hotaks444
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आख़िर वो घड़ी भी आ गयी……रात को खाना खाने के बाद सोनिया मेरे रूम मे आई……उसका चेहरा एक दम खिला हुआ था….उसकी खुशी उसके चेहरे को देखते ही बन रही थी….उसने अंदर आते ही मुझे बाहों में भर लाया, और मेरे गालो को चूमती हुई बोली, “माँ जल्दी से तैयार हो जाओ……..अमित वेट कर रहा है.प्लीज़ जल्दी करना….ये बोल कर सोनिया बाहर चली गयी…..मैं बेड से खड़ी हुई, और नाइटी को उठा कर एक बार देखा. और फिर मन ही मन सोचा.”आख़िर तू भी तो चाहती है कि, अमित तुझसे भी प्यार करे…..तेरी भी तो कुछ ज़रूरते है…उन्हे कॉन पूरा करेगा….अब अगर सोनिया को कोई एतराज नही तो मैं क्यों इस भोले पन का ढोंग करू” मेने अपने सारे कपढ़े उतार दिए….और फिर वो नाइटी पहन कर मिरर के सामने आई तो मैं खुद पर शर्मा गयी….
वो स्लीव्लेस्स नाइटी मेरी जाँघो तक मुस्किल से आ रही थी…..उसमे मेरा जिस्म एक दम कसा हुआ लग रहा था….ऊपेर से मेरी चुचियों की शेप उसमे अलग ही नज़र आ रही थी….. में घबराते हुए, अपने कमरे से बाहर निकली, और काँपते हुए कदमो से चलते हुए, सोनिया के रूम के डोर के पास पहुची. अंदर से सोनिया और अमित के हँसने की आवाज़ आ रही थी…..डोर पर खड़े हुए मेरे हाथ पैर एक दम सुन्न पड़ गये थी….आख़िर मैं इस हालत मे अंदर जाऊ तो जाऊ कैसे. तभी रूम मे एक दम से सन्नाटा छा गया….जैसे सोनिया और अमित को मेरे रूम के बाहर खड़े होने का अंदेशा हो गया हो….मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था… साँसे ऐसे चल रही थी…मानो मीलो दौड़ कर आई हूँ….
मैं अपने सांसो को थामने की कोसिश करते हुए, डोर के बाहर खड़ी थी….और अंदर जाने के लिए हिम्मत जुटा रही थी….तभी एक दम से डोर खुला….सामने अमित खड़ा था….उसने एक बार ऊपेर से लेकर नीचे तक मेरे बदन को देखा, और फिर मेरा हाथ पकड़ कर अंदर लेजाने लगा….मैं किसी कट्पुतली की तरह उसके साथ खिंचती चली गयी…..वो मेरी चुचियों को घुरे जा रहा था….मेरी नाइटी में से मेरे काले रंग के मोटे निपल सॉफ झलक रहे थे….
में शरम के मारे अपना सर भी ऊपेर नही उठा पा रही थी….रूम के बीचो बीच आकर अमित ने मेरा हाथ छोड़ दिया….और फिर मुझे पीछे से डोर बंद होने की आवाज़ आई….अमित अंदर से डोर को लॉक कर रहा था….वैसे तो घर में अब हम तीनो के सिवाए कोई नही था…..पर उसके डोर को लॉक करने की आवाज़ सुन कर मुझे ये अहसास होने लगा कि, अब आगे क्या होने वाला है…..फिर मुझे अपने पीछे से अमित मेरी तरफ बढ़ता हुआ महसूस हुआ…मेने हिम्मत करके, अपनी नज़रे ऊपेर उठाए, तो देखा सामने सोनिया बेड पर रेड कलर की नाइटी पहनी हुई घुटनो के बल बैठी थी…..उसके माथे पर ज़रा भी शिकन नही थी. वो एक दम नॉर्मल लग रही थी……
तभी अमित मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया……उसकी बॉडी मेरी बॅक से सट गयी थी…..मेने फॉरन ही अपना सर फिर से झुका लिया….और अगले ही पल अमित के दोनो हाथ मेरी कमर के बगलो से होते हुए, मेरे पेट पर आ गये….उसने पीछे से मेरे को बाहों में जाकड़ लिया था….मुझे उसका तना हुआ लंड अपनी गान्ड की दरार में सॉफ महसूस हो रहा था….जिसके कारण मेरे पैर मेरा साथ छोड़ने लगे थी…..वो धीरे-2 अपने दोनो हाथों को मेरे पेट पर घूमाते हुए सहला रहा था…..और पीछे से अपनी कमर को हल्का हलका सा घुमा रहा था….
मुझे शरम भी आ रही थी…..और अमित के लंड को अपनी गान्ड की दरार मे महसूस करके में एक दम से गरम भी होने लगी थी….फिर मुझे उसकी साँसे मेरे कान पर महसूस हुई, मेरा पूरा जिस्म एक दम सिहर गये….मेने अपने दोनो हाथों को अमित के हाथो पर रख कर दबा दिया…..”आज तेरे पिछले छेद का उद्घाटन करना है…..सुहागरात पर मुझे ये तोफा चाहिए…बोल मुझे अपनी गान्ड मारने देगी ना” अमित की ये बात सुन कर तो जैसे मेरे दिल की धड़कने ही थम गयी….उस दिन मेने असलम को सलमा की गान्ड मारते हुए देखा था. वही सीन मेरी आँखो के सामने घूम गया….दूसरा अमित ने ये बात धीरे नही बोली थी….सोनिया को ज़रूर इस बात को सुन लिया होगा…..
मैं एक दम से शरमसार हो गयी…..फिर अमित ने अपने होंटो को मेरे गले पर रख दिया….और मेरी गरदन को चूमने लगा…..मेरी आँखें अमित के होंटो को अपनी नेक पर महसूस करते ही, बंद हो गयी….पूरा बदन कांप गया….मेरे हाथ अभी भी उसके हाथों के ऊपेर थे…..और वो अपने हाथों से मेरे पेट को मसलते हुए, मेरी चुचियो की तरफ बढ़ रहा था…..ये जानते हुए भी कि सोनिया बिकुल मेरे सामने बैठी है…..मैं एक दम मदहोश सी होती हुई उसके हाथ को रोक नही पा रही थी…..धीरे-2 उसके दोनो हाथ मेरी चुचियों पर आ पहुचे…….और नाइटी के ऊपेर से मेरे मम्मो के निपल्स को अपनी उंगलियों में लेकर मसलने लगा……”आह अमित सोनियाआ” मैं एक दूं सिसक उठी…..तभी मुझे अहसास हुआ कि, मेरे घुटनो से कुछ टकरा रहा है…..
मेने सर झुका रखा था……मेने अपनी आँखें खोल कर देखा तो, वो बेड का किनारा था…..मदहोशी के आलम में मैं कब बेड तक पहुच गयी मुझे पता ही नही चला….फिर अचानक से उसने मुझे बेड पर धकेल दिया…..मैं बेड पर जा गिरी…जैसे ही मेने आँखे खोली तो मेने देखा कि मेरी आँखो के सामने सोनिया वैसे ही बैठी हुई थी…मैं बेड पर पेट के बल थी….फिर मुझे अपनी जाँघो पर कुछ महसूस हुआ….मेने लेटे हुए, पीछे गर्दन घुमा कर देखा तो, अमित मेरी जाँघो पर बैठा था…..उसके वजन के कारण मैं हिल भी नही पा रही थी. पता नही कब उसने अपना पायजामा उतार दिया था….अब उसके बदन पर सिर्फ़ अंडरवेर था…..जो आगे से उभरा हुआ था…..
उसने अपने दोनो हाथों को मेरी जाँघो पर रख दिया….और मेरी जाँघो को मसलते हुआ, ऊपेर की तरफ बढ़ने लगा….मेरे पुर बदन मे सनसनी दौड़ गयी….मेरे आँखें फिर से बंद होने लगी….मेरे फेस के बिल्कुल सामने बैठी सोनिया अपनी आँखें फाडे देख रही थी….मेने अपने चेहरे को अपने हाथो से ढक लिया…..अमित मेरी जाँघो को मसलते हुए, धीरे-2 ऊपेर बढ़ रहा था…. मेने नाइटी के नीचे पैंटी भी नही पहनी थी…..फिर अमित ने एक झटके से मेरी नाइटी को मेरी कमर तक ऊपेर उठा दिया…..मेरी गान्ड मेरी बेटी सोनिया के आँखो के सामने नंगी हो गयी होगी……मैं यही सोचते हुए शरम से मरे जा रही थी……उसने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को फेला कर मसलना शुरू कर दिया…..मैं एक दम से सिसक उठी……मेने सिसकते हुए अमित को रुकने के लिए कहा….
पर वो मेरी एक नही सुन रहा था…..उसने मेरे दोनो चुतड़ों को पकड़ कर फेला दिया…..फिर थोड़ी देर वैसे ही बैठा रहा…..मैं नीचे चद्दर मे अपने हाथों से अपने मूह को ढके हुए थी…..इसीलिए मैं देख तो नही पा रही थी. पर मुझे अहसास हो रहा था कि, सोनिया मेरे आगे से उठ कर अमित के बगल मे जाकर बैठ चुकी थी…..शायद अमित ने उसे इशारे से पास बुलाया था….ये सोच कर मैं शरम से दोहरी हो गयी……मेरी अपनी बेटी मेरे नंगे चुतड़ों को देख रही है……और अमित ने जिस तरह से मेरे चुतड़ों को फेला रखा था…मुझे यकीन है कि, उसे मेरी चूत के लिप्स भी दिख रहे होंगे….
फिर मुझे अपनी जाँघो पर वजन हल्का होता हुआ महसूस हुआ……फिर मुझे कुछ सरकने की आवाज़ आई…….और अगले ही पल एक गरम और सखत चीज़ मेरी गान्ड के छेद पर आ लगी…..में एक दम सिसक उठी…..वो चीज़ कुछ और नही….अमित के लंड का मोटा और गरम सुपाडा था……जैसे ही मेने अपनी गान्ड के छेद पर अमित के लंड के सुपाडे को महसूस किया….मेरा पूरा बदन एन्ठ गया…..चूत के अंदर सरसराहट दौड़ गयी…..मेने अपने चेहरे से हाथों को हटा लिया. और मेरे मूह से सिसकारी ना निकले.इसलिए मेने बेडशीट को अपने दाँतों में दबा लिया…….पर फिर भी मूह से घुटि हुई आह निकल गयी…..
वो स्लीव्लेस्स नाइटी मेरी जाँघो तक मुस्किल से आ रही थी…..उसमे मेरा जिस्म एक दम कसा हुआ लग रहा था….ऊपेर से मेरी चुचियों की शेप उसमे अलग ही नज़र आ रही थी….. में घबराते हुए, अपने कमरे से बाहर निकली, और काँपते हुए कदमो से चलते हुए, सोनिया के रूम के डोर के पास पहुची. अंदर से सोनिया और अमित के हँसने की आवाज़ आ रही थी…..डोर पर खड़े हुए मेरे हाथ पैर एक दम सुन्न पड़ गये थी….आख़िर मैं इस हालत मे अंदर जाऊ तो जाऊ कैसे. तभी रूम मे एक दम से सन्नाटा छा गया….जैसे सोनिया और अमित को मेरे रूम के बाहर खड़े होने का अंदेशा हो गया हो….मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था… साँसे ऐसे चल रही थी…मानो मीलो दौड़ कर आई हूँ….
मैं अपने सांसो को थामने की कोसिश करते हुए, डोर के बाहर खड़ी थी….और अंदर जाने के लिए हिम्मत जुटा रही थी….तभी एक दम से डोर खुला….सामने अमित खड़ा था….उसने एक बार ऊपेर से लेकर नीचे तक मेरे बदन को देखा, और फिर मेरा हाथ पकड़ कर अंदर लेजाने लगा….मैं किसी कट्पुतली की तरह उसके साथ खिंचती चली गयी…..वो मेरी चुचियों को घुरे जा रहा था….मेरी नाइटी में से मेरे काले रंग के मोटे निपल सॉफ झलक रहे थे….
में शरम के मारे अपना सर भी ऊपेर नही उठा पा रही थी….रूम के बीचो बीच आकर अमित ने मेरा हाथ छोड़ दिया….और फिर मुझे पीछे से डोर बंद होने की आवाज़ आई….अमित अंदर से डोर को लॉक कर रहा था….वैसे तो घर में अब हम तीनो के सिवाए कोई नही था…..पर उसके डोर को लॉक करने की आवाज़ सुन कर मुझे ये अहसास होने लगा कि, अब आगे क्या होने वाला है…..फिर मुझे अपने पीछे से अमित मेरी तरफ बढ़ता हुआ महसूस हुआ…मेने हिम्मत करके, अपनी नज़रे ऊपेर उठाए, तो देखा सामने सोनिया बेड पर रेड कलर की नाइटी पहनी हुई घुटनो के बल बैठी थी…..उसके माथे पर ज़रा भी शिकन नही थी. वो एक दम नॉर्मल लग रही थी……
तभी अमित मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया……उसकी बॉडी मेरी बॅक से सट गयी थी…..मेने फॉरन ही अपना सर फिर से झुका लिया….और अगले ही पल अमित के दोनो हाथ मेरी कमर के बगलो से होते हुए, मेरे पेट पर आ गये….उसने पीछे से मेरे को बाहों में जाकड़ लिया था….मुझे उसका तना हुआ लंड अपनी गान्ड की दरार में सॉफ महसूस हो रहा था….जिसके कारण मेरे पैर मेरा साथ छोड़ने लगे थी…..वो धीरे-2 अपने दोनो हाथों को मेरे पेट पर घूमाते हुए सहला रहा था…..और पीछे से अपनी कमर को हल्का हलका सा घुमा रहा था….
मुझे शरम भी आ रही थी…..और अमित के लंड को अपनी गान्ड की दरार मे महसूस करके में एक दम से गरम भी होने लगी थी….फिर मुझे उसकी साँसे मेरे कान पर महसूस हुई, मेरा पूरा जिस्म एक दम सिहर गये….मेने अपने दोनो हाथों को अमित के हाथो पर रख कर दबा दिया…..”आज तेरे पिछले छेद का उद्घाटन करना है…..सुहागरात पर मुझे ये तोफा चाहिए…बोल मुझे अपनी गान्ड मारने देगी ना” अमित की ये बात सुन कर तो जैसे मेरे दिल की धड़कने ही थम गयी….उस दिन मेने असलम को सलमा की गान्ड मारते हुए देखा था. वही सीन मेरी आँखो के सामने घूम गया….दूसरा अमित ने ये बात धीरे नही बोली थी….सोनिया को ज़रूर इस बात को सुन लिया होगा…..
मैं एक दम से शरमसार हो गयी…..फिर अमित ने अपने होंटो को मेरे गले पर रख दिया….और मेरी गरदन को चूमने लगा…..मेरी आँखें अमित के होंटो को अपनी नेक पर महसूस करते ही, बंद हो गयी….पूरा बदन कांप गया….मेरे हाथ अभी भी उसके हाथों के ऊपेर थे…..और वो अपने हाथों से मेरे पेट को मसलते हुए, मेरी चुचियो की तरफ बढ़ रहा था…..ये जानते हुए भी कि सोनिया बिकुल मेरे सामने बैठी है…..मैं एक दम मदहोश सी होती हुई उसके हाथ को रोक नही पा रही थी…..धीरे-2 उसके दोनो हाथ मेरी चुचियों पर आ पहुचे…….और नाइटी के ऊपेर से मेरे मम्मो के निपल्स को अपनी उंगलियों में लेकर मसलने लगा……”आह अमित सोनियाआ” मैं एक दूं सिसक उठी…..तभी मुझे अहसास हुआ कि, मेरे घुटनो से कुछ टकरा रहा है…..
मेने सर झुका रखा था……मेने अपनी आँखें खोल कर देखा तो, वो बेड का किनारा था…..मदहोशी के आलम में मैं कब बेड तक पहुच गयी मुझे पता ही नही चला….फिर अचानक से उसने मुझे बेड पर धकेल दिया…..मैं बेड पर जा गिरी…जैसे ही मेने आँखे खोली तो मेने देखा कि मेरी आँखो के सामने सोनिया वैसे ही बैठी हुई थी…मैं बेड पर पेट के बल थी….फिर मुझे अपनी जाँघो पर कुछ महसूस हुआ….मेने लेटे हुए, पीछे गर्दन घुमा कर देखा तो, अमित मेरी जाँघो पर बैठा था…..उसके वजन के कारण मैं हिल भी नही पा रही थी. पता नही कब उसने अपना पायजामा उतार दिया था….अब उसके बदन पर सिर्फ़ अंडरवेर था…..जो आगे से उभरा हुआ था…..
उसने अपने दोनो हाथों को मेरी जाँघो पर रख दिया….और मेरी जाँघो को मसलते हुआ, ऊपेर की तरफ बढ़ने लगा….मेरे पुर बदन मे सनसनी दौड़ गयी….मेरे आँखें फिर से बंद होने लगी….मेरे फेस के बिल्कुल सामने बैठी सोनिया अपनी आँखें फाडे देख रही थी….मेने अपने चेहरे को अपने हाथो से ढक लिया…..अमित मेरी जाँघो को मसलते हुए, धीरे-2 ऊपेर बढ़ रहा था…. मेने नाइटी के नीचे पैंटी भी नही पहनी थी…..फिर अमित ने एक झटके से मेरी नाइटी को मेरी कमर तक ऊपेर उठा दिया…..मेरी गान्ड मेरी बेटी सोनिया के आँखो के सामने नंगी हो गयी होगी……मैं यही सोचते हुए शरम से मरे जा रही थी……उसने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को फेला कर मसलना शुरू कर दिया…..मैं एक दम से सिसक उठी……मेने सिसकते हुए अमित को रुकने के लिए कहा….
पर वो मेरी एक नही सुन रहा था…..उसने मेरे दोनो चुतड़ों को पकड़ कर फेला दिया…..फिर थोड़ी देर वैसे ही बैठा रहा…..मैं नीचे चद्दर मे अपने हाथों से अपने मूह को ढके हुए थी…..इसीलिए मैं देख तो नही पा रही थी. पर मुझे अहसास हो रहा था कि, सोनिया मेरे आगे से उठ कर अमित के बगल मे जाकर बैठ चुकी थी…..शायद अमित ने उसे इशारे से पास बुलाया था….ये सोच कर मैं शरम से दोहरी हो गयी……मेरी अपनी बेटी मेरे नंगे चुतड़ों को देख रही है……और अमित ने जिस तरह से मेरे चुतड़ों को फेला रखा था…मुझे यकीन है कि, उसे मेरी चूत के लिप्स भी दिख रहे होंगे….
फिर मुझे अपनी जाँघो पर वजन हल्का होता हुआ महसूस हुआ……फिर मुझे कुछ सरकने की आवाज़ आई…….और अगले ही पल एक गरम और सखत चीज़ मेरी गान्ड के छेद पर आ लगी…..में एक दम सिसक उठी…..वो चीज़ कुछ और नही….अमित के लंड का मोटा और गरम सुपाडा था……जैसे ही मेने अपनी गान्ड के छेद पर अमित के लंड के सुपाडे को महसूस किया….मेरा पूरा बदन एन्ठ गया…..चूत के अंदर सरसराहट दौड़ गयी…..मेने अपने चेहरे से हाथों को हटा लिया. और मेरे मूह से सिसकारी ना निकले.इसलिए मेने बेडशीट को अपने दाँतों में दबा लिया…….पर फिर भी मूह से घुटि हुई आह निकल गयी…..