसर्स सब नहाने के लिए तैयारी कर रही थी, दो लड़कियों को नैना मेरी वाली झाड़ी की तरफ ला रही थी.मैं समझ गया कि नैना ज़रूर उनको पेशाब करवाने ला रही होगी और वही हुआ, उसने दोनों को बताया कि वो झड़ियों की तरफ मुंह करके पेशाब कर सकती हैं.
नैना ने उनको यकीन दिलाया कि यहाँ कोई भी आदमी नहीं आ सकता सो वो चाहें जितना बेशर्म हो कर सब कुछ कर सकती हैं.दोनों ने अपने चारों और देखा और फिर सलवार को ढीला कर के पेशाब करने बैठ गई.
क्यूंकि वो सब मेरे सामने ही हो रहा था, मैं उनकी यह सेक्सी हरकत देख रहा था.दोनों लड़कियों को मैंने डांस करते हुए देखा था लेकिन वो मेरे से चुदाने के लिए अभी तक नहीं आई थी. वो शायद कमरा नम्बर 7 की लड़कियाँ थी लेकिन दोनों काफी सुडौल और सुन्दर थी. दोनों की चूत पर काले बालों की गहरी घटा छाई हुई थी और उनके पेशाब की धार उसी बालों भरी गुफा से निकल कर काफी दूर तक जा रही थी.
दोनों बातें भी कर रही थी जो मुझको साफ़ सुनाई दे रही थी.जो लड़की लाल रंग की सलवार कमीज पहने थी वो बोली- क्यों नीलू, क्या आज रात सतीश हमको फक कर पायेगा कि नहीं? बड़ी खुजली हो रही है चूत में यार!नीलू बोली- देख सोनल, आज नहीं तो कल बारी आ ही जायेगी, ज़रा सब्र कर यार! वैसे लड़का है बड़ा ही सेक्सी, मैं तो चूम चूम कर साले को आधा कर दूंगी.सोनल बोली लड़का है बड़ा ही किमामी, साले की नशीली आँखें और ज़ोरदार लंड कमाल का है.जल्दी ही दोनों पेशाब कर के चली गई.
उनके जाने के बाद झाड़ी के बाहर नदी की तरफ देखा तो सब लड़कियाँ पानी में अठखेलियाँ कर रही थी और एक दो ने तो अपनी कमीज उतार रखी थी और अपने नंगे मम्मों के साथ आपस में खूब चूमा चाटी कर रही थी और खूब छेड़छाड़ का माहौल बना हुआ था.
थोड़ी देर बाद देखा कि नैना झाड़ी की तरफ आ रही है और मेरे सामने बैठ अपनी साडी ऊंची करके पेशाब करने लगी और साथ ही बोली- क्यों छोटे मालिक, सब ठीक चल रहा है ना?मैं बोला- सब ठीक है नैना रानी, मेरे दिल और मेरे लंड की मल्लिका, वो जो लाल रंग की सलवार पहने लड़की है न, उसका नाम सोनल है, उसको चुदाई की बहुत इच्छा है, वो जल्दी चुदना चाहती है मुझसे! तुम उसको यहाँ ले आओ प्लीज और कहना कि सतीश बुला रहा है.नैना हंस के बोली- वाह छोटे मालिक, आप और आपका यह लंडम चूत के बेहद भूखे हो, अभी लेकर आती हूँ साली सोनल को!
तब तक मैं बाहर का नज़ारा देख रहा था, कुछ लड़कियों ने पतले सफेद कुर्ते और साथ में सफेद पजामी पहन रखी थी तो उनके कुर्ते भीगने के बाद एकदम से पारदर्शी हो चुके थे और सफेद पजामी से उनकी चूत के काले बालों की एक झलक भी यदा कदा नज़र आ जाती थी.
कुल मिला कर बड़ा ही मन मोहक और लंड दोहक दृश्य था. मोटे और गोल मुम्मे और गोल उभरे हुए चूतड़ों की तो भरमार थी जिधर देखो उधर ही वो दिख रहे थे.दो चार लड़कियाँ कुछ अधिक कामातुर हो चुकी थी, वो आपस में खूब छेड़छाड़ और पकड़म पकड़ाई में लीन थी.

कहानी जारी रहेगी.

 

नदी में स्नान और चूत चुदाइयाँ


नैना हंस के बोली- वाह छोटे मालिक, आप और आपका यह लंडम चूत के बेहद भूखे हो, अभी लेकर आती हूँ साली सोनल को!
तब तक मैं बाहर का नज़ारा देख रहा था, कुछ लड़कियों ने पतले सफेद कुर्ते और साथ में सफेद पजामी पहन रखी थी तो उनके कुर्ते भीगने के बाद एकदम से पारदर्शी हो चुके थे और सफेद पजामी से उनकी चूत के काले बालों की एक झलक भी यदा कदा नज़र आ जाती थी.
कुल मिला कर बड़ा ही मन मोहक और लंड दोहक दृश्य था. मोटे और गोल मुम्मे और गोल उभरे हुए चूतड़ों की तो भरमार थी जिधर देखो उधर ही वो दिख रहे थे.दो चार लड़कियाँ कुछ अधिक कामातुर हो चुकी थी, वो आपस में खूब छेड़छाड़ और पकड़म पकड़ाई में लीन थी.कुछ देर बाद मुझको बाहर से किसी के खांसने की आवाज़ आई तो मैंने झाड़ी से नदी की साइड वाली खिड़की फ़ौरन बंद कर दी और तभी नैना और सोनल अंदर आ गई.सोनल झाड़ी वाली जगह को देख कर बड़ी खुश हुई और आते ही मुझ से लिपट गई और बोली- वाह!!! क्या बात है सतीश यार, क्या जगह है यह छुपने के लिए और सब कुछ करने के लिए!!

मैं मुस्कराते हुए बोला- जगह तो अच्छी है लेकिन क्या तुम सब कुछ करवाने के लिए तैयार हो?सोनल बोली- सच बताना सतीश, तुमको कैसे पता चला कि मैं सब कुछ करवाने के लिए तड़प रही हूँ?मैं बोला- मैं तो स्टड फार्म में ही तुमको देख कर जान गया था कि यह एक लड़की है जो सब कुछ करवाने के लिए तड़प रही है. क्यों ठीक है ना? तुमने घोड़ा जब घोड़ी पर चढ़ा तो तुम्हारा हाथ तुम्हारी पुसी पर ही था और तुम छुप कर आनन्द ले रही थी. क्यों सच है ना?
सोनल थोड़ी शरमाई और हाँ में सर हिला दिया.
तब नैना बोली- अरे तुम दोनों जल्दी करो ना… नहीं तो बाहर नदी पर सोनल को सब खोजने लगेंगे.
मैंने सोनल को खींच कर अपने पास ले लिया और ताबड़तोड़ उसके लबों पर चुम्मियों की बारिश कर दी और हाथों से उसके मोटे गोल मुम्मों को भी मसलने लगा.सोनल ने भी देर लगये बगैर मेरे लंड को पैंट से निकाल कर सीधा अपने मुंह में ले लिया और खूब जोश से उसको चूसने लगी.
नैना ने इशारा किया कि हम जल्दी करें तो मैंने सोनल को उठाया और उसकी गीली सलवार को नीचे खिसका दिया, उसकी बाहर से गीली चूत को थोड़ी देर चाटा और फिर उसको उठा कर झाड़ी के सहारे थोड़ झुका कर खड़ा कर दिया और पीछे से अपने खड़े लंड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया और धीरे धीरे उसको पूरा का पूरा अंदर डाल कर हल्के धक्के मारने शुरू कर दिए.
मैं सोनल की एकदम गोरी गांड और उसके रेशमी चूतड़ों को मसल रहा था और जैसे ही मैं अपने हाथ उसकी फड़कती चूत के अंदर डाल कर उसकी भग को रगड़ने लगा तो सोनल तेज़ी से आगे पीछे होने लगी और मैंने भी धक्कों की स्पीड और तेज़ कर दी.
सोनल इतनी अधिक कामातुर हो चुकी थी आज सुबह घोड़ों की चुदाई देख कर कि वो जल्दी ही पानीपत की पहली लड़ाई में धराशयी हो गई और ‘मैं मरी रे… मैं गई रे…’ कहते हुए मेरे लंड के साथ आकर चिपक गई.लेकिन मैंने नोट किया कि सोनल अभी भी एक बार और चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी.
लेकिन नैना ने उसको उठा दिया और वो मुझको गर्म चुम्मी देकर चली गई और अपनी सहेली नीलू को भेजने का वायदा कर गई.थोड़ी देर बाद नैना नीलू को लेकर भी आ गई.
मैंने सब से पहले नीलू को एक कामुक जफ्फी मारी और उसके होटों को थोड़ी देर चूमा और फिर उसके गोल गुदाज़ मम्मों को चूसने लगा और झुक कर एकदम सिल्की पेट को चूमता हुआ अपनी जीभ को उसकी बेहद गीली चूत पर टिका दिया.मैं उसकी भग को मुंह में लेकर गोल गोल चूसने लगा और वो कामुक होती हुई अपने चूतड़ों को उठा कर मेरे मुंह से बार बार जोड़ रही थी.
नीलू मेरे बालों को पकड़ कर कभी मेरे मुंह को चूत पर दबा रही थी और कभी वो मुंह को हटाने की कोशिश कर रही थी.जब मैंने महसूस किया कि नीलू चुदाई के लिए एकदम बेकरार है तो मैंने उस को नीचे लिटा कर अपनी पैंट को नीचे खिसका कर अपना लौड़ा निकाल कर उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक ही धक्के में लंडम पूरा का पूरा उसकी चूत में चला गया.फिर शुरू हुई नीलू की चुदाई जिसमें लंड को पूरा बाहर निकाल कर पूरा अंदर डालने का क्रम शुरू कर दिया.
और जब नीलू नीचे लेटी हुए बहुत तिलमिलाने लगी तो मैंने तेज़ स्पीड से उसको चोदना शुरू कर दिया और अपने दोनों हाथों को उस के चूतड़ों के नीचे रख कर गहरे धक्के मारना चालू कर दिया.नीलू गहरे धक्कों से जल्दी ही स्खलित हो गई और वो जब छूट रही थी तो उसकी जांघों ने मेरी कमर को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया.जाने से पहले नीलू ने एक टाइट जफ्फी मार कर बहुत ही प्यारा सा थैंक्स मुझको किया.
नीलू को लेकर जब नैना चली गई तो मैंने बाहर की तरफ देखा तो 4-5 लड़कियाँ मेरे छुपने के सामने वाली जगह पर पेशाब करने आ रही हैं और सब एक कतार में बैठ कर अपनी सलवारें ढीली करके पेशाब की ज़ोरदार धार मारने लगी और साथ में बातें भी करती रहीं- आज तो बहुत ही मज़ा आया यार, एक तो घोड़ों के इतने लम्बे लंड के दर्शन हो गए और दूसरे यहाँ नदी में नहाने का मौका मिल गया और अब कोई सतीश का लम्बा लंड भी दिलवा दे तो लाइफ बन जाए!
उन में से एक तेज़ तरार लड़की जिसको मैं नहीं पहचानता था, बोली – काश मेरे अंदर भी घोड़े के माफिक लम्बा और मोटा लंड जा सकता तो मज़ा ही आ जाता.एक और लड़की बोली- साली घोड़े के माफिक लंड तेरे अंदर जाएगा तो वो तेरे मुंह से बाहर आ जाएगा. लंड हो तो सतीश जैसा, ना बहुत बड़ा न ही बहुत छोटा. मेरे बॉय फ्रेंड का लंड तो इतना छोटा है जैसे कि बच्चे की लुल्ली… अंदर जाता है तो पता ही नहीं चलता कि कुछ अंदर गया है या नहीं.
तीसरी बोली- मेरा बॉय फ्रेंड का लंड तो अच्छा है लेकिन अंदर डालते ही झड़ जाता है साला. मेरी चूत उसको हेलो भी नहीं कर पाती कि वो उलटी कर के बाहर निकल जाता है! क्या करें, समझ नहीं आता?
लड़कियों के जाने के बाद मुझको ख्याल आया कि अगर नैना इन लड़कियों की हेल्प करे तो शायद इनकी सेक्स लाइफ सुधर सकती है.मैंने फैसला किया कि आज दोपहर खाना खाने के बाद नैना को कह कर इन लड़कियों की हेल्प कर दी जाए तो शुभ काम होगा.पेशाब करने वाली लड़कियों में मुझको ज़ूबी भी दिखाई दी और मैंने महसूस किया कि वो भी ख़ूबसूरती का मुजस्समा है और उसकी अभी तक चूत लेने का मौका नहीं मिला.

कहानी जारी रहेगी.

 

काला हीरा और जूही की चूत चुदाई


पेशाब करने वाली लड़कियों में मुझको ज़ूबी भी दिखाई दी, मैंने महसूस किया कि वो भी ख़ूबसूरती की एक खूबसूरत मिसाल है और उस की अभी तक चूत लेने का मौका नहीं मिला.नहाने के बाद सब लड़कियाँ वापस कॉटेज में आ गई और अपने अपने कमरों में चली गई.
दोपहर के खाने के बाद कुछ लड़कियाँ सोने के लिए अपने कमरों में चली गई और बैठक में सिर्फ मैं नैना और 2 डांसर बची थी, उनमें ज़ूबी और एक और बहुत ही खूबसूरत लड़की थी जो हमारे साथ बैठक में बैठी थी.मैंने नैना से पूछा- ये दोनों डांसर कौन कौन हैं?
नैना उन दोनों के पास गई और उनको बुला कर अपने पास ले आई और पास बिठा कर पूछने लगी- आप दोनों कौन हैं और यहाँ अकेली चुपचाप क्यों बैठी हैं? आप दोनों की तबियत तो ठीक है ना?दोनों थोड़ी देर सोचती रही फिर बोली- मैं ज़ूबी हूँ और यह है कृतिका, हम रूम नंबर 4 में रहती हैं.नैना ने पूछा- तुम दोनों इतना चुप चुप क्यों हो?
दोनों नैना को कमरे के एक कोने में ले गई और कुछ खुसर फुसर करने लगी और फिर नैना उनको कुछ समझाने लगी और इसके बाद वो उनको लेकर बाहर चली गई.थोड़ी देर बाद वो लौटी और बोली- उन दोनों को कोई औरतों वाली प्रॉब्लम है, मैंने उनको दवाई दे दी और आलखन करने को कहा है, वो अपने कमरे में चली गई हैं.

मैं बोला- अब क्या करें नैना डार्लिंग? चलो हम भी सो जाते हैं किसी कमरे में?नैना बोली- मैं सोच रही थी कि इन काम वालियों को खुश कर देते हैं, आज दिन भर ख़ास तौर से वो काला हीरा बहुत ही फुदक रही है आपसे चुदाने के लिए?मैं बोला- चलो ठीक है यह सुझाव भी, लेकिन नैना डार्लिंग सोचना यह भी है कि फ़िल्मी टोली को कैसे बिजी रखें? क्यूंकि तकरीबन सब लड़कियाँ मुझ से चुद चुकी है और इन सबकी चूतें इस वक़्त पूरी तरह से तसल्ली में हैं. वैसे पता करो कोई लड़की रह तो नहीं गई?नैना बोली- छोटे मालिक रह भी गई है तो उस लड़की को आगे आना चाहिए ना अगर उसको आपसे चुदाने की इच्छा है तो? मैं सोचती हूँ क्यों न हम इन लड़कियों के साथ मिलकर आज रात एक छोटा सा सुंदरता प्रतियोगिता का प्रोग्राम रख लेते हैं जिसमें दोनों मैडमों को जज बना देते हैं.मैं बोला- वाह नैना जान, क्या आईडिया है! साथ में लड़कियों का स्ट्रिप टीज़ का प्रोग्राम भी रख देंगे जिससे सबको बड़ा मज़ा आयेगा ख़ास तौर से मैडमों को और मुझ को. क्यूँ कैसा है यह आईडिया?नैना बोली- वाह छोटे मालिक, क्या दिमाग चलता है आपका चुदाई के बारे में.
मैं बोला- तुम काला हीरा और दुल्हन को पेश करो ऊपर वाले कमरे में और बाद में इन लड़कियों की जो मुखिया है, उसको पकड़ो और उससे बात करो सौन्दर्य प्रतियोगिता के बारे में.मैं उठ कर ऊपर वाले कमरे में चला गया जहाँ एक पलंग बिछा था और जिस पर एक गद्देदार बिस्तर भी लगा था.
थोड़ी देर में काला हीरा उर्फ़ देवकी भी आ गई ठुमकती ठुमकती और उसके आते ही मैंने उसको जकड़ लिया अपनी बाहों में और उसके सांवले चेहरे को चुम्मियों से भर दिया क्यूंकि मैं भी घोड़ों का चोदन देख कर एकदम हॉटम हॉट हो रहा था.
देवकी भी बहुत दिनों से प्यासी थी मेरे लंड की तो उसने सीधे अपना हाथ मेरे लंड पर डाल दिया और उसको खड़ा देख कर हैरान रह गई और बोली- वाह छोटे मालिक, आपका तो मेरे आने से पहले खड़ा है?अब मैंने देवकी के ब्लाउज पर हाथ डाला और उसके मोटे सुडौल मम्मों को मसलने लगा.
देवकी ने ही खुद अपने ब्लाउज को उतार फेंका और और फिर अपनी धोती को भी उतार दिया और मैं उसकी काली बालों से भरी चूत पर मोहित हो गया.देवकी की चूत की खासियत यह थी कि वो आम चूतों से ज़्यादा ऊपर पेट की तरफ थी और खूब उभरी हुई!अगर बाल हटा कर देखा जाता तो वो गोल मोल चूत थी और मस्त दिख रही थी.
मैं उसको लेकर बिस्तर की तरफ चला गया और उसको सीधा लिटा कर अपने कपड़े उतारने लगा लेकिन देवकी एकदम से खड़ी हो गई और आगे बढ़ कर मेरे कपड़े उतारने लगी.जब बैठ कर मेरा अंडरवियर उतारने लगी तो लंड ने उछल कर उसके मुंह पर हल्के से थप्पड़ मारा.देवकी बड़े ज़ोर से हंस पड़ी और बोली- ससुरा बहुत ही शैतनवा हुई गवा रे, हम का प्यार से चपत मारत है साला.
 
अब मैंने देवकी को लिटा कर उसकी जांघों में बैठ कर अपना मुंह उस की चूत पर टिका दिया और उसकी चूत को और उसके अंदर छिपे भग को चूसने और चाटने लगा.
देवकी के साथ ऐसे पहले किसी मर्द नहीं किया था तो वो अपने मज़े को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और मेरे बाल पकड़ कर मेरे सर को हटाने की कोशिश कर रही थी.लेकिन मैंने भी उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उसकी चूत को और ऊपर उठा दिया और लपालप उसकी चूत को चूसने लगा.
थोड़े देर में ही देवकी की चूत खुद ही मेरे सर को अपने साथ में फंसा कर जांघों को ज़ोर से दबाने लगी और साथ ही एक कंपकपी के साथ वो स्खलित हो गई और फिर मेरे मुख ऊपर उठा कर बार बार चूमने लगी.
अब मैं देवकी की चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालने लगा और साथ ही डालने से पहले उसको एक हल्का रगड़ा चूत के ऊपर भी लगाता रहा ताकि वो फिर से गर्म हो जाए.जब मेरा लंड उसकी एकदम गीली चूत के अंदर चला गया तो मैं उसके मुम्मों को चूसने लगा और उसकी गोल काली निप्प्लों को मुंह में ले कर गोल गोल घुमाने लगा.
देवकी अब पूरे कामुकता के जोबन पर थी और ज़ोर ज़ोर से नीचे से मेरे धक्कों का पूरा जवाब दे रही थी.अब मैंने उसकी टांगों को हवा में लहरा कर उसकी ज़ोरदार चुदाई शुरू कर दी और जब वो जल्दी ही फिर स्खलित हो गई तो मैंने उस को साइड में लिटा कर पीछे से धक्कम पेल शुरू कर दी.
इस तरह मैं कई पोज़ बदल बदल कर उसको चोद रहा था और जब वो 3-4 बार छूट गई तो कहने लगी- बस अब और नहीं छोटे मालिक, अब हमका छोड़ देयो ना!
तभी नैना आई और कहने लगी- दुल्हन तो आज आई नहीं, देवकी से ही काम चला लो छोटे मालिक.मैं देवकी के ऊपर से उठा और हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और देवकी को 10 रुपये का इनाम देकर नीचे भेज दिया.
देवकी के जाने के बाद नैना बोली- मेरी सब लड़कियों से बात हुई है, वो सब सुंदरता प्रतियोगिता के लिए तैयार हैं और साथ में कपड़े उतारने की स्ट्रिप टीज़ के लिए भी तैयार हैं, पूछ रही थी जीतने वाली को इनाम क्या मिलेगा?मैं बोला- तुम बोलो क्या इनाम दिया जाए?नैना बोली- 100 रूपए का इनाम काफी है.मैं बोला- हाँ, यह रकम काफी है इस छोटी प्रतियोगिता के लिए… तो फिर आओ दोनों मैडमों से भी बात कर लेते हैं. हाँ पर आज उनके खाने में कुछ ख़ास मुर्गे का कोरमा और मटन चाप बनवा लेना और साथ में गाजर का हलवा बनवा लेना. क्यों ठीक है ना?
नैना बोली- इस सारे खाने का खर्चा तो फ़िल्मी कम्पनी ही उठाएगी ना तो बनने दो यह सब कुछ!हम अभी बातें कर ही रहे थे कि जूही दुल्हन सीढ़ियाँ चढ़ कर के ऊपर आ गई और हम दोनों को नमस्कार करके एक तरफ खड़ी हो गई.
तब नैना ने उससे पूछा- जूही आज जल्दी कैसे चली गई थी तुम अभी तो सिर्फ दोपहर के खाने का काम ही निपटा है और शाम की चाय और रात के खाने का काम अभी करना है ना?जूही बोली- वो दीदी, मेरी सास की तबियत कुछ ठीक नहीं थी, उसको देखने घर चली गई थी. बोलो क्या काम है?नैना बोली- कुछ दिन पहले तू छोटे मालिक को याद कर रही थी ना तो मैंने इसलिए बुलाया था कि कोई ख़ास काम था क्या?
जूही थोड़ी शरमाई और अपना मुंह नीचे कर के बोली- वो छोटे मालिक ने जो मुझ पर किरपा की थी ना तो मैं बहुत दिनों से उनको शुक्रिया देना चाहती थी.मैं बोला- इसमें शुक्रिया किस बात का, वो छोटा सा काम था, मैंने कर दिया. अब सुनाओ पति ठीक से अपना काम कर रहा है ना?जूही फिर उदास होते हुए बोली- कहाँ छोटे मालिक, वो कोशिश तो करता है लेकिन बहुत जल्दी ही झड़ जाता है. मैं क्या करूँ, समझ नहीं आता? उसके साथ वो मज़ा नहीं आता जो आपने मुझको उस दिन दिया था. एक बार और कर दो, मुझको वही आनन्द दे दो छोटे मालिक.
यह कह कर वो हाथ जोड़ने लगी और मैंने उठ कर उसके हाथ पकड़ लिए और नैना की तरफ देखा तो उस ने आँख का इशारा कर दिया, मैंने कहा- अरे जूही दुल्हन, इसमें हाथ जोड़ने की क्या बात है, मैं तो खुद तुमको याद कर रहा था. अगर तुम्हारी बहुत इच्छा है तो आ जाओ मैं तुमको जितना तुम चाहो तुम्हारे साथ चुदाई का खेल खेल सकता हूँ.
नैना ने उठ कर जूही दुल्हन को मेरी बाँहों में डाल दिया और मुझसे कहा- छोटे मालिक, आज आप जूही दुल्हन को अच्छी तरह से चोद डालो ताकि इसके मन की इच्छा कुछ दिनों के लिए पूरी हो जाए. और मैं चलती हूँ दोनों मैडमों को फ़ोन पर सब कुछ बताने के लिए! ठीक है ना छोटे मालिक?मैंने कहा- ठीक है, यह काम ज़रूरी ना होता तो मैं भी तुम्हारे साथ चलता.
नैना के जाने के बाद मैंने जूही को अपनी गोद में बिठा लिया और उसको बेतहाशा चूमने लगा. जूही भी मेरे प्यार का जवाब चुम्मियों से देने लगी और कुछ देर बाद मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसके सुडौल मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और उसके काले चूचुकों को मुंह में लेकर उनको चूसने का आनंद लेने लगा.उसकी चूत पर हाथ लगाया तो वो पूरी गीली हो चुकी थी.

मैं जूही को हाथों में लेकर उठा और अपने खड़े लंड का निशाना जूही की चूत पर मारा और धीरे से अपने लंड को जूही की चूत में घुसेड़ने लगा.मैंने जूही को अपने दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर उठाया हुआ था जिससे लंड को उसकी चूत में बड़ी आसानी से डाला जा सके और लंड अंदर जा कर जूही की चूत के साथ हिलमिल गया और बड़े जोश से उसको चोदने लगा.
मैंने भी जूही के मुंह को अपने होटों को चिपका कर उसको एक बहुत गहरी चुम्मी दी और उसके चूतड़ों को खुद ही आगे पीछे करके आलखन से चोदने लगा.जूही दुल्हन की दोनों बाहें मेरे गले में थी, वो जैसे हो जोश में आती थी मुझको अपनी बाहों की ताकत से अपने साथ चिपका लेती थी और दिल भर की चुंबन दे देती थी.
जूही 2-3 छूट चुकी थी लेकिन अभी भी उस का मन नहीं भरा था तो मैं उसको बिस्तर में लिटा कर उसकी जांघों के बीच बैठ कर उस की ज़ोरदार चुदाई करने लगा और मेरे बहुत ही तेज़ धक्कों के कारण वो मस्त हुई चुद रही थी और कह रही थी- फाड़ दो… फाड़ दो इस साली को… ओह ओह मैं मर गई रे!
पांच मिन्ट की तेज़ चुदाई से वो बहुत अधिक कांपती हुई ज़ोर से झड़ गई और मुझको खींच के अपने से चिपका लिया.मैं उसके ऊपर से हट गया और वो आँखें बंद कर के पड़ी रही बगैर हिले डुले कुछ देर के लिए!फिर वो उठी और जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और मुझको एक कामुक चुंबन देकर चली गई.
उसके जाते ही नैना आ गई और बोली- मेरी मैडमो से बात हो गई है, सुंदरता प्रतियोगिता का प्रस्ताव सुन कर बड़ी खुश हो गई हैं और वो शाम को दोनों यहाँ आ जाएंगी. कह रही थी कि वो कुछ खास पीने का भी प्रबंध कर लेंगी.

कहानी जारी रहेगी.
 
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