XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा - Page 38 - SexBaba
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XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

तभी भिड़े माधवी के पीछे आ गया...

माधवी :- आप क्या करने वाले हो...

भिड़े माधवी की आस को पीछे से सहलाता हुआ..

माधवी :- आहह....मत कीजिए ना.आ.....

और अचानक...भिड़े माधवी की बिकनी को नीचे करके...उसकी आस को पानी के नीचे
नंगी कर देता है...

माधवी एक दम से चौंक जाती है...नही...यहाँ नही...माधवी चिल्लाति है..

भिड़े :- माधवी शांति रखो ना थोड़ी सी...
तुम्हे पता नही है..मेरे लंड की हालत कितनी खराब हो चुकी है..तुम्हे
देखने के बाद...जब तक तुम्हारी ये चूत में नही जाएगा ना..तब तक
मुझे शांति नही मिलेगी..

माधवी :- क्या बात करते होजी...खुद सोचो सबके सामने...आहह....

माधवी के मुँह से ये सिसकी इसलिए निकली..कि..भिड़े ने अपना कॉस्ट्यूम उतार के..
माधवी की चूत पे लंड लगा दिया था..

भिड़े :- कुछ मत बोलो माधवी....बस अब मज़े लो...यहाँ कोई देखेगा नही.
इसलिए में तुम्हे यहाँ लेके आया था...

माधवी :- नही रूकिए प्लस्ससस्स...आअहहूऊओ....

भिड़े ने हल्का सा झटका मारा..तो उसका कुछ हिस्सा लंड का चूत के अंदर
चला गया..

भिड़े :- माधवी ऐसे तो डालना थोड़ा मुश्किल है..तुम हल्का सा झुक जाओ.

माधवी :- अब पागल हो गये हैं क्या...कोई भी देख लेगा तो उसको पता चल
जाएगा..

भिड़े :- अरे बाबा..ज़रा सा झुको..एक बार अंदर डाल दूँगा...तो फिर सीधी
हो जाना...

माधवी इधर उधर देखती है..जितने भी थे..सब अपने में ही मस्त थे..
इसलिए वो हल्का सा झुक गई..

और भिड़े ने वक़्त ना गँवाते हुए....एक ज़ोर का झटका मारा....और उसका पूरा लंड
माधवी की चूत के अंदर..
 
माधवी :- आअहह...उःम्म्म्ममम.....उसकी आवाज़ घुट गई...क्यूँ कि भिड़े
ने अपना हाथ उसके मुँह पे रख दिया...

भिड़े :- माधवी ज़रा आराम से..कोई सुन लेगा..

माधवी :- अहह..क्या आराम से....इतनी तेज़ धक्का मारा आपने..की बॅस मेरी तो जान
ही निकल गई थी..

भिड़े :- अच्छा अच्छा..अब ज़रा काम में लग जाए..

माधवी :- हूऊ..आ.आ.ह.ह.....ऊ....

भिड़े ने झटके मारने शुरू कर दिए थे......
पानी की छपाकककककककककककक.....आवाज़ें आ रही थी..जब भी भिड़े माधवी की
चूत में अपना लंड अंदर करता और फिर बाहर कर लेता...

आहह ओह्ह.....और तेज़्ज़्ज़.ज़्.....बहुत...बढ़िया लग रहा है....माधवी बोले जा
रही थी...

भिड़े तो मदहोशी में जा चुका था...वो नीचे बैठ के हल्का सा उपर
उठता और..सीधा लंड चूत के अंदर...उसको बहुत मज़ा आ रहा था..

आईए अंकल...यहीं पे शुरू हो गये....ये आवाज़ पड़ते ही..दोनो मदहोशी
से बाहर आए....उनकी गर्दन लेफ्ट साइड पलटी..

तो वहाँ एक 20 या 21 साल का लड़का खड़ा था...और उन्हे ही देख रहा था..
एक बार तो दोनो की फट गई..
फिर भी भिड़े बोला..

भिड़े :- आई अंकल किसको बोला..

लड़का :- आपको..

भिड़े :- में..तुझे अंकल दिखता हूँ..

लड़का :- और क्या..अंकल..आपको शरम नही आती..एक इतनी सुंदर लड़की के साथ
यहाँ ये सब कर रहे हो..

माधवी उस लड़के के मुँह से अपनी तारीफ सुन के बहुत खुश हो गई....

भिड़े :- अबे तू रुक में तुझे बताता हूँ..तूने मुझे अंकल कहा...
भिड़े गुस्से में बोलता है..

लड़का डर जाता है..और भागता हुआ बोलता है..अभी यहीं रूको बुला के लाता हूँ
किसी को..और दिखाउन्गा कि देखो ये क्या कर रहे हैं..

इस बात से माधवी डर जाती है..

माधवी :-आ आगू...हटो..वो किसी को बुला लाया तो गड़बड़ हो जाएगी..

भिड़े :- ये क्या है माधवी..कुछ नही होगा...तुम रूको तो सही..

और फिर भिड़े धक्के मारने लगता है..माधवी की सिसकियाँ निकलने लगती है...
आहहह ओह्ह्ह्ह...जलदीडिडीडी..कीजेय...आअहह...
छापकक्ककक..पानी की आवाजो से पता चल रहा था.कि धक्के कितनी तेज़ हो गये
हैं...

तभी भिड़े बोला..माधवी मेरा निकलने वाला है..
माधवी मेरा भी आहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़..ओह..
में तो गई...और माधवी झड जाती है...

भिड़े...आअहह माधवी..ओह्ह्ह..तेरी चूत्त तो अप्रत्तीम्म्म्म है.आहः..
में भी..अहहह...और माधवी की चूत के अंदर ही पानी छोड़ देता है..
और माधवी से अलग हो जाता है..और अपनी कॉस्ट्यूम उपर कर लेता है..
माधवी भी पानी के अंदर हाथ डाल के पैंटी उपर कर लेती है..

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दूसरी तरफ ........

अरे ये क्याअ.......

बबीता :- अईयरर्र्र्र्र्र्र्ररर...मुझे तुमसे इतनी घटिया उम्मीद नही थी...तुमने ये क्या करा.

अईयर :- मेरी बात तो सुनो बबिता..

जेठालाल :- बबीता जी आप बात तो सुनिए..मेरी तो कम से कम..

बबीता :- जेठा जी..में अभी से कुछ नही बोलना चाहती....आपने भी अच्छा नही किया...

जेठालाल :- लेकिन बबीता जी...

तभी उधर से तारक दया और अंजलि आ रहे होते हैं...

तारक :- क्या हुआ भाई..क्यूँ ऐसे क्यूँ झगड़ रहे हो आपस में..

दया :- हाँ क्या हुआ टप्पू के पापा...

बबीता :- में जा रही हूँ..यहाँ से रूम में..आंड अईयर अगर तुम रूम में'
आए तो देखना...

जेठालाल अईयर का हाथ पकड़ लेता है..बबीता जी..अईयर भाई नही आएँगी..आप जइय..

फिर बबीता अईयर को एक गुस्से भरी लुक दे कर निकल जाती है...

तारक :- अरे अब तो बताओ जेठालाल कि क्या हुआ...

जेठालाल :- वो हुआ यूँ....

हाहा हाँ....अभी जानना है सबको..अच्छा जी...बबीता क्यूँ चली गई...उसके लिए वेट
कीजेए थोड़ा...सबकुछ एक साथ खाओगे तो हजम नही होगा.....

बबीता अईयर से गुस्सा होके वापिस जाने ही वाली होती है अपने कमरे में.कि....

तभी तारक दया और अंजलि दूसरी तरफ से इन सब को झगड़ता देख आते हैं...

तारक :- क्या हुआ भाई जेठालाल...

अंजलि :- हाँ जेठा भाई..क्या हुआ...

दया :- बताइए ना टप्पू के पापा क्या हुआ..बबीता जी ऐसे नाराज़ क्यूँ हो गई...
बोलिए ना...बोलते क्यूँ नही है....बोलिए..

जेठालाल :- अरे तू शांत रहेगी तभी तो बोलूँगा ना...नॉनसेंसी....

दया :- सोर्री.....

जेठालाल :- सॉरी वादी...अकल है तुझमे...बस बोलने से मतलब है..

तारक :- ऊ हह भाई जेठालाल बात क्या हुई है..वो बताएँगे आप..कि नही..

अईयर :- मेहता साब में बताता हूँ वो.

जेठालाल :- आप जेठालाल हो ....
वो अईयर से बोलता है..

अईयर :- नही....जेठालाल तो तुम हो..

जेठालाल :- तो फिर मेहता साब..ने किसका नाम लिया है..मेरा या आपका....
बस सबको पंचाट करनी है बीच में....जब में बता रहा हूँ तो आपको क्या
ज़रूरत है बोलने की..

तारक :- तुम दोनो आपस में झगडो में जाके बबीता जी से खुद पूछ लेता हूँ...

जेठालाल फ़ौरन तारक का हाथ पकड़ कर बोलता है...नही नही मेहता साब...में बता रहा
हूँ नाअ...वो हुआ क्यूँ कि.......
 
चलिए एक बार थोड़ा सा रीवाइंड में जाते हैं.....जिसस वक़्त भिड़े और माधवी अपने
कार्यकरम में बिज़ी थे...उसी टाइम इधर जेठालाल की तरफ क्या हो रहा था वो
जान लेते हैं....

अईयर और जेठालाल दोनो एक साथ खड़े थे.....

जेठालाल :- और अईयर भाई..बड़ी खुश लग रहे हो....सब बढ़िया ना..

अईयर :- हाँ जेठालाल एक दम बाड़िया..थॅंक यू सो मच..

जेठालाल :- अरे इसमे थॅंक यू किस बात का अईयर भाई..ये तो मेरा फर्ज़ था..

अईयर :- अरे नही फिर भी....अगर तुम वो आइडिया नही देते तो मेरी प्राब्लम अभी तक सॉल्व
नही होती...

जेठालाल :- छोड़िए अईयर भाई..भूल जाने दो उस बात को.......

अईयर :- अच्छा तुम कहते हो तो ठीक है....

फिर थोड़ी देर जेठालाल चुप रहता है...कुछ 5 मिनट के बाद फिर बोलता है..

जेठालाल :- वैसे अईयर भाई एक बात पूछूँ..

अईयर :- हाँ हाँ पूछो....

जेठालाल :- वैसे बबीता जी को गिफ्ट पसंद आई....

अईयर उसे घूर्ने लगा..

जेठालाल सकपकाता हुआ....वो क्या है ना..में ऐसे ही पूछ रहा हूँ..अगर आप
नही बताना चाहते तो ठीक है..कोई बात नही..

अईयर :- नही नही जेठालाल उसे वो गिफ्ट बहुत पसंद आया...

जेठालाल :- ओह्ह्ह और कुछ कहा उन्होने..

अईयर :- इनफॅक्ट जब तुमने मुझे वो गिफ्ट दिया था तो मुझे नही पता था कि उसमे
बिकनी होगी....जब बबीता ने गिफ्ट खोली..और जब मेने देखा कि उसमे बिकनी है...
तो मेरे तो होश उड़ गये..मुझे लगा कि कहीं बबीता नाराज़ ना हो जाए..
लेकिन वो बहुत खुश हुई....तुम्हारी गिफ्ट लाई हुई..उसे बहुत अच्छी लगी गिफ्ट.....
इस लिए में तो एक बार फिर से थॅंक यू जेठ..

तभी
 
तभी अईयर के कानो में साइड से एक आवाज़ पड़ी..वो फ़ौरन मुड़ा.....
और जो उसने देखा....उससे तो आज पोपटलाल की जगह उसकी दुनिया हिल गयी....

अईयर :- ब्ब्ब्बब्बीताअ.....तुतुम्म्म्म....

बबीता :- अईयरर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर....तूमम्म्मम..ऐसा भी कर सकते हो..मुझे ये नही पता था..
और बोलते बोलते अईयर के पास आ जाती है...

अईयर :- बबिता..वो..वो में..

बबीता :- क्या वो वो ...क्या वो वो..अईयर....तुमने जो आज किया है ना...में वो कभी
नही भूल सकती..

अईयर जेठालाल की तरफ देखते हुए..जैसे वो बोल रहा हो..कि प्लीज़ मुझे बचाओ.

जेठालाल :- बबीता जी मेरी बात तो सुनिए..

बबीता :- नही जेठा जी..में आपकी कोई बात नही सुनना चाहती...आप भी मेरे साथ ऐसा
करोगे..मुझे आपसे ये उम्मीद नही थी..

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....आईए छोरी.....

जेठालाल :- बबीता जी..आप एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए...

बबीता चुप चाप अपने गुस्से भरे चेहरे से अईयर को देखती रही..

जेठालाल :- बबीता जी..मुझसे आपका ऐसा मुरझाया हुआ चेहरा नही देखा जा रहा था.
आप कितने उत्साह में थी..जब अपने सुना था कि हम गोआ घूमने आ रहे हैं..
मुझे आपको ऐसा नही देखा जा रहा था....

तभी अईयर उसको घूर्ने लगता है.....

बॅक ग्राउंड म्यूजिक...फ्लश चलने की आवाज़्ज़.....

जेठालाल :- और मुझसे तो अईयर भाई को भी नही देखा जा रहा था...बेचारे कितने
परेशान हो गये थे....ना ढंग से खा रहे थे..ना ढंग से बात कर रहे
थे...क्यूँ है ना अईयर भाई....
जेठालाल अपनी जान बचाते हुए बोला..

अईयर :- हाँ बबीता डार्लिंग..इसलिए तो मेने.

बबीता :- इसलिए तुमने जेठा जी का लाया हुआ गिफ्ट..मुझे दे दिया....शेम ऑन यू अईयर
तुम ऐसा कैसे कर सकते हो...

अईयर :- वो बबीता उस वक़्त मुझे ये ठीक लगा...वैसे भी तुम मुझसे बहुत ज़्यादा नाराज़
थी..तो मेने..

बबीता :- तो मेने व्हाट...इतनी घटिया हरकत करते हुए तुहमे शरम नही आई..

जेठालाल :- बबीता जी गुस्सा थूक दीजिए..और शांत हो जाइए..

बबीता :- नही जेठा जी..में अब शांत नही होने वाली..और में यहाँ से जा रही हूँ....
 
ये हुआ मेहता साब.......इसकी वजह से बबीता जी गुस्सा होके चली गयी........
जेठालाल तारक को सारी कहानी बताते हुए....

तारक :- ह्म्‍म्म्मममम...अईयर वैसे तुमने किया तो ग़लत..ऐसे किसी का गिफ्ट नही देना चाहिए

अईयर :- मेहता साब..मुझे पता है..लेकिन उस टाइम हालत कुछ ऐसे बन गये थे..
और मेने ये सोचा भी नही था..कि बबीता को सब कुछ पता चल जाएगा...

तारक :- ह्म बात तो तुम्हारी भी ठीक ही है....

अंजलि :- वैसे अईयर भाई..आपने किया तो ग़लत ही...क्यूँ कि अगर हम बीवियों को जब
पता चलता है...उन्हे किसी और का गिफ्ट दिया गया है..तो हमे बहुत ठेस पहुचती है

दया :- हाँ अईयर भाई...मेरी माँ भी यही कहती है..कि कभी अपने के लिए लाई हुई गिफ्ट
किसी और को नही देनी चाहिए..

जेठालाल :- तू चुप रह ना..नॉनसेन्स...यहाँ पे भी अपनी माँ की पीपूड़ी बजा रही है..
देख तो सही कि अईयर भाई इस वक़्त कितने टेन्षन में है..नॉनसेन्स...

दया :- सॉरी......
सॉरी अईयर भाई....

अईयर :- इट्स ओके...दया भाभी...ग़लती मेरी ही है..

दया :- अंजलि भाभी..क्यूँ ना हम चलके...बबीता जी से बात करें...

अंजलि :- हाँ ये ठीक रहेगा....हम रीना को कॉल कर देंगे वो हमे गाउन प्रवाइड कर देगी.
उसे पहन के चलते हैं..

दया :- क्या..

अंजलि :- ओफफो....आप चलीए तो.....

अईयर :- अंजलि भाभी..में भी चलता हूँ..आप दोनो के साथ....

जेठालाल :- हाँ अईयर भाई आप भी जाओ..और ज़रा शांति से समझाना...

अईयर :- हाँ ठीक है..अच्छा मेहता साब..आता हूँ..अगर कुछ ज़्यादा प्राब्लम हुई..
तो आप चलना..

तारक :- श्योर..अईयर...

फिर दया अंजलि और अईयर बबीता के पास चल देते हैं....

उधर तारक जेठालाल को देख रहा होता है....

तारक :- जेठालाल....मुझे तो कुछ गड़बड़ लगती है..

जेठालाल अपना भोला सा मुँह बनाते हुए...गड़बड़..कैसी गड़बड़ मेहता साब..

तारक :- आहा...जेठालाल तुम इतने शरीफ तो नही हो कि मदद करोगे....वो भी..अईयरर्र की....

तारक की बातों से जेठालाल को सॉफ पता चल रहा था..कि उसने उसकी चोरी पकड़
ली है..

जेठालाल :- वो वू..वू..मेहता आ...
अपने मन में..मेहता साब...मुझे पकड़ ही लेते हैं..इनको तो बताना ही
पड़ेगा..

जेठालाल :- ह्म...बताता हूँ..भाई..

तारक :- हाँ मेरा शक़ ठीक निकलना..मुझे पता था..कि तुमने ही कुछ गड़बड़ की
होगी.....बताऊं ..

जेठालाल :- वो हुआ यूँ मेहता साब..कि में और अईयर भाई यहाँ खड़ी थे ऐसे ही
जैसे में और आप खड़े हैं आमने सामने..एक दूसरे को देखते हुए.....
और बात कर रहे थे....

तभी
 
जेठालाल :- ह्म...बताता हूँ..भाई..

तारक :- हाँ मेरा शक़ ठीक निकलना..मुझे पता था..कि तुमने ही कुछ गड़बड़ की
होगी.....बताऊं ..

जेठालाल :- वो हुआ यूँ मेहता साब..कि में और अईयर भाई यहाँ खड़ी थे ऐसे ही
जैसे में और आप खड़े हैं आमने सामने..एक दूसरे को देखते हुए.....
और बात कर रहे थे....

तभी मेने देखा कि साइड से बबीता जी आ रही हैं.....
अब अईयर से खुन्दस तो निकालनी ही थी..तो मेने उन्हे अपने पास आते हुए देख
लिया...वो ठीक अईयर के साइड से आ रही थी...मेने उन्हे अनदेखा कर दिया....
अब बातों ही बातों में मेने अईयर भाई से वो गिफ्ट वाली बात निकलवा ली..उस
बेवकूफ़ को पता भी नही चला..और मेरा काम भी हो गया....

तारक :- ओह्ह्ह तो इस तरह तुमने अईयर की बॅंड बजाई.....
वैसे जेठालाल ग़लत किया तुमने..बेचारा अईयर वैसे ही इतना फँसा हुआ था..

जेठालाल :- क्या ग़लत मेहता साब...उसने जो मुझे ट्रेन में बंद किया क्या
वो कम था..इस अईयर इडली के लिए तो वो कॉस्ट्यूम वाला और ग़लत कमरे में भेजने
का आइडिया भी बिकलूल सही था मेरा....

तारक :- क्याआ...क्या कहा तुमने अभी जेठालाल...

इईईईईई....जेठालाल के मुँह से ये निकला..

बॅक ग्राउंड म्यूजिक.....बच्चे की रोने की आवाज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.....

जेठालाल :- कुऊउ...च्च..भी...तो नही.....च चलते हैं अंदर थोड़ी देर पानी
से मज़े ले लें.

तारक :- एक मिनट जेठालाल...तुम मुझे अभी सच सच बताओगे..कि क्या क्या किया है
तुमने......

जेठालाल अपने मन में..........अपनी बॅंड खुदी बजवा ली मेने...अब मेहता साब को
ये बताना ही पड़ेगा....बचा ले ना प्रभु....

जेठालाल :- वो मेहता साब.....वो कॉस्ट्यूम जो मेने अईयर भाई को दी थी..असल में
उसमे कसने के लिए को नाडा नही था...इसलिए वो उतर सकती थी....पानी में..लेकिन मेने
अईयर भाई को ये बात नही बताई..
और वो वो..रूम नंबर...भी मेने ही चेंज करा था.....

तारक :- जेठाआललल्ल्ल्ल तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक था न...तुम्हे पता है
कि तुम्हारे इस बेवकूफी ब्रर कदम से क्या हो जाता ... बबीता और अईयर का घर
उजड़ सकता था..

जेठालाल :- लेकिन मेहता साब..मुझे क्या पता था..कि वो अईयर इडली..इतना बड़ा ठर्की
निकलेगा...कि अंदर जाते ही साला शुरू हो जाएगा..किसी औरत के साथ...
में तो सिर्फ़ उसके दो चार चपल खिलवाना चाहता था..कि उसे पता चले
कि कैसा लगता है...
 
तारक :- लेकिन तुम्हारे चप्पल के चक्कर में..उसका बसा बसाया घर उजड़ जाता..

जेठालाल तारक की बात सुन के खामोश हो जाता है...

तारक :- वैसे..जेठालाल.....सही बॅंड बजाई तुमने अईयर की हाहहहहहहः..

जेठालाल हँसते हुए..मेहता साब...आप भी...आपने तो डरा दिया मुझे..

तारक :- हाहहहः....अरे तुम अईयर के साथ इतनी मस्ती कर सकते हो..तो क्या 2 मिनट
के लिए में तुम्हारे साथ मस्ती नही कर सकता...
अरे अईयरर्र्ररर...तुम यहाँ..

जेठालाल की उस वक़्त आँखें फट जाती है..अरे आँखें क्या...उसकी तो गान्ड भी फट
गई..अईयर का नाम सुन के..वो वौरान पलटा.....लेकिन वहाँ अईयर नही थाअ..

हाहहहहहहहहाहा....तारक हंस पड़ता है..

जेठालाल :- क्या मेहता साब...आप भी...मेरी बॅंड बजाने में लगे हुए हैं...

तभी इन दोनो के कानो में आवाज़ पड़ती है...वो बाहर उधर देखते हैं..

अंजलि :-तारक जल्दी आइए...बबीता जी तो मान ही नही रही हैं..

तारक :- आता हूँ अंजलि..

जेठालाल :- मेहता साब..आप होकर आओ...

तारक :- तुम नही चलोगे...कमाल है..बबीता जी..को मनाने तुम नही चलोगे..

जेठालाल :- मेहता साब...आप चलो..तो सही..थोड़ा सा शांत करो उन्हे...फिर..में
आता हूँ.....

तारक :- ओके..भाई..जैसे तुम्हारी मर्ज़ी...

फिर तारक भी चला जाता है....और जेठालाल अकेला वहाँ खड़ा रह जाता है...

कुछ देर बाद उसके कानो में पीछे से आवाज़ पड़ती है....

वो फ़ौरन मुड़ता है..और देखता है कि सामने रीता खड़ी होती है..
 
रीता उसके करीब आते हुए..

जेठालाल खुन्दस में...अब क्या चाहिए तुझे...

रीता :- अरे गुस्सा क्यूँ हो रहे हो जेठा भाई....

जेठालाल :- गुस्सा नही होऊँ तो क्या करूँ....तुझे मुझे वहाँ स्वीमिंग पूल में
ब्लॅक मैल करके शांति नही मिली..

रीता :- जेठा भाई वो ब्लॅक मैल थोड़ी था...वो तो आपने ही मेरा हाथ पकड़ के
अपने उस पे रख दिया था...

जेठालाल :- न वो तो ग़लती से रख दिया था..लेकिन उसके बाद तूने जो..किया..

रीता :- हाँ तो में भी तो एक लड़की हूँ..मेरे अंदर भी फीलिंग्स हैं..अब उस
वक़्त इतनी गरम हो गई थी..कि क्या करती..
और वैसे अभी तो अब बड़े भोले बन रहे हैं..उस वक़्त कहाँ गया था वो भोलापन

जेठालाल उसकी बात सुन के चौंक जाता है...कौन से..पे..ए..ए....

रीता :- अरे वही..जहाँ अपने मेरी चूत मसल दी थी...

जेठालाल की तो हालत खराब हो जाती है....
कब कहाँ.....मेने कब क्या..झूठी लड़की..

रीता :- अच्छा इतनी जल्दी भूल गये...अभी जब हम लंच के लिए बैठे थे..तो आपने
नही मेरी चूत अपने पैर से दबाई थी.....

क्य्ाआआआअ..जेठालाल के मुँह से तो यही निकलता है...

बॅक ग्राउंड म्यूजिक...बच्चे के रोने की आवाज़्ज़......

जेठालाल अपने मन में..अब ये क्या मुसीबत है...मेने इसके साथ कब ऐसा किया..
में तो बबीता जी के साथ ....एक मिनट..क्या चक है ये...सोचना पड़ेगा.....
 
रीता :- क्या सोच रहे हो.....अरे जब मेरा आपसे पैर टकराया था...तब आप ही तो
मेरे पैर के साथ मेरी चेर पे आके..मेरी चूत को एक दम से सहला दिया था..
जिससे एक बार में ख़ासी भी थी.आपको इंडिकेशन देने के लिए..कि आराम से करो..

आरीईए बाप रे...तो वो रीता थी......मुझे लगा बबीता जी है.....ये क्या
गड़बड़ कर दी मेने...कहाँ इसके चक्कर में फँस गया..अब तो ये मेरी और जान
खाएगी.......

तो फिर मेरे लंड पे किसका पैर था....कहीं बबीता जी का तो नही....क्यूँ कि बबीता जी
जिस तरह देख रही थी..उससे तो यही लगता है....और बबीता जी ही दया के बराबर
में बैठी थी....
ये सोचते सोचते जेठालाल का लंड अकड़ने लगता है.......

तभी उसकी सोच टूटी ....तारक के आवाज़ लगाने से...

तारक :- ओ जेठालाल...

जेठालाल मूड कर तारक को देखता है..

जेठालाल :- हाँ मेहता साब...

तारक :- अर्रे यार इधर आओ...बबीता जी नही मान रही है..

जेठालाल :- हाँ आया...

रीता :- अच्छा अभी जाओ..अकेले में मिलते हैं.हहेहेहेः

जेठालाल :- अबे चल ना...
और बोलते हुए....तारक की तरफ निकल जाता है..
आई बड़ी..अकेले में मिलने वाली...वो बड़बड़ाते हुए तारक के पास पहुचता है..

जेठालाल :- हाँ मेहता सहब..क्या हुआ..

तारक :- तुम चलो में सब समझाता हूँ...

फिर करीब 10 मिनट अपने रूम के पास दोनो पहुच जाते हैं...

रूम के बाहर दया अंजलि और अईयर खड़े थे..
अईयर गेट नॉक कर रहा था..अपने रूम का...बबीता ने अंदर से लॉक कर लिया था.

अईयर :- बबीता प्लीज़..खोलो...प्लीज़ ओपन दा डोर..

बबीता अंदर से....में नही खोलूँगी..

तारक :- क्या हुआ..अंजलि..कुछ बात हुई..

अंजलि :- कहाँ तारक बबीता जी..तो गेट ही नही खोल रही हैं...
 
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