hotaks444
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साला बहन्चोद कहीं का
अशोक सुबह सुबह जब सो कर उठता है तो उसका लंड एकदम टाइट होता है.....
वो अंगड़ाई लेते हुए अपने लंड को मसलता है ऑर उठ आर जाता है बाथरूम की ओर... वहाँ उसकी बेहन मनीषा झुकी हुई झाड़ू मार रही थी ऑर उसने नाइटी पहनी थी जो कि एक शर्ट ऑर पाजामा था ऑर वो झाड़ू मारती हुई पीछे आ रही थी उसको उसकी बेहन की मोटी गान्ड अपनी तरफ आते देख कर वो अपने लंड को मसल्ने लगा ऑर मन मे कह रहा था आओ दीदी आओ ऑर अपनी इस मदमस्त गान्ड को अपने भाई के लंड पे लगा दो.... फिर वो अपने एक हाथ मे ब्रश पकड़े खड़ा था ऑर दूसरे हाथ से अपने लंड को सहला रहा था... जब उसकी बेहन उसके करीब आती गयी उसने अपना लंबा मोटा लंड पाजामे के बाहर निकाल लिया ऑर उसकी बेहन की अपने पास आती हुई गान्ड की सीध मे जा कर खड़ा हो गया ऑर उतेजना से पूरा भर चुका था अशोक .
उसका मन यही कर रहा था कि आज अपना लंड घुसा दूं दीदी की गान्ड मे... वो पूरे जोश मे अपना लंड बाहर निकाले खड़ा था ऑर उसकी बेहन झाड़ू मारते हुवे उल्टी पीछे पीछे आ रही थी जेसे जेसे उसकी दीदी की गान्ड उसके लंड के पास आ रही थी वैसे वैसे उसका लंड ऑर कड़क हो रहा था बस कुछ ही पॅलो मे उसका लंड अपनी बेहन की गान्ड मे सटने वाला था... अशोक के मन मे मिक्स फीलिंग्स चल रही थी वो डर भी रहा था ऑर उसे मज़ा भी आ रहा था.. अब जेसे ही उसकी दीदी की गान्ड उसके लंड से एक इंच की दूरी पे थी उसने झट से अपना लंड हटा दिया ऑर उसे वापिस पाजामे मे डाल दिया....
अशोक- गुड मॉर्निंग दीदी.
मनीषा- गुड मॉर्निंग अशोक.. चल जल्दी से नहा ले ऑर जा काम पे मुझे भी घर का काम करना है..
अशोक आलसियो की तराहा. हाँ दीदी जाता हूँ इतनी मरी क्यूँ कर रही हो...?
मनीषा- अभी घर का बोहोत काम करना बाकी है ऑर मुझे मेरा टीवी शो मिस नही करना है
अशोक सुबह सुबह जब सो कर उठता है तो उसका लंड एकदम टाइट होता है.....
वो अंगड़ाई लेते हुए अपने लंड को मसलता है ऑर उठ आर जाता है बाथरूम की ओर... वहाँ उसकी बेहन मनीषा झुकी हुई झाड़ू मार रही थी ऑर उसने नाइटी पहनी थी जो कि एक शर्ट ऑर पाजामा था ऑर वो झाड़ू मारती हुई पीछे आ रही थी उसको उसकी बेहन की मोटी गान्ड अपनी तरफ आते देख कर वो अपने लंड को मसल्ने लगा ऑर मन मे कह रहा था आओ दीदी आओ ऑर अपनी इस मदमस्त गान्ड को अपने भाई के लंड पे लगा दो.... फिर वो अपने एक हाथ मे ब्रश पकड़े खड़ा था ऑर दूसरे हाथ से अपने लंड को सहला रहा था... जब उसकी बेहन उसके करीब आती गयी उसने अपना लंबा मोटा लंड पाजामे के बाहर निकाल लिया ऑर उसकी बेहन की अपने पास आती हुई गान्ड की सीध मे जा कर खड़ा हो गया ऑर उतेजना से पूरा भर चुका था अशोक .
उसका मन यही कर रहा था कि आज अपना लंड घुसा दूं दीदी की गान्ड मे... वो पूरे जोश मे अपना लंड बाहर निकाले खड़ा था ऑर उसकी बेहन झाड़ू मारते हुवे उल्टी पीछे पीछे आ रही थी जेसे जेसे उसकी दीदी की गान्ड उसके लंड के पास आ रही थी वैसे वैसे उसका लंड ऑर कड़क हो रहा था बस कुछ ही पॅलो मे उसका लंड अपनी बेहन की गान्ड मे सटने वाला था... अशोक के मन मे मिक्स फीलिंग्स चल रही थी वो डर भी रहा था ऑर उसे मज़ा भी आ रहा था.. अब जेसे ही उसकी दीदी की गान्ड उसके लंड से एक इंच की दूरी पे थी उसने झट से अपना लंड हटा दिया ऑर उसे वापिस पाजामे मे डाल दिया....
अशोक- गुड मॉर्निंग दीदी.
मनीषा- गुड मॉर्निंग अशोक.. चल जल्दी से नहा ले ऑर जा काम पे मुझे भी घर का काम करना है..
अशोक आलसियो की तराहा. हाँ दीदी जाता हूँ इतनी मरी क्यूँ कर रही हो...?
मनीषा- अभी घर का बोहोत काम करना बाकी है ऑर मुझे मेरा टीवी शो मिस नही करना है