desiaks
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- Aug 28, 2015
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[font=verdana, geneva, lucida,]एक शाम मस्ती करने के लिए अपनी सुन्दर बीवी जूली के साथ बाहर क्या निकला ..
शाम मस्ती से भी कहीं ज्यादा मस्ती भरी होती जा रही थी ...
मेरी बीवी जूली लगभग पूरी नंगी मेरे बराबर वाली सीट पर बैठी थी ...
उसके सफ़ेद, गोरे संगमरमरी बदन पर केवल एक छोटी से ब्रा भर थी ...
जिसमें से उसके भारी और गदराये मम्मे का बहुत बड़ा भाग बाहर ही था ...
नीचे से वो पूरी नंगी थी ..
एक रेशा तक उसके बदन पर नहीं था ...
उसकी चिकनी चूत और गद्देदार चूतड़ देख कोई भी कुछ भी कर सकता था ...
और ऊपर से रेड सिग्नल ..
जहाँ मुझे गाड़ी रोकनी ही थी ..
मुझे डर था कि कहीं कोई पुलिस वाला ना आ जाए ..
मगर यहाँ तो एक भिखारी आ गया था ...
और साला बड़ी कमीनी नजर से जूली को घूर रहा था ...
उसको देखकर ऐसा तो नहीं लग रहा था ..
जैसे उसने ये सब पहली बार देखा हो ..
इसका मतलब हमारे शहर में ये सब होता रहता होगा ..
या हो सकता है उसको देखने में मजा आ रहा था ..
मैंने जूली की ओर देखा उसने शरमाकर दूसरी तरफ अपना चेहरा कर लिया था ..
और अपने हाथ में पकड़ा टॉप को अपने सीने पर रख लिया था ...
मगर उसका क़यामत ढाने वाला बदन तो अभी नंगा ही था ..
जो उसने अपनी बेबखूफी में उसके सामने और भी ज्यादा उजागर कर दिया था ..
उसने उससे छुपने के लिए अपना दायां पैर ...बाएं के ऊपर चढ़ाकर ...पूरा अपनी विंडो की ओर झुक कर बैठ गई ...
इस पोजीशन में उसके नंगे चूतड़ पूरे ऊपर को उठकर मेरी ओर हो गए थे ..
और उस भिखारी एवं लड़की को साफ़ साफ दिख रहे थे ...
भिखारी: वाह साव ..क्या माल फंसाया है ..
जमकर गांड मारना इसकी ...
उसकी बात सुनकर मेरा मुहं खुला का खुला रह गया ..
साला कितना कमीन था ..एक दम खुली रोड पर कैसी बात बोल रहा था .,
और वो भी मेरी बीवी के बारे में ...
अभी मैं उसकी बात से बाहर भी नहीं आया था ..
कि उसके साथ वाली लड़की तो कमाल थी ..
लड़की: क्या साब?? हमारी भी देख लो ..
५० ही दे देना ...
मैं भौचक्का सा उसको देखता रह गया ...
कुछ समझ नहीं आया कि क्या करूँ ...??
तभी ग्रीन लाइट हो गई ...
हम लगभग शहर के बाहर ही थे ...
केवल २-३ ही गाड़ियां थी ..जो ग्रीन लाइट होते ही चली गईं...
अब सिग्नल पर केवल हमारी गाड़ी और वो दोनों भिखारी ही खड़े थे ...
तभी जूली उस लड़की को बोलते सुन ..चुप नहीं रह पाई ..
जूली: अच्छा चल-चल आगे बढ़ ...
क्या दिखाएगी तू अपनी ...??
जूली को बोलता देख वो समझ रहे थे कि वो शायद कोई रोडछाप रंडी है ..
लड़की: तू चुप कर छिनाल ...तेरी तरह बेशरम थोड़ी हूँ जो सबको अपनी गांड दिखाती फिर रही है ...
लड़की कि बात सुनते ही जूली शर्म से पानी पानी हो गई ..
वो गाड़ी में एक दम से सिकुड़ कर बैठ गई ..
भिखारी: अरे साव ..मेरी बेटी की भी देख लो ..
इस कुतिया से तो बहुत अच्छी है ...
वैसे तो सब १०० देके जाते हैं ...आप ५० ही दे देना ..
चाहे आगे से मार लो ..या पीछे से ..कुछ नहीं कहेगी ..
मैं तो बाकई आष्चर्य चकित था कि एक बाप अपनी बेटी के बारे में कैसे ..ऐसा सब बोल सकता है ...
मैंने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की ...
मुझे जाता देख वो तुरंत लड़की को लेकर गाड़ी के आगे आ गया ...
और बेशर्मी से खुली सड़क पर अपनी बेटी का गन्दा सा लहंगा पूरा उठा दिया ..
और लड़की को आगे को झुकाकर उसके चूतड़ दिखाने लगा ..
लड़की ने लहंगे के अंदर कुछ नहीं पहना था ..
वो पूरी नंगी थी ..
उसके काले काले चूतड़ मेरी गाड़ी की हेडलाइट में चमक रहे थे ..
और वो भिखारी जो खुद को उस लड़की का बाप कह रहा था ..
उस लड़की के नंगे चूतड़ पर हाथ मारकर ..मेरी और बहुत गन्दा सा इशारा करते हुए बोला ..
भिखारी: मार लो साव ...बहुत टाइट है इसकी ..
केवल ५० में ...
मुझे बहुत हंसी भी आ रही थी और अब गुस्सा भी ..
फिर भी मैंने गाड़ी की डेशबोर्ड से ५० का नोट निकाला ..
जैसे ही मेरी नजर जूली से मिली ..
वो बहुत ही बड़ी बड़ी आँखे निकाल कर प्रशन भरी नजरों से देख रही थी ...
कि क्या अब इस भिखारी लड़की की मारोगे ...??
अब मैं उससे क्या कहता ...
मैंने आँख बंद कर उसको इशारा सा किया ..और
मैंने चुपचाप अपनी और वाला सीसा नीचे किया और हाथ बाहर निकाल उसे ..५० का नोट दिखाया ...
वो तुरंत अपनी बेटी का लहंगा वैसे ही पकड़े पकडे ..
उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ ..मेरी विंडो के पास आया ..
भिखारी: देखो साव ..मैं झूट नहीं बोलता ..
बहुत टाइट है इसका छेद ..
वैसे चाहो तो यहीं रोड के किनारे ही चोद दो साव ..
कोई नहीं आता यहाँ ..
जैसे ही उसने मेरे हाथ से नोट लिया ..
मैंने ध्यान से उसकी बेटी के चूतड़ों कि ओर देखा ..
और जोर से हंसी आ गई ..
काले चूतड़ों के बीच ..उसका लाल खुला हुआ छेद साफ़ दिख रहा था ..
जैसे खूब चुदवाती हो ...
मैंने अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रखकर उसको थोड़ा सा गाड़ी से दूर को किया ..
सच चूतड़ तो उसके बहुत चिकने थे ..
ऐसा लगा जैसे मक्खन में हाथ लगाया हो ..
जैसे ही वो आगे को हुए ..
मैंने बाएं हाथ से जरा डाल
तुरंत एक्सीलेटर पर पैर रख दिया ...
और ये भी बोल दिया ...
मैं: मेरी और से तू ही इसकी मार लेना ...
गाड़ी आगे बढ़ गई ...
मैंने साइड मिरर में देखा ..वो पीछे चिल्लाते रह गए ..
हम दोनों ही नदी जोर जोर से हंस रहे थे ..
जूली ने अब अपनी स्कर्ट और वो लाल ट्यूब टॉप पहन लिया था ...
उसको शायद डर था कि कहीं और कोई उसको नंगा न देख ले ..
जूली: क्यों ..उसको देख बड़ी लार टपका रहे थे ..
क्या करने का इरादा था ..
मैं उससे मजे लेने के मूड में था ..
मैं: बस जान सोच तो रहा था ..कि एक दो शॉट मार लूँ ..
जूली: बहुत बेशरम हो गए हो तुम ..सच ..
और वो दवे होंठों से मुस्कुरा भी रही थी ...
मैं: अच्छा ..मैं बेशरम ...
नंगी तुम बैठी थीं उनके सामने ..और मैं ...
जूली: क्या तुम भी ...??
कैसे घूर रहा था कमीना ..
मेरी तो समझ ही नहीं आया कि क्या करूँ .??
मगर तुम भी ना ..
इसीलिए मैं घर से ही बदल कर आ रही थी ..
मैं: ओह रिलैक्स यार ..
कुछ नहीं हुआ ..
क्या हो गया जो उसने देख लिया तो ..??
सब चलता है यार ...
जूली खूब मस्ती से मेरे साथ बैठी थी ..
वो शायद भूल गई थी ..
कि उसकी स्कर्ट बहुत छोटी है ..
और उसने कच्छी तक नहीं पहनी है ..
जरा भी हिलने डुलने से बाकी लोगों को बहुत कुछ दिख जाने वाला था ..
हम नाइट क्लब में पहुंचे ..
पार्किंग गेट पर ही ..एक लड़के ने जूली कि ओर वाला दरवाजा खोल अदव से उसको उतरने के लिए कहा ..
और जूली अपना बयां पैर बाहर रख उतरने लगी ..
मेरी नजर उस लड़के पर ही थी ..
उसकी फैलती आँखे बता रही थीं ..कि उसने वो देख लिया जिसकी उसने कल्पना नहीं कि थी ..
उस लड़के कि नजर जूली कि स्कर्ट में ही थी ..
उसने सोचा होगा कि कच्छी देख लूंगा ..
मगर यहाँ तो ..क्या दिखा होगा ..??
मैं गाड़ी पार्क करके जूली के पास आया ..
वो लड़का अभी भी जूली को भूखी नजरों से घूर रहा था ...
जूली इसे अपनी खूबसूरती मान रही थी ..
वो शायद भूल गई थी ..
कि उसने कच्छी नहीं पहनी ..
क्युकि वो बहुत बिंदास होकर चल रही थी ..
मैंने भी उसको याद दिलाना उचित नहीं समझा ..
मैं भी उसके मस्ताने रूप और अंदाज का मजा लेना चाहता था ...
उसके चलने से ..हलकी हलकी उड़ती स्कर्ट माहोल को बहुत गरम बना रही थी ..
वो लड़का हमारे गेट के अंदर जाने तक जूली कि टांगों को ही देखता रहा ..
सबसे पहले हम बार में ही गए ..
और एक कोने वाली डबल सीट पर बैठ गए ..
कुछ देर बाद वेटर आया ..
वो भी जूली को भूखी नजरों से ही घूर रहा था ..
वैसे तो वहां और भी जोड़े बैठे थे ..
मगर जूली जैसी सेक्सी कोई नहीं थी ..
इसीलिए ज्यादातर वहां बैठे हमें ही देख रहे थे ...
मैंने वोडका आर्डर की ...
मुझे पता था कि जूली वोडका ही पसंद करती थी ..
जूली ने कोई विरोध नहीं किया ...
वैसे तो वो १-२ पग ही पीती थी ..
मगर मैंने आज उसको अपने साथ ४-५ पेग पिला दिए ..
वो कुछ ज्यादा ही नशे में हो गई थी ..
बार बार उठकर बड़बड़ाने लगती थी ..
अब मुझे खुद पर गुस्सा भी आ रहा था ..
कि मैंने क्यों उसको ज्यादा पिला दी ..
तभी उसको उलटी जैसी फीलिंग होने लगी ..
अब मैं घबरा गया ...
मैंने के वेटर को बुलाया ..
उसने मुस्कुराकर कहा ..
वेटर: घबराओ मत साहब ...
मैं मेमसाब को वाशरूम तक ले जाता हूँ ..
और वो जूली को पकड़कर बड़े अदव के साथ वाशरूम कि ओर ले गया ..
मैं अपना बचा हुआ पेग ख़त्म करने लगा ..
करीब १०-१५ मिनट में भी जब जूली नहीं आई तो मैं उसको देखने के लिए चल पड़ा ..
मुझे शक होने लगा कि यार ये कहाँ गई ...
और तभी ...?????
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शाम मस्ती से भी कहीं ज्यादा मस्ती भरी होती जा रही थी ...
मेरी बीवी जूली लगभग पूरी नंगी मेरे बराबर वाली सीट पर बैठी थी ...
उसके सफ़ेद, गोरे संगमरमरी बदन पर केवल एक छोटी से ब्रा भर थी ...
जिसमें से उसके भारी और गदराये मम्मे का बहुत बड़ा भाग बाहर ही था ...
नीचे से वो पूरी नंगी थी ..
एक रेशा तक उसके बदन पर नहीं था ...
उसकी चिकनी चूत और गद्देदार चूतड़ देख कोई भी कुछ भी कर सकता था ...
और ऊपर से रेड सिग्नल ..
जहाँ मुझे गाड़ी रोकनी ही थी ..
मुझे डर था कि कहीं कोई पुलिस वाला ना आ जाए ..
मगर यहाँ तो एक भिखारी आ गया था ...
और साला बड़ी कमीनी नजर से जूली को घूर रहा था ...
उसको देखकर ऐसा तो नहीं लग रहा था ..
जैसे उसने ये सब पहली बार देखा हो ..
इसका मतलब हमारे शहर में ये सब होता रहता होगा ..
या हो सकता है उसको देखने में मजा आ रहा था ..
मैंने जूली की ओर देखा उसने शरमाकर दूसरी तरफ अपना चेहरा कर लिया था ..
और अपने हाथ में पकड़ा टॉप को अपने सीने पर रख लिया था ...
मगर उसका क़यामत ढाने वाला बदन तो अभी नंगा ही था ..
जो उसने अपनी बेबखूफी में उसके सामने और भी ज्यादा उजागर कर दिया था ..
उसने उससे छुपने के लिए अपना दायां पैर ...बाएं के ऊपर चढ़ाकर ...पूरा अपनी विंडो की ओर झुक कर बैठ गई ...
इस पोजीशन में उसके नंगे चूतड़ पूरे ऊपर को उठकर मेरी ओर हो गए थे ..
और उस भिखारी एवं लड़की को साफ़ साफ दिख रहे थे ...
भिखारी: वाह साव ..क्या माल फंसाया है ..
जमकर गांड मारना इसकी ...
उसकी बात सुनकर मेरा मुहं खुला का खुला रह गया ..
साला कितना कमीन था ..एक दम खुली रोड पर कैसी बात बोल रहा था .,
और वो भी मेरी बीवी के बारे में ...
अभी मैं उसकी बात से बाहर भी नहीं आया था ..
कि उसके साथ वाली लड़की तो कमाल थी ..
लड़की: क्या साब?? हमारी भी देख लो ..
५० ही दे देना ...
मैं भौचक्का सा उसको देखता रह गया ...
कुछ समझ नहीं आया कि क्या करूँ ...??
तभी ग्रीन लाइट हो गई ...
हम लगभग शहर के बाहर ही थे ...
केवल २-३ ही गाड़ियां थी ..जो ग्रीन लाइट होते ही चली गईं...
अब सिग्नल पर केवल हमारी गाड़ी और वो दोनों भिखारी ही खड़े थे ...
तभी जूली उस लड़की को बोलते सुन ..चुप नहीं रह पाई ..
जूली: अच्छा चल-चल आगे बढ़ ...
क्या दिखाएगी तू अपनी ...??
जूली को बोलता देख वो समझ रहे थे कि वो शायद कोई रोडछाप रंडी है ..
लड़की: तू चुप कर छिनाल ...तेरी तरह बेशरम थोड़ी हूँ जो सबको अपनी गांड दिखाती फिर रही है ...
लड़की कि बात सुनते ही जूली शर्म से पानी पानी हो गई ..
वो गाड़ी में एक दम से सिकुड़ कर बैठ गई ..
भिखारी: अरे साव ..मेरी बेटी की भी देख लो ..
इस कुतिया से तो बहुत अच्छी है ...
वैसे तो सब १०० देके जाते हैं ...आप ५० ही दे देना ..
चाहे आगे से मार लो ..या पीछे से ..कुछ नहीं कहेगी ..
मैं तो बाकई आष्चर्य चकित था कि एक बाप अपनी बेटी के बारे में कैसे ..ऐसा सब बोल सकता है ...
मैंने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की ...
मुझे जाता देख वो तुरंत लड़की को लेकर गाड़ी के आगे आ गया ...
और बेशर्मी से खुली सड़क पर अपनी बेटी का गन्दा सा लहंगा पूरा उठा दिया ..
और लड़की को आगे को झुकाकर उसके चूतड़ दिखाने लगा ..
लड़की ने लहंगे के अंदर कुछ नहीं पहना था ..
वो पूरी नंगी थी ..
उसके काले काले चूतड़ मेरी गाड़ी की हेडलाइट में चमक रहे थे ..
और वो भिखारी जो खुद को उस लड़की का बाप कह रहा था ..
उस लड़की के नंगे चूतड़ पर हाथ मारकर ..मेरी और बहुत गन्दा सा इशारा करते हुए बोला ..
भिखारी: मार लो साव ...बहुत टाइट है इसकी ..
केवल ५० में ...
मुझे बहुत हंसी भी आ रही थी और अब गुस्सा भी ..
फिर भी मैंने गाड़ी की डेशबोर्ड से ५० का नोट निकाला ..
जैसे ही मेरी नजर जूली से मिली ..
वो बहुत ही बड़ी बड़ी आँखे निकाल कर प्रशन भरी नजरों से देख रही थी ...
कि क्या अब इस भिखारी लड़की की मारोगे ...??
अब मैं उससे क्या कहता ...
मैंने आँख बंद कर उसको इशारा सा किया ..और
मैंने चुपचाप अपनी और वाला सीसा नीचे किया और हाथ बाहर निकाल उसे ..५० का नोट दिखाया ...
वो तुरंत अपनी बेटी का लहंगा वैसे ही पकड़े पकडे ..
उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ ..मेरी विंडो के पास आया ..
भिखारी: देखो साव ..मैं झूट नहीं बोलता ..
बहुत टाइट है इसका छेद ..
वैसे चाहो तो यहीं रोड के किनारे ही चोद दो साव ..
कोई नहीं आता यहाँ ..
जैसे ही उसने मेरे हाथ से नोट लिया ..
मैंने ध्यान से उसकी बेटी के चूतड़ों कि ओर देखा ..
और जोर से हंसी आ गई ..
काले चूतड़ों के बीच ..उसका लाल खुला हुआ छेद साफ़ दिख रहा था ..
जैसे खूब चुदवाती हो ...
मैंने अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रखकर उसको थोड़ा सा गाड़ी से दूर को किया ..
सच चूतड़ तो उसके बहुत चिकने थे ..
ऐसा लगा जैसे मक्खन में हाथ लगाया हो ..
जैसे ही वो आगे को हुए ..
मैंने बाएं हाथ से जरा डाल
तुरंत एक्सीलेटर पर पैर रख दिया ...
और ये भी बोल दिया ...
मैं: मेरी और से तू ही इसकी मार लेना ...
गाड़ी आगे बढ़ गई ...
मैंने साइड मिरर में देखा ..वो पीछे चिल्लाते रह गए ..
हम दोनों ही नदी जोर जोर से हंस रहे थे ..
जूली ने अब अपनी स्कर्ट और वो लाल ट्यूब टॉप पहन लिया था ...
उसको शायद डर था कि कहीं और कोई उसको नंगा न देख ले ..
जूली: क्यों ..उसको देख बड़ी लार टपका रहे थे ..
क्या करने का इरादा था ..
मैं उससे मजे लेने के मूड में था ..
मैं: बस जान सोच तो रहा था ..कि एक दो शॉट मार लूँ ..
जूली: बहुत बेशरम हो गए हो तुम ..सच ..
और वो दवे होंठों से मुस्कुरा भी रही थी ...
मैं: अच्छा ..मैं बेशरम ...
नंगी तुम बैठी थीं उनके सामने ..और मैं ...
जूली: क्या तुम भी ...??
कैसे घूर रहा था कमीना ..
मेरी तो समझ ही नहीं आया कि क्या करूँ .??
मगर तुम भी ना ..
इसीलिए मैं घर से ही बदल कर आ रही थी ..
मैं: ओह रिलैक्स यार ..
कुछ नहीं हुआ ..
क्या हो गया जो उसने देख लिया तो ..??
सब चलता है यार ...
जूली खूब मस्ती से मेरे साथ बैठी थी ..
वो शायद भूल गई थी ..
कि उसकी स्कर्ट बहुत छोटी है ..
और उसने कच्छी तक नहीं पहनी है ..
जरा भी हिलने डुलने से बाकी लोगों को बहुत कुछ दिख जाने वाला था ..
हम नाइट क्लब में पहुंचे ..
पार्किंग गेट पर ही ..एक लड़के ने जूली कि ओर वाला दरवाजा खोल अदव से उसको उतरने के लिए कहा ..
और जूली अपना बयां पैर बाहर रख उतरने लगी ..
मेरी नजर उस लड़के पर ही थी ..
उसकी फैलती आँखे बता रही थीं ..कि उसने वो देख लिया जिसकी उसने कल्पना नहीं कि थी ..
उस लड़के कि नजर जूली कि स्कर्ट में ही थी ..
उसने सोचा होगा कि कच्छी देख लूंगा ..
मगर यहाँ तो ..क्या दिखा होगा ..??
मैं गाड़ी पार्क करके जूली के पास आया ..
वो लड़का अभी भी जूली को भूखी नजरों से घूर रहा था ...
जूली इसे अपनी खूबसूरती मान रही थी ..
वो शायद भूल गई थी ..
कि उसने कच्छी नहीं पहनी ..
क्युकि वो बहुत बिंदास होकर चल रही थी ..
मैंने भी उसको याद दिलाना उचित नहीं समझा ..
मैं भी उसके मस्ताने रूप और अंदाज का मजा लेना चाहता था ...
उसके चलने से ..हलकी हलकी उड़ती स्कर्ट माहोल को बहुत गरम बना रही थी ..
वो लड़का हमारे गेट के अंदर जाने तक जूली कि टांगों को ही देखता रहा ..
सबसे पहले हम बार में ही गए ..
और एक कोने वाली डबल सीट पर बैठ गए ..
कुछ देर बाद वेटर आया ..
वो भी जूली को भूखी नजरों से ही घूर रहा था ..
वैसे तो वहां और भी जोड़े बैठे थे ..
मगर जूली जैसी सेक्सी कोई नहीं थी ..
इसीलिए ज्यादातर वहां बैठे हमें ही देख रहे थे ...
मैंने वोडका आर्डर की ...
मुझे पता था कि जूली वोडका ही पसंद करती थी ..
जूली ने कोई विरोध नहीं किया ...
वैसे तो वो १-२ पग ही पीती थी ..
मगर मैंने आज उसको अपने साथ ४-५ पेग पिला दिए ..
वो कुछ ज्यादा ही नशे में हो गई थी ..
बार बार उठकर बड़बड़ाने लगती थी ..
अब मुझे खुद पर गुस्सा भी आ रहा था ..
कि मैंने क्यों उसको ज्यादा पिला दी ..
तभी उसको उलटी जैसी फीलिंग होने लगी ..
अब मैं घबरा गया ...
मैंने के वेटर को बुलाया ..
उसने मुस्कुराकर कहा ..
वेटर: घबराओ मत साहब ...
मैं मेमसाब को वाशरूम तक ले जाता हूँ ..
और वो जूली को पकड़कर बड़े अदव के साथ वाशरूम कि ओर ले गया ..
मैं अपना बचा हुआ पेग ख़त्म करने लगा ..
करीब १०-१५ मिनट में भी जब जूली नहीं आई तो मैं उसको देखने के लिए चल पड़ा ..
मुझे शक होने लगा कि यार ये कहाँ गई ...
और तभी ...?????
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