हाय दोस्तों, मेरा नाम पायल है। मैं अजमेर राजस्थान से हूँ और मेरी उम्र 19 साल है, मैं एक स्टूडेंट हूँ , रंग गोरा, स्लिम बॉडी, फिगर 32-28-30 है, यानी मस्त सेक्सी माल हूँ ।
मेरे पापा अमर जिनकी उम्र 45 साल, सरकारी ओफीसर, हाइट 5 फुट 9 इंच, लण्ड का साइज 7” इंच लंबा 2½” इंच मोटा।
मेरी मम्मी रागिनी जिनकी उम्र 41 साल, रंग गोरा, साइज 36-32-34 और हाइट 5 फुट 3 इंच है, वो भी सरकारी नौकर हैं, तो खुद को मेनटेन किया हुआ है।
मेरा भाई राहुल उम्र 25 साल, स्लिम बॉडी, लण्ड साइज 5 इंच लम्बा और 1½ इंच मोटा है, और हाइट 5 फुट 6 इंच है। ये जनाब बहुत दुखी हैं, पर सरकारी जॉब है।
मेरी भाभी रजनी जिसकी उम्र 23 साल, रंग गोरा, फिगर 34-30-32 है, स्लिम बोडी, हाइट 5 फुट दो इंच है। मेरी भाभी बहुत सेक्सी माल है या लड़की की भाषा में बोले तो एकदम पटाका आइटम है जो देखे उसके लण्ड में आग लगा देती है।
मैं भी अच्छों-अच्छों का लण्ड खड़ा कर देती हूँ , जब मैं छोटी ड्रेस पहनती हूँ ।
अब शुरू करते हैं स्टोरी को की कैसे मेरी भाभी ने मुझसे बदला लिया और मुझे चुदवाया और मेरी चूत , मुँह और गाण्ड को फडवा दिया। ये सब इस कहानी के हिस्से हैं, इसलिए सबके बारे में बताया है। अब आगे चलते हैं कहानी पर।
मेरी मम्मी पापा और भाई तीनों ने ही सरकारी नौकरी होने के कारण उन्होंने मुझे बड़े लाड़ प्यार से पाला है, और मुझे हर चीज दिलवा देते हैं। आज से एक साल पहले तक मैं कभी-कभी पॉर्न देख लेती थी या कभी-कभी मम्मी पापा की चुदाई देखकर खुद को शांत कर लेती थी। मेरे घर में 5 रूम हैं, तो सबके रूम अलग-अलग हैं। मेरा रूम मम्मी पापा के रूम से एक रूम छोड़कर है और भाई का मेरे बगल में है।
एक दिन हुआ यूँ की रात को करीब एक बजे मैं उठी तो मैं मूतने गई, तो देखा की मेरे मम्मी पापा के रूम की लाइट जल रही है, क्योंकी मेरे पापा उसी दिन घर आए थे। पापा की नौकरी दूसरे शहर में है, और मम्मी इसी शहर में हैं। तो मैंने सोचा की मम्मी पापा बात कर रहे होंगे, पर जब मैं मूतकर वापस आई तो मैंने देखा की उनके कमरे से आवाज आ रही है।
और ये आवाज बात की नहीं थी, किसी और चीज की थी। तो मैंने खिड़की से झाँक के अंदर देखा तो पापा और मम्मी एकदम नंगे थे और पापा मम्मी की चुचियों को चूस रहे थे और एक हाथ से मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे। और मम्मी की 36” साइज की चुचियों को मुँह में लेकर चूस रहे थे। मम्मी की बड़ी-बड़ी चुचियाँ देखकर मुझे कुछ होने लगा और मैं वही खड़ी होकर अंदर का नजारा देखने लगी। फिर पापा ने अपना अंडरवेर निकाल दिया, जैसे ही मैंने उनका लण्ड देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गईं।
पापा का 7” इंच लंबा लौड़ा देखकर मैं डर गई और सोचने लगी-“मम्मी कैसे ले पाती हैं इसे चूत में?”
उसके बाद पापा ने मम्मी से कुछ कहा, पर मुझे सुनाई नहीं दिया। फिर मम्मी पापा के लण्ड को चूस ने लगी और पापा मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे। कुछ देर बाद पापा ने मम्मी के मुँह से लण्ड निकाला तो लण्ड लाइट और मम्मी के थूक के कारण गीला था, तो चमक रहा था।
फिर पापा ने मम्मी को सीधा लिटाया और एक झटके में पूरा लौड़ा मम्मी की चूत में पेल दिया। मैं तो देखती ही रह गई और मम्मी की चूत में पापा का लण्ड पूरा घुस गया। मैं वही खड़ी-खड़ी उनकी चुदाई देखती रही, खुद की चूत को सहलाती रही और झड़ गई। उसके बाद मैंने उनकी चुदाई देखी और मैं आकर रूम में सो गई और फिर अक्सर उनकी चुदाई देखती और खुद की चूत में उंगली करती थी।
क्योंकी मेरे घर में मैं और मम्मी रहते थे क्योंकी भाई बाहर रहकर पढ़ रहा था तो वो महीनेमें एक बार आता था और पापा हर शनिवार को आते थे, तो मैं शनिवार को लाइव पॉर्न देखती थी। फिर भाई पढ़ाई पूरी करके घर आ गया। मुझे अब देखने का मोका नहीं मिलता था क्योंकी भाई का रूम बगल में होने के कारण डर लगता था।
फिर भाई की नौकरी लग गई, और फिर से भाई चला गया। तो मैं फिर से देखने लगी। मैं भी अब कालेज में आ चुकी थी, पर अभी तक मैंने कोई बायफ्रेंड नहीं बनाया था, ना ही चुदी थी बस चूत में एक उंगली डालती थी और मजा करती थी।
अब शुरू होती है असली कहानी की कैसे मेरी भाभी ने मुझसे बदला लिया और मुझे चुदवाया। बात आज से एक साल पहले की है, जब मेरे भाई की शादी रजनी से हुई। रजनी अपने बाप की एकलौती बेटी थी और बड़े लाड़ प्यार से बड़ी हुई, तो कुछ शोक भी हैं। वो बीयर पीती है। शादी के बाद पहली रात को भाई ने भाभी को खूब चोदा, ऐसा मुझे भाभी ने बताया, और कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल चलता रहा। और फिर भाई भी अपनी नौकरी पर चले गये। अब भाभी अकेली रहती थी। वो रात को सोने से पहले छुपकर वाइन पीती थी, जो भाई उसे लेकर देता था।
एक दिन मैं भाभी मेरे रूम में बैठे थे। तो मैंने भाभी से पूछा -“भाभी, कैसा लगा भाई?”
तो भाभी बोली-“कोई खास नहीं, पता नहीं मेरे माँ बाप ने क्या देखा?”
उसके ऐसा बोलने से मैं थोड़ा चौंक गई, पूछा -“क्या हुआ?”
तो बोली-“तेरी शादी होगी जब, तुझे पता चल जाएगा…”
तो मैं बोली-“भाभी, अपनी दोस्त समझो और बताओ की क्या कमी है भाई में? शायद हम उसे समझा दें?”
तो बोली-तुम उसे कभी सही नहीं कर सकती हो और मुझे उसके साथ ऐसा ही जीना पड़ेगा।
तो मैं जोर देते हुए बोली-“ऐसा क्या है जो सही नहीं हो सकता?”
तो भाभी बोली-“कुछ नहीं, पर मेरी किस्मत फूटी है जो मुझे ये मिला…”