desiaks
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चाची थोड़ी नानुकर करने के बाद तैयार हो गई और सब लड़कियाँ उनको लेकर अपने कमरे में चली गई.चाची के जाते ही सब लड़कियाँ मेरे ऊपर टूट पड़ी और चूमा चाटी और बारी बारी से आलिंगनों की झड़ी लगा दी.मैं उनके गोल और सॉलिड मम्मों के बीच दब सा गया.थोड़ी देर बाद आबिदा और कुछ लड़कियाँ चाची को लेकर आ गई और चाची वाकयी में किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी.
जब आबिदा और हेमा के बीच में चाची खड़ी हुई तो वो उन दोनों से किसी तरह से भी कम नहीं लग रही थी.चाची का शरीर भरा हुआ था और उनके गोल और तन्ने हुए उरोज और उभरे हुए चूतड़ उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे.
चाची ने मुझसे पूछा- क्यों सतीश, मैं कैसी लग रही हूँ? सच सच बताना.मैंने सच बोलते हुए कहा- वाह चाची, तुम तो कमाल की सुन्दर लग रही हो!! सच एकदम सच कह रहा हूँ फिल्मों की हीरोइन जैसी लग रही हो.तारीफ सुन कर चाची फूल के कुप्पा हो गई.वैसे भी चाची की उम्र शायद 25-26 की रही होगी, काफी सुन्दर थी.
फिर चाची बोली-सतीश राजा, क्या मुझ को अपनी कॉटेज की सैर नहीं करवाओगे?मैंने कहा- क्यों नहीं चाची, आओ मैं तुमको सारी कॉटेज की सैर करवाता हूँ.
मैं चाची को लेकर अंदर जाने लगा तो चाची ने एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और मुझसे बिल्कुल चिपक कर घूमने लगी कॉटेज में!उनके दोनों स्तन मेरे बाएं बाज़ू से रगड़ रहे थे और मैं उनके सिल्क के ब्लाउज और साड़ी के अंदर और उसकी ब्रा में छुपे मम्मों के चूचुकों को अपने बाज़ू पर महसूस कर रहा था.
चाची के निप्पल एकदम से अकड़े हुए थे और वो साड़ी के बाहर से साफ़ दिख रहे थे. चाची बार बार कनखियों से मेरे चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रही थी.अब चाची की बोल्डनेस को देखते हुए मैंने उनकी गांड पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया.
जब हम पहले कमरे में घुसे तो एक डांसर अपने कपड़े समेटने की तैयारी में लगी थी, उसने सिर्फ एक ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी और चाची यह दृश्य देख कर भौंचक्की रह गई और मुझको जल्दी ही उस कमरे से घसीटने लगी लेकिन मैंने बड़े तपाक से कहा- हेलो जूली, गुड मॉर्निंग यार, अभी पैकिंग चल रही है तुम्हारी?
वो उसी ड्रेस में दौड़ कर आई और मेरे से लिपट गई और मेरे होटों पर एक गर्म किस जड़ दी जिसे देख कर चाची की आँखें और फ़ैल गई.मैं शर्माते हुए बोला- इनसे मिलो, ये मेरी चाची हैं. हैं न बहुत सुन्दर?जूली चाची से बोली- हेलो आंटी, आप तो बहुत ही सुंदर लग रही है. क्या फिल्मों में काम करती हैं?चाची मेरे से और भी ज़्यादा चिपकते हुए बोली- नहीं, मैं तो हाउसवाइफ हूँ.
यह कह कर चाची मुझ को घसीटते हुए आगे बढ़ गई और अगले कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि हेमा ने सिर्फ पैंटी ही पहन रखी था, उसकी ब्रा भी नदारद थी और वो पैकिंग में मस्त थी.यह देख कर चाची ने अपना एक हाथ मेरी आँखों पर रख दिया और मुझको खींचते हुए आगे ले गई और मुझको कमरे के बाहर ही रोक कर स्वयं दरवाज़ा खोल कर झाँका और जब मैदान साफ़ पाया तो मेरे को अंदर आने दिया.
लेकिन जैसे ही मैं कमरे में घुसा तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला और उसमें से सैंडी बिल्कुल नंगी ही नहा कर बाहर आ गई और उसने अभी तक हम दोनों को नहीं देखा था तो वो बेड पर पड़े तौलिये से अपना शरीर पौंछने लगी और साथ ही वो कोई गाना भी गुनगुना रही थी.मैंने दरवाज़े से आवाज़ लगाई- हेलो सैंडी, गुड मॉर्निंग यार!
सैंडी ने चौंक कर मुड़ कर देखा और मेरे साथ किसी औरत को देख कर वो अकचका गई और जल्दी से अपने शरीर को तौलिये से ढकने की कोशिश करने लगी जिसमें वो नाकामयाब रही क्यूंकि उसकी बालों से भरी गीली चूत मुझको साफ़ दिख रही थी.हैरानी के खत्म होते ही वो भी भाग कर आई और मेरे गले लग गई और मेरे होटों पर ताबड़तोड़ चुम्मियाँ देने लगी.
मैंने चाची की तरफ देखा जो हैरान और परेशान हो रही थी यह देख कर हर कमरे में मुझ को जफ्फी और चुम्मियाँ मिल रही थी.मैंने सैंडी का ध्यान चाची की तरफ दिलाया और उसको और आगे बढ़ने से रोक दिया.
चाची मुझको लगभग खींचते हुए अगले कमरे में ले गई जहाँ दरवाज़ा खोलते ही एक बहुत ही गर्म नज़ारा देखने को मिला.हमने देखा कि बेड पर दो लड़कियाँ नंग मलंगी आपस में गुत्त्मम गुत्था हो रही थी ही एक दूसरे के गुप्तांगों को चूस और चाट रही थी और उनके मुंह सी हाय हाय के अस्फुट शब्द निकल रहे थे.ध्यान से देखने पर पता चला कि वो दोनों आबिदा और नंदा थी.मैंने चाची को इशारा किया कि चुपचाप बाहर निकल चलो!
मैंने धीरे से दरवाज़ा फिर से बंद कर दिया और उन दोनों को आनन्द लेने दिया.अब चाची यह सब देख कर गर्मी से उबलने लगी थी और मैं समझ गया कि चाची चुदने के लिए तैयार है तो मैं उनका हाथ पकड़ कर ऊपर वाले कमरे में ले गया जो उस वक्त बिल्कुल खाली था.
जब आबिदा और हेमा के बीच में चाची खड़ी हुई तो वो उन दोनों से किसी तरह से भी कम नहीं लग रही थी.चाची का शरीर भरा हुआ था और उनके गोल और तन्ने हुए उरोज और उभरे हुए चूतड़ उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे.
चाची ने मुझसे पूछा- क्यों सतीश, मैं कैसी लग रही हूँ? सच सच बताना.मैंने सच बोलते हुए कहा- वाह चाची, तुम तो कमाल की सुन्दर लग रही हो!! सच एकदम सच कह रहा हूँ फिल्मों की हीरोइन जैसी लग रही हो.तारीफ सुन कर चाची फूल के कुप्पा हो गई.वैसे भी चाची की उम्र शायद 25-26 की रही होगी, काफी सुन्दर थी.
फिर चाची बोली-सतीश राजा, क्या मुझ को अपनी कॉटेज की सैर नहीं करवाओगे?मैंने कहा- क्यों नहीं चाची, आओ मैं तुमको सारी कॉटेज की सैर करवाता हूँ.
मैं चाची को लेकर अंदर जाने लगा तो चाची ने एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और मुझसे बिल्कुल चिपक कर घूमने लगी कॉटेज में!उनके दोनों स्तन मेरे बाएं बाज़ू से रगड़ रहे थे और मैं उनके सिल्क के ब्लाउज और साड़ी के अंदर और उसकी ब्रा में छुपे मम्मों के चूचुकों को अपने बाज़ू पर महसूस कर रहा था.
चाची के निप्पल एकदम से अकड़े हुए थे और वो साड़ी के बाहर से साफ़ दिख रहे थे. चाची बार बार कनखियों से मेरे चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रही थी.अब चाची की बोल्डनेस को देखते हुए मैंने उनकी गांड पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया.
जब हम पहले कमरे में घुसे तो एक डांसर अपने कपड़े समेटने की तैयारी में लगी थी, उसने सिर्फ एक ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी और चाची यह दृश्य देख कर भौंचक्की रह गई और मुझको जल्दी ही उस कमरे से घसीटने लगी लेकिन मैंने बड़े तपाक से कहा- हेलो जूली, गुड मॉर्निंग यार, अभी पैकिंग चल रही है तुम्हारी?
वो उसी ड्रेस में दौड़ कर आई और मेरे से लिपट गई और मेरे होटों पर एक गर्म किस जड़ दी जिसे देख कर चाची की आँखें और फ़ैल गई.मैं शर्माते हुए बोला- इनसे मिलो, ये मेरी चाची हैं. हैं न बहुत सुन्दर?जूली चाची से बोली- हेलो आंटी, आप तो बहुत ही सुंदर लग रही है. क्या फिल्मों में काम करती हैं?चाची मेरे से और भी ज़्यादा चिपकते हुए बोली- नहीं, मैं तो हाउसवाइफ हूँ.
यह कह कर चाची मुझ को घसीटते हुए आगे बढ़ गई और अगले कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि हेमा ने सिर्फ पैंटी ही पहन रखी था, उसकी ब्रा भी नदारद थी और वो पैकिंग में मस्त थी.यह देख कर चाची ने अपना एक हाथ मेरी आँखों पर रख दिया और मुझको खींचते हुए आगे ले गई और मुझको कमरे के बाहर ही रोक कर स्वयं दरवाज़ा खोल कर झाँका और जब मैदान साफ़ पाया तो मेरे को अंदर आने दिया.
लेकिन जैसे ही मैं कमरे में घुसा तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला और उसमें से सैंडी बिल्कुल नंगी ही नहा कर बाहर आ गई और उसने अभी तक हम दोनों को नहीं देखा था तो वो बेड पर पड़े तौलिये से अपना शरीर पौंछने लगी और साथ ही वो कोई गाना भी गुनगुना रही थी.मैंने दरवाज़े से आवाज़ लगाई- हेलो सैंडी, गुड मॉर्निंग यार!
सैंडी ने चौंक कर मुड़ कर देखा और मेरे साथ किसी औरत को देख कर वो अकचका गई और जल्दी से अपने शरीर को तौलिये से ढकने की कोशिश करने लगी जिसमें वो नाकामयाब रही क्यूंकि उसकी बालों से भरी गीली चूत मुझको साफ़ दिख रही थी.हैरानी के खत्म होते ही वो भी भाग कर आई और मेरे गले लग गई और मेरे होटों पर ताबड़तोड़ चुम्मियाँ देने लगी.
मैंने चाची की तरफ देखा जो हैरान और परेशान हो रही थी यह देख कर हर कमरे में मुझ को जफ्फी और चुम्मियाँ मिल रही थी.मैंने सैंडी का ध्यान चाची की तरफ दिलाया और उसको और आगे बढ़ने से रोक दिया.
चाची मुझको लगभग खींचते हुए अगले कमरे में ले गई जहाँ दरवाज़ा खोलते ही एक बहुत ही गर्म नज़ारा देखने को मिला.हमने देखा कि बेड पर दो लड़कियाँ नंग मलंगी आपस में गुत्त्मम गुत्था हो रही थी ही एक दूसरे के गुप्तांगों को चूस और चाट रही थी और उनके मुंह सी हाय हाय के अस्फुट शब्द निकल रहे थे.ध्यान से देखने पर पता चला कि वो दोनों आबिदा और नंदा थी.मैंने चाची को इशारा किया कि चुपचाप बाहर निकल चलो!
मैंने धीरे से दरवाज़ा फिर से बंद कर दिया और उन दोनों को आनन्द लेने दिया.अब चाची यह सब देख कर गर्मी से उबलने लगी थी और मैं समझ गया कि चाची चुदने के लिए तैयार है तो मैं उनका हाथ पकड़ कर ऊपर वाले कमरे में ले गया जो उस वक्त बिल्कुल खाली था.