hotaks444
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“गीता मैं तो दीवानी हूँ दीवानी गांड मरवाने की. मुझे अलग अलग मर्दों से गांड मरवाने में बड़ा मज़ा आता है. मुझे मुन्ना से गांड मरवाने में बड़ा आनंद आता है. कुत्ता ऐसे चोदता है जैसे किसी रंडी छिनाल को चोद रहा हो. बड़ा मज़ा आता है गीता. अभी जब तुझे चोदेगा तो ख़ूब चीखें मारते हुए चुदवाना. औरत की चीखें सुन के तो मुन्ना और पागल हो जाता है और गांड ओखली की तरह धून के रख देता है.” मम्मी गीता दीदी की जैसे ट्रेनिंग कर रहीं थीं.
“पर मम्मी मेरी गांड में तो अभी से दर्द हो रहा है जबकि अभी तो मुन्ना काका ने सिर्फ अपने लंड की नोंक ही भीतर घुसाई है. जबकि काका तो पिछले हफ्ते भी मेरी गांड मार चुके है फिर इतना दर्द क्यूँ होता है मुझे?? आप तो मस्त होके गांड में लंड का मज़ा लेती हो पर मुझे इतना दर्द क्यूँ होता है मम्मी??”
“अरी मेरी गुड़िया...... “नथ पहनाते” टाइम तो दर्द हमेशा होता है. न तेरी गांड दो दिन से चुदी है न मेरी. हम दोनों की गांड की नथ उतर गयी है और हम दोनों की गांड में फिर से पनीर जम गया है. गांड मरवाने के दो दिन बाद ही गांड में पनीर जम जाता है. और गांड का पनीर जितना पुराना होता है मर्द को उतना ही ज्यादा मज़ा आता है और औरत को उतनी ही ज्यादा तकलीफ़. वैसे आम औरतों की नथ तीन चार दिन तक बिना चुदे रहने से उतरती है पर मेरी गांड दो दिन में ही नथ उतार देती है. तभी तो मुन्ना मुझे अक्सर दो दो दिन छोड़ छोड़ के चोदता है गांड में. ताकी वो बार बार मुझे नथ पहनाने का मज़ा ले सके. तू भी शायद मेरे पे गयी है. लगता है तेरी गांड भी जल्दी नथ छोड़ देती है. चल बस आधे घंटे में ये दोनों गांडखोर हम दोनों की गांडो को नथ पहना देंगे और हम दोनों की गांड मस्त रवां हो जाएगी. तब बड़ा मज़ा आएगा गांड मरवाने में.”
“आआईईस्ससीईयययययी ....ध्ध्धध्धीईईईईईईईईईईईइरेरेरे ..... नंन्नन्नदूऊऊ ...”
“आआआआआआअ .......काका मरर्रर्रर गयी.....”
नंदू और मुन्ना ने एक साथ दीदी और सुधिया की गांड में धक्के मारे और दोनों दर्द से चीख पड़ीं. और फिर तो दीदी और मम्मी दोनों 15 मिनट तक दर्द से चीखें मारती रहीं. दोनों घोड़ों में बस ये होड़ लगी थी कि कोन पहले गांड पनीर फाड़ने में कामयाब होता है. दोनों मर्दों को काफी महनत करनी पड़ रही थी. दोनों ज़ोर लगा कर अपने मोटे लम्बे लंडों को दोनों कुतियों की गांड में घुसा रहे थे.
“ओह्ह्ह्ह मम्मी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है.........आआऐईईईम्म्म्मम्म्मम्म्म्मा......काका को बोलो न........मुम्म्मम्ममी ...............मरर गयी.”
“बस इक बार पनीर फाड़ दू तेरी गांड का रंडी फिर देख कैसे तुझे हुमच हुमच के चोदुंगा. तुझे तेरी मम्मी, नानी, दादी सब याद आ जाएगी आज. अबे नंदू इस लंगड़ी की गांड में लगता है कुछ ज्यादा ही पनीर जम गया. मेरा लंड तो अभी आधा भी अंदर नहीं गया. लगता है तू ही मुझसे पहले पहना देगा अपनी घोड़ी को नथ. क्यूँ सुधिया मज़ा आ रहा है नंदू से गांड फड़वाने में? मुझे तो आज तेरी ये रंडी बेटी पागल ही कर देगी. ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ........... कितनी टाईट गांड है सुधिया इस लंगड़ी रांड की.........आःह्ह्ह......बड़ा मज़ा आ रहा है नंदू. सुधिया की मस्त पकी हुई अधेड़ गांड से बिलकुल अलग मज़ा है इस लंगड़ी की कच्ची गांड का.” मुन्ना काका को दीदी की गांड में लंड डालकर बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था और वो अपनी किस्मत को दात दे रहे थे कि इतनी कम उम्र की लड़की उनसे अपनी गांड मरवा रही थी.
उधर नंदू की भी हालत खस्ता हो रही थी. उसका लंड लगभग 6 इंच मम्मी की गांड में घुस गया था और उसके चेहरे से ही लग रहा था कि उसे अत्याधिक आनंद आ रहा था. उसने कस के मम्मी के नंगे चूतड़ पकड़े हुए थे और अपने लंड को उस गरम गांड में और अंदर डालने में लगा था.
“ओह्ह .......चाआअचा ..........मस्त है रे इस सुधिया की गांड तो.....उन्फफ्फ्फ्फ़.........बहनचोद ......कितनी गरम और गहरी है.......मेरे तो लंड के तोते बोल गए चाचा इस हंडिया सी गांड में घुस के. और देखो तो रंडी कैसे रम्भा रही है जैसे पहली बार गांड मरवा रही हो.” नंदू गांड चोदने से पागल सा हो गया था.
पर वो सही कह रहा था. मम्मी सच में बहुत ज़ोर से दहाड़ रहीं थीं. उनके चेहरे पे भी दर्द साफ़ नज़र आ रहा था.
“आआआआआआआआआआअ ..........य्य्य्यय्य्य्य .......... थोड़ा और मक्खन लगा ले गांड में नंदू .........फिर डालना. अभी तो मेरी जान निकल रही है तेरे लंड से. उन्न्न्नन्न्न्नन्न्न्न ........ कुत्ते.....नन्दूऊऊऊऊऊउ......मेरी गांड फाड़ दी तूने आज. हाय्य्य्यय्य्य्यी ......रीईईईए ..हरामी की औलाद......आज के बाद कभी हाथ भी नहीं लगाने दूंगी तुझे अपनी गांड पे. चोदना अपनी माँ रम्भा की अरु सज्जो की.”
“मेरी बेबो सुधिया.........रम्भा की भी चोदी है और सज्जो की भी पर तुम्हारी गांड में अलग ही मज़ा आ रहा है. आंन्ह्ह्ह हाआअ ....... कितनी मस्त, भरवां और फूली हुई है. आज तो चोद चोद के बुरी तरह चटका डालूँगा तेरी ये हंडिया रंडी. “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”...... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह .....ले रंडी.........उन्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह......हो गया.......” नंदू ने लंड को पूरा मम्मी की गांड में दाल दिया और उनकी नंगी गांड पे दोनों हाथों से थप्पड़ लगा के अपनी जीत का ऐलान सा करने लगा.
“मैंने तो फाड़ डाला चाचा इस रांड का गांड पनीर .......... मस्त भट्टी सी गरम हो रही है काकी की गांड अंदर से. मुझे तो तुम से जलन हो रही है चाचा कि तुम पिछले 8 साल से चोद रहे हो इस मस्त कददू जैसी गांड को. उन्न्नन्ह्ह कितना ठूंस ठूंस के मज़ा भरा है इस रंडी औरत की गांड में चाचा...........मस्ती में फुदक रहा है लंड. आआआआआआअह्ह्ह्ह ............. काकीईईईईईईईईईईईईईइ...............”
“हाय रे तूने तो जान ही निकाल दी कमीने ...............नंदू.............बदमाश........ऐसे घुसेड़ा जाता है क्या किसी औरत की गांड में लंड. ऐसा लग रहा है जैसे गांड में बेहद गरम लोहे की रोड दाल दी हो. और अभी भी कितना दुःख रहा है.......उन्न्न्हह्ह्हह्ह्ह्ह हुन्न्न”
उधर मुन्ना ने भी गीता दीदी के मस्त चूतडों को पकड़ कर कई ज़ोरदार धक्के एक के बाद एक मारे और अपने गरम ऐंठे हुए लंड को जड़ तक दीदी की गांड में फिट कर दिया. मुन्ना के इतने ताकतवर धक्को ने दीदी के मुंह से चीखें और आँखों से आंसू निकाल दिए. दीदी की हालत ख़राब हो गयी थी.
“ऊऊईईईईईईईईईम्मम्मम्माआआआआआआआआआआआअ .... देखो न मुन्ना ने मेरी गांड का क्या हाल कर दिया...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ..............मुझे नहीं मरवानी गांड......मम्मी बोलो न मुन्ना को मेरी गांड से लंड बाहर निकलने के लिए..... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ...मुझे बड़ा दर्द हो रहा है.” दीदी ज़ोर ज़ोर से सीसक रहीं थी.
क्या नज़ारा था...........दीदी एकदम नंगी थी, घोड़ी बनी सुबक रहीं थीं और उनकी गांड में लगभग 8 इंच लम्बा और बेहद मोटा नाग जड़ तक अंदर घुसा पड़ा था. और उधर मम्मी ठीक दीदी के बगल में उनसे चिपकी हुई घोड़ी बनी हुई थी और उनकी गांड में भी जवान नंदू का लंड ऐसे घुसा हुआ था जैसे कोई तलवार पूरी की पूरी अपनी म्यान में घुसी हो. और मुन्ना और नंदू दोनों बिलकुल स्थिर खड़े अपनी अपनी घोड़ियों के नंगे चूतड़ सहला रहे थे और दोनों की आँखें मज़ा से बंद थीं.
मम्मी दीदी से बोलीं:
“पर मम्मी मेरी गांड में तो अभी से दर्द हो रहा है जबकि अभी तो मुन्ना काका ने सिर्फ अपने लंड की नोंक ही भीतर घुसाई है. जबकि काका तो पिछले हफ्ते भी मेरी गांड मार चुके है फिर इतना दर्द क्यूँ होता है मुझे?? आप तो मस्त होके गांड में लंड का मज़ा लेती हो पर मुझे इतना दर्द क्यूँ होता है मम्मी??”
“अरी मेरी गुड़िया...... “नथ पहनाते” टाइम तो दर्द हमेशा होता है. न तेरी गांड दो दिन से चुदी है न मेरी. हम दोनों की गांड की नथ उतर गयी है और हम दोनों की गांड में फिर से पनीर जम गया है. गांड मरवाने के दो दिन बाद ही गांड में पनीर जम जाता है. और गांड का पनीर जितना पुराना होता है मर्द को उतना ही ज्यादा मज़ा आता है और औरत को उतनी ही ज्यादा तकलीफ़. वैसे आम औरतों की नथ तीन चार दिन तक बिना चुदे रहने से उतरती है पर मेरी गांड दो दिन में ही नथ उतार देती है. तभी तो मुन्ना मुझे अक्सर दो दो दिन छोड़ छोड़ के चोदता है गांड में. ताकी वो बार बार मुझे नथ पहनाने का मज़ा ले सके. तू भी शायद मेरे पे गयी है. लगता है तेरी गांड भी जल्दी नथ छोड़ देती है. चल बस आधे घंटे में ये दोनों गांडखोर हम दोनों की गांडो को नथ पहना देंगे और हम दोनों की गांड मस्त रवां हो जाएगी. तब बड़ा मज़ा आएगा गांड मरवाने में.”
“आआईईस्ससीईयययययी ....ध्ध्धध्धीईईईईईईईईईईईइरेरेरे ..... नंन्नन्नदूऊऊ ...”
“आआआआआआअ .......काका मरर्रर्रर गयी.....”
नंदू और मुन्ना ने एक साथ दीदी और सुधिया की गांड में धक्के मारे और दोनों दर्द से चीख पड़ीं. और फिर तो दीदी और मम्मी दोनों 15 मिनट तक दर्द से चीखें मारती रहीं. दोनों घोड़ों में बस ये होड़ लगी थी कि कोन पहले गांड पनीर फाड़ने में कामयाब होता है. दोनों मर्दों को काफी महनत करनी पड़ रही थी. दोनों ज़ोर लगा कर अपने मोटे लम्बे लंडों को दोनों कुतियों की गांड में घुसा रहे थे.
“ओह्ह्ह्ह मम्मी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है.........आआऐईईईम्म्म्मम्म्मम्म्म्मा......काका को बोलो न........मुम्म्मम्ममी ...............मरर गयी.”
“बस इक बार पनीर फाड़ दू तेरी गांड का रंडी फिर देख कैसे तुझे हुमच हुमच के चोदुंगा. तुझे तेरी मम्मी, नानी, दादी सब याद आ जाएगी आज. अबे नंदू इस लंगड़ी की गांड में लगता है कुछ ज्यादा ही पनीर जम गया. मेरा लंड तो अभी आधा भी अंदर नहीं गया. लगता है तू ही मुझसे पहले पहना देगा अपनी घोड़ी को नथ. क्यूँ सुधिया मज़ा आ रहा है नंदू से गांड फड़वाने में? मुझे तो आज तेरी ये रंडी बेटी पागल ही कर देगी. ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ........... कितनी टाईट गांड है सुधिया इस लंगड़ी रांड की.........आःह्ह्ह......बड़ा मज़ा आ रहा है नंदू. सुधिया की मस्त पकी हुई अधेड़ गांड से बिलकुल अलग मज़ा है इस लंगड़ी की कच्ची गांड का.” मुन्ना काका को दीदी की गांड में लंड डालकर बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था और वो अपनी किस्मत को दात दे रहे थे कि इतनी कम उम्र की लड़की उनसे अपनी गांड मरवा रही थी.
उधर नंदू की भी हालत खस्ता हो रही थी. उसका लंड लगभग 6 इंच मम्मी की गांड में घुस गया था और उसके चेहरे से ही लग रहा था कि उसे अत्याधिक आनंद आ रहा था. उसने कस के मम्मी के नंगे चूतड़ पकड़े हुए थे और अपने लंड को उस गरम गांड में और अंदर डालने में लगा था.
“ओह्ह .......चाआअचा ..........मस्त है रे इस सुधिया की गांड तो.....उन्फफ्फ्फ्फ़.........बहनचोद ......कितनी गरम और गहरी है.......मेरे तो लंड के तोते बोल गए चाचा इस हंडिया सी गांड में घुस के. और देखो तो रंडी कैसे रम्भा रही है जैसे पहली बार गांड मरवा रही हो.” नंदू गांड चोदने से पागल सा हो गया था.
पर वो सही कह रहा था. मम्मी सच में बहुत ज़ोर से दहाड़ रहीं थीं. उनके चेहरे पे भी दर्द साफ़ नज़र आ रहा था.
“आआआआआआआआआआअ ..........य्य्य्यय्य्य्य .......... थोड़ा और मक्खन लगा ले गांड में नंदू .........फिर डालना. अभी तो मेरी जान निकल रही है तेरे लंड से. उन्न्न्नन्न्न्नन्न्न्न ........ कुत्ते.....नन्दूऊऊऊऊऊउ......मेरी गांड फाड़ दी तूने आज. हाय्य्य्यय्य्य्यी ......रीईईईए ..हरामी की औलाद......आज के बाद कभी हाथ भी नहीं लगाने दूंगी तुझे अपनी गांड पे. चोदना अपनी माँ रम्भा की अरु सज्जो की.”
“मेरी बेबो सुधिया.........रम्भा की भी चोदी है और सज्जो की भी पर तुम्हारी गांड में अलग ही मज़ा आ रहा है. आंन्ह्ह्ह हाआअ ....... कितनी मस्त, भरवां और फूली हुई है. आज तो चोद चोद के बुरी तरह चटका डालूँगा तेरी ये हंडिया रंडी. “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”.... “चटाक”...... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह ..... उन्ह्ह्हह .....ले रंडी.........उन्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह......हो गया.......” नंदू ने लंड को पूरा मम्मी की गांड में दाल दिया और उनकी नंगी गांड पे दोनों हाथों से थप्पड़ लगा के अपनी जीत का ऐलान सा करने लगा.
“मैंने तो फाड़ डाला चाचा इस रांड का गांड पनीर .......... मस्त भट्टी सी गरम हो रही है काकी की गांड अंदर से. मुझे तो तुम से जलन हो रही है चाचा कि तुम पिछले 8 साल से चोद रहे हो इस मस्त कददू जैसी गांड को. उन्न्नन्ह्ह कितना ठूंस ठूंस के मज़ा भरा है इस रंडी औरत की गांड में चाचा...........मस्ती में फुदक रहा है लंड. आआआआआआअह्ह्ह्ह ............. काकीईईईईईईईईईईईईईइ...............”
“हाय रे तूने तो जान ही निकाल दी कमीने ...............नंदू.............बदमाश........ऐसे घुसेड़ा जाता है क्या किसी औरत की गांड में लंड. ऐसा लग रहा है जैसे गांड में बेहद गरम लोहे की रोड दाल दी हो. और अभी भी कितना दुःख रहा है.......उन्न्न्हह्ह्हह्ह्ह्ह हुन्न्न”
उधर मुन्ना ने भी गीता दीदी के मस्त चूतडों को पकड़ कर कई ज़ोरदार धक्के एक के बाद एक मारे और अपने गरम ऐंठे हुए लंड को जड़ तक दीदी की गांड में फिट कर दिया. मुन्ना के इतने ताकतवर धक्को ने दीदी के मुंह से चीखें और आँखों से आंसू निकाल दिए. दीदी की हालत ख़राब हो गयी थी.
“ऊऊईईईईईईईईईम्मम्मम्माआआआआआआआआआआआअ .... देखो न मुन्ना ने मेरी गांड का क्या हाल कर दिया...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ..............मुझे नहीं मरवानी गांड......मम्मी बोलो न मुन्ना को मेरी गांड से लंड बाहर निकलने के लिए..... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ... ...उन्न्ह्...उन्न्हूउ...मुझे बड़ा दर्द हो रहा है.” दीदी ज़ोर ज़ोर से सीसक रहीं थी.
क्या नज़ारा था...........दीदी एकदम नंगी थी, घोड़ी बनी सुबक रहीं थीं और उनकी गांड में लगभग 8 इंच लम्बा और बेहद मोटा नाग जड़ तक अंदर घुसा पड़ा था. और उधर मम्मी ठीक दीदी के बगल में उनसे चिपकी हुई घोड़ी बनी हुई थी और उनकी गांड में भी जवान नंदू का लंड ऐसे घुसा हुआ था जैसे कोई तलवार पूरी की पूरी अपनी म्यान में घुसी हो. और मुन्ना और नंदू दोनों बिलकुल स्थिर खड़े अपनी अपनी घोड़ियों के नंगे चूतड़ सहला रहे थे और दोनों की आँखें मज़ा से बंद थीं.
मम्मी दीदी से बोलीं: