hotaks444
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उसकी ब्रा से बाहर निकलने को बेचैन उसके वक्ष देख कर राजेश का लॉडा फूल
गया. लेकिन कमला ने जिस आसानी से उसके सामने अपना ब्लाउस उतारा था राजेश
सोच मे पड़ गया ?क्या ये मेरे लिए ब्लाउस उतार रही हैं या मुझे अपने
लड़के की तरह समझते हुए कर रही हैं??.
कमला थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रही ताकि रमेश उसके बूबे अच्छि तरह निहार
सके. ?ज़रा ये हुक खोल दीजिए? कहते हुए कमला मूड गई. राजेश तो यही चाहता
था. वो सीधा उसकी गांद से चिपक गया और हुक खोलने लगा.
?ये क्या कर रहे हैं? कहते हुए कमला ने अपनी गांद उसके गरम सख़्त लंड से
दूर करी. ?सॉरी !? रमेश इस के अलावा कुच्छ ना कह पाया. ?कल बस मे भी
आप?..? कहते हुए कमला मुस्कुराते हुए मूड गई क्योंकि हुक खुल गया था.
?माफ़ करना कल सब अंजाने मे हो गया? रमेश डर गया था. ?कोई बात नही, मुझे
बुरा नही लगा? कहते हुए कमला ने अपने कपड़े हाथ मे लिए और बाथरूम मे चली
गई.
रमेश उसकी मुलायम और मादक गांद देख कर परेशान हो गया. सोच मे पड़ गया
क्या करे?. उसने हिम्मत जुटाई और वहीं बैठा रहा. कमला नहा कर जब आई तो
सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था. उपर अपना टवल डाला हुआ था. उसके हाथ मे धोइ
हुई उसकी ब्रा और पॅंटी थी. ?आप यहीं हैं? मैं समझी आप टीवी देख रहे
होंगे? कहते हुए कमला कपड़े सुखाने के तार के पास गई. ?मैने सोच आपसे बात
कर लूँ इसलिए यहीं बैठा रहा? कहते हुए उसने धीरे से अपना लंड अड्जस्ट
किया क्योंकि कमला ने जब हाथ उपर उठाया कपड़े सुखाने के लिए तो उसका टवल
भी उपर उठ गया. टवल उपर जाते ही रमेश को उसके भारी मम्मे के साथ उसका
लंबा मोटा निपल भी देखने को मिल गया.
कमला ने जान बुझ कर हाथ ज़्यादा देर उपर रखे ताकि रमेश उसके वक्ष का
चक्षु चोदन कर सके?
आप को कल की बात का बहुत बुरा तो नही लगा ना? कहते हुए रमेश कमरे मे लगे
शीश एके पास आ कर खड़ा हो गया. ?आप तो मेरे बेटे जैसे हैं? कहते हुए कमला
ने कपबोर्ड से लाल ब्रा निकाली और बिना मुड़े पहेन ली.
जैसा की रमेश जानता था कमला शीशे के पास आ कर अपने बाल बनाने लगी. रमेश
इसी मौके की तलाश मे तो शीशे के पास आया था?.
रमेश झट उसके पिछे खड़ा हो और अपने हाथ उसकी कमर पे रख दिए, ठीक पेटिकोट
के उपर. ?आप कितनी अच्छि हैं? कहते हुए रमेश धीरे से उसके शरीर से चिपक
गया और अपनी ठुड्डी उसके कंधे पर रख दी.
?आप जैसा बेटा और जमाई हर औरत चाहती है? कहते हुए कमला ने अपना हाथ उपर
किया और उसका गाल सहला दिया.
रमेश उसके स्पर्श से और गरमा गया. ?क्या सचमुच आप मुझे अपने बेटे जैसे
प्यार करेंगी?? कहते हुए रमेश थोड़ा और उसके शरीर से चिपक गया और अपने
हाथ उसके पेट पे ले गया और उसकी नाभि के उपर रख कर बाँध लिए.
कमला के शरीर मे कंप कंपी छूट गई उसके इस अंदाज़ से. ?क्यों? आप को डाउट
है?? कहते हुए कमला ने एक हाथ उसके हाथ पे रख दिया और दूसरे हाथ से अपनी
ब्रा अड्जस्ट करने लगी. दोनो शीशे मे कमला के स्तन पर चिपकी हुई ब्रा मे
से निकलते मम्मे देख रहे थे और उत्तेजित हो रहे थे पर हिम्मत दोनो नही कर
पा रहे थे.
?डाउट की बात नही है. पर कल जो बस मे हुआ उसके बाद आप क्या सोचती हैं पता
नही.? कहते हुए रमेश ने अपना लंड उसकी दरार मे टिका दिया और एक हाथ उसके
गाल पर ले गया, जिस कारण उसकी बाँह ने उसके एक मम्मे को दबा दिया धीरे
से.
मैने कहा ना कोई बात नही. मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा. आख़िर आप भी इंसान
हैं.? और कमला उसकी तरफ मूड गई. वो इस तरह मूडी की रमेश का लंड हमेशा
उसके शरीर को टच करता रहा और जब वो ठीक सामने आई तब उसका पेट उसके लंड के
स्पर्श मे था.
गया. लेकिन कमला ने जिस आसानी से उसके सामने अपना ब्लाउस उतारा था राजेश
सोच मे पड़ गया ?क्या ये मेरे लिए ब्लाउस उतार रही हैं या मुझे अपने
लड़के की तरह समझते हुए कर रही हैं??.
कमला थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रही ताकि रमेश उसके बूबे अच्छि तरह निहार
सके. ?ज़रा ये हुक खोल दीजिए? कहते हुए कमला मूड गई. राजेश तो यही चाहता
था. वो सीधा उसकी गांद से चिपक गया और हुक खोलने लगा.
?ये क्या कर रहे हैं? कहते हुए कमला ने अपनी गांद उसके गरम सख़्त लंड से
दूर करी. ?सॉरी !? रमेश इस के अलावा कुच्छ ना कह पाया. ?कल बस मे भी
आप?..? कहते हुए कमला मुस्कुराते हुए मूड गई क्योंकि हुक खुल गया था.
?माफ़ करना कल सब अंजाने मे हो गया? रमेश डर गया था. ?कोई बात नही, मुझे
बुरा नही लगा? कहते हुए कमला ने अपने कपड़े हाथ मे लिए और बाथरूम मे चली
गई.
रमेश उसकी मुलायम और मादक गांद देख कर परेशान हो गया. सोच मे पड़ गया
क्या करे?. उसने हिम्मत जुटाई और वहीं बैठा रहा. कमला नहा कर जब आई तो
सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था. उपर अपना टवल डाला हुआ था. उसके हाथ मे धोइ
हुई उसकी ब्रा और पॅंटी थी. ?आप यहीं हैं? मैं समझी आप टीवी देख रहे
होंगे? कहते हुए कमला कपड़े सुखाने के तार के पास गई. ?मैने सोच आपसे बात
कर लूँ इसलिए यहीं बैठा रहा? कहते हुए उसने धीरे से अपना लंड अड्जस्ट
किया क्योंकि कमला ने जब हाथ उपर उठाया कपड़े सुखाने के लिए तो उसका टवल
भी उपर उठ गया. टवल उपर जाते ही रमेश को उसके भारी मम्मे के साथ उसका
लंबा मोटा निपल भी देखने को मिल गया.
कमला ने जान बुझ कर हाथ ज़्यादा देर उपर रखे ताकि रमेश उसके वक्ष का
चक्षु चोदन कर सके?
आप को कल की बात का बहुत बुरा तो नही लगा ना? कहते हुए रमेश कमरे मे लगे
शीश एके पास आ कर खड़ा हो गया. ?आप तो मेरे बेटे जैसे हैं? कहते हुए कमला
ने कपबोर्ड से लाल ब्रा निकाली और बिना मुड़े पहेन ली.
जैसा की रमेश जानता था कमला शीशे के पास आ कर अपने बाल बनाने लगी. रमेश
इसी मौके की तलाश मे तो शीशे के पास आया था?.
रमेश झट उसके पिछे खड़ा हो और अपने हाथ उसकी कमर पे रख दिए, ठीक पेटिकोट
के उपर. ?आप कितनी अच्छि हैं? कहते हुए रमेश धीरे से उसके शरीर से चिपक
गया और अपनी ठुड्डी उसके कंधे पर रख दी.
?आप जैसा बेटा और जमाई हर औरत चाहती है? कहते हुए कमला ने अपना हाथ उपर
किया और उसका गाल सहला दिया.
रमेश उसके स्पर्श से और गरमा गया. ?क्या सचमुच आप मुझे अपने बेटे जैसे
प्यार करेंगी?? कहते हुए रमेश थोड़ा और उसके शरीर से चिपक गया और अपने
हाथ उसके पेट पे ले गया और उसकी नाभि के उपर रख कर बाँध लिए.
कमला के शरीर मे कंप कंपी छूट गई उसके इस अंदाज़ से. ?क्यों? आप को डाउट
है?? कहते हुए कमला ने एक हाथ उसके हाथ पे रख दिया और दूसरे हाथ से अपनी
ब्रा अड्जस्ट करने लगी. दोनो शीशे मे कमला के स्तन पर चिपकी हुई ब्रा मे
से निकलते मम्मे देख रहे थे और उत्तेजित हो रहे थे पर हिम्मत दोनो नही कर
पा रहे थे.
?डाउट की बात नही है. पर कल जो बस मे हुआ उसके बाद आप क्या सोचती हैं पता
नही.? कहते हुए रमेश ने अपना लंड उसकी दरार मे टिका दिया और एक हाथ उसके
गाल पर ले गया, जिस कारण उसकी बाँह ने उसके एक मम्मे को दबा दिया धीरे
से.
मैने कहा ना कोई बात नही. मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा. आख़िर आप भी इंसान
हैं.? और कमला उसकी तरफ मूड गई. वो इस तरह मूडी की रमेश का लंड हमेशा
उसके शरीर को टच करता रहा और जब वो ठीक सामने आई तब उसका पेट उसके लंड के
स्पर्श मे था.