Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया - Page 3 - SexBaba
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Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया

मर्दों की दुनिया पार्ट--11

गतांक से आगे........................

ओह्ह लेकिन ये तो कोई बात नही हुई," माला दीदी ने कहा, "मेरी और

सूमी की चूत कौन चूसेगा?"

फिर चारों हमारी चूत चूस चूस कर हमारी चूत का पानी

छुड़ाने

लगे..

जब हमारी चुसाइ ख़तम हुई तो जीजू ने मोना से पूछा तुमने उनसे

क्या कहा था?"

जब हम कमरे मे पहुँचे तो हम हंस रहे थे, "तुम हंस क्यों रही

हो? टीना ने पूछा.

"क्यों की मेरे मालिक तेरी मालकिन को चोद रहे है." मेने जवाब

दिया.

"और साहेब क्या कर रहे थे?" सोना ने पूछा

"वो मेरी मालकिन को चोद रहे है." रीमा ने जवाब दिया.

"उन दोनो को हमारी बात समझने मे थोड़ा वक़्त लगा लेकिन जब बात

उनकी समझ मे आई तो दोनो नंगी ही बिस्तर से उठ कर भागी." मोना

ने खिलखिलाते हुए कहा.

"तुम दोनो ने अच्छा काम किया है." सुमित ने कहा, "तुम दोनो को तो

शाबाशी मिलनी चाहिए."

"क्या साब सिर्फ़ शाबाशी." मोना ने कहा.

"थोड़ा सब्र करो तुम दोनो की चुदाई भी होगी." सुमित ने कहा.

"वादा" दोनो ने पूछा.

"पका वादा" सुमित ने कहा. फिर दोनो कमरे से चली गयी.

नाश्ते के बाद चारों मर्द सहर चले गये बाज़ार से समान लाने

के लिए. हम औरतों ने सोचा क्यों ना तेल लगाकर सिर की मालिश करा

ली जाए.

सीमा दीदी के सिर मे तेल लगाते वक़्त टीना बार बार अपनी नाक पौंछ

रही थी, "क्या बात है टीना क्या तुम्हे सर्दी हो गयी है?" दीदी ने

पूछा.

"नही मेडम" टीना ने कहा, "मुझे लगता है कि में अपने माता पिता

को नही बचा पाउन्गि, वो तो मुझे पसंद ही नही करते."

"बेवकूफी वाली बात मत करो, मुझे पता है सुमित तुम्हे बहोत

पसंद करता है." सीमा दीदी ने जवाब दिया.

"में विश्वास नही करती," टीना रोते हुए बोली, "मेने रात को देख

लिया वो मुझे कितना पसंद करते है. जब सोना अपनी चुचियाँ दीखा

रही थी तो कैसे मरे जा रहे थे उन्हे पकड़ने के लिए लेकिन जब

मेने अपनी चुचियाँ उन्हे पकड़ने के लिए दी तो उन्होने उनकी तरफ

देखा भी नही."

"ऐसा कुछ नही," सीमा दीदी ने कहा, "आज सुबह ही उसने कहा कि

तुमसे अच्छी चुचियाँ यहाँ किसी की नही है."

"अगर ऐसी बात है तो आज शुबह वो आप को क्यों चोद रहे थे?"

टीना ने पूछा.

"टीना अब तुम अपनी हद पर कर रही हो... अपनी सीमा मे रहो," दीदी

गुस्से मे बोली. फिर अपने गुस्से को काबू मे करते हुए बोली, "देखो ये

मर्दों की दुनिया है... वो मुझे चोदना चाहता था इसलिए मेने उसे

चोदने दिया."

"मेडम मुझे माफ़ कर दो, मेरा कहने का ये मतलब नही था," टीना ने

अभी रोते हुए कहा, "लेकिन मुझे लगता है कि वो मुझे पसंद ही

नही करते."

"टीना ये जलन की भावना दिल से निकाल दो और थोड़ा सब्र करना

सीखो," माला दीदी ने कहा, "में कहती हूँ आज सुमित तुम्हे दोपहर

को ज़रूर चोदेगा."

"ओह सही में दीदी में कितनी खुश हूँ ये बात सुनकर." टीना के

चेहरे पर फिर मुस्कान आ गयी और वो एक गीत गुनगुनाते हुए अपना

काम करने लगी.

दोपहर को खाने के बाद हम सभी सीमा दीदी के बेडरॉंम मे इकट्ठे

हंस रहे थे

"अब हम कल रात वाला खेल वहीं से खेलेंगे." जीजू ने कहा "सभी

कोई अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ वो कपड़े पहने रहे जो रात को उनके

बदन पर थे."

पहले तो मुझे लगा कि टीना विरोध कारगी लेकिन उसने मेरी सोच को

ग़लत ठहराते हुए अपने कपड़े उतार दिए.

खेल शुरू हुआ, पहली दो बाज़ी मे अमित और जीजी ने अपनी अंडरवेर

उतार दिए. आगे चार बाज़ी मे मेने, मोना, रीमा और अनु ने अपनी

पॅंटी उतार दी.

फिर अगली बाज़ी मे सोना हार गयी और अमित जीत गया, "अपनी पॅंटी

उतारो." जीजू ने कहा.

"हां उतार दो." सुमित ने कहा, "हम सभी को देखने दो कि क्या

तुम्हारी चूत भी उतनी ही प्यारी जितनी तुम्हारी चुचियाँ." शरमाते

हुए सोना ने अपनी पॅंटी उत्तर दी.

"ओह सोना तुम्हारी चूत तो बहुत ही प्यारी." चारों मर्द सीटी

बजाते हुए बोले.

अमित खड़ा हुआ और अपनी पॅंट को नीचे करते हुए कहा, "अब में

चोदना चाहता हूँ."

"हाई मर्द का लॉडा इतना बड़ा और मोटा होता है." सोना अमित के लंड

को देखकर ज़ोर से बोली.

"में सोच रहा हूँ कि टीना की चुदाई कर दूँ." अमित ने कहा.

"नही मेरी नही," टीना सीमा दीदी के पीछे छुपाते हुए बोली, "मेडम

मुझे बचाओ, में इनसे नही चुदवाउन्गि."

"अमित तुम टीना को नही चोद सकते अभी इसकी पॅंटी नही उतरी है,"

जीजू ने बीच मे टोकते हुए कहा.

टीना जीजू की बात से खुश हो गयी और सीमा दीदी के पीछे से निकल

अमित को अपनी चूत की इशारा कर बताने लगी कि अभी भी उसने पॅंटी

पहन रखी है और साथ ही अंगूठा दिखा उसे चिडाने लगी.

"अगर ऐसी बात है तो में सोना को चोदुन्गा,' अमित ने हंस कर कहा

और सोना की कमर मे अपनी बाहें डाल दी.

"नही आप मुझे नही चोद सकते." सोना ने अमित की बाहें अपनी कमर

से हटाते हुए कहा," शाब अमित बाबू मुझे चोदना चाहते हैं" उसने

जीजाजी से शिकायत की.

"अब इस खेल के नियम ही ऐसे है की में कुछ नही कर सकता, अगर

फाड़ना चाहता है तो फाड़ने दे." जीजाजी ने अपने कंधे उचकते हुए

कहा.

सोना कुछ देर तक जीजाजी को गुस्से से घूरती रही फिर अमित के पास

आकर बोली, "में तय्यार हूँ आपकी जो मर्ज़ी हो कीजिए."

अमित ने उसे बाहों मे भर लिया और अपने होंठ उसके होठों पर रख

उन्हे चूसने लगा.

"अब में भी किसी को चोदुन्गा," सुमित ने अपनी पॅंट उतार अपने खड़े

लंड को बाहर निकालते हुए बोला और मोना और रीमा की तरफ देखने

लगा,

"किसी को क्यों सुमित बाबू आपकी टीना है ना आपसे चुदने के लिए,"

तुलसी उत्साहित होते हुए बोली.

"नही टीना नियम के हिसाब से तुम......." जीजाजी ने बीच मे कहना

चाहा लेकिन टीना अब कहाँ सुनने वाली थी.

"भाड़ मे जाए आपके नियम," कहकर उसने अपनी पॅंटी उतार

दी, "देखिए अब में बिल्कुल नंगी हूँ." और उछाल कर सुमित की

बाहों मे आ गयी.
 
मर्दों की दुनिया पार्ट--12

गतांक से आगे........................

"ऐसे नही मेरी जान." सुमित ने उसे चूमते हुए कहा, "पहले मुझे

तुम्हे चूमने दो फिर तुम्हारी इन प्यारी चुचियों के साथ खेलने दो

उसके बाद."

"आपको मेरी चुचियाँ पसंद है," टीना ने कहा, "लेकिन कल तो....."

"कल की बात भूल जाओ," सुमित ने जवाब दिया, "आज में इन सब के

सामने कहता हूँ कि तुम्हारी चुचियाँ इन सबमे सबसे सुन्दर और

प्यारी है."

"सच मे" टीना खुशी से बोली और सुमित के लंड को अपनी चूत मे

घूसाने लगी.

"टीना थोड़ा रूको," सुमित ने कहा, "में तुम्हे चोदुन्गा लेकिन पहले

अमित और सोना की चुदाई देख ले."

"हां ये ठीक रहेगा," टीना ने कहा, "मेने भी आज तक चुदाई नही

देखी है."

इस दौरान अमित ने सोना को बिस्तर पर लीटा दिया था और सोना की

कुँवारी चूत को चाट रहा था. सोना थी कि मस्ती मे सिसक रही

थी.

"अब में तुम्हारी चूत के छेद को देखूँगा," अमित ने सोना की टाँगो

को हवा मे उठाते हुए बोला.

"ऊऊ इसकी चूत का छेद तो बहोत ही छोटा है, इस में इतना बड़ा

और मोटा लॉडा कैसे घूसेगा? सोना की चूत का छेद देखकर टीना के

मुँह से निकल गया.

"मेरे पास मे आ, में तुझे दिखाता हूँ कि मेरा लॉडा तेरी चूत

मे कैसे घूस्ता है," अमित ने टीना को चिढ़ाते हुए कहा.

"नही में तुम्हे मुझे चोदने नही दूँगी." टीना सुमित के पीछे

छिपते हुए बोली.

"में तो मज़ाक कर रहा था." अमित ने कहा और सोना के उपर चढ़

गया. टीना भी ज़मीन पर बैठ गयी जिससे कि वो अच्छी तरह से उनकी

चुदाई देख सके. अमित ने अपने लंड को सोना की चूत के छेद पर

रख हल्का सा दबाया.

"ऑश मार गयी...." सोना कराह पड़ी.

"ऊऊऊ अमित बाबू का सूपड़ा तो बहोत ही आसानी से सोना की चूत मे

घूस गया," टीना चौंकते हुए बोली.

तभी अमित ने अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचा और एक ज़ोर का धक्का

मारा. उसका लंड सोना की चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ अंदर घुस

गया.

'ऑश मर गयी रे.... प्लीज़ निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है." सोना

दर्द से कराह पड़ी.

"मेडम क्या चुदाई मे बहोत दर्द होता है?" टीना ने पूछा.

"नही शुरू मे थोड़ा थोड़ा होता है." सीमा दीदी ने जवाब

दिया, "लेकिन बाद मे मज़ा ही मज़ा आता है."

"टीना अब में तुम्हे चोदुन्गा." सुमित ने कहा.

"देर आए दुरुस्त आए" कहकर वो उछल कर बिस्तर पर लेट गयी और

आपी टाँगे हवा मे उठा दी, उसकी चूत का छेद हम सभीको दीखाई दे

रहा था.

"हे भगवान इसका छेद तो सोना से भी छोटा है," मेने सोचा, "मोना

सही कह रही थी सुमित को मज़ा आएगा इसकी चूत मे लंड पेलने मे."

सुमित टीना के उपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर रख

एक ज़ोर का धक्का मारा.

जैसे ही उसका लंड टीना की चूत को चीरता हुआ अंदर घुसा वो दर्द

से कराह उठी, "ऑश आइईईईई मर गयी"

"ओह मेडम बहुत दर्द हो रहा है," टीना रोते हुए बोली.

"अभी दर्द कम हो जाएगा," सुमित उसके आँसुओं को पीते हुए बोला, फिर

जीजाजी की ओर घूमा, "आप दोनो मोना और रीमा को क्यों नही चोद्ते?

देखिए कैसे उनकी चूत से रस टपक रहा है."

अजय और विजय को दूबारा बोलने की ज़रूरत नही पड़ी, उन्होने तुरंत

मोना और रीमा को ज़मीन पर लिटाया और अपने लंड उनकी चूत मे

घूसा दिए.

थोड़ी ही देर मे कमरा मादक सिसकारियों से गूंजने लगा. चार चूतो

को चार लंड चोद रहे थे, चार चूतड़ उछाल उछाल कर लंड से ताल

से ताल मिला रहे थे.

"हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो ऑश हां फाड़ दो मेरी चूत को

ओःः और ज़ोर से ओ में तो गयी.' सोना नेसिसकते हुए अपना पानी छोड़

रही थी और अमित ने भी दो तीन करारे धक्के मार उसकी चूत मे

अपना वीर्या छोड़ दिया.

थोड़ी ही देर मे टीना की कराहे भी सिसकियों मे बदल गयी.

"ओ सुमित बाबू चोदो और ज़ोर से चोदो मुझे नही पता था की

चुद वाने मे इतना मज़ा आता है ऑश हां कस कस के मारो मेरी चूत

को ओ फाड़ दो."

टीना अब उछाल उछाल कर सुमित से चुद रही थी. थोड़ी ही देर मे

दोनो साथ साथ झाड़ गये. जब सुमित उसकी छूट के उपर से उठा तो

टीना उसे देखने लगी.

"क्यों साबजी पसंद आई आपको टीना की चूत?" टीना ने पूछा.

"हां टीना तुम्हारी चूत फाड़ने मे बहोत मज़ा आया," सुमित ने

कहा, "सच कहूँ तो में कई कुँवारी चूतो को फाडा है लेकिन

तुम्हारी चूत जितनी कसी हुई चूत किसी की भी नही थी."

"अगर ऐसी बात है तो में भी तो देखूं कि इसकी चूत कितनी कसी

हुई है." अमित टीना के उपर चढ़ने की कोशिश करने लगा.

टीना ने तुरंत अपना हाथ अपनी चूत पर रख लिया, "नही में तुम्हे

चोदने नही दूँगी." और उसने अपनी टाँगे सिकोड ली.

"टीना महाराज ने कहा था की नीचे का रास्ता बड़ा होना चाहिए और

तुम्हे सुमित से चुदवाना है, अब तुम्हारी चूत का रास्ता भी बड़ा हो

गया है और सुमित से भी चुद चुकी हो, महराज की दोनो बात तुम

पूरी कर चुकी हो.... अब जिंदगी के मज़े लो... देखो में भी तो इन

सभी से चुदवा कर मज़े लेती हूँ." सीमा दीदी ने कहा.

"मेडम आपको विश्वास है ना कि मेरे माता पिता को कुछ नही होगा?"

टीना ने शंकित नज़रों से देखते हुए पूछा.

"हमारा विश्वास करो टीना हम सच कह रहे है." जीजू ने कहा.

टीना थोड़ी देर सोचती रही फिर उसने अपने हाथ अपनी चूत पर से

हटा दिया और अपनी टाँगे भी फैला दी.

"अमित बाबू अगर आप मुझे चोदना चाहते है तो चोद सकते है." टीना

ने कहा.

"अमित तुम टीना को चोदो तब तक में सोना की चूत देखता हूँ."

सुमित ने कहा.

फिर चारों मर्दों ने चारों नौकरानियों को एक एक बार चोदा. हम

चारों उनकी चुदाई देख अपनी चूत मे उंगल करते रहे.

जब जीजाजी सोना को चोद चुके तो बोले, "सोना मेने अपना वादा निभाया

देखो तुम्हे अपनी बीवी के सामने चोद दिया."

"हाँ वो तो है लेकिन आपने मेरी चूत तो नही फाडी ना?" सोना ने

कहा.

"हां लेकिन हालात ऐसे थे कि में कुछ नही कर सकता था, तुम

मुझसे नाराज़ तो नही हो ना? जीजाजी ने पूछा.

"पहले थी लेकिन अब नही हूँ, जाओ आपको माफ़ किया." कहकर सोना ने

जीजाजी को चूम लिया.

समाप्त.................
 
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