hotaks444
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नीलम- नहीं यार भाई के मोबाइल का पासकोड मुझे पता है और मैं गेम खेलने के बहाने से ले लेती हूं और अपने कमरे में देखती हूं,,, भाई रोज नए नए वीडियो लाता रहता है,,, और शालिनी,,,,एक दिन ऐसे ही एक विंडो मोबाइल में खुला हुआ था और मैंने जब उसे पढ़ा तो पता चला कि वो सेक्स की कहानियों वाली वेबसाइट है,,, यार उसमें तो ऐसी-ऐसी कहानियां लिखते हैं लोग बाग कि क्या बताऊं,,,
शालिनी (उत्सुकता से) - कहानी में सेक्स मतलब,,,
नीलम- अरे,,,तेरे पास तो मोबाइल है,,, और वो मोबाइल उठाकर उसमें सेक्स कहानियों वाली वेबसाइट खोलकर शालिनी को दिखाने लगी,,, काफी देर तक कमरे के अंदर से कोई आवाज नहीं आई,, शायद दोनों मोबाइल पर सेक्स कहानियां पढ़ने में लग गई थी और मैं बाहर खड़े खड़े अपने खड़े लन्ड को उपर से ही मुठियाने लगा,,,
काफी देर बाद अंदर से हंसने की आवाज आई और,,,,,,
शालिनी- तो सेक्स गुरु नीलम जी महाराज,,, ये सब कहानियां हैं और असलियत में ऐसे भाई बहन और बाप बेटी,, मां बेटे में,,, ये सब कुछ नहीं होता है,,, चल कोई नहीं ,,,,तू पढ़ ये कहानियां और देख वीडियो,,, बाकी आगे तेरी मर्जी तेरी जिंदगी और तेरी जवानी,,,
नीलम- अब तू भी ऐसे बोलेगी,,, मैंने सबकुछ हमेशा तुझको बताया है और अब मैं फंस गई हूं इस उलझन में तो तू कह रही है,, मेरी मर्जी,,, यार कुछ तो बता,,,
शालिनी- अब मैं क्या बताऊं तुझे,,, क्या ये कह दूं कि जा नीलम जा,,, और जी ले अपनी जिंदगी अपने भाई की बाहों में,, सेक्स कर लें अपने ही भाई के साथ,,,
मैं तुझे ना मना कर रही हूं और ना ही उकसा रही हूं,,,
नीलम- यार,, यहां एक तो गांव में वैसे भी कहीं मौका नहीं मिला आज तक,,,अब जब घर में कुछ सोचो,,, तो ,,, तू तो जानती ही हैं मेरे घर में इतने
सारे लोग रहते हैं,,,,
शालिनी- तो सारे घरवालों को कहीं भगा दे,,,, वैसे तुझे ऐसा करना क्या होता है जो सबके साथ रहकर नहीं कर पाती ??
नीलम- अरे अभी कल ही की बात है ,,, मैं रात में एक जबरदस्त कहानी पढ़ने के बाद अपनी चूचियों को सहला रही थी और अपनी बुर में उंगली डाली ही थी बस पूनम दी ने देख लिया और मुझे बहुत डांटा,, समझाया,,,,, तेरा क्या तेरी तो मौज है,,, भाई बहन दोनों अकेले,,जो मर्जी हो करो,,,
शालिनी- हाय रब्बा,,,, तू अपने वहां उंगली भी डालने लगी,,तेरा तो अब अल्लाह मालिक,,, तू कहीं कुछ ग़लत कदम ना उठा ले गरम हो कर,,,,
नीलम- साला यहां मामला ही उल्टा है मुझे तेरी जगह होना चाहिए था और तुझे मेरी,,,, मतलब सोच कि मैं अपने भैय्या के साथ अकेले रहती तो कोई टेंशन ही नहीं होती,,, मजा आ जाता,,,, मगर उपर वाले ने मौका भी दिया तो तेरी जैसी बुद्धू को,,,,,
शालिनी- तेरी इन्हीं सब चल जलूल बातों और हरकतों की वजह से ही तेरे घर वालों ने तुझे बाहर नहीं भेजा पढ़ाई के लिए,,, और तू विकास भैय्या और मेरे भाई का ख्याल निकाल अपने मन से और कहीं और किसी को पटा ले ,,,,,
नीलम- यार,, अब तू बता,,, तू मेरी जगह होती तो क्या करती ,, मैं बाहर किस कमीने पर भरोसा करूं,,, आज कल जिसे देखो वीडियो और फोटो के सहारे हरामी लंवडे ब्लैकमेल करते हैं लड़कियों को,,,, पटाता एक है और भोग पूरा मोहल्ला लगाता है,,,
शालिनी- एक तो मैं तेरी तरह अपनी ऐसी हालत बनाती नहीं,,, और अगर ऐसा होता तो मैं भी तेरी तरह अपनी सहेली से सलाह ही मांगती,,,,,
नीलम- अच्छा एक बात बता,,,, तूने कभी गौर नहीं किया कि तुम्हारे भैया, तुम्हारी चूचियों को देखते हैं कि नहीं,,,, या कुछ और ,
शालिनी- तू सचमुच में सेक्स की भूखी है,,,,, यार हम-दोनों में ऐसा कोई मौका नहीं पड़ता कि बाद में शर्मिन्दा होना पड़े,,,, मैं थोड़ा ध्यान रखती हूं और तेरी तरह मैं जानबूझकर भाई को अपने शरीर की नुमाइश भी नहीं कराती,,,,
नीलम-कराना भी नहीं,,,, नहीं तो बाद में छुपा भी नहीं पायेगी,,, कौन मर्द तेरी इन बड़ी बड़ी चूचियों को देखने के बाद कंट्रोल कर पायेगा,,,
शालिनी- हूं,,,आह,,, छोड़ ना यार,, कितनी तेज दबा दिया,,, नीलम तू बहुत शैतान हो गई है,,
नीलम- ओह हो हो हो ,,, तो मैडम ने ब्रा भी पहनी है,,, तुझे तो पहले एलर्जी थी स्किन की,,,, वैसे ब्रा में कसी हुई तेरी चूचियां अब मेरे बराबर की हो गई हैं,,,,,,,,
शालिनी- हां अब पहन लेती हूं,,,काटन या इम्पोर्टेड ,,, स्कूल टाइम में कितनी परेशानी होती थी सिर्फ समीज में,,,,
नीलम- जरा दिखा ना अपनी ब्रा,,, देखूं तो सही
शालिनी- ले देख ले,,, तू ऐसे तो मानने वाली नहीं है,,,,
मैं बाहर खड़े हुए उनकी बातें सुनते हुए अंदाज लगा रहा था कि कैसे नीलम ने शालिनी की चूंची मजाक मजाक में दबाती होगी और अब नीलम किस तरह शालिनी की चूचियों को देख रही होगी ब्रा में,,,,
नीलम- वाऊ यार शालिनी,,,, तेरी बाडी पर तो शहर का पानी चढ़ गया है और ज्यादा बड़ी हो गई हैं तेरी और बीच में क्लीवेज कितना अच्छे से चमकता है,,,हाय,,, अगर मैं लड़का होती तो तुझे अभी पटक कर चोद देती,,,,, अच्छा ये बता कभी अपने भैय्या को छूने का मौका दिया या फिर अपनी चूचियों के दर्शन करने का,,,,
शालिनी- तेरी सुई फिर से मेरे भैय्या पर अटक गई,,, यार मैंने कभी ऐसा मौका नहीं दिया,,, पागल,,, और ना कभी मैंने भाई को चोरी से तांक-झांक करते हुए देखा,,,
नीलम- ऐसा कैसे तुम दोनों साथ-साथ रहते हो और भैय्या ने कम से कम जब तू झुककर कुछ करती होगी तब तो तेरे खरबूजे देखें ही होंगे,,,,, अच्छा कभी दिखाना उन्हें फिर देखना,,,,,
सारे मरद एक जैसे होते हैं,,, हा हा हा
शालिनी- धत् पागल,,,, अब तुझे मार पड़ेगी,,, तू कहीं इस गर्मी में कुछ उल्टा सीधा ना कर बैठे,,,, सम्हाल अपने आप को नीलम ,,,
नीलम- हाय रब्बा,,, तू तो क़यामत ढा रही है ब्रा में मेरी जान,,, मैं तो अपने आप को सम्हाल ही तो रही हूं अब तक,,,,, पता नहीं कब और कहां किसके आगे गिरूंगी,,,
तभी हमारे घर की डोर बेल बजी और शायद माम आ गई थी ,,,,मुझे ना चाहते हुए उन लोगों की सेक्सी बातों को सुनना छोड़कर दरवाजा खोलने के लिए वहां से हटना पड़ा,,,,, मेरा लन्ड अभी फुल साइज में था उसे चलते हुए मैंने कैसे भी करके फ्रेन्ची के अंदर दबाया और दरवाजा खोला
सरोजिनी माम- तुम लोगों को भूख लगी है या नहीं,,,, और शालिनी कहां है,,, शालिनी बेटा,,,,
और मैं कुछ बोलता उससे पहले ही शालिनी के कमरे का दरवाजा खुला और वो बोली ,,,,
शालिनी- आई मम्मी,,, वो नीलम आयी है उसी के साथ बातें हो रही थी,,
मम्मी खाने के लिए बोल कर अपने बेडरूम में चली गई और मैं अब शालिनी के कमरे की ओर बढ़ चला,,,,, वो दोनों आपस में बातचीत कर रहीं थीं, तभी मैं भी उनके पास पहुंच गया ,,,,
मैं- हां तो तुम दोनों की बातें खत्म हो जाएं तो चल के हम लोग लंच कर लें,,,,,
और नीलम ,,,कैसी चल रही है तुम्हारी पढाई लिखाई,
नीलम- ठीक ही चल रही है भैय्या,,, और आपकी जाब और पढ़ाई कैसी चल रही है ,,,,, आप ने शालिनी की अच्छी देखभाल की है,,, मेरी सहेली और भी सुंदर हो गई है आपके साथ रहकर,,,
मैं- अरे नहीं नीलम,,, उल्टे ख्याल तो शालिनी रखती है मेरा,,, देखो मुझे खिला खिला कर मोंटू बना रही है,,,
नीलम- भैय्या आप तो दिन पर दिन और ज्यादा हैण्डसम होते जा रहे हो, शहर में तो बहुत सी लड़कियाँ दीवानी होंगी आपकी ?
मैं- हुंह, ऐसी हमारी किस्मत कहाँ भई,,, वैसे ये नौकरी और ओपन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद मेरे पास टाइम भी नहीं है,,,
शालिनी- तू भी ना नीलम कब सुधरेगी,
शालिनी ने हँसते हुए कहा ,,,
मैं- वैसे तो क्या बातें हो रही थीं, तुम दोनों के बीच? मैंने अंजान बनते हुए पूछा,,,
नीलम- बस वो ही हमेशा की तरह, लड़कियों की बातें और कैसे शालिनी जो चाहती है वो इच्छा आप इसकी पूरी करते हो,,, यही सब ,,, पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी थोड़ी बहुत बातें हो रही थी,,,, और मैं शालिनी से उसके ब्वायफ्रेन्ड के बारे में भी,,,,
नीलम ने हँसते हुए कहा, तभी शालिनी ने नीलम के गाल पर प्यार में एक चपत लगाते हुए उसको शांत रहने की हिदायत देते हुए, शट अप कहा,,,,,
और हम तीनों हंसते हुए कमरे से बाहर निकल कर खाने के लिए टेबल पर बैठ गए और नीलम अपने घर चलने को खड़ी हुई,,,
नीलम- अच्छा शालिनी मैं चलती हूं काफी देर हो गई है और जाने से पहले मुझसे मिलके ही जाना,,,
शालिनी- हां,, ठीक है,,, और एक बात सुन,,, वो ना,,, जो तूने अपनी प्राब्लम बतायी थी ना,,,, तू ऐसा कर विकास भाई से ही हेल्प ले ले तो तेरे लिए ठीक रहेगा,,,, बाहर किसी पर विश्वास करना ठीक नहीं रहेगा तेरे लिए,, समझ रही है ना,,,,
और नीलम हां हां बोलते हुए अपनी चौड़ी गांड़ को लहराती हुई दरवाजे के बाहर निकल गई,,,
मैं- किस प्राब्लम की बात कर रही थी तुम
शालिनी (अंजान बन कर) - अरे कुछ नहीं भाई,,,,, इसे पढ़ाई में थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो ये बाहर ट्यूशन के लिए बोल रही थी तो मैंने कहा कि अपने विकास भैय्या से ही पढ़ लें,,,
मैं- हां हां,, जब भाई है घर में तो किसी और के पास जाकर क्यों समय खराब करना,,,
और तभी माम खाना लेकर आई और हम लोग खाना खाते हुए बातें करते रहे,,,,
इधर मैं सोच रहा था कि शालिनी ने कितनी सफाई से अपने और मेरे संबंधों को छुपाया है और नीलम को इसने ट्यूशन नहीं चुदाई करवाने का इशारा किया है अपने भाई से,,,
और शालिनी उधर सोच रही थी कि उसने कैसे मेरे सामने अपनी सहेली को उसके भाई के साथ ही प्यार और रोमांस करने की सलाह दे डाली और मैं समझ भी नहीं पाया,,, मगर उसे क्या पता कि मैं तो उन दोनों की एक एक बात सुन चुका था और मुझे अपनी मंजिल अब बहुत ही करीब महसूस हो रही थी,,,,,आज पहली बार खुलकर किस मांगने पर मिला है और जल्दी ही बिन मांगे जाने क्या-क्या मिलने वाला है,,,,,,,,,,,,
#कहानी जारी रहेगी.......
क्रमशः ........................
शालिनी (उत्सुकता से) - कहानी में सेक्स मतलब,,,
नीलम- अरे,,,तेरे पास तो मोबाइल है,,, और वो मोबाइल उठाकर उसमें सेक्स कहानियों वाली वेबसाइट खोलकर शालिनी को दिखाने लगी,,, काफी देर तक कमरे के अंदर से कोई आवाज नहीं आई,, शायद दोनों मोबाइल पर सेक्स कहानियां पढ़ने में लग गई थी और मैं बाहर खड़े खड़े अपने खड़े लन्ड को उपर से ही मुठियाने लगा,,,
काफी देर बाद अंदर से हंसने की आवाज आई और,,,,,,
शालिनी- तो सेक्स गुरु नीलम जी महाराज,,, ये सब कहानियां हैं और असलियत में ऐसे भाई बहन और बाप बेटी,, मां बेटे में,,, ये सब कुछ नहीं होता है,,, चल कोई नहीं ,,,,तू पढ़ ये कहानियां और देख वीडियो,,, बाकी आगे तेरी मर्जी तेरी जिंदगी और तेरी जवानी,,,
नीलम- अब तू भी ऐसे बोलेगी,,, मैंने सबकुछ हमेशा तुझको बताया है और अब मैं फंस गई हूं इस उलझन में तो तू कह रही है,, मेरी मर्जी,,, यार कुछ तो बता,,,
शालिनी- अब मैं क्या बताऊं तुझे,,, क्या ये कह दूं कि जा नीलम जा,,, और जी ले अपनी जिंदगी अपने भाई की बाहों में,, सेक्स कर लें अपने ही भाई के साथ,,,
मैं तुझे ना मना कर रही हूं और ना ही उकसा रही हूं,,,
नीलम- यार,, यहां एक तो गांव में वैसे भी कहीं मौका नहीं मिला आज तक,,,अब जब घर में कुछ सोचो,,, तो ,,, तू तो जानती ही हैं मेरे घर में इतने
सारे लोग रहते हैं,,,,
शालिनी- तो सारे घरवालों को कहीं भगा दे,,,, वैसे तुझे ऐसा करना क्या होता है जो सबके साथ रहकर नहीं कर पाती ??
नीलम- अरे अभी कल ही की बात है ,,, मैं रात में एक जबरदस्त कहानी पढ़ने के बाद अपनी चूचियों को सहला रही थी और अपनी बुर में उंगली डाली ही थी बस पूनम दी ने देख लिया और मुझे बहुत डांटा,, समझाया,,,,, तेरा क्या तेरी तो मौज है,,, भाई बहन दोनों अकेले,,जो मर्जी हो करो,,,
शालिनी- हाय रब्बा,,,, तू अपने वहां उंगली भी डालने लगी,,तेरा तो अब अल्लाह मालिक,,, तू कहीं कुछ ग़लत कदम ना उठा ले गरम हो कर,,,,
नीलम- साला यहां मामला ही उल्टा है मुझे तेरी जगह होना चाहिए था और तुझे मेरी,,,, मतलब सोच कि मैं अपने भैय्या के साथ अकेले रहती तो कोई टेंशन ही नहीं होती,,, मजा आ जाता,,,, मगर उपर वाले ने मौका भी दिया तो तेरी जैसी बुद्धू को,,,,,
शालिनी- तेरी इन्हीं सब चल जलूल बातों और हरकतों की वजह से ही तेरे घर वालों ने तुझे बाहर नहीं भेजा पढ़ाई के लिए,,, और तू विकास भैय्या और मेरे भाई का ख्याल निकाल अपने मन से और कहीं और किसी को पटा ले ,,,,,
नीलम- यार,, अब तू बता,,, तू मेरी जगह होती तो क्या करती ,, मैं बाहर किस कमीने पर भरोसा करूं,,, आज कल जिसे देखो वीडियो और फोटो के सहारे हरामी लंवडे ब्लैकमेल करते हैं लड़कियों को,,,, पटाता एक है और भोग पूरा मोहल्ला लगाता है,,,
शालिनी- एक तो मैं तेरी तरह अपनी ऐसी हालत बनाती नहीं,,, और अगर ऐसा होता तो मैं भी तेरी तरह अपनी सहेली से सलाह ही मांगती,,,,,
नीलम- अच्छा एक बात बता,,,, तूने कभी गौर नहीं किया कि तुम्हारे भैया, तुम्हारी चूचियों को देखते हैं कि नहीं,,,, या कुछ और ,
शालिनी- तू सचमुच में सेक्स की भूखी है,,,,, यार हम-दोनों में ऐसा कोई मौका नहीं पड़ता कि बाद में शर्मिन्दा होना पड़े,,,, मैं थोड़ा ध्यान रखती हूं और तेरी तरह मैं जानबूझकर भाई को अपने शरीर की नुमाइश भी नहीं कराती,,,,
नीलम-कराना भी नहीं,,,, नहीं तो बाद में छुपा भी नहीं पायेगी,,, कौन मर्द तेरी इन बड़ी बड़ी चूचियों को देखने के बाद कंट्रोल कर पायेगा,,,
शालिनी- हूं,,,आह,,, छोड़ ना यार,, कितनी तेज दबा दिया,,, नीलम तू बहुत शैतान हो गई है,,
नीलम- ओह हो हो हो ,,, तो मैडम ने ब्रा भी पहनी है,,, तुझे तो पहले एलर्जी थी स्किन की,,,, वैसे ब्रा में कसी हुई तेरी चूचियां अब मेरे बराबर की हो गई हैं,,,,,,,,
शालिनी- हां अब पहन लेती हूं,,,काटन या इम्पोर्टेड ,,, स्कूल टाइम में कितनी परेशानी होती थी सिर्फ समीज में,,,,
नीलम- जरा दिखा ना अपनी ब्रा,,, देखूं तो सही
शालिनी- ले देख ले,,, तू ऐसे तो मानने वाली नहीं है,,,,
मैं बाहर खड़े हुए उनकी बातें सुनते हुए अंदाज लगा रहा था कि कैसे नीलम ने शालिनी की चूंची मजाक मजाक में दबाती होगी और अब नीलम किस तरह शालिनी की चूचियों को देख रही होगी ब्रा में,,,,
नीलम- वाऊ यार शालिनी,,,, तेरी बाडी पर तो शहर का पानी चढ़ गया है और ज्यादा बड़ी हो गई हैं तेरी और बीच में क्लीवेज कितना अच्छे से चमकता है,,,हाय,,, अगर मैं लड़का होती तो तुझे अभी पटक कर चोद देती,,,,, अच्छा ये बता कभी अपने भैय्या को छूने का मौका दिया या फिर अपनी चूचियों के दर्शन करने का,,,,
शालिनी- तेरी सुई फिर से मेरे भैय्या पर अटक गई,,, यार मैंने कभी ऐसा मौका नहीं दिया,,, पागल,,, और ना कभी मैंने भाई को चोरी से तांक-झांक करते हुए देखा,,,
नीलम- ऐसा कैसे तुम दोनों साथ-साथ रहते हो और भैय्या ने कम से कम जब तू झुककर कुछ करती होगी तब तो तेरे खरबूजे देखें ही होंगे,,,,, अच्छा कभी दिखाना उन्हें फिर देखना,,,,,
सारे मरद एक जैसे होते हैं,,, हा हा हा
शालिनी- धत् पागल,,,, अब तुझे मार पड़ेगी,,, तू कहीं इस गर्मी में कुछ उल्टा सीधा ना कर बैठे,,,, सम्हाल अपने आप को नीलम ,,,
नीलम- हाय रब्बा,,, तू तो क़यामत ढा रही है ब्रा में मेरी जान,,, मैं तो अपने आप को सम्हाल ही तो रही हूं अब तक,,,,, पता नहीं कब और कहां किसके आगे गिरूंगी,,,
तभी हमारे घर की डोर बेल बजी और शायद माम आ गई थी ,,,,मुझे ना चाहते हुए उन लोगों की सेक्सी बातों को सुनना छोड़कर दरवाजा खोलने के लिए वहां से हटना पड़ा,,,,, मेरा लन्ड अभी फुल साइज में था उसे चलते हुए मैंने कैसे भी करके फ्रेन्ची के अंदर दबाया और दरवाजा खोला
सरोजिनी माम- तुम लोगों को भूख लगी है या नहीं,,,, और शालिनी कहां है,,, शालिनी बेटा,,,,
और मैं कुछ बोलता उससे पहले ही शालिनी के कमरे का दरवाजा खुला और वो बोली ,,,,
शालिनी- आई मम्मी,,, वो नीलम आयी है उसी के साथ बातें हो रही थी,,
मम्मी खाने के लिए बोल कर अपने बेडरूम में चली गई और मैं अब शालिनी के कमरे की ओर बढ़ चला,,,,, वो दोनों आपस में बातचीत कर रहीं थीं, तभी मैं भी उनके पास पहुंच गया ,,,,
मैं- हां तो तुम दोनों की बातें खत्म हो जाएं तो चल के हम लोग लंच कर लें,,,,,
और नीलम ,,,कैसी चल रही है तुम्हारी पढाई लिखाई,
नीलम- ठीक ही चल रही है भैय्या,,, और आपकी जाब और पढ़ाई कैसी चल रही है ,,,,, आप ने शालिनी की अच्छी देखभाल की है,,, मेरी सहेली और भी सुंदर हो गई है आपके साथ रहकर,,,
मैं- अरे नहीं नीलम,,, उल्टे ख्याल तो शालिनी रखती है मेरा,,, देखो मुझे खिला खिला कर मोंटू बना रही है,,,
नीलम- भैय्या आप तो दिन पर दिन और ज्यादा हैण्डसम होते जा रहे हो, शहर में तो बहुत सी लड़कियाँ दीवानी होंगी आपकी ?
मैं- हुंह, ऐसी हमारी किस्मत कहाँ भई,,, वैसे ये नौकरी और ओपन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद मेरे पास टाइम भी नहीं है,,,
शालिनी- तू भी ना नीलम कब सुधरेगी,
शालिनी ने हँसते हुए कहा ,,,
मैं- वैसे तो क्या बातें हो रही थीं, तुम दोनों के बीच? मैंने अंजान बनते हुए पूछा,,,
नीलम- बस वो ही हमेशा की तरह, लड़कियों की बातें और कैसे शालिनी जो चाहती है वो इच्छा आप इसकी पूरी करते हो,,, यही सब ,,, पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी थोड़ी बहुत बातें हो रही थी,,,, और मैं शालिनी से उसके ब्वायफ्रेन्ड के बारे में भी,,,,
नीलम ने हँसते हुए कहा, तभी शालिनी ने नीलम के गाल पर प्यार में एक चपत लगाते हुए उसको शांत रहने की हिदायत देते हुए, शट अप कहा,,,,,
और हम तीनों हंसते हुए कमरे से बाहर निकल कर खाने के लिए टेबल पर बैठ गए और नीलम अपने घर चलने को खड़ी हुई,,,
नीलम- अच्छा शालिनी मैं चलती हूं काफी देर हो गई है और जाने से पहले मुझसे मिलके ही जाना,,,
शालिनी- हां,, ठीक है,,, और एक बात सुन,,, वो ना,,, जो तूने अपनी प्राब्लम बतायी थी ना,,,, तू ऐसा कर विकास भाई से ही हेल्प ले ले तो तेरे लिए ठीक रहेगा,,,, बाहर किसी पर विश्वास करना ठीक नहीं रहेगा तेरे लिए,, समझ रही है ना,,,,
और नीलम हां हां बोलते हुए अपनी चौड़ी गांड़ को लहराती हुई दरवाजे के बाहर निकल गई,,,
मैं- किस प्राब्लम की बात कर रही थी तुम
शालिनी (अंजान बन कर) - अरे कुछ नहीं भाई,,,,, इसे पढ़ाई में थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो ये बाहर ट्यूशन के लिए बोल रही थी तो मैंने कहा कि अपने विकास भैय्या से ही पढ़ लें,,,
मैं- हां हां,, जब भाई है घर में तो किसी और के पास जाकर क्यों समय खराब करना,,,
और तभी माम खाना लेकर आई और हम लोग खाना खाते हुए बातें करते रहे,,,,
इधर मैं सोच रहा था कि शालिनी ने कितनी सफाई से अपने और मेरे संबंधों को छुपाया है और नीलम को इसने ट्यूशन नहीं चुदाई करवाने का इशारा किया है अपने भाई से,,,
और शालिनी उधर सोच रही थी कि उसने कैसे मेरे सामने अपनी सहेली को उसके भाई के साथ ही प्यार और रोमांस करने की सलाह दे डाली और मैं समझ भी नहीं पाया,,, मगर उसे क्या पता कि मैं तो उन दोनों की एक एक बात सुन चुका था और मुझे अपनी मंजिल अब बहुत ही करीब महसूस हो रही थी,,,,,आज पहली बार खुलकर किस मांगने पर मिला है और जल्दी ही बिन मांगे जाने क्या-क्या मिलने वाला है,,,,,,,,,,,,
#कहानी जारी रहेगी.......
क्रमशः ........................