Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - Page 7 - SexBaba
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Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ

नीरज का नाम सुनकर साहिल की आंखो में चिंगारी सी सुलगने लगी और उसका चेहरा सख्त होता चला गया और बोला:"

" मम्मी उसका मैं वो हाल करूंगा कि उसे अपने पैदा होने पर अफसोस होगा, आपकी कसम मैं उसे और उसके सारे नाम को मिट्टी में मिला दूंगा। छोड़ने वाला तो मैं अपने नीच बाप को भी नहीं, अनूप को भी उसके लिए की सजा मिलेगी।

रूबी साहिल के मुंह से अनूप सुनकर हैरान हुई और उसने साहिल का चेहरा दोनो हाथो में भर लिया और बोली:

" बेटा मुझ पर बहुत ज़ुल्म हुए हैं, अनूप ने मुझे मारा, हर तरह से दबाव दिया यहां तक कि तुम्हे अपनी तरफ करने के लिए कार भी दी।

साहिल:" बस मम्मी, अब आप पर हुए हर ज़ुल्म का हिसाब आपका बेटा लेगा, कार को तो आपके सामने की अनूप को वापिस दे दूंगा।

रूबी:" अच्छा चल अब खड़ा हो जा और बेड पर लेट, चल बेटा रात बहुत हो गई है।

साहिल बेड पर लेट गया और रूबी भी अपने बेटे के साथ ही बेड पर लेट गई और साहिल रूबी के आंचल में छुप गया और सोने की कोशिश करने लगा।

रूबी ने अपना हाथ साहिल की कमर पर रख दिया और हल्के हल्के थपकनें लगी मानो किसी छोटे बच्चे को दुलार रही हो। साहिल को इससे बड़ा सुकून मिला और उसके दिमाग में उठ रहे हजारों सवाल जैसे अपने आप ही शांत हो गए और आज उसने जाना कि क्यों मा की गोद को दुनिया का सबसे अच्छा बिस्तर समझा जाता हैं। रूबी ऐसे ही धीरे धीरे प्यार से उसे थपकती रही और साहिल को लग रहा मानो उसके आगोश में सारी दुनिया की खुशियां सिमट अाई हैं। जो गलतफहमी के बादल और धुंध थी वो छट चुकी थी और साहिल को अब सब कुछ साफ़ साफ़ नजर आ गया था।

साहिल कब नींद के आगोश में चला गया उसे पता ही नहीं चला। रात को करीब एक बजे के आसपास उसकी आंख खुली तो उसने देखा कि रूबी उसकी मम्मी उसके साथ बेड पर नही थी। किसी अनहोनी की आशंका से साहिल घबरा उठा और सबसे पहले प्रिया के कमरे की तरफ भागा तो देखा कि प्रिया आराम से बंधी हुई पड़ी थी और नीचे फर्श पर ही सो गई थी। साहिल छत पर गया नहीं रूबी नहीं मिली तो साहिल रूबी के कमरे में गया लेकिन वहां भी रूबी नहीं थी तो आखिरकार रूबी कहां गई ये सवाल उसके मन में घूम रहा था।
तभी उसके दिमाग में चुदाई लोक घूम गया तो साहिल के कदम अपने आप स्टोर रूम की तरफ बढ़ गए और वो तस्वीर हटाते ही उसे फिर से वही चुदाई लोक का रास्ता नजर आया और साहिल अंदर घुसता चला गया।

ठीक झरने के नीचे रूबी खड़ी थी और उसके जिस्म पर सिर्फ एक सफेद रंग की साड़ी थी क्योंकि गर्मी के कारण वो कभी कभी ब्रा पेंटी नहीं पहनती थी। विटामिन सिरप का असर रूबी के सिर चढ़कर बोल रहा था और वो मस्ती में सेक्सी गीत गुनगुना रही थी और बिल्कुल राम तेरी गंगा मैली की मंदाकिनी जैसी लग रही थीं

" प्यासी जवानी मेरी कब तक ये प्यासी रहेगी
कब तक मैं यहीं इस आग में जलूंगी,

हो ओ कोई तो आए जो मेरी प्यास प्यास बुझाए
अपने प्यार की बारिश से मेरा तन मन भिगा जाए,
कब से हूं इतनी अकेली कब से मैं प्यार की प्यासी
जलता हैं जिस्म ये मेरा हो गई हूं मैं कितनी चुदासी
कोई तो आए मुझ पर छा जाए,
मेरे तपते हुए जिस्म को एक ठंडक मिल जाए।

ये चूची के निप्पल मेरी अड़कते हैं कितने,
सो ना सकू मैं रात भर परेशान करते हैं इतने
मेरी ये गांड़, करती हैं मेरी नींद हराम
कोई तो मसले हाथो में भरकर ताकि मिले मुझको आराम,

कितनी प्यासी हैं मेरी ये चूत,
रस निकले हैं इतना जितना मेरा मूत,
जांघें मेरी चिपकी हैं रहती,
चूत से रस की नदिया बहती
कोई तो आए जो अमृत रस पी जाए,

" प्यासी जवानी मेरी कब तक ये प्यासी रहेगी
कब तक मैं यहीं इस आग में जलूंगी, ।।

रूबी इस कदर पागल हो चुकी थी कि उसे कुछ समझ नहीं अा रहा था कि वो क्या बोल रही है और क्या कर रही है, वो हाथ उसके अपने जिस्म ही पर बड़े ही कामुक अंदाज में घूम रहे थे। अपनी मम्मी का ये कामुक अवतार देखकर साहिल का लंड मानो बगावत पर उतर आया और अकड़ कर खड़ा हो गया। सचमुच मेरी मम्मी कितनी बुरी तरह से जिस्म की आग में जल रही है लेकिन उसके बाद भी नीरज के आगे झुकने को तैयार नहीं। नाचती गाती रूबी का अचानक पैर फिसल गया तो धड़ाम से पानी के अंदर गिर गई और उसके मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी।

अपनी मम्मी को यूं दर्द से तड़पते हुए देखकर साहिल भूल गया कि वो इस वक़्त चुदाई लोक में हैं और तेजी से पानी के अंदर घुस गया और बोला:"

" मम्मी क्या हुआ आपको ज्यादा चोट तो नहीं लगी ?

साहिल को अपने सामने पाकर रूबी की तो जैसे बोलती बंद हो गई। उसने एक बार अपने उपर नजर डाली तो पाया कि उसकी चुचियों पर बस नाम के लिए पर्दा था क्योंकि सफेद साडी पूरी तरह से भीग कर उसके जिस्म से चिपक गई। रूबी अपने बेटे के सामने शर्म से गड़ी जा रही थी और बोली:"

" आह बेटा, कूल्हे के बल गिरी हूं तो हल्की चोट लग गई है, उफ्फ लेकिन तू यहां क्या कर रहा है ?

साहिल ने एक नजर अपनी मा की चूचियों पर डाली और बोला:

" मम्मी मैं तो आपको ढूंढने आया था, अगर पता होता कि आप यहां हैं तो नहीं आता!!

रूबी:" अब अा ही गया है तो अच्छा हुआ, उफ्फ मैं खड़ी नहीं हो पा रही हूं, मुझे मेरे बेड तक छोड़ दो साहिल।

इतना कहकर रूबी ने अपना हाथ साहिल की तरफ बढ़ा दिया तो साहिल ने खड़े होते हुए रूबी का हाथ थाम लिया और रूबी की नजर उसके लोअर में बने हुए तम्बू पर पड़ी तो रूबी के जिस्म में हलचल सी मच गई।
अभी साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा नहीं हुआ लेकिन फिर भी उसकी लंबाई और मोटाई साफ तौर पर नजर आ रही थी।

बेशक ये उसके अपने बेटे का लंड था लेकिन इतना शानदार लंड देखकर रूबी अंदर ही अंदर खुश हुई। भीग चुके लोअर में से साहिल का लंड साफ नजर आ रहा था और उसके आकार का अंदाजा लगाना बिल्कुल आसान था, रूबी को खुशी हुई कि उसके दूध में बहुत दम हैं।

अपनी मम्मी को ऐसे अपनी तरफ घूरते हुए देखकर साहिल शर्मा गया और रूबी को उठा कर अपनी बांहों में भर लिया और चल पड़ा। रूबी ने अपनी बांहे साहिल के गले में डाल में डाल दी और प्यार से उसके चेहरे को देखने लगी। साहिल की नजर बीच बीच में रूबी की चूचियों पर पड़ रही थी और उसका खड़ा हो चुका लंड रूबी की जांघो में घुसा जा रहा था।

तभी वो दोनो चलते हुए चुदाई लोक वाली स्क्रीन के पास पहुंच गए और साहिल ने स्क्रीन को देखा तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो अपनी का को अपनी गोद में लिए हुए आगे बढ़ गया और जल्दी ही दोनो साहिल के कमरे में थे और रूबी उसी गीली सफेद रंग की साड़ी में लिपटी हुई थी और साहिल ने उसे बेड पर लिटा दिया।

रूबी के कूल्हे जैसे ही बेड पर लगे तो रूबी को दर्द का एहसास हुआ और उसके मुंह से आह निकल पड़ी।

साहिल:" क्या हुआ मम्मी ? दर्द ज्यादा हैं क्या आपको ?

रूबी:" हान बेटा, एक काम कर तू मुझे दर्द कि ट्यूब लगा दे शायद उससे कुछ आराम मिल जाएगा।

साहिल ने एक नजर अपने मा के जिस्म पर डाली
जो उस समय कुछ ऐसी लग रही थी।
 
रूबी के जिस्म का हर एक कटाव साफ दिखाई दे रहा था जिससे साहिल के दिल की धड़कन बढ़ रही थी
और बोला:"

" ठीक हैं मम्मी मैं ट्यूब निकाल लेता हूं। आप आराम से लेटिए।

साहिल ने बेड का ड्रॉअर खोला और ट्यूब लेकर बेड पर रूबी के पास बैठ गया।

.....................................

रूबी पेट के बल बेड पर लेट गई जिससे उसका चेहरा दूसरी तरफ हो गया और साहिल ने पहली बार जी भर कर आज अपनी मम्मी को पीछे से निहारा। बिल्कुल गोरे चित्ते सुन्दर कंधे जिनके दोनो तरफ रूबी के काले बाल बिखरे हुए थे। उसकी कमर बिल्कुल पतली तो नहीं थी लेकिन कहीं पर भी फालतू चर्बी का नामो निशान नहीं था। कमर के शानदार कटाव अपने आप रूबी के जिस्म की खूबसूरती और कामुकता बयान कर रहे थे। साहिल की नजरे थोड़ा सा नीचे की तरफ अाई तो उसे अपनी मा गांड़ नजर आईं जो कि साड़ी से ढके होने के बाद भी अपनी मोटाई साफ दर्शा रही थी। साहिल के मन में एक ही विचार आया उफ्फ क्या सचमुच की गांड़ हैं। एक दम सुडौल, मानो सांचे में ढाल कर बनाई गई हो।

साहिल की आंखे लाल हो गई और उसने कांपते हुए हाथो से ट्यूब का ढक्कन खोला और हाथ में ट्यूब लेकर रूबी के कूल्हे पर टिका दिया लेकिन बीच में अभी भी साड़ी पड़ी हुई थी तो रूबी बोली:"

" उफ्फ बेटा मालिश कूल्हे की करोगे या साडी की तुम ?

साहिल:" लेकिन मम्मी मैं कैसे देख पाऊंगा वो सब?

रूबी:" एक काम करो तुम बस मेरी आंखो में देखते रहो और कहीं देखने की जरूरत नहीं हैं तुम्हे, बस मेरी तरफ देखकर मालिश करते रहो।

साहिल को रूबी की बात ठीक लगी और उसने अपना सिर हान में हिला दिया तो रूबी ने खुद ही अपना हाथ पीछे ले जाकर साड़ी को कूल्हे पर से सरका दिया जिससे उसकी गांड़ एक दम नंगी हो गई।
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रूबी:" चल अब धीरे धीरे मालिश कर दे मेरी, दर्द हैं बहुत जोर से गिरी हूं मैं।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए अपना हाथ उसकी नंगी उभरी हुई गांड़ पर टिका दिया तो रूबी के मुंह से एक हल्की सी आह निकल पड़ी जो उसके मुंह में ही दब कर रह गई लेकिन उसके चेहरे के बदलते भाव साहिल को साफ दिखाई दिए। साहिल ने अपने हाथ को रूबी की गांड़ के एक भाग पर जमा दिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो रूबी को बेहद सुकून मिलने लगा और उसकी आंखो में चमक आ गई और बोली:"

" आह बेटा, बस ऐसे ही करता रह, बड़ा सुकून मिल रहा हैं।

साहिल ने जैसे ही हाथ का दबाव बढ़ाया तो रूबी को और ज्यादा सुकून मिलने लगा लेकिन उसके चेहरे के रंग बदलने लगे और आंखो में खुमारी छाने लगी और उसके मन में अपने ही गाने के शब्द गूंजने लगे

" मेरी ये उभरी हुई गांड़
करती हैं मेरी नींद हराम,
कोई तो इसको दबाए
ताकि मिले मुझे कुछ आराम।

ये शब्द ध्यान में आते ही रूबी की चूचियों के निप्पल अकड़ने लगे और जिस्म गुदगुदी के मारे हिलने लगा जिससे गांड़ इधर उधर हिलने लगीं। साहिल के हाथ गांड़ पर अब फिसल रहे थे क्योंकि रूबी का जिस्म अब गुदगुदी के कारण कांप रहा था जिससे साहिल को परेशानी हो रही थी मालिश करने में इसलिए वो बोला:

" मम्मी आप इतना मत हिलो, ठीक से मालिश नहीं हो पाएगी, फिर बाद में दर्द होगा आपको।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और साहिल की आंखो में देखते हुए बोली:"

" उफ्फ बेटा मुझे तुम्हारे हाथो से बहुत गुदगुदी सी हो रही हैं, तुम एक काम करो एक हाथ से मुझे पीछे से कसकर पकड़ लो और दूसरे से मालिश करों।

साहिल को ये बात पसंद अाई और उसने अपना एक हाथ रूबी की गांड़ पर जोर से टिका दिया और उसे कसकर पकड़ लिया तो हाथ के दबाव से रूबी के जिस्म मस्ती से लरज उठा और वो सिसकते हुए बोली:"

" उफ्फ कितनी जोर से पकड़ लिया तूने मम्मी को बेटा, तू तो बहुत तगड़ा हो गया है।

साहिल अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया और उसने थोड़ा और जोर से रूबी की गांड़ को का लिया तो मस्ती से एक पल के लिए रूबी की आंखे बंद हो गई और अगले पल उसने फिर से अपनी आंखे अपने बेटे की आंखो से मिला दी।

साहिल ने दूसरे हाथ की उंगलियों से रूबी की गांड़ की मालिश शुरू कर दी तो रूबी इस दोहरे मस्ती भरे एहसास से बहकने लगी क्योंकि जहां एक ओर उसकी गांड़ को साहिल ने कसकर पकड़ा हुआ था वहीं दूसरी तरफ उंगलियों से धीरे धीरे मालिश करने कर रहा था। रूबी का गाना साहिल के अंदर एक होश पैदा कर गया और वो जानता था उसकी मा अपनी गान्ड को मसलवाने के लिए कितनी तड़प रही है लेकिन एक बेटे के लिए ये इतना आसान नहीं था।

साहिल ने अपनी उंगलियों का दायरा अंदर की तरफ बढ़ाया तो रूबी की सांसे तेजी से चलने लगी और उसकी आंखो में गुलाबी डोरे तैरने लगे जिसका असर उसकी चूत पर हुआ जो कि पहले से ही गीली थी और रस निकल कर बेड पर गिरने लगा। रूबी का जिस्म पिछले एक हफ्ते से तप तप कर शोला बन चुका था और आज जब उसके बेटे के हाथ उसकी गान्ड पर थे तो उसे बेटे से कहीं ज्यादा एक मर्द के हाथो का एहसास हो रहा था। रूबी की जीभ अपने आप बाहर निकल गई और उसके होंठो पर घूमने लगी तो साहिल को एक झटका सा लगा और बोला:"

" क्या हुआ मम्मी सब ठीक है ? आपको ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा हैं ?

साहिल की आंखो में देखते हुए ही रूबी की जीभ वापिस अंदर चली गई और बोली:"

" आह बेटा बहुत आराम मिल रहा हैं, उफ्फ तू तो मास्टर निकला पूरा मालिश का। कर बेटा थोड़ा टाइट हाथ से कर तभी सारा दर्द खत्म होगा।

इतना कहकर रूबी ने अपनी टांगो को हल्का सा खोलते हुए अपनी गांड़ को उपर उठा दिया तो साहिल के हाथ अब पूरी ताकत से उसकी गांड़ पर जम गए और उसके हाथ की उंगलिया अब तेज तेज चल रही थी और गांड़ के पट के बीच में भी हल्की सी घुस जाती तो रूबी ने मदहोश होकर अपना एक हाथ अपने पेट के नीचे लाते हुए अपनी चूत के ठीक सामने रख दिया। जैसे ही उसकी उंगलियां चूत से छुई तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी जो साहिल ने साफ सुनी और समझ गया कि उसकी मम्मी की क्या हालत हो गई हैं।

साहिल:' क्या हुआ मम्मी, आप ठीक तो हैं ना, ज्यादा जोर से नहीं मालिश कर रहा हूं मैं

रूबी की आंखो में रंगीन डोरे तैर रहे थे और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"

" नही आईआईआई बेटा, तुम तो बहुत अच्छे हो, करो ऐसे जी मेरी मालिश।

इतना कहकर रूबी ने अपनी चूत को अपनी उंगलियों पर रगड़ना शुरू किया जिससे उसकी कमर अपने आप उपर नीचे होने लगी और उसकी गांड़ अपने आप उछल उछल कर साहिल के हाथो में जाने लगी। साहिल अपनी मम्मी को ऐसी हालत में देखकर जोश में अा गया और उसके हाथ अब पूरी ताकत से उसकी गांड़ पर कस गए और रूबी की कमर हिलने से गांड़ हाथो में हल्की हल्की अंदर बाहर होने लगी तो साहिल ने अब अपनी उंगलियों से गांड़ को दबोचना शुरु कर दिया तो रूबी का मुंह अपने आप मस्ती से खुल बंद होने लगा और उसकी चूत से निकलते रस से उसकी पूरी हथेली भीग गई। रूबी लगातार साहिल की आंखो में देख रही थी और रूबी की आंखे लाल सुर्ख होकर दहकने के साथ साथ उत्तेजना कि वजह से बड़ी बड़ी हो गई थी और बार बार जीभ से अपने सूख चुके होंठो को गीला कर रही थी।

साहिल ने जैसे ही रूबी की गांड़ को दबाया तो रूबी की चूत सुलग उठी और उसने सब लाज शर्म छोड़कर अपनी गांड़ को पूरी तरह से उपर उठाते हुए एक उंगली आधी अपनी चूत में घुसा दी और मस्ती से सिसक उठी

"आह्ह साहिल, ऐसे ही बेटा, उफ्फ दर्द निकल रहा है,

साहिल रूबी की हालत को समझ गया था इसलिए उसने रूबी की आंखो में देखते हुए उसकी गांड़ को अब खुलकर मसलना शुरू कर दिया तो रूबी का जिस्म झटके पर झटके खाने लगा और वो साहिल को बहुत ही कामुक अंदाज में देखते हुए अपनी चूत रगड़ रही थी।

साहिल का हाथ की उंगलिया जैसे जी रूबी की गांड़ के बीच में घुसने लगी तो रूबी की टांगे अपने आप खुलती चली गई और साहिल ने जैसे ही उसकी गांड़ के छेद को छुआ तो रूबी की उंगली उसकी चूत में पूरी घुस गई और इसके साथ ही रूबी के जिस्म ने एक आखिरी झटका खाया और उसने अपनी टांगो को जोर कस लिया और मस्ती से उसका मुंह खुलता चला गया

" आह साहिल, उफ्फ हाय मा, हाय मै तो गई हाय बेटे।

रूबी ने सिसकते हुए अपनी चूत से रस की बौछार कर दी और उसकी गांड़ के पट बंद हो जाने के कारण साहिल की उंगलियां अंदर ही फंस कर रह गई। रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए अपने होंठो को किस के अंदाज में गोल किया और उसकी तरफ एक चुम्बन कर दिया। साहिल अपनी मम्मी की इस हरकत पर मस्ती से भर उठा और उसने भी अपनी मम्मी की तरफ किस कर दिया तो दोनो के होंठ एक साथ मुस्करा दिए। रूबी का स्खलन बंद होते ही साहिल की उंगलियां गांड़ के ढीली हो जाने के कारण बाहर अा गई और रूबी ने उसे अपने पास लेटने का इशारा किया तो साहिल अपने खड़े लंड के साथ उसकी बांहों में समा गया और रूबी ने उसे अपने आगोश में ले लिया। साहिल का खड़ा लंड रूबी की जांघो के बीच में घुस गया और रूबी ने एक चादर उपर खींच ली।रूबी के जिस्म पर कहीं साडी पड़ी हुई थी तो कहीं से वो बिल्कुल नंगी थी।

रूबी ने साहिल का गाल चूम लिया और बोली:"

" थैंक्स बेटा, तू तो बहुत अच्छा बेटा हैं, मुझे कितना दर्द था एकदम ठीक कर दिया।

साहिल:" मम्मी आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं फिर ये दर्द क्या चीज थी।

साहिल की बात सुनकर रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" अच्छा ये बात अब प्रिया का क्या करना हैं ?

साहिल:" अभी बंधी रहने दो, बाद में सोचते हैं इसका तो। पहले तो मैं बाप को ठीक करूंगा उसके बाद ही बाहर वालों का नंबर आयेगा।

रूबी:" ठीक है बेटा, अच्छा सुन क्या मैं कल से जिम और योगा सेंटर चली जाऊं क्या ?

साहिल: हान मम्मी, लेकिन अब हर जगह में आपके साथ जाऊंगा ताकि आपको कोई दिक्कत ना हो।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, अच्छा मेरा एक काम करेगा क्या तू ?

साहिल:" जी बिल्कुल मम्मी, आप बताए मुझे।

रूबी ने अपनी नजरे हल्की सी झुकाई और बोली'"

" वो योगा सेंटर में लोग मेरे पति से मिलने की बात कर रहे हैं और तू तो सब जानता ही हैं। क्या तुम मेरा ये काम करोगे बेटा ?

साहिल:" हान मम्मी बिल्कुल करूंगा क्योंकि पापा की हरकतों से साबित हो गया है कि वो तो अब आपके पति कहलाने के लायक नहीं रहे।

रूबी:" अच्छा चल ठीक हैं बेटा, अब तू ही बता क्या करू मैं, कोई और रास्ता भी तो नहीं है मेरे पास

साहिल:" मम्मी पहले ये मामला खत्म हो जाने दीजिए उसके बाद आप चाहे तो दूसरी शादी कर सकती है।

रूबी ने घुरकर साहिल की तरफ देखा और बोली:"

" चुप कर बेशर्म, अपनी मा को ऐसी सलाह देते हुए शर्म नहीं आती क्या ?

साहिल:" मम्मी आप अभी जवान हो खूबसूरत हो, आदमी तो आदमी अभी तो लड़के भी आप पर फिदा है।

रूबी :" बस कर बहुत हो गई झूठी तारीफ, अब सो जा आराम से रात बहुत हो गई है।

उसके बाद रूबी ने अपने हाथ साहिल के मुंह पर रख दिया और उसका मुंह बंद कर दिया और दोनो मा बेटे एक साथ ही सो गए।
 
अगले दिन सुबह दोनो की साहिल की आंख खुली तो वो सबसे पहले प्रिया को देखने के लिए उपर की तरफ गया और खिड़की से देखा कि प्रिया अभी तक सोई हुई पड़ी थी। साहिल स्माइल करता हुआ नीचे अा गया तो देखा कि रूबी उठ चुकी थी और उसने बताया कि तेरे पापा अब होटल से सीधे ऑफिस जाएंगे और घर शाम को ही अा पाएंगे।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आप जल्दी से कुछ खाने के लिए बना दीजिए और प्रिया को भी कुछ खाने के लिए देकर जाएंगे कहीं ऐसा ना हो कि भूखी मर जाए। इससे अभी मुझे बहुत सारे काम लेने हैं मम्मी क्योंकि अब ये हमारे इशारों पर नाचेगी और नीरज को मैं प्रिया के कारण ही बर्बाद करूंगा।

रूबी जल्दी से खाना बनाने में जुट गई और शांता भी घर के काम में लग गई।

शांता:" अरे रूबी बेटी वो लड़की प्रिया कहां हुई दिख नहीं रही है?
बिल्कुल मेरी बेटी के जैसी दिखती हैं वो।

रूबी किचन के अंदर थी तो उसे आवाज नहीं गई और साहिल बोला:" हान जी वो तो सुबह जल्दी ही चली गई है उसे कुछ जरूरी काम था।

शांता प्रिया के जाने की बात सुनकर थोड़ा उदास हो गई और अपने काम में लग गई। रूबी ने एक प्लेट में परांठे रखे और साहिल को दिए तो साहिल शांता की आंख बचा कर उपर अा गया और प्रिया के कमरे में घुस गया। प्रिया उठ चुकी थी और काफी दुखी और परेशान लग रही थीं। साहिल ने कमरे का दरवाजा बंद किया और प्रिया के हाथ खोल दिए और बोला:"

" जाओ बाथरूम में जाकर फ्रेश हो जाओ, उसके बाद आराम से खाना खा लेना, फिर मै तुमसे कुछ और बात करूंगा।

प्रिया:" मुझे छोड़ दो प्लीज़ साहिल सर, जो मुझे पता था मैंने आपको सब बता दिया हैं। मुझे जाने दो प्लीज़।

साहिल:" ऐसे कैसे जाने दू तुझे, तुझे अभी तेरे लिए की सजा मिली ही कहां है? मैं दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार अपनी मम्मी से करता हूं और तू उन्हें बदनाम करना चाहती थी, मेरी मा को किसी और के साथ सोने के लिए मजबूर करना चाह रही थी।

रूबी उपर अा रही थी और जैसे ही साहिल की बाते रूबी के कानों में पड़ी तो वो रुक गई और उसकी बाते सुनने लगीं।

प्रिया:' सर मुझसे भूत बड़ी गलती हो गई, मैं वादा करती हूं कि अब अनूप का साथ छोड़ दूंगी। मुझे एक आखिरी मौका तो दो आप।

साहिल:" प्रिया अगर तुमने मेरे खिलाफ साजिश रची होती तो मैं शायद तुम्हे माफ़ कर देता लेकिन अपनी मा के साथ गलत करने वाले को मैं बिल्कुल माफ नहीं करूंगा। तुम खाना खा लो आराम से मैं बाद में आता हूं।

रूबी साहिल की बाते सुनकर खुशी में मारे नीचे अा गई और सोचने लगी कि उसका बेटा सच में उससे बहुत प्यार करता है। पीछे पीछे ही साहिल भी अा गया और दोनो मा बेटे नाश्ता करने के बाद योगा सेंटर की तरफ निकल पड़े।

साहिल:" मम्मी वो आप मुझे मेक अप करने और हल्की दाढ़ी मूंछ लगाने की बात कर रही थी।

रूबी:" तुम चिंता मत करो, सब हो जाएगा बेटा। आगे मैंने एक आर्टिस्ट से बात कर ली है वो तुम्हे बिल्कुल अनूप जैसा बना देगा। बेटा पुड़िया हम घर ही भूल गए।

साहिल:" मेरे होते हुए ऐसा नहीं हो सकता मम्मी , मैं लेकर आया हूं आप ये देखो।

साहिल ने अपनी जेब से पुड़िया निकाल कर रूबी को दिखाई तो रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" बेटा सच में तुम कितने अच्छे हो , हर बात का ध्यान रख रहे हो। मुझे खुशी हुई।

साहिल:" मम्मी अब इस दुनिया में मेरे लिए सिर्फ आप ही तो बची हुई है क्योंकि मेरा बाप तो मेरे लिए जिंदा होकर भी मर चुका हैं। अच्छा मैं ये पुड़िया लैब में दे दूंगा और आते हुए शायद हमे इसकी रिपोर्ट मिल जाए।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, थोड़ा आगे चलकर ही एक लैब हैं, वहां दे देंगे इस पुड़िया को हम।

थोड़ी देर बाद ही लैब अा गई और साहिल ने पुड़िया को जमा करा दिया और पेमेंट करने के बाद दोनो फिर से चल दिए। थोड़ी देर बाद फिर से उनकी गाड़ी रुक गई क्योंकि आर्टिस्ट की दुकान अा गई थी।

रूबी और साहिल दोनो शॉप के अंदर चले गए और रूबी बोली:"

" सर मेरी आपसे बात हुई थी ना एक नाटक के लिए जो हमारा ग्रुप कर रहा हैं तो मैं आज लड़के को साथ ने लेकर अाई हूं तो आप इनका मैक उप कर दीजिए।

इतना कहकर रूबी ने जेब से अनूप का एक फोटो निकाला और आर्टिस्ट की तरफ बढ़ा दिए तो आर्टिस्ट ने ध्यान से फोटो देखा और साहिल सामने एक चेयर पर बैठ गया। आर्टिस्ट को करीब एक घंटा लगा और रूबी हैरान हो गई क्योंकि साहिल एकदम बिल्कुल अनूप जैसा लग रहा था। बिल्कुल वही चेहरा, सब कुछ अनूप के जैसा। रूबी तो यकीन नहीं कर पा रही थी क्योंकि उसे लग रहा था सामने साहिल नहीं बल्कि अनूप बैठा हुआ है।

रूबी:" अरे आपने तो कमाल का काम किया हैं सर, बिल्कुल एकदम 100% सही।

आर्टिस्ट:" अरे मैडम हम इसी बात के हो पैसे लेते हैं। वैसे तारीफ करने के लिए शुक्रिया। आगे भी आपको कभी मेरी जरूरत पड़े तो आप मुझे याद करना मैडम।

रूबी:" बिल्कुल क्यों नहीं करूंगी। आपके काम को देखकर सच ने दिल खुश हुआ।
 
साहिल को आर्टिस्ट ने शीशा दिखाया तो साहिल भी हैरान हो गया क्योंकि सचमुच आर्टिस्ट ने बहुत ही शानदार काम किया था।

आर्टिस्ट को पैसे देने के बाद रूबी और साहिल दोनो योगा सेंटर की तरफ बढ़ गए। साहिल बोला:"

' अरे मम्मी इतनी तो एकदम से मेरा हुलिया हूं बदल दिया।

रूबी:" हान बेटा मैं खुद यकीन नहीं कर पा रही हूं कि तुम साहिल हो या अनूप ?

साहिल मजाक करते हुए:" अरे मम्मी कहीं आप मुझे सच में अपनी समझ कर गुस्से से मेरा सिर मत गोद देना।

रूबी स्माइल करती हुई:"

" नहीं मेरे बेटे, तू तो मेरा राजा बेटा हैं भला मैं ऐसा क्यों करूंगी ? तू तो कभी भी अनूप के जैसा कमीना नहीं हो सकता।

साहिल:" हान मम्मी ये बात हो सच है कि मैं कभी बी इतनी गिरी हुई हरकत नहीं कर सकता। वैसे शायद मैं दुनिया का ऐसा पहला लड़का हूंगा जो खुद अपना बाप बन रहा हैं।

रूबी स्माइल करते हुए:"

" तुम ही अकेले नहीं हो, साहिल मै भी दुनिया की ऐसी पहली ही औरत हुंगी जो अपने ही बेटे को अपना पति बनाकर ले जा रही हूं। समझे मिस्टर अकेले लड़के।

साहिल:" हान मम्मी सब समझ गया। कहीं ऐसा ना हो कि वहां मेरी ये नकली दाढ़ी निकल जाए और काम उल्टा हो जाए।

रूबी उसका एक गाल पकड़ कर खींचती हुई बोली:"

" शुभ शुभ बोल कमीने, नहीं तो मेरा क्या लोग सोचने पर मजबुर हो जाएंगे कि मैं अपने बेटे को ही पति बना रही हूं। पता नहीं क्या क्या सोचेंगे सब।

साहिल:" आप चिंता मत कीजिए मम्मी , मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूंगा आप परेशान मत होइए।

बाते करते करते ही दोनो योगा सेंटर अा हुए और दोनो ऑफिस में चले गए। दोनो ने पानी पिया और उसके बाद रूबी और साहिल मैदान में पहुंच गए। रूबी कहीं ना कहीं डर महसूस कर रही थी कि कहीं उसकी पोल ना खुल जाए। साहिल ने उसे इशारे से नॉर्मल रहने को कहा। सारी भीड़ ने दोनो को अभिवादन किया और बोला बोली:"

" आज आप सबके लिए एक बहुत बड़ी खुशी का दिन है क्योंकि आज मेरे साथ देखिए कौन आया हैं।

भीड़ में से एक आदमी बोल उठा :" मैडम आपके साथ जरूर आपके पति आए हैं।

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और उसके गाल शर्म से गुलाबी हो उठे और कांपते हुए होंठो से बोली:"

" हान बिल्कुल ठीक कहा आपने आज मेरे साथ मेरे पति आए हैं।

दूसरा आदमी:' मैडम आपके पति बिल्कुल आपकी तरह ही खूबसूरत हैं। आपकी जोड़ी दुनिया की सबसे प्यारी जोड़ी होगी।

साहिल तो लोगो की बाते सुनकर बार बार रूबी की तरफ देख रहा था और रूबी शर्म से लाल होती जा रही थी।

आदमी:" मैडम आपके पति की फिटनेस इस उम्र में भी बिल्कुल जवान लड़कों जैसी हैं। देखकर खुशी हुई कि आपके पूरे में सभी लोग पूरी तरह से फिट हैं।

साहिल:" भाई ये सब तो आपकी रूबी मैडम का कमाल हैं। मैंने योग सिर्फ इनका दिल रखने के लिए शुरू किया था लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं योग करके।

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ घूरकर देखा तो भीड़ में से एक औरत जोर से बोली:"

" मैडम बस कीजिए सर को यहां सबके सामने तो मत आंखे दिखाए प्लीज़।

औरत की बात सुनकर सब जोर जोर से हंस पड़े और साहिल ने रूबी को जीभ निकाल कर चिडा दिया तो रूबी भी स्माइल किए बिना ना रह सकी। भीड़ में से एक आदमी बोला:"

" मैडम सचमुच आपके पति और आपकी केमिस्ट्री बहुत शानदार हैं, घुर कर देखना और फिर प्यार से स्माइल करना।

दूसरा आदमी:" आज सर से मिलकर बहुत अच्छा लगा और मैं भगवान से दुआ करूंगा कि आपके बीच ये प्यार हमेशा बने रहे ऐसे ही।

रूबी और साहिल दोनो की हालत खराब हो रही थी लोगो की बाते सुनकर, रूबी के गाल बार बार लाल हो रहे थे और आंखे शर्म से झुक जाती। रूबी आखिरकार बोली:"

" अच्छा अगर आपकी तारीफ खत्म हो गई हो तो आज योग शुरू किया जाए ?

पूरी भीड़ लगभग एक साथ बोल पड़ी:' आज सिर्फ आप दोनो से बात होगी मैडम। प्लीज़ योगा कल से शुरू होगा।

रूबी चाह कर लोगो का दिल नहीं तोड़ना चाहती थी क्योंकि वो कस्टमर को नाराज नहीं कर सकती थी और दूसरी बात कहीं ना कहीं ये सब उसे अच्छा लग रहा था इसलिए लोगो की बात सुनकर रूबी मुस्कुरा उठी तो सारे लोग जोर जोर से ताली बजाने लगे।

एक आदमी:" अच्छा आप ये बताए कि आपकी शादी प्रेम विवाह थी या परिवार की मर्जी से हुई हैं ?

रूबी और साहिल दोनो ही की समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दे इसलिए एक पल के लिए तो एक दूसरे का मुंह ताकने लगे। कहीं ना कहीं पकड़े जाने के डर से साहिल के मुकाबले रूबी ज्यादा डर रही थी इसलिए बोली:"

" घर वालों की पसंद से हुआ था सब कुछ, हमारे यहां जो मा बाप फाइनल कर दे वहीं होता हैं।

दूसरा:" लेकिन आप दोनो की केमिस्ट्री और प्यार देख कर मुझे लगा था कि आपका प्रेम विवाह हुआ होगा इसलिए पूछा था।
 
औरत: अरे अगर प्रेम विवाह हुआ हैं तो फिर तो और भी अच्छी बात हैं क्योंकि आपको देखकर तो लगता हैं जैसे आप एक दूसरे के लिए ही पैदा हुए है।

पहला आदमी:" बिल्कुल मैडम, अच्छा ये बताओ आपमें से एक दूसरे को ज्यादा प्यार कौन करता है ?

साहिल जानता था कि एक मा से ज्यादा प्यार अपने बेटे को दुनिया में कोई नहीं करती इसलिए भावनाओ में बह गया और बोली:"

" मेरी मम्मी मुझे ज्यादा प्यार करती हैं।

साहिल को जब तक अपने गलती का एहसास हुआ तब तक तीर कमान से निकल चुका था और रूबी के चेहरे पर डर की रेखाएं साफ दिखाई दे रही थी इसलिए वो बात को संभालते हुए साहिल को डांटते हुए बोली:"

" मिस्टर अनूप यहां पर मा बाप के प्यार की नहीं बल्कि पति पत्नी के प्यार की बात हो रही हैं। सवाल पहले ध्यान से सुनो तो उससे पहले ही जवान देना शुरू कर देते हो।

भीड़ रूबी की इस बात पर जोर जोर से ताली बजाने लगी और एक आदमी बोला:"

" वाह मैडम क्या क्लास लगाई आपने अनूप सर की ! सचमुच में मजा आ गया।

साहिल ने नाराजगी भरी नजरो से रूबी मम्मी की तरफ देखा जबकि अंदर ही अंदर वो खुशी महसूस कर रहा था रूबी ने उसकी गलती को संभाल लिया है इसलिए बोला:

" देखिए आप सभी लोगो की जानकारी के लिए बता दू कि इसमें मेरी गलती नहीं हैं दर असल रूबी जब भी मेरी सामने होती हैं तो मैैं अपने होश में नहीं रहता।

भीड़ में एक बार फिर से तालियां गड़गड़ा उठी और लोगो के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी वहीं साहिल के इस जवाब से रूबी ने घूर कर फिर साहिल को देखा तो एक आदमी बोला:"

" बस कीजिए मैडम, अब घूर घूर कर भस्म कितना ज्यादा डराएगी आप इन्हे ?

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और सीधी खड़ी हो गई। आदमी ने फिर से अपना सवाल दोहराया:"

" अच्छा अपने सवाल पर अा जाते हैं जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है तो बताए कि आपमें से कौन एक दूसरे को ज्यादा प्यार करता हैं।

साहिल ने इस बार तपाक से जवाब दिया:" रूबी मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करती हैं।

रूबी:" अरे नहीं सच्चाई तो ये हैं कि ये ही मुझसे ज्यादा प्यार करते हैं मैं नहीं।

आदमी:" आप दोनो की ये प्यार भरी तकरार देखकर लग रहा हैं कि आप दोनो ही एक दूसरे से बराबर प्यार करते हैं।

आखिरकार वहीं हुआ जिसका इतनी देर से साहिल को डर था, उसकी एक मूछ अपने जगह से हटने लगी तो वो मुंह पीछे को करके चल पड़ा और बोला:"

" मैं बाथरूम होकर आता हूं।

लोग पीछे से आवाज ही लगाते रह गए जबकि साहिल की मूछ पूरी तरह से उतर गई थी इसलिए वो बिना पीछे की तरफ देखे आगे बढ़ गया।
 
साहिल के जाने के बाद रूबी जानती थी कि अब साहिल दोबारा नहीं अा पाएगा क्योंकि उसकी मूछ उतर गई थी। इसलिए रूबी बोली:"

" अच्छा आप लोग योगा शुरू कीजिए जब तक अनूप वापिस आए।

लोगो ने साफ मना कर दिया क्योंकि आज वो योग के लिए दिमागी रूप से तैयार नहीं थे। रूबी बेचारी क्या करती इसलिए वो भी साहिल के आने का इंतजार करती रही जबकि साहिल अंदर कमरे में घुसकर गेट बंद कर चुका था और उसने रूबी को फोन किया :"

" मम्मी मेरी मूछ उतर गई जब हैं इसलिए मैं अब नहीं अा पाऊंगा। आप सब कुछ संभाल लीजिए।

रूबी:" ठीक हैं अगर आपको ऑफिस का जरूरी काम अा गया हैं तो आप चले जाए।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और बोली:_

" अनूप को ऑफिस के किसी काम से अर्जेंट मीटिंग में जाना पड़ रहा हैं इसलिए वो अब नहीं अा पायेंगे। आप लोग योग शुरू कीजिए।

लोगो के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था इसलिए मजबुर होकर योग करने लगे और जल्दी ही योगा खत्म होने के बाद सभी लोग अपने घर की तरफ लौट हुए तो रूबी ऑफिस में घुस गई और बोली:'

" तुम ना साहिल एक नंबर के बुद्धू हो बेटा, आज तुम्हारी वजह से मैं बाल बाल बच गई फंसने से।

साहिल:" मम्मी मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी लेकिन एक बेटे के लिए पति का नाटक करना आसान नहीं होता।

रूबी को लगा कि उसने गलत बोक दिया और इससे साहिल कहीं नाराज ना हो जाए इसलिए बोली:"

" अरे कोई बात नहीं बेटा, तुमने मेरी इतनी बड़ी समस्या हल कर दी उसके लिए थैंक्स बेटा।

साहिल:" थैंक्स की कोई बात नहीं मम्मी, वैसे भी आने वाले टाइम में मुझे शादी तो करनी है इसलिए आपकी वजह से मुझे सीखने को मिल गया एक पति को कैसे होना चाहिए। वैसे एक बात पूछूं आपसे ?

रूबी चलती हुए उसके पास बेड पर बैठ गई और बोली:"

" बोलो बेटा, क्या बोलना चाहते हो ?

साहिल:" मैं ये पूछ रहा था कि आप पापा को भी ऐसे ही घूर कर देखती थी क्या जैसे आज मुझे देख रही थी ?

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" कभी नहीं बेटा, उन्हें तो आजतक कभी नहीं देखा।

साहिल:" तो फिर मुझसे क्या दुश्मनी हैं आपकी जो ऐसे घूर कर देख रही थी ? या फिर लोगो की बातो सुनकर कि आपकी जोड़ी दुनिया की सबसे प्यारी जोड़ी हैं।

रूबी:" बहुत बोलने लगा हैं तू रुक शैतान तुझे अभी बताती हूं!!

इतना कहकर रूबी बेड पर चढ़ गई और साहिल के दोनो हाथ पकड़ कर उसके पेट पर बैठ गई और बोली:"

" अब बता शैतान क्या बोल रहा था ?

साहिल भोली सी सूरत बनाते हुए बोला:" मम्मी मैं तो कुछ भी नहीं बोल रहा था, वो ऐसे ही मुंह से निकल गया मेरे।

रूबी:" अच्छा अब पकड़ा गया तो कितना शरीफ बन रहा हैं थोड़ी देर पहले तो तेरी जुबान बहुत चल रही थी।

इतना कहकर रूबी ने अपने दोनो हाथों की उंगलियों में साहिल के हाथो की उंगलियों को फसा लिया और हल्का सा दबा दिया तो साहिल ने रूबी की तरफ स्माइल दी और बोला:

" क्या मम्मी मैं कोई छोटा बच्चा थोड़े ही हू जी इससे डर जाऊंगा।

रूबी इससे पहले कुछ और करती साहिल का मोबाइल बज उठा और रूबी ने उसके हाथ छोड़ दिए तो साहिल ने अपना मोईबल निकाला और देखा कि आरव की कॉल थी।

साहिल:" हान भाई कैसा हैं तू?

आरव:" ठीक हूं यार, परसो तुम अा रहे हो ना भाई ?

साहिल:" हान भाई अा रहा हूं क्यों क्या हुआ ? सब ठीक तो हैं ?

आरव:" अरे वो कुछ दिन की छुट्टियां पड़ गई हैं इसलिए तुम घर पर ही आराम करो। मत आना।

साहिल खुश होते हुए:"

" क्या भाई तुम सच बोल रहे हो ? कितने दिन की छुट्टी हुई हैं ?

छुट्टी की बात सुनकर रूबी के चेहरे पर भी स्माइल अा गई।

आरव:" भाई अगले 20 दिन के लिए क्लास बंद हो गई है। अच्छा मुझे अभी कुछ काम हैं मैं बाद में कॉल करूंगा।

इतना कहकर आरव ने फोन काट दिया तो रूबी फोन कटते ही साहिल के गले लग गई और उसका गाल चूमकर बोली:"

" अच्छा हुआ जो छुट्टी पड़ गई बेटा, अब तुम आराम से मेरे साथ रहना और हमे मिलकर अभी बहुत सारे काम करने हैं।

साहिल:" हान मम्मी, अब देखना आपका बेटा अब सबसे पहले अनूप को उसके लिए की सजा देगा।

उसके बाद साहिल अपनी मा को अपनी योजना के बारे में समझाने लगा कि किस तरह से उन्हें बाकी काम को अंजाम देना हैं। थोड़ी देर बाद दोनो मा बेटे घर की तरफ चल पड़े और रास्ते में उनकी गाड़ी लैब के बाहर रुकी और दोनो अंदर चले गए।
 
लैब मालिक ने एक बार घूर कर रूबी की तरफ देखा और बोला:

" मैडम रिपोर्ट तो अा गई है और आप खुद ही पढ़ लीजिए।

रूबी ने रिपोर्ट हाथ में पकड़ी और रिपोर्ट को पढ़ने लगी तो उसके चेहरे पर घोर निराशा के भाव उभरे तो साहिल ने अपनी मम्मी की तरफ देखा तो रूबी ने साहिल का हाथ पकड़ा और बाहर की तरफ अा गई।

बाहर आकर साहिल ने रिपोर्ट पढ़ी तो उसे जैसे अपनी आंखो पर यकीन ही नहीं हुआ। रिपोर्ट में साफ लिखा था पुड़िया में जो पदार्थ था वो लिंग की शक्ति को पूरी तरह से खत्म कर देता हैं और इंसान सिर्फ कुछ ही दिनों के बाद सेक्स करने लायक नहीं बचता। साहिल पूरी तरह से हैरान हो गया और रूबी की आंखे नम थी तो वो साहिल के गले लग गई।
साहिल भी भावुक हो उठा और उसने रूबी को अपने गले लगा लिया और बोली:"

" मम्मी आप दुखी ना हो, हो सकता हैं ये रिपोर्ट गलत हो मैं दूसरी लैब में टेस्ट करा कर चेक करूंगा।

रूबी:" कोई फायदा नहीं बेटा, ये शहर की सबसे बड़ी लैब थी और इससे अच्छा रिजल्ट कहीं नहीं आएगा।

साहिल भी जानता था कि उसकी मा सच बोल रही हैं इसलिए चुप हो गया और दोनो मा बेटे घर की तरफ चल पड़े जहां एक और धमाका उनका इंतजार कर रहा था।

..........................

दूसरी तरफ साहिल ने प्रिया को खाना दिया और कमरे से बाहर निकल कर कमरे को बंद कर दिया लेकिन उससे एक गलती हो गई कि उसने प्रिया के हाथ खुले छोड़ दिए क्योंकि साहिल आश्वस्त था कि उसने कमरे तो को बाहर से बंद कर दिया।

रात भर की भूखी प्रिया खाने पर टूट पड़ी क्योंकि बाहर से अा रही साहिल और रूबी की आवाज़ों के रहते वो कुछ भी नहीं कर सकती थी लेकिन जैसे ही साहिल और रूबी की आवाजे आना बंद हुई तो प्रिया ने कमरे से बाहर निकलने की योजना बनानी शुरु कर दी। उसे एक खिड़की नजर आईं लेकिन वो बहुत छोटी थी और उसने से उसका निकल पाना आसान नहीं था इसलिए वो कुछ सामान ढूंढने लगीं ताकि खिड़की के पास से दीवार तोड़ सके।

काफी ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिला तो कभी हाथ से खिड़की उखाड़ने की कोशिश करती तो गुस्से से दरवाजे को लात मारती लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पड़ी था। आखिरकार उसने कमरे में रखे स्टूल को बाथरूम के दरवाजे में फंसाकर तोड़ दिया और स्टूल के एक पाए को खिड़की में मारने लगी। स्टूल का पाया उसके हाथ से स्लिप हुआ और उसकी टी शर्ट में पाए में लगी कील घुस गई और टी शर्ट फट गई। कील उसके एक कंधे को रगड़ते हुए चली गई और वो दर्द से कराह उठी।

बाहर शांता सफाई कर रही थी और किसी की दर्द भरी आवाज सुनकर वो ऊपर की तरफ अाई तो देखा कि दरवाजा तो बंद है। बाहर क़दमों की आहट सुनकर प्रिया खिड़की पर अा गई और शांता को देख कर बोली:"

" प्लीज़ मेरी मदद कीजिए आप, साहिल मुझे अंदर कमरे में बंद कर गया है क्योंकि वो मेरी इज्जत लूटना चाहता है।

शांता खिड़की की तरफ अाई और सीढ़ियों पर खड़ी हो गई जहां से उसे प्रिया साफ नजर आ रही थी। जैसे ही शांता ने अंदर झांका तो उसकी नजर प्रिया पर पड़ी और उसके कंधे पर बने हुए निशान को देखकर वो खुशी के मारे हैरान परेशान हो गई क्योंकि उसकी बेटी सपना के कंधे पर जन्मजात एक गोल जैसा निशान बना हुआ था और ठीक वैसा ही निशान वो प्रिया के कंधे पर देख रही थी।

ये देखते ही शांता की आंखे भीग गई और रुंधे हुए गले लगा बोली:'

" बेटी तुम तो सपना हो मेरी बेटी जो बचपन में खो गई थी देखो तुम्हारे कंधे पर वही निशान बना हुआ है !!

प्रिया ने एक बार अपने कंधे पर बने निशान की तरफ देखा और वो हैरान हो गई और साथ ही साथ वो मुस्कुरा उठी। उसने शांता की तरफ ममतामई नजरो से देखा और बोली:"

" ओह मा कहां थी तुम ? मैंने तुम्हे कितना ढूंढ़ा और आज जाकर तुम मिली हो, मा प्लीज़ मुझे यहां से बाहर निकालो और मुझे बचाओ इस साहिल से नहीं तो मुझे मार देगा वो।

शांता की आंखो से आंसू टपक पड़े और बोली:

" जैसा बाप वैसा बेटा, तू फिकर ना कर मेरे होते हुए वो तुझे हाथ भी नहीं लगा पाएगा। तू रुक बेटी मैं कुछ करती हूं।

इतना कहकर शांता रूबी के कमरे में घुस गई और आज मारे खुशी के उसका पूरा जिस्म कांप रहा था। जिस बेटी को वो मरा हुआ मान चुकी थी आज वो उसे वापिस मिल गई और अब वो उसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती थी। शांता ने रूबी के कमरे में ढूंढ़ा लेकिन चाबी नहीं मिली तो वो साहिल के कमरे में घुस गई और तेजी से चाबी ढूंढने लगी। पता नहीं आज कहां से शांता में इतनी ताकत और फुर्ती अा गई थी कि उसके हाथ बड़ी तेजी से चल रहे थे और आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और उसके हाथ चाबी लग गई। चाबी मिलते ही शांता के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई और वो तेजी से प्रिया के कमरे की तरफ चल पड़ी।

कुछ की सेकंड में उसने ताला खोल दिया और प्रिया तो जैसे ही इसकी ही ताक में तैयार बैठी थी जैसे ही गेट खुला तो तेजी से बाहर की तरफ निकली तो शांता ने अपनी दोनो बांहे फैला दी और बोली:'

" आजा मेरी बेटी सपना कब से मैं तुझे गले लगाने के लिए तरस रही हूं, अा जा मेरे गले लग जा बेटी।

प्रिया स्माइल करती हुई आगे अाई और शांता को एक तरफ हटाकर आगे बढ़ गई। शांता को तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ और उसने अपने बूढ़े जिस्म की सारी ताकत इकट्ठा करी और प्रिया को पकड़ लिया और बोली:"

" बेटी क्यों मुझे बुढ़िया को तड़पा रही हैं? अा जा बस एक बार मेरे गले लग जा, रहम कर मुझ पर बेटी।

प्रिया को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उसने शांता को एक धक्का दिया और शांता को इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी और वो दीवार से टकरा कर गिर पड़ी और माथे से हल्का खून बहने लगा। शांता फर्श पर पड़े हुए ही दर्द से कराह उठी और बोली:"

" बेटी प्लीज़ रुक जा, तू सचमुच मेरी बेटी हैं मत जा बेटी।

लेकिन प्रिया ने रुकना तो दूर की बात पीछे मुड़कर देखा तक नहीं और भागती हुई चली गई। शांता फर्श पर पड़े पड़े ही बेहोश हो गई और प्रिया घर से बाहर निकल कर ऑटो पकड़ कर फरार हो गई।

साहिल और रूबी घर के अंदर घुस गए। रूबी पुड़िया की रिपोर्ट पढ़कर पूरी तरह से टूट चुकी थी और रह रह कर उसकी आंखे भर भर अा रही थी। दूसरी तरफ साहिल प्रिया से कुछ बात करना चाहता था इसलिए सीधे प्रिया के कमरे की तरफ अा गया और कमरे के बाहर उसे शांता पड़ी हुई दिखाई दी जिसके माथे से बहता खून फर्श पर जम चुका था।

साहिल की नजर कमरे पर पड़ी तो कमरा खुला देखकर वो अंदर की तरफ भागा लेकिन चिड़िया उड़ चुकी थी। साहिल तेजी से वापिस पलटा और शांता की नब्ज को देखा तो पता चला कि नब्ज चल रही हैं तो उसने चैन की सांस ली और उसे अपनी गोद में लेकर नीचे की तरफ भागा और रूबी के गेट के सामने जाकर बोला:"

" मम्मी बहुत बड़ा कांड हो गया प्रिया भाग गई है और शांता मा बेहोश मिली हैं मैं उन्हें लेकर हॉस्पिटल जा रहा हूं।

रूबी के तो तोते उड़ गए और अपने सभी दुख दर्द एक झटके में भूल गई और बोली:"

" ओह माय गॉड ये क्या हो गया? इन्हे ज्यादा चोट तो नहीं अाई ? प्रिया कैसे भाग गई ?

साहिल नीचे की तरफ जाते हुए बोला:"

" कुछ पता नहीं मम्मी कैसे हुआ ये सब? लेकिन प्रिया को कुछ भी करके पकड़ना ही होगा नहीं तो हमारे सारे प्लान फैल हो जाएंगे।
मैं इन्हे लेकर हॉस्पिटल जा रहा हूं।

रूबी भी साहिल के साथ अाई और दोनो ही हॉस्पिटल में पहुंच चुके थे और शांता की ड्रेसिंग हुई और थोड़ी देर बाद ही वो होश में अा गई तो रूबी के गले लगाकर रोने लगी।

शांता:" मेरी बेटी हैं प्रिया, मैंने उसके कंधे पर ठीक वैसा ही निशाना देखा जैसा सपने के कंधे पर था। साहिल ने उसे कमरे में बंद किया तो मैंने उसका निशान देखकर उसे खोल दिया लेकिन वो भाग गई। शायद डरी हुई हैं लेकिन सच में रूबी वो मेरी बेटी सपना ही है। उसे कहीं से भी ढूंढ कर ला दो।

साहिल ने अपना सिर पकड़ कर लिया और सोचने लगा वहीं रूबी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि प्रिया शांता की बेटी कैसे हो गई। दोनो मा बेटे अब शांता को भी शक भरी नजरो से देख रहे थे कि कहीं शांता भी तो नीरज ये साथ नहीं मिली हुई हैं।

शांता सुबकते हुए बोली:"

" रूबी बेटी मैंने तुम्हारे परिवार की बहुत सेवा करी है अगर तुम्हे लगता हैं कि मुझे कुछ इनाम मिलना चाहिए तो मेरी बेटी मुझे लाकर दे दो प्लीज़ कहीं से भी तुम।

रूबी:" ठीक हैं मा मैं उसे ढूंढ़ती हूं और एक दो दिन के अंदर आपको लेकर दे दूंगी।

शांता खुशी के मारे खिल उठी और बोली:"

" बेटी मुझसे तुझसे यही उम्मीद थी, मेरी बेटी मिल जाए मुझे बस।

रूबी ने उसे दिलासा दिया कि और शांता बोली कि वो अब ठीक हैं और उसे घर जाना हैं। फिर क्या था थोड़ी देर के बाद ही उसकी छुट्टी हो गई और सभी घर पहुंच गए।

आज रूबी का मूड पूरी तरह से खराब था जो शांता से ना छुपा रह सका और शांता बोली:"

" क्या हुआ बेटी तुम्हे ही खुश होना चाहिए था कि मेरी बेटी मिल गई हैं वहीं तुम पूरी तरह से उदास हो आखिर बात क्या हैं ? साहिल बेटा का भी मूड कुछ ठीक नहीं लग रहा हैं। बताओ मुझे आखिर हुआ क्या हैं ?

रूबी समझ चुकी थी प्रिया शांता की असली बेटी हैं इसलिए उसे अब सारी बाते शांता को बता देनी चाहिए इसलिए उसने एक एक करके सारी बात बता दी कि किस तरह अनूप मुझे नीरज के साथ सोने के लिए मजबूर कर रहा हैं और प्रिया खुद नीरज से मिली हुई है और उसके लिए काम कर रही है जिस कारण उसे घर में बंद किया गया था।
 
शांता को तो जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था और उसका दिन इस बात की बिल्कुल भी गवाही नहीं दे रहा था उसकी बेटी उसका अपना खून ऐसा कर सकता है लेकिन वो जानती थी कि रूबी भी झूठ नहीं बोल रही हैं।

शांता:" रूबी बेटी बस एक बार उसे ये बताना होगा कि वो मेरी बेटी हैं बस फिर देखना वो हमारा साथ देगी। मैं भी अब इस जंग में तुम्हारे साथ हूं रूबी। और मुझे माफ़ कर देना बेटी क्योंकि मुझे नही पता था कि मेरी बेटी नीरज के साथ मिली हुई हैं नहीं तो कभी नहीं उसे नहीं जाने देती।

रूबी:" कोई बात नहीं मा, गलती इंसान से ही होती हैं। आप अब इस बात को भूल जाओ और आराम करो।

शांता ने आंखे बंद कर ली और रूबी उपर चली गई और देखा कि साहिल आंखे बंद करके कुछ सोच रहा हैं।रूबी उसके पास बैठ गई और बोली:

" क्या हुआ बेटा अब क्या सोच रहे हो तुम ?

साहिल ने अपनी मम्मी की आवाज सुनकर अपनी आंखे खोल दी और बोला:"

" मम्मी मैं सोच रहा हूं कि प्रिया अब कहां होगी ? कहीं उसने सब कुछ नीरज को ना बता दिया हो?

रूबी:" वो पक्का नीरज के पास ही जाएगी लेकिन अभी तो नीरज ऑफिस में होगा शायद अपने।

साहिल:" मम्मी हमें कुछ भी करके प्रिया को फिर से पकड़ना होगा और वो भी उसे नीरज को सब कुछ बताने से पहले।

रूबी:" ठीक हैं बेटा लेकिन कैसे ?

साहिल:" मैंने नीरज का घर देखा हैं और वो पक्का वहीं जायेगी। अब सोचने वाली बात हैं ये कि मैैं घर के अंदर कैसे जाऊंगा ??

रूबी सोचने लगी और उसके दिमाग में एक बहुत ही अच्छा विचार आया और बोली:"

" बेटा अनूप अकसर वहां आता जाता रहता है। तुम एक काम...

साहिल सब कुछ समझ गया और बोला:" मम्मी मैं सब कुछ समझ गया मुझे वहां अनूप बनकर जाना होगा और नीरज को दारू में नशा मिलाकर पिलाना होगा और फिर आराम से प्रिया को बेहोश करके गाड़ी में ले आऊंगा।

रूबी के चेहरे पर स्माइल अा गई और बोली:'

" तुम तो बहुत समझदार हो साहिल लेकिन ये बहुत खतरनाक काम होगा बेटा।

साहिल:" आप चिंता मत करो मम्मी सब कुछ मुझ पर छोड़ दो, मैं आपके लिए अपनी जान तक दे सकता हूं मम्मी फिर ये काम कौन सी बड़ी बात है।

रूबी ने अपना हाथ आगे बढाया और उसके होंठो पर रख दिया और बोली:"

" बस कर साहिल, थप्पड़ खाएगा अगर आज के बाद मरने की बात करी बेटा तुमने।

साहिल ने अपनी मम्मी को कान पकड़कर सॉरी बोला तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" सॉरी की कोई बात नहीं बेटा, बस एक तेरे लिए ही तो मैं ज़िंदा हू अब। जिसे मेरी इज्जत की रक्षा करनी चाहिए वो तो खुद उसे लुटवाने पर तुला हुआ हैं बेटा।

साहिल:" मम्मी आप दिल छोटा ना करे और मैं ना आपकी इज्जत बचाने के लिए। वादा करता हूं आखिरी सांस तक आप पर कोई आंच नहीं आने दूंगा।

रूबी ने आगे बढ़कर साहिल का गाल चूम लिया और बोली:

" भगवान तेरे जैसा बेटा सबको दे साहिल।

उसके बाद रूबी को आगे का प्लान बताने लगा कि आज अनूप के आने के बाद रूबी को उसके साथ किस तरह बात करनी हैं। रूबी समझ गई और अब तक शाम होने लगी तो साहिल अपनी मम्मी को बाय बोलकर घर से निकल गया और सीधे आर्टिस्ट के पास गया और थोड़ी देर बाद ही वो फिर से खुद ही अपना बाप बन चुका था।

प्रिया सीधे जाकर अनूप नीरज के घर में घुस गई और नीरज को कॉल किया लेकिन नीरज एक जरूरी मीटिंग में फसा हुआ था इसलिए फोन नहीं उठाया और प्रिया नहाकर खाना खाने के बाद आराम से बेड पर सो गई क्योंकि वो पूरी रात की जगी हुई थी।

नीरज और अनूप आज दोनो तेंद्री के लिए आए हुए थे और ये नीरज का बहुत बड़ा प्लान था जिसमें आज वो अनूप को फसा रहा था।

नीरज:" देखना अनूप इस टेंडर के बाद तो तुम्हारी जिन्दगी पूरी तरह से बदल जायेगी। तुम लाखो में नहीं बल्कि करोड़ों में खेलोगे।

अनूप:" थैंक्स भाई। दोस्त हो तो तुम जैसा। आखिर में तुम ही मेरे काम अा रहे हो।

नीरज:" लेकिन एक तुम ही हो जो मेरे काम नहीं कर रहे हो।

अनूप के चेहरे पर शर्मिंदगी साफ़ नजर आईं और बोला:"

" भाई बस एक बहुत बड़ी मुश्किल फसी हुई हैं बस किसी तरह इस से निकल जाऊं फिर देखना एक रात एक हफ्ते के लिए रूबी को तुम्हे दूंगा मैं। वादा।

इससे पहले कि बात आगे बढ़ती अधिकारी अा गए और ठीक समय पर टेंडर की बोली शुरू हो गई और नीरज अपनी गेम चलता रहा और उसका एक आदमी बड़ी बड़ी बोली लगाता रहा और नीरज ने अनूप को इशारा किया तो अनूप ने दो करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाकर सबका मुंह बंद कर दिया।

अधिकारी:" सबसे बड़ी बोली लगाकर अनूप साहब ने ये सरकारी खेल के सामान का टेंडर आज अपने नाम किया। बहुत बहुत बधाई हो आपको।

अनूप बहुत खुश था और उससे कहीं ज्यादा खुश नीरज था क्योंकि वो जानता था कि अब चाहकर भी अनूप उसके जाल से नहीं निकल सकता क्योंकि इस टेंडर की सप्लाई के लिए उसे पैसे चाहिए होंगे और पैसे के लिए पूरी तरह से मुझ पर निर्भर होगा और फिर ये वही सब करेगा जो मैं चाहूंगा।

अनूप ने अपना मोबाइल निकाला और साहिल का नंबर डायल किया और बोला:"

" साहिल बेटा मैंने आज तक का सबसे बड़ा टेंडर हासिल किया है बेटा और ये सब नीरज साहब की वजह से हुआ हैं।

साहिल को अपने बाप पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वो कोई पंगा नाम करना चाहता था इसलिए बोला:"

" वाउ पापा, ये तो बहुत अच्छी बात हैं, बधाई हो आपकी। कहां हो आप अभी, घर कब अा रहे हो ?

अनूप:" बस अभी थोड़ी देर बाद ही निकल जाऊंगा मैं घर के लिए रात होने वाली हैं। तो 9 बजे तक अा जाऊंगा और दोनो हम आज साथ में पार्टी करेंगे।

साहिल:" वो पापा मुझे तो आज किसी जरूरी काम की वजह से बाहर जाना होगा इसलिए पार्टी कल होगी।

अनूप:" ठीक हैं बेटा, अच्छा बाद मैं करता हूं तुम्हे।

साहिल ने फोन काट दिया और गाड़ी टेंडर हॉल की तरफ बढ़ा दी और अपने बाप और नीरज के निकलने का वेट करने लगा।नीरज और अनूप दोनो बाहर आए और सामने एक बार में घुस गए जहां दोनो ने टेंडर मिलने की खुशी में पार्टी की और खूब जमकर शराब पी।

उसके बाद अनूप घर की तरफ निकल गया और साहिल ने अपनी गाड़ी नीरज की गाड़ी के आगे निकाल दी और नीरज की किस्मत खराब थी वो जाम में फंस गया।

उधर साहिल नीरज के घर पहुंच गया और किस्मत से अभी गेट पर कोई सेक्योरिटी वाला मौजूद नहीं था इसलिए वो सीधे अंदर चला गया और जैसे ही उपर खड़ी प्रिया की नजर अनूप बने साहिल पर पड़ी तो डर के मारे अंदर छुप गई। साहिल आराम से अन्दर बैठ गया और नीरज के आने का इंतजार करने लगा तभी उसकी नज़र हॉल में टांगे हुए प्रिया के कपड़ों पर पड़ी जो सूख रहे थे। ये कपडे तो रात प्रिया ने पहने थे और इन कपड़ों के यहां होने का मतलब साफ है कि प्रिया भी यहीं हैं इसलिए साहिल प्रिया को ढूंढने लगा ।

दूसरी तरफ जाम में फंस चुका नीरज परेशान हो रहा था और सबसे ज्यादा फिक्र उसे प्रिया की हो रही थी और वो बार बार उसका नंबर मिला रहा था लेकिन उसका मोबाइल तो साहिल के पास था इसलिए साहिल पिक नहीं कर रहा था।

साहिल ऊपर छत पर गया और एक कमरे के उसे बंद होने की आवाज अाई तो वो तेजी से आगे बढ़ा लेकिन तब तक प्रिया गेट बंद कर चुकी थी। साहिल ने कमरे की खिड़की को पूरी ताकत से खोल दिया और प्रिया उसे देखते ही डर गई कि अनूप यहां कहां से अा गया और इसके अंदर इतनी ताकत कैसे अा गई।

साहिल ने प्रिया के मुंह पर क्लोरोफॉर्म से भीगा हुआ रुमाल रख दिया और थोड़ी देर छटपटाने के बाद प्रिया बेहोश हो गई। साहिल ने एक बार बाहर को तरफ देखा तो गेट पर कोई नहीं था क्योंकि गार्ड की ड्यूटी बदल रही थी और नया गार्ड भी जाम में फंस गया था।

साहिल ने अच्छे से स्थिति का जायजा लिया और प्रिया को कंधे पर उठाया और बाहर लाकर गाड़ी की डिक्की में बंद कर दिया। मौक़ा अच्छा था इसलिए साहिल ने गाड़ी दौड़ा दी और मैन सड़क पर अा गया। जैसे ही वो निकला तो उसे सामने से नीरज आए हुए दिखाई दिया लेकिन साहिल में उस तरफ नहीं देखा और गाड़ी आगे बढ़ा दी। साहिल अब बिल्कुल सुकून की सांस ले रहा था क्योंकि उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रिया इतनी आसानी से फिर से उसके हाथ अा जाएगी।

साहिल ने रूबी को कॉल किया और बोला:"

" मम्मी मै घर अा रहा हूं प्रिया मेरे कब्जे में अा गई है और गाड़ी में पड़ी हुई हैं।

रूबी हैरानी से बोली:" इतनी जल्दी ये सब कैसे हो गया? क्या वहां नीरज नहीं था क्या ?

साहिल:" मम्मी वहां कोई नहीं था अनूप कहां हैं अभी ?

रूबी: हॉल में बैठा हुआ हैं आराम से तुम अभी इंतजार करो। मैं बता दूंगी कब आना हैं तुम्हे प्रिया को लेकर वापिस ?

साहिल:" ठीक हैं मम्मी जैसे तुम कहो। मैं घर के पास ही हूं बस। आप बता देना मैं अा जाऊंगा।
 
रूबी ने फोन काट दिया और साहिल ने गाड़ी को एक बड़े मैदान में रोक दिया और प्रिया को डिक्की खोलकर देखा तो वो अभी तक बेहोश पड़ी हुई थी।
साहिल में वापिस डिक्की तो बंद कर दिया और पानी की बॉटल से अपना मुंह धोने लगा जिससे उसका सारा मेक अप धूल गया और अब वो फिर से साहिल बन चुका था ।

दूसरी तरफ जैसे ही अनूप बेडरूम में गया तो रूबी ने झट से साहिल को फोन किया और साहिल बिना देर किए घर के अंदर आया और प्रिया को कंधे पर उठा कर अंदर कमरे में घुस गया।

रूबी ध्यान रख रही थी कहीं अनूप ना देख ले लेकिन जैसे ही साहिल अंदर घुसा तो अनूप बाहर अा गया और कमरे के दरवाजा उसने बंद होते देखा तो उस तरफ चल पड़ा।

रूबी नहीं चाहती थी कि कोई गड़बड़ हो इसलिए वो तेजी से आगे बढ़ी और अनूप के सामने जाकर बोली:"

" अनूप कभी तो मुझसे भी बात कर लिया करो। मेरी तुम्हे कोई फिकर ही नहीं है।

अनूप जब से घर आया था वो परेशान था कि कहीं रूबी ने तो उसके ऑफिस में कैमरा नहीं लगाया था लेकिन अब रूबी की स्माइल देखकर वो समझ गया कि ये काम रूबी का नहीं हो सकता नहीं तो अब तो ये शोले उगल रही होती मुझ पर।

अनूप कमरे कि तरफ बढ़ते हुए बोला:"

" तुम मुझे पति समझती ही कहां हो ? ना मुझसे अच्छे से बात करती हो ना ही मेरी कोई बात मानती हो तुम।

इतना कहकर अनूप ने गेट खोलने के लिए हाथ आगे बढाया तो रूबी ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" आज के बाद मैं तुम्हे बहुत इज्जत दूंगी और तुम्हारी हर बात मानूंगी मैं।

इतना कहकर वो अनूप के सीने से लग गई तो अनूप तो खुशी के मारे पागल सा हो गया और बोला:"

" क्या तुम सच बोल रही हो ?

रूबी:" हान मैं बिलकुल सच बोल रही हूं, अब मुझे अक्ल अा गई है तुम मेरे बारे में गलत थोड़े ही करोगे क्योंकि तुम तो मेरे पति हो ना इसलिए अच्छा ही करोगे। आओ बेडरूम में चलकर बाते करे क्या ?

इतना कहकर रूबी ने अपने एक हाथ से उसके लंड को पेंट में ही सहला दिया तो अनूप एकदम पागल सा हो गया और बेडरूम की तरफ चल पड़ा। अंदर साहिल ने भी राहत की सांस ली। साहिल ने गेट को बाहर से फिर से बंद कर दिया और छत पर चला गया।

दूसरी तरफ अनूप आज कुछ समझ नहीं पा रहा था कि रूबी को अचानक से ये क्या हो गया है। लेकिन वो मौके का फ़ायदा उठाना चाहता था इसलिए विटामिन सिरप को रूबी की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

" लो तुम पहले विटामिन सिरप पीकर अपनी ताकत बढ़ाओ कहीं मेरी मर्दानगी के आगे टिक ही ना पाओ तुम।

रूबी ने जानती थी कि बस कुछ मिनट की ही तो बात हैं इसलिए उसने विटामिन सिरप का ढक्कन खिला और एक जोरदार घूंट भर ली तो अनूप की आंखे चमक उठी क्योंकि वो जानता था साहिल आज घर पर नहीं हैं और रूबी अब जिस्म की आग के आगे पूरी तरह से टूट जाएगी और वो आज ही रात नीरज को कॉल करके बुला लेगा और नीरज अपनी इच्छा पूरी कर लेगा।

रूबी को करीब तीन मिनट हुए तो वो समझ गई कि अब तक साहिल अपना काम कर चुका होगा। इसलिए वो उठी और बाहर को तरफ जाने लगी तो नीरज ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" उफ्फ अब ये नखरा किसलिए रूबी डार्लिंग ? बताओ ना नीरज को बुला लू क्या आज ?

रूबी:"किसलिए अनूप ?

अनूप:' वो बस एक रात के लिए बहुत तड़प रहा है। अब तो तुम भी मान गई हो तो अब देर किस बात की फिर??

रूबी का चेहरा कठोर होता चला गया और गुस्से से बोली:_

" तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है? तुम्हे शर्म नहीं आती क्या ?

अनूप रूबी को ऐसे रंग बदलते देखकर हैरान हो गया और बोला:'

" अभी थोड़ी देर पहले तो तुम खुद ही बोल रही थी मुझे? अब क्या हो गया तुझे?

रूबी लगभग चिल्लाते हुए बोली:" मैंने कब बोला? तुम इतनी शराब पी लेते हो कि तुम्हे कुछ पता नहीं रहता।

अनूप तेज आवाज में बोला:_

" रूबी फालतू ड्रामा मत करो, आज मैं नीरज को बुला कर रहूंगा। जब तुम्हे उसके नाम से इतनी नफरत है तो उसकी दी हुई अंगूठी क्यों पहनती हो तुम?

रूबी ने अपने हाथ में पहनी हुई अंगूठी की तरफ देखा तो उसे याद आया कि किस तरह नीरज ने उसके जन्मदिन पर जबरदस्ती उसे अंगूठी पहना दी थी और सबके आगे वो मना भी नहीं कर पाई थी। रूबी ने गुस्से से अपनी अंगूठी निकाली और अनूप की तरफ फेंकते हुए बोली:"

" लो ये पड़ी तुम्हारी अंगूठी, दे देना उस कुत्ते को ले जाकर नहीं चाहिए मुझे।

अंगूठी अनूप के मुंह पर लगी और अनूप गुस्से से भर उठा और बोला:

" आज तुम्हे कोई नहीं बचा सकता। आज तुम्हारा नीरज से चुदना फाइनल हैं। प्यार से मानी तो ठीक नहीं तो आज तुम्हारा बलात्कार होगा।

साहिल गेट पर अा चुका था और अपने बाप के मुंह अपनी के बलात्कार की बात सुनकर वो कमरे में घुसा और एक जोरदार थप्पड़ अनूप के मुंह पर जड़ दिया और बोला:"

" हरामजादे मेरी मा का बलात्कार कराएगा तू ? आज तुझे तमीज सिखाता हूं !!

साहिल को अपने सामने देखकर अनूप की गांड़ फट गई। साहिल ने अनूप को वहीं फर्श पर गिरा दिया उसकी गांड़ पर लात घुसो की बारिश करने लगा। अनूप दर्द से कराह उठा और बोला:"

" आह मुझे मत मारो बेटा, मैं तुम्हारा बाप हूं।

साहिल उसे और जोर से मारते हुए बोला:' चुप कर कमीने, कुत्ते मेरे साथ तेरा कोई रिश्ता नहीं हैं। आज तेरे हाथ पैर तोड़ दूंगा।

अनूप ने पिटते हुए अपने दोनो हाथ रूबी की तरफ जोड़ दिए और बोला:'..

" आह प्लीज़ रूबी इसे रोक लो, आहह नहीं बेटा मत मार मुझे।
 
जब अनूप की अच्छी खासी धुलाई हो गई तो रूबी बोली:"

" बस कर बेटा, छोड़ दे इसे। नहीं तो ते मर जाएगा। ।।

साहिल :" इस जैसे नीच इंसान का तो मर जाना ही बेहतर होगा मम्मी। ।।

रूबी ने साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:" बस कर बेटा तुझे मेरी कसम।

साहिल कसम सुनकर रुक गया और बोला:'

" सुन बे अनूप, अपनी गाड़ी को उस कुत्ते नीरज की गांड़ में दे देना साले। मुझे नहीं चाहिए तुम्हारी गाड़ी।

साहिल गुस्से से अनूप को घूरता हुआ बाहर निकल गया तो रूबी ने भी उसकी तरफ गुस्से से देखा और बोली:'

" आज तुझे ठंड पड़ गई होगी। आज के बाद मैं तेरे साथ नहीं सोऊंगी।

इतना कहकर वो साहिल के कमरे की तरफ चल पड़ी।

................................

रूबी ने गुस्से से दरवाजे को बन्द किया और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी। वहीं अनूप रूम में अकेला रह गया और आज आखिर वहीं हुआ जिसका उसे सबसे ज्यादा डर रहता था। वो बिल्कुल नहीं चाहता था कि कभी साहिल को उसकी सच्चाई पता चले लेकिन आज उसके बेटे ने उसे रंगे हाथो पकड़ लिया और उस पर हाथ भी उठा दिया। अनूप को चोट तो काफी अाई लेकिन सबसे बड़ा दुख इस बात का था उस पर उसके सगे बेटे ने हाथ उठाया जो दुनिया के किसी भी बाप के लिए असहनीय होता है।

अनूप हिम्मत करके उठा और बेड पर लेट गया। उसका पिछ्वाड़ा बहुत दर्द कर रहा था क्योंकि साहिल ने उसे दो तीन लात बहुत कस के मारी थी। पहले लीमा फिर प्रिया और अब रूबी के बाद साहिल सबकी नजरों में अनूप गिर चुका था।

अनूप का पिछ्वाड़ा जैसे ही बेड पर टिका तो उसे तेज दर्द का एहसास हुआ और अनूप ने हिम्मत करके दर्द की ट्यूब निकाली और मालिश करने लगा। थोड़ी देर के बाद उसे आराम मिला और सोचने लगा कि ये सब रूबी की वजह से हुआ हैं इसलिए अब मुझे रूबी को सबक सिखाना ही होगा। साहिल तो कल दिल्ली चला जाएगा उसके बाद देखता हूं कि मुझसे कैसे बचती हैं। लेकिन सबसे पहले मुझे प्रिया को ढूंढना होगा ताकि कैमरे का पता चल सके कि किसके कहने पर उसने ये सब किया है।

अनूप अपने विचारो में डूबा रहा और पहले शराब का नशा और उसके बाद बेटे की मार जिसका नतीजा ये हुआ कि वो गहरी नींद में चला गया।

दूसरी तरफ नीरज अपने घर पहुंच गया और उसने फिर से प्रिया का मोबाइल नंबर मिलाया लेकिन बात नहीं हो पाई। नीरज के मन में कई सवाल उठने लगे कि कहीं प्रिया पकड़ी तो नहीं गई। अगर ऐसा हुआ होता तो अब तक अनूप उसे फोन कर देता तभी उसकी नज़र हॉल में सूख रहे प्रिया के कपड़ों पर पड़ी तो उसे याद आया कि यही कपडे पहन कर तो प्रिया घर से गई थी और ये कपडे अब यहां कहां से अा गए। वो तेजी से प्रिया को घर के अंदर देखने लगा लेकिन उसे प्रिया कहीं नहीं मिली। नीरज ने एक एक कमरा यहां तक की छत, बाथरूम, किचेन सब जगह देखा लेकिन प्रिया की परछाई भी उसे नजर नहीं आई।

थक हार कर वो हॉल में बैठ गया और सोच में डूब गया। एक बात तो पक्की है प्रिया घर तो जरूर अाई थी लेकिन फिर गई कहां।

उसने दिन में ड्यूटी वाले गार्ड का नंबर मिलाया और बोला;'..

" अरे मोहन आज दिन में प्रिया घर अाई थी क्या?

मोहन: हा सर वो मैडम करीब 10 बजे के आस पास अाई थी। काफी डरी हुई और परेशान लग रही थी और लैंड लाइन से आपका मोबाइल नंबर भी मिलाया था लेकिन आपने उठाया नहीं था।

नीरज के दिमाग में एक बात तो पक्का अा गई थी कि प्रिया घर तो अाई थी लेकिन कहां चली गई। नीरज आगे बोला:_.

" तुम्हे कुछ बताया था क्या उसने ? कुछ संदेश या मेरे लिए कोई बात कही हो ?

मोहन:" नहीं सर ऐसा तो कुछ नहीं बोला था मैडम ने। खाना खाकर सोने चली गई थी बस।

मोहन इतना तो समझ गया था कि कुछ तो गड़बड़ हो गई है लेकिन नीरज से पूछने की हिम्मत उसके अंदर नहीं थी क्योंकि नीरज का मूड कब खराब हो जाए कोई नहीं जानता।

नीरज ने फोन काट दिया और सोच में पड़ गया कि अगर प्रिया घर अाई थी तो गई कहां। उसका नंबर क्यों नहीं लग रहा हैं? क्या अनूप को मेरी असलियत तो पता नहीं चल गई की प्रिया मेरे कहने पर ही ये सब कर रही हैं ?

ऐसे बहुत सारे सवाल नीरज के मन में घूम रहे थे जिनके जवाब उसे किसी भी कीमत पर चाहिए थे लेकिन दारू का नशा उसके दिलो दिमाग पर हावी होता चला गया और वो ना चाहते हुए भी नींद के आगोश में चला गया।

वहीं दूसरी तरफ रूबी अनूप के कमरे से निकली और किचेन में घुस कर साहिल के लिए दूध गर्म करने लगी।

साहिल सोच रहा था कि आज जो उसने अपने बाप के साथ किया क्या वो ठीक था ? उसके दिल और दिमाग के बीच गहरी जंग चल रही थी जिसमे आखिर कार जीत उसके दिल की हुई कि उसने बिल्कुल ठीक किया क्योंकि ऐसे कमीने बाप को तो मार मार कर ही ठीक करना चाहिए। मेरे बाप को गलत राह पर ले जाने के लिए सिर्फ नीरज जिम्मेदार हैं और मैं उसे ऐसा सबक सिखाने वाला हूं जो वो मारते दम तक नहीं भूलने वाला हैं।
 
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