desiaks
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Update 25.
रक्षाबंधन का दिन है आज ।
शालिनी घूमने आयी हुई थी । जैसे ही शालिनी सुबह hotel रूम में सोकर उठी तो उसने सोचा कोई न्यूज़ ही देख ली जाए क्या चल रहा है दुनिया मे ।
शालिनी ने रिमोट उठाया और TV चला दिया ।
TV की स्क्रीन चलते ही उसपर दिखाया जा रहा था कि दुनिया मे किस तरह लोग रक्षाबंधन का उत्सव मना रहे है ।
शालिनी की आंखे नम हो गयी क्योंकि वो मन ही मन सोचने लगी - मेरा भी एक भाई था जिसे मैंने खुद ही मौत के घाट उतार दिया ।
मैंने ये नही किया होता तो मैं भी आज किसी की कलाई पर राखी बाँधती ।
तभी शालिनी अपने पिछले साल वाले राखी वाले दिन की यादों में खोती चली गयी । जब उसने राकेश को राखी बांधी थी ।
शालिनी अपने यादों में डूबती चली गयी ।
आगे कहानी यादों में चलेगी _____________________________
आज रक्षाबंधन है और शालिनी बड़ी चहकती हुई सी नजर आरही है ।
उसने तुरंत बैड से उठकर राकेश के कमरे की तरफ दौड़ लगाई लेकिन वो अचानक पता नही क्या सोचकर रुक गयी ।
शालिनी ने सोचा कि आज रक्षाबंधन के दिन मैं बिना नहाए बिना नहाए भैया के सामने नहीं जाऊंगी ।
ऐसा सोच कर कर शालिनी वापस कमरे की तरफ मुड़ी और कमरे में आकर सोचने लगी - भईया के सामने थाली सजाकर ही जाऊंगी ।
उधर राकेश भी आज उत्साहित था । वह सोच रहा था अपनी प्यार सी बहन को क्या गिफ्ट देना चाहिए ।
उसने सोचा कि अपनी बहन को एक सोने की रिंग, कपड़े और उसे एक नई कार गिफ्ट करेगा ।
ऐसा सोचकर राकेश ने हाथ मुँह धोये और पार्किंग की तरफ चल दिया ।
पार्किंग से गाड़ी निकालकर सीधा मार्किट पहुंचा । राकेश ने एक सोने की रिंग पैक कराई । फिर एक मॉल में घुसा । वह शालिनि के लिए कपड़े देखने लगा ।
अब राकेश के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि उसे साइज नही पता था शालिनि का ।
उसने एक जीन्स टॉप सेलेक्ट किये क्योंकि शालिनि ज्यादातर जीन्स टॉप ही पहनती थी ।
राकेश ने 30 साइज का टॉप और 32 साइज की जीन्स पैक करा ली क्योंकि राकेश ने सोचा कि शालिनि का साइज ज्यादा से ज्यादा 30* होगा । लेकिन उस बेचारे को क्या पता था कि शालिनि का साइज इतना है ।
कपड़े लेकर राकेश घर आया । आकर नहाया धोया । और इंतजार करने लगा शालिनि का।
तभी उपासना अंदर आते हुए राकेश से बोली - जी आपकी बहन नीचे आपका इंतजार कर रही राखी बांधने के लिए ।
राकेश - हां बस चलता हूँ।
शालिनि ने आज एक लाल रंग का कुर्ता पहना हुआ था जिसकी लालिमा उड़के चेहरे पर भी फैली हुई थी । कुर्ता उसको घुटनों से थोड़ा ऊपर तक था और उस कुर्ते में साइड कट ज्यादा लंबे थे जो साइड में पेट पर से ही कटे हुए थे ।
उसके नीचे शालिनि ने सफेद रंग की लैगिंग पहनी हुई थी जो बेहद ही तंग थी ।
उसने एक सफेद रंग का पतला सा दुपट्टा भी लिया हुआ था ।
दुपट्टा तो नाम के लिए ही था क्योंकि ये दुपट्टा उसने बस एके कंधे पर लटकाया हुआ था ।
बेहद ही प्यारी लग रही थी शालिनि red and white वाले कपड़ो में ।
बाल आज उसने बिल्कुल खुले छोड़े हुए थे जो उसकी कमर तक ही थे ।
राकेश नीचे आया तो शालिनि उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली - आइये भईया।
राकेश ने आकर शालिनि को गले से लगाया । लेकिन राकेश को अपनी छाती में कुछ चुभता सा महसूस हुआ ।
राकेश को महसूस हुआ कि उसकी बहन अब छोटी नही रही वह बड़ी हो गयी है ।
राकेश की कलाई पर शालिनि ने रखी बांधी , उसके माथे पर हल्दी चंदन का टीका किया ।
फिर दोनों बहन भइया ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया ।
जब राकेश ने शालिनि को घेवर खिलाने के लिए उसके मुह की तरफ अपना हाथ बढ़ाया तो कुछ पलों के लिए राकेश ठिठक सा गया ।
उसकी वजह ये थी क्योंकि उपासना के होंठ इतने प्यारे लग रहे थे जैसे शर्बत के दो प्याले हों । वाकई में शालिनि ने होंठों पर ऐसी लिपस्टिक लगाई थी जिससे होंठ गीले गीले दिखें ।
राकेश ने लड्डू खिलाया शालिनि मुंह खोलकर पूरा लड्डू एक साथ मुह के अंदर ले गयी । यह नजारा देखकर राकेश के संस्कारों की धज्जियां उड़ गयीं ।
हां दोस्तों शालिनि का वो प्यारा सा चुदासा सा चेहरा देखकर राकेश के मन में गंदे विचार आने लगे ।
राकेश ने सोचा काश इन खूबसूरत होठों पर मेरा लंड होता तो जीते जी मैं स्वर्ग में होता ।
मेरा वीर्य इन होठो की मादकता और सुंदरता में चार चांद लगा देता ।
फिर उपासना को एक साथ खाँसी उठी लड्डू खाकर तो राकेश ने उसे पानी पिलाया ।
अब तो राकेश के मन मे भूकंप आगया था । अपने दिमाग मे चल रहे इस भूचाल की वजह से राकेश की आंखों में वासना अपना नाच करने लगी । उसकी आंखें लाल होने लगी ।
उपासना के होठों से पानी की बूंदे ऐसी सजी हुई थी जैसे कह रही हो कि इन जूसी होंठो पर से हमे भी चूस लो ।
फिर दोनों भाई बहन गपशप करने लगे ।
शालिनि - अच्छा भइया मैने आपको राखी बांधी अपने अपनी बहन को एक भी रुपया अब तक नही दिया ।
राकेश- तुम्हे पैसे चाहिए तो ये लो ।
ऐसा कहकर राकेश ने ने शालिनी की तरफ अपना पर्स पड़ा है शालिनी ने राकेश कब पर पर अपने हाथ में लेकर उसमें से 20000 रुपए निकाल लिए
।
राकेश बोला- मेरी प्यारी बहन मैं तुम्हारे लिए और भी कुछ गिफ्ट लाया हूं।
शालिनी एक साथ खुश होते हुए बोली - हां जल्दी दीजिए मुझे मैं भी तो देखूं अपनी प्यारी बहन के लिए क्या गिफ्ट लेकर आए हैं भइया।
राकेश- वो तो मेरे कमरे में रखे हुए हैं , मेरे कमरे से मैं लेकर आता हूं ।
राकेश अपने कमरे में आया । शालिनी के लिए राकेश ने अपने कमरे में आकर कपड़े और रिंग उठाएं लेकिन वह नई कार के पेपर कहीं पर रखकर भूल गया था जिस वजह से उसे ढूंढने में समय लगा।
कार के पेपर ढूंढने में राकेश को 20 मिनट लग गए लगभग 20 मिनट बाद राकेश रिंग , कपड़े और गाड़ी के पेपर लेकर शालिनि के पास आया ।
राकेश ने देखा शालिनी किसी से फोन पर बात कर रही है , लेकिन उसे आता देखकर शालिनी ने फोन रख दिया और उछलकर राकेश की तरफ भागी ।
शालिनि- दीजिये भैया दीजिए । मैं भी तो देखूं क्या गिफ्ट लिया है आपने मेरे लिए।
शालिनी ने देखा एक गिफ्ट में उसे रिंग मिली है ।
दूसरा पैकिंग उसने खोली जिसमें नई लंबोर्गिनी गाड़ी के पेपर थे ।
शालिनी बड़ी ही खुशी और जोश से बोली - भैया हो तो आपके जैसा लेकिन तभी उसने तीसरी पैकिंग खोली जिसमें नए जींस टॉप देखकर शालिनी थोड़ी सी झिझक गई क्योंकि उसे पता था कि भैया को तो मेरा साइज ही नहीं पता है।
कपड़े या तो छोटे होंगे या बड़े होंगे । फिटिंग करानी होगी ।
शालिनी शर्मा कर तीनों गिफ्ट अपनी गोद में उठाए हुए अपने कमरे की तरफ चलने लगी ।
तभी राकेश बोला- यह तो सरासर बेईमानी है, मेरी प्यारी बहन ।
शालिनी- अब क्या बेईमानी कर दी भैया ।
राकेश बोला- तुमने गिफ्ट तो ले लिए लेकिन इन्हें यूज़ करके भी तो दिखाओ।
मुझे गाड़ी भी चला कर दिखाना । मुझे रिंग भी पहन कर दिखाना , मुझे कपड़े भी पहन कर दिखाना । जिससे मुझे भी खुशी हो सके ।
शालिनी बोली - इसमें तो कोई बड़ी बात नहीं है भैया । यह मैं अभी पहन कर आती हूं।
शालिनी अपने कमरे में चली गई तभी राकेश की नजर मेज पर पड़ी जहां शालिनी का मोबाइल रखा हुआ था ।
मोबाइल की स्क्रीन अभी तक ऑफ नहीं हुई थी , बंद नहीं हुई थी जिससे कि मोबाइल का लॉक भी नहीं लगा था ।
शालिनी लॉक करना भूल गई थी राकेश के दिमाग में पता नहीं क्या आया उसने एक साथ झट से वह मोबाइल उठा लिया , क्योंकि कुछ ही पलों में मोबाइल ऑटोमेटिक लॉक हो जाता । लेकिन राकेश ने ऐसा नहीं होने दिया ।
राकेश ने कॉल डिटेल्स में देखा शालिनी को किसी नए नंबर से फोन आया था । जब राकेश अपने कमरे में था । फिर राकेश ने शालिनी के मोबाइल में फाइल मैनेजर खोला, जिसमें उसे कॉल रिकॉर्डिंग का फोल्डर दिखा। उसने ओपन किया तो देखा कि इसमें सबसे ऊपर जो फाइल थी वह अभी 20 मिनट पहले की थी । जिसका मतलब साफ था कि जिससे शालिनी ने बात की है यह उसी की कॉल रिकॉर्डिंग है ।
राकेश ने वह रिकॉर्डिंग प्ले कर दिया।
हेलो
शालिनी- हेलो
सहेली - आज तो रक्षाबंधन है ।अपने प्यारे भाई को राखी बांध दी तूने।
शालिनी- हां मैंने तो बांध दी। भैया मेरे लिए गिफ्ट लेने गए हैं ।
सहेली- तूने अभी जो अपना एक फोटो पोस्ट किया है वह आज ही का है क्या ।
शालिनि- हां मैंने अभी-अभी एक फोटो क्लिक करके पोस्ट किया था । तुमने देख लिया क्या ।
सहेली - भाई को राखी बांधने जा रही हो या अपने आशिक से मिलने जा रही हो , जो ऐसे कपड़े पहने हैं ।
शालिनी हैरानी से - तू सुधरेगी नहीं । इसमें कपड़ों वाली क्या बात है। सही तो पहने हैं ।
सहेली- क्या सही पहने हैं ।अपना कुर्ता तो देख तेरी चूतड़ों के नीचे ही खत्म हो जाता है । और उस पर तूने वह लेगिंग पहनी हुई है जो तेरी मोटी मोटी जांघों को छुपाने की जगह और ज्यादा दिखा रही है और तू बोल रही है कि सही कपड़े तो पहने हैं । मुझे तो नहीं लगता कि तूने सही पहने हैं ।
शालिनी - अच्छा कमीनी चल मुझसे गलती हो गई अब तो तू खुश है ।
सहेली - मैं तो खुश ही हूं , लेकिन मैं यह सोच रही हूं कि अगर यही गलती तेरे भाई से हो गई ।
शालिनी- क्या मतलब है तेरा ।
सहेली - मेरा मतलब है कि जब तू ऐसे कपड़े पहन कर भाई के सामने जाएगी तो तुझे लगता है क्या कि तेरे जैसी 30 साल की घोड़ी में उसे अपनी बहन नजर आएगी ।
शालिनि- शर्माते हुए- अब तू ज्यादा दिमाग ना खराब कर । कम से कम आज रक्षाबंधन के दिन तो ऐसी बातें ना कर। मैं जैसी भी हूं अपने भाई को बहन ही नजर आऊंगी। घोड़ी तो तू नजर आती होगी तेरे भाई को । तू लगती भी घोड़ी जैसी ही है ।
सहेली- लेकिन इतना नहीं लगती जितना तू लगती है। तुझे बड़ा विश्वास है अपने भाई पर यह विश्वास तेरा बिल्कुल गलत है। तेरा ही नहीं पूरी दुनिया में जितनी भी बहने हैं सबको यह गलतफहमी है कि उनका भाई उन्हें बहन की नजर से देखता है । असलियत तो यह है कि जो भी भाई अपनी बहन की मटकती हुई गांड को देखेगा तो जाहिर सी बात है की है तो आखिर वह भी इंसान ही । बहन की गांड में ही ऐसा क्या अलग होगा आखिर बहन की गांड भी तो ऐसी ही होगी ना जैसी सब लड़कियों की होती है। और आजकल लड़कियों की मटकती हुई गांड देखकर मर्दों के लंड खड़े हो जाते हैं तो तेरे भाई का क्यों नहीं होगा । उसका भी खड़ा हो जाएगा ।
शालिनी- तेरे उपदेश सुन सुन कर तो मेरा दिमाग खराब हो जाता है । मुझे बस इतना पता है कि मैं अपने भाई की प्यारी बहन हूं ।
सहेली - !मैं भी तो यही कह रही हूं कि सब लड़कियां यही समझती है कि मैं तो अपने भाई की प्यारी बहन हूं लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता। जब तेरे जैसी प्यारी बहन इतनी सज संवर कर अपने जिस्म को इस तरह तंग पजामी में फसाकर भाई के सामने चहल कदमी करेगी तो पता है आजकल के भाई क्या सोचते हैं ? आजकल के भाई सोचते हैं की गांड तो मेरी बहन की भी जबरदस्त है इसका भी कोई बॉयफ्रेंड होगा जो मेरी बहन की चूत लेता होगा । कौन और कैसा होगा वह आदमी जो मेरी बहन के ऊपर चढ़ता होगा और मेरी बहन भी कम नहीं लग रही नीचे से गांड उठा उठा कर लंड लेती होगी।
शालिनी - अच्छा तो तुझे बड़ा ज्ञान है तो अपना ज्ञान अपने पास रख। मुझे बता कि तेरी जिंदगी कैसी चल रही है अपने बॉयफ्रेंड के साथ ।
सहेली- मेरा तो ब्रेकअप हो गया यार वह लड़का सही नहीं था। मतलब गुंडा टाइप का था। अब मेरी तो किस्मत तेरी तरह नहीं है ना यार ।
शालिनी - क्यों इसमें किस्मत की क्या बात हुई । मुझे तो कोई बुराई नजर नहीं आती तुम्हारी किस्मत में ।
सहेली - तुझे नजर आएगी क्यों जब तेरा दिल करता है अपने बॉयफ्रेंड को चढ़ा लेती है अपने ऊपर । मेरे से पूछ कैसे गुजरता है एक-एक दिन बिना लंड जाए पर तेरे तो मजे हैं शालिनी इतनी बार चुद चुद कर तुझ में निखार भी आ गया है ।
शालिनी - ऐसा नहीं है यार मैं भी रोज नहीं ले पाती लंड। 2 दिन हो गए मुझे भी बिना चुदे और आज रक्षा बंधन है तो कल ही जाऊंगी ऑफिस ।
सहेली- तुझे तो 2 दिन बहुत लंबे लग रहे हैं मेरी लाडो रानी लगता है तुझे लंड का ज्यादा ही चस्का लग गया है । और गलती तेरी भी नहीं है तेरे बॉयफ्रेंड ने अच्छी खासी मेहनत की है तेरे ऊपर चढ़ कर तभी तो तू आज इतना गदरा गई है कि जब तू गुजरती है तो तेरी गांड के दीवाने हो जाते हैं लोग । अच्छा एक बात बताओ तेरी गांड मटकती ही ज्यादा है या तू जानबूझकर मटका कर चलती है ।
शालिनी - तू पूरी एक नंबर की बदमाश है पर क्या करूं तू मेरी सबसे प्यारी सहेली है । तुझसे मैंने अपनी जिंदगी की हर बात शेयर की है तो यह भी करूंगी । मैं अपनी गांड बिल्कुल भी मटका कर नहीं चलती लेकिन मैं क्या करूं मेरी गांड थोड़ा पीछे की तरफ ज्यादा निकल गई है जिस वजह से लोगों को लगता है कि मैं गांड मटका कर चल रही हूं । उन्हें क्या पता की चूत चोद चोद कर भारी हो गई है यह गांड । एक पैर भी आगे रखो तो पूरी गांड एक तरफ झुक जाती है ।
सहेली - गांड तो झुकेगी ही लाडो रानी जब खीरे जैसा लंड रोज अपनी चूत में लोगी ।
शालिनी - बस करना यार क्यों गर्म करने में लगी हुई है ।
सहेली - अब तो गरम होगी ही क्योंकि तेरी जवानी लंडों से पीटने लायकहो गयी है ।
शालिनि - अब इतनी गिर गई हूं क्या मैं कि मेरी पिटाई लंड से करवाएगी।
सहेली- इस में गिरने वाली बात नहीं है मेरी लाडो रानी क्योंकि तेरे जैसी गदरायी हुई लौंडिया अगर लंडों से ना पिटे तो वह अपनी जुबानी काबू में नहीं कर सकती । तेरी जवानी को काबू में करने के लिए एक साथ 3, 4 लंडों को मेहनत करनी पड़ेगी तब जाकर तेरी जैसी लौंडिया ठंडी होती है ।
शालिनि- अब मुझे तू ज्यादा गर्म ना कर वरना मैं अभी अपने बॉयफ्रेंड को बुलाकर अपने ऊपर चढ़ा लूंगी ।
सहेली - चढ़ा लेना तो रोका किसने है । वैसे भी तेरे जैसी लौंडिया के ऊपर चढ़ते हुए लोग ही अच्छे लगते हैं । वैसे मैंने सुना है तेरा भाई जो है राकेश यह भी रंडियां चोदने जाता है ।
शालिनी हैरान होते हुए- अब तू बिल्कुल हद पार कर रही है कमीनी । मेरे भाई को तो बदनाम मत कर।
सहेली - अरे नहीं मेरी एक फ्रेंड है जो तेरे भाई की कंपनी में काम करती है। वह बता रही थी कि उसे डेट पर ले गया था तेरा भाई और पूरी रात चोद कर सुबह वापस लाया था ।
शालिनी हैरान होते हुए - मेरा भाई ऐसा नहीं हो सकता मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि भैया ऐसे भी हो सकते हैं । और क्या बताया तेरी फ्रेंड ने।
सहेली- वह तो यही कह रही थी कि उसे लेकर गया था रात भर इतनी बुरी तरह रगड़ा कि बेचारी सुबह को चल भी नहीं पा रही थी। कह रही थी राकेश का लोड़ा ज्यादा बड़ा तो नहीं है लेकिन चूत की कुटाई बड़े अच्छे तरीके से करता है । तो इस हिसाब से तो शालिनी तुम दोनों भाई बहन ही बड़े चुदक्कड़ हो। तेरी चूत को लंड की प्यास रहती है और तेरे भाई के लंड को चूत की प्यास रहती है ।
शालिनी- तुझसे तो कोई जीत ही नहीं सकता। अब मैं क्या बोलूं मैं तुम्हें, हां हैं दोनों भाई बहन चुदक्कड़।
सहेली- तुझे और तेरे भाई के बीच में यदि कंपटीशन कराया जाए तो कौन पहले हारेगा कहना मुश्किल है ।
शालिनी - अब यह भी तू ही बता दे क्योंकि मेरी बात तो तू कभी मानती नहीं है ।
सहेली - मुझे तो लगता है तू ही जीतेगी क्योंकि तेरी जवानी जब तक पूरे दिन ना चुदे तब तक तुझे चैन नहीं मिलता। उसके लोड़े को तो तू निचोड़ लेगी शेरनी । वैसे तेरा मन भी तो कर रहा होगा कि अपने भाई को निचोड़ ले , अपने ऊपर चढ़ा ले ।
शालिनी - मेरा मन तो नहीं कर रहा लेकिन यदि तुझे मेरे ऊपर चढ़वाना ही है तो बेशक चढ़ा दे । तुझे शर्मिंदा नहीं करूंगी तेरी बात रखूंगी । मैं अपनी गांड और चूत को भींच भींचकर कर अपने भाई के लंड को निचोड़ लुंगी ।
सहेली - तेरा मन करता है क्या अपने भाई के लंड को देखने का ।
शालिनी - अब तो देखने का ही नहीं मुंह में लेने का भी मन कर रहा है । पता नहीं कैसा होगा मेरे भाई का लोड़ा । अपनी बहन की प्यास बुझा भी पाएगा या नहीं । मैं भी तो नहीं कह सकती कि भाई तेरी बहन प्यासी है आकर प्यास बुझा दे मेरी। तेरी बहन अपनी आंखों में तेरा लंड लिए घूम रही है दे दे उसे यह लंड । और चोद दे अपने ही घर में अपनी इस बहन को ।
सहेली - तो चुदवाने का मन है अपने भाई से मेरी लाडो रानी का ।
शालिनी - अगर भाई कहे तो मैं तो खुला न्योता दे दूंगी कि आजा अपनी बहन की फटी हुई चूत में अपने लंड का झंडा गाड़ दे क्योंकि मेरी सील तोड़ना तो तेरे नसीब में नहीं था भाई लेकिन इस चुदी चुदाई चूत को चोद कर ही अपना मन बहला ले। पूरी जान से चोद अपनी बहन को ----------------------- अच्छा चल ठीक है मैं बाद में बात करती हूं भैया आ रहे है।
सहेली - bye ।
रक्षाबंधन का दिन है आज ।
शालिनी घूमने आयी हुई थी । जैसे ही शालिनी सुबह hotel रूम में सोकर उठी तो उसने सोचा कोई न्यूज़ ही देख ली जाए क्या चल रहा है दुनिया मे ।
शालिनी ने रिमोट उठाया और TV चला दिया ।
TV की स्क्रीन चलते ही उसपर दिखाया जा रहा था कि दुनिया मे किस तरह लोग रक्षाबंधन का उत्सव मना रहे है ।
शालिनी की आंखे नम हो गयी क्योंकि वो मन ही मन सोचने लगी - मेरा भी एक भाई था जिसे मैंने खुद ही मौत के घाट उतार दिया ।
मैंने ये नही किया होता तो मैं भी आज किसी की कलाई पर राखी बाँधती ।
तभी शालिनी अपने पिछले साल वाले राखी वाले दिन की यादों में खोती चली गयी । जब उसने राकेश को राखी बांधी थी ।
शालिनी अपने यादों में डूबती चली गयी ।
आगे कहानी यादों में चलेगी _____________________________
आज रक्षाबंधन है और शालिनी बड़ी चहकती हुई सी नजर आरही है ।
उसने तुरंत बैड से उठकर राकेश के कमरे की तरफ दौड़ लगाई लेकिन वो अचानक पता नही क्या सोचकर रुक गयी ।
शालिनी ने सोचा कि आज रक्षाबंधन के दिन मैं बिना नहाए बिना नहाए भैया के सामने नहीं जाऊंगी ।
ऐसा सोच कर कर शालिनी वापस कमरे की तरफ मुड़ी और कमरे में आकर सोचने लगी - भईया के सामने थाली सजाकर ही जाऊंगी ।
उधर राकेश भी आज उत्साहित था । वह सोच रहा था अपनी प्यार सी बहन को क्या गिफ्ट देना चाहिए ।
उसने सोचा कि अपनी बहन को एक सोने की रिंग, कपड़े और उसे एक नई कार गिफ्ट करेगा ।
ऐसा सोचकर राकेश ने हाथ मुँह धोये और पार्किंग की तरफ चल दिया ।
पार्किंग से गाड़ी निकालकर सीधा मार्किट पहुंचा । राकेश ने एक सोने की रिंग पैक कराई । फिर एक मॉल में घुसा । वह शालिनि के लिए कपड़े देखने लगा ।
अब राकेश के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि उसे साइज नही पता था शालिनि का ।
उसने एक जीन्स टॉप सेलेक्ट किये क्योंकि शालिनि ज्यादातर जीन्स टॉप ही पहनती थी ।
राकेश ने 30 साइज का टॉप और 32 साइज की जीन्स पैक करा ली क्योंकि राकेश ने सोचा कि शालिनि का साइज ज्यादा से ज्यादा 30* होगा । लेकिन उस बेचारे को क्या पता था कि शालिनि का साइज इतना है ।
कपड़े लेकर राकेश घर आया । आकर नहाया धोया । और इंतजार करने लगा शालिनि का।
तभी उपासना अंदर आते हुए राकेश से बोली - जी आपकी बहन नीचे आपका इंतजार कर रही राखी बांधने के लिए ।
राकेश - हां बस चलता हूँ।
शालिनि ने आज एक लाल रंग का कुर्ता पहना हुआ था जिसकी लालिमा उड़के चेहरे पर भी फैली हुई थी । कुर्ता उसको घुटनों से थोड़ा ऊपर तक था और उस कुर्ते में साइड कट ज्यादा लंबे थे जो साइड में पेट पर से ही कटे हुए थे ।
उसके नीचे शालिनि ने सफेद रंग की लैगिंग पहनी हुई थी जो बेहद ही तंग थी ।
उसने एक सफेद रंग का पतला सा दुपट्टा भी लिया हुआ था ।
दुपट्टा तो नाम के लिए ही था क्योंकि ये दुपट्टा उसने बस एके कंधे पर लटकाया हुआ था ।
बेहद ही प्यारी लग रही थी शालिनि red and white वाले कपड़ो में ।
बाल आज उसने बिल्कुल खुले छोड़े हुए थे जो उसकी कमर तक ही थे ।
राकेश नीचे आया तो शालिनि उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली - आइये भईया।
राकेश ने आकर शालिनि को गले से लगाया । लेकिन राकेश को अपनी छाती में कुछ चुभता सा महसूस हुआ ।
राकेश को महसूस हुआ कि उसकी बहन अब छोटी नही रही वह बड़ी हो गयी है ।
राकेश की कलाई पर शालिनि ने रखी बांधी , उसके माथे पर हल्दी चंदन का टीका किया ।
फिर दोनों बहन भइया ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया ।
जब राकेश ने शालिनि को घेवर खिलाने के लिए उसके मुह की तरफ अपना हाथ बढ़ाया तो कुछ पलों के लिए राकेश ठिठक सा गया ।
उसकी वजह ये थी क्योंकि उपासना के होंठ इतने प्यारे लग रहे थे जैसे शर्बत के दो प्याले हों । वाकई में शालिनि ने होंठों पर ऐसी लिपस्टिक लगाई थी जिससे होंठ गीले गीले दिखें ।
राकेश ने लड्डू खिलाया शालिनि मुंह खोलकर पूरा लड्डू एक साथ मुह के अंदर ले गयी । यह नजारा देखकर राकेश के संस्कारों की धज्जियां उड़ गयीं ।
हां दोस्तों शालिनि का वो प्यारा सा चुदासा सा चेहरा देखकर राकेश के मन में गंदे विचार आने लगे ।
राकेश ने सोचा काश इन खूबसूरत होठों पर मेरा लंड होता तो जीते जी मैं स्वर्ग में होता ।
मेरा वीर्य इन होठो की मादकता और सुंदरता में चार चांद लगा देता ।
फिर उपासना को एक साथ खाँसी उठी लड्डू खाकर तो राकेश ने उसे पानी पिलाया ।
अब तो राकेश के मन मे भूकंप आगया था । अपने दिमाग मे चल रहे इस भूचाल की वजह से राकेश की आंखों में वासना अपना नाच करने लगी । उसकी आंखें लाल होने लगी ।
उपासना के होठों से पानी की बूंदे ऐसी सजी हुई थी जैसे कह रही हो कि इन जूसी होंठो पर से हमे भी चूस लो ।
फिर दोनों भाई बहन गपशप करने लगे ।
शालिनि - अच्छा भइया मैने आपको राखी बांधी अपने अपनी बहन को एक भी रुपया अब तक नही दिया ।
राकेश- तुम्हे पैसे चाहिए तो ये लो ।
ऐसा कहकर राकेश ने ने शालिनी की तरफ अपना पर्स पड़ा है शालिनी ने राकेश कब पर पर अपने हाथ में लेकर उसमें से 20000 रुपए निकाल लिए
।
राकेश बोला- मेरी प्यारी बहन मैं तुम्हारे लिए और भी कुछ गिफ्ट लाया हूं।
शालिनी एक साथ खुश होते हुए बोली - हां जल्दी दीजिए मुझे मैं भी तो देखूं अपनी प्यारी बहन के लिए क्या गिफ्ट लेकर आए हैं भइया।
राकेश- वो तो मेरे कमरे में रखे हुए हैं , मेरे कमरे से मैं लेकर आता हूं ।
राकेश अपने कमरे में आया । शालिनी के लिए राकेश ने अपने कमरे में आकर कपड़े और रिंग उठाएं लेकिन वह नई कार के पेपर कहीं पर रखकर भूल गया था जिस वजह से उसे ढूंढने में समय लगा।
कार के पेपर ढूंढने में राकेश को 20 मिनट लग गए लगभग 20 मिनट बाद राकेश रिंग , कपड़े और गाड़ी के पेपर लेकर शालिनि के पास आया ।
राकेश ने देखा शालिनी किसी से फोन पर बात कर रही है , लेकिन उसे आता देखकर शालिनी ने फोन रख दिया और उछलकर राकेश की तरफ भागी ।
शालिनि- दीजिये भैया दीजिए । मैं भी तो देखूं क्या गिफ्ट लिया है आपने मेरे लिए।
शालिनी ने देखा एक गिफ्ट में उसे रिंग मिली है ।
दूसरा पैकिंग उसने खोली जिसमें नई लंबोर्गिनी गाड़ी के पेपर थे ।
शालिनी बड़ी ही खुशी और जोश से बोली - भैया हो तो आपके जैसा लेकिन तभी उसने तीसरी पैकिंग खोली जिसमें नए जींस टॉप देखकर शालिनी थोड़ी सी झिझक गई क्योंकि उसे पता था कि भैया को तो मेरा साइज ही नहीं पता है।
कपड़े या तो छोटे होंगे या बड़े होंगे । फिटिंग करानी होगी ।
शालिनी शर्मा कर तीनों गिफ्ट अपनी गोद में उठाए हुए अपने कमरे की तरफ चलने लगी ।
तभी राकेश बोला- यह तो सरासर बेईमानी है, मेरी प्यारी बहन ।
शालिनी- अब क्या बेईमानी कर दी भैया ।
राकेश बोला- तुमने गिफ्ट तो ले लिए लेकिन इन्हें यूज़ करके भी तो दिखाओ।
मुझे गाड़ी भी चला कर दिखाना । मुझे रिंग भी पहन कर दिखाना , मुझे कपड़े भी पहन कर दिखाना । जिससे मुझे भी खुशी हो सके ।
शालिनी बोली - इसमें तो कोई बड़ी बात नहीं है भैया । यह मैं अभी पहन कर आती हूं।
शालिनी अपने कमरे में चली गई तभी राकेश की नजर मेज पर पड़ी जहां शालिनी का मोबाइल रखा हुआ था ।
मोबाइल की स्क्रीन अभी तक ऑफ नहीं हुई थी , बंद नहीं हुई थी जिससे कि मोबाइल का लॉक भी नहीं लगा था ।
शालिनी लॉक करना भूल गई थी राकेश के दिमाग में पता नहीं क्या आया उसने एक साथ झट से वह मोबाइल उठा लिया , क्योंकि कुछ ही पलों में मोबाइल ऑटोमेटिक लॉक हो जाता । लेकिन राकेश ने ऐसा नहीं होने दिया ।
राकेश ने कॉल डिटेल्स में देखा शालिनी को किसी नए नंबर से फोन आया था । जब राकेश अपने कमरे में था । फिर राकेश ने शालिनी के मोबाइल में फाइल मैनेजर खोला, जिसमें उसे कॉल रिकॉर्डिंग का फोल्डर दिखा। उसने ओपन किया तो देखा कि इसमें सबसे ऊपर जो फाइल थी वह अभी 20 मिनट पहले की थी । जिसका मतलब साफ था कि जिससे शालिनी ने बात की है यह उसी की कॉल रिकॉर्डिंग है ।
राकेश ने वह रिकॉर्डिंग प्ले कर दिया।
हेलो
शालिनी- हेलो
सहेली - आज तो रक्षाबंधन है ।अपने प्यारे भाई को राखी बांध दी तूने।
शालिनी- हां मैंने तो बांध दी। भैया मेरे लिए गिफ्ट लेने गए हैं ।
सहेली- तूने अभी जो अपना एक फोटो पोस्ट किया है वह आज ही का है क्या ।
शालिनि- हां मैंने अभी-अभी एक फोटो क्लिक करके पोस्ट किया था । तुमने देख लिया क्या ।
सहेली - भाई को राखी बांधने जा रही हो या अपने आशिक से मिलने जा रही हो , जो ऐसे कपड़े पहने हैं ।
शालिनी हैरानी से - तू सुधरेगी नहीं । इसमें कपड़ों वाली क्या बात है। सही तो पहने हैं ।
सहेली- क्या सही पहने हैं ।अपना कुर्ता तो देख तेरी चूतड़ों के नीचे ही खत्म हो जाता है । और उस पर तूने वह लेगिंग पहनी हुई है जो तेरी मोटी मोटी जांघों को छुपाने की जगह और ज्यादा दिखा रही है और तू बोल रही है कि सही कपड़े तो पहने हैं । मुझे तो नहीं लगता कि तूने सही पहने हैं ।
शालिनी - अच्छा कमीनी चल मुझसे गलती हो गई अब तो तू खुश है ।
सहेली - मैं तो खुश ही हूं , लेकिन मैं यह सोच रही हूं कि अगर यही गलती तेरे भाई से हो गई ।
शालिनी- क्या मतलब है तेरा ।
सहेली - मेरा मतलब है कि जब तू ऐसे कपड़े पहन कर भाई के सामने जाएगी तो तुझे लगता है क्या कि तेरे जैसी 30 साल की घोड़ी में उसे अपनी बहन नजर आएगी ।
शालिनि- शर्माते हुए- अब तू ज्यादा दिमाग ना खराब कर । कम से कम आज रक्षाबंधन के दिन तो ऐसी बातें ना कर। मैं जैसी भी हूं अपने भाई को बहन ही नजर आऊंगी। घोड़ी तो तू नजर आती होगी तेरे भाई को । तू लगती भी घोड़ी जैसी ही है ।
सहेली- लेकिन इतना नहीं लगती जितना तू लगती है। तुझे बड़ा विश्वास है अपने भाई पर यह विश्वास तेरा बिल्कुल गलत है। तेरा ही नहीं पूरी दुनिया में जितनी भी बहने हैं सबको यह गलतफहमी है कि उनका भाई उन्हें बहन की नजर से देखता है । असलियत तो यह है कि जो भी भाई अपनी बहन की मटकती हुई गांड को देखेगा तो जाहिर सी बात है की है तो आखिर वह भी इंसान ही । बहन की गांड में ही ऐसा क्या अलग होगा आखिर बहन की गांड भी तो ऐसी ही होगी ना जैसी सब लड़कियों की होती है। और आजकल लड़कियों की मटकती हुई गांड देखकर मर्दों के लंड खड़े हो जाते हैं तो तेरे भाई का क्यों नहीं होगा । उसका भी खड़ा हो जाएगा ।
शालिनी- तेरे उपदेश सुन सुन कर तो मेरा दिमाग खराब हो जाता है । मुझे बस इतना पता है कि मैं अपने भाई की प्यारी बहन हूं ।
सहेली - !मैं भी तो यही कह रही हूं कि सब लड़कियां यही समझती है कि मैं तो अपने भाई की प्यारी बहन हूं लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता। जब तेरे जैसी प्यारी बहन इतनी सज संवर कर अपने जिस्म को इस तरह तंग पजामी में फसाकर भाई के सामने चहल कदमी करेगी तो पता है आजकल के भाई क्या सोचते हैं ? आजकल के भाई सोचते हैं की गांड तो मेरी बहन की भी जबरदस्त है इसका भी कोई बॉयफ्रेंड होगा जो मेरी बहन की चूत लेता होगा । कौन और कैसा होगा वह आदमी जो मेरी बहन के ऊपर चढ़ता होगा और मेरी बहन भी कम नहीं लग रही नीचे से गांड उठा उठा कर लंड लेती होगी।
शालिनी - अच्छा तो तुझे बड़ा ज्ञान है तो अपना ज्ञान अपने पास रख। मुझे बता कि तेरी जिंदगी कैसी चल रही है अपने बॉयफ्रेंड के साथ ।
सहेली- मेरा तो ब्रेकअप हो गया यार वह लड़का सही नहीं था। मतलब गुंडा टाइप का था। अब मेरी तो किस्मत तेरी तरह नहीं है ना यार ।
शालिनी - क्यों इसमें किस्मत की क्या बात हुई । मुझे तो कोई बुराई नजर नहीं आती तुम्हारी किस्मत में ।
सहेली - तुझे नजर आएगी क्यों जब तेरा दिल करता है अपने बॉयफ्रेंड को चढ़ा लेती है अपने ऊपर । मेरे से पूछ कैसे गुजरता है एक-एक दिन बिना लंड जाए पर तेरे तो मजे हैं शालिनी इतनी बार चुद चुद कर तुझ में निखार भी आ गया है ।
शालिनी - ऐसा नहीं है यार मैं भी रोज नहीं ले पाती लंड। 2 दिन हो गए मुझे भी बिना चुदे और आज रक्षा बंधन है तो कल ही जाऊंगी ऑफिस ।
सहेली- तुझे तो 2 दिन बहुत लंबे लग रहे हैं मेरी लाडो रानी लगता है तुझे लंड का ज्यादा ही चस्का लग गया है । और गलती तेरी भी नहीं है तेरे बॉयफ्रेंड ने अच्छी खासी मेहनत की है तेरे ऊपर चढ़ कर तभी तो तू आज इतना गदरा गई है कि जब तू गुजरती है तो तेरी गांड के दीवाने हो जाते हैं लोग । अच्छा एक बात बताओ तेरी गांड मटकती ही ज्यादा है या तू जानबूझकर मटका कर चलती है ।
शालिनी - तू पूरी एक नंबर की बदमाश है पर क्या करूं तू मेरी सबसे प्यारी सहेली है । तुझसे मैंने अपनी जिंदगी की हर बात शेयर की है तो यह भी करूंगी । मैं अपनी गांड बिल्कुल भी मटका कर नहीं चलती लेकिन मैं क्या करूं मेरी गांड थोड़ा पीछे की तरफ ज्यादा निकल गई है जिस वजह से लोगों को लगता है कि मैं गांड मटका कर चल रही हूं । उन्हें क्या पता की चूत चोद चोद कर भारी हो गई है यह गांड । एक पैर भी आगे रखो तो पूरी गांड एक तरफ झुक जाती है ।
सहेली - गांड तो झुकेगी ही लाडो रानी जब खीरे जैसा लंड रोज अपनी चूत में लोगी ।
शालिनी - बस करना यार क्यों गर्म करने में लगी हुई है ।
सहेली - अब तो गरम होगी ही क्योंकि तेरी जवानी लंडों से पीटने लायकहो गयी है ।
शालिनि - अब इतनी गिर गई हूं क्या मैं कि मेरी पिटाई लंड से करवाएगी।
सहेली- इस में गिरने वाली बात नहीं है मेरी लाडो रानी क्योंकि तेरे जैसी गदरायी हुई लौंडिया अगर लंडों से ना पिटे तो वह अपनी जुबानी काबू में नहीं कर सकती । तेरी जवानी को काबू में करने के लिए एक साथ 3, 4 लंडों को मेहनत करनी पड़ेगी तब जाकर तेरी जैसी लौंडिया ठंडी होती है ।
शालिनि- अब मुझे तू ज्यादा गर्म ना कर वरना मैं अभी अपने बॉयफ्रेंड को बुलाकर अपने ऊपर चढ़ा लूंगी ।
सहेली - चढ़ा लेना तो रोका किसने है । वैसे भी तेरे जैसी लौंडिया के ऊपर चढ़ते हुए लोग ही अच्छे लगते हैं । वैसे मैंने सुना है तेरा भाई जो है राकेश यह भी रंडियां चोदने जाता है ।
शालिनी हैरान होते हुए- अब तू बिल्कुल हद पार कर रही है कमीनी । मेरे भाई को तो बदनाम मत कर।
सहेली - अरे नहीं मेरी एक फ्रेंड है जो तेरे भाई की कंपनी में काम करती है। वह बता रही थी कि उसे डेट पर ले गया था तेरा भाई और पूरी रात चोद कर सुबह वापस लाया था ।
शालिनी हैरान होते हुए - मेरा भाई ऐसा नहीं हो सकता मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि भैया ऐसे भी हो सकते हैं । और क्या बताया तेरी फ्रेंड ने।
सहेली- वह तो यही कह रही थी कि उसे लेकर गया था रात भर इतनी बुरी तरह रगड़ा कि बेचारी सुबह को चल भी नहीं पा रही थी। कह रही थी राकेश का लोड़ा ज्यादा बड़ा तो नहीं है लेकिन चूत की कुटाई बड़े अच्छे तरीके से करता है । तो इस हिसाब से तो शालिनी तुम दोनों भाई बहन ही बड़े चुदक्कड़ हो। तेरी चूत को लंड की प्यास रहती है और तेरे भाई के लंड को चूत की प्यास रहती है ।
शालिनी- तुझसे तो कोई जीत ही नहीं सकता। अब मैं क्या बोलूं मैं तुम्हें, हां हैं दोनों भाई बहन चुदक्कड़।
सहेली- तुझे और तेरे भाई के बीच में यदि कंपटीशन कराया जाए तो कौन पहले हारेगा कहना मुश्किल है ।
शालिनी - अब यह भी तू ही बता दे क्योंकि मेरी बात तो तू कभी मानती नहीं है ।
सहेली - मुझे तो लगता है तू ही जीतेगी क्योंकि तेरी जवानी जब तक पूरे दिन ना चुदे तब तक तुझे चैन नहीं मिलता। उसके लोड़े को तो तू निचोड़ लेगी शेरनी । वैसे तेरा मन भी तो कर रहा होगा कि अपने भाई को निचोड़ ले , अपने ऊपर चढ़ा ले ।
शालिनी - मेरा मन तो नहीं कर रहा लेकिन यदि तुझे मेरे ऊपर चढ़वाना ही है तो बेशक चढ़ा दे । तुझे शर्मिंदा नहीं करूंगी तेरी बात रखूंगी । मैं अपनी गांड और चूत को भींच भींचकर कर अपने भाई के लंड को निचोड़ लुंगी ।
सहेली - तेरा मन करता है क्या अपने भाई के लंड को देखने का ।
शालिनी - अब तो देखने का ही नहीं मुंह में लेने का भी मन कर रहा है । पता नहीं कैसा होगा मेरे भाई का लोड़ा । अपनी बहन की प्यास बुझा भी पाएगा या नहीं । मैं भी तो नहीं कह सकती कि भाई तेरी बहन प्यासी है आकर प्यास बुझा दे मेरी। तेरी बहन अपनी आंखों में तेरा लंड लिए घूम रही है दे दे उसे यह लंड । और चोद दे अपने ही घर में अपनी इस बहन को ।
सहेली - तो चुदवाने का मन है अपने भाई से मेरी लाडो रानी का ।
शालिनी - अगर भाई कहे तो मैं तो खुला न्योता दे दूंगी कि आजा अपनी बहन की फटी हुई चूत में अपने लंड का झंडा गाड़ दे क्योंकि मेरी सील तोड़ना तो तेरे नसीब में नहीं था भाई लेकिन इस चुदी चुदाई चूत को चोद कर ही अपना मन बहला ले। पूरी जान से चोद अपनी बहन को ----------------------- अच्छा चल ठीक है मैं बाद में बात करती हूं भैया आ रहे है।
सहेली - bye ।