desiaks
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साहिल की समझ में नहीं अा रहा था कि ये हुआ क्या है ? उसके प्लान तो लीमा को आज घर के अंदर कैद करने का था लेकिन शांता के प्रेगनेंट होने की खबर ने उसे पूरी तरह से हिला दिया।
शांता की उम्र करीब 74 साल है और इस उम्र में कोई भी औरत प्रेगनेंट नहीं हो सकती। मतलब साफ है कि शांता की उम्र इससे कम होनी चाहिए यही करीब अधिक से अधिक 50 साल।
लेकिन फिर अगर उसकी उम्र भी कम है तो सबसे बड़ा सवाल हैं कि वो किससे प्रेगनेंट हुई ? घर में तो मेरे अलावा और कोई मर्द आता नहीं है। कहीं अनूप ने तो ये कांड नहीं कर दिया वैसे भी भी इस मामले में ठरकी है। कहीं किसी दिन दिन दारू पीकर ना चढ़ गया हो शांता के ऊपर।
तभी उसके मन में दूसरा सवाल उठा कि अनूप का लंड तो अब खड़ा ही नहीं होता तो उसके बारे में तो सोचना बेकार हैं। साहिल के सिर में होने लगा लेकिन उसकी समझ ने कुछ नहीं आया तो उसने सब छोड़कर अपने काम पर फोकस करने का फैसला किया।
साहिल अपने काम में लग गया और करीब आधे घंटे के बाद उसका फोन बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था।
साहिल:" हा मम्मी बताओ क्या चल रहा हैं ?
रूबी:" बेटा तुम आज थोड़ा जल्दी अा जाना, मुझे पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर लग रहा हैं। ये शांता नहीं हो सकती जरूर कुछ ना कुछ दिक्कत हैं क्योंकि शांता इस उम्र में प्रेगनेंट नहीं हो सकती। पता नहीं कौन सी साजिश रच रही है बेटा ये ?
साहिल :" मम्मी आप फिक्र ना करो मैं जल्दी ही अा जाऊंगा। अभी शांता कहां हैं ?
रूबी:" अपने कमरे में ही होगी। मेरी हिम्मत नहीं पड़ी उसे देखने की। तुम आओ बेटा।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं अा रहा हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और घड़ी देखी तो करीब शाम के पांच बज चुके थे। साहिल दुबे जी को सारा काम समझाकर अपने घर की तरफ निकल गया।
साहिल ने घर जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शांता सफाई में लगी हुई थी और रूबी किचेन में काम कर रही थी। रूबी के माथे पर पसीना छलक रहा था और वो बार बार शांता की तरफ खौफ भरी नजरो से देख रही थी।
साहिल को देखते ही उसकी जान में जान आई और बोली:"
" अरे अनूप टीम इतनी जल्दी अा कैसे अा गए ?
शांता ने अपनी नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा और उपर से नीचे तक ध्यान से देखती हुई बोली:"
" कैसे हो बेटा तुम ? आज कल दिखते नहीं हो ?
साहिल:" वो बस आज कल काम में लगा हुआ हूं बस। आप ठीक हो ?
रूबी:" कहां ठीक है ये ? आज बेहोश हो गई थी। दवा दिलाकर लाई हूं। कमजोर हो गई हैं बहुत।
अनूप गुस्से से :" दवा दिलाकर लाई हूं, क्या मतलब तुम्हारे बाप के पैसे हैं क्या ? जैसे मन करे उड़ाओ।
रूबी समझ गई कि साहिल ये सब जान बूझकर कर रहा है इसलिए गुस्से से बोली:"
" तुम्हे मेरे मुंह लगने की जरूरत नहीं है। मैं कितना पैसा कमाती हूं ये तुम अच्छे से जानते हो।
साहिल:" तुम्हारे मुंह तो मैं भी नहीं लगना चाहता।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में घुस गया और रूबी ने उदास नजरो से शांता की तरफ देखा तो शांता बोली:"
" दुखी मत हो बेटी। एक ना एक दिन तो भगवान इसे बुद्धि देगा। मेरा भी अपमान किया हैं लेकिन अब तो जैसे मुझे इसकी आदत सी हो गई हैं।
रूबी समझ गई कि अगर इसके अंदर जरा सा भी आत्म सम्मान होता तो शायद अब तक अपने कमरे में चली गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रूबी:" मा जी आपकी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आप आराम कीजिए और मैं खाना बनाकर आपको भेज दूंगी।
शांता: नहीं बेटी मैं ठीक हूं। मैं तुम्हारी मदद कर देती हूं।
रूबी:" आप जिद मत किया करो, जाइए आप और आराम कीजिए।
शांता ने ज्यादा बहस करना जरूरी नहीं समझा और चुपचाप बाहर निकल गई। रूबी ने चैन की सांस ली और देखा कि साहिल अपने कमरे से सटे हुए बाथरूम में घुसा हुआ था और नहा रहा था। वो खाना बनाने में जुट गई।
खाना बन गया और साहिल भी अपना सब मेकअप धोकर बाहर अा गया था। उसको देखते ही रूबी उसके गले लग गई और बोली:"
" बेटा साहिल देखो ना ये सब हमारे साथ क्या हो रहा है ? आखिर कौन हैं जो हमे बरबाद करना चाहता हैं ?
साहिल उसकी पीठ थपथपाने लगा और तस्सली देते हुए बोला:_
" मम्मी आप परेशान मत होइए। जब तक आपका बेटा हैं आपको कुछ नहीं होने देगा।
रूबी:" लेकिन बेटा मैं तुम्हे भी खोना नहीं चाहती, पता नहीं ये कौन खतरनाक लोग हैं जो हमारे घर और ऑफिस सब जगह हमरे पीछे पड़े हुए हैं। हमने क्या बिगाड़ा हैं उनका ?
साहिल:" मम्मी ये ही सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या हुआ जो ये सब हो रहा हैं। ये सब अपने आप नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता हैं। इन सबके पीछे कौन हैं ये हमे पता करना ही होगा।
रूबी:" हान बेटा, मुझे लगता हैं कि शांता जरूर किसी मकसद के लिए हमारे घर में रुकी हुई हैं।
साहिल:" बिलकुल ठीक मम्मी, मुझे भी ऐसा ही लगता हैं। अब हमे शांता पर ध्यान रखना होगा। और हान उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए कि हमें उसकी असलियत का पता चल गया हैं।
रूबी:" लेकिन बेटा एक बात ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा अगले 10से 15 दिन के अंदर वो खुद ही समझ जाएगी कि वो प्रेगनेंट हैं।
साहिल:" मम्मी आप फिकर ना करे, इतना टाइम बहुत हैं मेरे लिए तब तक तो मैं दो बार शांता की असलियत पता कर लूंगा। और शांता से आपको ज्यादा डरने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि जहां वो हमे मर नहीं सकती क्योंकि अगर मारना ही होता तो अब तक कभी का खाने में जहर दे चुकी होती।
साहिल की बात सुनकर रूबी को थोड़ा सुकून मिला और बोली:'
" बिल्कुल बेटा , लेकिन मुझे अपनी नहीं तुम्हारी फिक्र होती हैं अब साहिल।
साहिल:" मुझे कुछ नहीं होगा जब तक आपका प्यार मेरे साथ हैं।
दोनो बाते कर ही रहे थे कि अचानक जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी। बाहर मौसम खराब हो गया था और किसी भी समय बारिश शुरू ही सकती थी।
शांता की उम्र करीब 74 साल है और इस उम्र में कोई भी औरत प्रेगनेंट नहीं हो सकती। मतलब साफ है कि शांता की उम्र इससे कम होनी चाहिए यही करीब अधिक से अधिक 50 साल।
लेकिन फिर अगर उसकी उम्र भी कम है तो सबसे बड़ा सवाल हैं कि वो किससे प्रेगनेंट हुई ? घर में तो मेरे अलावा और कोई मर्द आता नहीं है। कहीं अनूप ने तो ये कांड नहीं कर दिया वैसे भी भी इस मामले में ठरकी है। कहीं किसी दिन दिन दारू पीकर ना चढ़ गया हो शांता के ऊपर।
तभी उसके मन में दूसरा सवाल उठा कि अनूप का लंड तो अब खड़ा ही नहीं होता तो उसके बारे में तो सोचना बेकार हैं। साहिल के सिर में होने लगा लेकिन उसकी समझ ने कुछ नहीं आया तो उसने सब छोड़कर अपने काम पर फोकस करने का फैसला किया।
साहिल अपने काम में लग गया और करीब आधे घंटे के बाद उसका फोन बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था।
साहिल:" हा मम्मी बताओ क्या चल रहा हैं ?
रूबी:" बेटा तुम आज थोड़ा जल्दी अा जाना, मुझे पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर लग रहा हैं। ये शांता नहीं हो सकती जरूर कुछ ना कुछ दिक्कत हैं क्योंकि शांता इस उम्र में प्रेगनेंट नहीं हो सकती। पता नहीं कौन सी साजिश रच रही है बेटा ये ?
साहिल :" मम्मी आप फिक्र ना करो मैं जल्दी ही अा जाऊंगा। अभी शांता कहां हैं ?
रूबी:" अपने कमरे में ही होगी। मेरी हिम्मत नहीं पड़ी उसे देखने की। तुम आओ बेटा।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं अा रहा हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और घड़ी देखी तो करीब शाम के पांच बज चुके थे। साहिल दुबे जी को सारा काम समझाकर अपने घर की तरफ निकल गया।
साहिल ने घर जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शांता सफाई में लगी हुई थी और रूबी किचेन में काम कर रही थी। रूबी के माथे पर पसीना छलक रहा था और वो बार बार शांता की तरफ खौफ भरी नजरो से देख रही थी।
साहिल को देखते ही उसकी जान में जान आई और बोली:"
" अरे अनूप टीम इतनी जल्दी अा कैसे अा गए ?
शांता ने अपनी नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा और उपर से नीचे तक ध्यान से देखती हुई बोली:"
" कैसे हो बेटा तुम ? आज कल दिखते नहीं हो ?
साहिल:" वो बस आज कल काम में लगा हुआ हूं बस। आप ठीक हो ?
रूबी:" कहां ठीक है ये ? आज बेहोश हो गई थी। दवा दिलाकर लाई हूं। कमजोर हो गई हैं बहुत।
अनूप गुस्से से :" दवा दिलाकर लाई हूं, क्या मतलब तुम्हारे बाप के पैसे हैं क्या ? जैसे मन करे उड़ाओ।
रूबी समझ गई कि साहिल ये सब जान बूझकर कर रहा है इसलिए गुस्से से बोली:"
" तुम्हे मेरे मुंह लगने की जरूरत नहीं है। मैं कितना पैसा कमाती हूं ये तुम अच्छे से जानते हो।
साहिल:" तुम्हारे मुंह तो मैं भी नहीं लगना चाहता।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में घुस गया और रूबी ने उदास नजरो से शांता की तरफ देखा तो शांता बोली:"
" दुखी मत हो बेटी। एक ना एक दिन तो भगवान इसे बुद्धि देगा। मेरा भी अपमान किया हैं लेकिन अब तो जैसे मुझे इसकी आदत सी हो गई हैं।
रूबी समझ गई कि अगर इसके अंदर जरा सा भी आत्म सम्मान होता तो शायद अब तक अपने कमरे में चली गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रूबी:" मा जी आपकी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आप आराम कीजिए और मैं खाना बनाकर आपको भेज दूंगी।
शांता: नहीं बेटी मैं ठीक हूं। मैं तुम्हारी मदद कर देती हूं।
रूबी:" आप जिद मत किया करो, जाइए आप और आराम कीजिए।
शांता ने ज्यादा बहस करना जरूरी नहीं समझा और चुपचाप बाहर निकल गई। रूबी ने चैन की सांस ली और देखा कि साहिल अपने कमरे से सटे हुए बाथरूम में घुसा हुआ था और नहा रहा था। वो खाना बनाने में जुट गई।
खाना बन गया और साहिल भी अपना सब मेकअप धोकर बाहर अा गया था। उसको देखते ही रूबी उसके गले लग गई और बोली:"
" बेटा साहिल देखो ना ये सब हमारे साथ क्या हो रहा है ? आखिर कौन हैं जो हमे बरबाद करना चाहता हैं ?
साहिल उसकी पीठ थपथपाने लगा और तस्सली देते हुए बोला:_
" मम्मी आप परेशान मत होइए। जब तक आपका बेटा हैं आपको कुछ नहीं होने देगा।
रूबी:" लेकिन बेटा मैं तुम्हे भी खोना नहीं चाहती, पता नहीं ये कौन खतरनाक लोग हैं जो हमारे घर और ऑफिस सब जगह हमरे पीछे पड़े हुए हैं। हमने क्या बिगाड़ा हैं उनका ?
साहिल:" मम्मी ये ही सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या हुआ जो ये सब हो रहा हैं। ये सब अपने आप नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता हैं। इन सबके पीछे कौन हैं ये हमे पता करना ही होगा।
रूबी:" हान बेटा, मुझे लगता हैं कि शांता जरूर किसी मकसद के लिए हमारे घर में रुकी हुई हैं।
साहिल:" बिलकुल ठीक मम्मी, मुझे भी ऐसा ही लगता हैं। अब हमे शांता पर ध्यान रखना होगा। और हान उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए कि हमें उसकी असलियत का पता चल गया हैं।
रूबी:" लेकिन बेटा एक बात ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा अगले 10से 15 दिन के अंदर वो खुद ही समझ जाएगी कि वो प्रेगनेंट हैं।
साहिल:" मम्मी आप फिकर ना करे, इतना टाइम बहुत हैं मेरे लिए तब तक तो मैं दो बार शांता की असलियत पता कर लूंगा। और शांता से आपको ज्यादा डरने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि जहां वो हमे मर नहीं सकती क्योंकि अगर मारना ही होता तो अब तक कभी का खाने में जहर दे चुकी होती।
साहिल की बात सुनकर रूबी को थोड़ा सुकून मिला और बोली:'
" बिल्कुल बेटा , लेकिन मुझे अपनी नहीं तुम्हारी फिक्र होती हैं अब साहिल।
साहिल:" मुझे कुछ नहीं होगा जब तक आपका प्यार मेरे साथ हैं।
दोनो बाते कर ही रहे थे कि अचानक जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी। बाहर मौसम खराब हो गया था और किसी भी समय बारिश शुरू ही सकती थी।