XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत - Page 4 - SexBaba
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XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत

मैं शकील के हवेली के दूसरे माले में बने एक कमरे में बैठा हुआ था जो उसने मुझे दिया था,वंहा एक बड़ा सा स्मार्ट tv लगा हुआ था और उसमें शेयर के भाव से संबंधित चार्ट चल रहे थे ,उसके कुछ भी दूर पर मैं एक लेपटॉप और एक डेस्कटॉप लिए हुए एक टेबल पर बैठा था बैठा था,शकील को मैं पैसे कमा कर दे रहा था और वो भी अब मेरे मनमुताबिक चीजे मुझे लाकर दे देता,मैं एक प्रोफेसनल ट्रेडर और इन्वेस्टर बनने की राह में निकल पड़ा था,महंगे सॉफ्टवेयर से लेकर महंगा ट्रेडिंग डेस्क तक उससे निकलवाना था लेकिन धीरे धीरे…

सामने की खिड़की खुली हुई थी और कुछ तेज आवाजे मेरे कानो में पड़ रही थी और साथ ही साथ मेरे चहरे में मुस्कान भी बढ़ रही थी,मैं आराम से अपना काम कर रहा था,तभी मेरे कमरे का दरवाजा धड़ाम से खुला,मैंने जानबूझकर बड़े बड़े हेडफोन लगा रखे थे जो मैंने कुछ ही दिनों पहले शकील से मंगवाए थे...मैंने कुछ ना सुनने की एक्टिंग की और साथ ही पेन निकलाकर अपने नोटबुक में शेयर के कुछ प्राइस लिखने लगा..कुछ देर तक कुक नही हुआ थोड़ी ही देर में किसी ने मेरे कानो से हेडफोन निकाल दिया ..मैं हड़बड़ाया ..

“अरे भाई आप यहां “शकील साक्षात मेरे सामने खड़ा था साथ ही उसके कुछ लोग भी थे ,सभी के चहरे में गुस्सा मानो टपक रहा था ..

“ये कान में क्या ठूस के रखा है बे मादरचोद “

उसके एक आदमी ने कहा ..

“इसे हेडफोन कहते है गवार साले..”

मैंने उसके हाथो से अपना हेडफोन छीनते हुए कहा ..

“आइए ना भाई बैठिए,वो क्या है ना की बाहर की आवाज से दिमाग डिस्टर्ब ना हो इसलिए काम करते समय ये लगा लेता हु ,आप के आने का पता ही नही चला,माफ कीजियेगा,बैठिए ना “

मेरी बैठत सुनकर भी शकील नही बैठा..

वो बस मुझे घूरता रहा जैसे सभी लोग घूर रहे थे…

“क्या हुआ भाई की प्रॉब्लम है क्या ??”

मैं थोड़ा डरते हुए उससे पूछा ..

“काजल गायब हो गई है ..”

शकील ने सपाट शब्दो में कहा ..

“वाट क्या मतलब की गायब हो गई है ..”

“वो चाल से निकली थी कही जाने के लिए,मेरे आदमी उसके पीछे ही थे लेकिन फिर एक मोड़ से वो गायब हो गई ,हर जगह ढूंढा लेकिन कही दिखाई नही दी ...तुम्हे कुछ पता है की वो कहा जा सकती है ..”

शकील की आवाज बिल्कुल ही नार्मल थी ,उसे मेरे ऊपर शक तो था लेकिन वो भी जानता था की मैं पिछले दो दिनों से कही नही गया हु क्योकि मैंने कह रखा था की कंपनियों के तिमाही रिजल्ट आने वाले है और मुझे उसकी स्टडी करनी है ,मैं दिन भर अपने कमरे में बैठा हुआ कुछ ना कुछ पढ़ता रहता और ये मैं कोई एक्टिंग नही कर रहा था मैं सच में यही कर रहा था,और शकील भी इसकी जांच करता रहता की मैं क्या कर रहा हु ,इसलिए उसका दिमाग ये फैसला ही नही कर पाया की मैं काजल के गायब होने में शामिल हो सकता हु या नही ...आज उसने मुझे जिस अवस्था में पूरी तरह से मगन होकर काम करते देखा था उसका थोड़ा मोड़ा शक भी डगमगा सा गया होगा…

“भाई मुझे उस रंडी का क्या पता,मैं तो अंतिम बार आपसे परमिशन ले के ही मिलने गया था,उसके बाद से मैंने उसे अपने दिमाग से निकाल कर फेक दिया था और अपने काम में लग गया ..भाई एक चीज कहु इस तीन दिनों में मैंने 5 ऐसी कंपनियां ढूंढ ली है जिसमे 6 महीनों के निवेश में हमे बहुत ही ज्यादा मुनाफा हो सकता है ,भाई इस बार थोड़ा बड़ा अमाउंट लगाएंगे,बहुत हो गया छोटा मोटा गेम अब बड़ा गेम खेलते है,आप बोलो तो मैं कंपनियों के बेलेंस शीट दिखता हु आपको “

मुझे काजल के ऊपर कोई इंट्रेट ना लेता हुआ देखा वंहा खड़े सभी लोगो के चहरे थोड़े फीके पड़ गए शायद उन्हें लगा था की वो आज मुझे तबियत से धोएंगे...वही मैंने कम्पनियों के बारे में इतने इंटरेस्ट से कहा की शकील का भी थोड़ा मोड़ा शक जाता रहा..

“हम्म बाद में देखेंगे अभी नही ,हा अगर उसका कही पता चले तो बताना “शकील ने फिर से शालीनता से कहा

“अरे भाई छोड़ो उस रांड को जितना वो जिंदगी भर में कमा के देगी उतना तो मेरे शेयर आपको 6 महीनों में कमा कर दे देंगे”

मैं हँसने ही वाला था की एक आदमी भड़क गया

“ये मादरचोद चुप कर ,यंहा बात पैसे की नही है इज्जत की है ,भाई के चकले से कोई रांड भाग जाए ऐसा आज तक नही हुआ है ,वो मादरचोद तो मरेगी अब ..”

उसके आंखों में आग था मैं सच में डर गया था..

“सॉरी भाई ,मुझे उन सब धंधों का कुछ नही पता..”

मैंने थोड़ा कांपते हुए कहा

“ये जाने दे उसे इन सबका कुछ नही पता,इसे इसका काम करने दे ..”

शकील ने उस आदमी को थोड़ा झड़का और बाहर निकल गया

……

मैं जानता था की शकील मुझपर कितना भी भरोसा करे लेकिन वो अपने लोगो को मेरे पीछे लगा कर ही रखेगा,इसलिए काजल से मिलना अभी भी मेरे लिये बस सपना था ,लेकिन अविनाश ने अपना काम बड़े ही खूबसूरती से कर दिया था,शकील को काजल के गायब होने की भनक भी नही लगी ,अविनाश ने ये कैसे किया ये तो वही जाने लेकिन मेरे दिल ने एक डर फिर से उमड़ गया था की अगर अविनाश को काजल की सच्चाई का पता चल गया तो फिर क्या होगा खैर मुझे अभी इन सबसे अपना दिमाग हटाना था,और इसका एक ही तरीका था,पैसे कमाना,मैंने फिर से अपनी नजर स्क्रीन में गड़ा दी …….


**********
 
मैं बेचैनी से अपने कालेज के एक कमरे में टहल रहा था,शकील के लोग मेरे एक एक मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे,मैंने प्यारे और संजय सर से भी अभी के लिए ट्रेडिंग बंद करने को कह दिया था,मैंने उनसे उन शेयर में पैसा लगाने को कह दिया जो 6 महीने में पैसा कमा कर देते,रोज वाली झंझट खत्म कर दिया था क्योकि मैं उनके टच में नही रहना चाहता था,इससे शकील को शक हो सकता था,शकील के लोग कालेज तक तो मेरा पीछा कर सकते थे लेकिन कालेज के अंदर नही क्योकि अंदर आने के लिए आई डि चाहिए था और वो ऐसे मेरा पीछा कर रहे थे जैसे जेम्स बांड की औलाद हो उन्हें लगता था की मुझे नही पता की कोई मेरा पीछा कर रहा है ...खैर मैं बेचैन था क्योकि अविनाश ने मुझे उस खाली कमरे में बुलाया था,काजल को गायब हुए 2 दिन बीत चुके थे मैं भी उसकी हालत जानने को बेताब था,प्यारे ने मुझे बताया था की अविनाश के लड़को ने पहले तो काजल की रेकी की और पता लगाया की कौन कौन है जो उसके पीछे लगे है फिर सफाई से एक मोड़ में काजल को क्लोरोफार्म सूंघा कर बेहोश कर दिया और वही पड़े एक कचरे के डिब्बे में डाल दिया और निकल गए ,शकील के आदमी पागलों की तरह पूरा शहर ढूंढते रहे लेकिन उनके आंखों के सामने रखे कचरे के डिब्बे पर उनकी नजर नही गई जिसे रात में मुन्सिपर्टी की गाड़ी उठाकर ले गई और काजल को सही सलामत गर्ल्स होस्टल के एक कमरे में पहुचा दिया गया...काजल ने होश में आकर कैसे रिएक्ट किया इसके मुझे पता नही लेकिन इतना जरूर जानता हु की उसने इतने नरक अपने इस जीवन में देखे है की कोई भी सिचुएशन उसे डरा नही सकती ..

चिंता में मेरे माथे में आया हुआ पसीना और भी बढ़ रहा था तभी मुझे खिड़की से आविनाश आता हुआ दिखा साथ ही कई चेले भी थे लेकिन वो सभी बाहर ही रुक गए..

“गुड मॉर्निंग सर “

मैंने उसे अंदर आता देख तुरंत ही विस् किया ..

“मादरचोद ..”

अविनाश मुझतक तेजी से बड़ा और चटाक ..

एक जोरो का झापड़ मेरे गालों में धर दिया..

“मादरचोद तुझे अपना भाई बोला,तेरी मदद की और मुझसे ही गद्दारी की तूने,जिससे मैं सबसे ज्यादा नफरत करता हु तुने मुझसे उसकी ही मदद करवाई ,रंडी के प्यार में तूने मुझसे ऐसा काम करवाया तेरी माँ को चोदू”

चटाक चटाक ..अविनाश मेरे बालो को पकड़कर मुझे मार रहा था,ये समझने में मुझे बिल्कुल भी देरी नही लगी की उसे काजल की असलियत का पता चल चुका है,अविनाश रंडियों का चहरा देखना भी पसंद नही करता था लेकिन उसके कुछ दोस्त पक्के रंडीबाज भी थे,और काजल तो शहर की सबसे फेमस वाली थी तो शायद कोई उसे पहचान गया होगा…

“वो तो गिरधारी ने उसे पहचान लिया वरना मैं तेरे कारण उससे मिलकर उसे बहन कहने वाला था...मादरचोद ..भाग जा और ले जा अपनी रांड को यंहा से ,तेरे कारण मैंने एक रांड को गर्ल्स कालेज में रखा है,तेरी माँ का “

मैं नीचे गिर चुका था और वो मुझे लातों से मार रहा था..अविनाश ने अभी तक काजल को नही देखा था और वो अब देखेगा भी नही क्योकि वो रंडियों का चहरा भी नही देखता,लेकिन मेरे लिए ये बड़ी आफत थी क्योकि काजल को वंहा से बाहर निकलना यानी हम दोनों की मौत पक्की ..

“सर आप जितना मरना चाहो मारो लेकिन मेरी बात तो सुनो,वो मर रही है भाई उसे केंसर है ..मेरी बात तो सुनो “

मैं नीचे पड़ा हुआ गिड़गिड़ा रहा था लेकिन वो मेरी बात सुनने के बिलकुल भी मूड में नही था…

“कल की मरने वाली आज ही मर जाए साली रांड ,दुनिया से भार ही कम होगा “वो मुझे और भी जोरो से मारने लगा था

तभी वंहा दो लोग और आ गए

“सर प्लीज एक बार उसकी बात तो सुन लीजिए,एक बार प्लीज् ...मेरी खतिर “

ये संजय सर थे..वो हांफ रहे थे शायद उन्हें पता चल गया था की मेरे साथ क्या हो रहा है ..

“तेरी खातिर मादरचोद तू भी खायेगा,तेरे कारण ह मैंने इस चूतिये की मदद की है “

अब अविनाश मुझे छोड़कर संजय सर को मारने लगा तब तक मैं खड़ा हो चुका था ..

“मारिये सर और जोर से मारिये मुझे भी मारिये और मार ही डालिये लेकिन एक बात याद रखिये वो भले ही जैसी भी है लेकिन मेरा प्यार है.,और कोई रंडी जानबूझकर नही बनती सर कभी वो भी एक अच्छी लड़की थी लेकिन शकील ने उसे रंडी बना दिया,कभी वो भी ऐसी लड़की थी जिसे आप बहन कह सकते थे लेकिन उसे उसके घर से किडनैप करके लाया गया ,उसे मारा गया उसके साथ ना जाने कितने बार बलात्कार किया गया,उसको अपना जमीर बेचने पर मजबूर किया गया,और उसे वो बना दिया गया जो मौत से भी गंदी जिंदगी है ...आप आज उसे भले ही कितनी भी गली दे दे लेकिन याद रखियेगा सर की असली गुनहगार काजल नही बल्कि उसे रंडी बनाने वाला शकील है ...वो तो एक मासूम लड़की थी आज भी वो उतनी ही मासूम है लेकिन लोगो ने उसकी मासूमियत को नही उसके जिस्म को देखा और आज उसके जिस्म का सौदा कर रहे है ,उस बेचारी को केंसर जैसी बीमारी है लेकिन ...काश की उसे आसान मौत आ जाती तो शायद उसे इस नरक जैसी जिंदगी से तो आजादी मिल जाती ,लेकिन नही मौत ने भी अपनी क्रूरता दिखाई अब अगर उसकी बीमारी बढ़ गई तो वो पल पल मरेगी,और हा सर आप मुझे भले ही चूतिया कहे लेकिन मैं उससे प्यार करता हु,वो मेरे लिए क्या है ये आप नही समझ पाओगे,उसने मुझे माँ के तरह प्यार दिया,बहन की तरह मेरा ख्याल रखा,वो आपके लिए एक रंडी होगी लेकिन मैंने कभी उसे उस नजर से ना ही देखा है ना ही छुआ है …….वो मेरे लिए एक देवी है सर ..”

मैं रोता हुआ नीचे बैठ गया था प्यारे ने मेरे कंधे पर अपना हाथ रखा,वही अविनाश मेरी बात को सुनकर रुक चुका था,वो कुछ देर तक कुछ भी नही बोल पाया …..

“तेरे लिए वो क्या है इससे मुझे कोई मतलब नही ,आज ही उसे होस्टल से निकल कर ले जा वरना मैं खुद उसे शकील के पास छोड़कर आऊंगा ,तेरे लिए होगी वो देवी मेरे लिए वो रंडी थी और रहेगी…”

अविनाश इतना ही बोलकर जाने के लिए मुड़ा था

“सर सोचिए की अगर कोई गुंडा तरुणा को किडनैप कर ले “

अविनाश तुंरत ही मुड़कर मुझे देखने लगा,तरुणा अविनाश की मुहबोली बहन थी जो हमारे ही कालेज में पढ़ती थी ,सभी जानते थे की अविनाश उसे अपनी सगी बहन से ज्यादा मानता था ..

तरुणा का नाम सुनकर उसके आंखों में अंगारे जलने लगे वही प्यारे और संजय सर तो ऐसे अकड़ गए जैसे सांप सूंघ लिया हो ..

“सोचिए की उसके साथ कई सप्ताह तक लगातार कई लोग बलात्कार करे “

“मादरचोद ..”अविनाश के सब्र का बांध टूट गया था उसने पास ही पड़ा हुआ डस्टर उठा कर मेरे सर में मार दिया,मेरे सर से खून बहने लगा था …

“और सोचिए की फिर उसे किसी रंडीखाने में फेक दिया जाए ,जब उसका जिस्म मौत से लड़ रहा हो तो भी उसके जिस्म का सौदा किया जाए “

“तेरी इतनी हिम्मत बहनचोद “

अविनाश मेरे ऊपर टूट पड़ा था उसने मुझे जमीन में गिरा दिया था और मेरे ऊपर चढ़कर घूंसों की बारिश कर दी थी ,मैं कुछ बोलता उससे पहले ही मेरे चहरे पर घूंसा पड़ जाता था ..

लेकिन फिर भी मैं बड़ी ही मुश्किल से बोलने लगा

“सर... ,,अगर ,,अपनी भूख मिटाने...के लिए...अपना जिस्म बेचने के सिवा कोई ….चारा ना बचे..”

इस बार अविनाश के मुक्कों की ताकत कम पड़ने लगी थी ...आखिर वो रुक गया लेकिन मेरे ऊपर से नही उठा,उसके हाथ मेरे खून से लाल हो चुके थे,मेरा पूरा चहरा खून से लथपथ था,मैं बेहोश होने की कंडीशन में था लेकिन कोई ताकत मुझे अब भी जगाए रख रही थी ….
 
“सर...सोचिए की उसके लिए जिस्म की अहमियत ही खत्म हो गई हो,सोचिए की जब आत्मा ही मर जाए तो जीना कैसा लगता होगा,जब प्यार शब्द बस कहानियां लगने लगे,जब अपना कहने को आपके पास बस आपका दलाल हो तो कैसा लगता होगा,जब आंखों में कोई सपना नही रह जाए और आंसू भी सुख जाए तो जीना कैसा लगता होगा….सर उसे ही रंडी कहते है….और जो मैंने आपको बताया वो किसी मासूम लड़की के साथ हो चुका है ,वो भी तरुणा की तरह किसी की बहन रही होगी ,...आज वो एक रंडी है ...वो मेरी काजल है सर ..उसका भाई शायद उसे नही बचा पाया लेकिन आप उस तरुणा को बचा लीजये ,आप भी एक रंडी के अंदर उस खोई हुई तरुणा को देख पाएंगे,उसे जिंदा रहने दीजिए,उसे फिर से प्यार कर पाने का हौसला दीजिए ,उसे भी खुदा पर और खुद पर भरोसा करने दीजिए सर…..”

मेरे आंखों के सामने अंधेरा छा रहा था,चहरा खून से लथपथ था लेकिन मैं अविनाश के आंखों से गिरते हुए आंसुओ को अपने चहरे पर महसूस कर पा रहा था..मेरे होठो में एक मुस्कान खिली और सामने बस अंधेरा ही रह गया …….

जब मेरी आंखे खुली मैंने खुद को एक बिस्तर में लेटा हुआ पाया,मैं किसी अस्पताल में था ,प्यारे मेरे सामने बैठा हुआ मुस्कुरा रहा था ..

“क्या हुआ बे “

मेरे जबड़े में अब भी दर्द था मैं बड़े ही मुश्किल से बोल पाया..

“तू मुझे सच सच बता ,तूने जो अविनाश को बोला वो पहले से लिख कर लाया था या जो दिल में आया वो बोल दिया..”

वो अब भी मुस्कुरा रहा था

“क्यो”

“क्यो?? अबे उसका तो जैसे हृदयपरिवर्तन ही हो गया,उसने ही तुझे यंहा दाखिल करवाया और साथ में कहा है की वो काजल को होस्टल में रहने देगा और उसकी सुरक्षा भी करेगा ,लेकिन बस वो उसे देखेगा नही ,साले ने कसम जो खाई है की किसी रंडी का चहरा नही देखेगा..”

प्यारे बोल तो गया लेकिन फिर अचानक उसे कुछ याद आया

“ओह सॉरी भाई काजल को ऐसा बोलने के लिए”

उसकी बात सुनकर मैं बस थोड़ा मुस्कुराया और आंखे बन्द करके लेटा रहा..

थोड़ी ही देर हुए थे की शकिल अपने आदमियों के साथ मेरे सामने था..

“किस मादरचोद की इतनी हिम्मत हो गई जो हमारे आदमी पर हाथ उठाये “

शकील मेरे सामने ही खड़ा था ,जबकि प्यारे एक कोने में दुबक गया था..

मैं शकील को देखकर मुस्कुराने लगा

“छोड़ो ना भाई ,वो कालेज का एक छोटा सा मेटर था,सुलझ गया है”

“अबे कैसे छोड़ दे अब तू हमारा आदमी है ,तुझपर हाथ उठाने का सीधा सा मतलब है की हमारे ऊपर हमला ,तू बता बे किसने मारा इसे “

शकील प्यारे का कॉलर पकड़ कर हिला रहा था,प्यारे की तो संट हो चुकी थी वो मुझे देखने लगा ,मैं अब भी मुस्कुरा रहा था ,क्यो??

पता नही लेकिन जीवन में पहली बार मुझे ऐसा आभास हुआ की मैं भी किसी के लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हु ,एक कालेज का प्रेजिडेंट मुझे हॉस्पिटल में भर्ती करवाता है,एक मेरा दोस्त जो अपना काम धाम छोड़कर घंटो से मेरे साथ बैठा है और एक शहर का सबसे बड़ा गुंडा जो मेरे ऊपर हुए हमले का बदला लेना चाहता है,कही ना कही सभी के अंदर मेरे लिए प्यार देख पा रहा था,ऐसा इसलिए भी क्योकि मेरे साथ ऐसा कभी नही हुआ था,

प्यारे और शकील दोनों ही मुझे मुस्कुराते हुए देख रहे थे..

“तू क्यो हँस रहा है बे बहनचोद “

शकील का दिमाग थोड़ा खराब हो गया

“भाई मुझे नही पता था की आप मुझसे इतना प्यार करते है,मेरे लिए किसी से लड़ने को तैयार हो गए,सच में ये जानकर बहुत खुसी हुई “

मेरी बात सुनकर जंहा प्यारे चौक गया वही शकील बुरी तरह से झेंप गया,उसके लिए मैं सिर्फ एक मोहरा था जिसे वो लीगल तौर से पैसा कमाने के लिए यूस कर रहा था लेकिन मेरी बातों में छिपे इस अपनत्व के भाव से वो थोड़ा हड़बड़ाया,उसके पूरे गिरोह में उसके साथ अपनत्व का संबंध किसी से नही था सभी के लिए वो बस बॉस था..

“भाई जाने दीजिए बस छोटी मोटी लड़ाई थी ,एक दो दिन में मैं ठीक हो जाऊंगा”

“हम्म लेकिन कौन था वो मादरचोद “

शकील फिर से जोरो से बोला

“अविनाश तिवारी...इसके कालेज का प्रेजिडेंट हु ,इस साले ने मेरी बहन के बारे में उल्टा सीधा बोला था इसलिए ठोक दिया,लेकिन इसने माफी मांग ली और इसे अस्पताल में भी ले आया ,बात खत्म आखिर मेरा भी जूनियर है .. “

सभी दरवाजे की ओर देखने लगे जंहा अविनाश खड़ा था,उसके पीछे ना जाने कितने लड़के और थे,ये सरकारी अस्पताल आज किसी जंग के मैदान जैसा दिख रहा था...शकील और अविनाश आमने सामने थे,लेकिन शकील के चहरे में अजीबो गरीब भाव आ जा रहे थे…

तभी अस्पताल का डॉ अंदर आया

“देखिए ये अस्पताल है आपलोगो का जो भी झगड़ा है वो प्लीज् बाहर निपटाये “

शकील ने एक बार डॉ को देखा एक बार मुझे और एक बार अविनाश को

“ह्म्म्म इसने गलती की तूने मार दिया चल ठीक ,लेकिन आइंदा अगर इसे हाथ लगाने से पहले ये याद रखना की ये मेरा आदमी है “

शकील ने अविनाश से कहा और अपने आदमियों के साथ तुरंत ही वंहा से निकल गया,डॉ ने भी चैन की सांस ली ..

अविनाश भी मुस्कुराता हुआ मेरे पास आया ..

“क्यो बे छोटे अब कैसा है ,होस्टल की लड़कियों को तेरी आइटम का ख्याल रखने के लिए बोल दिया है,मैं तो उससे नही मिल पाऊंगा लेकिन फिक्र मत कर उसे कोई तकलीफ नही होगी ,उसे बता दिया गया है की उसे तूने वंहा लाया है,अब आगे क्या करना है तू देख ले …”

अविनाश पलटा ही था की मैंने उसे रोक लिया

“सर…...धन्यवाद बोलकर आपका मान कम नही करूंगा ,आप मुझे छोटे बोलते हो अपना भाई बोलते हो तो एक छोटे से प्रश्न का उत्तर चाहता हु,आप जिस्म का सौदा करने वाली लड़कियों से इतनी नफरत क्यो करते हो “

मेरी बात सुनकर अविनाश एक बार पलटा उसकी आंखों में जैसे अजीब सा दुख देखा मैंने..वो कुछ भी नही बोला बस एक व्यंगात्मक मुस्कान थी उसके होठो में ,एक दर्द था उस मुस्कान में ,और वो चला गया …..

प्यारे ये सब देखता हुआ उछलता हुआ मेरे पास आ गया अब पूरे कमरे में हम दोनों ही थे ..

“भाई तूने तो कमाल ही कर दिया ,अविनाश और शकील दोनों को सेटल कर दिया ,क्या दिमाग लगाया तूने “

उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराया
 
जिंदगी कई उलझनों में लिपटी हुई चल रही थी तरुणा ने मुझे बताया की काजल ने अपने अतीत के बारे में बताने से उसे साफ मना कर दिया जो हो चुका था वो उसे याद नही करना चाहती थी,

मैं बस कुछ शक ही कर सकता था लेकिन यकीन से कुछ भी नही कह सकता था की आखिर शकील और अविनाश के बीच रिलेशन क्या है…

खैर जो भी हो वो बस इतना तो पता था की शकील अविनाश को जानता है लेकिन अविनाश शकील को नही जानता,क्योकि अविनाश का नाम सुनकर और उसे देखकर शकील के चहरे की हवाइयां उड़ी थी जबकि अविनाश बिल्कुल ही नार्मल था ...और अविनाश और काजल के बीच कोई सम्बंध जरूर है…

खैर अभी मेरे लिए सबसे बड़ी मुसीबत थी दिन रात का पहरा,सिर्फ कालेज के अंदर ही मैं शकील की नजर से दूर रहता था बाकी समय उसके लोग मेरे आसपास ही रहते थे…

कालेज में मेरी मुलाकात मेरे एक सीनियर से हुई जो कम्प्यूटर साइज़ के जीनियस कहे जाते थे,मेरा कोडिंग में इंटरेस्ट देखकर उन्होंने मुझे बुलाया,नाम था देबुजीत ,उन्होंने मेरे अंदर कम्प्यूटर और टेक्नोलॉजी की दुनिया का कुछ अलग ही कीड़ा लगा दिया,उन्होंने मुझे हैकिंग के बारे में बताया जो की नेटवर्किंग का पार्ट था,और अभी कोर्स में भी नही था लेकिन ऐसी चीजो में मुझे इंटरेस्ट बढ़ गया क्योकि मुझे कुछ ऐसा साधन खोजना जरूरी था जिससे मैं शकील के आंखों के सामने ही अपना काम कर सकू और उसे भनक भी ना लगे,देबू सर ने मुझे डार्क वेब के बारे में बताया,डार्क वेब इंटरनेट की वो दुनिया है जंहा कई इनलीगल काम होते है और उन्हें पकड़ा भी नही जा सकता वो एक ऐसा जाल है जंहा अनजान आदमी जाए तो अपना सब कुछ लुटा कर ही आएगा,हैकर्स का गढ़ ,अंडरवर्ड और टेरीरिस्ट लोग भी यंहा एक्टिव है तो पुलिस भी यंहा निगरानी करने की कोशिस करती है,उन्होंने मुझे कुछ बेसिक समझाए और हैकिंग सीखने के लिए डार्क वेब में अपने साथ जुड़ने की सलाह दी ताकि वो मेरा मार्गदर्शन कर सके और वंहा उन लोगो से मिलाए जो की हैकिंग तो करते है लेकिन उसका कोई गलत उपयोग नही करते ….

मैंने भी अपने एक लेपटॉप को खाली किया वंहा से अपने सारे पर्सनल इंफेरमशन डिलीट किया और डार्क वेब के लिए ही उसे रखा,और फिर एक नए दुनिया में प्रवेश किया जो की सामान्य इंटरनेट की दुनिया से बेहद ही अलग थी,कहा जाता है की इंटरनेट की दुनिया का सिर्फ 30% ही सामान्य इंटरनेट है बाकी का 70% डार्क वेब के जरिये ऑपरेट होता है,वो आपको कुछ भी करने की सुविधा देता है लेकिन अगर आप गलत लोगो के हाथ लग गए तो आपका खेल खत्म क्योकि सुरक्षा की कोई गारेंटी वंहा नही होती…

मैं देबू सर के बताए साइट में विजिट किया और उनके रिफरेंस से मुझे वंहा का मेंबर भी बना लिया गया,

वाह ...ये भी एक दुनिया थी,नए नए इन्फॉर्मेशन वंहा अवेलेबल थे,मुझे बस सीखना था और मैं सीखने लगा था…

इधर

शकील के हवेली में एक हलचल सी थी,दुबई से किसी डॉन का काल शकील को आया था और वो उसे अपने साथ काम करने के लिए दुबई बुला रहा था….वो चाहता था की इंडिया में उसका काम शकील ही देखे ,इससे शकील की पॉवर बेहद ही बढ़ने वाली थी उसे बेहिसाब पैसा मिलने वाला था जिससे वो यंहा नेताओ और पुलिस को खरीद कर अपने काम को और भी आसानी से चला सके ,पहले तो शकील को यकीन ही नही हुआ लेकिन फिर उसने अपनी इन्वेस्टीगेशन करवाई वो नंबर दुबई का ही था आर साथ ही उस डॉन का पर्सनल नंबर था ,बाकायदा उसके लोग शकील से मिलने आये और उनसे बात की ,आखिर शकील का दुबई जाना फाइनल हो गया था,वो यंहा के काम को जल्दी से जल्दी निपटान चाहता था और एक जरूरी काम था काजल को ढूंढना …

मैं शकील के सामने खड़ा हुआ था

“क्यो बे तुझे क्या प्रॉब्लम हो गई अब”

“भाई वो आप दुबई जा रहे हो और यंहा मेरे ऊपर इतने आदमी लगा के रखे हो,आप के जाने के बाद तो ये लोग मनमानी ही करने लगाएंगे, क्या अब भी आपको लगता है की काजल के गायब होने में मेरा कोई हाथ था ,इतने दिन बीत गए है छोड़िए इन सबको ये साले मुझे कोई काम ठीक से नही करने देते हर बात पर सवाल करते रहते है,मैं परेशान हो गया हु इन सबसे और वो रंडी तो साली ना जाने कहा भाग गई अगर इस शहर में रहती तो क्या अभी तक वो नही मिलती ..”

शकील अपने तैयारी में ऐसे भी परेशान था और मेरे मुह से काजल का नाम सुनकर वो और भी बौखला गया ..

“अबे तुझे चाहिए क्या “

“भाई इन चिरकुट लोगो को मुझसे दूर ही रहने के लिए बोलिये ,सालों को कुछ समझ तो आता नही है बस मेरा दिमाग खाते रहते है,आप थे तो आपका नाम लेकर इन्हें समझा देता था अब तो ये मेरे सर में चढ़कर मुतेंगे…”

अब मेरी भाषा भी कुछ कुछ शकील के गैंग वालो की तरह ही हो रही थी …

“ह्म्म्म ठीक है अब से कोई इसका पीछा नही करेगा रे,ऐसे भी यंहा धंधा सम्हालने के लिए मुझे और आदमी चाहिए चूतिये पर अब और आदमी बर्बाद नही करूंगा मैं ,चल जा अब “

मेरी तो बांछे ही खिल गई थी ,शकील कुछ 10 दिनों के लिए बाहर रहने वाला था इन 10 दिनों में मुझे अपने सभी बचे काम करवाने थे,सबसे जरूरी था काजल का इलाज ………

**********

शकील जा चुका था और मेरे पीछे लगे लोगो को उसने बाकी के कामो में लगा दिया था,दुबई वाले डॉन की शर्त ऐसी थी की शकील को काजल और बाकी चीजो से अपना ध्यान हटाकर उन कामो में ही फोकस करना पड़ा,फिर पासपोर्ट वीसा आखिर शकील दुबई के लिए रवाना हो गया……

***********


मैं अभी अभी शहर के एक मशहूर हॉस्पिटल के सामने खड़ा था ,मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था,कारण साफ था की आज मैं इतने दिनों के बाद अपनी काजल को देखने वाला था,तरुणा ने डॉ से बात करके ऑपरेशन की डेट फिक्स करवा ली थी,काजल हॉस्पिटल में एडमिट भी हो चुकी थी,उसके टेस्ट चल रहे थे दूसरे दिन उसका ऑपरेशन होना था..

धड़कते हुए दिल से मैं हॉस्पिटल की ओर बढ़ रहा था,रिसेप्शन में ही मुझे तरुणा मिल गई ..

“क्यो मजनू आखिर आ ही गए लैला से मिलने”

मैं क्या कहता

“कहा है वो ..?”

“सेकंड फ्लोर रूम नंबर 132”

तरुणा ने मुझे मुस्कुराते हुए कहा और बाहर की ओर निकल गई ,मैं भागता हुआ लिफ्ट के पास पहुचा वो ऑलरेडी ऊपर थी मैंने सीढ़ियों का सहारा लिया और दौड़ाते हुए 2nd फ्लोर में पहुच गया ..

सामने वो कमरा था जंहा मेरी जान थी,मैंने धीरे से उसे खोला..

“कौन है आप बाहर जाइये “

मेरे अंदर घुसने से पहले ही एक नर्स चिल्ला पड़ी,

“जानते नही ये केंसर वार्ड है जाइये पहले ग्लब्स पहन कर आइए “

नर्स मेरे साथ ही बाहर आ गई मेरे ही उम्र की लड़की थी लेकिन बेहद ही तीखी..

“मेडम मैं उसका दोस्त हु “

“सभी तो जबसे उसके दोस्त ही आ रहे है परिवार वाले कहा है उसके “

“वो …...वो यंहा कालेज में पढ़ती है तो परिवार वालो के आने में समय है “

“ओह दोस्त हो तो ठीक है अपनी दोस्त से बाद में मिल लेना चलो जाओ यहां से कल आना ऑपरेशन खत्म हो जाए उसके बाद अभी वोऑब्जेर्वशन में है …परिवार वाले होते हो मिलने की अनुमति थी ”
 
उसकी बात सुनकर मेरा चहरा उतर गया ,मैंने अपना सर झुका लिया था जब मैंने चहरा उठाकर फिर से उस नर्स को देखा तो मैं चौका क्योकि उसके होठो में एक शरारती मुस्कान थी ,मैं उसे प्रश्न भरे नजरो से देखने लगी और वो खिलखिला उठी ..

“तरुणा ने मुझे बताया था की इसका मजनू आने वाला है उसकी लेना,मैंने तो ले ली ,जाओ जाओ तुम्ही लैला अंदर तुमसे मिलने की बेचैनी में मरी जा रही है “

वाह ,यार क्या बताऊँ कैसा लगा ,लगा जैसे उस नर्स को पकड़ कर अभी जोर की झप्पी दे दु लेकिन मैं भगा और तुरंत ही अंदर घुस गया,

मेरी नजर उस चहरे पर थी जिसे देखने को मैं इतने दिनों से बेताब था जिसे मैं बस अपने सपने में ही देख रहा था,काजल ने मुझे देखा और उसके चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई,वो अभी बिस्तर में लेटी हुई थी ,हॉस्पिटल में मिलने वाला मरीज वाला गाउन पहने हुए थी ,उसके चहरे को देखकर मेरा दिल ही डूब गया,वो बेहद ही कमजोर दिख रही थी ,आंखों में काले घेरे आ चुके थे,चहरे की रंगत उतर सी गई थी,उसकी मुस्कान से ही उसकी कमजोरी का आभास हो रहा था…

मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसके हाथो को अपने हाथो में ले लिया…..

“क्या हो गया तुझे इतनी कमजोर लग रही है तू”

उसने अपने हाथ मेरे गालों में फिराये

“तू नही था ना मेरा ख्याल रखने के लिए “

उसके आंखों में आंसू आ गए थे,साथ ही मेरे भी

“किसने कहा था मुझे खुद से दूर करने के लिए,तुझे छोड़कर उस उस साले शकील के साथ रहना पड़ रहा है मुझे ..”

काजल मुस्कुराई

“बहुत बड़ा हो गया है ना तू मेरे लिए शकील से पंगा ले लिया,मुझे उठवा लिया,और अब...इतने बड़े हॉस्पिटल में मेरा इलाज करवा रहा है पैसे कहा से आये रे तेरे पास “

“अरे तू अपनी चिंता कर वो मैं देख लूंगा “

“कैसे उतारूंगी तेरा इतना कर्ज “

उसकी बात सुनकर मेरे होठो में एक शरारती सी मुस्कान खिल गई पता नही क्यो लेकिन शायद उसने भी कुछ समझा जो मैंने नही कहा था,उसने मेरे गालों में हल्की सी चपत मारी…

“चूतिया “

और मैं खुद को नही रोक पाया रोता हुआ उससे लिपट गया..

“ये सुनने के लिए तरस गया था मैं “

वो मेरे बालो को सहला रही थी …….

“पूरा बच्चा है तू,मेरा बच्चा..”

उसने बड़े मुश्किल से उठकर मेरे बालो को चूमा और फिर से लेट गई

कुछ पल होते है ना वो जिसमे आप अपना सब कुछ भूल जाते हो ,मेरे लिए वो वही पल था,शकील की सारी टेंशन,काजल के पास्ट की सारी टेंशन सब कुछ उसके इस एक प्यार भरे किस ने ही भुला दिया था,मैं उसकी आंखों में देख रहा था कोई बात हमारे बीच नही हो रही थी ना जाने कितना समय ऐसे ही निकल गया जब मुझे कुछ याद आया …

“मैंने तरुणा को कुछ पूछने को कहा था ,की तुम कहा की रहने वाली हो “

मेरे सवाल से काजल का खिला चहरा कुछ उतर सा गया

“क्या करोगे जानकर.जो बीत गया वो वापस नही आता “उसकी आवाज बेहद ही कमजोर थी

“मुझे जानना है की शकील तुमसे इतनी नफरत क्यो करता है “

काजल ने कुछ देर मुझे यू ही देखा फिर जोरो से हँस पड़ी

“मुझे तो ये समझ नही आता की शकील तुमसे इतनी मोहोब्बत कैसे करने लगा है,साला तू जो भी बोलता है मान ही लेटा है “

काजल बातों ही बातों में बातों को घुमा रही थी बड़ी ही खूबसूरती से मुझे उसका इंटेंसन तो समझ आ गया लेकिन मैं चुप ही रहा …

मैंने भी बात कोई घुमाया

“अविनाश सर से मिली “

मैं देखना चाहता था की अविनाश का नाम सुनकर उसके चहरे में क्या कोई परिवर्तन आता है और वो आया

“वो तो रंडियों को देखना भी पसंद नही करते ना,खैर उनको मेरा धन्यवाद कहना की उन्होंने एक रंडी की इतनी मदद की “

काजल के चहरे में एक अजीब सा दुख था जिसे मैं पढ़ ही नही पा रहा था और मेरे इस सवाल से और उसके इस जवाब से माहौल कुछ गमगीन सा हो रहा था,मैं काजल के बड़े दिन पर उसे दुखी नही करना चाहता था...मैंने बात वही छोड़ दी

“तरुणा मेडम कैसी है तुम्हारा ध्यान तो रखती है ना “

काजल के होठो में फिर से मुस्कान आ गई

“वो तो बिल्कुल मेरे बहन के जैसी है,राहुल मुझे आज भी यकीन नही होता की मैं यंहा हु,उस रंडीखाने के बाहर जिंदगी जी रही हु,सिर्फ तुम्हारे कारण “

काजल की आंखों में असीमित प्यार देखकर एक बार मैं उनमे डूब ही गया,इतना स्नेह इतना प्यार था उन आंखों में और थोडा सा पानी भी ……

“तेरी याद आती है रे “

मेरा गाला कुछ भर सा गया था,उसने बस मुस्कुराते हुए मेरे बालो में अपनी उंगलियां फंसा ली ,वो बस मेरे आंखों में देख रही थी,वो अजीब पल होते है जब होठो में मुस्कुराहट होती है और आंखों में प्यार से भरा हुआ पानी …

वो कुछ बोल नही रही थी बस मेरे बालो को सहला रही थी ,मुझे निहार रही थी ,मैं उसकी छतियो में सर रखकर सो गया,ये मेरे लिए जन्नत थी इतना सकून दुनिया में कही नही होता जीतना अपने से प्यार करने वाले के सीने में सर रखने का होता है ,

ना जाने कितनी देर ,कोई शब्द कही से नही आ रहे थे ,ना किसी को अपना प्यार जताने की कोई होड़ थी ,ना कुछ समझने समझाने की कोई चिंता,बस मैं था वो थी और अहसास था,शायद ये कहना गलत होगा……

क्योकी कोई दूसरा तो था ही नही बस हम थे जो एक थे और था अहसास वो भी एक ही था……..
 
“दिमाग नही दोस्त ,बस दिल लगाया,जो दिल से कहने की इक्छा हुई बस वही कहा…”

“ओह तो प्यार का असर है ,दिल विल की बात बहुत ही ज्यादा करने लगा है तू ,”

हम दोनों ही हँस पड़े थे,दिल प्यार ये शब्द ही मुझे मेरी काजल की याद दिला देते थे ..

कैसी होगी क्या कर रही होगी,और फिर मुझे आगे क्या करना है,अभी भी 2-3 लाख का इंतजाम मेरे पास नही था,कुछ 1 लाख मैं इधर उधर से जुगाड़ भी सकता था मैं बस सोचता ही रह गया..

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हॉस्पिटल से आये मुझे दो दिन हो चुके थे,एक तरफ मैं था जो अपने काम के जरिये अपने मन को सम्हालने की कोशिस में लगा था,.एक तरफ काजल थी ना जाने उसपर इन सबमे क्या बीत रही होगी,शकील मुझपर कितना भी भरोसा करे लेकिन मेरे ऊपर से नजर नही हटाई थी और मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था…

शाम रात में बदल गई थी और मैं लेटा हुआ ना जाने कब नींद के आगोश में डूब गया…

एक मखमली हाथ मेरे सर को सहला रहा था,कुच नर्म जुल्फों की आहट मेरे चहरे में महसूस हो रही थी,एक भीनी सी खुशबू मेरे नथुनों में समा रहे थे,मैंने हल्के से आंखे खोली और खुद को काजल के पास पाया,उसका चहरा मेरे चहरे में झुका हुआ था,उसके मोटे गाल और भी गुलाबी लग रहे थे,उसकी आंखों में चंचलता थी जो मेरे आंखों में समाने लगी थी,मेरी ये हालत देख कर वो मुस्कुराई और बड़ी ही अदा से अपने बालो को सवार..

“तुम यंहा क्या कर रही हो ..”मैं चौक कर उठ चुका था,

“क्यो तुमसे मिलने नही आ सकती क्या ??”

उसने थोड़ा नाराज हो कर कहा

“पागल हो गई हो क्या,यंहा शकील का कोई आदमी देख लेगा तो “

“दुनिया की कोई ताकत मुझे तुमसे मिलने से नही रोक सकती,और मैं यंहा तुमसे मिलने आयी हु और तुम हो की डर के दुबके हुए हो “”

उसके आंखों की चमक से मेरे दिल में एक अजीब सी शीतलता का प्रवाह हो गया था,मैं उससे लिपट गया..

“इतने दिन हो गए हमे मिले हुए मैं तुम्हारे बिना कैसे रह पाता हु ये मैं ही जानता हु ..”

काजल बड़े ही प्यार से मेरे बालो को सहला रही थी

“और तुम्हे क्या लगता है मुझे अच्छा लगता है तुमसे बिछड़कर जीना ...अब हमे कोई अलग नही कर सकता राहुल..”

मैंने नजर उठाई और उसके कोमल गालों पर अपनी उंगलियां चलाने लगा,वो मखमल से मुलायम थे बेहद ही चिकने,मैं उसकी आंखों में देख रहा था..

“तुम कोई सपना हो या हकीकत “

वो बस मुस्कराई तभी मेरे दरवाजे में कोई खटखटाहट हुई ..

“अबे चूतिये इतनी रात को किससे बात कर है “

बाहर मेरे निगरानी में खड़े आदमी ने कहा,मैंने झट से काजल की ओर देखा वो वंहा नही थी..

मैं मुस्कुराया

“कुछ नही बस सपना देख रहा था..”

“साले लगता है सर में चोट का असर थोड़ा ज्यादा हो गया है सो जा “

उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा और फिर से आंखे बंद करके सो गया,दिल में बस काजल ही काजल थी और थोड़ी ही देर में मेरे बाजू में लेटी हुई मिली ,वो अब भी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी,मैं उसके गालों को सहला रहा था

“मैं जानता हु की तुम एक सपना हो लेकिन तुमसे वादा करता हु मेरी जान जल्द ही मैं इसे हकीकत में तब्दील कर दूंगा…”

मैं काजल के सीने में फले वक्षो में अपना सर लगाकर सो गया,उसके हाथो के प्यार भरे स्पर्श को मैं अब भी अपने सर में महसूस कर पा रहा था...सोने की इससे बेहतर जगह मेरे लिए और क्या ही हो सकती थी……….

.............................
 
जब से मैं हॉस्पिटल से आया था शकील से मेरी बात नही हुई थी,पता नही क्यो लेकिन ना उसने मुझे मिलने बुलाया ना ही कोई मार्किट के संबंध में बात हुई ,इधर मेरे दिमाग में पैसे को लेकर टेंशन बढ़ रही थी मेरे लिए अभी पैसे कमाना जरूरी हो गया था वही मैं प्यारे और संजय सर से भी बात नही कर पा रहा था,मेरे ऊपर सिक्युरिटी बहुत ही बढ़ गई थी ,ऐसे तो हमेशा ही रहती थी लेकिन हॉस्पिटल से आने के बाद से जो बदलाव हुआ था वो मुझे अचंभित करने लगा था ,मैं बहुत हद तक ठीक हो चुका था और अब मुझे बाहर जाना था लेकिन कालेज जाने से भी मुझे मना कर दिया गया था ,मैंने प्यारे को अपने पास बुलाना चाहा लेकिन इसके लिए भी मुझे मना कर दिया गया..

मैं बेहद ही गुस्से में था लेकिन कर भी कुछ नही सकता था ,प्यारे और संजय सर मेरी अनुपस्थिति में काजल की देखभाल कर सकते थे या अगर जरूरत पड़ी तो उसे डॉ के पास ले जा सकते थे ,लेकिन हॉस्पिटल में ले जाने के लिए पैसे चाहिए थे,मैं सोच में ही पड़ा था की आखिर क्या किया जाए …

मैं हवेली में अपने कमरे से बाहर जाकर वंहा काम करने वाले लोगो से मिलने जुलने लगा,क्या पता वक्त में यही लोग मेरे काम आ जाए,वो लोग मुझे कुछ नही समझते थे लेकिन हॉस्पिटल वाले वाकये के बाद से कुछ कुछ सम्मान मुझे मिलने लगा था ,वही मैं एक टोली के साथ बैठा हुआ चाय पी रहा था …

“ऐसे चिरकुट तूने वो कमाल ही कर दिया रे उस तिवारी की बहन को छेड़ दिया तूने हा हा हा…”

यंहा आखिरकार लोग मुझे या तो चिरकुट कहते या चूतिया,खैर ..

“अरे नही भाई बस गलती से निकल गया था “

“हा लेकिन वो अविनाश भी साला है बड़ा वाला,कई बड़े नेताओ से उसके पहचान है ,हमारे भाई की पुरानी दुश्मनी है उससे “

मेरे दिमाग में ये बात खटक गई ,अविनाश ने तो कभी नही कहा था की उसकी शकील से कोई दुश्मनी है…मेरे सामने हॉस्पिटल का वो मंजर घूम गया जब अविनाश और शकील आमने सामने हुए थे,शकील के चहरे में एक अजीब से भाव आये थे ..

“क्यो..”

“क्या पता यार बस जब जब भाई उसका नाम सुनते है तो उनका चहरा ही थोडा अजीब हो जाता है,हॉस्पिटल में भी देखा ना कैसे उन्होंने कुछ नही कहा और उनका चहरा थोड़ा अजीब हो गया जैसे कुछ सोच रहे हो …”

साला आखिर उनके बीच कौन सी दुश्मनी हो गई ,हर चीज की एक शुरुवात होती है तो हो उनके दुश्मनी की भी कही ना कही से शुरुवात हुई होगी ,आखिर कहा से

“ओ ऐसे भाई यंहा आने से पहले किस जगह में थे …”

“पहले भाई केशरगढ़ में रहता था,यंहा से कुछ 200 किलोमीटर की दूरी पर है ,बढ़िया जगह है पहाड़ झरने सब है वंहा ,उस रंडी काजल के साथ भाई यंहा आया और फिर छा गया …”

रंडी काजल...मेरे जेहन में फिर से काजल का ख्याल उभरा

“भाई आखिर काजल का क्या हुआ वो मिली की नही “

“अभी तक तो नही लेकिन मिल जाएगी ,साली जाएगी कहा,शकील भाई जब से उस अविनाश से मिले तब से उसके पीछे भी आदमी छोड़ रखे है,उन्हें शक है की शायद उसी ने काजल को उठवाया होगा …”

“अविनाश ने वो क्यो उठवायेगा “

मैं बुरी तरह से चौका और साथ ही साथ मेरे जेहन में डर की एक लहर भी दौड़ गई

“”वो तो भाई ही जाने लेकिन जब से उससे मिले है तब से कह रखा है की उसे निगरानी में रखो ,पहले लगा की तेरे कारण कह रहे है लेकिन फिर एक बार उनके मुह से सुना की अगर काजल को इसने उठवाया है तो दोनों को जान से मार दूंगा,तब पता लगा की आखिर वो क्यो ऐसा करवा रहे है “

उसकी बात सुनकर मेरी सांस ही फूलने लगी थी ,मैं चुपचाप वंहा से निकला और अपने कमरे में चला गया,मेरे अंदर डर का एक साम्राज्य खड़ा हो गया क्योकि शकील ने अविनाश के लिए भी आदमी लगा रखे थे,लेकिन फिर मुझे अविनाश की एक बात याद आ गई जब उसने कहा था की वो काजल का चहरा भी नही देखेगा ,यानी वो उससे नही मिलेगा...हे राम ..मैंने एक गहरी सांस ली मुझे थोड़ा सकून मिल रहा था मैं सीधे शकील से मिलने पहुच गया …

“भाई मुझे कालेज जाना है “

“क्या करेगा तू कालेज जाकर ,यंहा रह और काम कर “

“लेकिन भाई पढ़ाई??”

“अरे मादरचोद पढ़ कर किसने आजतक क्या उखाड़ लिया है जो तुझे पढ़ाई करना है …”

“भाई मैं ऐसे भी कभी कभी ही कालेज जाता हु,सप्ताह में कम से कम दो दिन तो जाना ही पड़ेगा वरना मुझे एग्जाम में बैठने नही देंगे “

“अबे यंहा तो तू कमा रहा है ना फिर क्या करेगा पढ़कर “

पास खड़े हुए एक आदमी ने कहा मैं शकील की तरफ होकर बोला

“भाई ये कमाई कोई कमाई है ,अगर पढ़ लिया डिग्री ले ली तो इसे ही बड़े लेवल में ले जा सकते है,इसके बाद MBA भी कर सकता हु और खुद का एक इन्वेस्टमेंट फर्म भी खोल सकते है ,आपको फिर ये सब करने की जरूरत ही नही होगी एक ही फर्म से आप इतना कमा सकते हो ,और आपके पास इतने आदमी है की हम उनसे मार्केटिंग करवाकर अपने क्लाइंट जोड़ा करेंगे ,पूरी तरह से वाइट मनी वो भी करोड़ो नही अरबो में ,अभी इस हवेली में रहते हो तब आप बंगले में रहोगे वो भी कई एकड़ के ,और स्कार्पियो की जगह आपके बंगले में मर्सडीज और लम्बेर्गिनी खड़ी होगी ,भाई आजकल अंडरवर्ड के धंधे में ना पैसा है ना ही सम्मान ,सोचो अगर पैसा होगा तो आप इलेक्सन भी लड़ सकते हो ,फिर वो अविनाश जैसे चिरकुट आपके सामने मुह भी नही खोल पाएंगे …”

अविनाश का नाम सुनते ही शकील ने मुझे घुरा..



“हा भाई अगर हम ऐसे ही रहे तो एक दिन वैसे लड़के साले इलेक्सन लड़कर फिर नेता बन जायेगे पावर में बैठे तो आपका पूरा धंधा ही चौपट करवा सकते है “

मेरी बात सुनकर शकील तो शांत था लेकिन उसका एक चमचा भड़क गया

“मादरचोद भाई का धंधा बंद करवा दे इतना दम किसी में नही है ,काट के रख देंगे “

उसकी बात सुनकर मैं हंसा

“भाई सही कहु आपकी जितनी भी पहुच हो लेकिन धंधा तो इनलीगल ही है ना,कोई मंत्री अगर चाहे तो आज के आज ही सब बंद करवा देगा ये आप भी जानते हो ,सरकार के पास इतने पुलिस और आर्मी वाले है की आपके एक एक आदमी का एनकाउंटर कर दे ,जब तक सब चल रहा है तब तक सब ठीक है अगर कुछ हुआ तो सब खत्म एक ही झटके में ...भाई आज असली पावर तो सत्ता में ही है ,और अगर आपका कोई लीगल बिजनेस हो तो कोई आपके ऊपर उंगली भी नही उठा पायेगा “

मेरी बात सुनकर वहां एक सन्नाटा सा छा गया था वंहा खड़े लोग सालों से शकील के वफादार थे लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नही थी की कोई उसके सामने ऐसी बात बोल सके ,शकील भी मुझे ही घूर रहा था…….आखिर वो जोरो से हँस पड़ा..

“साले तू सपना बहुत ही बड़े दिखाता है ,तुझे कालेज जाना है ठीक है जा,लेकिन इतना मत फेका कर कभी कभी पचता नही है “

शकील फिर से मुस्कुराने लगा

“नही भाई क्यो नही हो सकता बिल्कुल हो सकता है”

शकील फिर से हंसा लेकिन इस बार उसकी हंसी में वो बात नही थी ..

“वो बाद की बात है ,अभी तू जा,पहले तो मैं उस रंडी काजल को ढूंढ कर उसे उसके कर्मो की सजा दे दु फिर नेता भी बन जाऊंगा ,और उस अविनाश के सामने फिर से उसे नंगी करके चोदूगा तभी मुझे सकून मिलेगा …”

शकील की बात में वो गुस्सा था की मैं अंदर तक हिल गया था ,मुझे समझ नही आ रहा था की अखिर मैं कैसे रिएक्ट करू ,मेरे दिमाग में उसका कहा एक शब्द बार बार घूमने लगा था ‘फिर से ‘.....

******************
 
संजय सर और प्यारे को मैं सप्ताह भर की स्ट्रेटिजी बता रहा था …

“सर ये अविनाश सर है कहा से …”

“शायद केसरगढ़ से क्यो ??”

मैं बस सोच में ही पड़ा रहा

“नही बस ऐसे ही ,सर उनका तो कई लोगो से संपर्क है क्या किसी मंत्री से बोलकर काजल का इलाज नही करवाया जा सकता ,यानी मैंने सुना था की वो केंसर के इलाज के लिए पैसे दे सकते है ,अगर कोई मान जाए तो …”

संजय सर ने एक गहरी सांस ली ,

“हुउम्म देखते है बात करके “

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“ये हीरो इधर सुनो “

मैं अपनी क्लास खत्म करके निकला ही की मेरे कानो में किसी की आवाज पड़ी ,मैं उस देखा तो मुझे तरुणा दिखाई दी ,तरुणा अविनाश की मुहबोली बहन है …

मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया

“यस मेम…”

वो मेरी सीनियर थी,संजय सर की क्लासमेट

“तुम्हारा ही नाम राहुल है जिसे भाई ने बहुत मारा था “

“जी मेम”

“चलो मेरे साथ कुछ बात करनी है “

मैं उनके पीछे पीछे चलने लगा हम अब कैंटीन में थे

अविनाश से मार खाने के बाद मैं पहली बात कालेज आया था और आज मुझे पता चला की मैं कितना फेमस हो गया हु ,सभी मुझे ही देख रहे थे,इस बात से मुझे डर भी लग रहा था क्योकि मेरे फेमस होने से मेरी और काजल की कहानी भी चर्चा आम हो सकती थी …

मेरा डर शायद तरुणा समझ गई

“फिक्र मत करो काजल के बारे में सिर्फ भाई के खास लोगो को और गर्ल्स होस्टल में कुछ लड़कियों को ही पता है ,ऐसे बहुत ही प्यारी लड़की है तकदीर ने उसके साथ बहुत बुरा किया ,मुझे भाई पर गर्व है की उसने इस लड़की की मदद की ,हा ये अलग बात है की तुम्हे बहुत मार खानी पड़ी ..कुछ लोगे “

तरुणा थोड़ा मुस्कुरा रही थी,और काजल के बारे में सुनकर मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी थी …

“मेडम काजल कैसी है “मैने तत्परता से पूछा

“मैंने पूछा था की कुछ लोगो ,कोल्ड काफी चलेगा मेरा फेवरेट है “

“मेडम जहर पिला दीजिए सब चलग आप लोग मेरे लिए जो कर रहे हो उसका अहसान मैं जान देकर भी ना उतार पाऊं “

मेरे आंखों ना जाने क्यो लेकिन पानी आ चुका था,जिसे देखकर वो मुस्कुरा रही थी

“चलो इमोशनल ड्रामा बंद करो ,भइया दो कोल्ड काफी “उसने वही बैठे बैठे काउंटर में हाथ दिखाया

“मेडम काजल…”

“अरे बता रही हु ,थोड़ा आराम से ,सांस तो ले लो ,सही कहती है काजल तुम बिल्कुल ही चूतिया हो ..”

वो जोरो से हँस पड़ी ..

और दोस्तो मेरी काजल ने मुझे चूतिया कहा था ,दिल में खुसी का गुबार फुट पड़ा था,कोई गाली भी किसी को इतनी खुशी दे सकती है ये मैंने आज ही जाना था ,मेरे चहरे में मुस्कान थी दिल में प्यार ही प्यार था और आंखों में कुछ बून्द जो मैं लाना तो नही चाहता था लेकिन बस साले आ गए थे,तरुणा मेरी हालत को देख कर मुस्कुरा रही थी ..

“बहुत प्यार करते हो उससे “

“क्या पता मेम प्यार को कैसे नापते है मुझे नही पता ,बस इतना जानता हु की कुछ तो हमारे बीच “

वो हँस पड़ी

“तुमने उसके लिए अपने जान और केरियर की परवाह नही की ,आज भी तुम उसके लिए इतने खतरे उठा कर उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो ,तुम उसके लिए मार खा रहे हो ,इतने खरनाक आदमी से पंगा लेकर रखे हो ,गरीब होते हुए भी पैसे की चिंता ना करते हुए उसके लिए तुमने जो कुछ हो सकता था उतना किया ,अब यार अगर ये प्यार नही तो और क्या होगा ,तुमने कभी भी काजल को उस नजर से नही देखा जिससे उसे दुनिया देखती है ,जानते हो काजल के लिए तुम क्या हो ….”

मैं चौक कर उनके चहरे को देखने लगा,काजल ने मेरे बारे में ये सब उन्हें बताया था

“तुम काजल के लिए देवता हो जिसे वो कुछ भी दे सकती लेकिन जिसने उसे दुनिया की हर खुशियां दी है “

इस बार तरुणा के आंखे भी हल्की गीली थी,मैं भी अपने अंदर से फूटते हुए शैलब को बड़ी मुश्किल से सम्हाल पा रहा था,मेरी काजल मुझसे इतना प्यार करती थी की उसने मुझ जैसे आदमी को देवता का दर्जा दे दिया था ..

“नही मेम मैंने कुछ भी नही किया है उसके लिए ,उसने मुझे जो प्यार दिया है उसके सामने तो ये कुछ भी नही है ,जितना प्यार और अपनत्व उसने दिखाया है उतना आज तक मुझे किसी ने नही दिया “

तरुणा के होठो में एक मुस्कान खिल गई

“तुम दोनों को समझना ही बेकार है दोनों एक दूसरे की ही तारीफ करते रहोगे ..खैर छोड़ो ,भाई बता रहे थे की काजल बीमार है क्या हुआ है उसे …”

मैने काजल की बीमारी के बारे में बताया साथ ही ये भी की अगर अविनाश चाहे तो काजल की कुछ मदद कर सकता है ,तरुणा ने मुझे वचन दिया की वो अविनाश से बात करेगी ,मेरे लिए इससे सुकून की कोई बात नही थी क्योकि अगर तरुणा अपनी तरफ से अविनाश को ये बोले तो अविनाश मानेगा ही …

“तो मजनू जी अपनी लैला से कुछ बोलना हो तो बता दो मैं उसे बता दूंगी “

“धन्यवाद मेडम,आप उसके साथ है तो मुझे कोई फिक्र नही है,हा बस उसे ये पुछएगा की उसका घर कहा है ,मैं जानता हु वो बताना नही चाहेगी इसलिए उसे ये मत बताइएगा की मैंने पूछा है बस यू ही बातों बातों में पूछियेगा की वो कहा की रहने वाली है... “

तरुणा के चहरे में अजीब से भाव आये

“क्यो…???”

“बस कुछ जरूरी काम है,शकील से संबंधित ..”

“ठीक है आई होप की तुम जो कर रहे हो सोच समझ कर ही कर रहे होंगे ,ओके टेक केयर अगली बार मिलते है ..”

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ना जाने कितनी देर ,कोई शब्द कही से नही आ रहे थे ,ना किसी को अपना प्यार जताने की कोई होड़ थी ,ना कुछ समझने समझाने की कोई चिंता,बस मैं था वो थी और अहसास था,शायद ये कहना गलत होगा……

क्योकी कोई दूसरा तो था ही नही बस हम थे जो एक थे और था अहसास वो भी एक ही था……..

मैं कालेज से जब हवेली पहुचा तो पता चला की शकील वापस आ चुका है,उसे गए 4 दिन ही हुए थे,माहौल बेहद हि टेंशन का था और जाते ही मुझे कहा गया की शकील भाई मुझे बुला रहे है ,

शकील बेहद ही गमगीन मुद्रा में बैठा हुआ था साथ ही उसके सभी पंटर भी दुखी और उदास ही दिख रहे थे,

“भाई आदाब ,आप बहुत ही जल्दी आ गए,अपने तो कहा था की 10 दिन लगेंगे “

शकील ने सर उठाकर मुझे देखा उसका चहरा बेहद ही ख़ौफ़नाक लग रहा था,चहरे में अजीब से भाव थे,

“तू कम्प्यूटर इंजीनियर है ना मुझे एक चीज बता क्या कोई किसी और के मोबाइल से किसी और कोई काल कर सकता है “

“मतलब “

“मतलब की जैसे क्या कालिया के मोबाइल से तू मुझे काल कर सकता है..”

कालिया शकील का आदमी था और वही पास में ही खड़ा था

“है बिल्कुल क्यो नही ,कालिया भाई अपना मोबाइल देना “

“ऐसे नही ,अगर तेरे पास कालिया का मोबाइल ना हो तो “

मैं चुप हो गया और सोचने लगा..

“ऐसे कैसे हो सकता है भाई ??”

“हो तो सकता है,मुझे एक इंसान ने बताया जो मुझे दुबई में मिला था..सोच सोच “

“हुआ क्या है भाई किसे काल करना है,और मुझे नही पता लेकिन मेरे टीचर शायद बता पाए ऐसे अगर मैं कालिया का मोबाइल हैक कर लू तो ये हो सकता है ,लेकिन वो कैसे करते है मुझे नही आता,हा मैंने सुना जरूर है “

“हम्म्म्म”

शकील ने मुझे ध्यान से देखा

“तो पता कर और ये भी अगर किसी का मोबाइल हैक कर लिया जाए तो क्या उसका पता लगाया जा सकता है की ये काम किसने किया है “

“जी भाई लेकिन हुआ क्या है और आप इतने परेशान क्यो लग रहे है “

“किसी ने हमसे धोखा किया है ,दुबई वाले डॉन ने हमे कभी बुलाया ही नही था,किसी ने उसके नंबर से हमे और इंडिया में उसके कुछ नेटवर्क को चूतिया बनाया ,समझ नही आ रहा है की ये किसने और क्यो किया होगा,”

“भाई मतलब आपका नही बल्कि उस डॉन का मोबाइल हैक किया गया है “

“वही तो साला और भी बढ़ा सर दर्द हो गया है ,उन्होंने मुझे पकड़ कर रखा था उसके पूरे गैंग में ये बात फैल गई ,साला जिंदगी में इतना जलील कभी नही हुआ जिनता उस मादरचोद ने किया “

“लेकिन भाई अगर उसका मोबाइल हैक हुआ तो वो उसकी गलती है आपकी नही और उसके गैंग के किसी आदमी ने ही किया होगा..”

“वो पता लगा रहा है,उसने बड़े बड़े हैकर्स को लगा दिया है की आखिर कौन है वो जिसने उसका मोबाइल हैक करके मुझे काल किया,फिर इंडिया में उसके लोगो को सिर्फ इसलिए की वो मुझे दुबई भेज सके “

शकील की बात से मेरा माथा ठनक रहा था..

“भाई ऐसा भी तो हो सकता है की कोई उसे ये अहसास दिलाना चाह रहा हो की डॉन भी उसके सामने कुछ नही है ,हो सकता है की आप उसके टारगेट हो ही नही ,बल्कि उसने आपको रेंडमली ही चुन लिया हो “

“हु हो सकता है ,डॉन के लोग भी यही कह रहे थे,बड़ी मुश्किल से वंहा से निकल कर आया हु ,वो साला जो भी हो मिलेगा तो साले को कुत्ते की मौत दूंगा “

“भाई उसे तो वो डॉन भी ढूंढ रहा होगा,उसके हाथ लगेगा तो वो ही मार देंगा…”

“हा ये तो है ,तू कुछ कर सकता है क्या “

“भाई वंहा बड़े बड़े हैकर्स बैठे है मैं क्या कर सकता हु ,मैंने तो अभी अभी कम्प्यूटर पकड़ा है “

“देख ले यार अगर कोई ऐसा आदमी मिले जो ये बता पाए की वो आदमी कौन था तो …..हो सकता है की दुबई वाले भाई के नजरो में मेरी कुछ इज्जत बढ़ जाए,साला ना जाने क्या क्या सोच लिया था मैंने सब मिट्टी में मिल गया..”

पहली बार शकील मुझसे कुछ मांग रहा था,छिनने वाला आदमी कभी कभी इतना मजबूर हो जाता है की मांगना शुरू कर देता है वाह क्या बात है,वक्त इंसान को क्या क्या नही बना देता…

“ओके भाई पता करता हु “

“लेकिन साला ये कम्प्यूटर,टेक्नालजी भी क्या जोर की चीज है साला इतने बड़े डॉन को भी चूतिया बना दिया “

शकील अचानक से हँसा..फिर मुझे देखने लगा

“छोटे तू सिख जो ये कहते है ना हैकिंग...तू सिख जो चीज लगे मैं तुझे दूंगा साला अगर ये हमारे हाथ लग जाए तो सोच क्या क्या कर लेंगे..आज हर आदमी के हाथो में मोबाइल है,हर जगह कैमरा लगे है,हर कोई इंटरनेट चला रहा है ,आज जिसने टेक्नोलॉजी को जीत लिया वो तो राजा है ,वही असली डॉन है …”

शकील के चहरे में अजीब सी महत्वकांक्षा खिल गई थी ..

उसने बोलना जारी रखा

“सोच जब उस डॉन को पता चला की उसके मोबाइल से मुझे और उसके बंदों को काल गया था तो साले का चहरा देखने लायक था,जिसका यंहा की पुलिस कुछ नही बिगड़ पाई वो आदमी डर रहा था,”

शकील जैसे सदमे में पहुच गया था ,वो जोर जोर से हँस रहा था..

“वंहा जो हैकर्स आये उन्होंने बताया की किसी का भी बैक अकाउंट भी हैक किया जा सकता है,कुछ भी हैक किया जा सकता है ,सोच मादरचोद इतनी मेहनत करने की ही क्या जरूरत जब सब हमे घर बैठे ही मिल जाए ..हा हा हा …”

“छोटे तू सिख जो लगे मैं तुझे दूंगा लेकिन तू ये सब सिख यार “

शकील की बात सुनकर मैंने बस हा में सर हिलाए और मंद मंद मुस्कुराने लगा ..मैं मन ही मन सोच रहा था

‘सीखा चूतिये सीखा,जिस दिन सिख गया पहले तो तेरी ही गांड फाडूँगा ……’

*************************
 
मैं अपने कमरे में अपना लेपटॉप खोले हुए बैठा हुआ था,मैं डार्क वेब में गया,और एक वेबसाइड में अपनी id जिसका नाम rocky था से लॉगिन किया,सामने चैट बॉक्स में जाकर मैंने के मेसेज किया

rocky: हैल्लो भाईजान

BadeBhaiya :ह्म्म्म छोटे,कैसी रही

rocky:सोचा नही था उससे कही ज्यादा अच्छा ,धन्यवाद आपका,मछली तो खुद ही जाल में फंसने को तैयार बैठी है ..

BadeBhaiya :गुड ,अब बता की और क्या चाहता है..

rocky:बस यही की उसे बर्बाद कर दु

BadeBhaiya :तब तो पूरा जाल डालना पड़ेगा

rocky:वो खुद ही तैयार है बस आप बताओ की आगे क्या करना है ...

BadeBhaiya :ओके..तो अपने घर में ****** ये सब समान मंगवा ले ,और ये ******* साफ्टवेयर उसके मोबाइल में इंस्टाल करवा ले ,बाकी वो खुद ही बर्बाद हो जाएगा ..

(उसने कुछ डिवाइस और कुछ साफ्टवेयर के बारे में लिखा जिसे मैंने नोट कर लिया )

rocky: धन्यवाद भाईजान आपका अहसान कैसे चुकाऊंगा

BadeBhaiya :उसकी फिक्र मत कर ,मैं अपना हिस्सा खुद ही ले लूंगा...

मेरे चहरे में उसकी बात सुनकर एक मुस्कान आ गई

rocky:ओके

BadeBhaiya :ओके सेटअप तैयार कर फिर बताना,फिर मैं बताउगा की आगे क्या करना है …..

rocky : ओके

मेरे चहरे में मुस्कान थी और दिल में अपार खुसी ,शकील को रोड में लाना इतना आसान होगा मुझे पता भी नही था……

************

इधर

एक कम्प्यूटर स्क्रीन पर

I_am_a_dog :मछली ने चारा कहा लिया

BadeBhaiya :वो तो खुद ही तैयार बैठा है लूटने के लिए

I_am_a_dog :गुड ,तुम्हारा ईमान भी तगड़ा होगा

BadeBhaiya :थैंक्स ,लेकिन लड़का मासूम है

I_am_a_dog :मासूम देखेंगे तो काम कैसे करेंगे,मा चुदाने गई उसकी मासूमियत खुद ही मारने आया है यंहा पर

BadeBhaiya :हम्म ओके

I_am_a_dog :तू रेडी है ना या किसी और को कहु

BadeBhaiya :नही मैं कर लूंगा

I_am_a_dog :गुड सेटअप तैयार हो जाए फिर बताना

BadeBhaiya :ओके ..

*****************


मैं खुशी की लहर में सवार था ,सब कुछ ठीक ही चल रहा था,शकील मेरी बात मान रहा था,काजल का ऑपरेशन सक्सेसजफुल था और उसका पैसा भी जुगाड़ हो चुका था,थोड़ा पैसा एक मंत्री मोहोदय ने दिया था बाकी मेरे जेब से गया था,चीजे इतनी ठीक हो गई थी की मुझे कभी कभी अपने भाग्य पर भी भरोसा नही होता था…

तरुणा एक दिन मुझसे कालेज में मिली

“यार काजल वंहा होस्टल में बैठे बैठे बोर हो जाती है क्यो ना वो भी अपनी पढ़ाई पूरी कर ले “

तरुणा के बात से मैं सोच में पड़ गया

“क्या वो पढ़ी लिखी है “

“हाँ उसने 12th तक की पढ़ाई साइंस में की थी मैं सोच रही हु की उसे कालेज में दाखिला दिला दिया जाए “

“लेकिन अभी भी शकील के लड़के उसे ढूंढ ही रहे है “

“तो ढ़ंढने दो ना एक गर्ल्स कालेज में उसका दाखिला करवा देते है ,प्रिंसपल से बात मैं और भाई (अविनाश) कर लेंगे ,काजल से मैंने एक बार पूछा था की उसे क्या बनना है उसने कहा की वो वकील बन कर बेसहारा लोगो के लिए केस लड़ना चाहती है ,तो क्यो ना उसे लॉ से ही ग्रेजुएट किया जाए “

मैं अभी भी शकील के डर में था लेकिन तरुणा बहुत ही कॉन्फिडेंट दिख रही थी…..

“ठीक है जैसा आपलोगो को अच्छा लगे…”

“गुड ,और एक अच्छी खबर है अविनाश काजल से मिलने को तैयार हो गया है “

तरुणा की बात सुनकर मैं उछल पड़ा…

“क्या ये कैसे हुआ “

“बस तरुणा का जादू है ,भाई मेरी बात बहुत कम ही नही मानता ,मैं उसके पीछे पड़ी थी और वो मान गया “

मेरे दिल में ना जाने कितने सवाल घूम रहे थे,

“क्या हुआ मेरा भाई स्मार्ट है लेकिन तेरी काजल को लेकर नही उड़ जाएगा जो तू इतना सोच रहा है “

मुझे सोचता हुआ देख कर तरुणा ने कहा और मेरी तंद्रा भंग हुई

“नही नही ऐसी कोई बात नही है ……..”

मैं हँस तो रहा था लेकिन मैं उस मोमेंट को मिस नही करना चाहता था जब अविनाश और काजल एक दूसरे से मिले……

*************

आखिर वो दिन तय कर लिया गया जब अविनाश और काजल मिलने वाले थे ,अविनाश गर्ल्स होस्टल में जाकर उससे मिलने वाला था ,मुझे खास हिदायत तरुणा और काजल दोनों ने दी थी की मैं वंहा उस समय नही आ सकता,मेरे लिये ये बात और भी चुभने वाली थी की काजल भी मुझे वंहा उस समय नही चाहती थी ….

लेकिन इससे मेरी बेताबी और भी बढ़ गई थी मैं सीधे अविनाश से मिला

“भाई थैंक्स अपने मेरे लिए इतना कुछ किया ,और आप काजल से मिलने वाले भी हो “

अविनाश मुझे देखकर मुस्कुराया

“अरे छोटे इसमें थैंक्स की क्या बात है ,और मेरी बहन ने इतना जिद किया की मुझे उससे मिलने जाना ही पड़ा,मैं तो चाहता था की तू भी मेरे साथ रहे लेकिन ……..लेकिन पता नही को तरुणा मना कर रही है ,शायद वो नही चाहती की शकील को इसकी भनक लगे ..”

मैं जानता था की शकील के लोग मेरा पीछा नही कर रहे थे,मैंने ये बात तरुणा को भी बताई थी लेकिन नही ….वो अब भी चाहती थी की अविनाश काजल से अकेले में मिले…..

“ठीक है भाई अगर ऐसा है तो आप ही जाओ कब जा रहे हो ..”

“कल सुबह 11 बजे के करीब “

“कहा मिलोगे”

“वही गर्ल्स होस्टल के मीटिंग रूम में जंहा लड़कियों के पेरेंट्स मिलते है “

“ओके…”

***************

मैं वंहा से निकल तो गया लेकिन मेरे दिमाग में एक आंदोलन चल रहा था ना जाने अविनाश और कजाल का ऐसा क्या रिश्ता था जो मुझे भी आने से मना किया गया था ,काजल ने मना किया था या नही ये तो मैं नही जानता लेकिन तरुणा जरूर मेरे आने के सख्त खिलाफ लग रही थी ….

मैंने निश्चय किया था की मैं ये पता लगा कर रहूंगा,और मैं दूसरे दिन 11 बजे वंहा पहुच गया

अविनाश अंदर गया मैं भी अंदर गया लेकिन दूसरे तरीके से मैं उस कमरे के पास ही खड़ा हुआ बाहर एक खिड़की से अंदर का नजारा देख पा रहा था,अविनाश बड़े ही आराम से बैठा था ,

थोड़े देर में फिर से कमरा खुला...काजल और तरुणा अंदर आयी लेकिन तरुणा तुरंत ही वापस निकल गई अभी भी दोनों ही बस एक दूसरे को देख रहे थे……

अविनाश विस्मय से अपना मुह खोले हुआ था ,वही काजल नार्मल ही लग रही थी लेकिन थोड़ी नर्भस थी ,वही तरुणा के चहरे में ना जाने क्यो बेहद ही खुशी थी ………

“प्रिया तुम ……...“

तरुणा के जाने के बाद ही अविनाश बोल उठा काजल नजर गड़ाए खड़ी थी …

“ऐसा नही हो सकता ये तुम नही हो सकती मेरी प्रिया की ये हालत नही हो सकती “

अविनाश दूर ही खड़ा था उसकी आवाज भर्रा गई थी

“वक्त का खेल है अवि ,मेरे पास आओ “

कजाल ने अपनी बांहे फैला दी ,अविनाश किसी बच्चे की तरह दौड़ता हुआ आया और उससे लिपट गया..

“प्रिया,ये क्या हो गया हे,भगवान मैंने कहा कहा नही ढूंढा तुम्हे “

दोनों के नैनो से मोती झर रहे थे ,

“इसमें तुम्हरी कोई गलती नही है अवि “

“जिसकी गलती है मैं उसे कभी नही छोडूंगा प्रिया ,उस रंडी काजल को मैं कभी माफ नही करूंगा “

काजल ने गहरी सांस ली ,उधर मेरी सांस ही रुक सी गई थी

“काजल ने जो किया उसकी सजा तो उसे कुदरत ने दे दी अवि,हमशे उसने जो धोखा किया उसकी सजा उसे वैसे ही मिली,उसने तुमसे प्यार एक झूठा नाटक किया मुझे अपनी दोस्ती के जाल में फसाया और उसे भी झूठे दोस्ती और प्यार का शिकार होना पड़ा,”

अविनाश अब काजल से दूर हट चुका था वो उसे ही देख रहा था..

“तुम्हे और कोई नाम नही मिला जो उस कमीनी का नाम रख लिया “

इस बार काजल मुस्कुराई

“ये नाम तो मुझे शकील ने दिया था ,शायद अपनी प्रेमिका की याद में जिसे उसने अपने ही हाथो से मार दिया “

अविनाश का हाथ काजल के चहरे में था,उसके चहरे का भाव अब बदलने लगा था..

“तो वो शकील था जिसने तुम्हारा ये हाल किया ,इसके लिए वो जिंदगी भर पछतायेगा “

अविनाश की आवाज में गुस्से की कम्पन साफ दिख रही थी ..

“नही अवि नही ,वो बेहद ही ताकतवर है कोई भी गतल कदम खतरनाक हो सकता है ,मैं तुम्हे फिर से नही खोना चाहती ,मैं राहुल को नही खोना चाहती “

काजल की आवाज कांप गई

“प्रिया अब मैं वो सीधा साधा लड़का नही हु जो कभी तुम्हारा दोस्त हुआ करता था “

“हा वो तो जानती हु,मेरा प्यारा अवि अब कितना खतरनाक हो चुका है,जिस दिन मुझे शकील के लोगो के बीच से उठाकर लाये थे मैं तब ही समझ गई थी की ये कोई बड़ा शातिर आदमी है लेकिन जब पता चला की ये तुम हो तो यकीन ही नही हुआ की मेरा अवि ऐसे कैसे हो गया “

“वक्त .वक्त इंसान को बदलने पर मजबूर कर देता है ,अब राहुल को ही देखो ,पहले मैं भी उसके जैसे सीधा साधा था लेकिन उस रंडी ने …”

काजल ने तुरंत ही अवि के होठो पर अपनी उंगली रख दी

“जो हुआ उसे भूल जाओ अवि अब हमारे पास इस जीवन को फिर से शुरू करने का एक अवसर है “

“शकील को उसके किये की सजा तो मिलेगी प्रिया ,मैं उसे बर्बाद कर दूंगा ,उसने तेरे ऊपर ना जाने कितने जुल्म ढाए है इसकी सजा तो से मिलेगी “

काजल बड़े ही प्यार से उसे देख रही थी

“जरूर मिलेगी लेकिन अभी नही “

काजल के चहरे में वो खुशी देखकर मेरा भी दिल झूम गया था ऐसा लगा जैसे जाकर अभी उन लोगो के बीच में कूद जाऊ और काजल और अविनाश को गले से लगा लू लेकिन ,मैं खुद ही चोरों की तरह छिपा हुआ था…….

तभी कोई नुकीली चीज मेरे माथे में टकराई

“ख़बरदार जो हिले तो यही भेजा खोल दूंगा “

मैं जब पलटा तो वो होस्टल का चौकीदार था

“यंहा क्या कर रहे हो चलो इधर “उसकी आवाज बेहद ही कड़क थी

“छोड़ दो भैया अपनी अपनी महबूब से मिलने आया होगा “

ये तरुणा की आवाज थी जो मुझे बेहद ही नाराजगी से घूरे जा रही थी ,उसे देखकर मेरी और भी हालत खराब हो गई

“अरे बेटी ये साला खिड़की से ताका झांकी कर रहा था “

“अच्छा …”तरुणा ने मुझे घुरा

“वो मैं ..वो “

“चुप रहो,जब बोला था तुम्हे की तुम्हे नही आना है तो तुम यंहा जासूसी कर रहे थे “

तरुणा गरजी

“नही मैं वो..”

“क्या वो ..चलो अब अंदर तुम्हारी क्लास लेती हु “

मैं घबराता हुआ उसके साथ गया,वो मुझे लेकर उसी कमरे में ले गई जंहा काजल और अविनाश दोनों थे ..वी दोनों ही मुझे देखकर चौके ,

“ये देख काजल तुम्हारा आशिक तुम्हारी जासूसी कर रहा था “

“नही नही ऐसी कोई बात नही है “मैं सकपकाया

“ये गलत बात है राहुल ऐसा नही करना चाहिए तुझे अपने प्यार पे भरोसा नही है क्या ?”

इस बार अविनाश ने कहा

“मैंने ये कब कहा “अब मैं सच में परेशान हो गया था क्योकि काजल कोई भी रिएक्शन नही दे रही थी और ये लोग बात को कहा से कहा ले जा रहे थे ,

“सच में राहुल तू चूतिया तो था लेकिन अब शक्की भी होई गया है “

काजल के होठो में एक व्यंगात्मक सी मुस्कान थी

“अरे ऐसा कुछ भी नही है,मैं भी अविनाश सर के साथ आना चाहता था लेकिन मुझे मना कर दिया गया,अब शकील भी केशरगढ़ से है और अविनाश भी,और शकील का चहरा भी अविनाश को देखकर उतर गया था तो .. तो मैं इतने दिन से जानने को बेताब था की अविनाश सर, काजल और शकील के बीच आखिर संबंध क्या है ,बस इसीलिए “

सभी ने अपना चहरा बनावटी रूप से सोचने वाला किया

“गलत बात गलत बात “तरुणा ने सर हिलाया और सभी जोरो से हँस पड़े

“अब तो तुम सब जान गए होंगे “

काजल मुस्कुरा रही थी

“हा और अविनाश सर आप अभी शकील को कुछ भी नही करेंगे ,मेरे पास प्लान है “

“ओहो तेरा मजनू तो प्लान की खान ही है,हर चीज के लिए इसके पास प्लान पहले से तैयार रहता है “तरुणा की बात से काजल थोड़ा शर्मा सी गई ………

हम सब अभी गर्ल्स होस्टल के कमरे में बैठे हुए थे,अविनाश और काजल अभी भी इमोशनल लग रहे थे,

“भाई मैं तुम्हारे और काजल के बारे में बहुत ही खुश हु ,इस बेचारी ने बहुत दुख देखे है इसे हमेशा खुश रखना “

अविनाश काजल के बालो को सहलाते हुए बोला

“अरे भैया काजल इसकी लैला है और ये काजल का मजनू ..क्यो मजनू “

तरुणा ने अपने चिर परिचित अंदाज में हमे चिढ़ाया ,काजल ने झट से उसके कन्धे पर अपना हाथ मार दिया

“अच्छा मैं चलता हु कुछ जरूरी काम है “

अविनाश उठ खड़ा हुआ ,साथ ही तरुणा भी खड़ी हो गई

“अच्छा मैं भी चलती हु ,लैला मजनू को थोड़ा अकेले छोड़ दिया जाए ना जाने कितने अरमान दिल में दबाए बैठे होंगे “

तरुणा हँस पड़ी वही उसकी बात से मैं और काजल शर्मा से गए थे.

“अरे रुको ना सालों बाद मिले और अभी जा रहे हो “

काजल ने अविनाश को देखते हुए कहा

“जिसने हमारा ये हाल किया है उसको सबक भी तो सिखाना होगा ,राहुल तुम अभी प्रिया के पास रुको हम तुम्हारे प्लान पर बाद में काम करना शुरू करेंगे अभी के लिए मुझे और भी थोड़ी तैयारी करनी होगी ..”

मैंने हा में सर हिलाया और तरुणा और अविनाश वंहा से चले गए ,

ये अजीब सी सिचुएशन थी आज हम दोनों इतने दिनों के बाद अकेले थे लेकिन बोलने को कुछ भी नही था,बस एक नर्भसनेश हम दोनों को ही घेरे हुए थी ,मैं भी कुछ बोलने से हिचकिचा रहा था और वो भी ,तभी फिर से दरवाजा खुला ,वो तरुणा थी

“अरे अकेले हो फिर भी दूर दूर बैठे हो ,चलो उठो अब क्या यही सुहागरात मनाने का इरादा है काजल इसे अपने कमरे में ले जा “

काजल ने अजीब निगाह से तरुणा को देखा

“अरे ऐसे क्या देख रही है ,तेरा बालम आया है आज तो कुछ हो ही जाएगा “

तरुणा की बात सुनकर काजल ने उसे झूठे गुस्से वाली आंखे दिखाई लेकिन उसके होठो में अब भी शहद सी प्यारी शर्मीली सी मुस्कान थी ,

“चलो चलो ये प्रेजेंट्स के लिए विजिटिंग रूम है और तुम दोनों एक दूसरे के पेरेंट्स नही हो बल्कि तुम दोनों को मिलकर किसी का पेरेंट बनना है “तरुणा फिर से खिलखिला उठी

“क्या मेडम आप भी “मैं पहली बार अपना मुह खोला था

“अरे ये क्या मेडम मेडम लगा के रखा है ,अब से मुझे तरुणा कहना,आखिर तुम मेरी बहन के पति देव जो हो तो मेरे तो जीजा जी हुए ना”

तरुणा के बात से तो मैं भी शर्मा गया था

“ओहो शर्मीले जीजा जी क्या दीदी के साथ अकेले समय नही बिताना ...ऐसे नही बिताना चाहते तो आप जा सकते हो “

मैं थोड़ा शर्म में था तो थोड़ा हिचक में मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या जवाब दु

“तरुणा बस कर यार हम जा रहे है अपने कमरे में “

काजल उठ कर मेरा हाथ पकड़कर मुझे खड़े करती हुई बोली और मैं किसी रोबोट की तरह उसके पीछे पीछे चलाने लगा ,होस्टल की लडकिया अजीब निगाहों से मुझे देख रही थी ,इतना डर तो मुझे उस रंदीखाने में भी नही लगता था,जितना इन शरीफ लड़कियों के निगाहों से लग रहा था ….

काजल के कमरे में दो बिस्तर लगे हुए थे दोनों ही सिंगल बेड थे,पास ही में एक अलमारी सी बनी थी जिसमे कुछ किताबे थी और एक स्टडी टेबल ,ये पूरी तरह बॉयज होस्टल की ही तरह था लेकिन बस ज्यादा साफ सुधरा था चीजे अपनी सही जगह पर थी ,

मुझे एक बिस्तर में बिठा दिया गया था ,

“देखो ये काजल के कमरे के साथ साथ मेरा भी कमरा है तो जो भी करना है जल्दी जल्दी कर लेना ,ऐसे 1 घण्टे में तो काम हो जाएगा ना,नही हुआ तो कोई बात नही मैं दूसरे कमरे में सो जाऊंगी “

तरुणा के चहरे में अर्थपूर्ण मुस्कान थी

“चुप कर कमीनी हम ऐसा वैसा कुछ भी नही करने वाले ,तू अपनी फेंटेसी हमारे ऊपर मत थोप “

काजल ने तरुणा के बांहों में एक मुक्का मारा

“हाय काश मेरे पास भी इतना प्यार करने वाला मजनू होता तो मैं तो रात दिन बस ..”

तरुणा इतना बोलकर खिलखिला उठी जबकि काजल का चहरा शर्म से लाल हो गया था,मैंने काजल को इतना शर्माते हुए नही देखा था,

“चुप कर कुछ भी बोलते रहती है “

इस बार काजल की आवाज भी शर्म की वजह से धीमी हो गई थी

तरुणा के काजल का चहरा अपने हाथो में पकड़ लिया

“ओह हो देखु तो मेरे लाडो का चहरा शर्म से सुर्ख हो रहा है ,कितनी प्यारी लग रही है कही किसी की नजर ना लग जाए ,”

फिर तरुणा का चहरा मेरी ओर हो गया

“ए हीरो मेरी बहन को ज्यादा परेशान मत करना ,”

मैंने हा में सर हिलाया ,तभी तुरुणा के होठो में एक शैतानी मुस्कान खिल गई

“ऐसे थोड़ा परेशान कर सकते हो “

इस बार वो खिलखिलाते हुए बाहर को गई ,

“अंदर से कुंडी लगा लेना नही तो कोई आ जाएगा “

वो बाहर जाते जाते कह गई ,उसकी बात सुनकर काजल बुरी तरह से शर्मा गई थी वही हाल मेरा भी हो गया था,हम दोनों इतने दिनों तक एक ही कमरे में कई दिन एक ही बिस्तर में साथ सोए भी लेकिन इतनी अजीब सिचुएशन हमारे सामने कभी नही आयी थी ,काजल दूसरे बिस्तर में जाकर बैठ गई थी ,

जिससे मिलने की इतनी तम्मना थी ,जिसे निहारने को मैं रातों को तड़फता था,जिससे बात करने को मैं व्याकुल रहता वही आज मेरे सामने थी और मेरे मुह से एक शब्द भी नही फुट रहे थे,मैं उससे निगाहे भी नही मिला पा रहा था ना जाने काजल कितना शर्मा रही थी लेकिन उससे ज्यादा तो मैं ही शर्मा रहा था…….

“कुछ बोलोगे भी “आखिर काजल ने ही वो शर्म की दीवार गिराने की पहल की

“क्या बोलूं “

“कुछ भी “

मेरी नजर सीधे काजल पर गई वो मुझे ही देख रही थी लेकिन मेरी नजर मिलते ही उसने नजर झुका ली ,मैं उसके टमाटर से लाल हुए चहरे को देख रहा था,मुझे अपनी ओर देखता हुआ पाकर उसका चहरा और भी सुर्ख हो गया था,उसकी उन अदांओ में मैं अपनी जान लुटा सकता था आखिर मैं उठा और सके करीब जा बैठा ,वो मुझसे थोड़ा दूर सरकी जिससे मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ..

“जानती हो मुझे कैसा लग रहा है “मैंने बहुत ही हल्की आवाज में कहा

“कैसा ‘उसकी नजर अभी भी नीचे थी

“जैसे आज हमारी सुहागरात हो “

“धत “वो और भी शर्मा गई और मैंने उसे अपनी बांहों में समेट लिया ,वो भी मेरे बांहों में घुलने लगी थी ……

“काजल मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु “

“ये भी कोई कहने वाली बात है”काजल मेरे सीने में सिमटे हुए बोली

“क्या तुम मुझे अपना चहरा नही दिखाओगी “

मैं उसका चहरा नही देख पा रहा था

“नही “उसके आवाज में एक शरारत थी जरूर उसके होठो में मुसकान भी रही होगी ,वो मेरे सीने से और भी कस कर सट गई

“जानती हो मैंने इस दिन का कितना इंतजार किया है “

“मैंने भी “

“फिर भी मुझे अपना चहरा नही दिखा रही “मैंने नीचे देखने की कोशिस की उसके बाल ही मेरे सामने थे

“नही “

मैं अपनी उंगलियों को उसके गालों पर ले गया और उसके कोमल गालों को सहलाने लगा,वो मेरे सीने में ही मचली मुझे उसकी हल्की सी हंसी सुनाई दी …

“तुम्हारे गाल कितने कोमल है “

मैं अब भी उसके गालों को सहला रहा था ,उसने अपने को थोड़ा उठाकर मेरे सीने में एक किस किया और फिर से मुझे कस लिया ,

“अरे अपना चहरा तो उठाओ “

“ना “

“मुझे तुम्हारे गालों को चूमना है “

मैं अधीर हो रहा था

“ना”उसने बड़ा ही प्यारा सा जवाब दिया लेकिन उसकी ना में भी एक मदहोशी थी एक शर्म था ,मैंने उसके चहरे को अपने हाथो से उठाया वो बिना किसी विरोध के मेरे सामने थी ,उसकी आंखे बंद। थी ,उसका प्यारा मुखड़ा मेरे आंखों में भर रहा था,उसके लबो में एक हल्की सी हलचल थी जो मुझे अपनी ओर खिंच रही थी ,मेरे होठो ना जाने किस आकर्षण से उसके होठो से मिल गए….
 
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