hotaks444
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बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--31
गतांक से आगे ...........
मेरी आवाज सुनते ही कोमल (जो कि अपूर्वा के चेयर के साथ थोड़ी झुक कर खडी थी, शायद अपूर्वा की गोद में कुछ था, जिससे वो देख रहे थे) पलटी।
मैं तो एकदम सुन्न हो गया, कुर्ती का गला बहुत ही गहरा था, जिसमें से उसके तने हुए उन्नत उभार और उनके बीच की गहरी खाई किसी की भी हालत खराब करने के लिए काफी थी। मेरी नजर तो सीधे उसके उभारों पर टिक गई।
मेरे इस तरह देखने से वो कुछ शर्मा गई।
क्या है, कभी लड़की नहीं देखी क्या--------------।
उसकी तीखी मधुर आवाज सुनकर मैं स्वप्न लोक से वापिस आया।
आपको किसने कह दिया कि मैं लड़की देख रहा हूं, मैंने कहा।
मैंने उसके उभारों की तरफ हाथ से इशारा किया, और फिर थोड़ा उसके पास होकर धीरे से उसके कान में कहा - मैं तो अमृतकलश के दीदार कर रहा था।
चिपपप-----, उसने धीरे से कहा और वापिस अपूर्वा की तरफ घूम गई और झुककर नीचे देखने लगी। परन्तु जैसे ही वो झुकी मैं थोड़ा सा और आगे हो गया और उसके उभारों के रिएक्शन से एक्शन में आया मेरा लिंग उसके कुल्हों की खाई में जा टकराया। मैं वापिस तुरंत पिछे हो गया।
कोमल ने खा जाने वाली नजरों से मेरी तरफ देखा और कुछ उसके होंठ फुसफुसाये पर कुछ समझ में नहीं आया।
तीखी मिर्ची है, बड़ा मजा आयेगा खाने में, मैंने मन ही मन सोचा और अपनी चेयर पर आकर बैठ गया और सिस्टम ऑन कर दिया।
आज किसी का कत्ल करने की तैयारी है क्या, मैंने चेयर को लड़कियों की तरफ घुमाते हुए कहा।
मेरी बात सुनकर दोनों ने मेरी तरफ देखा, कोमल फिर कुछ बड़बड़ाई और वापिस अपूर्वा की गोद में देखने लगी।
ये तुम्हारी गोद में ऐसा क्या है, जो ये इतनी देर से वहीं झुकी हुई है, मैंने चेयर से उठते हुए कहा।
मैं अपूर्वा के पास आया और कोमल जिस तरफ खडी थी उसकी तरफ से आकर अपना हाथ कोमल की कमर में रखकर खड़ा हो गया और अपूर्वा की गोद में देखने लगा।
उसकी गोद में फोटो एलबम रखी थी, वो भी कोमल की। क्या एक से बढ़कर एक पोज दे रखे थे, सैक्सी सैक्सी से।
वॉव काफी अच्छे फोटो हैं, मैंने कहा और कोमल की तरफ मुंह करके, वैसे किसके हैं?
दिखाई नहीं दे रहा क्या, मेरे हैं, और किसके हैं, कोमल ने नाक सिकोड़ते हुए कहा।
तुम्हारा, दिखाना यार, और मैं अपूर्वा की गोद में रखी एलबम को पलटकर देखने लगा।
ये देखो, कितना अच्छा है ना, अपूर्वा ने एलबम को वापिस पिछे पलटकर एक फोटो दिखाते हुए कहा। उस फोटो में कोमल ने रेड कलर की साडी पहनी हुई थी जिसमें उसका सपाट मुलायम पेट कहर ढा रहा था, लम्बी नाभि तो घायल ही कर रही थी, साड़ी को उसने अपनी योनि से बस थोड़ा सा उपर बांधा हुआ था जिससे उसके कातिल कर्व साफ उजागर हो रहे थे, ब्लाउज ऐसा था कि मस्त उभारों को उपर से निकालने की कोशिश में लगा हुआ था शायद, कातिल क्लिवेज।
वॉव क्या सैक्सी मॉल है यार, तुम्हारी है क्या? फोटो को देखते ही जो पहले शब्द मेरे मुंह से निकले वो यही थे।
अपूर्वा ने मेरी जांघों पर एक मुक्का रसीद कर दिया और कोमल तो जैसे अभी के अभी मुझे कच्चा चब्बा जायेगी, इस तरह से मेरी तरफ देखने लगी।
कोमल ने झटके से एलबम को उठाया, और बंद करके, दूर हटो मुझसे, चिपपपप, कहकर मेरा हाथ अपनी पीठ पर से झटक दिया और बाहर चली गई।
उसके जाते ही अपूर्वा का भाषण शुरू हो गया।
आपको ऐसे नहीं कहना चाहिए था, बेचारी को कितना बुरा लग गया, आप भी ना, ऐसा भी कभी कहते हैं, किसी लड़की के बारे में। जाओ, मैं आपसे बात नहीं करती, आप बहुत वो हो।
और अपना मुंह फुला कर दूसरी तरफ कर लिया।
अरे यार, अब तुम तो नाराज मत होओ, सॉरी यार, पर मैं क्या करूं, फोटो ही ऐसा था, कि देखते ही सीधा मुंह से निकल गया, मैंने उसका मुंह अपनी तरफ करते हुए कहा।
आप है ना उसे सॉरी कह देना, फिर वो खुश हो जायेगी, अपूर्वा ने मेरी तरफ मुंह करके कहा।
ओ-के- बाबा, जब मिलेगी तो मैं उसे सॉरी कह दूंगा, मैंने उसके गाल को सहलाते हुए कहा।
आज सुबह है ना, मम्मी-पापा मेरी शादी की बात कर रहे थे, अपूर्वा ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा।
अरे तो इसमें बुरा मुंह बनाने की क्या बात है, ये तो बड़ी अच्छी बात है, मैंने कहा।
अपूर्वा चुपचाप मेरी आंखों में देखने लगी, वो कुछ सीरियस लग रही थी।
तभी कामवाली चाय लेकर आई, उसने हमें चाय दी और चली गई। मैं चाय लेकर अपनी चेयर पर आकर बैठ गया।
अच्छा तुम्हें कैसा लड़का पसंद है, मैंने चाय की चुस्की लेते हुए अपूर्वा से पूछा।
पर उसने कोई जवाब नहीं दिया।
क्या हुआ, बताया नहीं तुमने, तुम्हें कैसा लड़का पसंद है, मैंने फिर से पूछा।
मुझे नहीं पता, उसकी आवाज से शायद कुछ नाराजगी झलक रही थी।
नाराज हो मुझसे, मैंने कहा।
मेरी बात सुनते ही अपूर्वा एकदम मेरी तरफ घूमी और मेरे चेहरे की तरफ गौर से देखने लगी।
अरे यार मैंने कहा ना कि मैं उससे माफी मांग लूंगा, प्लीज अब तुम ऐसे नाराज मत होओ, मैंने कहा।
पक्का, प्रोमीश करो, अपूर्वा ने वैसे ही उदास से चेहरे से कहा।
प्रोमिश, मैंने अपने गले को पकड़ते हुए कहा।
वो वापिस अपने सिस्टम की तरफ घूम गई और चाय पीने लगी।
अच्छा, आज मैं 12 बजे ही चला जाउंगा, वो कुछ काम है, और बॉस भी सबके साथ घूमने जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा है कि यदि छूट्टी करना चाहो, तो छूट्टी कर सकते हो, तो तुम भी चल पड़ना, यहां अकेली बोर होउगी, मैंने अपूर्वा से कहा।
ओ-के-, अपूर्वा की धीमी सी आवाज आई।
तभी बॉस ऑफिस में आये, ओ-के- हम जा रहे हैं, तुम जब चाहो चले जाना, समीर तो किसी काम से जायेगा, तो अगर तुम भी चाहो तो चली जाना अपूर्वा, बॉस ने अंदर आते हुए कहा।
ओ-के- बॉस, अपूर्वा की आवाज कुछ रूंधी हुई सी थी।
बॉस कहकर चले गये। बॉस के जाने के बाद मैं उठकर अपूर्वा के पास गया और उसका चेहरा हाथों से पकड़कर उपर उठाया।
क्या हुआ बेबी, तुम रो क्यों रही हो, उसकी आंखों में आंसू देखकर मैंने कहा।
कुछ नहीं, बस ऐसे ही, उसने अपने आंसू पोंछते हुए कहा।
नहीं, बताओ, प्लीज, देखों तुम मुझे अपना अच्छा दोस्त मानती हो कि नहीं, मैंने उसके गालों को सहलाते हुए कहा।
बहुत अच्छा मानती हूं, अपूर्वा ने थोडा सा मुस्कराते हुए कहा।
तो फिर बताओ क्या बात है, क्यों रो रही हो तुम, मैंने कहा।
मैं वहीं पर जमीन पर उकडूं बैठ गया था और मेरे हाथ उसके नीचे झुके हुए चेहरे पर थे, और मैं उसके गालों को सहला रहा था और उसकी आंखों से निकलने वाले आंसुओं को पौंछ रहा था।
‘सच में, कोई बात नहीं है, ये तो बस ऐसे ही’, कहते हुए उसका गला फिर से रूंध गया और वो आगे कुछ नहीं बोल पाई।
मैं खड़ा हो गया और झुककर उसे अपने सीने से लगा लिया।
अगर बताने की बात नहीं है तो, कोई बात नहीं, पर ऐसे हिम्मत नहीं हारा करते, देखो तुम रोते हुए बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती, मैंने उसके सिर में हाथ फिराते हुए कहा।
अच्छा ठीक है, आज शाम को मूवी देखने चलेंगे, अब तो खुश हो जाओ, मैंने बच्चों की तरफ उसे बहलाते हुए कहा।
अपूर्वा ने अपने नाकों से बह रहे पानी को वापिस खींचा और अपने चेहरे को मेरे सीने में से पिछे हटाया और मुस्कराते हुए हां में गर्दन हिला कर अपना नाक पौंछने लगी।
अच्छे बच्चे रोते नहीं, कोई बात नहीं, सुबह अपने मायके चली जाना, अब रोना बंद करो।
मेरी बात सुनकर अपूर्वा ने एक मुक्का मेरी छाती में जमा दिया और फिर हंसते हुए बोली।
कौन-सी मूवी देखने चलेंगे, आज ई-पी- में चलते हैं, मैं वहां कभी नहीं गई हूं।
ओ-के-, मैंने उसके सिर पर हाथ फिराते हुए कहा।
पर तुम तो अभी चले जाओगे, तो फिर मूवी देखने कैसे चलेंगे, उसने थोड़ा सा सीरियस चेहरा बनाते हुए कहा।
शाम को चलेंगे ना, अभी जाकर मुझे आंटी को डॉक्टर के पास लेकर जाना है, एक-दो घंटे का काम है, फिर शाम को चार बजे के आस-पास तुम आ जाना घर पर, मैंने कहा।
या फिर अभी मेरे घर पर ही चलना, और शाम को फिर सीधे वहीं से चल पडेगें, मैंने अपूर्वा को कहा।
आप तो डॉक्टर के चले जाओगे, मैं वहां बोर होती रहूंगी, मैं शाम को ही आ जाउंगी, अपूर्वा ने कहा।
हां ये भी ठीक है, तुम वहां खामखां बोर होती रहोगी, चलो तुम शाम को ही आ जाना, पर 4 बजे से पहले पहले आ जाना, नहीं तो फिर लेट हो जायेंगे, उधर के शो टाइम का भी पता नहीं है, मैंने कहा।
हां, मैं चार बजे तक आ जाउंगी, अपूर्वा ने कहा।
फिर हम काम करने लगे। मैंने 12 बजे का अलार्म सैट कर दिया ताकि लेट ना होउं। ठीक बारह बजे अलार्म बजा तो हमने अपने सिस्टम बंद किये और बाहर आ गये। सामने से कामवाली चाय लेकर आ रही थी।
क्या हुआ साहब, मैं तो चाय लेकर आई थी, कामवाली ने हमें बाहर देखकर कहा।
अभी तो पी थी चाय, इतनी जल्दी फिर ले आई, मैम को पता चल गया ना तो तेरी तनख्वाह में से पैसे काट लेगी, मैंने चुटकी लेते हुए कहा।
वो तो यहां पर हैं ही नहीं, सभी घूमने गये हैं, कोई भी नहीं हैं, तो पता कैसे चलेगा, कामवाली ने चहकते हुए कहा।
मैं एक मिनट अभी आई, अपूर्वा ने अपनी छोटी उंगली दिखाते हुए कहा और वापिस ऑफिस में चली गई।
मैं भी अंदर ऑफिस में आ गया और कामवाली भी चाय लेकर ऑफिस में ही आइ गई।
अपूर्वा दूसरे दरवाजे से बाथरूम में चली गई।
कामवाली ने चाय टेबल पर रख दी। मैं अपनी चेयर के साथ ही खड़ा था, जब उसने चाय टेबल पर रखी तो उसके कुल्हें मुझसे टच हो गये। मैं तुरंत पिछे घूम गया और मेरी जांघें सीधे उसके कुल्हों पर सैट हो गई। मैंने बाथरूम की तरफ देखा, पर वहां से बाथरूम दिखाई नहीं दे रहा था।
मेरा लिंग एकदम पोजीशन में आ गया और उसके जींस में उभार बनाते हुए उसके कुल्हों को दबाने लगा। कामवाली भी वैसे रहकर टेबल पर चाय के कपों को इधर उधर करती रही। जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने उसके कुल्हों पर दबाव बढ़ा दिया और अपने हाथों से उसकी जांघों को पकड़ लिया। सच्ची मुझसे इतना सैक्स भर गया था कि अगर आज अपूर्वा न होती तो उसका तो काम हो ही जाना था। मेरी नजर बार बार दरवाजे पर ही चैक कर रही थी कि कहीं अपूर्वा तो नहीं आ जाये।
मैं उसकी जांघों को पकड़कर कपड़ों में से ही धक्के मारने लगा। मेरे हर धक्के से वो आगे को सरक जाती और फिर वापिस पिछे हो जाती। बहुत मजा आ रहा था ऐसे डर डर कर मजे लेते हुए।
तभी बाथरूम का दरवाज खुलने की आवाज आई और मैं अपनी चेयर पर बैठ गया। वो भी खड़ी हो गई। उसका चेहरा एकदम लाल हो रखा था और उसकी सांसे भी तेज चल रही थी। मैंने इशारे से उसे बाहर जाने को कहा, और वो तुरंत अपूर्वा के अंदर आने से पहले बाहर निकल गई। मैंने एक कप अपूर्वा को दिया और एक खुद ले लिया और चाय पीने लगे। मैंने अपूर्वा की तरफ देखा तो वो चाय पीते हुए मुझे ही देखे जा रही थी।
क्या बात है, ऐसे क्या घूर रही हो, मैंने कहा।
क्यों देख नहीं सकती, मेरी मर्जी मैं जिसे चाहूं देखूं, अपूर्वा ने मुस्कराते हुए कहा।
देख सकती हो, देख सकती हो, तुम्हारी आंखें हैं, तुम्हारी जो मर्जी हो वो देखों, मैं तो बस वैसे ही पूछ रहा था, मैंने कहा।
हमने चाय खत्म की और बाहर आ गये।
आपकी बाइक कहां है, अपूर्वा ने पूछा।
वो---------- पैटरोल------ नहीं था------- ना----- तो वो----- मैं आज भी भूल गया, डलवाना, इसलिए आज भी नहीं लाया, मैंने कहा।
पर तुम टेंशन मत लो, तुम्हें परेशान नहीं करूंगा, आज मैं बस से जाउंगा, काफी दिन हो गये बस से सफर किये, मैंने बात पूरी करते हुए कहा।
ज्यादा बकवास मत करो, आपको लगता है कि मैं आपको घर तक छोडती हूं तो मैं परेशान हो जाती हूं, मुझे कोई परेशानी नहीं होती, उल्टा अच्छा ही लगता है, कुछ देर और आपके साथ रह लेती हूं, अपूर्वा ने कहा।
मेरा मतलब, कुछ देर और साथ हो जाता है, मतलब मेरा मतलब---------- मतलब मैं कहना चाहती हूं कि, मतलब वो-------।
क्या मतलब, इतने मतलब तो मैंने एक साथ कभी सुने ही नहीं, मैंने चुटकी लेते हुए कहा।
मेरा मतलब है कि थोडी देर और बाहर घूम लेती हूं, नहीं तो घर जाकर तो घर में ही रहती हूं फिर, अपूर्वा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा।
ओ-के- चलो अब, मतलब मतलब,,,, बस आने वाली होगी, निकल गई तो दस पंद्रह मिनट वेट करना पड़ेगा, मैंने कहा।
बस से कयों जाओगे, मैं छोड़ देती हूं, घर पर, अपूर्वा ने स्कूटी स्टार्ट करते हुए कहा।
नहीं, आज मैं बस से ही जा रहा हूं, तुम सीधे अपने घर पहुंचो, मैंने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा।
ओ-के- बाय- टेक केयर, अपूर्वा ने स्कूटी बाहर निकालते हुए कहा।
क्रमशः.....................
गतांक से आगे ...........
मेरी आवाज सुनते ही कोमल (जो कि अपूर्वा के चेयर के साथ थोड़ी झुक कर खडी थी, शायद अपूर्वा की गोद में कुछ था, जिससे वो देख रहे थे) पलटी।
मैं तो एकदम सुन्न हो गया, कुर्ती का गला बहुत ही गहरा था, जिसमें से उसके तने हुए उन्नत उभार और उनके बीच की गहरी खाई किसी की भी हालत खराब करने के लिए काफी थी। मेरी नजर तो सीधे उसके उभारों पर टिक गई।
मेरे इस तरह देखने से वो कुछ शर्मा गई।
क्या है, कभी लड़की नहीं देखी क्या--------------।
उसकी तीखी मधुर आवाज सुनकर मैं स्वप्न लोक से वापिस आया।
आपको किसने कह दिया कि मैं लड़की देख रहा हूं, मैंने कहा।
मैंने उसके उभारों की तरफ हाथ से इशारा किया, और फिर थोड़ा उसके पास होकर धीरे से उसके कान में कहा - मैं तो अमृतकलश के दीदार कर रहा था।
चिपपप-----, उसने धीरे से कहा और वापिस अपूर्वा की तरफ घूम गई और झुककर नीचे देखने लगी। परन्तु जैसे ही वो झुकी मैं थोड़ा सा और आगे हो गया और उसके उभारों के रिएक्शन से एक्शन में आया मेरा लिंग उसके कुल्हों की खाई में जा टकराया। मैं वापिस तुरंत पिछे हो गया।
कोमल ने खा जाने वाली नजरों से मेरी तरफ देखा और कुछ उसके होंठ फुसफुसाये पर कुछ समझ में नहीं आया।
तीखी मिर्ची है, बड़ा मजा आयेगा खाने में, मैंने मन ही मन सोचा और अपनी चेयर पर आकर बैठ गया और सिस्टम ऑन कर दिया।
आज किसी का कत्ल करने की तैयारी है क्या, मैंने चेयर को लड़कियों की तरफ घुमाते हुए कहा।
मेरी बात सुनकर दोनों ने मेरी तरफ देखा, कोमल फिर कुछ बड़बड़ाई और वापिस अपूर्वा की गोद में देखने लगी।
ये तुम्हारी गोद में ऐसा क्या है, जो ये इतनी देर से वहीं झुकी हुई है, मैंने चेयर से उठते हुए कहा।
मैं अपूर्वा के पास आया और कोमल जिस तरफ खडी थी उसकी तरफ से आकर अपना हाथ कोमल की कमर में रखकर खड़ा हो गया और अपूर्वा की गोद में देखने लगा।
उसकी गोद में फोटो एलबम रखी थी, वो भी कोमल की। क्या एक से बढ़कर एक पोज दे रखे थे, सैक्सी सैक्सी से।
वॉव काफी अच्छे फोटो हैं, मैंने कहा और कोमल की तरफ मुंह करके, वैसे किसके हैं?
दिखाई नहीं दे रहा क्या, मेरे हैं, और किसके हैं, कोमल ने नाक सिकोड़ते हुए कहा।
तुम्हारा, दिखाना यार, और मैं अपूर्वा की गोद में रखी एलबम को पलटकर देखने लगा।
ये देखो, कितना अच्छा है ना, अपूर्वा ने एलबम को वापिस पिछे पलटकर एक फोटो दिखाते हुए कहा। उस फोटो में कोमल ने रेड कलर की साडी पहनी हुई थी जिसमें उसका सपाट मुलायम पेट कहर ढा रहा था, लम्बी नाभि तो घायल ही कर रही थी, साड़ी को उसने अपनी योनि से बस थोड़ा सा उपर बांधा हुआ था जिससे उसके कातिल कर्व साफ उजागर हो रहे थे, ब्लाउज ऐसा था कि मस्त उभारों को उपर से निकालने की कोशिश में लगा हुआ था शायद, कातिल क्लिवेज।
वॉव क्या सैक्सी मॉल है यार, तुम्हारी है क्या? फोटो को देखते ही जो पहले शब्द मेरे मुंह से निकले वो यही थे।
अपूर्वा ने मेरी जांघों पर एक मुक्का रसीद कर दिया और कोमल तो जैसे अभी के अभी मुझे कच्चा चब्बा जायेगी, इस तरह से मेरी तरफ देखने लगी।
कोमल ने झटके से एलबम को उठाया, और बंद करके, दूर हटो मुझसे, चिपपपप, कहकर मेरा हाथ अपनी पीठ पर से झटक दिया और बाहर चली गई।
उसके जाते ही अपूर्वा का भाषण शुरू हो गया।
आपको ऐसे नहीं कहना चाहिए था, बेचारी को कितना बुरा लग गया, आप भी ना, ऐसा भी कभी कहते हैं, किसी लड़की के बारे में। जाओ, मैं आपसे बात नहीं करती, आप बहुत वो हो।
और अपना मुंह फुला कर दूसरी तरफ कर लिया।
अरे यार, अब तुम तो नाराज मत होओ, सॉरी यार, पर मैं क्या करूं, फोटो ही ऐसा था, कि देखते ही सीधा मुंह से निकल गया, मैंने उसका मुंह अपनी तरफ करते हुए कहा।
आप है ना उसे सॉरी कह देना, फिर वो खुश हो जायेगी, अपूर्वा ने मेरी तरफ मुंह करके कहा।
ओ-के- बाबा, जब मिलेगी तो मैं उसे सॉरी कह दूंगा, मैंने उसके गाल को सहलाते हुए कहा।
आज सुबह है ना, मम्मी-पापा मेरी शादी की बात कर रहे थे, अपूर्वा ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा।
अरे तो इसमें बुरा मुंह बनाने की क्या बात है, ये तो बड़ी अच्छी बात है, मैंने कहा।
अपूर्वा चुपचाप मेरी आंखों में देखने लगी, वो कुछ सीरियस लग रही थी।
तभी कामवाली चाय लेकर आई, उसने हमें चाय दी और चली गई। मैं चाय लेकर अपनी चेयर पर आकर बैठ गया।
अच्छा तुम्हें कैसा लड़का पसंद है, मैंने चाय की चुस्की लेते हुए अपूर्वा से पूछा।
पर उसने कोई जवाब नहीं दिया।
क्या हुआ, बताया नहीं तुमने, तुम्हें कैसा लड़का पसंद है, मैंने फिर से पूछा।
मुझे नहीं पता, उसकी आवाज से शायद कुछ नाराजगी झलक रही थी।
नाराज हो मुझसे, मैंने कहा।
मेरी बात सुनते ही अपूर्वा एकदम मेरी तरफ घूमी और मेरे चेहरे की तरफ गौर से देखने लगी।
अरे यार मैंने कहा ना कि मैं उससे माफी मांग लूंगा, प्लीज अब तुम ऐसे नाराज मत होओ, मैंने कहा।
पक्का, प्रोमीश करो, अपूर्वा ने वैसे ही उदास से चेहरे से कहा।
प्रोमिश, मैंने अपने गले को पकड़ते हुए कहा।
वो वापिस अपने सिस्टम की तरफ घूम गई और चाय पीने लगी।
अच्छा, आज मैं 12 बजे ही चला जाउंगा, वो कुछ काम है, और बॉस भी सबके साथ घूमने जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा है कि यदि छूट्टी करना चाहो, तो छूट्टी कर सकते हो, तो तुम भी चल पड़ना, यहां अकेली बोर होउगी, मैंने अपूर्वा से कहा।
ओ-के-, अपूर्वा की धीमी सी आवाज आई।
तभी बॉस ऑफिस में आये, ओ-के- हम जा रहे हैं, तुम जब चाहो चले जाना, समीर तो किसी काम से जायेगा, तो अगर तुम भी चाहो तो चली जाना अपूर्वा, बॉस ने अंदर आते हुए कहा।
ओ-के- बॉस, अपूर्वा की आवाज कुछ रूंधी हुई सी थी।
बॉस कहकर चले गये। बॉस के जाने के बाद मैं उठकर अपूर्वा के पास गया और उसका चेहरा हाथों से पकड़कर उपर उठाया।
क्या हुआ बेबी, तुम रो क्यों रही हो, उसकी आंखों में आंसू देखकर मैंने कहा।
कुछ नहीं, बस ऐसे ही, उसने अपने आंसू पोंछते हुए कहा।
नहीं, बताओ, प्लीज, देखों तुम मुझे अपना अच्छा दोस्त मानती हो कि नहीं, मैंने उसके गालों को सहलाते हुए कहा।
बहुत अच्छा मानती हूं, अपूर्वा ने थोडा सा मुस्कराते हुए कहा।
तो फिर बताओ क्या बात है, क्यों रो रही हो तुम, मैंने कहा।
मैं वहीं पर जमीन पर उकडूं बैठ गया था और मेरे हाथ उसके नीचे झुके हुए चेहरे पर थे, और मैं उसके गालों को सहला रहा था और उसकी आंखों से निकलने वाले आंसुओं को पौंछ रहा था।
‘सच में, कोई बात नहीं है, ये तो बस ऐसे ही’, कहते हुए उसका गला फिर से रूंध गया और वो आगे कुछ नहीं बोल पाई।
मैं खड़ा हो गया और झुककर उसे अपने सीने से लगा लिया।
अगर बताने की बात नहीं है तो, कोई बात नहीं, पर ऐसे हिम्मत नहीं हारा करते, देखो तुम रोते हुए बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती, मैंने उसके सिर में हाथ फिराते हुए कहा।
अच्छा ठीक है, आज शाम को मूवी देखने चलेंगे, अब तो खुश हो जाओ, मैंने बच्चों की तरफ उसे बहलाते हुए कहा।
अपूर्वा ने अपने नाकों से बह रहे पानी को वापिस खींचा और अपने चेहरे को मेरे सीने में से पिछे हटाया और मुस्कराते हुए हां में गर्दन हिला कर अपना नाक पौंछने लगी।
अच्छे बच्चे रोते नहीं, कोई बात नहीं, सुबह अपने मायके चली जाना, अब रोना बंद करो।
मेरी बात सुनकर अपूर्वा ने एक मुक्का मेरी छाती में जमा दिया और फिर हंसते हुए बोली।
कौन-सी मूवी देखने चलेंगे, आज ई-पी- में चलते हैं, मैं वहां कभी नहीं गई हूं।
ओ-के-, मैंने उसके सिर पर हाथ फिराते हुए कहा।
पर तुम तो अभी चले जाओगे, तो फिर मूवी देखने कैसे चलेंगे, उसने थोड़ा सा सीरियस चेहरा बनाते हुए कहा।
शाम को चलेंगे ना, अभी जाकर मुझे आंटी को डॉक्टर के पास लेकर जाना है, एक-दो घंटे का काम है, फिर शाम को चार बजे के आस-पास तुम आ जाना घर पर, मैंने कहा।
या फिर अभी मेरे घर पर ही चलना, और शाम को फिर सीधे वहीं से चल पडेगें, मैंने अपूर्वा को कहा।
आप तो डॉक्टर के चले जाओगे, मैं वहां बोर होती रहूंगी, मैं शाम को ही आ जाउंगी, अपूर्वा ने कहा।
हां ये भी ठीक है, तुम वहां खामखां बोर होती रहोगी, चलो तुम शाम को ही आ जाना, पर 4 बजे से पहले पहले आ जाना, नहीं तो फिर लेट हो जायेंगे, उधर के शो टाइम का भी पता नहीं है, मैंने कहा।
हां, मैं चार बजे तक आ जाउंगी, अपूर्वा ने कहा।
फिर हम काम करने लगे। मैंने 12 बजे का अलार्म सैट कर दिया ताकि लेट ना होउं। ठीक बारह बजे अलार्म बजा तो हमने अपने सिस्टम बंद किये और बाहर आ गये। सामने से कामवाली चाय लेकर आ रही थी।
क्या हुआ साहब, मैं तो चाय लेकर आई थी, कामवाली ने हमें बाहर देखकर कहा।
अभी तो पी थी चाय, इतनी जल्दी फिर ले आई, मैम को पता चल गया ना तो तेरी तनख्वाह में से पैसे काट लेगी, मैंने चुटकी लेते हुए कहा।
वो तो यहां पर हैं ही नहीं, सभी घूमने गये हैं, कोई भी नहीं हैं, तो पता कैसे चलेगा, कामवाली ने चहकते हुए कहा।
मैं एक मिनट अभी आई, अपूर्वा ने अपनी छोटी उंगली दिखाते हुए कहा और वापिस ऑफिस में चली गई।
मैं भी अंदर ऑफिस में आ गया और कामवाली भी चाय लेकर ऑफिस में ही आइ गई।
अपूर्वा दूसरे दरवाजे से बाथरूम में चली गई।
कामवाली ने चाय टेबल पर रख दी। मैं अपनी चेयर के साथ ही खड़ा था, जब उसने चाय टेबल पर रखी तो उसके कुल्हें मुझसे टच हो गये। मैं तुरंत पिछे घूम गया और मेरी जांघें सीधे उसके कुल्हों पर सैट हो गई। मैंने बाथरूम की तरफ देखा, पर वहां से बाथरूम दिखाई नहीं दे रहा था।
मेरा लिंग एकदम पोजीशन में आ गया और उसके जींस में उभार बनाते हुए उसके कुल्हों को दबाने लगा। कामवाली भी वैसे रहकर टेबल पर चाय के कपों को इधर उधर करती रही। जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने उसके कुल्हों पर दबाव बढ़ा दिया और अपने हाथों से उसकी जांघों को पकड़ लिया। सच्ची मुझसे इतना सैक्स भर गया था कि अगर आज अपूर्वा न होती तो उसका तो काम हो ही जाना था। मेरी नजर बार बार दरवाजे पर ही चैक कर रही थी कि कहीं अपूर्वा तो नहीं आ जाये।
मैं उसकी जांघों को पकड़कर कपड़ों में से ही धक्के मारने लगा। मेरे हर धक्के से वो आगे को सरक जाती और फिर वापिस पिछे हो जाती। बहुत मजा आ रहा था ऐसे डर डर कर मजे लेते हुए।
तभी बाथरूम का दरवाज खुलने की आवाज आई और मैं अपनी चेयर पर बैठ गया। वो भी खड़ी हो गई। उसका चेहरा एकदम लाल हो रखा था और उसकी सांसे भी तेज चल रही थी। मैंने इशारे से उसे बाहर जाने को कहा, और वो तुरंत अपूर्वा के अंदर आने से पहले बाहर निकल गई। मैंने एक कप अपूर्वा को दिया और एक खुद ले लिया और चाय पीने लगे। मैंने अपूर्वा की तरफ देखा तो वो चाय पीते हुए मुझे ही देखे जा रही थी।
क्या बात है, ऐसे क्या घूर रही हो, मैंने कहा।
क्यों देख नहीं सकती, मेरी मर्जी मैं जिसे चाहूं देखूं, अपूर्वा ने मुस्कराते हुए कहा।
देख सकती हो, देख सकती हो, तुम्हारी आंखें हैं, तुम्हारी जो मर्जी हो वो देखों, मैं तो बस वैसे ही पूछ रहा था, मैंने कहा।
हमने चाय खत्म की और बाहर आ गये।
आपकी बाइक कहां है, अपूर्वा ने पूछा।
वो---------- पैटरोल------ नहीं था------- ना----- तो वो----- मैं आज भी भूल गया, डलवाना, इसलिए आज भी नहीं लाया, मैंने कहा।
पर तुम टेंशन मत लो, तुम्हें परेशान नहीं करूंगा, आज मैं बस से जाउंगा, काफी दिन हो गये बस से सफर किये, मैंने बात पूरी करते हुए कहा।
ज्यादा बकवास मत करो, आपको लगता है कि मैं आपको घर तक छोडती हूं तो मैं परेशान हो जाती हूं, मुझे कोई परेशानी नहीं होती, उल्टा अच्छा ही लगता है, कुछ देर और आपके साथ रह लेती हूं, अपूर्वा ने कहा।
मेरा मतलब, कुछ देर और साथ हो जाता है, मतलब मेरा मतलब---------- मतलब मैं कहना चाहती हूं कि, मतलब वो-------।
क्या मतलब, इतने मतलब तो मैंने एक साथ कभी सुने ही नहीं, मैंने चुटकी लेते हुए कहा।
मेरा मतलब है कि थोडी देर और बाहर घूम लेती हूं, नहीं तो घर जाकर तो घर में ही रहती हूं फिर, अपूर्वा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा।
ओ-के- चलो अब, मतलब मतलब,,,, बस आने वाली होगी, निकल गई तो दस पंद्रह मिनट वेट करना पड़ेगा, मैंने कहा।
बस से कयों जाओगे, मैं छोड़ देती हूं, घर पर, अपूर्वा ने स्कूटी स्टार्ट करते हुए कहा।
नहीं, आज मैं बस से ही जा रहा हूं, तुम सीधे अपने घर पहुंचो, मैंने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा।
ओ-के- बाय- टेक केयर, अपूर्वा ने स्कूटी बाहर निकालते हुए कहा।
क्रमशः.....................