bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्घाटन - Page 5 - SexBaba
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bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्घाटन

सभी जब ज़िद करने लगे तो मम्मी ने सारी बात पापा के उपर छोड़ दी.

पापा को पटाना तो बहुत आसान था.

और उसके लिए पायल दी ही बहुत थी.

वो भागती हुई सी पापा के रूम मे गयी और उन्हे एक मिनट मे ही वॉटर पार्क जाने के लिए पटा लिया.

पापा ने बाहर आकर जय को सभी का ध्यान रखने की नसीहत दी और उन्हे कुछ पैसे भी दिए ताकि सब अच्छे से मौज कर सके,

नाश्ता करने के बाद सभी तैयारी करने लगे और मैं मोबाइल पर कुछ ट्रॅवेल साइट्स पर कुछ ख़ास किस्म के ऑप्षन्स देखने लगा, और 1-2 सेलेक्ट करने के बाद हम सभी निकल पड़े,

पायल दी और काजल ने आपस मे मिलकर कुछ ख़ास किस्म के कॉस्ट्यूम्स साथ ले लिए और उनके बारे मे बात करके दोनो बहने ख़ुसर फुसर करते हुए हँसने मे लगी थी.

रास्ते मे जब जय ने पूछा कि कौँसे वॉटर पार्क चलना है तो मैने ये बोलकर उन्हे चोन्का दिया,

”हम किसी वॉटर पार्क मे नही जा रहे बल्कि एक रिज़ॉर्ट मे जा रहे हैं देल्ही-जयपुर रोड की तरफ घुमा लो गाड़ी गुड़गांवा के पास ऐसे काफ़ी रिज़ॉर्ट्स है, मैने उनमे से एक-दो सेलेक्ट भी कर लिए है, जहाँ हम सभी को पर्सनल पूल मिल जाएगा , जिसमे हम सभी आराम से मस्ती कर सकते है ”

मेरी ये बाते सुनकर सभी की आँखे चमक उठी ख़ासकर पर्सनल पूल सुनकर, और रिज़ॉर्ट मे जाने का मतलब था पूल के साथ-2 रूम भी यानी रूम मे भी वो सब मस्ती की जेया सकती है जिसके बारे मे अभी तक सिर्फ़ जय सोचने मे लगा हुआ था,

रास्ते मे रुक कर मैने बियर कॅन और ब्रीज़ेर की बॉटल्स भी ले ली आज हम सभी अच्छे से पार्टी मनाने के मूड मे थे,

सभी काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो गये और करीब आधे घंटे की ड्राइव के बाद हम रिज़ॉर्ट मे पहुँच गये वहाँ की एंट्री देख कर ही सभी का मन खुश हो गया अंदर जाते हुए दोनो तरफ हरा भरा पार्क था सामने की तरफ कॉटेजस बने हुए थे, मैने रिसेप्षन पर जाकर ऑनलाइन डील के बारे मे बताया और एक डबल बेड वाले रूम के साथ पूल वाला रूम ले लिया.

रूम मे पहुँचकर सभी के चेहरे देखने लायक थे इतना आलीशान कमरा शायद ही हमने देखा होगा 5 स्टार होटेल जैसा रूम, एसी, फ्रिड्ज, मोटे-2 गद्दे वाले 2 बेड, एक पारटिशन देकर 2 रूम जैसा वातावरण बना रखा था, इधर-उधर जाने के लिए बीच मे कोई अवरोध या दरवाजा नही था,

और रूम के पिछले हिस्से मे बने पूल की तरफ जाते ही सभी चिल्ला पड़े 10×10 फीट का छोटा सा पूल था चारो तरफ बैठने के लिए जगह भी बनी हुई थी और सबसे बड़ी बात की उसको चारो तरफ से इस तरह से कवर किया हुआ था कि बाहर से देखा ही नही जा सकता था एक दम पर्सनल पूल था वो,

पायल दी ने एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट और जीन्स उतार फेंकी, अंदर उसने एक सेक्सी सा स्विम वेअर पहना हुआ था जो ब्रा पैंटी से भी छोटा था, और बड़ा ही सेक्सी

और वो लगभग भागती हुई सी पूल मे जाकर कूद गयी

उसकी देखा देखी, काजल ने भी अपने कपड़े उतारे और वो भी उसके पास पहुँच गयी, काजल ने भी एक कसी हुई सी पैंटी के साथ नन्ही सी ब्रा पहनी हुई थी मेरा तो मन कर रहा था कि उसकी डोरी वाली ब्रा को खींच कर निकाल दूं पर उससे पहले थोड़ा मूड भी बनाना था,

मैने बियर कॅन खोली और जय के साथ चियर्स करके पीने लगा,

पूल मे बैठी पायल दी बोली – “हमे भी तो पिला दो कुछ हमारा गला भी सूख रहा है ”

मैने मज़ाक के मूड मे कहा – “तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल है, वही पीने को मिलेगा तुम दोनो को ”

इतना कह कर मैने बड़ी बेशर्मी से अपने लंड के उपर हाथ फेरा, जो मेरी जीन्स के अंदर बुरी तरह से फुफ्कार रहा था,

ये पहला मौका था जब मैने जय के सामने ही डाइरेक्ट पायल दी से इस अंदाज मे बात की थी.

वो बेचारे सकुचा से गये और बियर पीने मे लगे रहे

मेरे और पायल दी के चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गयी

हम दोनो जानते थे कि आज इस रिज़ॉर्ट से निकलने से पहले उनकी ये शरमाने वाली आदत भी चली जाएगी

मैने पायल और काजल को ब्रीज़ेर की बॉटल निकाल कर दी वो दोनो जलपरियाँ पानी मे बैठकर ब्रीज़ेर पीने लगी,

जय (काजल से) – “छोटी, तू ज़रा ध्यान से पीना, पहली बार है ये तेरा, इसमे नशा होता है ”

काजल बड़े सेक्सी अंदाज़ मे बोली – “इससे ज़्यादा नशा तो मुझे कल राज भाई की शराब का लगा था जब वो नही चढ़ा तो ये क्या चढ़ेगा ”

उसका मतलब मेरे लंड से निकले पानी से था, जिसे वो गटगट पी गयी थी.

अपनी बहन के मुँह से इतनी बेशर्मी भरी बात सुनकर जय एक बार फिर से हैरान रह गया उसे शायद काजल से ऐसे जवाब की उम्मीद नही थी.

और देखते ही देखते दोनो ने अपनी-2 बॉटल खाली कर दी दोनो के लिए ही पहली बार था, इसलिए नशा भी जल्दी चढ़ गया दोनो खिलखिलाकर पानी मे मस्ती करने लगी और एक दूसरे के उपर पानी डालने लगी.

अचानक..................
 
और देखते ही देखते दोनो ने अपनी-2 बॉटल खाली कर दी दोनो के लिए ही पहली बार था, इसलिए नशा भी जल्दी चढ़ गया दोनो खिलखिलाकर पानी मे मस्ती करने लगी और एक दूसरे के उपर पानी डालने लगी.

अचानक पानी मे काजल की ब्रा की डोरी पर पायल दी का हाथ लग गया और वो खुल गयी उसने भी उसे पकड़कर दोबारा बाँधने की कोशिश नही की, पानी मे टॉपलेस होकर वो अठखेलियाँ करने लगी पायल दी भला कैसे पीछे रह जाती, उन्होने भी अपनी ब्रा निकालकर मेरी तरफ उछाल दी और अपने दोनो हाथो मे अपने बूब्स पकड़कर हम दोनो को दिखाने लगी.

पायल ने अपने बूब्स को काजल के बूब्स पर रगड़ा तो उसके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी.

”आआआहह दीदी वव्वाअहह मज़ा आ रहा है, ”

पायल ने उसके निप्पल्स को पकड़कर ज़ोर से निचोड़ दिया जवाब मे उसने पायल दी के चेहरे को पकड़ा और उनके होंठो पर टूट पड़ी कुछ ही देर मे दोनो बहने एक दूसरे के होंठो का रस पीने मे, एक दूसरे की छातियाँ रगड़ कर उनका दूध पीने मे लगी थी.

और पूल से कुछ ही दूर बैठे हम दोनो भाई, अपना मुँह खोले उनके इस रूप को देख रहे थे.

आज से पहले ऐसा एग्ज़ोटिक सीन तो हमने क्षकशकश मूवीस मे भी नही देखा था.

पायल दी एक कदम और आगे निकल गयी और उन्होने अपने साथ-2 काजल की भी पेंटी निकाल कर बाहर उछाल दी अब उस छोटे से पूल मे वो दोनो बहनें जन्मजात नंगी थी,

मैने जय की तरफ देखा, जो पायल से ज़्यादा अपनी बहन को एक बार फिर से नंगा देख कर उत्तेजित हो रहा था उसका हाथ अपने लंड पर था, जिसे वो धीरे-2 मसल रहा था.

मैने बियर का सीप भरते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे रगड़ने लगा मेरी देखा देखी जय ने भी वही किया, और अब हम दोनो पूल के पास, चेयर पर बैठकर बियर भी पी रहे थे और अपने-2 लंड भी रगड़ रहे थे अपनी बहनो को देख कर.

पायल ने काजल को पूल के किनारे बिठा कर उसकी टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया और फिर वो उसकी चूत को किसी कुतिया की तरह चाटने लगी

काजल ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी टांगे उसके सिर के चारो तरफ लपेट दी और खुद पीछे होकर लेट गयी बिल्कुल हम दोनो की चेयर के बीचो बीच..

पायल दी ने उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी.

अपनी कुँवारी चूत मे पहली बार इतनी अंदर तक एक लड़की की जीभ को घुसता देख कर वो ज़ोर से चिल्लाने लगी.

”आआहह दिदीईईई माआअर दलाआा उफफफफफफफफफफफ्फ़ मज़ाआअ एयाया गय्ाआआअ रे अहह और ज़ोर से चूसो मेरी मुनिया को अहह हाआंणन्न् यही पर मेरे दाने को हां उसे लो मुँह मे अहह येस्स्स्स्स”.

वो जल से निकली मछली की तरह हमारे सामने पड़ी तड़प रही थी.

और तड़प्ते-2 उसने अपने हाथो से हम दोनो के पैरों को पकड़ लिया एक हाथ से मेरे पैर को और दूसरे से अपने सगे भाई, जय के पैर को

एक पल के लिए तो जय पसीने-2 हो गया उसकी नंगी बहन उसी के सामने अपनी चूत चुस्वा रही थी और उसने उसका पैर भी पकड़ लिया था बेचारे के हाथ काँप से रहे थे बियर पी ही नही जा रही थी उसकी नज़रें बस अपनी बहन की मचल रही जवानी को देखने मे बिज़ी थी,

काजल की चूत चूस रही पायल के दिमाग़ मे जैसे एक प्लान आया उसने अपना चेहरा काजल की चूत से हटा लिया

काजल फिर से तड़प उठी

”आअहह डीईईईईई ये क्या चूसो ना इतना मज़ा आ रहा था आओ ना प्लीज़”

पर पायल दी के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था उसने आँखो ही आँखो मे मुझे कुछ इशारा किया और मैं उनका प्लान समझ गया

पायल दी – “नही अब और नही मैं तो थक गयी तू राज से सक करवा ले अब ”

काजल ने मेरी तरफ देखा तो मैने झट से मना कर दिया और बोला – “नही अभी नही मैं पहले अपनी बियर ख़त्म कर लूँ उसके बाद ”

काजल चिल्लाई – “तुम्हे अपनी बियर की पड़ी है और यहाँ मेरी पुसी सुलग रही है जल्दी आओ और चूसो इसे ”

मैं अपनी ही मस्ती मे बियर पीने मे लगा रहा पायल भी पानी मे उतर कर टाइम पास करने लगी

काजल को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर उसे मेरे और पायल दी के प्लान के बारे मे पता नही था
 
वो गुस्से मे भरकर खुद ही अपनी चूत को बुरी तरह से मसल्ने लगी एक हाथ उसका अपनी चूत पर था और दूसरे मे अभी तक जय का पैर था जिसे उसने उत्तेजना मे भरकर बुरी तरह से दबा रखा था उसके नाख़ून जय को चुभ रहे थे पर उसके मुँह से उफ्फ नही निकल रही थी,

काजल अपनी ही धुन मे, आँखे बंद करके अपनी चूत मसल रही थी

कि तभी, उसके कानो मे जय की आवाज़ टकराई

”काजल अगर तू चाहे तो क्या मैं करूँ ”

जय भाई के मुँह से ऐसी बात की उम्मीद किसी को नही थी काजल को तो बिल्कुल ही नही.

पर मुझे और पायल दी को थी शायद, और वो ऐसा करे, इसलिए ही पायल दी ने वो प्लान बनाया था काजल की चूत को चूस्कर उसे अधर मे लटका कर छोड़ने का

और अब उसकी अधूरी प्यास, उसका खुद का भाई बुझाने आ रहा था

काजल के मुँह से लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ मे निकला

”हां भाई आ जाओ प्लीज़ सक मी, ”

काजल की हां करने की देर थी और वो उछलकर पानी मे कूद गया, उसे अपने कपड़ो की भी परवाह नही थी कि वो गीले हो रहे है और ना ही उस बियर की जो उसने नीचे फेंक दी और वो भी ठीक काजल के चेहरे के करीब, वो बहती हुई बियर उसके नशीले बदन से टकराई और उसमे और नशा पैदा करने लगी.

जय का लंड तो पहले से ही बाहर निकला हुआ था, पानी मे भी उसके खड़े हुए लंड को सॉफ देखा जा सकता था, वो ठीक उसी पोज़िशन मे आकर खड़ा हो गया जिसमे कुछ देर पहले पायल दी खड़ी थी..

अपनी जवान बेहन के नंगे बदन को इतने करीब से देखने के बारे मे उसने शायद सपने मे ही सोचा होगा आज तक, और आज वो सपना सच होकर उसके सामने..

नंगी काजल की शक्ल मे पड़ा था, उसकी आँखो मे लाल डोरे तैर रहे थे, काजल के चिकने बदन को देख कर, उसके फूले हुए सीने को देख कर और उसकी रिस रही चूत की पंखुड़ियो को देख कर उसका लंड बुरी तरह उपर नीचे हो रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे पानी मे कोई बवंडर बन रहा है,

और उसने अपनी कमसिन बेहन की जांघे पकड़ कर अपने कंधे पर रख ली और उस मांसल जाँघ पर उसने अपने होंठ लगा कर ज़ोर से साँस ली.

”अहह उम्म्म्म भाय्य्याअ”

अपने भाई की गर्म साँसे उसे अपने बदन पर जलती हुई सी महसूस हो रही थी., जय ने अपना मुँह खोला और उसकी जाँघ पर काट लिया, और काटता चला गया, जैसे उसकी मांसल टाँग का टंगड़ी कबाब बनाकर छोड़ेगा, और उसकी सफेद जाँघ पर लाल-2 निशान बनाता हुआ वो धीरे-2 उपर आने लगा, उसकी चूत की तरफ.

अपनी जाँघ पर इतने हिंसक तरीके से हमला होता देख कर, अपनी नर्म चूत की चिंता सताने लगी थी काजल को, शायद ये सोचकर कि जब यहाँ ऐसे काट रहा है तो चूत से तो उसने खून निकाल देना है, वो उसके सिर को पकड़ कर दूर धकेलने लगी, पर अंदर ही अंदर, अपनी चूत से निकल रही तरंगो को महसूस करके, वो उतनी ताक़त नही लगा रही थी ,जिससे उसे दूर रखा जा सके.

इसलिए धीरे-2 जय का चेहरा उसकी चूत के करीब आने लगा, और जल्द ही वो ठीक उसकी चूत पर आकर रुक गया, काजल को ऐसा लगा जैसे वक़्त ही रुक गया है, वो अपनी प्यासी आँखो और जीभ से उसकी नंगी चूत को देख रहा था और उसकी गुलाबी सुंदरता मे खोकर उसके मुँह से लार निकल कर उसकी चूत पर जा गिरी…

काजल को ऐसा लगा जैसे गर्म तवे पर पानी की बूँद आ गिरी है.अभी तक जय को रोकने मे लगी काजल मे ना जाने कैसी ठरक चढ़ि की उसने उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचा और ज़ोर से चिल्लाई

”अहह चुसूओ नाआआअ भाईईईईईईईई.”

और जैसे ही जय का मुँह अपनी बेहन की चूत पर आकर लगा , दोनो के मुँह से एक कंपा देने वाली सिसकारी निकल गयी. ऐसा लगा जैसे देसी घी का तड़का लग गया है, ऐसी सनसनाहट सी निकल रही थी दोनो की सांसो से.

ये उन भाई बेहन का वो मिलन था , जिसकी वजह हम दोनो भाई बेहन बन चुके थे.
 
[size=large]उसके बाद तो जय ने पीछे मुड़कर नही देखा, उसने अपनी जीभ, होंठ और दांतो का इस्तेमाल करके उसकी चूत की धज्जिया उड़ा दी.
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और ये सब करते हुए वो दोनो ये नही देख पाए कि पायल दी पानी से निकलकर , मेरे सामने कुतिया के पोज़ मे आकर खड़ी हो गयी थी, और मेरे निकले हुए लंड को उसने किसी कुतिया की तरह ही झपट्टा मारकर अपने कब्ज़े मे ले लिया.



एकदम मस्त प्रोग्राम चल रहा था हम सभी के बीच.



जय अपनी बेहन की चूत चूस रहा था और मैं अपनी बेहन से लंड चुस्वा रहा था, वो अपनी नंगी गान्ड मटकाती हुई मेरे लंड से निकल रहे रस का अच्छे से मज़ा ले रही थी, मैने अपने बियर कॅन से दो बूँद अपने लंड पर टपका दी, जिसे उसने अपनी गर्म जीभ से सॉफ कर दिया, ये एक ऐसी फेंटसी थी जिसके बारे मे मैं अक्सर सोचा करता था कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को कुतिया बनाकर अपना लंड चुसवाउन्गा और अपने लंड से लिसदी बियर पिलाउन्गा.



जय की नज़र जब हमपर पड़ी तो उसकी आँखे हैरानी से फैल गयी, वो शायद समझ चुका था कि ये हमारा पहली बार नही है, वरना पायल दी इतनी आसानी से मेरा लंड ना चूस रही होती, पर इस वक़्त ये सब समझने और समझाने का समय नही था, इसलिए वो फिर से अपने काम मे लग गये..



मैने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अब मैं भी पायल दी के सामने नगा था, मेरे खड़े लंड कोदेख कर उनकी चूत को फिर से रात वाली बात याद आ गयी , जब उसी कड़क लंड ने खुल्ली छत पर उस चूत को कमाल के मज़े दिए थे, और एक बार फिर से वही फीलिंग लेने के लिए पायल दी अपनी जगह से खड़ी हुई और मेरी चेयर के दोनो तरफ पैर करके खड़ी हो गयी, मेरा लंड उनकी चूत से सिर्फ़ 4 इंच की दूरी पर था.



पायल दी ने अपने बूब्स मेरे मुँह मे ठूँसते हुए कहा : “आआअहह भाई चूसो इन्हे काट लो खा जाओ ”



उसके कहने का तरीका ही इतना उत्तेजक था कि मैं अपने आप पर काबू रख नही पाया और मैने अपने पैने दांतो से उसके बूब्स पर लगे लाल निप्पल्स कुतरने शुरू कर दिए..



जय का ध्यान एक बार फिर से हमारी तरफ आ गया, पर काजल ने उसके सिर को पकड़ कर फिर से अपनी चूत मे घुस्वा लिया.



इसी बीच पायल दी ने अपना निपल मेरे मुँह से निकलवा कर मेरे होंठो पर अपने नर्म होंठ रख दिए और उन्हे वो काफ़ी देर तक चूस्ति रही..



और साथ ही साथ वो अपनी चूत और मेरे लंड के गॅप को धीरे -2 कम करने लगी और अचानक मेरे लंड पर वही गर्म-2 नर्म-2 गीला सा एहसास हुआ जो कल रात को हुआ था, एक पल के लिए हमने स्मूच करना छोड़ दिया और एक दूसरे की आँखे मे देखा, दोनो तरफ प्यास सॉफ देखी जा सकती थी.



पायल दी ने धीरे-2 मेरे लंड पर बैठकर उसे अपनी चूत के थ्रू निगलना शुरू कर दिया, उनकी आँखो मे अब भी हल्का दर्द देखा जा सकता था, पर उस दर्द के साथ -2 एक मज़ा भी था, जिसे महसूस करके उनके मुँह से सिसकारियाँ भी निकलने लगी.



”आहह उम्म्म्ममम यसस्स्स्स्सस्स.”


[size=large]और कुछ ही देर मे मेरा 7 इंच का लंड , उनकी दो ही बार चुदि चूत के पूरा अंदर था.[/size]
 
पायल दी ने मृए कंधो को पकड़ा और मेरे लंड पर कूदने लगी.

जय ने जब वो सिसकारी सुनी तो मेरे लंड पर कूद रही पायल दी को देखा तो उसकी हैरानी एक बार फिर से बढ़ गयी, उसने शायद सोचा नही था कि मैं अपनी खुद की बेहन को चोद रहा होऊँगा.

पर मेरी चुदाई देख कर शायद उनमे भी हिम्मत आ गयी, काजल तो पहले से ही तैयार थी, और वैसे भी, एक बेहन के लिए इससे अच्छी और बात क्या हो सकती है कि उसी का भाई उसकी चूत का उद्घाटन करे.

जय ने काजल की तरफ देखा, जैसे उसकी इजाज़त माँग रहा हो.

काजल ने हाँ मे सिर हिलाया और अपना हाथ बढ़ा कर अपने भाई का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया, और उसे एक ही झटके मे अपने उपर खींच लिया, पानी मे खड़े जय का पैर फिसला और वो अपने शरीर के पूरे भार के साथ अपनी नाज़ुक बेहन पर आ गिरा, और साथ ही साथ उसका खूँटे जैसा लंड, जो काजल की चूत पर लगा हुआ था, वो उसकी चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया.

काजल ने भी शायद ऐसा ब्रूटल तरीका नही सोचा था अपनी चूत की सील तुड़वाने का, उसकी चूत मे उसके भाई का लंड एक ही बार मे पूरा का पूरा घुस चुका था.

”आईईईई मररर्ररर गाइिईईईईई उफफफफफफफफ्फ़”

और उसने अपने भाई के गले मे बाहे डालकर उसे ज़ोर से पकड़ लिया, एक मिनट तक दोनो मे से कोई भी नही हिला, फिर धीरे-2 काजल ने ही अपनी चूत उपर की तरफ मटकाते हुए अपने भाई के लंड का मज़ा लेना शुरू कर दिया. जय ने भी अपनी स्पीड बढ़ा ली और अब वो आसानी से अपने लंड को पूरा अंदर-बाहर निकाल कर उसे अच्छे से चोद पा रहा था.

मैं और पायल दी भी ज़ोर-2 से चुदाई करने मे बिज़ी थे. और अपने ऑर्गॅज़म के करीब भी थे..

और लगभग एक साथ ही हम चारो भाई बेहन अपने-2 उत्तेजना से भरे ऑर्गॅज़म को महसूस करते हुए, एक दूसरे के लंड और चूतो मे झड़ने लगे.

पूरे कमरे मे लंड से निकले पानी की खुश्बू तैर रही थी., हर तरफ प्यार ही प्यार बिखरा पड़ा था.

उसके बाद सभी एक साथ पूल मे उतर आए और एक दूसरे के साथ मस्तिया करने लगे.

कुछ देर मे जब लंड दोबारा चूत मारने लायक हुए तो इस बार पार्ट्नर चेंज हो गये, यानी मेरे साथ काजल और जय के साथ पायल दी.

अब किसी को भी , किसी भी तरह की शर्म नही थी, सब आपस मे खुल से चुके थे.

वो चुदाई करने के बाद मेरी प्लानिंग का दूसरा स्टेप भी आया जब मैने जय से बोलकर, पापा को फोन करवा दिया कि हमारी गाड़ी खराब हो गयी है और इसलिए आज की रात हम वही रेस्पोर्ट मे रुक रहे है, पापा ने भी ज़्यादा कुछ कहा नही क्योंकि जय भैया पर उन्हे पूरा भरोसा था, और अपनी गाड़ी की हालत भी उन्हे पता थी कि ऐसा हो भी सकता है, इसलिए उन्होने इजाज़त दे दी.

बस फिर क्या था, उस कमरे मे पूरी रात , वासना का नंगा नाच चला, कभी मैं पायल दी के साथ और कभी काजल के साथ, पूरी रात हम सोए नही, बस नंगे होकर सेक्स करने मे लगे रहे, और सुबह करीब 5 बजे हम सो भी गये, ऐसे ही, नंगे. एक दूसरे की बाहों मे.

अगले दिन हम सभी वापिस आ गये.

पर अब हम सभी के बीच से शर्म की वो दीवार टूट चुकी थी, मैने तो पायल दी को सॉफ बोल दिया कि आज के बाद, जब भी मेरा मन करेगा, उनकी चूत मार लिया करूँगा मैं, जय और काजल ने भी इस बात को कबूल किया कि घर जाने के बाद भी, जब भी मौका मिलेगा, वो दोनो भाई बेहन भी आपस मे चुदाई कर लिया करेंगे, और कभी ऐसा मौका मिला, जिसमे हम चारो आपस मे एक साथ मिले तो तब तो धमाल होना स्वाभाविक ही था.

बंधुओ कैसी लगी ये रचना आपको अपने विचार ज़रूर रखें 

सभी बंधुओं से गुज़ारिश हैं कि सभी अपनी पसंद की कहानियाँ आरएसएस पर ज़रूर शेयर करें . अगर आप कहानी लिखना नही जानते तो कोई बात नहीं किसी भी रोमन या इंग्लिश कहानी को हिन्दीफ़ॉन्ट में परवर्तित कर सकते हैं 

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समाप्त
दा एंड

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sexstories said:
बहन की कुँवारी चूत का उद्घाटन

बंधुओ आपकी सेवा एक और तड़कती फड़कती कहानी लेकर हाजिर हूँ साथ बनाए रखिएगा

दोस्तो मेरा नाम राज है, ये कहानी तब की है जब मैं 11थ क्लास मे था और मैं देल्ही मे एक गँवरमेंट.कॉलोनी मे अपनी फॅमिली के साथ रहता था. मेरे फादर और मदर दोनो गँवरमेंट जॉब मे है, और मेरे अलावा मेरी एक सिस्टर भी है, उसका नाम पायल है, जो मुझसे 2 साल बड़ी है, मैं उन्हे हमेशा दीदी कह कर ही बुलाता हूँ. उन दीनो हम दोनो के बोर्ड के एग्ज़ॅम्स चल रहे थे.

मोम सुबह ऑफीस जाते हुए हम दोनो को स्कूल छोड़ देती जो वॉकिंग डिस्टेन्स पर ही था और वहाँ से हम दोनो एक साथ घर आ जाते, मोम हमारा लंच सुबह ही तैयार करके जाती थी, जिसे गर्म करके पायल दीदी मुझे बड़े प्यार से खिलाती.

एग्ज़ॅम्स के बाद हम दोनो को 2 महीने का ब्रेक मिला, और हम दोनो भाई बहन घंटों तक पार्क मे, घर पर अकेले या आस पड़ोस के दोस्तों के साथ खेलते रहते थे. उन दिनो हम एक गेम खेला करते थे जिसका नाम था स्टाचु (स्टॅच्यू).

इस गेम मे कोई भी, कभी भी एक दूसरे को स्टाचु बोल देता था और वो उसी पोज़िशन मे तब तक फ्रीज़ होकर खड़ा रहता जब तक स्टाचु बोलने वाला उसे रिलीस ना कर दे… और स्टाचु बने रहने के दौरान वो ना तो हिल सकता था, और ना ही कुछ बोल सकता था, वरना उसे सज़ा मिलती…शुरू मे तो वो गेम दूसरी गेम्स की तरह ही थी पर एक दिन उस खेल के दौरान सब बदल गया..यहाँ तक कि हम भाई बहन के रिश्ते भी..

उस दिन सुबह उठकर मैं बाथरूम के अंदर बने वाश्बेसिन मे ब्रश कर रहा था कि तभी पायल दीदी भागती हुई सी अंदर आई…

पायल : “ओ भाई, जल्दी से बाहर निकल, मुझे सूसू आया है ज़ोर से..”

मैने ब्रश मुँह मे रगड़ते हुए कहा : “अभी 5 मिनट और लगेंगे दीदी, रूको बस..”

पायल : “इतना टाइम नही है, ज़ोर से लगी है मुझे…”

मुझे अब हँसी आ गयी, वो भी मेरे साथ अक्सर ऐसा ही करती थी, मैं बाहर खड़ा हुआ चिल्लाता रहता और वो नहाने मे ज़्यादा से ज़्यादा टाइम लगाती..इसलिए मैं आराम से ब्रश करता रहा.

जब वो समझ गयी कि मैं उसी बात का बदला ले रहा हूँ तो उसने अचानक मुझे स्टाचु कहा.. और मैं जहाँ का तहाँ रुक गया… ब्रश मेरे मुँह मे था पर ना तो मैं हिल सकता था और ना ही कुछ बोल सकता था..

और वो झट से मेरे पीछे बने कॅमोड के पास आई और अपनी पयज़ामी खोलकर उसपर बैठ गयी…

मेरे तो कान गर्म से हो गये ये सोचकर कि मेरी सग़ी बहन ठीक मेरे पीछे बैठकर मूत रही है…

सुर्र्रर की आवाज़ के साथ उसकी एक ठंडी सी आह मुझे सुनाई दी, यानी वो रिलीव हो गयी थी अपना मूत निकाल कर… और जब वो उठी तो उसने अपनी कुरती को दांतो तले दबाया और अपनी पयज़ामी का नाडा बाँधने लगी… और यही वो मौका था जब मेरी नज़रें सामने वाले मिरर पर जमकर रह गयी, जहाँ से उसका प्रतिबिंब सॉफ दिख रहा था..और इस वक़्त मैं उसे नीचे से नंगा देख पा रहा था.

मैने लाइफ मे पहली बार चूत देखी और वो भी अपनी खुद की बहन की.

पायल दीदी जब खड़ी हुई तो उनकी चूत मुझे शीशे मे सॉफ दिख रही थी, उन्होने अपनी पैंटी उपर उठाई और फिर पयज़ामी के नाडे को बाँध कर अपना चेहरा उपर उठाया और तभी उनकी नज़रें सामने लगे मिरर से टकराई और मेरी घूरती हुई आँखो से आ मिली..

एक पल के लिए तो वो सकपका सी गयी, उन्हे पता चल चुका था कि मैने सब देख लिया है और ये सोचते ही उनकी आँखो मे गुलाबीपन सा उतर आया… मुझे तो लगा था कि वो गुस्सा हो जाएगी और मुझे मारेगी भी, पर ऐसा कुछ नही हुआ… वो धीरे से मुझे रिलीस बोलती हुई बाहर निकल गयी..

मैने ब्रश मुँह से निकाल कर एक गहरी साँस ली, कुल्ला करके मैं बाहर आया तो वो किचन मे मेरे लिए नाश्ता बना रही थी, उसके बाद उस बारे मे कोई बात नही हुई.

पर मैं सोफे पर बैठकर सोच रहा था कि दीदी ने मुझ पर गुस्सा क्यो नही किया…

मैने जो हरकत की थी उसके बाद तो वो मुझे मार भी सकती थी, मेरी शिकायत मोम से करने की धमकी देकर मुझसे घर के सारे काम भी करवा सकती थी, पर उन्होने ऐसा कुछ भी नही किया, मुझे इसी बात की हैरानी हो रही थी कि ऐसा ना करने के पीछे दीदी का क्या मकसद हो सकता है..

और तभी मेरे दिमाग़ की घंटी जल उठी… कहीं उन्हे ये बात पसंद तो नही आई की मैने उन्हे नीचे से नंगा देख लिया है…

इस तरह की बाते स्कूल मे अपने दोस्तों के साथ करने मे मज़ा तो मुझे भी बहुत आता था, कभी अपनी क्लास की लड़की के बारे मे या किसी टीचर के बारे मे बोलकर हम सभी दोस्त काफ़ी मज़ा लेते थे.. पर कभी अपनी माँ या बहन के बारे मे ऐसे गंदे विचार नही आए थे.

पर अपनी बहन के साथ हुई इस घटना के बाद आने लगे थे, अब मैं सोफे पर बैठा हुआ अपनी बहन को देख कर उसके बारे मे गंदा-2 सोचने लगा..

पायल दीदी के बूब्स छोटे-2 थे, टेन्निस बॉल जितने और उनका बॉडी स्ट्रक्चर भी नॉर्मल सा था, गान्ड वाले हिस्से पर कुछ ज़्यादा ही माँस था और इस वक़्त उन्हे किचन मे इधर से उधर हिलता हुआ देख कर मेरी नज़रें उनकी गान्ड पर ही जमी हुई थी..

पायल मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आई और मेरे सामने रख दिया और रखते हुए जब वो झुकी तो मेरी गंदी नज़रों ने पहली बार, जान बूझकर, उनकी कुरती के खुल्ले हुए गले की तरफ देखा…

और जो मुझे दिखा, उसके बाद तो मेरे लंड का बैठे रहना दुश्वार हो गया.. गला नीचे करने की वजह से उनके गले की गहरी घाटियाँ अंदर तक मुझे दिखाई दे गयी… दो पके हुए मोटे अमरूद ठीक मेरी नज़रों के सामने थे…

उनकी कसावट का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वो हिल भी नही रहे थे, एकदम किसी पत्थर की तरह जम कर चिपके हुए थे वो उनकी छाती से..

पर बाथरूम की तरह यहाँ भी मेरी गंदी नज़रों की चोरी पकड़ी गयी.

मैं उनके बूब्स को देख रहा था और वो मुझे

पायल : “आजकल कुछ ज़्यादा ही बदमाशियाँ दिखा रहे हो तुम”

और एक कातिलाना स्माइल देकर वो अपनी गान्ड मटकाती हुई फिर से किचन मे चली गयी..

मेरा मुँह खुल्ला का खुल्ला रह गया, दूसरी बार भी उन्होने कुछ नही कहा… एक तरह से देखा जाए तो मैने एक ही दिन मे उन्हे उपर से नीचे तक नंगा देख लिया था, पहले उनकी नंगी चूत और अब ये ऑलमोस्ट नंगे बूब्स… और दोनो ही बार उन्होने मुझे देखते हुए पकड़ा भी और मुस्कुराइ भी.. यानी उन्हे इस बात मे मज़ा आ रहा था…

भाई दीदी जब गांर देगी तब हमलोग को भी दिलवाना । हम तो बस बाथरूम में ही देख पाते है दीदी केआम या दिन अच्छा हुआ सोई हुई रही तो डरते डरते सलवार खोल कर बूर गांर। बुर तो चोदवा कर अच्छा हो गया है।
 
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