desiaks
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प्रशांत: “सच में दीदि, मैं इन सब चीजो से दूर हूँ। मैं आपकी कोई बात नहीं टालता वार्ना कल भी हमारे बीच नहीं होता। अभी मैं निरु के पास जाऊं?”
ऋतू दीदी: “ठीक हैं”
मै वहाँ से सर पर पैर रख कर भागा और अपने रूम के दरवाजे पर पहुंच। मुझे ४५ मिनट हो चुके थे। अगर जीजाजी का स्टैमिना अच्छा हुआ तो वो अभी तक निरु को चोद ही रहे होंगे।
मैने देखा दरवाजा अभी भी थोड़ा खुला ही था, जितना मैं खुला छोड़ कर गया था। शायद जीजाजी निरु को चोदने के बाद दरवाजा खुला ही छोड़ कर चले गए होंगे। मैने रूम के अन्दर गया और दरवाजा बंद किया। निरु अभी भी डॉगी स्टाइल में बैठि हुयी थी और बीच बीच में थोड़ा दाए बाए हील रही थी। उसकी चूत की दरार दिख रही थी पर चढ़ने के कोई निशान नहीं थे। शायद जीजा ने चोद कर निरु की चूत की सफाई कर दी होगी। मेरी आहट सुनकर निरु बोल पडी।
नीरु: “प्रशांत, तुम आ गए!!”
प्रशांत: “हां”
नीरु: “तुम कितनी देर से आये हो? मुझे खोल, मुझे कितना दर्द हो रहा है। तुमने मुझे कॉल किया था क्या? मुझे किसी का कॉल आया था, पर आँख पर पट्टी से कुछ दिखा नहीं रहा और हाथ बँधे हैं तो फ़ोन कैसे उठती”
नीरु इतनी देर इस तरह बैठे मेरा इन्तेजार करते थोड़ी परेशान दीख रही थी।
मुझे समझ नहीं आ रहा था की जीजाजी ने आकर निरु को चोदा होगा या नहीं। मैने निरु की आँखों की पट्टी और हाथ खोल दिए और उसको उसका फ़ोन पकड़ा दिया। मैं निरु के पैर भी खोलने लगा। निरु ने अपने फ़ोन में कुछ देखा और फिर मेरी तरफ मुड़ी।
नीरु: “तुमने मेरा फ़ोन यूज किया था?”
प्रशांत: “नहीं तो!”
नीरु ने फिर कुछ टाइप किया। तब तक मैंने उसके पाँव खोल दिए। वो मुझ पर भड़क रही थी।
नीरु: “सारा मूड ख़राब कर दिया। मैं यहाँ पागलो की तरह तुम्हारा इन्तेजार कर रही थी और तुम इतनी देर से आए, कहाँ रह गए थे?”
तभी निरु के फ़ोन पर मेसैज आया और वो पढने लगी। फिर मेरी तरफ गुस्से से पलटि।
नीरु: “यह क्या हरकत हैं प्रशांत। तुमने मेरे कलीग को मेरे फ़ोन से क्या मैसेज सेंड किया ‘ जीजाजी के फस्ट, आई ऍम वेटिंग फॉर यू’। क्या मतलब हैं इसका?”
प्रशांत: “मैंने तुम्हारे कलीग को कोई मैसेज नहीं सेंड किया!”
नीरु ने अब फ़ोन मेरी तरफ कर मुझे मेरे भेजे गए मैसेज का स्क्रीनशॉट दिखाया जो अभी अभी उसको मिला था।
नीरु: “यह मैसेज तुमने नहीं भेजा तो किसने भेजा? यह उस टाइम पर सेंड किया गया हैं जब हम दोनों इस कमरे में थे और मैं यहाँ बंधी हुयी थी। क्या चल रहा हैं प्रशांत?”
प्रशांत: “यह तो मैंने जीजाजी को भेजा था”
नीरु: “यह जीजाजी को नहीं, तुमने मेरे ऑफिस में काम करने वाले नीरज को भेजा है। और एक बात बताओ तुम यह मैसेज जीजाजी को क्यों भेज रहे थे? हमारा तो चुदाई का प्रोग्राम था। कल भी मैं नंगी हालत में थी और तुमने जीजाजी को फ़ोन कर बुला लिया था। यह सब क्या हैं? सच सच बतओ, तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा हैं?”
नीरु अब गुस्से में लाल थी और उसने अपने कपडे पहनने शुरू कर दिए थे और मुझसे जवाब तलब करती जा रही थी। मैं मूर्ति बने खड़ा था। मुह से कोई जवाब सुझ नहीं रहा था। मैने अच्छा ख़ासा प्लान बनाया था पर निरु की फ़ोन बुक में नीरज नाम का उसका कलीग निकला न की जिजाजी। उसके कलीग ने भी उलटा निरु को फ़ोन कर दिया, वो तो फ़ोन उठा नहीं सकी तो उसने मैसेज कर बता दिया की निरु ने गलती से उसको मैसेज कर दिया हैं। नीरु ने अब अपने कपडे पहन लिये थे और वो मेरी तरफ बढि।
नीरु: “प्रशांत, आखिरी बार पुछ रही हूँ, यह सब क्या चल रहा हैं?”
उसकी आँखें गुस्से में लाल थी। मैं उसकी आँखों में नहीं झाँक पा रहा था। दूसरी तरफ देखते हुए मैंने कहा।
प्रशांत: “मुझे तुम्हारे और जीजाजी के रिलेशन पर शक़ था, इसलिए लॉयल्टी टेस्ट कर रहा था”
ऋतू दीदी: “ठीक हैं”
मै वहाँ से सर पर पैर रख कर भागा और अपने रूम के दरवाजे पर पहुंच। मुझे ४५ मिनट हो चुके थे। अगर जीजाजी का स्टैमिना अच्छा हुआ तो वो अभी तक निरु को चोद ही रहे होंगे।
मैने देखा दरवाजा अभी भी थोड़ा खुला ही था, जितना मैं खुला छोड़ कर गया था। शायद जीजाजी निरु को चोदने के बाद दरवाजा खुला ही छोड़ कर चले गए होंगे। मैने रूम के अन्दर गया और दरवाजा बंद किया। निरु अभी भी डॉगी स्टाइल में बैठि हुयी थी और बीच बीच में थोड़ा दाए बाए हील रही थी। उसकी चूत की दरार दिख रही थी पर चढ़ने के कोई निशान नहीं थे। शायद जीजा ने चोद कर निरु की चूत की सफाई कर दी होगी। मेरी आहट सुनकर निरु बोल पडी।
नीरु: “प्रशांत, तुम आ गए!!”
प्रशांत: “हां”
नीरु: “तुम कितनी देर से आये हो? मुझे खोल, मुझे कितना दर्द हो रहा है। तुमने मुझे कॉल किया था क्या? मुझे किसी का कॉल आया था, पर आँख पर पट्टी से कुछ दिखा नहीं रहा और हाथ बँधे हैं तो फ़ोन कैसे उठती”
नीरु इतनी देर इस तरह बैठे मेरा इन्तेजार करते थोड़ी परेशान दीख रही थी।
मुझे समझ नहीं आ रहा था की जीजाजी ने आकर निरु को चोदा होगा या नहीं। मैने निरु की आँखों की पट्टी और हाथ खोल दिए और उसको उसका फ़ोन पकड़ा दिया। मैं निरु के पैर भी खोलने लगा। निरु ने अपने फ़ोन में कुछ देखा और फिर मेरी तरफ मुड़ी।
नीरु: “तुमने मेरा फ़ोन यूज किया था?”
प्रशांत: “नहीं तो!”
नीरु ने फिर कुछ टाइप किया। तब तक मैंने उसके पाँव खोल दिए। वो मुझ पर भड़क रही थी।
नीरु: “सारा मूड ख़राब कर दिया। मैं यहाँ पागलो की तरह तुम्हारा इन्तेजार कर रही थी और तुम इतनी देर से आए, कहाँ रह गए थे?”
तभी निरु के फ़ोन पर मेसैज आया और वो पढने लगी। फिर मेरी तरफ गुस्से से पलटि।
नीरु: “यह क्या हरकत हैं प्रशांत। तुमने मेरे कलीग को मेरे फ़ोन से क्या मैसेज सेंड किया ‘ जीजाजी के फस्ट, आई ऍम वेटिंग फॉर यू’। क्या मतलब हैं इसका?”
प्रशांत: “मैंने तुम्हारे कलीग को कोई मैसेज नहीं सेंड किया!”
नीरु ने अब फ़ोन मेरी तरफ कर मुझे मेरे भेजे गए मैसेज का स्क्रीनशॉट दिखाया जो अभी अभी उसको मिला था।
नीरु: “यह मैसेज तुमने नहीं भेजा तो किसने भेजा? यह उस टाइम पर सेंड किया गया हैं जब हम दोनों इस कमरे में थे और मैं यहाँ बंधी हुयी थी। क्या चल रहा हैं प्रशांत?”
प्रशांत: “यह तो मैंने जीजाजी को भेजा था”
नीरु: “यह जीजाजी को नहीं, तुमने मेरे ऑफिस में काम करने वाले नीरज को भेजा है। और एक बात बताओ तुम यह मैसेज जीजाजी को क्यों भेज रहे थे? हमारा तो चुदाई का प्रोग्राम था। कल भी मैं नंगी हालत में थी और तुमने जीजाजी को फ़ोन कर बुला लिया था। यह सब क्या हैं? सच सच बतओ, तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा हैं?”
नीरु अब गुस्से में लाल थी और उसने अपने कपडे पहनने शुरू कर दिए थे और मुझसे जवाब तलब करती जा रही थी। मैं मूर्ति बने खड़ा था। मुह से कोई जवाब सुझ नहीं रहा था। मैने अच्छा ख़ासा प्लान बनाया था पर निरु की फ़ोन बुक में नीरज नाम का उसका कलीग निकला न की जिजाजी। उसके कलीग ने भी उलटा निरु को फ़ोन कर दिया, वो तो फ़ोन उठा नहीं सकी तो उसने मैसेज कर बता दिया की निरु ने गलती से उसको मैसेज कर दिया हैं। नीरु ने अब अपने कपडे पहन लिये थे और वो मेरी तरफ बढि।
नीरु: “प्रशांत, आखिरी बार पुछ रही हूँ, यह सब क्या चल रहा हैं?”
उसकी आँखें गुस्से में लाल थी। मैं उसकी आँखों में नहीं झाँक पा रहा था। दूसरी तरफ देखते हुए मैंने कहा।
प्रशांत: “मुझे तुम्हारे और जीजाजी के रिलेशन पर शक़ था, इसलिए लॉयल्टी टेस्ट कर रहा था”