hotaks444
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चाबी लेकर आशना गॅरेज की तरफ भागी और बिहारी काका ने अपने कमरे से चाबियो का गुच्छा लेकर घर को लॉक करना शुरू कर दिया. गॅरेज पहुँच कर एक पल के लिए आशना के कदम ठितके क्यूंकी यह चाबी किस गाड़ी की थी उसे पता नही था और वहाँ पर 4 गाड़ियाँ खड़ी थी. आशना ने बिना वक्त गवाए सबसे पिछली वाली गाड़ी के लॉक मे चाबी घुसाइ और घुमा दी. गाड़ी अनलॉक कर दी. जब तक आशना गाड़ी को मेन गेट पर लाती बिहारी काका दौड़ते हुए वहाँ पहुँच चुके थे. गाड़ी उनके पास रुकी तो बिहारी काका ने मेन गेट लॉक किया और पिछला दरवाज़ा खोल कर वो उस मे बैठ गये. तभी आशना के फोन की घंटी बजी. आशना ने जल्दी से बॅग खोल कर उस मे नंबर. देखा. डॉक्टर. बीना की कॅल आई थी. आशना ने कॉल पिक की और इससे पहले कि डॉक्टर. कुछ बोलती, आशना ने काका की तरफ देखकर डॉक्टर. से पूछा वीरेंदर को होश आ गया क्या डॉक्टर.
बीना: हां, वीरेंदर को अभी कुछ देर पहले ही होश आया है बस अभी कुछ देर मे उसका चेकप करने जा रही हूँ. डॉक्टर. अभय कल से आउट ऑफ स्टेशन गये हैं. आशना ने एक गहरी साँस ली और कहा डॉक्टर. एक बहुत ज़रूरी बात करनी है आपसे, इस लिए मेरे आने तक आप उनसे कोई बात नहीं करेंगी, यह कहकर आशना ने फोन काटा और गाड़ी दौड़ा दी.
बिहारी काका रास्ता बताते गये और 15 मिनट मे ही गाड़ी हॉस्पिटल की पार्किंग मे खड़ी थी. बिहारी काका को टॅक्सी का किराया देकर आशना हॉस्पिटल की ओर भागी. एंटर करते ही उसने डॉक्टर. रूम की तरफ अपने कदम मोड़ लिए. कॅबिन मे डॉक्टर. बीना अपनी चेर पर बैठ कर उसका वेट कर रही थी. जैसे ही आशना रूम के अंदर घुसी, बीना उसे देख कर चौंक गई. आशना के बिखरे बाल, लाल आँखें और अस्त व्यस्त हालत यह बता रही थी कि आशना सारी रात सोई नहीं और काफ़ी परेशान भी है. अंदर आते ही आशना ने बीना से कहा डॉक्टर. मुझे आपसे बहुत ज़रूरी बात करनी है.
बीना: कूल डाउन आशना, वीरेंदर को होश आ गया है और अब उसका हार्ट नॉर्मली वर्क कर रहा है. घबराने की कोई ज़रूरत नहीं. पहले तुम अटॅच वॉशरूम मे जाकर अपनी हालत सुधारो, तब तक मैं चाइ बनाती हूँ.
आशना बिना कुछ बोले वॉशरूम मे घुस गई और ठंडे पानी के छींटो से अपनी सुस्ती मिटाने लगी. अच्छी तरह से हाथ मूह धोकर और अपने बाल और कपड़ो की हालत सुधारकर वो बाहर आई. बाहर आते ही उसने देखा कि डॉक्टर. बीना चाइ बना रही हैं एक कॉर्नर मे छोटी सी किचन मे. आशना भी उनके साथ उसी किचेन मे आ गई.
डॉक्टर. बीना: हो गई फ्रेश?, गुड, चलो अब चाइ पीते हैं और मुझे सब कुछ डीटेल मे बताओ. यह कह कर उन्होने एक कप आशना की तरफ बढ़ाया. आशना ने कप पकड़ा और बाहर कॅबिन मे आकर एक चेर पर बैठ गई. बीना भी अपनी चेर पर बैठ गई अपने रूम को लॉक करने के बाद.
बीना: हां आशना अब बोलो ऐसा क्या हुआ जो तुम इतनी सुबह सुबह परेशान दिख रही हो. जब तुमने मुझे कॉल किया तो मे तब वॉश रूम मे थी, बाहर आकर अननोन नंबर. देखा तो पहले तो इग्नोर कर दिया पर फिर जब मेने कॉल किया तो तुम्हारी डरी हुई आवाज़ ने मुझे चौंका दिया. बोलो क्या बात है.
आशना: डॉक्टर., वीरेंदर भैया की डाइयरी मेने पढ़ी, उन्हे डाइयरी लिखने का शौक है और इस तरह से आशना ने उन्हे सारी बाते बता दी. सब कुछ जानने के बाद डॉक्टर. के चहरे पर भी चिंता की लकीरें देखी जा सकती थी.
डॉक्टर.: आशना सब कुछ जानने के बाद मैं बस इतना कह सकती हूँ कि वीरेंदर ने पिछले कुछ सालो मे बहुत कुछ सहा है और शायद उसका दिल अब और दर्द बर्दाश्त ना कर पाए. उसे किसी भी तरह खुश रखना होगा ताकि उसके दिल पर ज़्यादा दवाब ना पड़े और सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि उसकी शादी हो जानी चाहिए जिससे उसके जिस्म मे दौड़ता लहू अपनी लय मे दौड़ सके.
आशना: लेकिन डॉक्टर., क्या भैया पर शादी के लिए दवाब डालना ठीक रहेगा?
डॉक्टर. बीना: कुछ देर चुप रहने के बाद, आशना शायद तुम ठीक कह रही हो, दवाब मे हो सकता है कि उसके दिल पर बुरा असर पड़े. लेकिन इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं. उसकी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है जो उसे एग्ज़ाइट करे और वो मास्तरबेट या सेक्स करने पर मजबूर हो जाए.
आशना: डॉक्टर., आप कैसे कह सकती है कि अगर भैया की कोई गर्लफ्रेंड हो तो वो उसे मास्टरबेशन या सेक्स पर मजबूर कर सकती है? (अब आशना बिल्कुल खुल के डॉक्टर. से बात कर रही थी).
डॉक्टर. बीना: मुस्कुराते हुए, आशना यह जो औरत का जिस्म होता हैं ना यह तो बूढो मे भी जान देता है और वीरेंदर तो अभी काफ़ी जवान और हॅटा-कटा पुरुष है. मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ कि ऐसा ही होगा.
आशना कुछ देर डॉक्टर. की बातों पर गौर करती रही.
डॉक्टर.बीना: अच्छा आशना तुम चाहो तो यहाँ बैठो या मेरे साथ चल सकती हो मुझे एमर्जेन्सी वॉर्ड का एक राउंड लेना है उसके बाद वीरेंदर का चेकप करके तुम्हें दवाइयाँ समझाकर उसे डिसचार्ज कर दूँगी. आशना की कोई प्रतिक्रिया ना पाकर बीना ने अपना हाथ आशना के हाथो पर रखा. डॉक्टर. बीना के गरम हाथो हाथो का स्पर्श जब आशना के ठंडे हाथो पर पड़ा तो दोनो ने अपने अपने हाथ खेंच लिए. आशना इस लिए चौंकी कि बीना के गरम हाथो ने उसको ख़यालो की दुनिया से बाहर खैंच लिया और डॉक्टर. बीना इसलिए चौंकी क्यूंकी आशना के हाथ बरफ की तरह ठंडे थे. बीना एक सयानी डॉक्टर. थी वो जानती थी कि आशना या तो डरी हुई है या कुछ नर्वस है.
बीना: हां, वीरेंदर को अभी कुछ देर पहले ही होश आया है बस अभी कुछ देर मे उसका चेकप करने जा रही हूँ. डॉक्टर. अभय कल से आउट ऑफ स्टेशन गये हैं. आशना ने एक गहरी साँस ली और कहा डॉक्टर. एक बहुत ज़रूरी बात करनी है आपसे, इस लिए मेरे आने तक आप उनसे कोई बात नहीं करेंगी, यह कहकर आशना ने फोन काटा और गाड़ी दौड़ा दी.
बिहारी काका रास्ता बताते गये और 15 मिनट मे ही गाड़ी हॉस्पिटल की पार्किंग मे खड़ी थी. बिहारी काका को टॅक्सी का किराया देकर आशना हॉस्पिटल की ओर भागी. एंटर करते ही उसने डॉक्टर. रूम की तरफ अपने कदम मोड़ लिए. कॅबिन मे डॉक्टर. बीना अपनी चेर पर बैठ कर उसका वेट कर रही थी. जैसे ही आशना रूम के अंदर घुसी, बीना उसे देख कर चौंक गई. आशना के बिखरे बाल, लाल आँखें और अस्त व्यस्त हालत यह बता रही थी कि आशना सारी रात सोई नहीं और काफ़ी परेशान भी है. अंदर आते ही आशना ने बीना से कहा डॉक्टर. मुझे आपसे बहुत ज़रूरी बात करनी है.
बीना: कूल डाउन आशना, वीरेंदर को होश आ गया है और अब उसका हार्ट नॉर्मली वर्क कर रहा है. घबराने की कोई ज़रूरत नहीं. पहले तुम अटॅच वॉशरूम मे जाकर अपनी हालत सुधारो, तब तक मैं चाइ बनाती हूँ.
आशना बिना कुछ बोले वॉशरूम मे घुस गई और ठंडे पानी के छींटो से अपनी सुस्ती मिटाने लगी. अच्छी तरह से हाथ मूह धोकर और अपने बाल और कपड़ो की हालत सुधारकर वो बाहर आई. बाहर आते ही उसने देखा कि डॉक्टर. बीना चाइ बना रही हैं एक कॉर्नर मे छोटी सी किचन मे. आशना भी उनके साथ उसी किचेन मे आ गई.
डॉक्टर. बीना: हो गई फ्रेश?, गुड, चलो अब चाइ पीते हैं और मुझे सब कुछ डीटेल मे बताओ. यह कह कर उन्होने एक कप आशना की तरफ बढ़ाया. आशना ने कप पकड़ा और बाहर कॅबिन मे आकर एक चेर पर बैठ गई. बीना भी अपनी चेर पर बैठ गई अपने रूम को लॉक करने के बाद.
बीना: हां आशना अब बोलो ऐसा क्या हुआ जो तुम इतनी सुबह सुबह परेशान दिख रही हो. जब तुमने मुझे कॉल किया तो मे तब वॉश रूम मे थी, बाहर आकर अननोन नंबर. देखा तो पहले तो इग्नोर कर दिया पर फिर जब मेने कॉल किया तो तुम्हारी डरी हुई आवाज़ ने मुझे चौंका दिया. बोलो क्या बात है.
आशना: डॉक्टर., वीरेंदर भैया की डाइयरी मेने पढ़ी, उन्हे डाइयरी लिखने का शौक है और इस तरह से आशना ने उन्हे सारी बाते बता दी. सब कुछ जानने के बाद डॉक्टर. के चहरे पर भी चिंता की लकीरें देखी जा सकती थी.
डॉक्टर.: आशना सब कुछ जानने के बाद मैं बस इतना कह सकती हूँ कि वीरेंदर ने पिछले कुछ सालो मे बहुत कुछ सहा है और शायद उसका दिल अब और दर्द बर्दाश्त ना कर पाए. उसे किसी भी तरह खुश रखना होगा ताकि उसके दिल पर ज़्यादा दवाब ना पड़े और सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि उसकी शादी हो जानी चाहिए जिससे उसके जिस्म मे दौड़ता लहू अपनी लय मे दौड़ सके.
आशना: लेकिन डॉक्टर., क्या भैया पर शादी के लिए दवाब डालना ठीक रहेगा?
डॉक्टर. बीना: कुछ देर चुप रहने के बाद, आशना शायद तुम ठीक कह रही हो, दवाब मे हो सकता है कि उसके दिल पर बुरा असर पड़े. लेकिन इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं. उसकी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है जो उसे एग्ज़ाइट करे और वो मास्तरबेट या सेक्स करने पर मजबूर हो जाए.
आशना: डॉक्टर., आप कैसे कह सकती है कि अगर भैया की कोई गर्लफ्रेंड हो तो वो उसे मास्टरबेशन या सेक्स पर मजबूर कर सकती है? (अब आशना बिल्कुल खुल के डॉक्टर. से बात कर रही थी).
डॉक्टर. बीना: मुस्कुराते हुए, आशना यह जो औरत का जिस्म होता हैं ना यह तो बूढो मे भी जान देता है और वीरेंदर तो अभी काफ़ी जवान और हॅटा-कटा पुरुष है. मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ कि ऐसा ही होगा.
आशना कुछ देर डॉक्टर. की बातों पर गौर करती रही.
डॉक्टर.बीना: अच्छा आशना तुम चाहो तो यहाँ बैठो या मेरे साथ चल सकती हो मुझे एमर्जेन्सी वॉर्ड का एक राउंड लेना है उसके बाद वीरेंदर का चेकप करके तुम्हें दवाइयाँ समझाकर उसे डिसचार्ज कर दूँगी. आशना की कोई प्रतिक्रिया ना पाकर बीना ने अपना हाथ आशना के हाथो पर रखा. डॉक्टर. बीना के गरम हाथो हाथो का स्पर्श जब आशना के ठंडे हाथो पर पड़ा तो दोनो ने अपने अपने हाथ खेंच लिए. आशना इस लिए चौंकी कि बीना के गरम हाथो ने उसको ख़यालो की दुनिया से बाहर खैंच लिया और डॉक्टर. बीना इसलिए चौंकी क्यूंकी आशना के हाथ बरफ की तरह ठंडे थे. बीना एक सयानी डॉक्टर. थी वो जानती थी कि आशना या तो डरी हुई है या कुछ नर्वस है.