hotaks444
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मर्दों की दुनिया पार्ट--11
गतांक से आगे........................
ओह्ह लेकिन ये तो कोई बात नही हुई," माला दीदी ने कहा, "मेरी और
सूमी की चूत कौन चूसेगा?"
फिर चारों हमारी चूत चूस चूस कर हमारी चूत का पानी
छुड़ाने
लगे..
जब हमारी चुसाइ ख़तम हुई तो जीजू ने मोना से पूछा तुमने उनसे
क्या कहा था?"
जब हम कमरे मे पहुँचे तो हम हंस रहे थे, "तुम हंस क्यों रही
हो? टीना ने पूछा.
"क्यों की मेरे मालिक तेरी मालकिन को चोद रहे है." मेने जवाब
दिया.
"और साहेब क्या कर रहे थे?" सोना ने पूछा
"वो मेरी मालकिन को चोद रहे है." रीमा ने जवाब दिया.
"उन दोनो को हमारी बात समझने मे थोड़ा वक़्त लगा लेकिन जब बात
उनकी समझ मे आई तो दोनो नंगी ही बिस्तर से उठ कर भागी." मोना
ने खिलखिलाते हुए कहा.
"तुम दोनो ने अच्छा काम किया है." सुमित ने कहा, "तुम दोनो को तो
शाबाशी मिलनी चाहिए."
"क्या साब सिर्फ़ शाबाशी." मोना ने कहा.
"थोड़ा सब्र करो तुम दोनो की चुदाई भी होगी." सुमित ने कहा.
"वादा" दोनो ने पूछा.
"पका वादा" सुमित ने कहा. फिर दोनो कमरे से चली गयी.
नाश्ते के बाद चारों मर्द सहर चले गये बाज़ार से समान लाने
के लिए. हम औरतों ने सोचा क्यों ना तेल लगाकर सिर की मालिश करा
ली जाए.
सीमा दीदी के सिर मे तेल लगाते वक़्त टीना बार बार अपनी नाक पौंछ
रही थी, "क्या बात है टीना क्या तुम्हे सर्दी हो गयी है?" दीदी ने
पूछा.
"नही मेडम" टीना ने कहा, "मुझे लगता है कि में अपने माता पिता
को नही बचा पाउन्गि, वो तो मुझे पसंद ही नही करते."
"बेवकूफी वाली बात मत करो, मुझे पता है सुमित तुम्हे बहोत
पसंद करता है." सीमा दीदी ने जवाब दिया.
"में विश्वास नही करती," टीना रोते हुए बोली, "मेने रात को देख
लिया वो मुझे कितना पसंद करते है. जब सोना अपनी चुचियाँ दीखा
रही थी तो कैसे मरे जा रहे थे उन्हे पकड़ने के लिए लेकिन जब
मेने अपनी चुचियाँ उन्हे पकड़ने के लिए दी तो उन्होने उनकी तरफ
देखा भी नही."
"ऐसा कुछ नही," सीमा दीदी ने कहा, "आज सुबह ही उसने कहा कि
तुमसे अच्छी चुचियाँ यहाँ किसी की नही है."
"अगर ऐसी बात है तो आज शुबह वो आप को क्यों चोद रहे थे?"
टीना ने पूछा.
"टीना अब तुम अपनी हद पर कर रही हो... अपनी सीमा मे रहो," दीदी
गुस्से मे बोली. फिर अपने गुस्से को काबू मे करते हुए बोली, "देखो ये
मर्दों की दुनिया है... वो मुझे चोदना चाहता था इसलिए मेने उसे
चोदने दिया."
"मेडम मुझे माफ़ कर दो, मेरा कहने का ये मतलब नही था," टीना ने
अभी रोते हुए कहा, "लेकिन मुझे लगता है कि वो मुझे पसंद ही
नही करते."
"टीना ये जलन की भावना दिल से निकाल दो और थोड़ा सब्र करना
सीखो," माला दीदी ने कहा, "में कहती हूँ आज सुमित तुम्हे दोपहर
को ज़रूर चोदेगा."
"ओह सही में दीदी में कितनी खुश हूँ ये बात सुनकर." टीना के
चेहरे पर फिर मुस्कान आ गयी और वो एक गीत गुनगुनाते हुए अपना
काम करने लगी.
दोपहर को खाने के बाद हम सभी सीमा दीदी के बेडरॉंम मे इकट्ठे
हंस रहे थे
"अब हम कल रात वाला खेल वहीं से खेलेंगे." जीजू ने कहा "सभी
कोई अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ वो कपड़े पहने रहे जो रात को उनके
बदन पर थे."
पहले तो मुझे लगा कि टीना विरोध कारगी लेकिन उसने मेरी सोच को
ग़लत ठहराते हुए अपने कपड़े उतार दिए.
खेल शुरू हुआ, पहली दो बाज़ी मे अमित और जीजी ने अपनी अंडरवेर
उतार दिए. आगे चार बाज़ी मे मेने, मोना, रीमा और अनु ने अपनी
पॅंटी उतार दी.
फिर अगली बाज़ी मे सोना हार गयी और अमित जीत गया, "अपनी पॅंटी
उतारो." जीजू ने कहा.
"हां उतार दो." सुमित ने कहा, "हम सभी को देखने दो कि क्या
तुम्हारी चूत भी उतनी ही प्यारी जितनी तुम्हारी चुचियाँ." शरमाते
हुए सोना ने अपनी पॅंटी उत्तर दी.
"ओह सोना तुम्हारी चूत तो बहुत ही प्यारी." चारों मर्द सीटी
बजाते हुए बोले.
अमित खड़ा हुआ और अपनी पॅंट को नीचे करते हुए कहा, "अब में
चोदना चाहता हूँ."
"हाई मर्द का लॉडा इतना बड़ा और मोटा होता है." सोना अमित के लंड
को देखकर ज़ोर से बोली.
"में सोच रहा हूँ कि टीना की चुदाई कर दूँ." अमित ने कहा.
"नही मेरी नही," टीना सीमा दीदी के पीछे छुपाते हुए बोली, "मेडम
मुझे बचाओ, में इनसे नही चुदवाउन्गि."
"अमित तुम टीना को नही चोद सकते अभी इसकी पॅंटी नही उतरी है,"
जीजू ने बीच मे टोकते हुए कहा.
टीना जीजू की बात से खुश हो गयी और सीमा दीदी के पीछे से निकल
अमित को अपनी चूत की इशारा कर बताने लगी कि अभी भी उसने पॅंटी
पहन रखी है और साथ ही अंगूठा दिखा उसे चिडाने लगी.
"अगर ऐसी बात है तो में सोना को चोदुन्गा,' अमित ने हंस कर कहा
और सोना की कमर मे अपनी बाहें डाल दी.
"नही आप मुझे नही चोद सकते." सोना ने अमित की बाहें अपनी कमर
से हटाते हुए कहा," शाब अमित बाबू मुझे चोदना चाहते हैं" उसने
जीजाजी से शिकायत की.
"अब इस खेल के नियम ही ऐसे है की में कुछ नही कर सकता, अगर
फाड़ना चाहता है तो फाड़ने दे." जीजाजी ने अपने कंधे उचकते हुए
कहा.
सोना कुछ देर तक जीजाजी को गुस्से से घूरती रही फिर अमित के पास
आकर बोली, "में तय्यार हूँ आपकी जो मर्ज़ी हो कीजिए."
अमित ने उसे बाहों मे भर लिया और अपने होंठ उसके होठों पर रख
उन्हे चूसने लगा.
"अब में भी किसी को चोदुन्गा," सुमित ने अपनी पॅंट उतार अपने खड़े
लंड को बाहर निकालते हुए बोला और मोना और रीमा की तरफ देखने
लगा,
"किसी को क्यों सुमित बाबू आपकी टीना है ना आपसे चुदने के लिए,"
तुलसी उत्साहित होते हुए बोली.
"नही टीना नियम के हिसाब से तुम......." जीजाजी ने बीच मे कहना
चाहा लेकिन टीना अब कहाँ सुनने वाली थी.
"भाड़ मे जाए आपके नियम," कहकर उसने अपनी पॅंटी उतार
दी, "देखिए अब में बिल्कुल नंगी हूँ." और उछाल कर सुमित की
बाहों मे आ गयी.
गतांक से आगे........................
ओह्ह लेकिन ये तो कोई बात नही हुई," माला दीदी ने कहा, "मेरी और
सूमी की चूत कौन चूसेगा?"
फिर चारों हमारी चूत चूस चूस कर हमारी चूत का पानी
छुड़ाने
लगे..
जब हमारी चुसाइ ख़तम हुई तो जीजू ने मोना से पूछा तुमने उनसे
क्या कहा था?"
जब हम कमरे मे पहुँचे तो हम हंस रहे थे, "तुम हंस क्यों रही
हो? टीना ने पूछा.
"क्यों की मेरे मालिक तेरी मालकिन को चोद रहे है." मेने जवाब
दिया.
"और साहेब क्या कर रहे थे?" सोना ने पूछा
"वो मेरी मालकिन को चोद रहे है." रीमा ने जवाब दिया.
"उन दोनो को हमारी बात समझने मे थोड़ा वक़्त लगा लेकिन जब बात
उनकी समझ मे आई तो दोनो नंगी ही बिस्तर से उठ कर भागी." मोना
ने खिलखिलाते हुए कहा.
"तुम दोनो ने अच्छा काम किया है." सुमित ने कहा, "तुम दोनो को तो
शाबाशी मिलनी चाहिए."
"क्या साब सिर्फ़ शाबाशी." मोना ने कहा.
"थोड़ा सब्र करो तुम दोनो की चुदाई भी होगी." सुमित ने कहा.
"वादा" दोनो ने पूछा.
"पका वादा" सुमित ने कहा. फिर दोनो कमरे से चली गयी.
नाश्ते के बाद चारों मर्द सहर चले गये बाज़ार से समान लाने
के लिए. हम औरतों ने सोचा क्यों ना तेल लगाकर सिर की मालिश करा
ली जाए.
सीमा दीदी के सिर मे तेल लगाते वक़्त टीना बार बार अपनी नाक पौंछ
रही थी, "क्या बात है टीना क्या तुम्हे सर्दी हो गयी है?" दीदी ने
पूछा.
"नही मेडम" टीना ने कहा, "मुझे लगता है कि में अपने माता पिता
को नही बचा पाउन्गि, वो तो मुझे पसंद ही नही करते."
"बेवकूफी वाली बात मत करो, मुझे पता है सुमित तुम्हे बहोत
पसंद करता है." सीमा दीदी ने जवाब दिया.
"में विश्वास नही करती," टीना रोते हुए बोली, "मेने रात को देख
लिया वो मुझे कितना पसंद करते है. जब सोना अपनी चुचियाँ दीखा
रही थी तो कैसे मरे जा रहे थे उन्हे पकड़ने के लिए लेकिन जब
मेने अपनी चुचियाँ उन्हे पकड़ने के लिए दी तो उन्होने उनकी तरफ
देखा भी नही."
"ऐसा कुछ नही," सीमा दीदी ने कहा, "आज सुबह ही उसने कहा कि
तुमसे अच्छी चुचियाँ यहाँ किसी की नही है."
"अगर ऐसी बात है तो आज शुबह वो आप को क्यों चोद रहे थे?"
टीना ने पूछा.
"टीना अब तुम अपनी हद पर कर रही हो... अपनी सीमा मे रहो," दीदी
गुस्से मे बोली. फिर अपने गुस्से को काबू मे करते हुए बोली, "देखो ये
मर्दों की दुनिया है... वो मुझे चोदना चाहता था इसलिए मेने उसे
चोदने दिया."
"मेडम मुझे माफ़ कर दो, मेरा कहने का ये मतलब नही था," टीना ने
अभी रोते हुए कहा, "लेकिन मुझे लगता है कि वो मुझे पसंद ही
नही करते."
"टीना ये जलन की भावना दिल से निकाल दो और थोड़ा सब्र करना
सीखो," माला दीदी ने कहा, "में कहती हूँ आज सुमित तुम्हे दोपहर
को ज़रूर चोदेगा."
"ओह सही में दीदी में कितनी खुश हूँ ये बात सुनकर." टीना के
चेहरे पर फिर मुस्कान आ गयी और वो एक गीत गुनगुनाते हुए अपना
काम करने लगी.
दोपहर को खाने के बाद हम सभी सीमा दीदी के बेडरॉंम मे इकट्ठे
हंस रहे थे
"अब हम कल रात वाला खेल वहीं से खेलेंगे." जीजू ने कहा "सभी
कोई अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ वो कपड़े पहने रहे जो रात को उनके
बदन पर थे."
पहले तो मुझे लगा कि टीना विरोध कारगी लेकिन उसने मेरी सोच को
ग़लत ठहराते हुए अपने कपड़े उतार दिए.
खेल शुरू हुआ, पहली दो बाज़ी मे अमित और जीजी ने अपनी अंडरवेर
उतार दिए. आगे चार बाज़ी मे मेने, मोना, रीमा और अनु ने अपनी
पॅंटी उतार दी.
फिर अगली बाज़ी मे सोना हार गयी और अमित जीत गया, "अपनी पॅंटी
उतारो." जीजू ने कहा.
"हां उतार दो." सुमित ने कहा, "हम सभी को देखने दो कि क्या
तुम्हारी चूत भी उतनी ही प्यारी जितनी तुम्हारी चुचियाँ." शरमाते
हुए सोना ने अपनी पॅंटी उत्तर दी.
"ओह सोना तुम्हारी चूत तो बहुत ही प्यारी." चारों मर्द सीटी
बजाते हुए बोले.
अमित खड़ा हुआ और अपनी पॅंट को नीचे करते हुए कहा, "अब में
चोदना चाहता हूँ."
"हाई मर्द का लॉडा इतना बड़ा और मोटा होता है." सोना अमित के लंड
को देखकर ज़ोर से बोली.
"में सोच रहा हूँ कि टीना की चुदाई कर दूँ." अमित ने कहा.
"नही मेरी नही," टीना सीमा दीदी के पीछे छुपाते हुए बोली, "मेडम
मुझे बचाओ, में इनसे नही चुदवाउन्गि."
"अमित तुम टीना को नही चोद सकते अभी इसकी पॅंटी नही उतरी है,"
जीजू ने बीच मे टोकते हुए कहा.
टीना जीजू की बात से खुश हो गयी और सीमा दीदी के पीछे से निकल
अमित को अपनी चूत की इशारा कर बताने लगी कि अभी भी उसने पॅंटी
पहन रखी है और साथ ही अंगूठा दिखा उसे चिडाने लगी.
"अगर ऐसी बात है तो में सोना को चोदुन्गा,' अमित ने हंस कर कहा
और सोना की कमर मे अपनी बाहें डाल दी.
"नही आप मुझे नही चोद सकते." सोना ने अमित की बाहें अपनी कमर
से हटाते हुए कहा," शाब अमित बाबू मुझे चोदना चाहते हैं" उसने
जीजाजी से शिकायत की.
"अब इस खेल के नियम ही ऐसे है की में कुछ नही कर सकता, अगर
फाड़ना चाहता है तो फाड़ने दे." जीजाजी ने अपने कंधे उचकते हुए
कहा.
सोना कुछ देर तक जीजाजी को गुस्से से घूरती रही फिर अमित के पास
आकर बोली, "में तय्यार हूँ आपकी जो मर्ज़ी हो कीजिए."
अमित ने उसे बाहों मे भर लिया और अपने होंठ उसके होठों पर रख
उन्हे चूसने लगा.
"अब में भी किसी को चोदुन्गा," सुमित ने अपनी पॅंट उतार अपने खड़े
लंड को बाहर निकालते हुए बोला और मोना और रीमा की तरफ देखने
लगा,
"किसी को क्यों सुमित बाबू आपकी टीना है ना आपसे चुदने के लिए,"
तुलसी उत्साहित होते हुए बोली.
"नही टीना नियम के हिसाब से तुम......." जीजाजी ने बीच मे कहना
चाहा लेकिन टीना अब कहाँ सुनने वाली थी.
"भाड़ मे जाए आपके नियम," कहकर उसने अपनी पॅंटी उतार
दी, "देखिए अब में बिल्कुल नंगी हूँ." और उछाल कर सुमित की
बाहों मे आ गयी.