hotaks444
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कुछ देर बाद गुलाबी का दर्द कम हो गया. अब तुम्हारे भैया ने उसकी टांगें पकड़कर अपना लन्ड सुपाड़े तक उसकी चूत से निकाला और फिर एक जोरदार धक्के से जड़ तक पेल दिया.
गुलाबी जोर से "उई!!" करके चिहुक उठी.
तुम्हारे भैया ने 10-12 बार ऐसे किया जिससे गुलाबी की चूत और ढीली हो गयी और उसे दर्द होना बंद हो गया.
गुलाबी की टांगें अब भी मेरे पति के कंधों पर थी. उसकी टांगों को पकड़कर वह अब धीरे धीरे ठाप लगाने लगे. उनका लन्ड गुलाबी की चूत के अन्दर बाहर होने लगा.
"हाय क्या चूत है तेरी, गुलाबी!" तुम्हारे भैया उसे चोदते हुए बोले, "ऐसी मस्त चूत तुने सिर्फ़ रामु के लिये रख छोड़ी है? तुझे तो अपनी चूत गाँव के सब मर्दों को चखानी चाहिये."
गुलाबी अपनी भीगी आंखें बंद किये पड़ी रही.
कुछ देर चोदने के बाद तुम्हारे भैया ने उसकी टांगें कंधे से उतार दी और उस पर झुककर उसके फुले फुले चूचियों को चूसने लगे. फिर उसके होठों पर झुककर उसके नर्म होठों को पीने लगे. उनके हाथ गुलाबी की चूचियों को मसल रहे थे और उनकी कमर धक्का दे दे कर गुलाबी की चूत मे लन्ड पेल रही थी.
"क्या हुआ, गुलाबी?" उन्होने प्यार से पूछा, "तुझे मज़ा नही आ रहा?"
"नही, बड़े भैया." गुलाबी ने धीरे से कहा.
"अरे हम इतना प्यार कर रहे हैं तुझे, फिर भी मज़ा नही आ रहा?" उन्होने ठाप लगाते हुए कहा.
"आप हमसे पियार करते हैं तो इतने जोर से काहे लन्ड डाले?" गुलाबी ने अपनी आंखों से आंसू पोछकर कहा, "कितना दर्द हुआ हमको!"
"वह तो शुरु शुरु मे होता है, पगली! तु इतना बड़ा लन्ड पहले नही ली है ना!" मेरे वह बोले. "अभी देख थोड़ी देर मे तुझे बहुत मज़ा आने लगेगा."
कुछ देर की चुदाई के बाद गुलाबी भी कसमसाने लगी. उसके हाथ मेरे उनके पीठ पर फिरने लगे और वह हर ठाप के साथ "ऊंह!! ऊंह!! ऊंह!!" की आवाज़ निकालने लगी.
"अब मज़ा आ रहा है ना, गुलाबी?" तुम्हारे भैया अपनी कमर चलाते हुए बोले.
"हूं!" गुलाबी ने जवाब दिया. वह अब मज़े से उनके होठों को पी रही थी. सुनकर मेरे उन्होने अपने चुदाई की रफ़तार बड़ा दी.
गुलाबी अब जोर जोर से कराहने लगी, "आह!! बड़े भैया! ऊह!! बहुत मजा आ रहा है, बड़े भैया!! ऊह!!"
"मैने कहा था ना, साली, बहुत मज़ा पायेगी?" उन्होने गुलाबी की चूत को पेलते हुए कहा, "उस दिन खेत मे मुझे से चुदा लेती...तो तुझे हर रात...अपने बिस्तर मे बीवी की तरह लेके सोता....और रात भर चोद चोद के मज़ा देता."
"हाय! और जोर से बड़े भैया! और जोर से मारो हमरी चूत!" गुलाबी अपनी कमर उठा उठाकर लन्ड लेते हुए बोली.
"इतने दिनो से...तेरी जवानी को चखने के लिये...तड़प रहा हूँ, साली!" उन्होने हांफ़ते हुए कहा.
"आह!! हाय हम झड़ जायेंगे!!" गुलाबी तड़पते हुए बोली.
"आज आयी है मेरे नीचे! आह!! क्या चूत पायी है साली तुने! आज नही तो कल तुझे जबरदस्ती चोदकर ही छोड़ता." मेरे पति ठाप लगाते हुए बोले.
"आह!! आह!! आह!! बड़े भैया, और जोर से चोदिये हमें!! आह!! आह!! आह!!" गुलाबी अब मस्ती मे अपने आपे से बाहर हो गयी थी.
"हाँ ले ना...जोर से मेरा लौड़ा ले...तु चाहती तो...शादी के अगले दिन से...यह मज़ा ले सकती थी...पर नही...साली रंडी, सती-सावित्री बने फिर रही थी!" मेरे उन्होने कहा और अपनी रफ़्तार और बड़ा दी.
"हाय! कितना मजा आ रहा है, बड़े भैया! आह!! आह!! ऊह!! फाड़ दो हमरी चूत को अपने मूसल से!! चोद चोदकर हमे रंडी बना दो, बड़े भैया!!" गुलाबी चुदाई की मस्ती मे सब कुछ भूलकर अनाप-शनाप बके जा रही थी.
"अब से...रोज़ चोदुंगा तुझे, गुलाबी!"
"हाँ, बड़े भैया! आह!! जब चाहे हमे चोद लेना! बस अब और जोर से चोदो हमे! आह!! आह!! आह!!" गुलाबी बोली.
"तेरे मरद के सामने...तुझे चोदुंगा."
"हाँ...सबके सामने चोद लेना हमे, बड़े भैया!" गुलाबी बोली और झड़ने लगी, "आह!! हमे गये, बड़े भैया!! आह!! और जोर से पेलो हमे!!"
तुम्हारे भैया बहुत जोर जोर से गुलाबी को चोदने लगे. उनका मोटा, लंबा लन्ड सुपाड़े तक उसकी चूत से निकल आता और फिर जोरदार धक्के से पेलड़ तक अन्दर चला जता. उनका पेलड़ जा जाकर गुलाबी की गांड पर टकरा रहा था. गुलाबी जोर जोर से बड़बड़ाते हुए झड़कर खलास हो गयी और तुम्हारे भैया के नीचे पस्त होकर पड़ी रही. मेरे वह फिर भी कुछ देर उसकी चूत को पेलते रहे.
"कैसा लग रहा है, रामु?" मैने पूछा.
"बहुत मस्त, भाभी!" वह बोला.
"तुम्हारे बड़े भैया का अब पानी छूटने वाला है." मैने कहा, "और वह अब तुम्हारी जोरु की चूत मे अपनी मलाई भर देंगे."
रामु सुनकर गनगना उठा.
"गुलाबी का पेट भी ठहर सकता है." मैने कहा, "तुम्हारी जोरु किसी पराये मर्द के बच्चे की माँ बन गयी तो क्या होगा?"
रामु ने कोई जवाब नही दिया. बस आंखे छेद पर गाड़े अन्दर का दृश्य देखता रहा.
उधर तुम्हारे बलराम भैया जोर जोर से कराहने लगे और हुचक हुचक के गुलाबी को चोदने लगे. "ओह!! मैं झड़ने वाला हूँ, गुलाबी!" वह बोले.
गुलाबी ने तुरंत आंखें खोली और उसका चेहरा डर से कांप उठा. उसकी चुदास उतर गयी थी और दिमाग फिर से काम करने लगा था.
वह चिल्लाकर बोली, "नही, बड़े भैया! ऐसा मत कीजिये! हमरा पेट ठहर जायेगा!"
"साली...चुदायेगी तो पेट तो ठहरेगा ही!"
"नही, बड़े भैया!" गुलाबी कमर हिलाकर अपनी चूत से उनके लन्ड को निकलने की कोशिश करती हुई बोली, "हम किसी को मुंह नही दिखा पायेंगे! मेरा मरद मुझे छोड़ देगा! हम बर्बाद हो जायेंगे!"
"तु पहली औरत है क्या...जो किसी और से चुदाकर...गर्भवति हो रही है?" उन्होने कहा. "मै तो तेरे चूत मे ही अपना पानी डालूंगा."
गुलाबी नीचे पड़े डर के मारे गिड़गिड़ाती रही और तुम्हारे बड़े भैया उसे बेरहमी से चोदते रहे.
गुलाबी जोर से "उई!!" करके चिहुक उठी.
तुम्हारे भैया ने 10-12 बार ऐसे किया जिससे गुलाबी की चूत और ढीली हो गयी और उसे दर्द होना बंद हो गया.
गुलाबी की टांगें अब भी मेरे पति के कंधों पर थी. उसकी टांगों को पकड़कर वह अब धीरे धीरे ठाप लगाने लगे. उनका लन्ड गुलाबी की चूत के अन्दर बाहर होने लगा.
"हाय क्या चूत है तेरी, गुलाबी!" तुम्हारे भैया उसे चोदते हुए बोले, "ऐसी मस्त चूत तुने सिर्फ़ रामु के लिये रख छोड़ी है? तुझे तो अपनी चूत गाँव के सब मर्दों को चखानी चाहिये."
गुलाबी अपनी भीगी आंखें बंद किये पड़ी रही.
कुछ देर चोदने के बाद तुम्हारे भैया ने उसकी टांगें कंधे से उतार दी और उस पर झुककर उसके फुले फुले चूचियों को चूसने लगे. फिर उसके होठों पर झुककर उसके नर्म होठों को पीने लगे. उनके हाथ गुलाबी की चूचियों को मसल रहे थे और उनकी कमर धक्का दे दे कर गुलाबी की चूत मे लन्ड पेल रही थी.
"क्या हुआ, गुलाबी?" उन्होने प्यार से पूछा, "तुझे मज़ा नही आ रहा?"
"नही, बड़े भैया." गुलाबी ने धीरे से कहा.
"अरे हम इतना प्यार कर रहे हैं तुझे, फिर भी मज़ा नही आ रहा?" उन्होने ठाप लगाते हुए कहा.
"आप हमसे पियार करते हैं तो इतने जोर से काहे लन्ड डाले?" गुलाबी ने अपनी आंखों से आंसू पोछकर कहा, "कितना दर्द हुआ हमको!"
"वह तो शुरु शुरु मे होता है, पगली! तु इतना बड़ा लन्ड पहले नही ली है ना!" मेरे वह बोले. "अभी देख थोड़ी देर मे तुझे बहुत मज़ा आने लगेगा."
कुछ देर की चुदाई के बाद गुलाबी भी कसमसाने लगी. उसके हाथ मेरे उनके पीठ पर फिरने लगे और वह हर ठाप के साथ "ऊंह!! ऊंह!! ऊंह!!" की आवाज़ निकालने लगी.
"अब मज़ा आ रहा है ना, गुलाबी?" तुम्हारे भैया अपनी कमर चलाते हुए बोले.
"हूं!" गुलाबी ने जवाब दिया. वह अब मज़े से उनके होठों को पी रही थी. सुनकर मेरे उन्होने अपने चुदाई की रफ़तार बड़ा दी.
गुलाबी अब जोर जोर से कराहने लगी, "आह!! बड़े भैया! ऊह!! बहुत मजा आ रहा है, बड़े भैया!! ऊह!!"
"मैने कहा था ना, साली, बहुत मज़ा पायेगी?" उन्होने गुलाबी की चूत को पेलते हुए कहा, "उस दिन खेत मे मुझे से चुदा लेती...तो तुझे हर रात...अपने बिस्तर मे बीवी की तरह लेके सोता....और रात भर चोद चोद के मज़ा देता."
"हाय! और जोर से बड़े भैया! और जोर से मारो हमरी चूत!" गुलाबी अपनी कमर उठा उठाकर लन्ड लेते हुए बोली.
"इतने दिनो से...तेरी जवानी को चखने के लिये...तड़प रहा हूँ, साली!" उन्होने हांफ़ते हुए कहा.
"आह!! हाय हम झड़ जायेंगे!!" गुलाबी तड़पते हुए बोली.
"आज आयी है मेरे नीचे! आह!! क्या चूत पायी है साली तुने! आज नही तो कल तुझे जबरदस्ती चोदकर ही छोड़ता." मेरे पति ठाप लगाते हुए बोले.
"आह!! आह!! आह!! बड़े भैया, और जोर से चोदिये हमें!! आह!! आह!! आह!!" गुलाबी अब मस्ती मे अपने आपे से बाहर हो गयी थी.
"हाँ ले ना...जोर से मेरा लौड़ा ले...तु चाहती तो...शादी के अगले दिन से...यह मज़ा ले सकती थी...पर नही...साली रंडी, सती-सावित्री बने फिर रही थी!" मेरे उन्होने कहा और अपनी रफ़्तार और बड़ा दी.
"हाय! कितना मजा आ रहा है, बड़े भैया! आह!! आह!! ऊह!! फाड़ दो हमरी चूत को अपने मूसल से!! चोद चोदकर हमे रंडी बना दो, बड़े भैया!!" गुलाबी चुदाई की मस्ती मे सब कुछ भूलकर अनाप-शनाप बके जा रही थी.
"अब से...रोज़ चोदुंगा तुझे, गुलाबी!"
"हाँ, बड़े भैया! आह!! जब चाहे हमे चोद लेना! बस अब और जोर से चोदो हमे! आह!! आह!! आह!!" गुलाबी बोली.
"तेरे मरद के सामने...तुझे चोदुंगा."
"हाँ...सबके सामने चोद लेना हमे, बड़े भैया!" गुलाबी बोली और झड़ने लगी, "आह!! हमे गये, बड़े भैया!! आह!! और जोर से पेलो हमे!!"
तुम्हारे भैया बहुत जोर जोर से गुलाबी को चोदने लगे. उनका मोटा, लंबा लन्ड सुपाड़े तक उसकी चूत से निकल आता और फिर जोरदार धक्के से पेलड़ तक अन्दर चला जता. उनका पेलड़ जा जाकर गुलाबी की गांड पर टकरा रहा था. गुलाबी जोर जोर से बड़बड़ाते हुए झड़कर खलास हो गयी और तुम्हारे भैया के नीचे पस्त होकर पड़ी रही. मेरे वह फिर भी कुछ देर उसकी चूत को पेलते रहे.
"कैसा लग रहा है, रामु?" मैने पूछा.
"बहुत मस्त, भाभी!" वह बोला.
"तुम्हारे बड़े भैया का अब पानी छूटने वाला है." मैने कहा, "और वह अब तुम्हारी जोरु की चूत मे अपनी मलाई भर देंगे."
रामु सुनकर गनगना उठा.
"गुलाबी का पेट भी ठहर सकता है." मैने कहा, "तुम्हारी जोरु किसी पराये मर्द के बच्चे की माँ बन गयी तो क्या होगा?"
रामु ने कोई जवाब नही दिया. बस आंखे छेद पर गाड़े अन्दर का दृश्य देखता रहा.
उधर तुम्हारे बलराम भैया जोर जोर से कराहने लगे और हुचक हुचक के गुलाबी को चोदने लगे. "ओह!! मैं झड़ने वाला हूँ, गुलाबी!" वह बोले.
गुलाबी ने तुरंत आंखें खोली और उसका चेहरा डर से कांप उठा. उसकी चुदास उतर गयी थी और दिमाग फिर से काम करने लगा था.
वह चिल्लाकर बोली, "नही, बड़े भैया! ऐसा मत कीजिये! हमरा पेट ठहर जायेगा!"
"साली...चुदायेगी तो पेट तो ठहरेगा ही!"
"नही, बड़े भैया!" गुलाबी कमर हिलाकर अपनी चूत से उनके लन्ड को निकलने की कोशिश करती हुई बोली, "हम किसी को मुंह नही दिखा पायेंगे! मेरा मरद मुझे छोड़ देगा! हम बर्बाद हो जायेंगे!"
"तु पहली औरत है क्या...जो किसी और से चुदाकर...गर्भवति हो रही है?" उन्होने कहा. "मै तो तेरे चूत मे ही अपना पानी डालूंगा."
गुलाबी नीचे पड़े डर के मारे गिड़गिड़ाती रही और तुम्हारे बड़े भैया उसे बेरहमी से चोदते रहे.