desiaks
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सुबह रूबी की आंखे खुली तो अपनी हालत देख कर वो खुद ही शर्मा गई। वो बिल्कुल नंगी अपने सगे बेटे से लिपटी हुई सोई थी और साहिल का लंड पूरी तरह से तना हुआ था और उसकी जांघो में घुसा हुआ था जिससे सुपाड़ा उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था। लंड के मोटे सुपाड़े ने चूत को पूरी तरह से ढक लिया था जिसे देखकर रूबी की सांसे एक बार फिर से उखड़ने लगी।
" हाय भगवान ये क्या घोड़े जैसा लंड हैं इसका, क्या ये चूत में घुस जायेगा। उफ्फ मेरी चूत का सत्यानाश हो जाएगा अगर घुसा तो।
तभी उसके मन में दूसरा विचार अाया कि अब मैंने चूत का करना भी क्या हैं, सब कुछ तो अपने बेटे साहिल के नाम कर ही दिया हैं तो मेरी चूत भी अब उसकी ही हुई। ये साला अनूप तो अब किसी काम का रहा नहीं अब और मेरी चूत की गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। इसलिए मुझे ही इस लंड को अपनी चूत में लेना होगा ताकि मेरी प्यास बुझ जाए और साहिल भी हमेशा पूरी तरह से मेरे काबू में रहेगा।
रूबी ने आखिरी फैसला किया और उठ गई। उसकी नजर एक बार फिर से लंड पर पड़ी और वो अपना चेहरा लंड के पास ले गई और ध्यान से देखने लगी। आज पहली बार था जब वो अपने बेटे के लंड को इतने पास से और ध्यान से देख रही थी।
उसकी लम्बाई और मोटाई को महसूस करते ही रूबी की चूत के होंठ फड़क उठे। सच में रूबी को वो अपनी कलाई से भी ज्यादा मोटा लग रहा था, बिल्कुल लाल सुर्ख सुपाड़ा किसी देसी टमाटर की तरह गोल, नशे बाहर की तरफ उभरी हुई जो उसे और खतरनाक बना रही थी। रूबी का मुंह अपने आप आगे की तरफ आया और वो लंड के पास सूंघने लगी तो उसे एक तेज भीनी भीनी सी खुशबू महसूस हुई। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी। पल पल उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और उसकी जीभ अपने आप ही बाहर निकल गई और उसने लंड के सुपाड़े को चाट लिया तो रूबी के मुंह से अपने आप ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
रूबी की गर्म जीभ का एहसास लंड पर होते ही साहिल के जिस्म ने एक झटका खाया जिससे रूबी डर गई और भगाकर बाथरूम में घुस गई। रूबी ने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और थोड़ी देर बाद ही नहा धोकर बाहर अा गई।
उसने धीरे से साहिल को उठाया और साहिल रूबी को देखते ही उसके गाल पर किस किया और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। शांता भी अा गई और घर के काम में लग गई।
साहिल नहाकर बाहर आ गया था और रूबी नाश्ता बना रही थी। जबसे रूबी को शांता की असलियत पता चली थी तब से उसने खुद ही खाना बनाना शुरू कर दिया था कि कहीं शांता खाने में कुछ मिला ना दें। शांता कोई भी काम करती थी तो रूबी की नजर उस पर हमेशा रहती थी।
साहिल और रूबी दोनो खाना खाने बैठ गई और शांता भी आज उनके साथ ही बैठी हुई थी।
शांता:" बेटी आज कल अनूप बहुत कम दिखता हैं, कहीं बाहर गया हैं क्या ?
रूबी:" नहीं हैं तो यहीं, बस आजकल काम में ज्यादा लगे रहते हैं। एक टेंडर का काम चल रहा हैं।
शांता:" अच्छा ठीक है फिर तो। अच्छा ही होगा अगर वो पहले की तरह अपना काम संभाल ले तो।
साहिल:" आप चिंता ना करे मा जी, पापा सब ठीक कर रहे हैं। आपको किसी भी चीज की दिक्कत हो तो मुझे बोल दीजिए।
शांता:" अरे नहीं बेटा, मुझे किस चीज़ की ज़रूरत होगी अब, बस सपना मिल जाती तो एक बार उसे देख लेती।
रूबी:" मा जी आप परेशान मत होइए, मै और साहिल लगे हुए हैं आपकी बेटी को ढूंढने के लिए। जल्दी ही मिल जाएगी।
खाना खाने के बाद शांता बाहर अपने कमरे की तरफ अा गई और रूबी ने दो प्लेट खाना लगाया और साहिल के साथ नीचे की तरफ चल पड़ी। आज फिर से उसने अनूप के खाने में नींद और लीमा के खाने में सेक्स पॉवर की दवा मिला दी थी। साहिल ये सब देख रहा था और स्माइल कर रहा था। थोड़ी देर बाद ही दोनो अंदर घुस गए।
अनूप और लीमा दोनो के दूसरे को गाली दे रहे थे और साहिल को देखते ही दोनो चुप हो गए। रूबी ने खाना रखा और दोनो खाने पर टूट पड़े।
साहिल:" देखो लीमा मैं जानता हूं तुम एक अच्छी लड़की हो, तुमने जो कुछ भी किया हैं जरूर किसी मजबूरी में किया होगा। अगर तुम मुझे सब बता दोगी तो मैं तुम्हारी मदद करूंगा नहीं तो तुम मरते दम तक यहीं इसी तहखाने में बंद रहोगी।
लीमा ने एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से खाना खाने में लग गई। साहिल इतना तो समझ गया था कि लीमा जरूर हालत की सताई हुई हैं और वो अगर सच बोल दे तो जरूर कुछ ना कुछ सच्चाई सामने अा जाएगी लेकिन लीमा अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं थी।
खाना खाने के बाद देखते ही देखते अनूप फिर से नींद के आगोश में चला गया। रूबी को अपने योगा सेंटर जाना था और वो लेट हो रही थी इसलिए वो भी साहिल को बाय बोलकर चली गई। अब तहखाने में सिर्फ बेहोश पड़ा हुआ अनूप और लीमा बच गए थे।
साहिल:" देखो लीमा मेरा विश्वास करो तुम, मैं तुम्हारी मदद करूंगा। बताओ मुझे तुम
लीमा के सिर पर अब सेक्स पॉवर की सिरप का असर चढ़ गया था और वो साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" तुम मेरी कोई मदद नहीं करोगे उल्टा मेरी मूह खोलते ही मैं बर्बाद हो जाऊंगी।
साहिल उसके पास अा गया और उसका हाथ पकड़ कर बोला:"
" मेरा यकीन करो, अपनी मम्मी की कसम, मैं तुम्हारे साथ कुछ भी गलत नहीं होने दूंगा।
लीमा के जिस्म में हलचल सी मचने लगी और उसके होंठो पर अपने आप ही स्माइल अा गई और साहिल को देखते हुए अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"
" क्या तुम सच में मेरी मदद करोगे ?
साहिल ने उसका हाथ सहलाते हुए कहा:"
" हान मेरा यकीन करो, मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा। अब बताओ क्या बात हैं?
लीमा के होंठ अब कांपने लगे थे और आंखे बंद हो गई थी। वो थोड़ा सा साहिल की taraf खिसक अाई और अपनी एक चूची को अपने हाथ से मसलते हुए बोली:'
" देखो ना मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, मेरे सीने में दर्द हो रहा है साहिल, उफ्फ मुझे की हो रहा हैं देखो मा मेरी सांसे कितनी तेज हो गई है साहिल ?
इतना कहकर लीमा ने साहिल का हाथ अपनी चुचियों पर रख दिया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर दबाने लगी और थोड़ा सा उसके पास और खिसक गई और उसकी गर्दन चाटने लगी।
साहिल की हालत खराब होने लगी और उसके हाथो की पकड़ लीमा की चूचियों पर बढ़ गई और उसने उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया तो लीमा के मुंह से हल्की दर्द भरी मीठी आह निकल पड़ी और उसने साहिल के लंड को पकड़ लिया और पेंट के उपर से ही सहलाने लगी।
साहिल भी जवान मर्द था और बहकता चला गया। लीमा एक पल के लिए उठी और देखते ही देखते पूरी नंगी हो गई। साहिल ये देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया और लीमा के उपर टूट पड़ा। लीमा की गोल गोल मस्त चूचियां दबाने और मसलने लगा।
लीमा पूरी तरह से नंगी फर्श पर पड़ी हुई थी और साहिल उसकी चूचियों पर अपना दम दिखा रहा था। देखते ही देखते साहिल उसकी चूत पर अा गया और मुट्ठी में भर कर जोर से भीच दिया।
लीमा मस्ती से सिसक उठी और अपने टांगे पूरी तरह से खोल दी। साहिल उसकी चूत पर झुकता चल गया और चूसने लगा। लीमा के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह साहिल, उफ्फ कितने अच्छे हो तुम,
साहिल: बताओ ना कौन हो तुम ? क्यों हमारे साथ ये सब किया तुमने ?
साहिल ने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा। लीमा पूरी तरह से मचल उठी और बोली:"
" आह सब बता दूंगी, मुझे चोद दे साहिल नहीं तो मैं मर जाऊंगी आह।
साहिल के अपना चेहरा उठाकर एक बार लीमा की तरफ और उसे एक झटका सा लगा। साहिल अपनी आंखो पर यकीन नहीं कर पा रहा था। ये भगवान क्या ये सच हैं ?
नहीं नहीं ये नहीं हो सकता, लेकिन जो मैं देख रहा हूं वो भी तो गलत नहीं। जरूर मुझे इसकी गहराई तक जाना ही होगा।
" हाय भगवान ये क्या घोड़े जैसा लंड हैं इसका, क्या ये चूत में घुस जायेगा। उफ्फ मेरी चूत का सत्यानाश हो जाएगा अगर घुसा तो।
तभी उसके मन में दूसरा विचार अाया कि अब मैंने चूत का करना भी क्या हैं, सब कुछ तो अपने बेटे साहिल के नाम कर ही दिया हैं तो मेरी चूत भी अब उसकी ही हुई। ये साला अनूप तो अब किसी काम का रहा नहीं अब और मेरी चूत की गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। इसलिए मुझे ही इस लंड को अपनी चूत में लेना होगा ताकि मेरी प्यास बुझ जाए और साहिल भी हमेशा पूरी तरह से मेरे काबू में रहेगा।
रूबी ने आखिरी फैसला किया और उठ गई। उसकी नजर एक बार फिर से लंड पर पड़ी और वो अपना चेहरा लंड के पास ले गई और ध्यान से देखने लगी। आज पहली बार था जब वो अपने बेटे के लंड को इतने पास से और ध्यान से देख रही थी।
उसकी लम्बाई और मोटाई को महसूस करते ही रूबी की चूत के होंठ फड़क उठे। सच में रूबी को वो अपनी कलाई से भी ज्यादा मोटा लग रहा था, बिल्कुल लाल सुर्ख सुपाड़ा किसी देसी टमाटर की तरह गोल, नशे बाहर की तरफ उभरी हुई जो उसे और खतरनाक बना रही थी। रूबी का मुंह अपने आप आगे की तरफ आया और वो लंड के पास सूंघने लगी तो उसे एक तेज भीनी भीनी सी खुशबू महसूस हुई। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी। पल पल उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और उसकी जीभ अपने आप ही बाहर निकल गई और उसने लंड के सुपाड़े को चाट लिया तो रूबी के मुंह से अपने आप ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
रूबी की गर्म जीभ का एहसास लंड पर होते ही साहिल के जिस्म ने एक झटका खाया जिससे रूबी डर गई और भगाकर बाथरूम में घुस गई। रूबी ने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और थोड़ी देर बाद ही नहा धोकर बाहर अा गई।
उसने धीरे से साहिल को उठाया और साहिल रूबी को देखते ही उसके गाल पर किस किया और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। शांता भी अा गई और घर के काम में लग गई।
साहिल नहाकर बाहर आ गया था और रूबी नाश्ता बना रही थी। जबसे रूबी को शांता की असलियत पता चली थी तब से उसने खुद ही खाना बनाना शुरू कर दिया था कि कहीं शांता खाने में कुछ मिला ना दें। शांता कोई भी काम करती थी तो रूबी की नजर उस पर हमेशा रहती थी।
साहिल और रूबी दोनो खाना खाने बैठ गई और शांता भी आज उनके साथ ही बैठी हुई थी।
शांता:" बेटी आज कल अनूप बहुत कम दिखता हैं, कहीं बाहर गया हैं क्या ?
रूबी:" नहीं हैं तो यहीं, बस आजकल काम में ज्यादा लगे रहते हैं। एक टेंडर का काम चल रहा हैं।
शांता:" अच्छा ठीक है फिर तो। अच्छा ही होगा अगर वो पहले की तरह अपना काम संभाल ले तो।
साहिल:" आप चिंता ना करे मा जी, पापा सब ठीक कर रहे हैं। आपको किसी भी चीज की दिक्कत हो तो मुझे बोल दीजिए।
शांता:" अरे नहीं बेटा, मुझे किस चीज़ की ज़रूरत होगी अब, बस सपना मिल जाती तो एक बार उसे देख लेती।
रूबी:" मा जी आप परेशान मत होइए, मै और साहिल लगे हुए हैं आपकी बेटी को ढूंढने के लिए। जल्दी ही मिल जाएगी।
खाना खाने के बाद शांता बाहर अपने कमरे की तरफ अा गई और रूबी ने दो प्लेट खाना लगाया और साहिल के साथ नीचे की तरफ चल पड़ी। आज फिर से उसने अनूप के खाने में नींद और लीमा के खाने में सेक्स पॉवर की दवा मिला दी थी। साहिल ये सब देख रहा था और स्माइल कर रहा था। थोड़ी देर बाद ही दोनो अंदर घुस गए।
अनूप और लीमा दोनो के दूसरे को गाली दे रहे थे और साहिल को देखते ही दोनो चुप हो गए। रूबी ने खाना रखा और दोनो खाने पर टूट पड़े।
साहिल:" देखो लीमा मैं जानता हूं तुम एक अच्छी लड़की हो, तुमने जो कुछ भी किया हैं जरूर किसी मजबूरी में किया होगा। अगर तुम मुझे सब बता दोगी तो मैं तुम्हारी मदद करूंगा नहीं तो तुम मरते दम तक यहीं इसी तहखाने में बंद रहोगी।
लीमा ने एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से खाना खाने में लग गई। साहिल इतना तो समझ गया था कि लीमा जरूर हालत की सताई हुई हैं और वो अगर सच बोल दे तो जरूर कुछ ना कुछ सच्चाई सामने अा जाएगी लेकिन लीमा अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं थी।
खाना खाने के बाद देखते ही देखते अनूप फिर से नींद के आगोश में चला गया। रूबी को अपने योगा सेंटर जाना था और वो लेट हो रही थी इसलिए वो भी साहिल को बाय बोलकर चली गई। अब तहखाने में सिर्फ बेहोश पड़ा हुआ अनूप और लीमा बच गए थे।
साहिल:" देखो लीमा मेरा विश्वास करो तुम, मैं तुम्हारी मदद करूंगा। बताओ मुझे तुम
लीमा के सिर पर अब सेक्स पॉवर की सिरप का असर चढ़ गया था और वो साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" तुम मेरी कोई मदद नहीं करोगे उल्टा मेरी मूह खोलते ही मैं बर्बाद हो जाऊंगी।
साहिल उसके पास अा गया और उसका हाथ पकड़ कर बोला:"
" मेरा यकीन करो, अपनी मम्मी की कसम, मैं तुम्हारे साथ कुछ भी गलत नहीं होने दूंगा।
लीमा के जिस्म में हलचल सी मचने लगी और उसके होंठो पर अपने आप ही स्माइल अा गई और साहिल को देखते हुए अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"
" क्या तुम सच में मेरी मदद करोगे ?
साहिल ने उसका हाथ सहलाते हुए कहा:"
" हान मेरा यकीन करो, मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा। अब बताओ क्या बात हैं?
लीमा के होंठ अब कांपने लगे थे और आंखे बंद हो गई थी। वो थोड़ा सा साहिल की taraf खिसक अाई और अपनी एक चूची को अपने हाथ से मसलते हुए बोली:'
" देखो ना मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, मेरे सीने में दर्द हो रहा है साहिल, उफ्फ मुझे की हो रहा हैं देखो मा मेरी सांसे कितनी तेज हो गई है साहिल ?
इतना कहकर लीमा ने साहिल का हाथ अपनी चुचियों पर रख दिया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर दबाने लगी और थोड़ा सा उसके पास और खिसक गई और उसकी गर्दन चाटने लगी।
साहिल की हालत खराब होने लगी और उसके हाथो की पकड़ लीमा की चूचियों पर बढ़ गई और उसने उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया तो लीमा के मुंह से हल्की दर्द भरी मीठी आह निकल पड़ी और उसने साहिल के लंड को पकड़ लिया और पेंट के उपर से ही सहलाने लगी।
साहिल भी जवान मर्द था और बहकता चला गया। लीमा एक पल के लिए उठी और देखते ही देखते पूरी नंगी हो गई। साहिल ये देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया और लीमा के उपर टूट पड़ा। लीमा की गोल गोल मस्त चूचियां दबाने और मसलने लगा।
लीमा पूरी तरह से नंगी फर्श पर पड़ी हुई थी और साहिल उसकी चूचियों पर अपना दम दिखा रहा था। देखते ही देखते साहिल उसकी चूत पर अा गया और मुट्ठी में भर कर जोर से भीच दिया।
लीमा मस्ती से सिसक उठी और अपने टांगे पूरी तरह से खोल दी। साहिल उसकी चूत पर झुकता चल गया और चूसने लगा। लीमा के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह साहिल, उफ्फ कितने अच्छे हो तुम,
साहिल: बताओ ना कौन हो तुम ? क्यों हमारे साथ ये सब किया तुमने ?
साहिल ने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा। लीमा पूरी तरह से मचल उठी और बोली:"
" आह सब बता दूंगी, मुझे चोद दे साहिल नहीं तो मैं मर जाऊंगी आह।
साहिल के अपना चेहरा उठाकर एक बार लीमा की तरफ और उसे एक झटका सा लगा। साहिल अपनी आंखो पर यकीन नहीं कर पा रहा था। ये भगवान क्या ये सच हैं ?
नहीं नहीं ये नहीं हो सकता, लेकिन जो मैं देख रहा हूं वो भी तो गलत नहीं। जरूर मुझे इसकी गहराई तक जाना ही होगा।