hotaks444
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हवस का नंगा नाच
फ्रेंड्स आपके लिए एक और तड़कती फड़कती कहानी पेश कर रहा हूँ जैसा कि मैने पहले भी कहा है मैं कोई लेखक नही हूँ
मुझे जो कहानी अच्छी लगती है आपके साथ शेअर कर लेता हूँ ये कहानी आकाश ने लिखी है मैं इसे आपके लिए हिन्दी फ़ॉन्ट मे कंवर्ट कर रहा हूँ
अपडेट 1
साना ने आज अपनी उम्र की 19 वीं सीढ़ी पर कदम रख दिए थे ...उसकी साल गीरह मनाने का अंदाज़ नायाब था ...और क्यूँ ना हो...शहेर के सब से नामी गीरामी बिज़्नेसमॅन लाला हरदयाल की एक लौटी बेटी जो थी .... नायाब बेटी के नायाब कारनामे ...
उसकी हर चीज़ नायाब थी... लंबी , छरहरे बदन की मालकीन...5'6" की लंबाई , बदन में सही जागेह सही गोलाई और उभार ...नाक सुडौल रंग गोरा... किसी भी मर्द के सपनों की रानी. उस ने अपने पैसे , जवानी और बदन का भरपूर इस्तेमाल करना सीखा था ... भरपूर ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाना सीखा था ...लाला ने भी उसे भरपूर जिंदगी जीने की छूट दे रखी थी. इस की वजह थी साना की मा की उसके बचपन में ही मौत.
मा के प्यार की कमी लाला जी ने अपने पैसे और साना को अपनी ज़िंदगी भरपूर जीने की आज़ादी दे कर पूरी करनी चाही थी..नतीज़ा यह हुआ साना को प्यार तो नसीब नहीं हुआ पर वो हवस को प्यार समझ बैठी और उसकी ज़िंदगी एक हवस की भूख मिटाने का ही सबब बन गया ...पर हवस कभी पूरी हुई है ..????
आज लाला जी के फार्म हाउस में साना की 19 वीं साल्गीरह धूमधाम से मनाई जा रहे है ...शराब और शबाब से भरपूर...
साना नायाब थी..उसकी पार्टी भी नायाब ...
हवस की पुतली साना की पार्टी भी हवस के रंग में शराबोर थी....हवस का नंगा नाच हो रहा था ...
साना के कुछ गिने चुने दोस्त ही वहाँ मौज़ूद थे...उसके दोस्तों में सिर्फ़ मर्द ही नहीं बल्कि लड़कियाँ भी शामिल थीं ..साना की ही तरेह अमीर , बिगड़ी और हवस की भूखी ..
केक कट चूका था ... डिन्नर का भी दौर ख़त्म हो चूका था..फ्रेंच शॅंपेन की बोतलें कितनी खूली और कितने जाम उनके गले के नीचे उतरे इसका कोई पैमाना नहीं था ....हल्की हल्की मदहोश करने वाली डॅन्स की धूनों पर डॅन्स फ्लोर पर जोड़े एक दूसरे से चीपके , कमर हिलाते ...अपने , हाथों से एक दूसरे की पीठ सहलाते , होंठों को चूमते , सीने से सीना दबाए थीरक रहे थे ...
कपड़े नीचे फर्श पर गिरते जा रहे थे किसी को कोई होश नही ... लड़कियों के हाथ लड़कों के कपड़े उतार रहे थे...लड़कों की हथेलिया लड़कियों के बदन और कपड़ों पर जुटे थे , एक दूसरे को नंगा करने की होड़ मची थी ...
साना डॅन्स फ्लोर से अलग बहोत ही पतली और झीनी सी ड्रेस पहने , हाथ में जाम लिए अपने दोनों बगल अपने सब से करीबी दोस्तों के साथ बैठी थी... उसके एक हाथ में शॅंपेन का जाम था .. दूसरा हाथ अपने बगल बैठे दोस्त के पॅंट के उभार पर था ... और उसके दोस्त के हाथ साना के बदन से खेल रहे थे ...दोनों एक दूसरे में खोए थे...साना दुनिया से बेख़बर , शराब और शबाब की मस्ती में डूबी ...अपने आप को अपने दोनों दोस्तों के हाथ छोड़ दिया था ..
शराब की मस्ती , हवस की प्यास और उम्र के तकाज़े ने अब तक वहाँ मौज़ूद सब के कपड़े उतार दिए थे ...
डॅन्स फ्लोर पर सभी नंगे थे .. एक दूसरे को सहलाते , चीपकते , नोचते , चूमते और कमर हिलाते एक दूसरे में समान जाने को बेताब ... सिसकारियाँ .. थपथपाहट , चूमने की चटखारों , अया ...उईईईई.. हाई ... की धीमी पर मदहोश आवाज़ें निकाल रहे थे..उनके हाथों की उंगलियाँ चूचियों की गोलाई ...चूत की गहराई , बदन के भरपूर गोश्त का जायज़ा ले रही थी ..होंठ एक दूसरे के होंठों से चीपके एक दूसरे को पूरी तरेह खा जाने को बेताब थे ..कुछ जोड़ों से अब और रहा नही गया. , उनके सब्र का बाँध फूट पड़ा था...लड़कियों ने अपनी टाँगें फैला दी ..अपने हाथों से अपने गीली , रसीली चूत की फाँकें अलग कर दी , डॅन्स फ्लोर पर झूमती हुई लेट गयीं ...उनके साथियों ने अपने तन्नाए , फन्फनाते लौड़ों को सहलाते हुए अपने पार्ट्नर्स के इन्विटेशन को क़बूल किया , उनके टाँगों के बीच आ गये ....और फिर फ्लोर पर चुदाई का आलम शूरू हो गया ...
अब तक फ्लोर पर जोड़े खड़े थे ..अब जोड़े फ्लोर पर पड़े थे ...कमर खड़े खड़े भी हिल रही थी और कमर अब पड़े पड़े भी हिल रही थी ..पर अब साथ में लौड़ों और चूत का भी खेल बराबर चल रहा था..पूरा हॉल आआआः.....उूुउऊहह ...हाईईईईईईई....हाआँ ... उईईईई की धीमी सिसकारियों और चीखों से गूँज रहा था ...हवस का नंगा नाच अपनी बुलंदियों पर था
इधर साना के कपड़े भी उतर चूके थे ...अब तक वो अपने दोनों दोस्तों की गोद में बिल्कुल नंगी पड़ी थी..उसकी आँखें बंद थीं ...उसके दोस्तों के हाथ साना के बदन का भरपूर मज़ा ले रहे थे ..
एक साना की मुलायम , गीली , रसीली चूत का मज़ा चाट चाट कर ले रहा था..दूसरा साना के होंठों की मस्ती , उसकी जीभ की मीठी और गीली स्वाद का मज़ा उन्हें चूस चूस कर ले रहा था ....उसकी हथेलिया साना की 32ब साइज़ वाली चूचियों से खेल रही थीं ...उन्हें दबा रही थी....उनकी घुंडीयों को सहला रही थी जितना ज़्यादा साना की चूचियाँ और होंठ चूसे जाते ..उतना ही मस्ती से उसकी चूत फदक उठ ती और उसकी चूत भी उतनी ही गीली होती जाती ...और चूत चाटने वाले दोस्त का मुँह भर उठता साना की चूत रस से...
फ्रेंड्स आपके लिए एक और तड़कती फड़कती कहानी पेश कर रहा हूँ जैसा कि मैने पहले भी कहा है मैं कोई लेखक नही हूँ
मुझे जो कहानी अच्छी लगती है आपके साथ शेअर कर लेता हूँ ये कहानी आकाश ने लिखी है मैं इसे आपके लिए हिन्दी फ़ॉन्ट मे कंवर्ट कर रहा हूँ
अपडेट 1
साना ने आज अपनी उम्र की 19 वीं सीढ़ी पर कदम रख दिए थे ...उसकी साल गीरह मनाने का अंदाज़ नायाब था ...और क्यूँ ना हो...शहेर के सब से नामी गीरामी बिज़्नेसमॅन लाला हरदयाल की एक लौटी बेटी जो थी .... नायाब बेटी के नायाब कारनामे ...
उसकी हर चीज़ नायाब थी... लंबी , छरहरे बदन की मालकीन...5'6" की लंबाई , बदन में सही जागेह सही गोलाई और उभार ...नाक सुडौल रंग गोरा... किसी भी मर्द के सपनों की रानी. उस ने अपने पैसे , जवानी और बदन का भरपूर इस्तेमाल करना सीखा था ... भरपूर ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाना सीखा था ...लाला ने भी उसे भरपूर जिंदगी जीने की छूट दे रखी थी. इस की वजह थी साना की मा की उसके बचपन में ही मौत.
मा के प्यार की कमी लाला जी ने अपने पैसे और साना को अपनी ज़िंदगी भरपूर जीने की आज़ादी दे कर पूरी करनी चाही थी..नतीज़ा यह हुआ साना को प्यार तो नसीब नहीं हुआ पर वो हवस को प्यार समझ बैठी और उसकी ज़िंदगी एक हवस की भूख मिटाने का ही सबब बन गया ...पर हवस कभी पूरी हुई है ..????
आज लाला जी के फार्म हाउस में साना की 19 वीं साल्गीरह धूमधाम से मनाई जा रहे है ...शराब और शबाब से भरपूर...
साना नायाब थी..उसकी पार्टी भी नायाब ...
हवस की पुतली साना की पार्टी भी हवस के रंग में शराबोर थी....हवस का नंगा नाच हो रहा था ...
साना के कुछ गिने चुने दोस्त ही वहाँ मौज़ूद थे...उसके दोस्तों में सिर्फ़ मर्द ही नहीं बल्कि लड़कियाँ भी शामिल थीं ..साना की ही तरेह अमीर , बिगड़ी और हवस की भूखी ..
केक कट चूका था ... डिन्नर का भी दौर ख़त्म हो चूका था..फ्रेंच शॅंपेन की बोतलें कितनी खूली और कितने जाम उनके गले के नीचे उतरे इसका कोई पैमाना नहीं था ....हल्की हल्की मदहोश करने वाली डॅन्स की धूनों पर डॅन्स फ्लोर पर जोड़े एक दूसरे से चीपके , कमर हिलाते ...अपने , हाथों से एक दूसरे की पीठ सहलाते , होंठों को चूमते , सीने से सीना दबाए थीरक रहे थे ...
कपड़े नीचे फर्श पर गिरते जा रहे थे किसी को कोई होश नही ... लड़कियों के हाथ लड़कों के कपड़े उतार रहे थे...लड़कों की हथेलिया लड़कियों के बदन और कपड़ों पर जुटे थे , एक दूसरे को नंगा करने की होड़ मची थी ...
साना डॅन्स फ्लोर से अलग बहोत ही पतली और झीनी सी ड्रेस पहने , हाथ में जाम लिए अपने दोनों बगल अपने सब से करीबी दोस्तों के साथ बैठी थी... उसके एक हाथ में शॅंपेन का जाम था .. दूसरा हाथ अपने बगल बैठे दोस्त के पॅंट के उभार पर था ... और उसके दोस्त के हाथ साना के बदन से खेल रहे थे ...दोनों एक दूसरे में खोए थे...साना दुनिया से बेख़बर , शराब और शबाब की मस्ती में डूबी ...अपने आप को अपने दोनों दोस्तों के हाथ छोड़ दिया था ..
शराब की मस्ती , हवस की प्यास और उम्र के तकाज़े ने अब तक वहाँ मौज़ूद सब के कपड़े उतार दिए थे ...
डॅन्स फ्लोर पर सभी नंगे थे .. एक दूसरे को सहलाते , चीपकते , नोचते , चूमते और कमर हिलाते एक दूसरे में समान जाने को बेताब ... सिसकारियाँ .. थपथपाहट , चूमने की चटखारों , अया ...उईईईई.. हाई ... की धीमी पर मदहोश आवाज़ें निकाल रहे थे..उनके हाथों की उंगलियाँ चूचियों की गोलाई ...चूत की गहराई , बदन के भरपूर गोश्त का जायज़ा ले रही थी ..होंठ एक दूसरे के होंठों से चीपके एक दूसरे को पूरी तरेह खा जाने को बेताब थे ..कुछ जोड़ों से अब और रहा नही गया. , उनके सब्र का बाँध फूट पड़ा था...लड़कियों ने अपनी टाँगें फैला दी ..अपने हाथों से अपने गीली , रसीली चूत की फाँकें अलग कर दी , डॅन्स फ्लोर पर झूमती हुई लेट गयीं ...उनके साथियों ने अपने तन्नाए , फन्फनाते लौड़ों को सहलाते हुए अपने पार्ट्नर्स के इन्विटेशन को क़बूल किया , उनके टाँगों के बीच आ गये ....और फिर फ्लोर पर चुदाई का आलम शूरू हो गया ...
अब तक फ्लोर पर जोड़े खड़े थे ..अब जोड़े फ्लोर पर पड़े थे ...कमर खड़े खड़े भी हिल रही थी और कमर अब पड़े पड़े भी हिल रही थी ..पर अब साथ में लौड़ों और चूत का भी खेल बराबर चल रहा था..पूरा हॉल आआआः.....उूुउऊहह ...हाईईईईईईई....हाआँ ... उईईईई की धीमी सिसकारियों और चीखों से गूँज रहा था ...हवस का नंगा नाच अपनी बुलंदियों पर था
इधर साना के कपड़े भी उतर चूके थे ...अब तक वो अपने दोनों दोस्तों की गोद में बिल्कुल नंगी पड़ी थी..उसकी आँखें बंद थीं ...उसके दोस्तों के हाथ साना के बदन का भरपूर मज़ा ले रहे थे ..
एक साना की मुलायम , गीली , रसीली चूत का मज़ा चाट चाट कर ले रहा था..दूसरा साना के होंठों की मस्ती , उसकी जीभ की मीठी और गीली स्वाद का मज़ा उन्हें चूस चूस कर ले रहा था ....उसकी हथेलिया साना की 32ब साइज़ वाली चूचियों से खेल रही थीं ...उन्हें दबा रही थी....उनकी घुंडीयों को सहला रही थी जितना ज़्यादा साना की चूचियाँ और होंठ चूसे जाते ..उतना ही मस्ती से उसकी चूत फदक उठ ती और उसकी चूत भी उतनी ही गीली होती जाती ...और चूत चाटने वाले दोस्त का मुँह भर उठता साना की चूत रस से...