hotaks444
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मेरा तो रोम-2 पुलकित सा हो उठा.. और फिर एक पल के लिए रुककर उसने मेरे होंठों को अपनी जीभ से खोला और उन्हे फ्रेंच किस करने लगी… पहले धीरे-2 और फिर तेज़ी से… उसके मुँह से अजीव-2 सी आवाज़ें निकल रही थी, गहरी साँसे लेते हुए वो मुझे बुरी तहरा से स्मूच कर रही थी… शायद अपने भाई और कज़िन के सामने मुझे इस तरह किस करने की बात उसे अंदर तक उत्तेजित कर गयी थी और उसी रोमांच और उत्तेजना मे भरकर वो मुझपर टूट पड़ी थी..
और अब मुझे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था, इसलिए खाँसते हुए, नींद टूटने का नाटक करता हुआ मैं उठकर बैठ गया.
और सभी को अपने सामने इस तरह से खड़ा देख कर मैने हैरान होने का नाटक किया…
फिर पायल दी ने स्टेज संभाला
वो बोली : “देखो राज, डरो मत, ये सब मेरे कहने पर हो रहा है..”
इतना कहते हुए उसने शुरू से आख़िर तक की सारी बाते सामने रख दी… उसने तो ये भी बताया कि उसने जय भैया की सिनिमा हॉल मे बैठकर मूठ भी मारी थी… बेचारे जय का चेहरा देखने लायक था.
और फिर आख़िर मे वो बोली : “और मेरे और जय के रीलेशन को आगे बढ़ाने के लिए मुझे तुम दोनो को भी वही फ्रीडम देनी थी, और वो इसलिए भी ताकि ये बात हम चारो के बीच ही रह सके और इसलिए भी ताकि हम एक दूसरे के सामने भी बिना शर्म के वो सब कर सके जो चोरी छुपे करने मे लगे थे..”
मैने उसकी बात से सहमति जताई.. काजल भी अब तक सब कुछ समझ चुकी थी… और जय भी.
इसलिए पायल दी की बात ख़त्म होते ही काजल एक बार फिर से मुझपर टूट पड़ी..
आज की रात हम सभी भाई बहनो की लाइफ बदलने वाली थी.
काजल ने जैसे ही अपना चेहरा मेरे सामने किया, मैने उसे ज़ोर से पकड़ा और उसके होंठों पर टूट पड़ा… अब किस करने की बारी मेरी थी… मैं तो उसे अपने बिस्तर पर गिराकर उसके होंठों को चूस्ता चला गया…
ऐसा लग रहा था जैसे प्लेट मे सजाकर उसके गुलाबी होंठ मेरे बेड पर सज़ा कर रख दिए है.. मैं उसके नर्म मुलायम बूब्स को मसलता हुआ उसके होंठो का रस्पान कर रहा था, ऐसा करते हुए मुझे एक अलग ही तरह की एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी.
मुझे ये बात भी ज़्यादा एग्ज़ाइट कर रही थी कि इस वक़्त जय भैया मुझे घूर कर देख रहे है… उन्ही की बेहन को मैं उनके सामने अपने बिस्तर पर पटक कर मसल रहा था..
पायल दी ने जब देखा कि जय का सारा ध्यान वही पर है तो वो उसके करीब आई और अपनी बाहें जय भैया के गले मे डालकर उनसे लिपट गयी… और अपने होंठ उनके कान के करीब लाकर बोली : “अब उन्हे ही देखते रहोगे या कुछ करोगे भी… आइ आम बर्निंग फ्रॉम इनसाइड… कुछ करो ना जय भैया…”
उसने जब तड़प कर भैया बोला तो जय की उत्तेजना एकदम भड़क उठी… उसने उसे ज़ोर से अपनी बाहो मे भींच लिया और उसे पागलो की तरह चूमने लगा… उसके नाज़ुक शरीर को हवा मे उठा कर अपनी छाती से उसके बूब्स को रगड़ने लगा…
इसी बीच मेरे हाथ काजल की टी शर्ट मे घुस गये और मैने उसकी ब्रा कप्स को नीचे करके उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया… मेरे हाथो मे एक बार फिर से उसके मोटे निप्पल आ गये जिन्हे मैं अपनी उंगलियो के बीच लेकर मसल्ने लगा…
काजल ने अपने दोनो हाथ उपर कर दिए और पीछे पड़ा पिल्लो पकड़ कर धीरे से फुसफुसाई : “उम्म्म्ममम राज……. सकक्क्क्क्क करो इन्हे….. प्लीज़ सक्क्क्क मी निपल्स…..”
उसने ये बात बहुत धीरे से कही थी ताकि उसका भाई ना सुन सके…
मैने जय को देखा जो इस वक़्त पायल दी को हवा मे उठाकर उनके नर्म होंठों को चूस रहा था… उनका ध्यान हमारी तरफ नही था..
मैने काजल की टी शर्ट को उपर किया और पहली बार मैने उसके बूब्स को नंगा देखा… एकदम अमरूद के आकार के थे वो… उसपर अंगूर जितने मोटे निप्पल लगे थे जो मेरे मसल्ने की वजह से कुछ ज़्यादा ही मोटे हो चुके थे… मैने जी भरकर उन्हे देखा और फिर उसके चेहरे को… वो बेचैन होकर मुझसे अपने निप्पल्स की खुजली मिटवाना चाहती थी…
मेरी तरफ से देरी होते देख कर उसने खुद ही मेरे सिर को पकड़ा और अपने बूब पर लगा कर ज़ोर से दबा लिया….
मुझे ऐसा लगा जैसे मैने कोई बंगाली रसगुल्ला अपने मुँह मे भर लिया है, और उसमे से चाशनी निकल कर मेरे मुँह मे जा रही है.
इतना रसीला और मीठा रसगुल्ला तो मैने रियल लाइफ मे भी नही खाया था….
मेरे दांतो ने उसके मोटे निप्पल पर शिकंजा जमा कर उसे कुतरना शुरू कर दिया.. मेरे दांतो की चुभन से उसका शरीर हवा मे उठने लगा… मैने बारी-2 से उसके दोनो बूब्स को उसी तरह से चूसा… अपने दांतो से उसके नर्म बूब्स पर मैने टॅटू भी बनाया जो एक हफ्ते से पहले जाने वाला नही था..
और जैसे ही मैं अपनी कलाकारी काजल के बूब पर करके पीछे हुआ, मेरी नज़र जय भैया पर गयी… उनकी नज़रें मुझे ही घूर रही थी….
और अब मुझे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था, इसलिए खाँसते हुए, नींद टूटने का नाटक करता हुआ मैं उठकर बैठ गया.
और सभी को अपने सामने इस तरह से खड़ा देख कर मैने हैरान होने का नाटक किया…
फिर पायल दी ने स्टेज संभाला
वो बोली : “देखो राज, डरो मत, ये सब मेरे कहने पर हो रहा है..”
इतना कहते हुए उसने शुरू से आख़िर तक की सारी बाते सामने रख दी… उसने तो ये भी बताया कि उसने जय भैया की सिनिमा हॉल मे बैठकर मूठ भी मारी थी… बेचारे जय का चेहरा देखने लायक था.
और फिर आख़िर मे वो बोली : “और मेरे और जय के रीलेशन को आगे बढ़ाने के लिए मुझे तुम दोनो को भी वही फ्रीडम देनी थी, और वो इसलिए भी ताकि ये बात हम चारो के बीच ही रह सके और इसलिए भी ताकि हम एक दूसरे के सामने भी बिना शर्म के वो सब कर सके जो चोरी छुपे करने मे लगे थे..”
मैने उसकी बात से सहमति जताई.. काजल भी अब तक सब कुछ समझ चुकी थी… और जय भी.
इसलिए पायल दी की बात ख़त्म होते ही काजल एक बार फिर से मुझपर टूट पड़ी..
आज की रात हम सभी भाई बहनो की लाइफ बदलने वाली थी.
काजल ने जैसे ही अपना चेहरा मेरे सामने किया, मैने उसे ज़ोर से पकड़ा और उसके होंठों पर टूट पड़ा… अब किस करने की बारी मेरी थी… मैं तो उसे अपने बिस्तर पर गिराकर उसके होंठों को चूस्ता चला गया…
ऐसा लग रहा था जैसे प्लेट मे सजाकर उसके गुलाबी होंठ मेरे बेड पर सज़ा कर रख दिए है.. मैं उसके नर्म मुलायम बूब्स को मसलता हुआ उसके होंठो का रस्पान कर रहा था, ऐसा करते हुए मुझे एक अलग ही तरह की एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी.
मुझे ये बात भी ज़्यादा एग्ज़ाइट कर रही थी कि इस वक़्त जय भैया मुझे घूर कर देख रहे है… उन्ही की बेहन को मैं उनके सामने अपने बिस्तर पर पटक कर मसल रहा था..
पायल दी ने जब देखा कि जय का सारा ध्यान वही पर है तो वो उसके करीब आई और अपनी बाहें जय भैया के गले मे डालकर उनसे लिपट गयी… और अपने होंठ उनके कान के करीब लाकर बोली : “अब उन्हे ही देखते रहोगे या कुछ करोगे भी… आइ आम बर्निंग फ्रॉम इनसाइड… कुछ करो ना जय भैया…”
उसने जब तड़प कर भैया बोला तो जय की उत्तेजना एकदम भड़क उठी… उसने उसे ज़ोर से अपनी बाहो मे भींच लिया और उसे पागलो की तरह चूमने लगा… उसके नाज़ुक शरीर को हवा मे उठा कर अपनी छाती से उसके बूब्स को रगड़ने लगा…
इसी बीच मेरे हाथ काजल की टी शर्ट मे घुस गये और मैने उसकी ब्रा कप्स को नीचे करके उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया… मेरे हाथो मे एक बार फिर से उसके मोटे निप्पल आ गये जिन्हे मैं अपनी उंगलियो के बीच लेकर मसल्ने लगा…
काजल ने अपने दोनो हाथ उपर कर दिए और पीछे पड़ा पिल्लो पकड़ कर धीरे से फुसफुसाई : “उम्म्म्ममम राज……. सकक्क्क्क्क करो इन्हे….. प्लीज़ सक्क्क्क मी निपल्स…..”
उसने ये बात बहुत धीरे से कही थी ताकि उसका भाई ना सुन सके…
मैने जय को देखा जो इस वक़्त पायल दी को हवा मे उठाकर उनके नर्म होंठों को चूस रहा था… उनका ध्यान हमारी तरफ नही था..
मैने काजल की टी शर्ट को उपर किया और पहली बार मैने उसके बूब्स को नंगा देखा… एकदम अमरूद के आकार के थे वो… उसपर अंगूर जितने मोटे निप्पल लगे थे जो मेरे मसल्ने की वजह से कुछ ज़्यादा ही मोटे हो चुके थे… मैने जी भरकर उन्हे देखा और फिर उसके चेहरे को… वो बेचैन होकर मुझसे अपने निप्पल्स की खुजली मिटवाना चाहती थी…
मेरी तरफ से देरी होते देख कर उसने खुद ही मेरे सिर को पकड़ा और अपने बूब पर लगा कर ज़ोर से दबा लिया….
मुझे ऐसा लगा जैसे मैने कोई बंगाली रसगुल्ला अपने मुँह मे भर लिया है, और उसमे से चाशनी निकल कर मेरे मुँह मे जा रही है.
इतना रसीला और मीठा रसगुल्ला तो मैने रियल लाइफ मे भी नही खाया था….
मेरे दांतो ने उसके मोटे निप्पल पर शिकंजा जमा कर उसे कुतरना शुरू कर दिया.. मेरे दांतो की चुभन से उसका शरीर हवा मे उठने लगा… मैने बारी-2 से उसके दोनो बूब्स को उसी तरह से चूसा… अपने दांतो से उसके नर्म बूब्स पर मैने टॅटू भी बनाया जो एक हफ्ते से पहले जाने वाला नही था..
और जैसे ही मैं अपनी कलाकारी काजल के बूब पर करके पीछे हुआ, मेरी नज़र जय भैया पर गयी… उनकी नज़रें मुझे ही घूर रही थी….