desiaks
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रूबी साहिल के दिल में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देकर पूरी तरह से भाव विहल होकर उससे कसकर लिपट गई और साहिल ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में समेट लिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"
" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?
रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"
" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।
साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'
' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?
रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"
" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।
इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?
साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।
रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"
" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।
अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"
" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।
रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'
" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?
रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।
साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।
रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।
उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।
उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।
रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।
रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।
आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"
" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?
साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"
" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।
इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"
" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?
रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"
" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।
साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'
' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?
रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"
" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।
इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?
साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।
रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"
" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।
अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"
" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।
रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'
" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?
रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।
साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।
रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।
उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।
उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।
रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।
रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।
आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"
" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?
साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"
" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।
इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।