- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,318
उसके नन्हे बूब्स अलग ही चमक रहे थे...
उनपर लगे लाल निशान थोड़ी देर पहले हुई गुत्थम गुत्था को बयान कर रहे थे,
विक्की ने उसके बारे मे कुछ नही पूछा, बस उन्हे निहारता रहा..
पर जैसे ही वो उन्हे पकड़ने लगा तो नेहा ने उसका हाथ हवा में ही रोक दिया और बोली : "अभी नही....उपर जाकर ...''
फिर मुस्कुराते हुए उसने अपनी कच्छी भी उतार दी...
अब वो उपर से नीचे तक पूरी नंगी उसके सामने थी.
फिर उसने एक शॉर्ट्स और टी शर्ट पहनी और अपने कपड़े उठा कर अलमारी में रख दिए...
और विक्की को उपर चलने का बोलकर खुद आगे चल दी...
विक्की से आगे चलते हुए वो कुछ ज़्यादा ही अपने चूतड़ मटका कर चल रही थी और बेचारा विक्की उसके पीछे-2 अपना खड़ा लंड एडजस्ट करता हुआ चला आ रहा था..
उपर जाते ही नेहा ने सबसे पहले दरवाजा बंद किया और बिना कुछ कहे वो विक्की पर टूट पड़ी...
विक्की बेचारा तो सोच रहा था की पहले वो भी नेहा की तरह अपने कपड़े चेंज कर ले पर उसने इसका मौका ही नही दिया..
नेहा ने ताबड़ तोड़ अंदाज में उसके सारे कपड़े निकालने शुरू कर दिए और कुछ ही पल में उसे पूरा नंगा करके ही दम लिया उसने...
उसके खुद के कपड़े तो वैसे भी नाम मात्र के थे, उन्हे भी उसने एक पल में निकाल फेंका...
आज दोनो भाई बहन पूरी तरह से जोश में थे...
विक्की का खड़ा हुआ लंड उसके हुस्न की तारीफ़ों में सलामी ठोंक रहा था उपर नीचे होकर.
फिर एक झटके से दोनो आगे आए और एक दूसरे को बाहों में भरकर अपने-2 होंठ आपस में सटा दिए...
''ओह भाई.....मुउउउउउउउचचह.....आज सब्र नही हो रहा मुझसे....आग सी लगी है मेरे अंदर ...प्लीज़ भाई....आज मना मत करना.....बुझा दो ये आग अपने इस मोटे लंड से.....बना दो मुझे कली से फूल....डाल दो इसे मेरी चूत में भाई......चोद डालो मुझे....''
जो उसके मुँह में आया वो बकती चली गयी और अनगिनत चुम्मिया उसने अपने भाई के चेहरे और होंठो पर दे डाली.....
नेहा को किस्स करते -2 विक्की ने उसकी गर्दन को चूमा, नीचे आते हुए उसके दोनो बूब्स को एक-2 करके निचोड़कर अच्छे से पिया और फिर उसे अपनी बाहों में गुड़िया की तरह उठा कर उसकी नाभि को अपनी जीभ से चाटा ...
ये एक ऐसा पल था जिसमें नेहा की चूत से निकलकर ढेर सारी मलाई विक्की के पैरों पर जा गिरी,
और वो मलाई और निकलकर ऐसे व्यर्थ ना जाए, इससे पहले ही विक्की ने उसे अपने बेड पर पटका और सीधा अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत पर कूद पड़ा और उसे जोरों से चाटने लगा..
अपनी करामाती जीभ से वो उसकी चूत की परतों की गहराइयाँ नाप रहा था..
शायद आज का ये आख़िरी दिन था जब वो इस कुँवारी चूत का स्वाद ले पा रहा था,
आज के बाद तो इसका स्वाद भी बदलने वाला था.
इसलिए वो जितना ज़्यादा हो सकता था उतना अंदर तक अपनी जीभ को पेलकर उसका रस पीने में लगा था..
उनपर लगे लाल निशान थोड़ी देर पहले हुई गुत्थम गुत्था को बयान कर रहे थे,
विक्की ने उसके बारे मे कुछ नही पूछा, बस उन्हे निहारता रहा..
पर जैसे ही वो उन्हे पकड़ने लगा तो नेहा ने उसका हाथ हवा में ही रोक दिया और बोली : "अभी नही....उपर जाकर ...''
फिर मुस्कुराते हुए उसने अपनी कच्छी भी उतार दी...
अब वो उपर से नीचे तक पूरी नंगी उसके सामने थी.
फिर उसने एक शॉर्ट्स और टी शर्ट पहनी और अपने कपड़े उठा कर अलमारी में रख दिए...
और विक्की को उपर चलने का बोलकर खुद आगे चल दी...
विक्की से आगे चलते हुए वो कुछ ज़्यादा ही अपने चूतड़ मटका कर चल रही थी और बेचारा विक्की उसके पीछे-2 अपना खड़ा लंड एडजस्ट करता हुआ चला आ रहा था..
उपर जाते ही नेहा ने सबसे पहले दरवाजा बंद किया और बिना कुछ कहे वो विक्की पर टूट पड़ी...
विक्की बेचारा तो सोच रहा था की पहले वो भी नेहा की तरह अपने कपड़े चेंज कर ले पर उसने इसका मौका ही नही दिया..
नेहा ने ताबड़ तोड़ अंदाज में उसके सारे कपड़े निकालने शुरू कर दिए और कुछ ही पल में उसे पूरा नंगा करके ही दम लिया उसने...
उसके खुद के कपड़े तो वैसे भी नाम मात्र के थे, उन्हे भी उसने एक पल में निकाल फेंका...
आज दोनो भाई बहन पूरी तरह से जोश में थे...
विक्की का खड़ा हुआ लंड उसके हुस्न की तारीफ़ों में सलामी ठोंक रहा था उपर नीचे होकर.
फिर एक झटके से दोनो आगे आए और एक दूसरे को बाहों में भरकर अपने-2 होंठ आपस में सटा दिए...
''ओह भाई.....मुउउउउउउउचचह.....आज सब्र नही हो रहा मुझसे....आग सी लगी है मेरे अंदर ...प्लीज़ भाई....आज मना मत करना.....बुझा दो ये आग अपने इस मोटे लंड से.....बना दो मुझे कली से फूल....डाल दो इसे मेरी चूत में भाई......चोद डालो मुझे....''
जो उसके मुँह में आया वो बकती चली गयी और अनगिनत चुम्मिया उसने अपने भाई के चेहरे और होंठो पर दे डाली.....
नेहा को किस्स करते -2 विक्की ने उसकी गर्दन को चूमा, नीचे आते हुए उसके दोनो बूब्स को एक-2 करके निचोड़कर अच्छे से पिया और फिर उसे अपनी बाहों में गुड़िया की तरह उठा कर उसकी नाभि को अपनी जीभ से चाटा ...
ये एक ऐसा पल था जिसमें नेहा की चूत से निकलकर ढेर सारी मलाई विक्की के पैरों पर जा गिरी,
और वो मलाई और निकलकर ऐसे व्यर्थ ना जाए, इससे पहले ही विक्की ने उसे अपने बेड पर पटका और सीधा अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत पर कूद पड़ा और उसे जोरों से चाटने लगा..
अपनी करामाती जीभ से वो उसकी चूत की परतों की गहराइयाँ नाप रहा था..
शायद आज का ये आख़िरी दिन था जब वो इस कुँवारी चूत का स्वाद ले पा रहा था,
आज के बाद तो इसका स्वाद भी बदलने वाला था.
इसलिए वो जितना ज़्यादा हो सकता था उतना अंदर तक अपनी जीभ को पेलकर उसका रस पीने में लगा था..