hotaks444
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शाम ढाल चुकी थी……..आज में बहुत रिलॅक्स फील कर रही थी……रामा और सोनिया दोनो बहुत खुस लग रही थी. और ऊपेर छत पर बातें कर रही थी….इतने में अमित अपने रूम से बाहर आया, और बातरूम में चला गया….में बाहर बैठ कर काम कर रही थी…..बाथरूम से आकर वो मेरे साथ थोड़ी दूरी पर नीचे फर्श पर बैठ गया…….
में: चाइ पीओगे बेटा…..
अमित: नही आंटी जी….
फिर थोड़ी देर खामोशी रही………
अमित: आंटी जी एक बात पुच्छू……
में: हां बोलो……..
अमित: आंटी जी दोपहर घर में बहुत शोर हो रहा था कोई आया था क्या ?
में: हां वो मेरे जेठ जी और जेठानी आए थे…..
अमित: ओह्ह अच्छा…….सॉरी आंटी ये आप की घर के निजी बातें है……पर मेने सुना कि आप किसी की शादी और रिस्ते की बात कर रही थी….किसकी शादी है…….
में: खुस होते हुए) वो मेरी जेठानी है ना..उसकी बेहन के लड़के का रिश्ता आया है रामा के लिए….बहुत अच्छे लोग है..अगले सनडे को रामा की शादी है उससे….लड़का सरकारी नौकरी करता है……और पता है. दहेज भी कुछ नही माँग रहे….बोल रहे थे अपनी लड़की को तीन कपड़ों में विदा कर दे…..
अमित: ये तो बहुत अच्छी बात है आंटी जी पर ?
अमित बोलते-2 चुप हो गया……..”पर क्या अमित”
अमित: जाने दीजिए…..ये आप के घर की बात है…और वैसे भी आपने सोच समझ कर ही फ़ैसला लिया होगा…….
में: (अमित की बात सुन कर सोच में पड़ गयी.कि कहीं मेने कोई जल्द बाजी तो नही कर दी) बोलो अमित में बुरा नही मानूँगी…..तुम्हे तो पता है कि मेरी बेटियों का मेरे सिवाय कोई नही है….जो ऐसे फैंसले ले सके…..
अमित: आंटी जी आप ने लड़के को देखा है ?
में: हां उसकी फोटो देखी है……अंदर रूम में है…..
अमित: आंटी जी क्या में वो स्नॅप देख सकता हूँ……..
में: हां में अभी लेकर अत्ती हूँ……..
में रूम में गयी……और उस लड़के का स्नॅप ले आई……और अमित को देखते हुए बोली…..”ये देखो” अमित ने मेरे हाथ से स्नॅप ली, और बड़े गोर से देखने लगा. कोई 3-4 मिनिट देखने के बाद अमित बोला…….”आंटी जी हमारी रामा वहाँ पर राज करेगी” में उसके मूह से हमारी रामा सुन कर थोड़ा हैरान हो गयी. पर अगले ही पल जैसे उसको अपनी ग़लती का अहसास हुआ.
अमित: ओह्ह सॉरी आंटी जी……वो ऐसे ही मूह से निकल गया……….दरअसल में तो अनाथ हूँ ना….तो जब भी कोई मुझसे अपने दिल के बात करता है या फिर थोड़ा प्यार करता है….में जल्द ही उनको अपना मानने लगता हूँ……
में: अर्रे कोई बात नही…….अब तुम अकेले नही हो…….वैसे तुम्हे कैसे लगा कि रामा वहाँ खुस रहगी….क्या तुम जानते हो इस लड़के को……
अमित: नही आंटी जी जानता तो नही….पर आप यकीन नही करोगे……
में: क्या…….
अमित: में किसी के भी चेहरे को देख कर ये बता सकता हूँ कि, वो इंसान कैसा है…..उसकी फ़ितरत कैसी है…..और ये फोटो देख कर भी में किसी के बारे में बता सकता हूँ……….
में: तुम सच कह रहे हो अमित…….
अमित: हां आंटी जी……अभी तक तो मेने जिसके बारे में जो जो बताया है वो ठीक ही हुआ है……..
उसके बाद में और अमित यूँ ही इधर उधर के बातें करते रहे…मुझे मालूम ना था कि, अमित इतनी जल्दी मुझसे इतना घुल मिल जाएगा कि, में उससे अपने घर के बातें भी करने लगी…..
अमित: ठीक है आंटी जी….अगर किसी तरह की मदद के ज़रूरत हो तो, मुझे बोल देना….शरमाईएगा मत….मेने कुछ पैसे जोड़ रखे है बॅंक में…अगर ज़रूरत हो तो बता देना…..और समझ लेना कि मेने आपको रेंट अड्वान्स दिया है…..
में: ठीक है बेटा….फिलहाल तो अभी ऐसे कोई ज़रूरत नही है…….पर हां तुम मेरी मदद कर दोगे……
अमित: हां आंटी जी क्यों नही…….
में: वो दरअसल बात ये है कि, अगले सनडे को रामा की शादी करनी है. तो उसके लिए नये कपड़े खरीदने है. तुम मुझे मार्केट ले चलोगे……तुम्हारे पास तो बाइक है……
अमित: हां आंटी पर ?
में: क्यों क्या हुआ ?
अमित: में कह रहा था कि, आप रामा को भी साथ ले चलो…..आख़िर शादी उसकी है, उसे अपनी पसंद की ड्रेसस खरीदने दो……
मुझे अमित के बात सही लगी..इतनी कम उमर में ही कितना समझदार है. वरना ये बात तो मेरे दिमाग़ में भी नही थी………अक्सर में ही रामा और सोनिया के लिए कपड़े खरीद कर लाती थी…..और उन्हने ने भी कभी कोई शिकायत नही की थी…..
में: पर एक बाइक पर तीन लोग कैसे जा सकते है……
अमित: फिर टॅक्सी या ऑटो में चलते है……..
में: हां ये ठीक रहेगा…..
में: चाइ पीओगे बेटा…..
अमित: नही आंटी जी….
फिर थोड़ी देर खामोशी रही………
अमित: आंटी जी एक बात पुच्छू……
में: हां बोलो……..
अमित: आंटी जी दोपहर घर में बहुत शोर हो रहा था कोई आया था क्या ?
में: हां वो मेरे जेठ जी और जेठानी आए थे…..
अमित: ओह्ह अच्छा…….सॉरी आंटी ये आप की घर के निजी बातें है……पर मेने सुना कि आप किसी की शादी और रिस्ते की बात कर रही थी….किसकी शादी है…….
में: खुस होते हुए) वो मेरी जेठानी है ना..उसकी बेहन के लड़के का रिश्ता आया है रामा के लिए….बहुत अच्छे लोग है..अगले सनडे को रामा की शादी है उससे….लड़का सरकारी नौकरी करता है……और पता है. दहेज भी कुछ नही माँग रहे….बोल रहे थे अपनी लड़की को तीन कपड़ों में विदा कर दे…..
अमित: ये तो बहुत अच्छी बात है आंटी जी पर ?
अमित बोलते-2 चुप हो गया……..”पर क्या अमित”
अमित: जाने दीजिए…..ये आप के घर की बात है…और वैसे भी आपने सोच समझ कर ही फ़ैसला लिया होगा…….
में: (अमित की बात सुन कर सोच में पड़ गयी.कि कहीं मेने कोई जल्द बाजी तो नही कर दी) बोलो अमित में बुरा नही मानूँगी…..तुम्हे तो पता है कि मेरी बेटियों का मेरे सिवाय कोई नही है….जो ऐसे फैंसले ले सके…..
अमित: आंटी जी आप ने लड़के को देखा है ?
में: हां उसकी फोटो देखी है……अंदर रूम में है…..
अमित: आंटी जी क्या में वो स्नॅप देख सकता हूँ……..
में: हां में अभी लेकर अत्ती हूँ……..
में रूम में गयी……और उस लड़के का स्नॅप ले आई……और अमित को देखते हुए बोली…..”ये देखो” अमित ने मेरे हाथ से स्नॅप ली, और बड़े गोर से देखने लगा. कोई 3-4 मिनिट देखने के बाद अमित बोला…….”आंटी जी हमारी रामा वहाँ पर राज करेगी” में उसके मूह से हमारी रामा सुन कर थोड़ा हैरान हो गयी. पर अगले ही पल जैसे उसको अपनी ग़लती का अहसास हुआ.
अमित: ओह्ह सॉरी आंटी जी……वो ऐसे ही मूह से निकल गया……….दरअसल में तो अनाथ हूँ ना….तो जब भी कोई मुझसे अपने दिल के बात करता है या फिर थोड़ा प्यार करता है….में जल्द ही उनको अपना मानने लगता हूँ……
में: अर्रे कोई बात नही…….अब तुम अकेले नही हो…….वैसे तुम्हे कैसे लगा कि रामा वहाँ खुस रहगी….क्या तुम जानते हो इस लड़के को……
अमित: नही आंटी जी जानता तो नही….पर आप यकीन नही करोगे……
में: क्या…….
अमित: में किसी के भी चेहरे को देख कर ये बता सकता हूँ कि, वो इंसान कैसा है…..उसकी फ़ितरत कैसी है…..और ये फोटो देख कर भी में किसी के बारे में बता सकता हूँ……….
में: तुम सच कह रहे हो अमित…….
अमित: हां आंटी जी……अभी तक तो मेने जिसके बारे में जो जो बताया है वो ठीक ही हुआ है……..
उसके बाद में और अमित यूँ ही इधर उधर के बातें करते रहे…मुझे मालूम ना था कि, अमित इतनी जल्दी मुझसे इतना घुल मिल जाएगा कि, में उससे अपने घर के बातें भी करने लगी…..
अमित: ठीक है आंटी जी….अगर किसी तरह की मदद के ज़रूरत हो तो, मुझे बोल देना….शरमाईएगा मत….मेने कुछ पैसे जोड़ रखे है बॅंक में…अगर ज़रूरत हो तो बता देना…..और समझ लेना कि मेने आपको रेंट अड्वान्स दिया है…..
में: ठीक है बेटा….फिलहाल तो अभी ऐसे कोई ज़रूरत नही है…….पर हां तुम मेरी मदद कर दोगे……
अमित: हां आंटी जी क्यों नही…….
में: वो दरअसल बात ये है कि, अगले सनडे को रामा की शादी करनी है. तो उसके लिए नये कपड़े खरीदने है. तुम मुझे मार्केट ले चलोगे……तुम्हारे पास तो बाइक है……
अमित: हां आंटी पर ?
में: क्यों क्या हुआ ?
अमित: में कह रहा था कि, आप रामा को भी साथ ले चलो…..आख़िर शादी उसकी है, उसे अपनी पसंद की ड्रेसस खरीदने दो……
मुझे अमित के बात सही लगी..इतनी कम उमर में ही कितना समझदार है. वरना ये बात तो मेरे दिमाग़ में भी नही थी………अक्सर में ही रामा और सोनिया के लिए कपड़े खरीद कर लाती थी…..और उन्हने ने भी कभी कोई शिकायत नही की थी…..
में: पर एक बाइक पर तीन लोग कैसे जा सकते है……
अमित: फिर टॅक्सी या ऑटो में चलते है……..
में: हां ये ठीक रहेगा…..