Adult kahani पाप पुण्य - Page 10 - SexBaba
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Adult kahani पाप पुण्य

मनीष: यार कहा था की बुरा मत मानना. तुम तो नाराज़ हो गए. अगर तुम मोनिका को चोदने को कहोगे तो मैं कहूँगा की अगर चोद सको तो चोद लो. यार हम लोग सेक्स को अजीब तरीके से देखते है. यार एक बात बताओ रश्मी या मोनिका क्या कभी चुदेंगी नहीं. अब उनकी चूत में एक आदमी का लंड जाये दो का या तीन का क्या फरक पड़ता है.

अन्दर ही अन्दर मेरे मन में आया की बेटा मेरी बहन तो चुद भी चुकी और क्या पता तेरी बहन ने भी कितने लंड लीले होंगे. सबको लगता है की हमारी बहन तो बहुत भोली है पर जब से दीदी को रिशू से चुद्वाते देखा तब पता चला की हर जवान लड़की की जरूरत लंड है पर ऊपर से मैंने मनीष की बात का विरोध किया

मोनू: चुप रहो यार, अपनी बहनो के बारे में कोई ऐसा नहीं सोचता.

मनीष: मैं तुम्हे सगे भाई बहन की ब्लू फिल्म दिखा सकता हूँ मेरे पास है. इसमें लड़के और लड़की अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिखाते है जिससे ये पता चला की दोनों के बाप और एड्रेस एक ही है और दोनों शकल से भी भाई बहन लगते है और फिर धुआधार चुदाई करते है.

मोनू: मुझे नहीं देखनी यार कोई फिल्म. दीदी नहीं मानेगी.

मनीष को क्या पता था की मैं अपनी सगी बेहेन की लाइव ब्लू फिल्म देख चूका हूँ और उससे ज्यादा दीदी को चोदने को मरा जा रहा हूँ. कुछ व्हिस्की का असर कुछ मनीष की बातों का मेरा लंड एक दम लोहे के राड की तरह खड़ा हो गया. इसी नशे में जब मेरे मुह से निकला की दीदी नहीं मानेगी तो मनीष समझ गया की मैं मान गया हूँ.
 
मनीष ने इसको महसूस किया और आग में घी डालते हुए बोला की सोचो ऐसा सुनेहरा मौका दुबारा नहीं मिलेगा जब रश्मि और हम दोनों के सिवा घर में कोई नहीं है. अगर आज मैंने रश्मी को चोद लिया तो तुमसे भी चुदवा दूंगा फिर जिंदगी भर के लिए तुम्हारे लिए फ्री की चूत का जुगाड़ हो जायेगा. कसम से कह रहा हूँ की अगर ऐसा मौका मुझे मोनिका के साथ मिलता तो पूरी रात नंगी करके चोदता और तुमसे भी चुद्वाता.

मैंने सोचा के ये कह तो सही रहा है और रिशू ने कैसे बेदर्दी से दीदी को चोदा था पर फिर भी वो उससे चुदवाने दौड़ी दौड़ी जाती है पर मैंने मनीष से कहा दीदी ने अगर उसने घर पर बोल दिया तो.

मनीष मुझे तैयार होता देख कर खुश हो गया और बोला की यार तुम मेरे साथ तो चलो और मैं जो बोलूं वो करते रहना बस. मैंने कहा तुम जाओ मैं बाद में आ जाऊँगा.

मनीष बोला यार डरो मत मेरे साथ आओ. फिर वो मोनिका के रूम की तरफ चला गया और मैं भी हिम्मत करके उसके पीछे चल दिया. दीदी ने रूम अन्दर से लॉक कर रखा था पर मनीष के पास लॉक की दूसरी चाभी थी और उसने रूम का डोर खोला और हम दोनों अन्दर आ गए. अन्दर अँधेरा था. मनीष ने नाईट लैंप ऑन किया.

हलकी पीली रौशनी कमरे में फ़ैल गयी. रश्मि दीदी बेड पर गहरी नींद में सो रही थी और उन्होंने मोनिका की नाइटी पहनी थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. मनीष दीदी को हवस की नजरों से देख रहा था. उनके मम्मे जो रिशू ने दबा दबा कर बड़े कर दिए थे एक दम कच्चे आम की तरह उभरे हुए थे.
 
मुझे पता था की दीदी बहुत बड़ी चुद्दकड़ बन गयी है पर फिर भी मुझे डर लग रहा था पर मनीष के ऊपर तो दीदी की जवानी को पीने का नशा चढ़ा था तो उसने आगे बढ़कर दीदी नाइटी को ऊपर खिसका दिया.

दीदी की संगमरमर जैसी सफ़ेद जांघे देख कर मेरे लंड से जैसे पानी ही निकल गया. दीदी ने गुलाबी रंग की फ्लावर प्रिंट की पैंटी पहिनी थी. मनीष ने वही स्टडी टेबल पर राखी एक केंची उठाई और दीदी की पैंटी को दोनों तरफ से धीरे धीरे काट दिया. दीदी ने कोई हरकत नहीं की.

अब रश्मि दीदी की गुलाबी चूत हमारी आँखों के सामने थी. दीदी की चूत को इतने पास से देख कर ऐ सी कमरे में भी मेरा बदन गर्मी से जलने लगा.

रश्मि दीदी की चूत पाव रोटी की तरह फूली हुई थी और उस पर बहुत हलके से काले बाल थे. दीदी को शेव किये १-२ दिन ही हुए होंगे.

फिर मनीष ने धीरे से नाइटी को भी बीच से काट दिया. दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पहनी थी और उनका चिकना पेट, नाभि, चूत अब हमारे सामने नंगा था.
 
अब मनीष से कण्ट्रोल नहीं हुआ और उसने ब्रा के ऊपर से ही रश्मि दीदी की चूची को दबा दिया.

दीदी फ़ौरन जाग गयी और अपनी हालत और हम दोनों को कमरे में देख कर शॉक हो गयी. उन्होंने मनीष को धक्का दिया और बेड से खड़ी को कर गुस्से से बोली की ये क्या कर रहे हो तुम मनीष और मोनू तुम खड़े हो कर देख रहे हो. मैं तुम्हारी बड़ी बेहेन हूँ.

मुझे समझ में नहीं आया की क्या कहू पर तभी मनीष बोला रश्मि आज हम एक नया अटूट रिश्ता बनायेगे जो की दुनिया का सबसे पुराना रिश्ता है. आदमी और औरत के जिस्म का रिश्ता.

रश्मि: बकवास बंद करो और दोनों रूम से बाहर निकल जाओ.

मनीष: अब हम कहीं नहीं जायेंगे. आज हमें कोई रोक नहीं सकता.

रश्मि: तुम चाहते क्या हो मनीष.

मनीष: तुम्हे चोदना चाहते है बेहना.

रश्मि: पागल हो गए हो क्या. अगर तुमने कुछ किया तो कल मौसा जी से कहके तुम्हे घर से निकलवा दूँगी और मोनू तुम कुछ तो करो क्या पुतले की तरह खड़े हो.

मनीष: कल तुम्हे जो करना है तुम करना पर आज की रात हमारी है. और सुन मोनू अब हम पीछे नहीं हट सकते. जब हम इसको एक बार चुदाई का मज़ा देंगे तब रोज खुद टांगे खोल कर हमें बुलाएगी. चल पकड़ इसे जब तक मैं अपने कपडे उतारता हूँ.
 
मुझे याद आ गया की दीदी पहले रिशू से भी ऐसे ही कह रही थी पर बाद में मज़े ले लेकर चुदवा रही थी.

दीदी समझ गयी की अब हम नहीं मानेगे तो वो रूम से बाहर भागने लगी. तब मैंने उनको पकड़ लिया और बोला देखो दीदी हमारे साथ कोआपरेट करो ताकि तीनो को ही मज़ा आये.

पर वो नहीं मानी और छूटने के लिए ताकत लगाने लगी. तब तक मनीष पूरा नंगा हो चूका था और उसने रश्मि दीदी की पैंटी दीदी के ही मुह में ठूस दी और नाइटी फाड़ कर उसके हाथ बांध दिए. अब मेरी प्यारी बेहना पूरी तरह से उसके काबू में आ गयी थी. फिर मनीष ने दीदी की ब्रा भी फाड़ दी और उनको मादरजात नंगा कर दिया और पलंग पर पटक दिया.

अब मनीष दीदी के मम्मे चूसने लगा और मैं महीनो का प्यासा उनकी चूत चाटने लगा. क्या बताऊ आप लोगो को उनकी चूत का स्वाद. बस जन्नत का मज़ा आ गया. करीब १० मिनट तक चाटने के बाद दीदी ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसे पूरा पी लिया.

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था मेरा बहुत पुराना ख्वाब अब पूरा होने वाला था. मैंने अपना लंड दीदी की चूत से रगड़ना शुरू किया तो मनीष बोला रुक, पहले मैं चोदुंगा.

मैंने कहा की मेरी सगी बहन है मेरा हक पहला है. यह बोल के मैंने रश्मि दीदी की एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रखी और अपना सुपाड़ा उनकी चूत पर लगा कर एक जोर का शॉट लगाया. रश्मि दीदी मचल उठी और मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया. दोस्तों मुझे विश्वास नहीं हुआ की मेरा सबसे बड़ा ख्वाब आज पूरा हो गया.

मैंने मन ही मन मनीष का शुक्रिया अदा किया.
 
मैंने दीदी के कान के पास मुह ले जाकर कहा, दीदी जब पहली बार रिशू को तुम्हे चोदते देखा था तब से तुम्हे चोदने की मेरी तमन्ना थी. आज पूरी हो गयी. मेरा लंड रिशू जितना न सही पर मज़े तुम्हे पूरे दूंगा. मेरी बात सुनते ही दीदी समझ गयी की उनकी शराफत के नाटक का पर्दाफाश हो चूका है और उन्होंने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया. वो समझ चुकी थी की मैं उनके और रिशू के बारे में सब जानता हूँ.

मुझे लगा की अब दीदी ने मुझे स्वीकृति दे दी है की जो करना हो करो तो मैंने उनके मुह से पैंटी बाहर निकाल दी. दीदी के मुह से एक हलकी सी सीत्कार निकली उफ्फ्फ्फ़ आःह.

पर तब तक मनीष ने रश्मि दीदी के मुह में अपना लंड डाल दिया और उनका मुह फिर से बंद कर दिया...

मैं तो महीनो से भरा बैठा था. करीब १५ मिनट धक्के मारने के बाद मैं रश्मि दीदी की चूत में ही झड गया.

अब मैं बेड पर लेट गया और मनीष ने पोजीशन ले ली. मनीष का लंड करीब ६ इंच का था पर काफी मोटा था फिर भी दीदी ने आराम से ले लिया. दीदी धीरे धीरे आह आह की आवाज़ निकाल रही थी. १५ मिनट बाद धक्के लगाने के बाद मनीष भी झड गया. अब हम तीनो बेड पर चुपचाप लेट गए.

थोड़ी देर बाद दीदी मेरे कान में बोली तुमने मनीष को रिशू के बारे में बताया क्या?
 
मैंने न में सर हिला दिया. दीदी को अब जोर से बोली तुम दोनों बहुत गंदे हो और तुमने मुझे भी गन्दा कर दिया. चलो मेरे हाथ खोलो.

ये कहकर वो उठने की कोशिश करने लगी तो मनीष बोला

आओ मेरी जान. हम तुम्हें बाथरूम तक ले चलते हैं. वहाँ हम अपने हाथों से तुम्हारी चूत को साफ करेंगे ओके..

फिर मनीष ने उनको गोद में ले लिया और दीदी उसके साथ बाथरूम में चली गई. मैं भी उसके पीछे गया.

मनीष ने उनको शावर के नीचे बिठा दिया था और उन पर पेशाब करने लगा.

रश्मि दीदी बोली क्या कर रहे हो मनीष. तो उसने कहा तुम्हे नहला रहा हूँ.

मैंने कहा यार क्या कर रहे हो. जल्दी से दीदी को साफ़ करो. अभी तो कायदे से चोदना है दीदी को. दिल नहीं भरा.

तब मनीष ने शावर खोला और दीदी को आराम से नीचे बैठा कर गर्म पानी से चूत साफ करने लगा.

दीदी: आह.. आराम से.. दुखता है.. तुम लोगो के डंडे छोटे सही पर मोटे तो है. कितनी बेदर्दी से मेरी छोटी सी चूत में घुसा दिए तुम दोनों ने. सूखी ले ली मेरी.

मनीष: अरे रश्मि.. तेरी चूत तो ऐसी थी कि उंगली जाने से भी दर्द करती. अब लौड़ा गया है.. तो थोड़ा तो दु:खेगा ही.. पर तुझे अबकी बार ज़्यादा मज़ा आएगा.. देख लेना..

अब उसको क्या पता की दीदी पता नहीं कितना चुदवा चुकी है और वो भी रिशू के हलब्बी लंड से और उसके अलावा किसी और से भी चुदवाया हो तो मुझे पता नहीं.
 
रश्मि दीदी ने भी हमारे लौड़े को पानी से साफ किया और प्यार से उसको सहलाने लग गई. काफ़ी देर तक हम लोग एक-दूसरे को साफ करते रहे और नहाते रहे. फिर हमारे लौड़े दुबारा खड़े हो गए थे. ये देख कर दीदी बोली तुम दोनों का मन भी नहीं भरा और मेरा भी नहीं पर इस बार कुछ मेरा भी ख्याल रखना.

मनीष: अरे तेरी जवानी तो ऐसी है.. कि लंड अपने आप इसे सलामी देने लगता है. पहली बार तो सब जल्दबाज़ी में हुआ तो ठीक से मैं तुम्हारे इन रसीले होंठों का मज़ा नहीं ले पाया. इन कच्चे आमों का रस नहीं पी पाया.. अब सुकून से इनको चूस कर मज़ा लूँगा. तेरी महकती चूत को चाट कर उसकी सूजन कम करूँगा.

मनीष की बातों से दीदी भी अब उत्तेज़ित होने लगी थी. वो बोली तो मैंने भी कहाँ मज़ा लिया. तुम लोगो ने मुझे बाँध जो दिया था. चलो बेडरूम में चलो और मनीष ने फिर से दीदी को गोद में उठाया और हम वापस बेडरूम में आ गए

बेडरूम में आते ही मनीष ने दीदी को पलंग पर लिटा दिया और ६९ की पोजीशन में आकर उनकी चूत के होठों को कुरेदने लगा. अब रश्मि दीदी के लिए भी खुद को संभालना मुश्किल हो चला था और वो भी खुल कर चुदाई के मूड में आ गई और मेरे लंड को चाटने लगी. उन्हें दिक्कत न हो तो मैं भी सर दूसरी तरफ करके लेट गया और मनीष को देखने लगा.

क्योंकि दीदी की चूत मनीष के मुंह के सामने थी तो उसने पहले उसे चूमा और कुछ देर में ही उसने उसे अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. शुरू-2 में तो वो सिर्फ अपनी जीभ की नोक को दीदी की चूत से छुआ रहा था लेकिन फिर उसने रश्मि दीदी की चूत से आने वाली खुशबू से सुध-बुध खोकर दीदी की गुलाबी-इत्र सी महकती हुई चूत को पूरी तरह से चाटना शुरू कर दिया.
 
रश्मि दीदी को इतना मजा आने लगा कि वो मस्ती में कराहती हुई और जोरों से मेरा लंड चूसने लगी. अचानक उन्होंने उत्तेजनावश मेरा लंड छोड़ दिया और मनीष का लंड चूसने लगी. मनीष का लंड दीदी के गुलाबी होठो के बीच किसी मोटे बैगन सा नजर आ रहा था.

जैसे मनीष की जीभ दीदी की चूत में गहरी होने लगी वैसे ही रश्मि दीदी ने हम दोनों के लंड इकट्ठे मुह के अन्दर लेने की कोशिश करने लगी लेकिन दोनो भाइयों के लंड दीदी के छोटे से मुंह में नहीं समा पा रहे थे. आखिर थक कर रश्मि दीदी ने इशारे से बताया कि अब उन्हें चूत में लंड डलवाना है और मनीष बिस्तर से उतर कर लंड पकड़ कर नीचे खड़ा हो गया और हम दोनों ने मिलकर अपनी बहन को कमर के बल लेटा दिया.

अब मनीष उनकी दिलकश चूत को सहलाने लगा और मैं शानदार चूचियाँ. रश्मि दीदी से सहन नहीं हुआ और वह मनीष का तना हुआ लंड पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ने लगी. मनीष आनन्द के अतिरेक से फटा जा रहा था और उसने लंड को दीदी की गुलाबी चूत के मुंह पर रख कर निशाना लगा लिया.

मुझे ये देखते हुए इस समय अलौकिक आनन्द की अनुभूति हो रही थी. सच अपनी बहन को चुदते देखने का सुख खुद चोदने से कम नहीं है जिन्होंने देखा है वो लोग जानते ही है...
इसबार जरा धीरे-2 अन्दर घुसाना.. तेरा लंड बड़ा मोटा है. अपनी बहन का थोडा ख्याल रखना भैया. दीदी ने मुस्कुरा कर मनीष से कहा.

मनीष ने मुस्कराहट के साथ अपने लंड के सुपारे को रश्मि दीदी की चूत के मुंह से भिड़ा कर अन्दर डालना शुरू किया. रश्मि दीदी खुद भी पागल हुई जा रही थी और मोटे सुपारे को अपनी भट्टी जैसी चूत के अन्दर पाकर दीदी ने मनीष को कसकर पकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगी.
 
मनीष भी दीदी के होठ चूसने लगा.

मैं इस समय अपने मौसेरे भाई से चूत चुदाती हुई मेरी छिनाल दीदी के मुंह को चोदने में लगा था. मैं बीच बीच में उनके चूतड़ सहलाता हुआ उनकी चूत के दाने को सहला रहा था और मेरे हाथ से रगड़ खाता मनीष का लंड मेरी बहन की चूत का बाजा बजा रहा था.

मनीष अचानक उतावला हो उठा और उसने झटके के साथ रश्मि दीदी की चूत से अपना सुपाड़ा बाहर निकाल कर पूरा का पूरा अन्दर घुसेड़ दिया

‘आआआ.. मर गई. आई.. तूने मेरी चूत फाड़ दी. ओए.. आआ.. हाँ ऐसे ठीक है.. थोडा धीरे मारो. ऊऊऊओ.. हाँ.. ऐसे.’ चूत पर हुए अचानक हमले से मेरी बहन रोआंसी सी हो आई, लेकिन मनीष ने खुद को सँभालते हुए धीरे धक्कों के साथ चुदाई जारी रखते हुए स्थिति को संभाल लिया

अब वो बिना जल्दी किए धीरे-2 मेरी दीदी की नर्म-गुलाबी चूत को चोदने लगा और मेरी रश्मि दीदी वासना के सुख सागर में गोते लगाने लगी, उनके मुख से तेज सिसकारियाँ निकलने लगी और उनकी मुख-मुद्रा बता रही थी कि उसके सुख की कोई सीमा नहीं थी

‘ओ ओ ओ.. आआआ.. आआआ.. आ आ आ आआ.. सीई..आआआ.. स्स्स्सीई..’ रश्मि दीदी के मुख से वास्तविक ख़ुशी भरी सिसकारियाँ निकलने लगी

बैंगन जैसा मोटा और लोहे की राड जैसा सख्त मनीष का लंड दीदी की अँधेरी सुरंग की गहराइयों को नापने लगा जो खुद भी अपनी जीभ से उसे गर्मजोशी से जवाब दे रही थी. वासना से कामांध होकर दोनों एक दूसरे को बुरी तरह चाटने लगे. इस दौरान चुदाई की स्पीड हर धक्के के साथ बढ़ती जा रही थी और दीदी के गले से निकलने वाली आवाज हर धक्के के साथ तेज होती जा रही थी.

‘ओए.. आआ.. हाँ. ऐसे.. और.. ऊऊऊऊ.. ओओ.. ओओ.. आआ.. और जोर से.. चलो चोदो जोर से. और थोडा जोर से.. ओओ.. ओओ.. हाँ ऐसे. हाय कितना मजा आया इस बार.. हाय ऐसे ही चोदो ना फिर से.. अपनी पूरी जीभ डाल दो मेरे मुंह में.’ मेरी बहन ने बिना किसी शर्मो-हया के मनीष की जीभ को चूसना शुरू कर दिया.
 
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