XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें - Page 28 - SexBaba
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XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें


ब्यूटी कांटेस्ट से पहले चुदाई


उसके जाते ही नैना आ गई और बोली- मैडमों से मेरी बात हो गई है, सुंदरता प्रतियोगिता का प्रस्ताव सुन कर बड़ी खुश हो गई हैं और वो शाम को दोनों यहाँ आ जाएंगी, कह रही थी कि वो कुछ खास पीने का भी प्रबंध कर लेंगी.
कुछ समय बाद धीरे धीरे डांसर लड़कियाँ बैठक में आने लगी और काफी अधिक उत्सुक लग रही थी, होने वाली सुंदरता प्रतियोगिता से काफी उत्साहित थी.सब आपस में अपने प्रतियोगिता में पहनने लायक कपड़ों के बारे में बहस कर रही थी.हेमा बोली- सुंदरता प्रतियोगिता तो ठीक है लेकिन यह स्ट्रिप टीज़ तो ठीक नहीं लग रहा है.जूली बोली- स्ट्रिप टीज़ में तो सिर्फ कपड़े ही उतारने हैं और वो भी सब औरतों के सामने और अगर कोई मर्द हुआ भी तो वो अपना सतीश राजा ही होगा ना जिसके सामने हम सब कई बार नंगी हो चुकी हैं वो उस से सब करवाते हुए जिसकी इच्छा हम सबको थी. क्यों ठीक है ना? अब बोलो क्या स्ट्रिप टीज़ में कोई प्रॉब्लम है?
सबने ज़ोर से कहा- नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं है, होने दो स्ट्रिप टीज़ को!सब लड़कियाँ मेरे इर्द गिर्द जमा हो गई और तब आबिदा बोली- इस प्रतियोगिता के मुख्य जज तो सतीश जी को होना चाहिए क्यूंकि उन्होंने हम सबको अच्छी तरह से देखा और परखा है, हमारे एक एक अंग से पूरी तरह से वाकिफ हैं और उसका आनंद ले चुके हैं.

नंदा बोली- वो तो सब ठीक है, हमको स्ट्रिप टीज़ करने में कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन इस स्ट्रिप टीज़ के विजेता लड़कियों को सतीश की तरफ से एक ख़ास इनाम दिया जाना चाहिए. क्यों सतीश राजा?मैं बोला- मैं भला किसी को क्या इनाम दे सकता हूँ?आबिदा बोली- तुम्हरे पास इतनी कीमती चीज़ है जिसकी हर लड़की को ज़रूरत है और चाहत है, बोलो दोगे क्या?मैं बोला- अच्छा तो तुम लंडम की बात कर रही हो? वो तो हर वक्त हाज़िर है आबिदा जानम, एक बार नहीं जितनी बार कहोगी, वो तुम्हारी चूत की सेवा करने के लिए तैयार है.
 
तब हेमा बोली- अगर लड़कियों को और सतीश को ऐतराज़ ना हो तो प्रतियोगिता के बाद सब लड़कियों की सतीश के साथ ज़ोरदार चुदाई सेशन हो जाए? क्यों सतीश, तैयार हो चुदाई सेशन के लिए? और क्या तुम सब लड़कियों को चोद सकोगे एक के बाद एक को?
नैना जो सब बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी, बोली- तुम 12 लड़कियों को एक साथ चोदना शायद सतीश के लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन अगर आप 4-4 के ग्रुप में आएँ तो यह काम वो कर सकता है.हेमा बोली- वही तो… मज़ा तो तब है जब 12 लड़कियाँ एक साथ नंगी मलंगी सतीश के चारों तरफ फैली हों और वो किसी के मुम्मे चूसे, किसी की चूत में ऊँगली करे और किसी की चूत में लंड डाल रहा हो और एक चोद कर दूसरी पर चढ़ रहा हो और बिल्कुल ऑर्गी जैसा समा बना हो. उफ्फ्फ मज़ा ही जाए अगर ऐसा हो सकता हो तो!
नैना बोली- ऐसा हो सकता है अगर बाकी लड़कियाँ एक दूसरी के साथ लेस्बो सेक्स में लगी हों और सतीश लाइन से और कायदे से हर लड़की को काम सुख प्रदान कर सकता है… पर क्या दोनों मैडमों को यह हरकत नागवार नहीं लगेगी क्या?हेमा बोली- मैडमों को बताएगा कौन? हम सब तो एक जुट हैं, क्यों फ्रेंड्स?सब ज़ोर से बोली- यस, हममें से कोई भी नहीं बताएगा किसी को, हम सब कसम खाती हैं.
नैना बोली- ठीक है, इस खेल का प्लान मैं बनाऊँगी, या आप में से भी कोई मेरे साथ शामिल होना चाहती है?आबिदा और हेमा दोनों ने हाथ खड़े कर दिए और नैना ने दोनों को मिला कर प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया.सब लड़कियाँ रात में होने वाले ब्यूटी कांटेस्ट के लिए अपने कपड़ों का चुनाव करने में लगी हुई थी और मैं बेकार में ही वहाँ बैठा हुआ था.
जब मैं उठने लगा तो जूली मेरे पास आ गई और मैंने उससे पूछा कि अगर वो कुछ नहीं कर रही तो ज़रा लॉन में घूम लेते हैं?तो वो झट मान गई.हम दोनों हाथ पकड़े हुए लॉन में आ गये.
जूली ने एक लाल फ्रॉक पहना हुआ था जो उसके घुटनों तक ही आ रहा था और वो हवा में खूब लहलहा रहा था. एक दो बार तो वो हवा के तेज़ झोंके के कारण एकदम ऊपर उठ गया और मैंने उसकी वाइट पैंटी के दर्शन कर लिए.
जूली छुपी आँखों से यह सब देख रही थी और मुझको हल्के से अपनी कोहनी मारते हुए बोली- तुम्हारी चोरी पकड़ी गई सतीश जी!मैंने मुस्कराते हुए कहा- कौन सी चोरी जूली जानम?वो भी मुस्करा रही थी और मेरे हाथ को अपनी कमर में लपेट कर बोली- वही तुम कुछ देखने की कोशिश कर रहे हो मेरे फ्रॉक के नीचे क्या है?मैं बोला- वहाँ क्या होगा जो मैंने अभी तक नहीं देखा तुम्हारा? मैं तो सब कुछ देख चुका हूँ तुम्हारा लेकिन इस तरह चोरी से देखने का कुछ और ही मज़ा होता है.जूली बोली- वही तो!
अब लॉन में कुछ कुछ अँधेरा बढ़ रहा था तो एक पेड़ के नीचे जब हम दोनों पहुंचे तो मैंने जूली को पकड़ कर आलिंगन में बाँध लिया और उसके लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी.वो भी जैसे इसी मौके का इंतज़ार कर रही थी, उसने भी झट से मेरे लौड़े को पकड़ लिया और पैंट के बाहर से ही सहलाने लगी.मैंने भी एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.
 
एक दूसरे को चूमते चाटते हम एक बिल्कुल अँधेरी जगह में पहुँच गए और फिर मैंने जूली के कान में कहा- मर्ज़ी है क्या?जूली ने एक किस करते हुए कहा- है तो सही अगर तुम्हारी भी मर्ज़ी है तो?
मैंने जूली को एक घने पेड़ के तने को पकड़ कर खड़ा कर दिया और फिर उसकी पैंटी को नीचे खिसका कर अपने खड़े लंड को पैंट से निकाला और कुछ देर उसकी चूत के ऊपर उसको रगड़ कर धीरे से मैंने उसकी चूत में डाल दिया.चूत और लंड के मिलन के बाद हम दोनों एकदम से शांत खड़े रहे बिना हिले डुले एक दूसरे से जुड़े हुए!फिर धीरे से जूली ने अपने चूतड़ों को थोड़ा आगे की तरह किया और फिर पुनः उसको पीछे मेरे लंड से चिपका दिया और इस एक्शन को उसने 4-5 बार रिपीट किया लेकिन मैं बिना हिले डुले शांत खड़ा रहा.
धीरे धीरे से जूली की चूत पनियाती गई और मैंने अपने अंदर बाहर के धक्के शुरू कर दिए और अब जूली के मुंह से आनन्द के सीत्कार की आवाज़ें आने लगी और अब वो भी अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर लेने लगी और साथ में अस्फुट आवाज़ करने लगी जिससे मैं समझ गया कि जूली अपनी मंज़िल के निकट पहुँच रही है.
मैंने धुआंधार चुदाई शुरू की तो जूली जल्दी से स्खलित हो गई और मेरे लंड के साथ पूरी तरह से चिपट गई.फिर हम दोनों अपने कपड़े ठीक कर के कॉटेज वापस चल पड़े.जूली ने अपना सर मेरे कंधे पर रखा हुआ था और वो चुदाई की खुमारी में धीरे धीरे चलती हुई मेरे साथ कॉटेज पहुँच गई.
तभी उसकी रूम मेट सैंडी आ गई और बोली- चलो जूली, तैयार हो जाओ, मैडमों के आने टाइम हो गया है.

कहानी जारी रहेगी.
 

ब्यूटी कांटेस्ट का आरम्भ


थोड़ी देर में दोनों मैडम आ गई, आते ही दोनों ने मुझ को गले लगाया और अपने वक्ष मेरी छाती से रगड़े और अपने हाथों से मेरे लंड को टच करती हुई अपनी सीटों की तरफ गई.मधु मैडम तो सेंटर सीट पर थी रूबी मैडम और मैं दोनों इनकी बगल पर थे. दोनों ने बड़ी प्यारी बनारसी सिल्क की साड़ी और ब्लाउज पहन रखे थे और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी.
मैं उनके पास गया और धीरे से बोला- माशाल्लाह… आप दोनों तो हुस्न का मुजस्मा लग रही हैं और किसी फिल्म की हीरोइन से किसी तरह भी कम नहीं हो.रूबी मैडम ने उठ कर मुझको लबों पर एक चुम्मी दी और एक कसी जफ्फी मार दी और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरा.
तभी नैना कमरे में दाखिल हुई और मैडमों को सारा प्लान बताया.मधु मैडम ने कहा- सिर्फ हम दो जजों से काम नहीं चलेगा एक और जना जज होना चाहिये ना? सतीश को हमारे साथ जज बना दो और वैसे भी वो इन सबको चख और परख चुका है ना! क्यों रूबी?रूबी बोली- आप ठीक कह रही हैं मैडम, सतीश मास्टर को हमारे साथ जज बना दो! क्यों सतीश, जज बनोगे ना?
मैं बोला- जैसा आप कहो मैं तो आपके इशारों का ग़ुलाम हूँ!मधु मैडम हंस दी और बोली- यार, सतीश तुम ग्रेट हो.मैं बोला- आपकी ज़र्रा नवाज़ी है वरना बंदा किस काम का है!

मधु मैडम बोली- ज़हे नसीब सतीश, तुम्हारे जैसा अगर मेरा पति हो तो लाइफ बन जाए!मैं बोला- क्या अभी पति नहीं है क्या?मधु मैडम बोली- पति तो है लेकिन साला किसी काम का नहीं, हर वक्त पिये रहता है और रात को खर्राटे भरता है.मैं चुप रहा.
बैठक को साफ़ कर दिया गया था और बीच का हिस्सा खाली कर दिया गया था और बैठक के आखिर में तीन जजों की कुर्सियाँ लगी हुई थी और सामने एक छोटा सा टेबल रख दिया था जिस पर पानी का जग और कुछ गिलास रखे हुए थे.थोड़ी देर में कार्यक्रम शुरू हुआ.
प्रोग्राम के मुताबिक हेमा हर एक लड़की का नाम एक लिस्ट से पढ़ रही थी जिसकी कार्बन कापी हम तीनो के पास भी थी और उसके आगे मार्क्स लिखने का भी कॉलम बना हुआ था.एक एक कर के सब लड़कियाँ बैठक में बने खुले स्थान पर आ रही थी और मॉडल्स की तरह आगे पीछे होकर अपने हुस्न का जलवा दिखा रही थी और कुछ क्षणों में वापस जा रही थी.और हम जज उनकी सुंदरता के मुताबिक़ नंबर प्रदान कर रहे थे.
हुस्न का यह कार्यक्रम कोई आधा घंटा चला और फिर शुरू हुआ स्ट्रिप टीज़ का प्रोग्राम जिसमें लड़कियों को एक एक करके अपने शरीर के सारे कपड़े उतारने थे और वो भी म्यूजिक पर डांस करते हुए.सारे कपड़े उतारने के बाद उनको बैठक में ही रहने का आदेश था जब तक सब लड़कियों को निर्वस्त्र होने का प्रोग्राम समाप्त नहीं होता.
स्ट्रिप टीज़ का कार्यक्रम शुरू होने से पहले दोनों मैडमों ने अपने थैले से 2-3 रंगीन बोतलें निकाली और अपने ग्लासों में डालने लगी और मुझसे भी पूछा- क्यों सतीश, यह सोम रस पियोगे क्या?मैं बोला- नहीं मैडम, मैं अपनी ठंडी कोकाकोला ही पियूँगा.
सबसे पहले आने वाली लड़की जूली थी जिसने निहायत ख़ूबसूरती के साथ अपने कपड़े उतारने शुरू किये.सबसे पहले उसने हल्के से डांस करते हुए अपनी स्कर्ट के साथ का ब्लाउज उतार दिया और फिर डांस करते हुए उसने अपनी ब्रा भी उतार दी और अपने गोल और सॉलिड मुम्मों को हवा में लहराते हुए वो मेरे पास आई, अपने स्तनों को मेरी नाक के नीचे घुमाते हुए वापस नाचती हुई बैठक के सेंटर में चली गई और वहाँ उसने काफी टीज़ करते हुए अपनी स्कर्ट को भी धीरे धीरे नीचे खिसका कर उतार दिया और अब वो सिर्फ अपनी पिंक सिल्क पैंटी में थी और वो बेइंतेहा सेक्सी लग रही थी.
मेरे साथ जुड़ कर खड़ी हुई थी नैना रानी जिसके हाथ में अपनी लिस्ट थी जिसमें वो पेंसिल से नंबर दे रही थी.एक दो चक्कर सिर्फ पैंटी में लगाने के बाद उसने अपनी सिल्क की टाइट पैंटी भी कुछ देर में उतार दी और अपने पूरे नंगे शरीर के साथ वो सारी बैठक में खूब मटक मटक कर चलती हुई हम तीनो जजों के पास आई.
रूबी मैडम के पास आई तो मैडम ने हाथ आगे बढ़ा कर उसके एक मोटे मुम्मे को थोड़ा सा मसला और मधु मैडम ने उसके दूसरे मम्मे को फील किया और मेरे पास आई तो मैंने उसके चूतड़ों को थोड़ा सा दबाया.फिर वो बैठक के बीच पहुँच कर सब देखने वालों को फ्लाइंग किस करके एक कुर्सी पर बैठ गई.
हेमा ने दूसरी लड़की का नाम पुकारा जो सैंडी थी, उसने भी बड़ी खूबसूरती से अपना शारीरिक प्रदर्शन किया, पूरी तरह से नंगी होने के बाद वो मेरे पास सबसे पहले आई, मेरी गोद में आकर बैठ गई और मेरे लंड को हाथ से छू कर दूसरी दोनों मैडमों को चूमती और छेड़ती हुई अपनी सीट पर जाकर बैठ गई.
अब आने वाली लड़की आबिदा थी जिसने बहुत ही सुंदर स्कर्ट और टॉप पहन रखा था और उसने भी अपने कपड़े बड़े ही इत्मीनान से और सादगी से उतारे.जब वो भी पूरी निर्वस्त्र हो गई तो अपनी काली चूत की ज़ुल्फ़ों, जो खासतौर से चमक रही थी, में अपनी उँगलियों में घुमाती हुई वो पहले मैडमों के इर्द गिर्द घूमी और फिर मेरे पास आई और मेरे लबों पर एक हॉट चुंबन जड़ कर और मेरे लौड़े को अपना हाथ लगा कर वापस चली गई.
अगली लड़की नंदा थी, उसने एक छोटा सा घाटनों जैसा नीचे से बाँधने वाला ब्लाउज और झिलमिलाता हुआ लहंगा पहन रखा था और वो बेहद खूसूरत लग रही थी.उसके कपड़े उतारने का स्टाइल थोड़ा भिन्न था क्यूंकि उसने पहले अपना लहंगा उतार दिया, फिर उसने ब्लाउज की गाँठ खोली और उसे उतार दिया और फिर उसने अपनी लाल चमकी वाली पैंटी उतार दी. फिर वो नाचती हुई मैडमों के इर्द गिर्द घूमी और फिर मेरे पास आई और मेरे मुंह से अपने मुम्मो को जोड़ कर उसने एक झटके में अपनी ब्रा को अलग कर दिया.
उसके मोटे और गोल मम्मे उछल कर मेरे मुंह की तरफ लपके लेकिन मैं उससे एक कदम आगे था और ऐन मौके पर मैंने अपना मुंह पीछे खींच लिया.इस तरह नंदा का वार खाली गया लेकिन मैंने उसको सजा देने के लिए उसको पकड़ लिया और उसके चूतड़ों पर हाथ रख कर उसके मुंह पर अपना मुंह रख दिया और एक ज़ोरदार चुम्मी उसके होटों पर जड़ दी.
सब लड़कियों ने खूब ज़ोर ज़ोर से तालियाँ मारी और कहा- वाह सतीश राजा, क्या फुर्ती दिखाई है तुमने!
 

स्ट्रिप टीज़ और फिर सामूहिक चोदन


अगली लड़की नंदा थी, उसने एक छोटा सा घाटनों जैसा नीचे से बाँधने वाला ब्लाउज और झिलमिलाता हुआ लहंगा पहन रखा था और वो बेहद खूसूरत लग रही थी.उसके कपड़े उतारने का स्टाइल थोड़ा भिन्न था क्यूंकि उसने पहले अपना लहंगा उतार दिया, फिर उसने ब्लाउज की गाँठ खोली और उसे उतार दिया और फिर उसने अपनी लाल चमकी वाली पैंटी उतार दी. फिर वो नाचती हुई मैडमों के इर्द गिर्द घूमी और फिर मेरे पास आई और मेरे मुंह से अपने मुम्मो को जोड़ कर उसने एक झटके में अपनी ब्रा को अलग कर दिया.
उसके मोटे और गोल मम्मे उछल कर मेरे मुंह की तरफ लपके लेकिन मैं उससे एक कदम आगे था और ऐन मौके पर मैंने अपना मुंह पीछे खींच लिया.इस तरह नंदा का वार खाली गया लेकिन मैंने उसको सजा देने के लिए उसको पकड़ लिया और उसके चूतड़ों पर हाथ रख कर उसके मुंह पर अपना मुंह रख दिया और एक ज़ोरदार चुम्मी उसके होटों पर जड़ दी.
सब लड़कियों ने खूब ज़ोर ज़ोर से तालियाँ मारी और कहा- वाह सतीश राजा, क्या फुर्ती दिखाई है तुमने!
धीरे धीरे सब लड़कियाँ आ रही थी और अपने हुस्न के जलवे बिखेरते हुए और कुछ मैडमों के साथ और कुछ मेरे साथ छेड़छाड़ करती हुई बैठक के सेंटर में वापस जा रही थी.उनकी इस छेड़छाड़ में अक्सर वो मेरे लंड को छूना नहीं भूलती थी और यह बात मैडमों से छुपी नहीं रह सकी.दोनों मैडमों ने मेरी तरफ हैरानी से देखा और कहा- वाह सतीश, तुमने तो इन लड़कियों पर जादू कर दिया है, सब तुम्हारी आशिक हो गई हैं. अब तो तुम्हारे मज़े ही मज़े हैं!
यह सुन कर मैं सिर्फ मुस्करा दिया क्यूंकि मैं समझ रहा था कि दोनों मैडमों को थोड़ी बहुत जलन हो रही थी, हालांकि मैं हर रात उनकी भी सेवा कर रहा था.

थोड़ी देर में स्ट्रिप टीज़ का कार्यक्रम समाप्त हो गया और अब जीतने वाली लड़कियों के नाम घोषित करने बाकी रह गए थे.सब लड़कियों में जीतने वालों के नाम जानने की उत्सुकता बहुत बढ़ गई थी.
मधु मैडम ने हम सबको एक दूसरे कमरे में आने के लिए कहा और वहीं हम सबने निर्णय लिया कि आबिदा को सर्वश्रेष्ठ मेनका का खिताब दिया जाए और उसके साथ नंदा और हेमा को नंबर 2 और 3 स्थान पर रखा जाए!स्ट्रिप टीज़ की प्रतियोगिता में जूली को नंबर 1, डॉली को नंबर 2 और ज़ूबी को नंबर 3 स्थान पर रखा गया.
बाहर आकर मधु मैडम ने मेनका प्रतियोगिता और स्ट्रिप टीज़ के नतीजे पढ़ कर सुना दिए और सब लड़कियों ने ज़ोर से तालियाँ बजा कर इन नतीजों का स्वागत किया.मैडम ने अपनी तरफ से जीतने वाली लड़कियों को इनाम भी दिया और उन सबको लग्न के साथ काम करने की बधाई भी दी और आगे आने वाली फिल्मों में काम दिलाने का आश्वासन भी दिया.
यह कह कर दोनों मैडम अपनी कार में बैठ कर हवेली चली गई और जाने से पहले मुझ को रात को हवेली वापस आने के लिए बोल गई.जैसे ही मैडमों की कार वहाँ से गई, बैठक में मोजूद सारी नंगी मलंगी फ़िल्मी कलियाँ मुझ को घेर कर खड़ी हो गई.
तब नैना ने मुझको बचाते हुए कहा- देखो फ़िल्मी परियो, छोटे मालिक तुम सबकी सेवा कर सकते हैं लेकिन अगर आप ठीक से व्यव्हार करें, तभी यह मुमकिन हो सकता है.
आबिदा और हेमा ने नैना की बात से सहमति जताते हुए कहा- अगर हम ढंग से चलेंगी तो सतीश हम सबकी इच्छा पूरी कर देगा. हमें थोड़ा धैर्य रखना होगा और हमको पूरी उम्मीद है कि सतीश बारी बारी से आप सबके खेतों में अपना मोटा हल ज़रूर चला पायेगा. क्यों सतीश राजा?
मैं बड़े आलखन से बोला- सबसे पहले प्रतियोगिता जीतने वाली लड़कियाँ आगे आकर मेरे सामने खड़ी हो जाएँ प्लीज!जब 6 लड़कियाँ मेरे सामने अपने एकदम कामुक नग्न शरीर के साथ खड़ी हो गई तो मैं बोला- मैंने जीतने वाली लड़कियों को ईनाम देने का वायदा किया था, मैं अपनी तरफ से आप को 100-100 का इनाम दे रहा हूँ! प्लीज आगे आकर अपना ईनाम ले लीजिये.
इससे पहले कि कोई भी विजेता लड़की आगे बढ़ती, डॉली ज़ोर से बोल पड़ी- ऐसे नहीं सतीश राजा, हम यदि नंगी खड़ी हैं तो ईनाम देने वाले को भी नंगा होना पड़ेगा! क्यों ठीक है ना लड़कियो?सब लड़कियों ने ज़ोर से कहा- हाँ… कर दो नंगा सतीश जी महाराज को!ईनाम जीतने वाली लड़कियों को छोड़ कर बाकी सब दौड़ती हुई आई और मेरे कपड़े उतारने लगी.
उन्होंने खुद ही निश्चित किया कि हर लड़की मेरे शरीर का केवल सिर्फ एक ही कपड़ा उतार पाएगी.मेरे शरीर के जब सब कपड़े उतर चुके और केवल एक ही कपड़ा बचा रह गया और वो था मेरा अंडरवियर तो सोनल सामने आई और मेरे सामने नीचे बैठ कर वो उसको धीरे धीरे उतारने लगी.
 
अंडरवियर उतारने के साथ साथ वो मेरे लंड के साथ खेल भी रही थी, कभी वो अंडकोष को दबाती, कभी अंदर छुपे लेकिन एकदम तने हुए लंड को अंडरवियर के बाहर से चूमती, कभी उसको ऊपर नीचे करती.यह देख कर बाकी सब लड़कियाँ एकदम बेसब्र हो गई और ज़ोर से बोली- जल्दी कर साली, यह लंड से खेल छोड़ और उसका अंडरवियर उतार!
अब सोनल ने जल्दी से लंड को आखरी चुम्मी दी और साथ ही अंडरवियर एकदम नीचे कर दिया और जैसे ही उसने ऐसा किया, मेरा उन्मुक्त लंड सांप के फन की तरह उछला और उसके मुंह पर थप्पड़ जैसे लगा, सोनल घबरा कर पीछे की तरफ गिर गई.सब लड़कियाँ एकदम ज़ोर से हंस पड़ी और बोली- देखा सतीश के लंड का कमाल! अरे यह सिर्फ चोदता ही नहीं, मारता भी है.
सोनल खिसयानी हुई अपनी जगह पर खड़ी हो गई और फिर मैंने उन 6 लड़कियों में ईनाम के पैसे वितरित किये.जब यह काम खत्म हो गया तो नैना आगे बढ़ी कुछ कहने के लिए तभी हेमा बोल पड़ी- नैना दीदी, आप अभी तक कपड़े कैसे पहने खड़ी हो? चलो दीदी को भी नंग मलंग करो सब मिल कर!और तीन चार लड़कियाँ टूट पड़ी और कुछ ही पलों में नैना को भी नग्न कर दिया.
अब मेरे सामने 13-14 हसीनाएँ बिल्कुल मादरजात नंगी खड़ी थी और मेरा लंड तो गुस्सैले सांप की तरह फुंफकार रहा था.नैना बोली- सुनो लड़कियो, आज सतीश सिर्फ ईनाम जीतने वाली लड़कियों के साथ ही अपनी रासलीला रचा पायेगा क्यूंकि हमारे पास इतना समय ही नहीं है कि आप सबका काम एक साथ किया जा सके. क्यों ठीक है ना?छः अप्सराओं के अलावा बाकी सबने बड़ी बेदिली से यह कबूल किया और मुँह लटका कर चुप खड़ी रहीं.
इन बची लड़कियों ने आपस में कुछ खुसरफुसर की और फिर उनमें से रोज़ी बोली- ठीक है, हमको मंज़ूर है लेकिन हमारी एक शर्त है कि आज की जीतने वाली लड़कियों की चुदाई की शूटिंग हमारे सामने ही होगी! बोलो मंज़ूर है?नैना बोली- क्यों लड़कियो, आप तैयार हो सबके सामने चुदने के लिए?जूली बोली- यह तो एक ऑर्गी हो जायेगी, वाह क्या मज़ा आएगा!एक और लड़की बोली- 13 मुर्गियों में एक मुर्गा?
नैना बोली- ठीक है लेकिन बाकी की लड़कियाँ भी चोदम चुदाई में शामिल रहेंगी और वो अपनी पार्टनर्स के साथ चुसम चुसाई पकड़म पकड़ाई का खेल खेलती रहेंगी.सबसे पहले नैना और लड़कियों ने मिल कर अपने कमरों से गद्दे लाकर बैठक में बिछा दिए और ढेर सारी कोकाकोला की ठंडी बोतलें भी टेबल पर सजा दीं.
क्यूंकि आबिदा नंबर 1 थी तो उसको पहले चोदने के लिए कहा गया और उसके बाद जूली का नंबर लगाया गया और सबको सिर्फ 10 मिनट की चुदाई का टाइम दिया गया.आबिदा ने आते ही मुझ को कस कर अपने आलिंगन में बाँध लिया और मेरे होंटों पर कामुक चुंबन देने शुरू कर दिए और एक हाथ से उसने मेरे लौड़े को भी आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
तभी लूली नापने का फीता उठा लाई और उसने सबसे पहले मेरे लंड को नापना शुरू कर दिया.नापने के बाद ऊँची आवाज़ में बोली- सतीश के लंड की लम्बाई है 7.5 इंच और आबिदा के मम्मों का नाप है 34 और कमर 24 और चूतड़ों का नाप 36 इंच. अति सुंदर शरीर है, बाकी सब लड़कियों का भी नाप ले लिया जाएगा और उसका रिकॉर्ड रखा जाएगा.
आबिदा चूमने और चाटने के बाद जल्दी ही बहुत गर्म हो गई और उसने मुझको नीचे गद्दे पर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने हाथों से मेरा लंड अपनी अत्यधिक गीली चूत में डाल दिया और फिर ऊपर से मुझको धीरे धीरे चोदने लगी.मैं भी उसके मोटे मम्मों को मुंह उठा कर चूसने लगा और उसकी गोल चूचियों को मुंह में रख कर गोल गोल घुमाने लगा.
बैठक में इस वक्त एकदम कामलीला का दृश्य उत्पन्न हुआ था और सब लड़कियाँ आपस में गुत्थम गुत्था हो रही थी. किसी का मुंह किसी की चूत पर था या फिर उसके गोल मस्ताने मुम्मों की चुसम चुसाई हो रही थी और कोई कोई तो अपनी ऊँगली से सब कुछ कर रही थी और सारा माहौल गर्म गर्म साँसों और अस्फुट आवाज़ों से भरा हुआ था.
नैना मेरी और आबिदा की चुदाई को नज़दीक से देख रही थी और जब आबिदा 10 मिन्ट में दो बार झड़ गई तो उसने उसको मेरे ऊपर से उठा दिया और उसकी जगह जूली ने ले ली जो मेरे बगल में पहले से ही लेटी थी.
जूली को मैं पहले भी 2-3 बार चोद चुका था, मैं उसकी पसंदीदा चुदाई का तरीका जानता था और मैंने उसको कुर्सी को पकड़ कर खड़ा कर दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड को डाल कभी धीरे कभी तेज़ चुदाई का आलम शुरू कर दिया, अपने हाथों से उसके स्तनों को पकड़ कर मैं ज़ोर ज़ोर के धक्के मार रहा था और उसकी बहुत ही टाइट चूत का आनंद ले रहा था.
 
जूली आबिदा की चुदाई को देख चुकी थी, वो बहुत ही कामुक हो चुकी थी, वो हर धक्के का जवाब बराबर के जोश के साथ दे रही थी और उसके साथ ही वो अपनी चूत को सिकोड़ना और खोलना जारी रखे हुए थी.फिर मैंने देखा कि जूली की चूत से सफ़ेद क्रीम जैसा पदार्थ निकलना शुरू हो गया और वो ज़ोर ज़ोर से हाय हाय… करने लगी और फिर जल्दी ही वो मेरे लंड के साथ नीचे पसर गई.
नैना ने तीसरी कैंडिडेट, जो नंदा थी, उसको मेरे पास लेकर आ गई, उसने नंदा से पूछा कि वो कैसे चुदना पसंद करेगी.नंदा बोली- मैं तो नीचे लेट कर चुदना पसंद करती हूँ, आओ सतीश राजा, तुम ऊपर से आ जाओ.मैं उसकी बगल में लेट गया और उसके मम्मों को हाथ से मसलने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत में ऊँगली डाल कर उसकी भग को मसलने लगा.
चूत के गीलेपन को देखते हुए मैं उसकी चूत में मुंह से चाटने लगा और जीभ कभी उसकी चूत के अंदर और कभी उसके भग को चूसने में मस्त हो गया और जब नंदा ने अपने चूतड़ों को उठा कर मेरे मुंह से जोड़ दिया और मेरा मुंह अपनी जांघों में दबा लिया तो मैं समझ गया वो एक बार झड़ गई है और दूसरी की तैयारी में है.
जैसे ही मैंने अपना लंड नंदा की गर्म चूत में डाला, वो सीधा ही उसके अन्तिम छोर तक चला गया और मैं भी वहाँ तक पहुँच कर ज़रा रेस्ट करने लगा, फिर धीरे से निकाल कर फिर धीरे से लंड अंदर धकेल दिया और यह प्रक्रिया मैंने कुछ देर जारी रखी और तब नंदा की चूत मेरे लंड को चूसने लगी और वो भी जल्दी जल्दी से अपने चूतड़ों को उठा कर मेरे लंड की लय में रम गई.नैना जो हम दोनों को देख रही थी वो भी नंदा के मम्मों को सहलाने लगी ताकि वो जल्दी ही स्खलित हो जाए और हम दोनों के इस प्रयास से नंदा भी 10 मिन्ट पूरे होने से पहले ही मैदान में ढेर हो गई.
नैना ने मुझको अब रेस्ट करने के लिए गद्दे पर लिटा दिया और अपने बैग में से तेल की एक शीशी निकाली और मेरे लंड को हल्के हल्के मालिश करने लगी.थोड़ी देर बाद वो मेरे लिए स्पेशल दूध जो वो बना कर लाई थी, वो मुझको पिलाया.
दूध के पीते ही मुझमें नई शक्ति का संचार होने लगा और मेरे शरीर में जो हल्की सी थकावट थी वो दूर होने लगी.डॉली जो लिस्ट के मुताबिक अगली लड़की थी, उसको लेकर नैना मेरे पास आई लेकिन उसको खूब चूमती और उसकी चूत में ऊँगली करती हुई आई.
डॉली एक खूबसूरत लड़की थी जिसका शरीर काफी भरा पूरा था और उसका अंग प्रतिअंग जवानी की मदहोशी से लबालब भरा हुआ था.उसने घोड़ी बन कर चुदने का तरीका पसंद किया तो नैना ने उसको घोड़ी बना दिया और साथ में उसके चूचों को चूसती हुई और ऊँगली से भग को सहलाती हुई मेरे पास लाई ताकि वो चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए.
डॉली को मेरे सुपुर्द करके नैना बाकी की दोनों लड़कियों के साथ भी चूमाचाटी करने लगी ताकि वो भी मेरी चुदाई के लिए तैयार हो जाएँ और मुझको कम मेहनत करनी पड़े.डॉली तो तैयार ही थी, उसकी तीव्र चुदाई मैंने शुरू कर दी और उसके चूतड़ों को हाथ से पकड़ कर मैं सरपट भागते घोड़े की स्पीड से डॉली को चोदने लगा और जल्दी ही उसको छूटने के कगार पर ले आया और फिर आखिरी ज़ोरदार धक्के के बाद वो कंपकंपाती हुई छूट गई.
उसके हटते ही नैना हेमा को मेरे पास लेकर आ गई और वो भी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी, वो मेरी साइड पर लेट गई और मैं लेटे हुए ही उसकी टांग को अपने ऊपर ले कर उसकी फूली हुई चूत में अपना लंड डाल कर धीरे धीरे चोदने लगा.मोटे और लम्बे लंड के कारण हेमा अपनी आँखें बंद किये हुए चुदाई का आनन्द ले रही थी.
मैंने चोदते हुए उससे पूछा- कैसा लग रहा है जानम?हेमा बोली- सच बताऊँ? आज तुम्हारा लंड कुछ ज़्यादा लम्बा और गर्म सलाख की तरह लग रहा है और जैसे यह अंदर जा रहा है वैसे ही मेरी तपती हुई चूत को शान्ति मिल रही है.
फिर तेज़ धक्काशाही के बाद हेमा भी जल्दी ही हे माँ… कहती हुई झड़ गई और अपने गोल चूतड़ों को मेरे लंड से जोड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और उसकी गर्म चूत में से पानी का फ़व्वारा सा छूट पड़ा जो सब देख रही लड़कियों को बड़ा अजीब लग रहा था.
नैना ने बताया- यह कोई अजीब बात नहीं है, कई लड़कियाँ और औरतें अपनी चूत से काफी पानी छोड़ती हैं जब उनका स्खलन होता है, खासतौर पर तब जब उन्होंने अपनी काम इच्छा को काफी देर तक दबा रखा हो.
अब ज़ूबी की बारी थी जिसको मैं पहली बार चोद रहा था क्यूंकि वो कुछ दिन पहले ही अपनी माहवारी से निवृत हुई थी और सब लड़कियों के साथ मैं उसको नहीं चोद सका था.उसके शरीर को ध्यान से देखा तो वो काफी सुन्दर लड़की थी और पूरी तरह से सुडौल और अति सुन्दर शरीर की मालकिन थी.
मैंने उससे पूछा कि वो कैसे चुदना पसंद करेगी तो ज़ूबी ने जवाब दिया मैं केवल अपने तरीके से चुदना चाहती हूँ.सबने पूछा- वो तरीका क्या है?ज़ूबी बोली- अभी आप सब देख लेना वो कौन सा तरीका है. सतीश, तुम मुझ को हाथ नहीं लगाओगे जब तक मैं नहीं कहूँ. मंज़ूर है क्या?मैं बोला- जैसे तुम चाहो… लेकिन याद रखना, तुम्हारे पास समय सिर्फ 10 मिन्ट का है.ज़ूबी बोली- ठीक है, मैं 10 मिन्ट का समय ही लूंगी.
यह कह कर ज़ूबी कभी मेरे एकदम पास आ जाती और अपने मुम्मों को मेरी छाती से रगड़ कर फिर वापस चली जाती और मैं उसके मोटे और गोल मुम्मों को घूरता रहता.ऐसा उसने 3-4 बार किया और फिर वो मुझको लेकर गद्दे पर लेट गई लेकिन मेरे से काफी दूर और फिर उसने अपने हाथों को मेरे शरीर पर फेरना शुरू किया.
वो मेरे निकट आई और मेरे लंड को धीरे से हाथों से हिलाने लगी और फिर लंड को ऊपर नीचे करने लगी और अपने मुम्मों को और अपनी बालों से भरी चूत को मेरे लंड के ऊपर रगड़ने लगी.वो कोशिश कर रही थी कि मैं अपना धैर्य खो दूँ और उसके सामने घुटने टेक दूँ लेकिन मैं भी नैना का शागिर्द था तो उसकी हर चाल को बेकार करता हुआ डटा रहा मैदान में!
ज़ूबी जब हर कोशिश में नाकाम हो गई तो वो मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और मुझको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगी और मैं भी अपने पर संयम रखते हुए अपने शरीर और हाथों को ज़रा भी नहीं हिला रहा था.नैना ने थोड़ी देर में ज़ोर से कहा- ज़ूबी, तुम्हारा समय खत्म हो गया है और तुम सतीश के ऊपर से फ़ौरन उतर जाओ!इस समय में ज़ूबी का केवल एक बार ही छूटा.
ज़ुबैदा, जूली और हेमा तीनों मेरे पास नंगी मलंगी आ गई और मेरे शरीर के अंगो को छूने लगी जैसे हेमा मेरे लौड़े के साथ खेल रही थी और बाकी दोनों मेरी चौड़ी छाती के निप्पलों को मसल रही थी.

कहानी जारी रहेगी.
 

फ़िल्मी सामूहिक चोदन जारी रहा


नैना ने थोड़ी देर में ज़ोर से कहा- ज़ूबी तुम्हारा समय खत्म हो गया है और तुम सतीश के ऊपर से फ़ौरन उतर जाओ!इस समय में ज़ूबी का केवल एक बार ही छूटा.ज़ुबैदा, जूली और हेमा तीनों मेरे पास नंगी मलंगी आ गई और मेरे शरीर के अंगों को छूने लगी जैसे हेमा मेरे लौड़े के साथ खेल रही थी और बाकी दोनों मेरी चौड़ी छाती के निप्पलों को मसल रही थी.
यह करते हुए ज़ुबैदा बोली- सतीश यार, हमको अभी तक समझ नहीं आया कि तुम्हारा यह कीमती लंड हर वक्त खड़ा कैसे रहता है? कैसे तुम इतनी सारी लड़कियों के साथ एक ही समय में सेक्स कर लेते हो बिना किसी थकावट के या ज़रा भी रूकावट के? क्या तुम्हारे पास कोई मन्त्र है या फिर कोई छुपी हुई शक्ति है? कैसे पॉसिबल है यह सब?क्यूंकि हमारे बॉय फ्रेंड्स तो ज़्यादा से ज़्यादा 2-3 बार ही फक कर सकते हैं और एक तुम हो जिसने आज 6 लड़कियों को पार लगा दिया बिना रुके या थके, यह कैसे संभव है?
जब तक ज़ुबैदा बोल रही थी, मैं उसकी चूत के काले बालों में ऊँगली चला रहा था और एक हाथ से जूली के स्तनों को दबा रहा था और हेमा अपने सॉलिड मम्मों को मेरी पीठ से रगड़ रही थी.जैसे ही उसने बोलना बंद किया तो मैंने बिना कुछ जवाब दिए झट से मेरे साथ खड़ी नैना को पकड़ लिया और उसको गद्दे पर घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया.

मैं इतनी स्पीड से उसको चोद रहा था क्यूंकि मैं जानता था कि इतनी देर से वो सेक्स के करिश्मे देख रही थी, वो चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार होगी.और वही हुआ!
वो पूरी तरह से तैयार थी और बहुत ही जल्दी वो पानी छोड़ गई.जब वो उठी तो उसने मुझको कस कर अपने आलिंगन में ले लिया और एक ज़ोरदार चुम्मी मेरे लबों पर जड़ दी और कहा- छोटे मालिक, आप महान हो! इतनी खूबसूरत लड़कियों के बीच में भी आपने मेरा ख्याल रखा! शुक्रिया डार्लिंग!
फिर उसने ज़ुबैदा को बताना शुरू किया- मैं छोटे मालिक के साथ काफी समय से हूँ और मैं इनकी रग रग से वाकिफ हूँ. जो सवाल आपके मन में उठ रहे हैं वो बहुत ही स्वाभाविक हैं और छोटे मालिक की अजीब शक्ति के बारे में उचित हैं.
फिर उसने सब लड़कियों को एक साथ इकट्ठा किया और बोलना जारी रखा- सतीश एक लाइलाज बिमारी में फंसा हुआ है जिसको अंग्रेजी में PRIAPISM कहते है और इसका कोई इलाज भी नहीं है.वो क्या होता है कि जब छोटे मालिक का लंड खड़ा होता है तो खून लंड की नसों में आ जाता है जैसा कि साधारण इरेक्शन में पुरुषों के साथ होता है. लेकिन इनके लंड की नसों में जो खून आ जाता है वो कई घंटे वापस नहीं जाता है जैसा कि आम आदमियों के साथ होता है जिसके कारण इनका लंड खड़ा रहता है लेकिन छोटे मालिक के साथ एक काम बहुत ही अच्छा होता है, वो यह है कि जब भी इनके मन से सेक्स का विचार दूर हो जाता है तो इनके लंड में आया खून वापस चला जाता है.इसीलिए जैसे ही यह किसी लड़की या औरत को नग्न अवस्था में देखते हैं तो इनमें इरेक्शन हो जाती है इसीलिए इनको कभी कभी काफी कठनाई का सामना करना पड़ा, और इसी वजह से काफ़ी मोटा अंडरवियर पहन कर बाहर निकलते हैं.
लेकिन यह नार्मल प्रियापिज्म के बीमारों के साथ नहीं होता, उनके लंड की नसों में खून हर वक्त जमा रहता है जिसके कारण उनका लंड हर वक्त खड़ा रहता है और कुछ ही वर्षों में वो नपुंसक हो जाते है यानि उनका लंड खड़ा होने की शक्ति खो देता है.
इसके इलावा जो कुदरत की इन पर मेहरबानी रही है वो यह है कि इनके लंड से वीर्य भी निकलता है जैसे कि नार्मल पुरुषों के साथ होता है लेकिन यह क्रिया प्रियापिज्म के असली बीमार मर्दों में नहीं होती. वो बेचारे फुल इरेक्शन होते हुए ही भी किसी स्त्री को गर्भवती नहीं कर सकते.
हेमा बोली- वाह सतीश, तुम बहुत ही लकी रहे हो इस मामले में! तुम्हारा केस अजीब और अनोखा है लेकिन हम औरतों के लिए बहुत ही फायेदमंद है..
मैं धीमी आवाज़ में बोला- वो तो ठीक है लेकिन कई बार मैं अपने आपको काफी बदकिस्मत महसूस करता हूँ. क्यूंकि अक्सर लड़कियाँ मेरे लंड की खातिर मेरे निकट आना चाहती हैं ना कि मेरे से प्यार की खातिर.तब हेमा बोली- पुरुष और स्त्री के सम्बन्ध तो मुख्या तौर पर यौन या फिर सेक्स के कारण ही जुड़े होते हैं लेकिन इसमें बच्चों की पैदायश और वंश का सञ्चालन भी एक अहम कारण होता है लेकिन जिस सम्बन्ध में सेक्स यदि कमज़ोर या फिर ना हो तो वहाँ पत्नी पति के सम्बन्ध टिक नहीं सकते हैं.
 
नैना बोली- तुम लोगों को एक राज़ की बात बताऊँ, छोटे मालिक ने अब तक कई प्यासी लड़कियों और खासतौर पर उन प्यासी औरतों को यौन सुख प्रदान किया है जिनके पति उन को यह सुख देने में किन्ही कारणों से असमर्थ हैं. ये हमेशा कहते है कि जो शक्ति मुझ को ईश्वर ने प्रदान की है, मैं उसका सही उपयोग करना चाहता हूँ. यही कारण है कि छोटे मालिक ने आज तक किसी भी ऐसी औरत या फिर लड़की से सम्बन्ध नहीं बनाया जो उसकी इच्छा के विरुद्ध हो.
यह सुन कर सब लड़कियाँ चुप्पी साध गई और मन ही मन मेरी तरफ ओर भी आकर्षित हो गई.
सबने मेरे चारों तरफ एक घेरा बना लिया और गोल गोल घूमने लगी और कई शरारत करती हुई मेरे जिस्म के अंगों को छेड़ती हुई चक्कर काट रही थी. इस ग्रुप में वो 6 लड़कियाँ भी थी जिनकी चुदाई आज नहीं हो पाई थी.
मैंने नैना को बुलाया और कहा- ये जो 6 लड़कियाँ आज चुदाई से वंचित रह रही है उनका भी कांटा आज न खींच दें? वो बेचारी अपने आपको अभागी समझ रही होंगी. तुम एक बार उनसे पूछ लो, अगर वो चाहें तो आज ही उनका काम कर देते हैं.नैना बोली- मैं भी यह ही सोच रही थी… आप रुको, मैं उनसे पूछ लेती हूँ.
थोड़ी देर बाद नैना आई और बोली- सब यही चाहती हैं लेकिन आप इन सबका काम कर सकोगे आज?मैं बोला- कर सकता हूँ अगर तुम साथ दो तो? तुम ऐसा करो सबको कहो वो सामूहिक यौन क्रिया एक दूसरी के साथ शुरू कर दें खास तौर पर बाकी बची 6 लड़कियाँ. फिर जब वो चुदाई के लिए गर्म हो जाएँ तो मेरे जैसे सांड को उन पर बारी बारी से चढ़ा दें.नैना बोली- हाँ, यह ठीक रहेगा.
नैना ने सब लड़कियों को लेस्बो एक्शन के लिए प्रेरित किया और उन बाकी बची 6 लड़कियों को अलग से ही लेस्बो एक्ट में लग जाने के लिए कहा और उनमें से पहली लड़की को नैना मेरे पास ले आई और मैंने उसको कुर्सी पर झुकने के लिए कहा और फिर पीछे से उनकी उभरी एकदम गीली चूतों में लंड डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्कों की बारिश शुरू कर दी.
दूसरी लड़की को नैना उसके मम्मों को चूस कर और उसकी भग को ऊँगली से मसल कर उसको भी तैयार करने लगी.इस तरह पहली लड़की को सिर्फ 6-7 मिन्ट फ्लैट में आर पार कर दिया और उसके बाद वाली लड़की को भी इसी तरह जल्दी ही छूटने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया और आखरी के कुछ धक्कों में उसका भी स्खलन करवा दिया.
नैना और मेरा यह चुदाई का तरीका सबको बड़ा भाया और सब लड़कियाँ जो आपस में लेस्बो कर रही थी अपना काम छोड़ कर हमारे ये करतब देख रही थी.
इस तरह हमने उन 6 लड़कियों का भी काँटा पूरी तरह से खींच दिया और हर लड़की से नैना ने बार बार पूछा कि क्या उनका पानी पूरी तरह से छूट गया या फिर और छुटाने की इच्छा है किसी की?नैना ने सब लड़कियों को इकट्ठी करके पूछा- क्या आप सब में से किसी को और चुदाई करवाने की इच्छा है? तो बोलो? छोटे मालिक का घोड़ा तैयार है?
कोई लड़की भी और करवाने के लिए इच्छुक नहीं दिखी सिवाय एक के और वो थी ज़ूबी, जिस ने मुझको हराने की नाकाम कोशिश की थी.नैना ज़ूबी को गद्दे पर ले आई और उसके साथ खुद भी आ गई और फिर हम दोनों ने उसको मिल कर खूब चोदा. मैं अपने लंड से चोद रहा था उसको और नैना अपनी जीभ और उंगलियों के कमाल से उसकी सोई हुई काम इच्छाओं को जगा रही थी.
मैं नैना के इशारे पर चलते हुए ज़ूबी को छूटने के कगार पर पहुँचा कर फिर वापस ले आते थे, फिर नए सिरे से उसको गर्म और चरम सीमा पर पहुँचा देते थे.ऐसा हमने उसके साथ 3 बार किया और आखिर में वो हाथ जोड़ने लगी- मुझको माफ़ करो और अब मुझको पूरा आनन्द लेने दो प्लीज!
तब नैना के इशारे पर मैंने उसकी धुआंधार चुदाई के बाद उसको स्खलित होने दिया.छूटते समय जो उसकी दशा हो रही थी वो वाकयी में देखने लायक थी.उसका शरीर कई बार कम्पकंपाया और अकड़ा तब जाकर उसको छूटने का आनन्द प्राप्त हुआ.
सब लड़कियाँ यह सारा ड्रामा बड़े गौर से देख रही थी और ज़ूबी के ठण्डे पड़ते ही सबने ज़ोर से तालियाँ बजा कर हम दोनों का अभिनन्दन किया.
नैना ने सब लड़कियों को कपड़े पहनने के लिए बोला और हम दोनों भी कपड़े पहनने लगे.समय देखा तो सिर्फ रात के 11 बजे थे सो हम दोनों उन लड़कियों को कॉटेज में छोड़ कर हवेली आ गए.

कहानी जारी रहेगी.
 

चुदक्कड़ चाची की चुदाई


नैना ने सब लड़कियों को कपड़े पहनने के लिए बोला और हम दोनों भी कपड़े पहनने लगे.समय देखा तो सिर्फ रात के 11 बजे थे, हम दोनों उन लड़कियों को कॉटेज में छोड़ कर हवेली आ गए.
हवेली में जब अपने कमरे में हम दोनों जा रहे थे तो तो ऐसे ही मन में विचार आया कि देखें कि दोनों मैडम क्या कर रही हैं?हल्के से दरवाज़े पर धक्का दिया तो दरवाज़ा झट से खुल गया, लगता था वो सिर्फ भिड़ा हुआ था.
अंदर देखा तो दोनों मैडमें एकदम नंगी एक ही बिस्तर में सोई हुईं थी एक दूसरी के गले में बाहें डाल कर!नैना ने इशारा किया कि ‘सोने दो दोनों को…’और फिर हम साथ वाले मेरे कमरे में आ गए और जल्दी से कपड़े बदल कर आपस में बाँहों में बाहें डाल गहरी नींद में सो गए.
सुबह होते ही पर्बती हम दोनों के लिए चाय ले कर आ गई और वो जब खाली कप ले कर जाने लगी तो मैंने उसको कस के अपनी बाहों में ले लिया और उसके होटों पर ताबड़तोड़ चुम्मियों की बौछार लगा दी और साथ ही उसकी धोती के नीचे हाथ डाल कर उसकी सूखी चूत को सहला दिया.पर्बती इस बात से ही बहुत खुश हो गई और वो हम दोनों को एक एक चुम्मी करके वापस चली गई.

अगले दिन मधु मैडम नाश्ता करते हुए बोली- आज हमारा यहाँ आखरी दिन है सतीश, आज हम यहाँ सारा हिसाब किताब करके दोपहर तक लखनऊ के लिए निकल जाएंगी.मैं बोला- मैडम, आपके साथ काम करके बड़ा मज़ा आया था और हमारी यह हार्दिक इच्छा थी कि आप कुछ दिन और हमारे साथ बिताती और हम सबको आपकी सेवा करने का और मौका देती.
रूबी मैडम हँसते हुए बोली- कौन सी सेवा? रात वाली या फिर वो दिन वाली? कौन सी सेवा?मैं हँसते हुए बोला- मैडम जी, हम सब तो आप की हर प्रकार से सेवा करने के लिए हमेशा तैयार हैं, आप मौका तो दीजिये.मधु मैडम बोली- यह तो तुम ठीक कह रहे हो, सेवा तो तुमने हम सबकी हर प्रकार से की है, इसमें कोई शक नहीं है लेकिन अगर तुम चाहो तो हमारे साथ मुंबई चले चलो काम करने का भी अच्छा मौका मिल जायेगा और हम सबकी ऊपर नीचे की सेवा का भी अच्छा मौका मिल जाएगा. बोलो, चलते हो?
मैं मुस्कराते हुए बोला- थैंक्स मैडम, मैं तो अभी कॉलेज में पढ़ रहा हूँ, जब तक कॉलेज नहीं खत्म हो जाता, मैं कहीं नहीं जा सकता. थैंक्स अगेन मैडम जी.
अभी हम बातें कर ही रहे थे कि एक काली कार हवेली के अंदर आकर रुकी और उसमें से मेरे दूर के अशोक चाचा और संतोष चाची उतरे.मैं जल्दी से गया और उनका स्वागत किया और उनको आदर से अंदर ले आया.
चाचा चाची को जब बताया कि फ़िल्मी कलाकार आये हुए हैं यहाँ शूटिंग के लिए, तो वो बहुत ही उत्सुक हो गये उनसे मिलने के लिए और दोनों मैडम को जब मिलवाया तो मधु मैडम उनको लेकर कॉटेज चली गई बाकी कलाकारों से मिलवाने के लिए!
हमारे मुंशी जी और रूबी मैडम दोनों हिसाब किताब में लग गए.
मैं घूमता हुआ हवेली का चक्कर लगाने लगा और वहाँ एक नौकरानी से मेरी मुलाकात हो गई जो मुझको एकदम नई लगी. वो उस समय सब बंद कमरों को खोल कर उनकी सफाई में व्यस्त थी.मैंने उससे पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?वो बोली- छोटे मालिक, मेरा नाम आशा है, मैंने कुछ दिनों से ही यहाँ क़ाम शुरू किया है.
उस लड़की को गौर से देखा तो काफी सुडौल और भरे जिस्म वाली गाँव की लड़की थी वो.घूमता हुआ मैं थोड़ी देर में बैठक में पहुँचा तो चाचा और चाची कलाकारों से मिल कर वापस आ गए थे और बड़े खुश लग रहे थे.
खाने के मेज़ पर चाचा ने बताया कि वो कुछ दिनों के लिए किसी काम से यहाँ आये हैं.वो खाना खाकर अपने काम पर चले गए और मैं चाची को अपनी मोटर साइकिल पर बिठा कर फिर कॉटेज में चला गया.
चाची बाइक पर मेरे से बिल्कुल जुड़ कर बैठी हुई थी और उनके सॉलिड मम्मे मेरी पीठ में घुसे हुए थे और इस नज़दीकी से मुझको बड़ा आनन्द आ रहा था.
मुझको देखते ही सब लड़कियाँ मेरे चारों ओर जमा हो गई और मेरे करीब आने की कोशिश करने लगी लेकिन आबिदा ने उनको समझा दिया कि चाची के सामने कुछ शर्म लिहाज़ करो!आबिदा बोली- सतीश राजा, तुम्हारी चाची तो गज़ब की सुन्दर लग रही हैं. अगर हम इनको अच्छी तरह से तैयार कर दें तो यह किसी फिल्म की हीरोइन से कम नहीं लगेंगी. क्यों आंटी, चलती हो? हम आप को फ़िल्मी हीरोइन बना देती हैं.
 
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