hotaks444
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सोनू अपने हाथो से उसके गांड को मसलते हुए-- हाय ये बड़ी अम्मा तेरी मोटी गांड देखकर शरम भुल गया, देख ना कैसे मेरा लंड फड़फड़ा रहा है, तेरी बुर के लिये,
सुनहरी-- आह बेटा, ऐसा मत कर सब निचे बैठे है,
सोनू-- अपनी साड़ी उठा के झुक जा ना बड़ी अम्मा जल्दी से चोद लू तुझे,
सुनहरी-- नही तू बेरहम है, तू मेरी चोद चोद के हालत खराब कर देगा, उस तीन रात को जब तू मेरी चुचींया बेरहमी से मसल रहा था, तभी मै जान गयी थी की तू रहम करने वालो में से नही है,
सोनू-- नही बड़ी अम्मा, आराम आराम से चोदूगा तूझे,
तभी निचे आवाज आती है, दिदी अरे ओ दीदी कहा हो तुम,
सुनहरी अपने आप को सोनू से छुड़ाती हुइ और हंसते हुए निचे भाग जाती है,
सोनू मन में- भाग साली कीतना भागेगी एक दीन तो तेरी बुर मैं ऐसे फाड़ुगां की तुझे पता चलेगा,
और फीर सोनू भी छत से नीचे आ जाता है,
बेचन अपनी औरत झुमरी के पास बैठा था,
बेचन-- कुछ आराम है, झुमरी
झुमरी-- हां डाक्टर साहीबा ने जब से दवा दीया है, आराम है,
बेचन--चल ठीक है कल अस्पताल चल कर एक बार डाक्टर साहिबा को दीखा देंगें॥
तभी बेचन की बेटी सीमा वहा आ जाती है,
(सीमा को बचपन से पोलीयो हुआ था, उसके सारे अग तो कमाल के थे, उसकी बड़ी बड़ी गोरी चुचीया, बड़ी और चौड़ी गांड, बस खाली उसके पैरों का विकास नही हुआ)
सीमा--बापू अब अम्मा की तबीयत कैसी है, वो निचे ज़मीन पर बैठे बैठे चल रही थी, और अपने बापू के करीब आ गयी,
बेचन-- अब थोड़ा ठीक है, कल एक बार अस्पताल मे दिखाने ले कर जाना है,
सीमा-- अच्छा बापू,
बेचन-- ये लो फीर से बारीश होने लगी,
सीमा-- हा बापू दो तीन दीन से तो मौसम ही खराब हो गया है,
अंधेरा होने लगा था, और ठंडी अपनी औकात पर थी, बेचन घर के ओसार में अपने औरत के पास बैठा था, और उसकी बेटी सीमा नीचे जमीन पर बैठी थी,
बेचन 40 साल का आदमी पिछले कुछ दीनो से उसकी औरत झुमरी की तबियत खराब होने के वजह से उसे चोद नही पा रहा था, उसका लंड भी सो चुका था,
तभी उसकी नज़र सीमा की बड़ी बड़ी चुचीयों पर पड़ी जो उसके कमीज मे कसी हुइ थी,
तभी बेचन की मां वहां आ जाती है,
सुखीया(बेचन की मां-- अरे बेचन झुमरी को उठा खाना बना ली हैं मैने चलो सब लोग खा लो,
बेचन- ठीक है मां, और वो झुमरी को उठाता है,
झूमरी उठ कर बैठ जाती है, सुखीया उसे खाना दे देती है,
सुखीया-- सीपा तू जमीन पर ही खायेगी क्या, बेचन बेटा इसे उठा कर खाट पर बिठा जरा,
बेचन जैसे ही सीमा को गोद में उठाता है, वैसे ही बीजली चली जाती है,
सुखीया-- हे भगवान ये बिजली भी रोज यही समय पर जाती है, रुक मैं लालटेन लेके आती हू,
बेचन सीमा को अपनी बाहों मे उठाये वैसे ही खड़ा था, सीमा की बड़ी बड़ी चुचीयां बेचन के सीने पर दबी थी, जिससे बेचन का सोया हुआ लंड खड़ा होने लगता है,
सीमा बेचन के कान में-- बापू मुझे कब तक गोद में लीये रहोगे, निचे उतारो ना।
बेचन उसे गोद में लिये खाट पर बैठ जाता है, और उसके कान में कहता है,
बेचन-- बीटीया मैं तुझे जिदंगी भर गोद में लिये रहना चाहता हूं॥
सीमा बेचन के कान में-- तो लीये रहो ना बापू मना कीसने कीया है,
इतना सुनते ही बेचन का लंड फड़फड़ा कर खड़ा हो जाता है,
वो खाट पर बैठे अपना मुह सीमा के मुह में सटा देता है, उसे ताज्जुब होने लगता है, की सीमा खुद उसके मुह को जोर जोर से अपने मुह में भर कर चुसने लगती है,
तभी सुखीया लालटेन लेकर आ जाती है, बेचन और सीमा दोनो एक दुसरे में खोये हुए थे, उन दोनो को इतना भी नही पता की सुखीया आ चुकी है,
सुखीया जोर से-- बेचन,
बेचन हकपकाया और सीमा को अपने बगल खाट में बिठा कर उठ जाता है,
अच्छा हुआ झुमरी वापस से रज़ाइ ओढ़ कर लेट गयी थी, और वो ये सब नही देखी,
बेचन अपना सर झुकाये, वही खड़ा रहता है,
सुनहरी-- आह बेटा, ऐसा मत कर सब निचे बैठे है,
सोनू-- अपनी साड़ी उठा के झुक जा ना बड़ी अम्मा जल्दी से चोद लू तुझे,
सुनहरी-- नही तू बेरहम है, तू मेरी चोद चोद के हालत खराब कर देगा, उस तीन रात को जब तू मेरी चुचींया बेरहमी से मसल रहा था, तभी मै जान गयी थी की तू रहम करने वालो में से नही है,
सोनू-- नही बड़ी अम्मा, आराम आराम से चोदूगा तूझे,
तभी निचे आवाज आती है, दिदी अरे ओ दीदी कहा हो तुम,
सुनहरी अपने आप को सोनू से छुड़ाती हुइ और हंसते हुए निचे भाग जाती है,
सोनू मन में- भाग साली कीतना भागेगी एक दीन तो तेरी बुर मैं ऐसे फाड़ुगां की तुझे पता चलेगा,
और फीर सोनू भी छत से नीचे आ जाता है,
बेचन अपनी औरत झुमरी के पास बैठा था,
बेचन-- कुछ आराम है, झुमरी
झुमरी-- हां डाक्टर साहीबा ने जब से दवा दीया है, आराम है,
बेचन--चल ठीक है कल अस्पताल चल कर एक बार डाक्टर साहिबा को दीखा देंगें॥
तभी बेचन की बेटी सीमा वहा आ जाती है,
(सीमा को बचपन से पोलीयो हुआ था, उसके सारे अग तो कमाल के थे, उसकी बड़ी बड़ी गोरी चुचीया, बड़ी और चौड़ी गांड, बस खाली उसके पैरों का विकास नही हुआ)
सीमा--बापू अब अम्मा की तबीयत कैसी है, वो निचे ज़मीन पर बैठे बैठे चल रही थी, और अपने बापू के करीब आ गयी,
बेचन-- अब थोड़ा ठीक है, कल एक बार अस्पताल मे दिखाने ले कर जाना है,
सीमा-- अच्छा बापू,
बेचन-- ये लो फीर से बारीश होने लगी,
सीमा-- हा बापू दो तीन दीन से तो मौसम ही खराब हो गया है,
अंधेरा होने लगा था, और ठंडी अपनी औकात पर थी, बेचन घर के ओसार में अपने औरत के पास बैठा था, और उसकी बेटी सीमा नीचे जमीन पर बैठी थी,
बेचन 40 साल का आदमी पिछले कुछ दीनो से उसकी औरत झुमरी की तबियत खराब होने के वजह से उसे चोद नही पा रहा था, उसका लंड भी सो चुका था,
तभी उसकी नज़र सीमा की बड़ी बड़ी चुचीयों पर पड़ी जो उसके कमीज मे कसी हुइ थी,
तभी बेचन की मां वहां आ जाती है,
सुखीया(बेचन की मां-- अरे बेचन झुमरी को उठा खाना बना ली हैं मैने चलो सब लोग खा लो,
बेचन- ठीक है मां, और वो झुमरी को उठाता है,
झूमरी उठ कर बैठ जाती है, सुखीया उसे खाना दे देती है,
सुखीया-- सीपा तू जमीन पर ही खायेगी क्या, बेचन बेटा इसे उठा कर खाट पर बिठा जरा,
बेचन जैसे ही सीमा को गोद में उठाता है, वैसे ही बीजली चली जाती है,
सुखीया-- हे भगवान ये बिजली भी रोज यही समय पर जाती है, रुक मैं लालटेन लेके आती हू,
बेचन सीमा को अपनी बाहों मे उठाये वैसे ही खड़ा था, सीमा की बड़ी बड़ी चुचीयां बेचन के सीने पर दबी थी, जिससे बेचन का सोया हुआ लंड खड़ा होने लगता है,
सीमा बेचन के कान में-- बापू मुझे कब तक गोद में लीये रहोगे, निचे उतारो ना।
बेचन उसे गोद में लिये खाट पर बैठ जाता है, और उसके कान में कहता है,
बेचन-- बीटीया मैं तुझे जिदंगी भर गोद में लिये रहना चाहता हूं॥
सीमा बेचन के कान में-- तो लीये रहो ना बापू मना कीसने कीया है,
इतना सुनते ही बेचन का लंड फड़फड़ा कर खड़ा हो जाता है,
वो खाट पर बैठे अपना मुह सीमा के मुह में सटा देता है, उसे ताज्जुब होने लगता है, की सीमा खुद उसके मुह को जोर जोर से अपने मुह में भर कर चुसने लगती है,
तभी सुखीया लालटेन लेकर आ जाती है, बेचन और सीमा दोनो एक दुसरे में खोये हुए थे, उन दोनो को इतना भी नही पता की सुखीया आ चुकी है,
सुखीया जोर से-- बेचन,
बेचन हकपकाया और सीमा को अपने बगल खाट में बिठा कर उठ जाता है,
अच्छा हुआ झुमरी वापस से रज़ाइ ओढ़ कर लेट गयी थी, और वो ये सब नही देखी,
बेचन अपना सर झुकाये, वही खड़ा रहता है,