आयशा और नेहा के साथ एक और लड़का कमरे में था,बहार ग्राउंड में परमिंदर अधमरा पड़ा था और पोलिस आने वाली थी नेहा ने आयशा से कुछ बाते अकेले में की थी आयशा अब थोड़ी शांत दिखाई दे रही थी,
'आयशा तुम जानती हो ना इसका मतलब क्या होगा,तुम एक मुसलमान लड़की हो और पोलिस केस का मतलब क्या होगा तुम्हे पता है ना,'
'अविनाश सर ये कहोगे आपसे मुझे ये उम्मीद नहीं थी,क्या मुस्लिम लड़की की कोई इज्जत नहीं होती,'नेहा के स्वर में गुस्सा था ,
'मेरा मतलब वो नहीं है नेहा पर क्या इसके घर वाले मानेंगे,मैं और मेरी पूरी पार्टी तुम्हारे साथ है,और दूसरी पार्टीया भी हमारा सपोर्ट करेंगी पर तुम अगर थोड़ी भी कमजोर हुई तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे और वो साफ़ साफ़ बच जायेगा,'
'सर मैं तैयार हु ,आप नहीं जानते वो कितना बड़ा दरिंदा है अगर बात सिर्फ मेरे जिस्म के इस्तमाल की होती तो शायद मैं उससे नहीं लडती,मेरी जैसी सीधी साधी लड़की अपना जिस्म उसे सौप देती पर वो दरिंदा तो मेरी पूरी जिन्दगी ही नारख बनाने वाला था ,मुझे बिकाऊ बनाने वाला था ,पता नहीं मुझ जैसी कितनी लडकिया इसका शिकार हुई होंगी ,(नेहा को अपनी याद आ गयी पर उसने कुछ भी एक्सप्रेस नहीं किया,)मुझे उन सब के लिए लड़ना है चाहे मेरे घर वाले माने या नहीं पर मैं इस दरिन्दे को सजा दिलवा के रहूंगी,'आयशा के चहरे पर दृढ़ता के भाव थे ,
'भगवान तुम्हारे साथ है मेरी बहन,तुम बहुत बहुद्दुर हो मैं तुम्हे न्याय दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दूंगा,पुलिस आती ही होगी ,जल्द से जल्द तुम्हारा मेडिकल टेस्ट भी कराना होगा,आज देखो तो भगवान की लीला की नेहा ने हमें परमिंदर के बारे में बताया की वो लडकियों को गन्दी गन्दी मेसेज करता है और हम उसे सबक सिखाने यहाँ पहुच गए ,(नेहा ने आयशा को आँखों से इशारा किया)और लड़ाई की आवाजे सुन दवाजा तोड़ दिया,'
अविनाश ने अपना हाथ प्यार से आयशा के सर पर और वहा से निकल गया,
अविनाश तिवारी ,यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट है,अपनी राजनीती,अच्छाई ,समाजसेवा और कर्मठता के कारन प्रसिद्द था,और अपने इन्ही गुणों के कारन कॉलेज की ही नहीं जिले की राजनीती में अच्छी पहुच रखता था,बड़े बड़े नेताओ से उसकी पहचान थी और इसी कारन नेहा को उसके स्कूल के दिनों से वो आकर्षित करता रहा वो नेहा का पहला क्रास था,और उसके ही कहने पर नेहा ने स्कूल चुनाव लड़े थे और अपनी सफलता दर्ज करायी थी ,उसे इस यूनिवर्सिटी का सबसे पावरफुल व्यक्ति कहे तो अतिशोक्ति नहीं होगी,उसने नेहा से कई बार कहा था की वो उसे भाई बोले पर नेहा उसे सर कहती थी और उसके सभी कार्यक्रमों में बढचढ के हिस्सा लेती थी,अविनाश 6'2" की हाईट वाला चौड़ा लड़का था,माथे पर लम्बा लाल टिका और सफ़ेद कुरता जींस उसकी पहचान थी,ऐसे तो लडकिय उसपर लट्टू थी पर उसे समाज सेवा का ही नशा था,उसके साथ होने से नेहा और आयशा निश्चिंत थे क्योकि वो सच के लिए किसी से भी भीड़ जाने से परहेज नहीं करता था,...
इधर राहुल होस्टल के पास बने गार्डन में बेचैन सा अपने एक दोस्त के साथ बैठा था उसका दोस्त अपने चश्मे को बार बार सीधा कर रहा था और सोच रहा था की ये साला कहा फस गया पर राहुल की बात ना मानने का नतीजा है बहुत बड़ी सजा ,
'चल बेटा काम पर लग जा और इस मोबाईल और लेपी के पासवर्ड जल्दी खोल दे,मुझे पूरा डाटा इस हार्ड ड्राइव में चाहिए ,'
'राहुल भाई तू मुझसे गलत काम तो नहीं करवा रहा है ना,सुबह से यहाँ बैठा रखा है और अन आ रहा है,'
'साले चूतिये जो बोल रहा हु वो कर ना,नेहा दि को बताऊँ क्या की तू होसियारी मार रहा है,'
'कर रहा हु ना भाई नेहा को बीच में क्यों ला रहा है,'
उस लड़के ने अपनी उंगलिया चलानी शुरू की और अपने बैग से ना जाने कितने टूल्स निकले,ये हमारे कंप्यूटर जीनियस देबुजीत बाबू थे प्यार से लोग इन्हें बाबु ही कहते थे बाबु इसलिए क्योकि ये बंगाली थे और नेहा के क्लास में पड़ते थे,नेहा पर बड़ा क्रश था बन्दे को पर था एक नम्बर का फत्तू अभी कंप्यूटर साइंस में ही इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था,
'अबे बंगाली जल्दी कर ना,टाइम नहीं है मेरे पास ये सब वापस रख के आना है मुझे,'
'कर रहा हु ना भाई,हा हो गया ,पूरा डेटा चाहिए क्या,'
'हा कुछ भी रह गया तो तेरी खाल खिचवा दूंगा ,'देबू ने गुस्से से राहुल को देखा,
'अरे मेरे प्यारे बाबु,इस काम के बदले तेरी नेहा दि से डेट फिक्स करा दूंगा,लेकिन किसी को कुछ बताना मत 'देबू का चहरा डेट सुनकर ही शर्म से लाल हो गया,
'सच्ची भाई,' 'अरे हा रे मेरे कंप्यूटर जीनियस ' देबू ने उंगली और तेजी से चलानी सुरु की
राहुल और नेहा दीदी अगर टीम की तरह कम करे तो कमल कर देते थे ,मैं किसी से ऐसी बाते नहीं कर पता था और मेरे सामने कोई नेहा दि का नाम भी लेने से पहले सोचता था,राहुल फुल मस्ती में नेहा दि के नाम पर लोगो से काम निकलवाता था और दीदी भी उसका सपोर्ट करती थी,
'ले भाई हो गया तेरा काम,'देबू ने खुश होते हुए कहा
'गुड अब इसका सारा डेटा उड़ा दे,और इस ड्राइव का सारा डेटा मेरे लेपी में कॉपी कर दे ,'
'यार सब मैं ही करू क्या ,मैं इसे फार्मेट करता हु तू अपने में कॉपी कर ले ,' 'ओके बाबु 'राहुल ने शरारत से देबू के गालो में हाथ मार दिया और देबू भी हस पड़ा,
सारा कम हो चूका था ,राहुल ने देबू को फोन करने बोल भागता होस्टल पहुचा वो परमिंदर के रूम पहुच लेपी और मोबाईल रख दिया और दुसरे रूम में अविनाश था उसने उसके बहार निकलने का इंतजार किया ,राहुल को देख नेहा खुश हो गयी
'भाई काम हो गया ना ,'राहुल ने ड्राइव नेहा को पकड़ा दि नेहा ने उसे अपने बैग में रख लिया,
'गुड भाई,आयशा अब तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है सभी लडकियों की जिंदगी अब सेफ है मैं इससे चेक करके सब फोर्मेट कर दूंगी,अगर इसमें सभी फोटोज नहीं हुई तब शायद प्रोब्लम होगी,'
'नेहा अब मुझे किसी बदनामी का दर नहीं है,चाहे वो मेरी फोटोज इन्टरनेट में ही क्यों ना डाल दे,'
'नहीं दि इसके अलावा उसके पास कोई और डिवाइस नहीं है जिसमे हो सेव करके रख सके मैंने पूरा रूम चेक कर लिया है,'
'गुड और इसके अलावा और कही कॉपी तो नहीं किया ना,और देबू को कोई शक तो नहीं हुआ ना ,'
'नहीं दि यही सिंगल कॉपी है,(झूट बोल दिया)और देबू के साथ एक चाय पि लेना मैं आपकी डेट फिक्स कर के आया हु उसके साथ,'नेहा के चहरे में स्माइल आ गयी
'सही किया मैं उसे सम्हाल लुंगी,चलो आयशा बहार चलते है,'
राहुल अपने कमरे में बैठा है और अपनी लेपी सुबह की डाली गयी हर फोल्डर को चेक कर रहा है अभी तक उसे कुछ हाथ नहीं लगा फालतू चीजो को कटता जा रहा है,अचानक उसकी आंखे चमकी उसे एक हिडन फोल्डर दिखाई दिया,उसे खोलते ही वो दंग रह गया करीब 15 लडकियों के नाम के फोल्डर बने हुए थे,उसे तो लगा साला अब तो उन मजा आ जायेगा,पर एक फोल्डर को देखते ही उसकी सांसे रुक गयी नाम था नेहा,,नेहा ने राहुल को परमिंदर के बारे कुछ नहीं बताया था,उसे बार इतना पता था की दीदी की सहेलियों को परेशान करता था,उसने कापते हाथो से उस फोल्डर को खोला तो उसे और बड़ा साक लगा इसमें बहुत से फोटोज थे और ना सिर्फ फोटोज विडिओ भी थे,उसने डूबे हुए दिल से एक विडिओ ऑन किया विडिओ ने दीदी स्कूल की यूनिफार्म में थी उसे फिर बड़ा साक लगा यानि दि परमिंदर को स्कूल से जानती थी हमें पता कैसे नहीं लगा,दीदी बड़े ही इठलाते हुए एक रूम में उछल खुद कर रही थी ये कमरा तो होस्टल का नहीं है ,डेट भी विडिओ के साथ छपे हुए थे यानि एक साल लगभग पुरानी है,दीदी 12th में रही होगी,तभी दीदी एक बड़े डबल बेड में बैठ जाती है और परमिंदर अपना केमरा एक जगह सेट कर देता है दीदी और वो बेड उसमे साफ साफ दिखाई दे रहे थे,वो उनकी स्कर्ट के अंदर हाथ घुसता है,
'नहीं ना अभी नहीं शादी के बाद करना,'पर परमिंदर रुकता नहीं और उनकी जन्घो को सहलाता हुआ उन्हें किस करने लगता है,
'जान मैंने तुम्हे बिना पेंटी के आने को कहा था ना तुम पहन के क्यों आई .'शायद उसके हाथ पेंटी तक पहुच चुके थे दीदी की आंखे बंद थी पर वो एक हाथ से उसके हाथो को अपने योनी को मसलने से रोक रही थी इसी खीचातानी में स्कर्ट पूरा ऊपर उठ जाता है और नेहा की जंघे साफ दिखने लगती है उसकी मदहोश आवाज परमिंदर के होठो में दबी है पर वो अब भी अपना हाथ नहीं हटा रही थी ,परमिंदर उनकी पिंक पेंटी के उपर से योनी को मसल रहा था,जिससे काम रस से पेंटी भीग चुकी थी पर वो दीदी के विरोध के कारन हाथ अंदर नहीं ले जा पा रहा था,
'तुम्हारे बोलने से मैं बिना पेंटी के घुमुंगी क्या ,'दीदी दूर भागती हुई बोली और बाथरूम में चली गयी, तभी परमिंदर का फोन बज उठता है ,परमिंदर लेट जाता है पर केमरा के पास ही उसका चेहरा दिखता है साइड से,
'कमाल की लड़की दिलाया है साले,अभी तक अनछुई है पर जल्द्दी ही सील तोडूंगा फिर मिल के खायेंगे साली को ,'थोड़ी देर रूककर,'तू फिकर मत कर चिड़िया नयी है उछालेगी ही पर वादा है मेरा तुम दोनो ने मुझसे इसकी दोस्ती करायी है तो तुम दोनों को जरुर भोग लगवाऊंगा,साली कॉलेज आने दे इसे फिर दौड़ा दौड़ा के होस्टल में पेलेंगे,'एक गन्दी हसी उसके चहरे पर आ जाती है,राहुल कपने लगता है दोनों ने दोस्ती करायी इसका मतलब क्या हुआ,उसका मन घबराने लगता है,तभी नेहा बहार आती है परमिंदर फिर से उसपर टूट पड़ता है,
और इस बार वो उसके उपर लेता हुआ होता है,उसे किस कर रहा होता है,दीदी उसे किस तो कर रही है अपने निचे उनके हाथो का संघर्ष जारी है,उनका स्कर्ट पूरी तरह ऊपर था और जंघे चमक रही थी आखिर परमिंदर अपना हाथ अंदर घुसाने में कामियाब हो जाता है और ये क्या दीदी टूट सी जाती है अपना हाथ निचे से हटाकर परमिंदर के सर पर ले आती है ,वो सर को सहलाने लगती है दोनों की जीभे एक दुसरे में मिली हुई है और दीदी की आंखे बंद है,परमिंदर अपना खेल जरी रखता है और पेंटी पकड़कर निचे खीच देता है ये अचानक हुआ झटका दीदी को समझ आय तब तक देर हो चुकी थी और उनकी पेंटी कमर से नीची और जन्घो के अंत तक आ गयी वो कसमसाकर अपने हाथो को निचे लाती है पर कोई फायदा नहीं होने वाला था,थोड़ी देर के लिए किस टूटती है नेहा गुस्से से देखती है पर परमिंदर फिर से उसे प्यार से किस करने लगता है ,और एक उंगली उनकी योनी में घुसा देता है ,दीदी थोड़ी देर छटपटाती है पर उनका हाथ फी उसके सर में जादा जोर से पकड़ लेती है ,ये पूरा दृश्य राहुल को उत्तेजित करने को काफी था उसने अपने लिंग को बहार निकल लिया दीदी की बिना बालो की योनी को देख और उसमे घुसते एक उंगली को देख राहुल का लिंग फटने को हो गया उसने अपने हाथ से इसे पकड़ा,इधर परमिंदर अपना पायजामा निचे करता है उसने अंदर कुछ पहना ही नहीं होता,पायजामा के निचे होने के आभास से नेहा बहुत जोरदार विरोध दिखाती है पर परमिंदर दोनों हाथो से उसका सर पकड़ा है और उसके मुह में अपनी जीभ घुसाई है,नेहा इतना विरोध कर रही थी की परमिंदर को अपना हाथ निचे ले जाने का मौका ही नहीं मिल रहा था और उसका लिंग बार बार फिसल जाता था वो अपना हाथ निचे लाकर सेट करता तो नेहा कमर हिलाकर और दोनों हाथो को निचे लाकर उसे रोकती वो उसके हाथो को ऊपर एक हाथ से पकडे हुए था पर फिर भी वो कामियाब ना हो पाया,आखिर तंग आकर उसने अपने दोनों हाथो से फिर कोसीसी की पर इस बार नेहा का हाथ आजाद हो गया और उसने एक जोरदार धक्का परमिंदर को मर दिया,परमिंदर गुस्से में अपना हाथ उठाया पर ना जाने क्या सोचकर रुक गया ,
'जान प्लीज् तुम मुझसे प्यार नहीं करती क्या,'
'आप ये क्या कर रहो प्यार करती हु बहुत करती हु पर ये सब नहीं ,प्यार करती हु तभी सबसे झूठ बोलकर इस होटल में आपसे मिलने आ गयी ,और आप मेरे साथ छि ,'दि ने तुरंत अपने कपडे ठीक किये और बाथरूम में घुस गयी ,परमिंदर बहुत गुस्से में लग रहा था उनके अंदर जाने के बाद ,
'छि साली फिर बच गयी लगता है साली के साथ अब दूसरा रास्ता ही अपनाना पड़ेगा,'
तभी राहुल का फोन बजा,उसने स्क्रीन में देखा आकाश का फोन था वो ग्लानी से भर गया,उसने अपनी हालत देखि तो उसके आँखों में आंसू आ गए ,
'थैंक्स मेरे भाई तूने बड़ा कम कर दिया दीदी का ,'
'दीदी का ??,' राहुल के आवाज में आश्चर्य था की दीदी ने मुझे भी परमिंदर के बारे में बताया है क्या वो भूल ही गया की दीदी ने उसे भी अपने बारे में नहीं बताया है,
'हा कॉलेज की हर लडकिया तेरी दीदी ही तो है ,' दीदी की आवाज आई स्पीकर आन था
'अच्छा आप भी है साथ,' 'क्या कर रहा है,'राहुल थोडा ठिठक गया
'कुछ नहीं भाई बस तुम लोग क्या कर रहे हो ,आज तो दि ने उस बेचारी लड़की को बचा ही लिया,'
'कुछ नहीं बस सोने की तयारी,सोचा तुझे कॉल कर लू तू घर भी नहीं आया ,मैं तो दि को लपेट के पकड़ा हु तू अकेला सो बेटा ,मैंने दि को किस करते हुए कहा,'
'भाई मैं सो रहा हु थोडा थक सा गया हु,' 'तुझे क्या हुआ बे सब ठीक तो है ना यही आजा तू भी '
राहुल का गला भर रहा था ,उसने रखना ही ठीक समझा,'भाई कुछ नहीं हुआ मैं कल मिलता हु,'
राहुल स्क्रीन की तरफ देखता है पर उसे अब इतनी हिम्मत नहीं हुई की वो पूरा देखे उसने ये सभी फाइल डिलीट करने की सोची पर उसे आया वो दो लोग जिन्होंने दीदी को परमिन्दर से मिलवाया,उसके लिए ये ख़तम करना आसान नहीं था आखिर उसने निश्चय किया की वो सभी को देखेगा और सच का पता लगाएगा...पर अभी उसने सोना ही ठीक