Chodan Kahani हवस का नंगा नाच - SexBaba
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hotaks444

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हवस का नंगा नाच


फ्रेंड्स आपके लिए एक और तड़कती फड़कती कहानी पेश कर रहा हूँ जैसा कि मैने पहले भी कहा है मैं कोई लेखक नही हूँ
मुझे जो कहानी अच्छी लगती है आपके साथ शेअर कर लेता हूँ ये कहानी आकाश ने लिखी है मैं इसे आपके लिए हिन्दी फ़ॉन्ट मे कंवर्ट कर रहा हूँ 

अपडेट 1


साना ने आज अपनी उम्र की 19 वीं सीढ़ी पर कदम रख दिए थे ...उसकी साल गीरह मनाने का अंदाज़ नायाब था ...और क्यूँ ना हो...शहेर के सब से नामी गीरामी बिज़्नेसमॅन लाला हरदयाल की एक लौटी बेटी जो थी .... नायाब बेटी के नायाब कारनामे ...


उसकी हर चीज़ नायाब थी... लंबी , छरहरे बदन की मालकीन...5'6" की लंबाई , बदन में सही जागेह सही गोलाई और उभार ...नाक सुडौल रंग गोरा... किसी भी मर्द के सपनों की रानी. उस ने अपने पैसे , जवानी और बदन का भरपूर इस्तेमाल करना सीखा था ... भरपूर ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाना सीखा था ...लाला ने भी उसे भरपूर जिंदगी जीने की छूट दे रखी थी. इस की वजह थी साना की मा की उसके बचपन में ही मौत.


मा के प्यार की कमी लाला जी ने अपने पैसे और साना को अपनी ज़िंदगी भरपूर जीने की आज़ादी दे कर पूरी करनी चाही थी..नतीज़ा यह हुआ साना को प्यार तो नसीब नहीं हुआ पर वो हवस को प्यार समझ बैठी और उसकी ज़िंदगी एक हवस की भूख मिटाने का ही सबब बन गया ...पर हवस कभी पूरी हुई है ..????



आज लाला जी के फार्म हाउस में साना की 19 वीं साल्गीरह धूमधाम से मनाई जा रहे है ...शराब और शबाब से भरपूर...


साना नायाब थी..उसकी पार्टी भी नायाब ...


हवस की पुतली साना की पार्टी भी हवस के रंग में शराबोर थी....हवस का नंगा नाच हो रहा था ...


साना के कुछ गिने चुने दोस्त ही वहाँ मौज़ूद थे...उसके दोस्तों में सिर्फ़ मर्द ही नहीं बल्कि लड़कियाँ भी शामिल थीं ..साना की ही तरेह अमीर , बिगड़ी और हवस की भूखी ..

केक कट चूका था ... डिन्नर का भी दौर ख़त्म हो चूका था..फ्रेंच शॅंपेन की बोतलें कितनी खूली और कितने जाम उनके गले के नीचे उतरे इसका कोई पैमाना नहीं था ....हल्की हल्की मदहोश करने वाली डॅन्स की धूनों पर डॅन्स फ्लोर पर जोड़े एक दूसरे से चीपके , कमर हिलाते ...अपने , हाथों से एक दूसरे की पीठ सहलाते , होंठों को चूमते , सीने से सीना दबाए थीरक रहे थे ...


कपड़े नीचे फर्श पर गिरते जा रहे थे किसी को कोई होश नही ... लड़कियों के हाथ लड़कों के कपड़े उतार रहे थे...लड़कों की हथेलिया लड़कियों के बदन और कपड़ों पर जुटे थे , एक दूसरे को नंगा करने की होड़ मची थी ...


साना डॅन्स फ्लोर से अलग बहोत ही पतली और झीनी सी ड्रेस पहने , हाथ में जाम लिए अपने दोनों बगल अपने सब से करीबी दोस्तों के साथ बैठी थी... उसके एक हाथ में शॅंपेन का जाम था .. दूसरा हाथ अपने बगल बैठे दोस्त के पॅंट के उभार पर था ... और उसके दोस्त के हाथ साना के बदन से खेल रहे थे ...दोनों एक दूसरे में खोए थे...साना दुनिया से बेख़बर , शराब और शबाब की मस्ती में डूबी ...अपने आप को अपने दोनों दोस्तों के हाथ छोड़ दिया था ..


शराब की मस्ती , हवस की प्यास और उम्र के तकाज़े ने अब तक वहाँ मौज़ूद सब के कपड़े उतार दिए थे ...


डॅन्स फ्लोर पर सभी नंगे थे .. एक दूसरे को सहलाते , चीपकते , नोचते , चूमते और कमर हिलाते एक दूसरे में समान जाने को बेताब ... सिसकारियाँ .. थपथपाहट , चूमने की चटखारों , अया ...उईईईई.. हाई ... की धीमी पर मदहोश आवाज़ें निकाल रहे थे..उनके हाथों की उंगलियाँ चूचियों की गोलाई ...चूत की गहराई , बदन के भरपूर गोश्त का जायज़ा ले रही थी ..होंठ एक दूसरे के होंठों से चीपके एक दूसरे को पूरी तरेह खा जाने को बेताब थे ..कुछ जोड़ों से अब और रहा नही गया. , उनके सब्र का बाँध फूट पड़ा था...लड़कियों ने अपनी टाँगें फैला दी ..अपने हाथों से अपने गीली , रसीली चूत की फाँकें अलग कर दी , डॅन्स फ्लोर पर झूमती हुई लेट गयीं ...उनके साथियों ने अपने तन्नाए , फन्फनाते लौड़ों को सहलाते हुए अपने पार्ट्नर्स के इन्विटेशन को क़बूल किया , उनके टाँगों के बीच आ गये ....और फिर फ्लोर पर चुदाई का आलम शूरू हो गया ...


अब तक फ्लोर पर जोड़े खड़े थे ..अब जोड़े फ्लोर पर पड़े थे ...कमर खड़े खड़े भी हिल रही थी और कमर अब पड़े पड़े भी हिल रही थी ..पर अब साथ में लौड़ों और चूत का भी खेल बराबर चल रहा था..पूरा हॉल आआआः.....उूुउऊहह ...हाईईईईईईई....हाआँ ... उईईईई की धीमी सिसकारियों और चीखों से गूँज रहा था ...हवस का नंगा नाच अपनी बुलंदियों पर था


इधर साना के कपड़े भी उतर चूके थे ...अब तक वो अपने दोनों दोस्तों की गोद में बिल्कुल नंगी पड़ी थी..उसकी आँखें बंद थीं ...उसके दोस्तों के हाथ साना के बदन का भरपूर मज़ा ले रहे थे ..


एक साना की मुलायम , गीली , रसीली चूत का मज़ा चाट चाट कर ले रहा था..दूसरा साना के होंठों की मस्ती , उसकी जीभ की मीठी और गीली स्वाद का मज़ा उन्हें चूस चूस कर ले रहा था ....उसकी हथेलिया साना की 32ब साइज़ वाली चूचियों से खेल रही थीं ...उन्हें दबा रही थी....उनकी घुंडीयों को सहला रही थी जितना ज़्यादा साना की चूचियाँ और होंठ चूसे जाते ..उतना ही मस्ती से उसकी चूत फदक उठ ती और उसकी चूत भी उतनी ही गीली होती जाती ...और चूत चाटने वाले दोस्त का मुँह भर उठता साना की चूत रस से...
 
तीनों मस्ती की सीढ़ियों पर आगे और आगे बढ़ते जेया रहे थे..साना कराह रही थी , सिसकारियाँ ले रही थी..उसकी आँखें बंद थी ..


उसके दोनों दोस्तों ने उसे उठाया और सामने पड़े बड़े से सोफे पर लीटा दिया और अपनी अपनी पोज़िशन बदल ली.....चूत चाटनेवाला अब उसकी चूचियों से खेल रहा था और चूचियों से खेलनेवाला अब उसकी चूत पर टूट पड़ा था ..


साना अपनी टाँगे फैलाए ..घूटने उपर किए लेटी लेटी मज़े ले रही थी ..उसकी चूत से रस की बारिश हो रही थी...चूचियों की घुंडी कड़ी , तनी हुई और ऐसे उपर उठी थी मानो किसी बच्चे की नूनी.... उन्हें छूते ही साना के बदन में करेंट सा दौड़ जाता .....


साना बड़बड़ा रही थी.." उफफफफ्फ़....यार तुम दोनों क्या कर रहे हो..अरे कोई तो चोद ले..मेरी चूत बहोत खुज़ला रही है ..अब चोद भी दो ना ...कम ऑन ..."


उसकी चूत की तरफवाले लड़के ने अपना सर साना की चूत से हटाया , उसकी ओर देखा और कहा..


" हां साना ...तेरी चूत से तो नदी बह रही है यार ..चल तू भी क्या नाम लेगी ..ले आज तेरा बर्थ डे प्रेज़ेंट मैं ही देता हूँ..."


" हां जानू बस आ जा .....भर दे मेरी चूत अपने लंड से ...अया देर मत कर ..बस आ जा .." साना ने अपनी टाँगें और भी फैला दीं ....


साना की बातों से वो और भी जोश में आ गया , और उसकी टाँगें उठाता हुआ अपने कंधों पर ले लिया और अपना लंड उसकी चूत पे रखा और एक जोरदार धक्का मारा..फच से पुर का पूरा लॉडा साना की चूत के अंदर था ...


साना का पूरा बदन सीहर उठा , कांप उठा " हान हाअन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ...बस ऐसे ही लगाओ धक्के , रूकना मत ..आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हां और ज़ोर ..और ज़ोर ...अबे मा के लौडे और ज़ोर लगा ना ..साले कुछ खाया पिया नहीं ..? मार ..मार मदर्चोद मार ना धक्के ..साला चुदाई कर रहा है कि चूत लंड से खुजा रहा है...मार मार ...मदर्चोद जब लंड में दम नहीं फिर मुझे चोदने की हिम्मत कैसे हुई...अबे गान्डू और ज़ोर लगा ....अयाया अयाया ...और ज़ोर ...""


साना कुछ भी बेक जा रही थी ...


उसकी बातें सून सून लड़का पूरे जोश में धक्के लगता लगाता खुद तो बूरी तरेह झाड़ गया साना की चूत में..पर साना अभी भी फारिग नही हुई थी ..उसकी चूत अभी भी गर्म थी ..आग बूझने का नाम नहीं था..


दूसरे लड़के ने भी अपने लौडे की करामात दीखाई ..पर साना की चूत के सामने उसके लौडे ने भी हार मान ली....


सब जानते थे वहाँ साना को चोदना और उसे झड़ाना उनमें से किसी के वश की बात नही थी ,पर सिर्फ़ साना जानती थी ....बस सिर्फ़ एक ही लंड था जिसकी मार से साना की चूत में हलचल मच जाती ..उसकी आग ठंडी हो जाती ..पर उस लंड का मालिक अभी तक वहाँ नही आया था ....


साना अपनी चूत फैलाए .. सिसकारियाँ लेते उसका बेसब्री से इंतेज़ार कर रही थी ...


उसके सभी दोस्त जा चूके थे ...


साना अकेली रह गयी थी ..उस विशाल हॉल के सोफे पर लेटी ..चूत से रस , वीर्य टपकाती ...पर फिर भी दहक्ते अंगार के तरेह गर्म ....


उसकी आँखें बंद थीं .....


तभी उसके कानों में किसी के कदमों की आहट हुई


साना ने आँखें खोलीं ..देखा तो सामने सोफे के करीब , उसके बिल्कुल सर के पास लाला हरदयाल खड़े थे ..उसके प्यारे पापा.... !
 
लाला जी आँखें फाडे अपनी बेटी के सर के पास खड़े उस की ओर ताक रहे थे...अपनी पूरी 5' 11" की लंबाई से झाँकते हुए ....उन्हें हैरानी तो हुई .. गुस्सा भी आया ...पर अपनी बेटी को अच्छी तरेह जानते थे ....और उन दोनों के बीच का रिश्ता भी बाप-बेटी का कम और करीबी दोस्त का ज़्यादा था ...उनकी उम्र भी कोई ज़्यादा नहीं 48 साल की ही थी और ख्यालात भी काफ़ी खुले और ज़माने के साथ थे ...उन्होने समझदारी से काम लेने का फ़ैसला किया....गुस्से से साना और भी भड़क उठती और बात बीगड़ने का ख़तरा था ...साना उनका गुस्सा बर्दाश्त नही कर सकती .... और साना के इस हद तक गिरने में लाला जी का भी कुछ कम हाथ नही था..उनकी छूट का ही यह नतीज़ा था ....उन्होने गुस्से को पी डाला ...


हरदयाल अपनी बेटी के बगल चूपचाप उसकी ओर ताकते हुए बैठ गये ... कुछ कहा नही ... अपने घूटनों पर अपने हाथ रखे अपना चेहरा हथेलियों से छुपाए हुए बैठे थे...


साना ने अपनी बदहाली देखी ...वो समझ गयी उसके प्यारे पापा को शायद बूरा लगा था .., अपने पापा से बहोत प्यार करती थी...सारी दुनिया में वोही तो उसके अपने थे....दोस्त थे उसके पर सच्ची दोस्ती किसी से नही थी ....सभी सिर्फ़ मौज़ मस्ती के ही दोस्त थे ....अपने दिल की बात सिर्फ़ पापा से ही कर सकती थी ....


साना वैसे ही लेटी थी , शॅंपेन का नशा अभी भी उस पर था ..फिर भी अपनी लड़खड़ाती ज़ुबान से उस ने कहा .." पापा ....आप खामोश क्यूँ है ..कुछ बोलो ना ....आज मेरे बर्थ डे पर अभी तक मुझे विश भी नहीं किया..आप बहोत गंदे हो ..बहोत गंदे हो ...."


हरदयाल अपनी बेटी की मासूमियत , उसके भोलेपन और उसकी इस हालत को देख फूट पड़े ..उनकी आँखों से आँसुओं की धार फूट पड़ी ....


उन्होने अपना सर उसकी तरेफ घुमाते हुए उसके नंगे बदन , उसके अपने दोस्तों से रौंदे हुए बदन को देखा और फिर अपना सर नीचे कर लिया...कुछ देर बाद सर उठाया ..और कहा

" बेटी ..तू अपने बाप को और कितना तडपाएगी..? और कितना दूख देगी ..क्या तुझे इस हालत में देख मैं तालियाँ बजाऊं ..खुश होउँ..? सारे शहर में ढिढोरा पिटवाउ ... लोगों की छोड़ो ..मुझे दूसरों से कुछ लेना देना नहीं ..पर मेरे दिल में , मेरे दिमाग़ में तेरी हालात पर जो हथौड़े चल रहे हैं ..उसकी चोट को मैं कैसे बर्दाश्त करूँ बेटी ..बोल ना साना .....बोल ना ....?" हरदयाल बच्चो की तरेह फूट फूट कर रो रहे थे ...


साना का नशा अपने बाप की हालत देख काफूर हो चूका था ....


वो अपने पापा से लिपट गयी ..उनका चेहरा अपने हथेलियों से थाम लिया ..उनके आँसू पोंछते हुए उन से कहा ..


" पापा ..आइ आम रियली वेरी सॉरी ..मैं समझ सकती हूँ आप पर क्या बीत रही होगी...पर पापा आप ने मुझे पहली बार तो नंगी नहीं देखा है ना... फिर आज क्या हो गया ..?" साना ने बड़े भोलेपन से जवाब दिया ...


लाला जी चौंक पड़े उस की इस बात पर ..यह सच था कि उनके और उनकी बेटी के बीच इनसेस्चूयियल रिश्ता था ..पर वो उनका जाती मामला था ...वो एक ऐसा रिश्ता था जो सिर्फ़ उन दोनों के बीच का था..सारी दुनिया में नुमाइश के लिए नहीं ...
 
" बेटी तू कितनी भोली है ... कितनी नासमझ है अभी भी ....यह रिश्ते क्या दुनिया को दिखाने के होते हैं..? क्या हमारे तुम्हारे बीच के रिश्ते में सिर्फ़ हवस और शरीर की भूख है..प्यार नहीं..? क्या सारी दुनिया के सामने हम दोनों नंगे हो जायें ...क्या यही हवस है ? क्या सेक्स पब्लिक में नुमाइश की चीज़ है ..? तुम्हें मैने अपने दोस्तों से सेक्स करने से कभी रोका है ...? किसी भी मज़े के लिए तुझे मना किया है ?? ..पर इस का यह तो मतलब नहीं है ना बेटी के तू सरे-आम नंगी हो कर हमारी इज़्ज़त नीलाम कर दो ..? सेक्स अपनी जगेह है बेटी ..सेक्स कोई बूरी चीज़ नही पर उसका इस तरेह भोन्देपन से नुमाइश क्या अच्छी बात है ..?

हां बेटी हम ने तुझे कितनी बार नंगी किया है ..कितनी बार तेरे साथ सेक्स किया है और जब तक तू चाहेगी आगे भी करूँगा ..पर क्या तू यह चाहती है कि हम अपना इतना प्यारा समय ..इतने अपनेपन से भरपूर लम्हे , उन .. सब से कीमती पलों को सरे - आम नीलाम कर दूं ..?बेज़ार में तुम्हें नंगी कर सब के सामने चोद दूँ ..बोलो बोलो ..बोलो ना साना ...."


इतना कहते हुए हरदयाल चूप हो गये , पर आवेश के मारे हाँफ रहे थे ....भावनाओं
( सेंटिमेंट , ज़ज़्बात ) का तूफान था उनके अंदर ... साना सकते में थी.. उस से कुछ बोलते नही बन रहा था......


थोड़ी देर तक दोनों एक दूसरे को देखते रहे ... दोनों की आँखों में एक दूसरे के लिए प्यार , लगाव और अपनापन साफ झलक रहा था..पर हरदयाल की आँखों में दूख और साना की आँखों में पछतावे की भी झलक थी ....


साना आगे बढ़ी ..अपने बाप के सीने से लिपट गयी और फफक फफक के रोते हुए कहा...." उफफफ्फ़..पापा ..आप इस कदर मुझ से प्यार करते हो..? हमारे रिश्ते की इतनी कद्र है आप को..... मैने आज तक इतनी गहराई से इसे नहीं देखा ....मैने आज समझा पापा ..रिश्तों की गहराई और उन्हें अपने में महफूज़ रखने की कीमत क्या है ....पापा मैं समझ सकती हूँ मेरे आज के रवैइय्ये से आप को कितनी चोट पहूंची है ....उफफफफफ्फ़....आज आप के एक एक लफ़्ज़ों ने मेरे दिल की गहराई में चोट मारी है...मैं अपने रिश्तों की अहमियत आज जान गयी ..आप यकीन करो मेरी जान से भी प्यारे पापा इस रिश्ते की धड़कन मेरे दिल की धड़कानों से भी ज़्यादे प्यारी हैं मुझे .....मैं मर जाऊंगी ..मेरे दिल की धड़कन रुक जाएगी..पर हमारे रिश्ते हमेशा धड़कते रहेंगे ..धक धक धक ...." और फिर साना अपने घूटनों पर बैठते हुए अपने हाथ जोड़ती हुई कहती है .." पापा बस सिर्फ़ एक बार ..बस एक बार मुझे माफ़ कर दो....सिर्फ़ एक बार ....दूबारा ऐसी ग़लती नही होगी .... आपकी माफी मेरे लिए बर्थ डे के तोहफे से भी बढ़ के होगी ...."


हरदयाल अपनी बेटी को उठाता है . गले से लगाता है ..अभी भी उसकी आँखों में आँसू हैं ..पर खुशी और प्यार से सराबोर हैं उसके आँसू...साना के माथे को चूमता हुआ कहता है " बेटी.... माफी कैसी ..तुम्हें समझ आ गयी बस यही मेरे लिए बड़ी बात है ... चलो अब ज़रा मुस्कुरा दो मेरी बेटी..मैं तरस गया आज तुम्हारी मुस्कुराहट के लिए ... कम ऑन साना ...गिव मी युवर स्पार्कलिंग स्माइल ... आइ लव देम .."


साना अपने होंठों पर शरारत भरी मुस्कुराहट लाती है और फिर हरदयाल के सीने पर प्यार से मुक्के लगाते हुए बोल उठ ती है


" ह्म्‍म्म..पापा आप सिर्फ़ मेरी मुस्कुराहट से प्यार करते हो..?"


" हा हा हा !! " हरदयाल उसकी बात सून ठहाका लगाते हुए कहता है " थ्ट्स लाइक माइ स्वीट बेबी ..यू नो वेल साना .... इट्स यू हू ओन्स युवर स्माइल... आइ लव दा ओनर ऑफ युवर स्माइल्स मोर दॅन एनितिंग एल्स इन माइ लाइफ ... अपनी जान से भी ज़्यादा ...."


और फिर दोनों के होंठ जुड़ जाते हैं ..दोनों एक दूसरे से पागलों की तरेह लिपट जाते हैं और एक दूसरे को खा जाने की हद तक चूमने लगते हैं....


साना एक दम से अलग हो जाती है पापा से ....उसके चेहरे पे फिर से शरारती मुस्कान आ जाता है ..हरदयाल कुछ कन्फ्यूज़्ड हो जाता है और पूछता है.." क्या हुआ साना ..??"


" पापा ...आगे का काम इस पब्लिक हॉल में नहीं..अपने प्राइवेट बेड रूम में ..." साना के चेहरे पर शरारती मुस्कान अभी भी कायम थी ..


हरदयाल फिर से ठहाका लगाता है ..साना को अपनी बाहों में लेटा हुआ अपनी गोद में उठा लेता है और बेड रूम की ओर यह कहता हुआ चल पड़ता है ..." ह्म्‍म्म्म ..... थ्ट्स लाइक माइ बेबी , माइ ट्रू बेबी ..माइ ट्रू लव ... लेट अस सेलेब्रेट युवर बर्थ डे ! "





UPDATE 2
 
अपडेट 3:



अपने पापा की गोद में आते ही साना सीहर उठी ...अपने पापा के सीने पर अपना सर रख दिया और अपनी बाहें उनके गले से लगा उन से बूरी तरेह चीपक गयी ..अपना चेहरा उपर की ओर उठाया ..पापा अपनी बेटी की चाहत समझ गये ..उन्होने अपना सर नीचे किया और अपनी बेटी के गर्म , नर्म और रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए और दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे ..मानो खा जाएँगे ..और इसी हालत में होंठ चूस्ते , जीभ चूस्ते बेड रूम की ओर बढ़ चले ....


यह सच था के साना और हरदयाल दोनों की जिंदगी में सेक्स की कोई कमी नहीं थी ...साना को दोस्तों की कमी नही थी ...और हरदयाल को लड़कियों की कमी नहीं थी..पर फिर भी जब दोनों एक दूसरे से मिलते , तो ऐसा लगता जैसे पहली बार किसी के साथ मिले हों...एक दूसरे पर भूखे शेर और शेरनी की तरेह टूट पड़ते ..पागलपन की हद तक एक दूसरे को प्यार करते ...


और आज तो सारी हदें पार हो चूकी थी... साना दो दो लंड अपनी चूत में ले चूकि थी..पर अभी भी वो तड़प रही थी ..उसकी चूत अभी भी अपने पापा के लंड की भूखी थी ... और हरदयाल भी पागल हो उठा था अपनी बेटी को इस हालत में नंगी देख ...


दोनों एक दूसरे को चूमते चाट ते बेड रूम में दाखील होते हैं ..हरदयाल अपनी बेटी को पलंग पर लिटा देता है..साना के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट है ..उसकी आँखें अपने पापा को एक तक निहार रहे थे..पापा भी उसकी आँखों में देखते देखते अपने को भी नंगा किए जा रहे थे...दोनो इतने एग्ज़ाइटेड थे..उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी..हाँफ रहे थे ..


जैसे ही हरदयाल ने अपनी पॅंट और अंडरवेर उतारी ,,उनका लॉडा फन्फनाता हुआ उपर की ओर उछल पड़ा ....उनके कद की तरेह लौडे का कद भी लंबा और मोटा था ..साना की सब से पसंदीदा लंड ..सब से प्यारा लंड , हरदयाल के लंड पर उसकी नज़र पड़ते ही साना के गले से मज़े की चीख निकल गयी ..उसका पूरा बदन सीहर उठा...चूत से पानी की धार फूट पड़ी ...


उस ने भर्राई सी आवाज़ में कहा " पापा ....आइ लव यू ..आइ लव यू पापा ....आओ ना प्लीज़ मुझे अपनी बाहों में लो ना ..प्लीज़ ....कब से तड़प रही हूँ ...आओ ना पापा ....उफफफ्फ़ जल्दी करो ना ..मैं मर जाऊंगी ...आआआआआआआआआः.." और उसकी उंगलियाँ अपनी चूत सहला रही थी ...टाँगें फैली थी..


हरदयाल पलंग की ओर अपने 7" लंबे लौडे को अपनी मुट्ठी से सहलाता हुआ बढ़ा ..उसकी नज़र अपनी बेटी की चूत पर पड़ी ..उस पर उसकी रस और पहले की चुदाई का वीर्य चारो ओर लगा था ....बाल बिल्कुल नही थे ....चूत चमक रही थी ....चिपचीपी सी थी

चूचियाँ सीने पर साँसों के साथ उपर नीचे हो रही थी ....हरदयाल पागल हो उठा ...साना से बूरी तरेह चीपक गया उसकी चूचियाँ उसके सीने पर चिपकी थीं और उसके होंठ साना के होंठो से चिपके थे ...दोनों की टाँगें एक दूसरे की टाँगों को जाकड़ लिए थे .....दोनों बिल्कुल एक दूसरे में समाए थे ....एक दूसरे को सहला रहे थे ....चूम रहे थे , चाट रहे थे ....


"हां ..हां ..पापा खा जाओ ना..मुझे..चूस लो ना मुझे ..उफफफफफ्फ़ .....उईईई..."

साना सिसकारियाँ ले रही थी.....चीख रही थी ...और हरदयाल भी पागलों की तरह उसे कभी चूमता..कभी चूची मुँह में भर लेता ..कभी उसकी घुंडीयों पर जीब फिराता ..और साना अपनी चूची उसके मुँह में हथेलियों से जकड़ते हुए और भी अंदर कर देती ....दोनों बूरी तरेह मचल रहे थे ..एक दूसरे को अपने में समा लेने को बेताब थे ...


तभी अचानक हरदयाल नीचे आता है साना की टाँगों के बीच ..उसकी फूली -फूली , गीली और फडकति चूत अपनी मुट्ठी में भर लेता है और निचोड़ता है..मानो उसका रस पूरे का पूरा निचोड़ लेगा ..साना उछल पड़ती है " आआआआआआआआह ....पपाा/..उउउउउउउउ"


उसकी चूत की फाँकें इतनी चुदाई के बाद भी काफ़ी टाइट थी...कसी थी..गुलाबी रंग ..पंखुड़ीयाँ फदक रही थी , मुट्ठी में लेने से हरदयाल की हथेली पूरी तरेह गीली हो गयी उसकी चूत रस से ...उसने अपनी हथेली अपने मुँह की तरफ किया और अपनी बेटी की आँखों में देखता हुआ जीभ निकाली और हथेली को चाट लिया ....


साना हैरान थी ...उसकी चूत में पहले की चुदाई का भी वीर्य था ....अभी हॉल में उसी बात पर पापा उसे सीख दे रहे थे..और अभी चाट रहे हैं...

हरदयाल उसकी हैरानी की वजेह समझ गया और कहा


" मेरी प्यारी बेटी ...मेरी जान ..मेरी लाडली....बेटी जब प्यार करते हैं ना तो सब कुछ भूल जाओ ..बस सिर्फ़ एक दूसरे को याद रखो...प्यार में कुछ भी गंदा नहीं ..तेरी हर चीज़ मुझे प्यारी है बेटी ..हर चीज़ ...." और फिर उस ने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया , उसकी चूत अपने होंठों से जाकड़ लिया और चूसने लगा ...मानो उसके अंदर का सारा रस , सब कुछ अपने अंदर लेना चाह रहा हो..


साना फिर से उछल पड़ी ..उसके चूतड़ उछल पड़े ..उसकी चूत हरदयाल के मुँह में धँस गयी ...हरदयाल के चेहरे पर साना की चूत का रस लगा था ....वो चूस रहा था ..चाट रहा था अपनी बेटी की चूत ....उसके नमकीन टेस्ट और भीनी भीनी मदमाती खूशबू अपने अंदर जज़्ब करता जा रहा था और इसका असर उसके लौडे पर सॉफ झलक रहा था ..बिल्कुल टाइट और कड़क हो उठा था ....


साना से रहा नही गया , वो एक झटके के साथ उठी अपना हाथ बढ़ाया और अपने पापा का स्टील की तरेह कड़े लौडे को अपने हथेली से जकड़ते हुए दबा दिया ....साना अब तक काफ़ी गर्म हो चूकी थी..सीहर रही थी ..और जब उस ने इतना कड़क . मोटा और लंबा लॉडा अपनी हथेली में भरते हुए महसूस किया ...उसका बदन सीहर उठा ..कांप उठा और उसकी चूत ने फड़फड़ाते हुए पानी छोड़ दिया ....आज अपने जन्म दिन पर उसे जन्म देनेवाले लौडे का अपने हथेली पर महसूस सहन नही हो पाया , और वो बहोत एग्ज़ाइटेड हो गयी ..यह उसका आज का पहला ऑर्गॅज़म था ....
 
हरदयाल उसके चूत के रस को अपने अंदर ले लिया , ऑर्गॅज़म से ढीली पड़ी बेटी को अपनी बाहों मे ले लिया और उसे चूमते हुए कहा


" बेटी अच्छा लगा ना आज का पहला तोहफा..?? "


साना ने हरदयाल के चेहरे को अपनी हथेलियों से थामते हुए उसकी आँखों में देखा और भरराई सी आवाज़ में कहा " पापा....इट वाज़ जस्ट फॅंटॅस्टिक .... अब दूसरे तोहफे की बारी है ..जल्दी करो ना ...पापा प्लीज़ ..."


" हां बेटी ...मैं भी तो कितना तड़प रहा हूँ तेरे लिए ...बस तैय्यार हो जाओ ...बी रेडी फॉर युवर नेक्स्ट फॅंटॅस्टिक गिफ्ट ....."


"उफफफ्फ़... पापा ...देखिए ना आप का हथियार कितना फन्फना रहा है...." साना ने फिर से अपने पापा के लौडे को अपनी मुट्ठी से जकड़ते हुए कहा...हरदयाल उसकी चूचियों से खेल रहा था ...उसके कड़क घुंडीयों को हल्के हल्के मसल रहा था ...साना के होंठ चूस रहा था ..साना अपनी जीभ पापा की जीभ से लड़ाती जाती ...साना अपनी चूत के उपर पापा का लंड घीस रही थी और उसकी चूत पानी से फिर से सराबोर थी...चुदने को बेताब..अंदर लेने को बेचैन ....


"पापा ...कम ऑन ..अब चोद दीजिए ना अपनी बेटी को .... देखिए ने आप की बेटी की चूत कितना पानी छोड़ रही है ...अब और
सहा नही जाता पापा .....दूसरी गिफ्ट के लिए तड़प रही हूँ..पापा प्लेआआाआआआअसए फक मी ..फक मी ...पापा फक मी ...."


साना बड़बड़ाती जा रही है....उसकी चूतड़ उपर उठाती जाती है पापा का लंड चूत में लेने को बेकरार..


हरदयाल भी बेचैन है ..उसका लॉडा भी इतना गर्म और टाइट था ..उसे भी मुलायम और गीली चूत के अंदर जाने की बड़ी जोरदार तलब लगी थी ...उसका लॉडा हिल रहा था ..


हरदयाल अपने घूटनों पर बैठता हुआ अपना लॉडा हाथ में लेता है ..साना की चूत को दूसरे हाथ की उंगलियों से फैलाता है और अपना सुपाड़ा चूत के मुँह पर रखता है..लौडे के चूत पर छूने के महसूस से साना सीहर उठ ती है ...आँखें बंद कर लेती है...


हरदयाल लौडे पर अपनी चूतड़ का वज़न डालता हुआ एक हल्का झटका मारता है..चूत इतनी गीली थी उसका आधे से ज़्यादा लंड उसकी बेटी की शानदार , फड़कती चूत के अंदर फिसलता हुआ चला जाता है..साना के मुँह से हल्की सिसकारी निकल जाती है ....."आआअहह....हाआँ ..."


हरदयाल भी चूत के अंदर की गर्मी , गीलापन और मुलायम सी पकड़ का अपने लौडे पर महसूस से सीहर उठता है ....और फिर एक ज़ोर का धक्का लगता है ..उसका पूरा लौड जड़ तक अपनी बेटी की चूत के अंदर दाखील हो जाता है ..


साना मज़े में उछल पड़ती है .... " हां ....अया पापा ..अट लास्ट ...अट लास्ट ....अयाया अब रोकिए मत ...प्लीज़ ....बस गो ऑन ..गो ऑन ...फक मी हार्ड ...ज़ोर से ..ज़ोर से .....आज दूसरी गिफ्ट का पूरा मज़ा दीजिए ..हाआँ हाआँ ....बस ऐसे ही हाआँ मेरे अच्छे अच्छे पापा ..मेरी जान से प्यारे पापा..चोदिये अपनी बेटी को...मज़े ले ले के चोदिये ......आआआआआआआः ..""


हरदयाल के धक्के ज़ोर पकड़ते जाते और साना मस्ती की आगोश में कुछ भी बड़बड़ाती जाती ......


" हां बेटी ..मेरी जान ..मेरी रानी बेटी ..मेरी प्यारी बेटी..ले ना..ले ना बेटी मेरा लॉडा ..मेरा लंड ..मेरा सब कुछ ले ले ना ....सब कुछ तेरा ही तो है ना.. अयाया तेरे अंदर इतना मज़ा है बेटी ..कितना आराम है..कितना शूकून है ....उफफफफ्फ़ ..हन ....ले ने ..यह ले ..." हरदयाल भी बड़बड़ाता हुआ जोरदार धक्के पे धक्का लगता जा रहा था ..


उस के नीचे उसकी अपनी बेटी चूतड़ उछाल उछाल कर लंड अंदर ले रही थी...थोड़ा भी लंड बाहर नही छोड़ती ...


मस्ती के एक अजीब ही आलम में थे दोनों ..मानो हवा में उड़ रहे थे....इस दुनिया से बेख़बर किसी और ही दुनिया में थे ....जहाँ कोई और नही था सिर्फ़ दो थे..और साथ थी थपथाप. फतच फतच..की आवाज़ , बदन से बदन टकराने की आवाज़ ..होंठों से होंठ चूसने की चटखार ....आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..उउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाईईईईईईईईईईईईई ....की सिसकारियाँ ..


साना ने अपनी टाँगों से हरदयाल के चूतड़ जाकड़ लिए थे ...अपनी ओर दबाती जाती ..हरदयाल के धक्के ज़ोर पकड़ते जाते..ज़ोर ..और ज़ोर ..और ज़ोर ..और ज़ोर .....और फिर साना की चूतडो ने उछाल मारी .....उसकी चूत ने पापा के लौडे को बूरी तरह जाकड़ लिया..मानो पापा के लौडे को चूस लेगी अपनी चूत से ....और फिर एक दम से चूत ढीली पड़ गयी ..टाँगें थरथरा उठी ..बदन कांप उठा ....और वो पापा के नीचे ढीली पड़ गयी..उसकी चूत से रस का सैलाब छूट रहा था ....


हरदयाल के लौडे ने अपनी बेटी के चूत रस की फुहार की गर्मी महसूस की ...उसका लॉडा और शरीर गन्गना उठा ..सीहर उठा और वो भी एक जोरदार धक्का लगाते हुए लंड से अपनी बेटी की चूत में पीचकारी की धार छोड़ दी..लंड झटके पे झटका खा रहा था बेटी की चूत में ....उस ने अपने लौडे को बेटी की चूत के अंदर दबाए रखा ..उसके बदन से चीपक गया और लॉडा खाली होता रहा ..खाली होता रहा ....साना की चूत अपने पापा के वीर्य से लबालब भर गयी ...


दोनों एक दूसरे से चीपके शांत पड़े थे ..दोनों के चेहरे पर एक शूकून , मस्ती और एक दूसरे के लिए भरपूर प्यार की झलक थी ....


हरदयाल साना की चूचियों पर सर रखे पड़ा था ...साना अपने पापा का सर सहला रही थी ......


थोड़ी देर बाद जब दोनों की सांस ठीक हुई ..हरदयाल ने अपना सर उठाया और बेटी के होंठ चूमता हुए पूछा " बेटी .....डिड यू लाइक दा सेकेंड गिफ्ट..??"


बेटी ने जवाब दिया " उफफफ्फ़ ....पापा..मेरा जन्मदिन रोज क्यूँ नही होता ..??? " 
 
अपडेट: 4


हरदयाल अपनी बेटी की इस बात पर हंस पड़ा ...उसके चेहरे को अपने हथेली से थामता हुआ उसके गाल सहलाने लगा ..और कहा " ह्म्‍म्म्म..तो मेरी बेटी को रोज बर्थ डे क्यूँ चाहिए ...?"

" जैसे आप को पता नहीं ...आप भी ना पापा..." साना ने हरदयाल के चेहरे को भी अपनी हथेलियों से थामते हुए चूमते हुए कहा ...

हरदयाल ने साना के गाल पर अपनी जीभ फिराई , उसे अच्छे से चाट ता हुआ मुस्कुराया और बोला.." नही यार ..नही मालूम ..बताओ ना ....बर्तडे के दिन ऐसी क्या बात होती है..??"

साना ने बड़े शरारती लहज़े में मुस्कुराया , अपना हाथ नीचे की तरफ ले गयी और हरदयाल का मुरझाया लॉडा अपनी मुट्ठी से जाकड़ कर दबा दिया और कहा " यह ...आप का लंबा , मोटा सा लॉडा मिलता है ...मेरी चूत के अंदर की हलचल मिटाता है...उफ़फ्फ़ मेरी सब से प्यारी चीज़ मिलती है .."

साना के अपने लौडे पर दबाव से हरदयाल सीहर उठ ता है और अपनी काँपति आवाज़ में कहता है....." पर मेरी रानी बेटी यह तो तुझे और दिन भी मिलता है ना ....आज क्या ख़ास बात हुई ....?'

" पापा रोज कहाँ मिलता है..आप को तो अपने काम से कभी फ़ुर्सत ही नही मिलती है... जिस तरेह फ़ुर्सत से आप ने आज अपना लॉडा मेरी चूत में डाला है ना..उफफफफ्फ़ ..अभी भी मेरी चूत कांप रही है .....देखिए ना खुद ही देख लीजिए .."
और साना अपने पापा का हाथ अपनी टाँगें फैलाते हुए अपनी चूत की फाँक पर रख देती है ..

हरदयाल अपनी हथेली उसकी गर्म और गीली चूत पर महसूस करता है...सही में साना की चूत के होंठ अभी भी फडक रहे थे ....

" हां बेटी यह तो है ....आज मैने टाइम निकाला ना ..आख़िर मेरी रानी..मेरी सब से दिल अज़ीज़ , मेरी जान का बर्थ डे जो है ... गिफ्ट तो देना ही देना था ना बेटी ...."

" हां पापा ....बहोत अच्छी सी और बहोत प्यारी गिफ्ट दी आप ने ..काश यह गिफ्ट आप मुझे रोज देते ..."

" हां बेटी मैं भी तो चाहता हूँ ना ...पर क्या करूँ काम भी तो देखना है ना ... "

बातें करते करते दोनों काफ़ी गर्म हो रहे थे ..साना की चूत से पानी रीस रहा था और हरदयाल का लॉडा साना की मुट्ठी में कड़क होता जा रहा था ......हरदयाल अपनी बेटी की चूचियों से खेल रहा था ....एक चूची पर जीभ फिरा रहा था दूसरी पर हाथ फिराता , और हल्के हल्के दबा देता ....इस से साना की सिसकारी निकल जाती और चूत से रस निकल पड़ता

साना अपने पापा के लौडे को अपनी चूत पर घीसती जाती ....उसका लंड काफ़ी गीला हो चूका था...साना ने अपनी टाँगें थोड़ी उपर की ..जिस से उसकी गान्ड भी खूल गयी ..अब उस ने अपने पापा का लंड अपनी तरफ और खींचा और अपनी गान्ड की दरार से भी घीसना चालू कर दिया , उसके होंठों पर एक शरारती मुस्कान थी ...

" ह्म्‍म्म्म..बेटी मैं समझ रहा हूँ तेरी शरारत ..देख मैं तुम्हारी गान्ड नही ले सकता बेटी ....ज़रा समझो ना .."

" नहीं पापा ..आज मुझे कुछ नही समझना ..बस आज मेरा बर्तडे है मुझे अपनी गिफ्ट चाहिए ...आज आप का लॉडा मुझे अपनी गान्ड में लेना है तो बस लेना है ....." साना ने काफ़ी जोरदार लहज़े में कहा ..

" उफफफफ्फ़..बेटी तू समझती क्यूँ नही ...मेरा इतना मोटा और लंबा लंड तू अपनी गान्ड में नही झेल पाएगी..बहोत तकलीफ़ होगी तुझे बेटी ..और तू जानती है मैं तेरी तकलीफ़ नहीं से सकता ...प्लीज़ समझो ना मेरी जान .....क्या मुझे रुलाएगी अपने बर्तडे पर..???"

अपने पापा की बात सुन कर साना पापा से और भी चीपक जाती है और अपने होंठ पापा के होंठ से लगा कर जोरदार किस करती है...काफ़ी जोरों से चूस्ती है ..फिर अपने होंठ अलग करती है और बोलती है ...
 
"पापा ,,मैं जानती हूँ ना ...अच्छे से जानती हूँ आप का प्यार और दुलार ..पर आप मुझे नही जानते पापा..अब मैं कोई बच्ची नही हूँ ना..आप जानते हो कितने लंड मैने अपनी चूत और गान्ड में अब तक लिए हैं ..... पर फिर भी आप के लंड के लिए तरसती हूँ...आज आप ने मेरी चूत तो ठंडी कर दी ..पर देखिए ना गान्ड अभी भी तड़प रही है आप के लिए ..इसे भी गिफ्ट चाहिए ना पापा.....दे दीजिए ना....मुझे कोई तकलीफ़ नही होगी ...."

और ऐसा कहते हुए साना घूमती हुई अपने पेट के बल लेट जाती है ..उसकी पीठ और गान्ड उपर है...अपने दोनों हाथ पीछे करते हुए अपनी चूतड़ फैला देती है ..गान्ड की सूराख खोल देती है और पापा से कहती है .

" पापा देखो ना ..प्लीज़ देखो ना मेरी गान्ड ...कितनी खूली है ...सूराख अब इतना टाइट नही ...आप का लंड आराम आराम से जाएगा ....आओ ना मेरे उपर पापा ..देखो ना..प्लीज़ पापा ..मैने कितनी तैयारी भी की है ..देखो ना .."

साना के लहज़े में इतना इसरार , प्यार और कशिश थी ..हरदयाल अपने को रोक नही सका और उसके टाँगों के बीच आ जाता है , घूटनों के बल बैठ कर साना के हाथ उसकी गान्ड से हटा ता है और अपनी हथेलियों से उसकी मुलायम , भारी भारी सुडौल चूतड़ो को जकड़ता हुआ फैलाता है और उसकी गान्ड पर अपनी आँखें लगाता है ....

हरदयाल बस देखता ही रहता है अपनी बेटी के गान्ड की खूबसूरती ...उफफफफ्फ़..क्या नज़ारा था.. भारी भारी गोल गोल उभरे हुए गोरे गोरे चूतड ..जिन्हें अपनी हथेलियों से बड़े ही हल्के से दबाता हुआ अलग करता है ...दरार चौड़ी हो जाती है ..दरार के बीच थोड़ी सी डार्कनेस लिए गान्ड के होल की चारों ओर का गोश्त ... गांद की सूराख थोड़ी सी खूली हुई ... पर चारों ओर का गोश्त एक दम टाइट ...खुला सूराख इस बात की गवाही दे रहा था कि गान्ड में लॉडा अंदर दाखील हो चूका है... और पूरी दरार चीकनी और चमकती हुई ... उस ने अपने अंगूठे से गान्ड की दरार को हल्के से दबाया ....अंगूठा उसकी चीकनी गान्ड में फिसलता हुआ उपर की ओर बढ़ता गया ..उफ़फ्फ़ इतनी चीकनी गान्ड हरदयाल ने आज तक नही देखी ही ....

साना अपने पापा की हरकतों से मस्त थी..मुस्कुरा रही थी..और अंगूठे के दबाव से सीहर उठी ...उस ने अपनी गान्ड थोड़ी सी उपर उठाते हुए कहा ..

" हां ..हां पापा अच्छे से छू लो , दबा लो देख लो ... तुम्हारे लौडे के लिए सही है ना..? "

" बेटी... बहोत शानदार , जानदार और मालदार है तेरी गान्ड ..उफफफफ्फ़..सही में तुम ने काफ़ी मेहनत की है ....ज़रा चाट लूँ बेटी ? "

यह बात सुन कर साना और भी मस्ती में आ जाती है ..और अपनी गान्ड और भी उपर उठाते हुए पापा के मुँह पर रखती है ...

" पापा ..पूछते क्यूँ हो....आप की बेटी है ..आप की प्यारी बेटी का गान्ड है..जो जी चाहे करो ना ..चाटो..चूसो खा जाओ ना ....पर लॉडा अंदर ज़रूर करना ..."

और अपने पापा के मुँह से गान्ड और भी लगा देती है ..

हरदयाल उसकी गान्ड नीचे पलंग पर कर देता है , दरार को फिर से अलग करता हुआ अपनी जीभ उसके सूराख पर लगाता है और पूरी दरार की लंबाई चाट जाता है..जीभ को अच्छे से दबाता हुआ .... उफफफफ्फ़ उसकी गान्ड की मदमस्त महक और एक अजीब ही सोंधा सोंधा सा टेस्ट था ...

दो चार बार दरार में जीभ फिराता है ..जीभ के छूने से और जीभ की लार के ठंडे ठंडे टच से साना सीहर उठ ती है ...और फिर हरदयाल उसकी गान्ड के गोश्त को अपने होंठों से जाकड़ लेता है और बूरी तरेह चूस्टा है...मानो गान्ड के अंदर का पूरा माल अपने मुँह में लेने को तड़प रहा हो....

साना मज़े में चीख उठ ती है " आआआआः....पापा ....उईईई..देखा ना मेरी गान्ड कितनी मस्त है .? अब देर ना करो ..बस दळ दो ना अंदर ..प्लेआआाआआआसए ..."

और साना अपनी हथेली पीछे करती हुई कड़क लौडे को जकड़ते हुए अपनी गान्ड की तरफ खींचती है ....


हरदयाल भी अपने लौडे को उसकी गान्ड की दरार में रखे रखे उस के उपर लेट जाता है ..

हरदयाल की जंघें साना के गुदाज़ , नर्म और भारी भारी चूतड़ पर धँसी हैं ..उफफफफफ्फ़ क्या मुलायम सा महसूस था ..मानो स्पंज का गद्दा हो....उसका लॉडा दरार के अंदर लंबाई से दबा होता है ..सुपाड़ा चूत की तरफ और टटटे गान्ड के उपर की तरफ जहाँ पीठ और गान्ड का मिलाप होता है ..और इसी पोज़िशन में साना की पीठ से चीपक जाता है हरदयाल..उसके हाथ नीचे जाते हुए साना की चूचियाँ थाम लेते है और दबाते है और साथ में अपने कमर आगे पीछे करता हुआ अपने लंड को गान्ड की दारर में घिसता है ...
 
साना भी अपने चूतड़ आगे पीछे करती हुई उसका साथ देती है..

दोनों एक दूसरे के बदन की गर्मी महसूस करते हैं ...मस्ती के एक अजीब ही आलम में खोए खोए ..

हरदयाल के लंड से प्री कम रिसता हुआ साना की गान्ड को गीला करता जा रहा है .. और लॉडा गान्ड की दरार में घिसता घीसता और भी कड़क होता जाता है ....

हरदयाल साना के गाल, गर्दन , पीठ चूमता जा रहा है ...चाट ता जा रहा है ...साना की चूचियाँ भी मसल रहा है.....साना कराह रही है..बेचैन है...तड़प रही है एक अजीब ही मस्ती छाई है ...

अपनी भर्राई आवाज़ में साना बोलती है .."पापा ..इस के पहले कि मैं मस्ती में मर जाऊं.....प्लेआआअसए ..अब लॉडा डाल दो ना ....और सहन नही हो रहा है ....अयाया .....प्लीज़ डालो ना ..."

हरदयाल का हाल भी कुछ ऐसा ही था ....वो उठ ता है ....अपने मुँह से थूक निकालता हुआ अपनी हथेली में लेता है ..और उसकी गान्ड के सूराख पर , जो उसके लौडे की प्री कम से काफ़ी गीला था ...डाल देता है ..और अपने लौडे पर भी लगाता है ....

" बेटी ..अब मैं डाल ने जा रहा हूँ तेरी गान्ड के अंदर अपना लंड ..तू तैय्यार है ना ...बेटी..?? देख ज़रा भी दर्द हो , बता देना ..बेटी ..मैं रुक जाऊँगा .."

" कोई दर्द नही होगा पापा ..बस देर ना करो डाल भी दो ना ..." साना बेचैन है अंदर लेने को.

हरदयाल उसकी गान्ड को और भी फैलाता है और उसकी खूली गान्ड की सूराख पर अपने लंड का सुपाडा रखता है , साना अपनी गान्ड उपर कर देती है , हरदयाल उसकी कमर को जकड़ते हुए हल्के से लॉडा दबाता है....सूराख इतनी गीली हो गयी ही ...उसका सुपाडा बिना किसी रूकावट के अंदर चला जाता है ...

उफ्फ कितनी गर्मी थी अंदर ... कितनी टाइट पर फिर भी आराम था अंदर ...साना कांप उठ ती है .. ...

साना अपनी गान्ड थोड़ा और उपर उठाती है और उसी के साथ हरदयाल भी एक और झटका देता है उसका लॉडा गान्ड को चीरता हुआ आधा अंदर चला जाता है ...

साना के चूतड़ कांप उठ ते हैं ...एक मस्ती भरी हल्की सी दर्द की लहर साना के पूरे बदन में छा जाती है ....

" आआआआः ...हां ....पापा देखा ना कोई दर्द नही है अब पूरा डाल दो ..पूरे का पूरा ..ज़रा भी बाहर नही ..मुझे पूरा गिफ्ट चाहिए ..प्लीज़ "

हरदयाल अब साना की जाँघ नीचे जकड़ता हुआ साना की गान्ड उपर की ओर करता है और एक धक्का फिर से लगाता है....इस बार पूरा लॉडा जड़ तक साना की गान्ड में चला जाता है ....

हरदयाल को ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी बड़े ही मुलायम , गुदाज़ हथेलियों ने उसके लौडे को बूरी तरेह जाकड़ लिया हो ...

उसका पूरा बदन गन्गना उठता है ...

वो लॉडा अंदर किए ही साना की पीठ से चीपक जाता है ..उसकी जंघें साना की गुदाज़ , मुलायम और भारी भारी चूतड़ो से चिपकी हैं ...

साना भी उसके लौडे को अपनी गान्ड में महसूस करती है ..उसे ऐसा लगता है जैसे कुन कुना सा गर्म पानी उसकी गान्ड में किसी ने डाला हो...बड़ा आराम सा महसूस हो रहा था ....दर्द का नामो निशान नही था ..जो थोड़ा बहोत दर्द था भी..वो पापा के उसकी चूचियाँ मसल्ने .उसे चूमने से जाता रहा था ..

" बस अब धक्के लगाओ पापा ..देखा ना आप की बेटी की गान्ड कितना मस्त है ..आप का पूरा लॉडा मेरे अंदर है ...आआआः ...बस मारते जाओ अपनी बेटी की गान्ड ..मारो ना पापा ..मारो ..मारो जी भर के मारो..." ''

साना अपनी गान्ड उपर करती है और हरदयाल अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकालता है और अंदर डालता है ..और बिना रुके गान्ड की चुदाई करता जाता है ....साथ में अपनी हथेली साना की जांघों के बीच डालता हुआ उसकी चूत भी घीसता जाता है...उफ़फ्फ़ उसकी चूत से तो गंगा बह रही थी..लगातार पानी छूट रहा था ..

गान्ड में लंड और चूत में उसकी उंगलियाँ ...लगातार अंदर बाहर हो रहे थे ...

ठप ..ठप ठप आवाज़ आ रही थी ..साना अपनी गान्ड में पापा के लंड के अंदर बाहर होने से निहाल थी ...उसका पूरा बदन सन सनी से भर उठा था ...उसकी ज़ुबान सूख गयी थी.....इतनी मस्ती में थी उसकी आँखें बंद थी ...सीहर रही थी ..कराह रही थी साना ....

हरदयाल भी धक्के पर धक्का लगाता जा रहा था ..उसे लगा अब उसके बदन का सारा खून उसके लौडे की टिप पर आ गया है .....

साना के गान्ड की पकड़ उसके लौडे पर टाइट सी थी ...उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी ..साना का भी बूरा हाल था ...

साना को ऐसा महसूस हुआ उसका सारा बदन अकड़ गया हो ..सारे बदन में एक अजीब सी झूरजूरी सी हुई ...उसकी चूत टाइट हो गयी ..हरदयाल की उंगलियाँ चूत के होंठों से जाकड़ गयी ....

साना का बदन ढीला हो गया और एक मोटी , गाढ़ी सफेद रस की धार उसकी चूत से फव्वारे की तरेह निकली ... हरदयाल की पूरी हथेली इस रस से सराबोर हो गयी , इतना गर्म और गीला सा महसूस हुआ उसके हथेली पर..

इसका सीधा असर उसके लौडे पर हुआ और उसके लौडे ने भी अपनी बेटी की गान्ड में पीचकारी छोड़ दी...

हरदयाल अपना लॉडा बेटी की गान्ड में धंसाए धंसाए ही उसकी पीठ से चीपक गया ..साना की गान्ड अपने पापा के गाढ़े वीर्य से भरती जा रही थी ...लबालब ...


हरदयाल साना केए पीठ पर अपना सर रखे रखे पड़ा रहा ..हान्फता हुआ ...

साना उसके नीचे सूस्त सी.बहोत ही हल्का पन महसूस लिए ..होंठों पर एक शूकून और मस्ती भरी मुस्कान लिए पड़ी थी....

दोनों एक दम शांत थे ....बेसूध थे ....
 
थोड़ी देर बाद हरदयाल आँखे खोलता है ...और अपनी बेटी की ओर देखता है......

साना की आँखें गहरी नींद में बंद थी .. कितनी मासूम लग रही थी .. किसी बच्ची की तरेह, बीखरे बाल , टाँगें पापा की जांघों पर ...सारी दुनिया से बेख़बर ..उसके हाथ अपने पापा के सीने पर लगे थे ..मानो पापा के सीने से लगी अपने आप को कितना महफूज़ समझ रही थी...कितना शूकून था ...अपने पापा पर कितना भरोसा था उसे...सारी दुनिया की मुसीबतें,परेशानियाँ , दूख सब कुछ उसके पापा के सीने से लगते ही दूर हो गये थे ....

अपने पापा के साथ आज उसका एक बहोत प्यारा और पुराना सपना पूरा हुआ था ..हां अपनी गान्ड उन्हें दे कर ..और पापा ने भी कितने प्यार और दुलार से सारा काम किया था ...साना को ज़रा भी दर्द नही हुआ...थोड़ा बहोत हुआ भी तो दर्द , मज़े की सीहरन से ढँक गया ..जिस तरेह चील्चीलाति धूप की जलन बादल की आध में छुप जाती है....

हरदयाल अपनी तरेफ से उसे किसी भी प्यार से महरूम नही करता... उसकी मा की कमी पूरी करना चाहता था ...पर आखीर उसकी भी मजबूरी थी ...मा की ममता , मा की नज़दीकी खास कर बेटियों के साथ ...इन सब बातों की कमी साना की ज़िंदगी में थी और सब से ज़्यादा हरदयाल के पास कमी थी तो समय की ...

अपने बहोत व्यस्त कारोबारी कामों के मारे जितना वक़्त देना चाहता था अपनी बेटी को ..और जितना वक़्त उसकी बेटी की ज़रूरत और उसका हक़ था...नही दे पाता था ...

मजबूरन हरदयाल ने इन बातों की कमी साना को हर तारेह की छूट और आज़ादी दे कर पूरी करनी चाही ...पर इसका नतीज़ा वोही हुआ जो उस ने आज पार्टी के बाद साना के बेढंगे, भोंडे और बहूदे नंगेपन में दीखा ..पर हरदयाल मजबूर था ..उसकी आँखों के सामने उसकी बेटी बहकती जा रही थी ..वो सिर्फ़ हाथ मलता हुआ बेबाश देखता ही रह जाता ...

साना अंदर से कितनी मासूम , कितनी भोली और प्यार की भूखी थी ....पर वो मासूम और भोली लड़की प्यार और शूकून सेक्स में ढूँढ रही थी ... रोज नये दोस्त ..नयी नयी शानो-शौकत की चीज़ें , शराब और शबाब की दुनिया में ढूँढ रही थी ...पर एक मृगतृष्णा की तरेह साना से दूर और दूर होता जाता ....और साना उसे पकड़ने , पाने की नाकामयाब कोशिश में अपने आप को इस दल दल में और भी बूरी तरेह फँसा हुआ पाती ...

पर इस पूरी अंधेरी रात की तरेह साना के भविश्य में एक उजाले की किरण भी थी और वो था उसका अपने पापा से अटूट , बेइंतहा प्यार .... यही एक सहारा था ...यही साना की डूबती ज़िंदगी में एक तिनके का सहारा था ...

हरदयाल भी समझता था ..पर मजबूर था ...उसकी मजबूरी थी उसका बड़ा और फैला बिज़्नेस .....और जिसके चलते समय की कमी ..उसे समझ नही आ रहा था क्या करे ... कैसे अपनी बेटी को इस हवस और बर्बादी की दल दल से निकाले....

हरदयाल काफ़ी परेशान था..गहरी सोच में डूबा था ..एक ओर उस की बेटी की मासूम सी ज़िंदगी थी ...जो उस के प्यार और करीबी की भूखी ..और दूसरी ओर उसका बिज़्नेस जो उसे अपनी बेटी को पूरा समय दे पाने में सब से बड़ी रुकावट था ....

अचानक उसके दिमाग़ में एक कौन्ध सी होती है ..एक आशा की किरण फूट पड़ती है ..अगर उस के पास समय नही तो कोई और तो उस की जगेह ले सकता है... कोई और साना की ज़िंदगी में आए और उसे उतना ही प्यार दे, उतना ही ख़याल रखे ...यानी किसी ऐसे शक्श से उसकी शादी कर दी जाए ...

पर साना का दिल जितना उतना आसान नही था किसी के लिए ..और सब से बड़ी बात क्या साना इस बात के लिए राज़ी होगी..?? पर कोशिश तो की जा सकती है..

इस बात पर हरदयाल को कुछ तस्सल्ली होती है..वो अपने दिमाग़ में रख लेता है यह बात ..और साना से इस बारे खूल कर बात करने का मन बना लेता है...

इन सब ख़यालों में खोए हरदयाल को भी नींद आने लगती है..वो बड़े अएहतियात से साना के हाथ अपने सीने से हटाता है.... उठ ता है पलंग से .बेड रूम के वॉर्डरोब से एक धूलि चादर निकाल कर साना के नंगे बदन को ढँक देता है और खुद स्लीपिंग सूट , जो के हमेशा फार्महाउस के वॉर्डरोब में होता है....पहेन कर खुद भी साना के बगल में आ कर लेट ता है , और फिर साना के माथे को चूमता है ...और आँखें बंद कर नींद की आगोश में खो जाता है ...


Thodi der baad Hardyal ankhein kholta hai ...aur apni beti ki or dekhta hai......
 
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