hotaks444
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"आआहह.. लेट मी सक माइ भैया'स लंड अहहहहा... मेरे भाई आहह...उम्म्म..." ज्योति ने एक नज़र रिकी के लंड पे डाली जो उसके सामने किसी लकड़े की समान खड़ा था, ज्योति ने अपने पूरे हाथ पे अपनी थूक लगाई और गीले हाथों से रिकी के लंड को पकड़ के उसे उपर नीचे करने लगी... उधर रिकी ने फिर ज्योति की चूत पे हमला बोल दिया और उसे चूसने लगा....
"अहहहाहा... ईसस्सस्स ईईईईईईई.." ज्योति को जैसे जन्नत नसीब हो गयी थी और वो फिर आनंद की लहरो में गोते खाने लगी...
"ओउउंम्म स्लूर्र्रप्प्प अहहहह स्लूर्र्रप्प अहहह....." रिकी ज्योति की चूत के कोने कोने को चाटने लगा
"आआहः यस भाईयाीई..... उम्म्म लेट मी सक अहहहहा..." ज्योति ने अपनी बात अधूरी ही छोड़ी और रिकी के लंड को मूह में डाल के उसे आइस क्रीम कॅंडी की तरह चूसने लगी..
"अहहहहा भैईई.... युवर कॉक अहहहहूंम्म्मम..... गुणन्ं गुणन्ञन् गुणन्ं... आअहह सीईईईई ईज़ सो नाइस अहहहहहहा... उम्म्म्म गुणन्ञणन् अहाहाः उम्म्म्म...." ज्योति लंड को मूह में लेती, फिर उसे निकाल के कुछ बोलती और फिर वापस उसे अपनी हलक में उतार देती
"अहहाहा युवर कंट आअहहूंम्म्मम उम्म्म स्लूर्रप्प्प्प्प्प्प अहाहहा स्लूर्र्ररप्प्प्प आहह ईज़ ऑल्सो जुवैसी अहहहहाहा उम्म्म्मम स्लूर्र्रप्प्प्प आहः सिसतररर......." रिकी ज्योति की चूत को चाट के बोलता और उसकी गान्ड के छेद में एक उंगली फिरा देता
"अहहहहः यस भाई हहाहह फक युवर जुवैसी सिस ना अहह...फक माइ माउत ना भाई अहाहा... उम्म्म गुणन्ं गुणन्ञणणन् अहहाहा " ज्योति फिर लंड को अंदर बाहर करती.. ज्योति की बात सुन रिकी नीचे से अपनी टाँगें हिलाना शुरू कर दिया जिससे उसका लंड ज्योति के मूह के अंदर बाहर होने लगता और उसके मूह को चोदना चालू कर दिया
"अहहहः ... भाईयाीई अहहः उम्म्म गुणन्ञन् गुणन्ञन् गुणन्ं..आहहहा तपप्पप तपप्प्प्प्प्प्प.." ज्योति के मूह की चुदने की आवाज़ रूम में अच्छी तरह गूँज रही थी
"अहाहहा यस..... उम्म गुणन्ं गुणन्ं..." ज्योति अभी भी लंड के धक्कों को अपने मूह में ले रही थी और चीख रही थी..
"अहहा भईई.... अहहाहा यस फॅटररयाया आहम्म आइम कमिंग अगांन अहहह उफफफ्फ़.फ.... और ज़ोर से कार्रूऊ अहहहाहा बेंककचहूऊद्ददड..द...... भाईयाया अहहह.." ज्योति इस बार इतना चीखी के रिकी की गति तीन गुना बढ़ गयी जिसका नतीजा ज्योति दूसरी बार झडी और फिर रिकी के मूह में ही.....
ज्योति का पानी पीके रिकी ने ज्योति को सीधा किया और बेड पे सुला दिया.. एक नज़र रिकी ने ज्योति की चूत पे डाली तो वो पूरी भीग चुकी थी, एक दम गीली चूत और वो भी चिकनी,
"वांटेड टू हॅव फन ना... लेट मी शो यू दा सेम...विल बी ऑल रॉ बेबी...." रिकी ने ज्योति की आँखों में देख कहा जो ज्योति की थकान को बयान कर रही थी, दो बार झाड़ के ज्योति में अब बिल्कुल भी जान नहीं बची थी, उसकी टाँगें अकड़ चुकी थी, साँसें टूट चुकी थी, बस गहरी और लंबी साँसें छोड़े जा रही थी.. रिकी की बात सुन वो कुछ समझती उससे पहले उसकी चीख निकल गयी
"आअहह नूऊऊ........ अनूऊऊऊऊओ प्लेआसीए नूऊऊऊओ बाऐईयइ......" रिकी ने पहले धीरे से अपने लंड को ज्योति की चूत पे सेट किया और एक ज़ोर का झटका मार के पूरा का पूरा लंड ज्योति की चूत के अंदर उतार दिया
रिकी के लंड को अपने अंदर महसूस कर जैसे ज्योति को करेंट सा लग गया था, रिकी ने बिना किसी दया या वॉर्निंग के अपने लंड को ज्योति की चूत में अंदर उतार दिया, चूत काफ़ी गीली थी इससे रिकी को कोई दिक्कत नही हुई सीधे अंदर उतारने में, लेकिन ज्योति की आँखों में आँसू आ गये...
"अहाहाः यू बस्टार्द्दद्ड अहहहहा... स्लोववववववल्ल्लययययी प्लेआईईई....." ज्योति बस इतना ही कह पाई, क्यूँ कि तब तक रिकी ने अपने लंड को एक बार फिर बाहर निकाला और उतनी ही तेज़ी से फिर अंदर डाल दिया..
"ओह नूओ भाय्ाआअ... प्लीज़ धीरे धीरे... आहाहहहहह..." ज्योति की यह बात जैसे रिकी सुनने के मूड में ही नहीं था...
"क्यूँ बहेन.. मज़ा नहीं आ रहा क्या हान्ं...." रिकी ने एक बार फिर लंड को बाहर निकाला और तेज़ी से अंदर डाल दिया
ज्योति की आँखों से आँसू बहे जा रहे थे, लेकिन वो रिकी को रुकने के लिए नहीं कह रही थी.. शायद यही दर्द पाने के लिए वो इतना तड़प रही थी.. वक़्त बीतते जब रिकी के धक्के तेज़ होते गये, तब ज्योति का दर्द भी कम होता रहा और वो उछल उछल के अपनी चूत रिकी से चुदवाने लगी....
"बाऐईयइ अहहहह... एक मिंससा हह प्लीज़.." ज्योति ने रिकी को रुकने का इशारा किया, रिकी रुका तो ज्योति उठ खड़ी हुई और तेज़ी से जाके रिकी के सीने से लिपट गयी और फिर उसे चूमने लगी...
"अहहहाहा उम्म्म्म.... फक मी अहहहहा ... आईने के सामने आहहाहहा ना प्लीज़......" ज्योति ने रिकी के होंठों को चूमते हुए कहा और रिकी भी उसे कंधों पे चूमते हुए उठा के बाथरूम में ले गया और वॉश बेसिन के सामने खड़ा कर पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया
"अहहहहहा य्स्स्स.... बाऐ...... ज़ोर से चोदो ना आअहह...." ज्योति फिर जोश में आ गयी और टाँग पीछे कर कर के चुदवाने लगी, और रिकी भी उसकी चूत के चिथड़े करने में लगा हुआ था......
"अहहहाहा ओह्ह्ह नूऊओ अहहाहा आइ वास्स्सस्स अहहूंम्म्म मिस्सिंग आलल्ल्ल्ल्ल श्िित्त्त आहहह ज़ोर से और अहहहाआ.... ऑल दिस फन्न आहहहाआ... फक यू भाई अहहहहहाअ..... ओह गगूओद्दद्ड...... आइ लव यू आ आ आहहह नूऊऊ अहहः फास्टर आहहहः..." ज्योति ने एक टाँग अपनी वॉश बेसिन के पत्थर पे रखी हुई थी
"ओह्ह्ह ईसस्स..... मेरी बेहन अहहहाआ.... कम हियर.. अहहा..." रिकी ने अपने लंड को बाहर निकाला और उसे सीधा कर दिया और आगे से उसकी चूत में लंड घुस्सा के उसे चोदने लगा
"ओह्ह्ह्ह आह्न्ंननणणन् भाई आहह और ज़ोर से अहाहहाः चोदो ना अहहह... ऐसे ही चोदते रहननाअ अहहह.. एससस्स आअहमम्म फक्किंग अहहहहा होत्तत्त अहहहा.." ज्योति रिकी के लंड की गर्मी से मदहोश हुई जा रही थी
"ओह्ह्ह्ह नूऊऊ. ज्योति अहाहहा... आइम कमिंग सिसतीएररर अहह.." रिकी अपनी टाँगों में अकड़न महसूस करने लगा.. रिकी की बात सुनते ही, ज्योति ने अपनी चूत को रिकी के लंड की गिरफ़्त से आज़ाद किया और नीचे झुक के रिकी के लंड के सामने बैठ गयी... एक हिझटके में रिकी के लंड ने अपना सारा पानी उगल दिया जो जाके सीधा ज्योति के चेहरे गिरा
"उम्म्म्मम अहाहाहह टेस्टी भाई... आहह स्लूर्र्रप्प्प्प्प.." ज्योति ने अपने चेहरे पे गिरी कुछ बूँदों को अपनी उंगली में लिया और उसे चाटने लगी...
रिकी और ज्योति जब दोनो थक गये , बाथरूम से निकल के एक पल अपने रूम में आके अपने आस पास ही लेट गये... रिकी की आँखें तो बंद थी लेकिन ज्योति ने एक नज़र बेड शीट पे डाली तो उसे लाल पाकर काफ़ी खुश हुई... रिकी थकान के मारे आँखें बंद किए कुछ सोच रहा था, कि ज्योति इतने में बाथरूम में घुस गयी और फ्रेश होने लगी... करीब एक घंटे बाद अपनी चूत को ठंडक पहुँचा के बाहर निकली तो रिकी अभी भी बेसूध होके बिस्तर पे पड़ा था...
"भाई... प्लीज़ फ्रेशन अप..." ज्योति ने उसे इतना ही कहा, के रिकी एक झटके में उठ खड़ा हुआ और बिना कुछ कहे फ्रेश हो गया... फ्रेश होके वो बिना ज्योति से कुछ कहे नीचे में हॉल में सोने चला गया.. ज्योति समझ गयी पर उसने कुछ नहीं कहा और वो भी दूसरे रूम में सोने चली गयी
पूरी रात रिकी की आँखों के आगे शीना का चेहरा ही छाया रहा, रिकी काफ़ी गिल्टी फील कर रहा था, लेकिन बार बार वो यह सोचता कि शीना को इस बात का पता बिल्कुल नहीं लगने देगा....
"लेकिन इस दिल का क्या... मेरा क्या, कैसे सामना करूँगा शीना का मैं... मैं तो जानता हूँ कि मैने शीना को.... फिर मैं कैसे करूँगा उसकी आँखों का सामना.." रिकी ने खुद से कहा और फिर बेड पे उठ खड़ा हुआ.. घड़ी पे नज़र डाली तो अभी रात के सिर्फ़ 2 ही बजे थे... रिकी ने अपने दिल को झूठा दिलासा दिया और फिर नींद करने की कोशिश करने लगा.. बड़ी मुश्किल से उसे नींद आई.. फिर से शीना का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ गया..
"ओह्ह्ह नो...." रिकी इस बार नींद में चीखा और जैसे ही उठने की कोशिश की, वो उठ नहीं पाया.. आँखें खोल के देखा तो उसके दोनो हाथ बेड के दोनो कोनो से बँधे हुए थे.. थोड़ा सा सर उपर करके देखा तो ज्योति उसके सामने गन लेके खड़ी थी
"ज्योति.. व्हाट नॉनसेन्स ईज़ दिस.." रिकी ने गुस्से में चिल्ला के कहा
"स्शह.... चिल मार स्वीटहार्ट..." ज्योति ने अपने होंठों पे उंगली रख के कहा और फिर अपने लिए एक सिगरेट जला के पास रखी कुर्सी पे बैठ गयी
"ह्म्म्म.... सो... टेल मी, हू आर यू..." ज्योति ने एक कश लेते हुए रिकी से पूछा
"अहहहाहा... ईसस्सस्स ईईईईईईई.." ज्योति को जैसे जन्नत नसीब हो गयी थी और वो फिर आनंद की लहरो में गोते खाने लगी...
"ओउउंम्म स्लूर्र्रप्प्प अहहहह स्लूर्र्रप्प अहहह....." रिकी ज्योति की चूत के कोने कोने को चाटने लगा
"आआहः यस भाईयाीई..... उम्म्म लेट मी सक अहहहहा..." ज्योति ने अपनी बात अधूरी ही छोड़ी और रिकी के लंड को मूह में डाल के उसे आइस क्रीम कॅंडी की तरह चूसने लगी..
"अहहहहा भैईई.... युवर कॉक अहहहहूंम्म्मम..... गुणन्ं गुणन्ञन् गुणन्ं... आअहह सीईईईई ईज़ सो नाइस अहहहहहहा... उम्म्म्म गुणन्ञणन् अहाहाः उम्म्म्म...." ज्योति लंड को मूह में लेती, फिर उसे निकाल के कुछ बोलती और फिर वापस उसे अपनी हलक में उतार देती
"अहहाहा युवर कंट आअहहूंम्म्मम उम्म्म स्लूर्रप्प्प्प्प्प्प अहाहहा स्लूर्र्ररप्प्प्प आहह ईज़ ऑल्सो जुवैसी अहहहहाहा उम्म्म्मम स्लूर्र्रप्प्प्प आहः सिसतररर......." रिकी ज्योति की चूत को चाट के बोलता और उसकी गान्ड के छेद में एक उंगली फिरा देता
"अहहहहः यस भाई हहाहह फक युवर जुवैसी सिस ना अहह...फक माइ माउत ना भाई अहाहा... उम्म्म गुणन्ं गुणन्ञणणन् अहहाहा " ज्योति फिर लंड को अंदर बाहर करती.. ज्योति की बात सुन रिकी नीचे से अपनी टाँगें हिलाना शुरू कर दिया जिससे उसका लंड ज्योति के मूह के अंदर बाहर होने लगता और उसके मूह को चोदना चालू कर दिया
"अहहहः ... भाईयाीई अहहः उम्म्म गुणन्ञन् गुणन्ञन् गुणन्ं..आहहहा तपप्पप तपप्प्प्प्प्प्प.." ज्योति के मूह की चुदने की आवाज़ रूम में अच्छी तरह गूँज रही थी
"अहाहहा यस..... उम्म गुणन्ं गुणन्ं..." ज्योति अभी भी लंड के धक्कों को अपने मूह में ले रही थी और चीख रही थी..
"अहहा भईई.... अहहाहा यस फॅटररयाया आहम्म आइम कमिंग अगांन अहहह उफफफ्फ़.फ.... और ज़ोर से कार्रूऊ अहहहाहा बेंककचहूऊद्ददड..द...... भाईयाया अहहह.." ज्योति इस बार इतना चीखी के रिकी की गति तीन गुना बढ़ गयी जिसका नतीजा ज्योति दूसरी बार झडी और फिर रिकी के मूह में ही.....
ज्योति का पानी पीके रिकी ने ज्योति को सीधा किया और बेड पे सुला दिया.. एक नज़र रिकी ने ज्योति की चूत पे डाली तो वो पूरी भीग चुकी थी, एक दम गीली चूत और वो भी चिकनी,
"वांटेड टू हॅव फन ना... लेट मी शो यू दा सेम...विल बी ऑल रॉ बेबी...." रिकी ने ज्योति की आँखों में देख कहा जो ज्योति की थकान को बयान कर रही थी, दो बार झाड़ के ज्योति में अब बिल्कुल भी जान नहीं बची थी, उसकी टाँगें अकड़ चुकी थी, साँसें टूट चुकी थी, बस गहरी और लंबी साँसें छोड़े जा रही थी.. रिकी की बात सुन वो कुछ समझती उससे पहले उसकी चीख निकल गयी
"आअहह नूऊऊ........ अनूऊऊऊऊओ प्लेआसीए नूऊऊऊओ बाऐईयइ......" रिकी ने पहले धीरे से अपने लंड को ज्योति की चूत पे सेट किया और एक ज़ोर का झटका मार के पूरा का पूरा लंड ज्योति की चूत के अंदर उतार दिया
रिकी के लंड को अपने अंदर महसूस कर जैसे ज्योति को करेंट सा लग गया था, रिकी ने बिना किसी दया या वॉर्निंग के अपने लंड को ज्योति की चूत में अंदर उतार दिया, चूत काफ़ी गीली थी इससे रिकी को कोई दिक्कत नही हुई सीधे अंदर उतारने में, लेकिन ज्योति की आँखों में आँसू आ गये...
"अहाहाः यू बस्टार्द्दद्ड अहहहहा... स्लोववववववल्ल्लययययी प्लेआईईई....." ज्योति बस इतना ही कह पाई, क्यूँ कि तब तक रिकी ने अपने लंड को एक बार फिर बाहर निकाला और उतनी ही तेज़ी से फिर अंदर डाल दिया..
"ओह नूओ भाय्ाआअ... प्लीज़ धीरे धीरे... आहाहहहहह..." ज्योति की यह बात जैसे रिकी सुनने के मूड में ही नहीं था...
"क्यूँ बहेन.. मज़ा नहीं आ रहा क्या हान्ं...." रिकी ने एक बार फिर लंड को बाहर निकाला और तेज़ी से अंदर डाल दिया
ज्योति की आँखों से आँसू बहे जा रहे थे, लेकिन वो रिकी को रुकने के लिए नहीं कह रही थी.. शायद यही दर्द पाने के लिए वो इतना तड़प रही थी.. वक़्त बीतते जब रिकी के धक्के तेज़ होते गये, तब ज्योति का दर्द भी कम होता रहा और वो उछल उछल के अपनी चूत रिकी से चुदवाने लगी....
"बाऐईयइ अहहहह... एक मिंससा हह प्लीज़.." ज्योति ने रिकी को रुकने का इशारा किया, रिकी रुका तो ज्योति उठ खड़ी हुई और तेज़ी से जाके रिकी के सीने से लिपट गयी और फिर उसे चूमने लगी...
"अहहहाहा उम्म्म्म.... फक मी अहहहहा ... आईने के सामने आहहाहहा ना प्लीज़......" ज्योति ने रिकी के होंठों को चूमते हुए कहा और रिकी भी उसे कंधों पे चूमते हुए उठा के बाथरूम में ले गया और वॉश बेसिन के सामने खड़ा कर पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया
"अहहहहहा य्स्स्स.... बाऐ...... ज़ोर से चोदो ना आअहह...." ज्योति फिर जोश में आ गयी और टाँग पीछे कर कर के चुदवाने लगी, और रिकी भी उसकी चूत के चिथड़े करने में लगा हुआ था......
"अहहहाहा ओह्ह्ह नूऊओ अहहाहा आइ वास्स्सस्स अहहूंम्म्म मिस्सिंग आलल्ल्ल्ल्ल श्िित्त्त आहहह ज़ोर से और अहहहाआ.... ऑल दिस फन्न आहहहाआ... फक यू भाई अहहहहहाअ..... ओह गगूओद्दद्ड...... आइ लव यू आ आ आहहह नूऊऊ अहहः फास्टर आहहहः..." ज्योति ने एक टाँग अपनी वॉश बेसिन के पत्थर पे रखी हुई थी
"ओह्ह्ह ईसस्स..... मेरी बेहन अहहहाआ.... कम हियर.. अहहा..." रिकी ने अपने लंड को बाहर निकाला और उसे सीधा कर दिया और आगे से उसकी चूत में लंड घुस्सा के उसे चोदने लगा
"ओह्ह्ह्ह आह्न्ंननणणन् भाई आहह और ज़ोर से अहाहहाः चोदो ना अहहह... ऐसे ही चोदते रहननाअ अहहह.. एससस्स आअहमम्म फक्किंग अहहहहा होत्तत्त अहहहा.." ज्योति रिकी के लंड की गर्मी से मदहोश हुई जा रही थी
"ओह्ह्ह्ह नूऊऊ. ज्योति अहाहहा... आइम कमिंग सिसतीएररर अहह.." रिकी अपनी टाँगों में अकड़न महसूस करने लगा.. रिकी की बात सुनते ही, ज्योति ने अपनी चूत को रिकी के लंड की गिरफ़्त से आज़ाद किया और नीचे झुक के रिकी के लंड के सामने बैठ गयी... एक हिझटके में रिकी के लंड ने अपना सारा पानी उगल दिया जो जाके सीधा ज्योति के चेहरे गिरा
"उम्म्म्मम अहाहाहह टेस्टी भाई... आहह स्लूर्र्रप्प्प्प्प.." ज्योति ने अपने चेहरे पे गिरी कुछ बूँदों को अपनी उंगली में लिया और उसे चाटने लगी...
रिकी और ज्योति जब दोनो थक गये , बाथरूम से निकल के एक पल अपने रूम में आके अपने आस पास ही लेट गये... रिकी की आँखें तो बंद थी लेकिन ज्योति ने एक नज़र बेड शीट पे डाली तो उसे लाल पाकर काफ़ी खुश हुई... रिकी थकान के मारे आँखें बंद किए कुछ सोच रहा था, कि ज्योति इतने में बाथरूम में घुस गयी और फ्रेश होने लगी... करीब एक घंटे बाद अपनी चूत को ठंडक पहुँचा के बाहर निकली तो रिकी अभी भी बेसूध होके बिस्तर पे पड़ा था...
"भाई... प्लीज़ फ्रेशन अप..." ज्योति ने उसे इतना ही कहा, के रिकी एक झटके में उठ खड़ा हुआ और बिना कुछ कहे फ्रेश हो गया... फ्रेश होके वो बिना ज्योति से कुछ कहे नीचे में हॉल में सोने चला गया.. ज्योति समझ गयी पर उसने कुछ नहीं कहा और वो भी दूसरे रूम में सोने चली गयी
पूरी रात रिकी की आँखों के आगे शीना का चेहरा ही छाया रहा, रिकी काफ़ी गिल्टी फील कर रहा था, लेकिन बार बार वो यह सोचता कि शीना को इस बात का पता बिल्कुल नहीं लगने देगा....
"लेकिन इस दिल का क्या... मेरा क्या, कैसे सामना करूँगा शीना का मैं... मैं तो जानता हूँ कि मैने शीना को.... फिर मैं कैसे करूँगा उसकी आँखों का सामना.." रिकी ने खुद से कहा और फिर बेड पे उठ खड़ा हुआ.. घड़ी पे नज़र डाली तो अभी रात के सिर्फ़ 2 ही बजे थे... रिकी ने अपने दिल को झूठा दिलासा दिया और फिर नींद करने की कोशिश करने लगा.. बड़ी मुश्किल से उसे नींद आई.. फिर से शीना का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ गया..
"ओह्ह्ह नो...." रिकी इस बार नींद में चीखा और जैसे ही उठने की कोशिश की, वो उठ नहीं पाया.. आँखें खोल के देखा तो उसके दोनो हाथ बेड के दोनो कोनो से बँधे हुए थे.. थोड़ा सा सर उपर करके देखा तो ज्योति उसके सामने गन लेके खड़ी थी
"ज्योति.. व्हाट नॉनसेन्स ईज़ दिस.." रिकी ने गुस्से में चिल्ला के कहा
"स्शह.... चिल मार स्वीटहार्ट..." ज्योति ने अपने होंठों पे उंगली रख के कहा और फिर अपने लिए एक सिगरेट जला के पास रखी कुर्सी पे बैठ गयी
"ह्म्म्म.... सो... टेल मी, हू आर यू..." ज्योति ने एक कश लेते हुए रिकी से पूछा