hotaks444
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गतान्क से आगे..................
चोद चोद के प्यास बजा दूंगा तेरी
इतना चोदुंगा चाहे जान चली जाए मेरी .......
अब तू कुछ चिंता मत कर मेरी सोनी
अब कुछ गलती मुझसे नहीं होनी .....
चोद चोद का अब चोदु में बन गया हूँ
तेरी हसीं चूत का गुलाम में बन गया हूँ ....
चोद चोद कर तेरी चूत का भोसड़ा में बना दूंगा .....
तेरी चूत में ही रहने का घर में बना दूंगा .......
मैं ने उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो वो मेरे उपर गिर गये. मैं ने प्यार से उनके गले मे बाँहे डाल दी और बोली, अगर मेरी चूत की हालत खराब होती है तो खराब होने दे आख़िर आप की डॉक्टरी किस काम आय गी आप चुदाइ के बाद फिर दवाई लगा दीजिए गा. वसीम साहिब ने मेरी बात सुनकर प्यार से मेरे होंटो को चूम लिया और बोले, यानी तुम चुदे बगैर नही मानो गी. मैं हँसी और बोली, हा नही मानू गी जब तक आप ट्रेन की तरहा ज़बरदस्त तरीके से मेरी चुदाइ नही कर दे गे. क्यूँ के मेरे अंदर ये आग आप ने ही लगाई है और ये आप को ही भुजानी है. वसीम साहिब भी मेरी बात सुनकर हँसे और बोले, सोच लो मेरी जान बाद मे मत रोना के मेरी चूत फाट गई है. मैं मुस्कराई और बोली, नही रोउंगी बस आप मेरी चुदाइ करे. ये कह कर मैं ने उन्हे ज़ोर से बींच लिया और अपने होन्ट उनके होंटो से मिला दिए. अब वसीम साहिब भी कुछ नही बोले और वो मेरे बोसे का साथ देने लगे. फिर जब वसीम साहिब उठ कर अपने कपड़े उतारने लगे तो मैं उन्हे रोकती हुई बोली, नही वसीम साहिब आप के कपड़े मैं उतारू गी. वसीम साहिब मेरी बात सुनकर मुस्करा दिए. वसीम साहिब इस वक़्त पॅंट और बन्यान पहने हुए थे. मैं ने उठ कर पहले तो उनका बानयन उतारा फिर मैं ने उनकी पॅंट का बॉटन और ज़िप खोली और उनकी पॅंट नीचे करदी. मैं ने घोटनो के बल बैठ कर उनके दोनो पावं से पॅंट निकाल दी. अब वासी साहिब सिर्फ़ अंडरवेर मे थे. उनका अंडरवेर काफ़ी फूला हुआ था. मैं ने अपनी नज़रे उठा कर वसीम साहिब के चेहरे को देखा तो वो मुस्करा रहे थे. मैं भी मुस्कराई और उनकी अंडरवेर के उपर हाथ फेरने लगी.
मेरे हाथ फेरने से अंडरवेर के अंदर उनका लंड मचलने लगा और अंडरवेर की क़ैद से आज़ाद होने की कोशिश करने लगा. मुझे उनका मचलता हुआ लंड बोहत अछा लग रहा था और मैं ने अपना मुँह आगे कर के उनका लंड अंडरवेर के उपर से ही अपने मुँह मे ले लिया. मुझे बोहत माज़ा आया और मैं अंडरवेर के उपर से ही उनका लंड चूसने लगी. काफ़ी देर उनका लंड चूसने के बाद मैं ने उनकी अंडरवेर नीचे कर दी. अंडरवेर उतरते ही उनका लंड ऐक दम से उछल कर पूरा खड़ा होगया और किसी नाग की तरहा झूमने लगा. मुझे उनके लंड पर बोहत प्यार आरहा था इसलिए मैं ने अपने दोनो हाथो से उनका लंड पकड़ लिया और उनके लंड की टोपी से अपने होन्ट मिला दिए. मैं ने उनके लंड की टोपी का ऐक तवील किस लिया फिर जब मैं ने अपने होन्ट हटाए तो टोपी के सोराख से मनी का ऐक शफ्फाफ कतरा निकल आया. मैं ने अपनी ज़बान से वो कतरा उनकी पूरी टोपी पर फैला दिया और उनकी टोपी मुँह मे लेकर चूसने लगी. मुझे वसीम साहिब का लंड चूसने मे बोहत माज़ा आरहा था और वसीम साहिब को भी माज़ा आरहा था और इसी लिए उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी. वो कहने लगे, आअहह सोनिया डार्लिंग तुम तो बोहत हॉट और सेक्सी हो ऐसी चुसाइ तो आज तक किसी ने नही की आआअहह. वसीम साहिब से अपनी तारीफ सुनकर मैं खुश होगई और फिर मैं मज़ीद जोश के साथ उनका लंड चूसने लगी. फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता उनका लंड अपने मुँह मे अंदर बाहर करने लगी और फिर मे तेज़ी के साथ उनका लंड अपने मुँह मे अंदर भर कर के माज़े से चूसने लगी. मैं ने 10 मिनिट तक उनका लंड चूसा. मेरे चूसने से उनका लंड मज़ीद सख़्त होगया था. फिर मैं ने उनका लंड मुँह से निकाला और बेड पर लेट कर बोली, वसीम साहिब अब आप अपने लंड से मेरी चूत को फाड़ डाले. वसीम साहिब ने आकर मेरी दोनो टाँगे उठाई और मोड़ कर मेरे पेट से लगा दी फिर उन्हो ने झुक कर अपना लंड मेरी चूत के सोराख पर रखा और बोहत तेज़ झटका मारा. पहले ही झटके मे उनका लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स गया .
चोद चोद के प्यास बजा दूंगा तेरी
इतना चोदुंगा चाहे जान चली जाए मेरी .......
अब तू कुछ चिंता मत कर मेरी सोनी
अब कुछ गलती मुझसे नहीं होनी .....
चोद चोद का अब चोदु में बन गया हूँ
तेरी हसीं चूत का गुलाम में बन गया हूँ ....
चोद चोद कर तेरी चूत का भोसड़ा में बना दूंगा .....
तेरी चूत में ही रहने का घर में बना दूंगा .......
मैं ने उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो वो मेरे उपर गिर गये. मैं ने प्यार से उनके गले मे बाँहे डाल दी और बोली, अगर मेरी चूत की हालत खराब होती है तो खराब होने दे आख़िर आप की डॉक्टरी किस काम आय गी आप चुदाइ के बाद फिर दवाई लगा दीजिए गा. वसीम साहिब ने मेरी बात सुनकर प्यार से मेरे होंटो को चूम लिया और बोले, यानी तुम चुदे बगैर नही मानो गी. मैं हँसी और बोली, हा नही मानू गी जब तक आप ट्रेन की तरहा ज़बरदस्त तरीके से मेरी चुदाइ नही कर दे गे. क्यूँ के मेरे अंदर ये आग आप ने ही लगाई है और ये आप को ही भुजानी है. वसीम साहिब भी मेरी बात सुनकर हँसे और बोले, सोच लो मेरी जान बाद मे मत रोना के मेरी चूत फाट गई है. मैं मुस्कराई और बोली, नही रोउंगी बस आप मेरी चुदाइ करे. ये कह कर मैं ने उन्हे ज़ोर से बींच लिया और अपने होन्ट उनके होंटो से मिला दिए. अब वसीम साहिब भी कुछ नही बोले और वो मेरे बोसे का साथ देने लगे. फिर जब वसीम साहिब उठ कर अपने कपड़े उतारने लगे तो मैं उन्हे रोकती हुई बोली, नही वसीम साहिब आप के कपड़े मैं उतारू गी. वसीम साहिब मेरी बात सुनकर मुस्करा दिए. वसीम साहिब इस वक़्त पॅंट और बन्यान पहने हुए थे. मैं ने उठ कर पहले तो उनका बानयन उतारा फिर मैं ने उनकी पॅंट का बॉटन और ज़िप खोली और उनकी पॅंट नीचे करदी. मैं ने घोटनो के बल बैठ कर उनके दोनो पावं से पॅंट निकाल दी. अब वासी साहिब सिर्फ़ अंडरवेर मे थे. उनका अंडरवेर काफ़ी फूला हुआ था. मैं ने अपनी नज़रे उठा कर वसीम साहिब के चेहरे को देखा तो वो मुस्करा रहे थे. मैं भी मुस्कराई और उनकी अंडरवेर के उपर हाथ फेरने लगी.
मेरे हाथ फेरने से अंडरवेर के अंदर उनका लंड मचलने लगा और अंडरवेर की क़ैद से आज़ाद होने की कोशिश करने लगा. मुझे उनका मचलता हुआ लंड बोहत अछा लग रहा था और मैं ने अपना मुँह आगे कर के उनका लंड अंडरवेर के उपर से ही अपने मुँह मे ले लिया. मुझे बोहत माज़ा आया और मैं अंडरवेर के उपर से ही उनका लंड चूसने लगी. काफ़ी देर उनका लंड चूसने के बाद मैं ने उनकी अंडरवेर नीचे कर दी. अंडरवेर उतरते ही उनका लंड ऐक दम से उछल कर पूरा खड़ा होगया और किसी नाग की तरहा झूमने लगा. मुझे उनके लंड पर बोहत प्यार आरहा था इसलिए मैं ने अपने दोनो हाथो से उनका लंड पकड़ लिया और उनके लंड की टोपी से अपने होन्ट मिला दिए. मैं ने उनके लंड की टोपी का ऐक तवील किस लिया फिर जब मैं ने अपने होन्ट हटाए तो टोपी के सोराख से मनी का ऐक शफ्फाफ कतरा निकल आया. मैं ने अपनी ज़बान से वो कतरा उनकी पूरी टोपी पर फैला दिया और उनकी टोपी मुँह मे लेकर चूसने लगी. मुझे वसीम साहिब का लंड चूसने मे बोहत माज़ा आरहा था और वसीम साहिब को भी माज़ा आरहा था और इसी लिए उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी. वो कहने लगे, आअहह सोनिया डार्लिंग तुम तो बोहत हॉट और सेक्सी हो ऐसी चुसाइ तो आज तक किसी ने नही की आआअहह. वसीम साहिब से अपनी तारीफ सुनकर मैं खुश होगई और फिर मैं मज़ीद जोश के साथ उनका लंड चूसने लगी. फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता उनका लंड अपने मुँह मे अंदर बाहर करने लगी और फिर मे तेज़ी के साथ उनका लंड अपने मुँह मे अंदर भर कर के माज़े से चूसने लगी. मैं ने 10 मिनिट तक उनका लंड चूसा. मेरे चूसने से उनका लंड मज़ीद सख़्त होगया था. फिर मैं ने उनका लंड मुँह से निकाला और बेड पर लेट कर बोली, वसीम साहिब अब आप अपने लंड से मेरी चूत को फाड़ डाले. वसीम साहिब ने आकर मेरी दोनो टाँगे उठाई और मोड़ कर मेरे पेट से लगा दी फिर उन्हो ने झुक कर अपना लंड मेरी चूत के सोराख पर रखा और बोहत तेज़ झटका मारा. पहले ही झटके मे उनका लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स गया .