desiaks
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रूबी इतना तो समझ गई थी कि ये आदमी उसे जानता हैं। उसके हाव भाव से ही लग रहा था कि ये आदमी जरूर कोई पहुंचा हुआ हैं और खुद ही उससे बात कर रहा है तो रूबी भी स्माइल करते हुए बोली:"
" जी वही हूं। आपकी तारीफ ?
सुनील को रूबी की स्माइल देखकर हिम्मत अा गई और उसने एक बार फिर से रूबी के जिस्म को प्यासी नजरो से घूरा और बोला:"
" बंदे को सुनील कहते हैं। आपकी फिटनेस का दीवाना हूं। अब सिर्फ टीवी और फोटो में देखा था आज आपको देखा तो एहसास हुआ कि वो कुछ भी नहीं था आप ऐसे ज्यादा सुन्दर लगती हैं। सच में कोई भी आपको देख आपकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता। मेरे ख्याल से आप 32 की होगी।
हर औरत को अपनी तारीफ पसंद होती हैं और रूबी भी इसका अपवाद नहीं थी। रूबी खुश हो गई और बोली:"
" जी नहीं, मेरी उमर 39 साल हैं। वैसे आप भी धोखा खा गए।
सुनील स्माइल करते हुए बोला:"
" वैसे आप दुनिया की पहली औरत हैं जो अपनी सही उम्र बता रही है नहीं तो औरतें अपने आपको बहुत छोटी बताती हैं वैसे आप यहां क्या कर रही हैं ?
रूबी:" मेरे पति अनूप श्री वास्तव जी का एक टेंडर पास हुआ था जिसके आज सैंपल पास होंगे। उनके जी साथ अाई हूं।
सुनील हैरानी से :" अच्छा आप अनूप जी की पत्नी हैं, जितनी अच्छी किस्मत हैं उनकी जो इतनी अच्छी, सुंदर और बिल्कुल क़यामत, रति जैसी बीवी मिली है।
रूबी समझ गई कि ये आदमी बहुत बड़ा फेंकू और उस पर मोहित हो गया है। रूबी
" थैंक्स, लेकिन ये बहुत ज्यादा तारीफ हो गई। वैसे आप भी यहां किसी टेंडर के लिए आए हैं या फिर कुछ और काम हैं ?
सुनील के होंठो पर तीखी स्माइल अा और और बोला:"
" बंदा अपनी क्या तारीफ करे मैडम, थोड़ी देर बाद आपको खुद ही पता चल जाएगा। जाते हुए एक बार मिलकर जाना मुझसे आप शाम को।
इतना कहकर स्माइल करते हुए सुनील अंदर घुस गया। रूबी वहीं खड़ी हुई उसे जाते हुए देखती रही। रूबी को लग रहा था कि शायद ये आदमी उसकी मदद कर सके लेकिन वो उस आदमी की नजरे भली भांति समझ गई थी इसलिए साहिल को देखने लगीं ।
साहिल दुबे से बात कर रहा था और एक बार फिर से सभी सैंपल अा गए थे। लेकिन रूबी जानती थी कि ये सभी बिल्कुल नकली सामान हैं और फैल हो जायेगा। दुबे सैंपल देकर वापिस चला गया और रूबी चलते हुए साहिल के पास अाई और बोली:"
" बेटा क्या इससे काम बन जाएगा। ये सब तो बिल्कुल खराब क्वालिटी के है।
साहिल:" मम्मी अब क्या करू, मेरी तो कोई जान पहचान भी नहीं हैं। शायद इससे कुछ जुगाड हो जाए क्योंकि ना होने से कुछ तो होना बेहतर हैं।
रूबी:" चलो देखते हैं जो किस्मत में होगा देखा जाएगा।
दोनो अंदर की तरफ चल दिए और सैंपल जमा करने के बाद नीचे हॉल में अा गए। अभी मीटिंग शुरू होने में करीब 15 मिनट बाकी थीं साहिल जैसे जी अंदर घुसा तो उसकी नजर नीरज पर पड़ी और नीरज के ठीक बराबर में शांता यानी ज्योति बैठी हुई थी बिल्कुल अपने असली रूप में। साहिल के मन में अब कोई शक नहीं रह गया था कि नीरज ज्योति का ही एक मोहरा हैं। साहिल जो कि अनूप बना हुआ था उसने नीरज को स्माइल दी और नीरज रूबी को देखते ही बनती अपनी सीट से उठ गया और साहिल के पास अा गया और बोला:"
" कैसे हो भाई ? उस रात के बाद आए नहीं आप ? सैंपल अच्छे बने है ना आपके ?
साहिल:" सब अच्छे से हो गया हैं। देखो आगे क्या होता हैं
तभी नीरज ने रूबी की तरफ देखने का नाटक किया और दोनो हाथ जोड़ते हुए बोला:"
" प्यारी भाभी जी नमस्कार, कैसी हैं आप ?
रूबी ने उसे खा जाने वाली नजरो से घूरा और फिर अपने होंठो पर स्माइल लाते हुए बोली:"
" अच्छी हू, आप बताए
नीरज:" बस भाभी आपके दर्शन हो गए तो दिल को सुकून मिल गया। वैसे आप हमेशा की तरह आज भी बेहद खूबसूरत लग रही है सच में।
रूबी :" जी थैंक्स।
तभी सरकारी ऑफिसर आने लगे और नीरज अपन जगह पर जाकर बैठ गया। रूबी साहिल के पास बैठ गई और बोली:"
" कितना नीच कुत्ता हैं ये नीरज, बाहर मिलता तो इसका मुंह तोड़ देती।
साहिल:" मम्मी ध्यान से देखना इसके बराबर में जो औरत बैठी हुई हैं वहीं शांता यानी ज्योति हैं।
लेकिन अपनी उसकी तरफ मत देखना आप। शक हो गया तो दिक्कत हो जाएगी।
रूबी:" ये भगवान, मतलब हम सही सोच रहे थे। हमारे साथ सब कुछ इसी ज्योति के इशारे पर हो रहा हैं।
रूबी की बड़ी इच्छा हो रही थी कि एक बार गर्दन घुमा कर ज्योति को देखे लेकिन वो मजबुर थी इसलिए सीधे बैठी रही। रूबी अपने दुश्मन को सामने होते हुए भी नहीं देख पा रही थी और उसे अपनी बेबसी पर तरस अा रहा था।
तभी स्पीकर पर एक एक आवाज गूंज उठी
" सभी लोग शांति के साथ बैठ जाएं। टेंडर समिति के अध्यक्ष आपके समक्ष पधार रहे हैं।
तभी सभी ऑफिसर अा गए और अभी भी बाद एक कुर्सी खाली थी जो कि बॉस के लिए थी। दरवाजा खुला और सुनील अंदर दाखिल हुआ और आकर बॉस की कुर्सी पर बैठ गया और एक साथ सारे लोग उसके सम्मान में खड़े हो गए।
रूबी हैरान हो गई कि जिस आदमी से वो बाहर बाते कर रही थी वो कोई और नहीं बल्कि टेंडर समिति का अध्यक्ष था। सुनील अपनी जगह पर बैठ गया और लोगो को उसने बैठने का इशारा किया और सभी लोग एक एक करके बैठ गए। सुनील ने वहां मौजूद सभी लोगो पर नजरे दौड़ाई और उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसकी आंखे खुशी से खिल उठी।
सुनील:" आज की कार्यवाही शुरू की जाए। सबसे पहले आप सभी बारी बारी से आए और अपने सामान का प्रदर्शन करते हुए उसकी अच्छाई बताए।
एक के बाद लोग जाने लगे और अपने सामान की क्वालिटी बताने लगे। रूबी ध्यान से सुन रही थी और साहिल से धीमी आवाज में बोली
" साहिल जब हमारा नंबर आएगा तो मैं स्टेज पर जाऊंगी तुम नहीं।
साहिल:" लेकिन आप तो इसके बारे में कुछ नहीं जानती। आप नहीं बता पाओगी।
रूबी:" मेरी बात मानो और मेरे हिसाब से काम करो। तुम मुझे हमारे सामान की क्वालिटी की फाइल दो ताकि मैं देख सकूं
साहिल:" लेकिन मम्मी उससे कोई फायदा नहीं होगा, फाइल के हिसाब से एक भी क्वालिटी हमारे सामान में नहीं हैं।
रूबी:" तुम ज्यादा मत सोचो और मुझे फाइल दो। बाकी मुझे क्या करना हैं वो मैं खुद देख लूंगी।
साहिल ने चुपचाप फाइल रूबी की तरफ बढ़ा दी और रूबी ध्यान से फाइल देखने लगी। बीच बीच में वो नजर उठा कर सुनील की तरफ देख रही थी। सुनील भी उसे देख रहा था कभी कभी लोगो की नज़रे बचाते हुए और ये बात साहिल से ना छुपी रह सकी। साहिल को ये सब देखकर अच्छा नहीं लगा और उसने धीरे से रूबी को बोला:"
" मम्मी वो अध्यक्ष सुनील बार बार आपकी ही तरफ देख रहे हैं और आप जी उन्हें ही देख रही हो। क्या वो आपको जानते हैं ?
रूबी:" बेटा जब तुम बाहर दुबे जी से बात कर रहे थे तो वोट मुझे बाहर मिले थे और पहचान लिया कि मैं योगा वाली रूबी हूं। बोल रहे थे कि मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।
साहिल:" अच्छा ये तो ठीक हुआ, अब शायद काम बन जाएगा। लेकिन इतना आसान नहीं हैं सब कुछ।
रूबी धीमे से बोली:"
" साहिल अभी तुमने मुझे ठीक से समझा ही कहां हैं, मैं अगर अपनी पर अा जाऊ तो दुनिया हिला दू फिर ये सुनील किस खेत की मूली हैं साहिल।
साहिल:" लेकिन मम्मी वो आपको गलत नजर से देख रहा हैं और ये मुझे अच्छा नहीं लग रहा हैं बिल्कुल भी।
रूबी:' देखने दो, वैसे भी आज कल लड़की को सही नजर से देखता ही कौन हैं ।
" जी वही हूं। आपकी तारीफ ?
सुनील को रूबी की स्माइल देखकर हिम्मत अा गई और उसने एक बार फिर से रूबी के जिस्म को प्यासी नजरो से घूरा और बोला:"
" बंदे को सुनील कहते हैं। आपकी फिटनेस का दीवाना हूं। अब सिर्फ टीवी और फोटो में देखा था आज आपको देखा तो एहसास हुआ कि वो कुछ भी नहीं था आप ऐसे ज्यादा सुन्दर लगती हैं। सच में कोई भी आपको देख आपकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता। मेरे ख्याल से आप 32 की होगी।
हर औरत को अपनी तारीफ पसंद होती हैं और रूबी भी इसका अपवाद नहीं थी। रूबी खुश हो गई और बोली:"
" जी नहीं, मेरी उमर 39 साल हैं। वैसे आप भी धोखा खा गए।
सुनील स्माइल करते हुए बोला:"
" वैसे आप दुनिया की पहली औरत हैं जो अपनी सही उम्र बता रही है नहीं तो औरतें अपने आपको बहुत छोटी बताती हैं वैसे आप यहां क्या कर रही हैं ?
रूबी:" मेरे पति अनूप श्री वास्तव जी का एक टेंडर पास हुआ था जिसके आज सैंपल पास होंगे। उनके जी साथ अाई हूं।
सुनील हैरानी से :" अच्छा आप अनूप जी की पत्नी हैं, जितनी अच्छी किस्मत हैं उनकी जो इतनी अच्छी, सुंदर और बिल्कुल क़यामत, रति जैसी बीवी मिली है।
रूबी समझ गई कि ये आदमी बहुत बड़ा फेंकू और उस पर मोहित हो गया है। रूबी
" थैंक्स, लेकिन ये बहुत ज्यादा तारीफ हो गई। वैसे आप भी यहां किसी टेंडर के लिए आए हैं या फिर कुछ और काम हैं ?
सुनील के होंठो पर तीखी स्माइल अा और और बोला:"
" बंदा अपनी क्या तारीफ करे मैडम, थोड़ी देर बाद आपको खुद ही पता चल जाएगा। जाते हुए एक बार मिलकर जाना मुझसे आप शाम को।
इतना कहकर स्माइल करते हुए सुनील अंदर घुस गया। रूबी वहीं खड़ी हुई उसे जाते हुए देखती रही। रूबी को लग रहा था कि शायद ये आदमी उसकी मदद कर सके लेकिन वो उस आदमी की नजरे भली भांति समझ गई थी इसलिए साहिल को देखने लगीं ।
साहिल दुबे से बात कर रहा था और एक बार फिर से सभी सैंपल अा गए थे। लेकिन रूबी जानती थी कि ये सभी बिल्कुल नकली सामान हैं और फैल हो जायेगा। दुबे सैंपल देकर वापिस चला गया और रूबी चलते हुए साहिल के पास अाई और बोली:"
" बेटा क्या इससे काम बन जाएगा। ये सब तो बिल्कुल खराब क्वालिटी के है।
साहिल:" मम्मी अब क्या करू, मेरी तो कोई जान पहचान भी नहीं हैं। शायद इससे कुछ जुगाड हो जाए क्योंकि ना होने से कुछ तो होना बेहतर हैं।
रूबी:" चलो देखते हैं जो किस्मत में होगा देखा जाएगा।
दोनो अंदर की तरफ चल दिए और सैंपल जमा करने के बाद नीचे हॉल में अा गए। अभी मीटिंग शुरू होने में करीब 15 मिनट बाकी थीं साहिल जैसे जी अंदर घुसा तो उसकी नजर नीरज पर पड़ी और नीरज के ठीक बराबर में शांता यानी ज्योति बैठी हुई थी बिल्कुल अपने असली रूप में। साहिल के मन में अब कोई शक नहीं रह गया था कि नीरज ज्योति का ही एक मोहरा हैं। साहिल जो कि अनूप बना हुआ था उसने नीरज को स्माइल दी और नीरज रूबी को देखते ही बनती अपनी सीट से उठ गया और साहिल के पास अा गया और बोला:"
" कैसे हो भाई ? उस रात के बाद आए नहीं आप ? सैंपल अच्छे बने है ना आपके ?
साहिल:" सब अच्छे से हो गया हैं। देखो आगे क्या होता हैं
तभी नीरज ने रूबी की तरफ देखने का नाटक किया और दोनो हाथ जोड़ते हुए बोला:"
" प्यारी भाभी जी नमस्कार, कैसी हैं आप ?
रूबी ने उसे खा जाने वाली नजरो से घूरा और फिर अपने होंठो पर स्माइल लाते हुए बोली:"
" अच्छी हू, आप बताए
नीरज:" बस भाभी आपके दर्शन हो गए तो दिल को सुकून मिल गया। वैसे आप हमेशा की तरह आज भी बेहद खूबसूरत लग रही है सच में।
रूबी :" जी थैंक्स।
तभी सरकारी ऑफिसर आने लगे और नीरज अपन जगह पर जाकर बैठ गया। रूबी साहिल के पास बैठ गई और बोली:"
" कितना नीच कुत्ता हैं ये नीरज, बाहर मिलता तो इसका मुंह तोड़ देती।
साहिल:" मम्मी ध्यान से देखना इसके बराबर में जो औरत बैठी हुई हैं वहीं शांता यानी ज्योति हैं।
लेकिन अपनी उसकी तरफ मत देखना आप। शक हो गया तो दिक्कत हो जाएगी।
रूबी:" ये भगवान, मतलब हम सही सोच रहे थे। हमारे साथ सब कुछ इसी ज्योति के इशारे पर हो रहा हैं।
रूबी की बड़ी इच्छा हो रही थी कि एक बार गर्दन घुमा कर ज्योति को देखे लेकिन वो मजबुर थी इसलिए सीधे बैठी रही। रूबी अपने दुश्मन को सामने होते हुए भी नहीं देख पा रही थी और उसे अपनी बेबसी पर तरस अा रहा था।
तभी स्पीकर पर एक एक आवाज गूंज उठी
" सभी लोग शांति के साथ बैठ जाएं। टेंडर समिति के अध्यक्ष आपके समक्ष पधार रहे हैं।
तभी सभी ऑफिसर अा गए और अभी भी बाद एक कुर्सी खाली थी जो कि बॉस के लिए थी। दरवाजा खुला और सुनील अंदर दाखिल हुआ और आकर बॉस की कुर्सी पर बैठ गया और एक साथ सारे लोग उसके सम्मान में खड़े हो गए।
रूबी हैरान हो गई कि जिस आदमी से वो बाहर बाते कर रही थी वो कोई और नहीं बल्कि टेंडर समिति का अध्यक्ष था। सुनील अपनी जगह पर बैठ गया और लोगो को उसने बैठने का इशारा किया और सभी लोग एक एक करके बैठ गए। सुनील ने वहां मौजूद सभी लोगो पर नजरे दौड़ाई और उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसकी आंखे खुशी से खिल उठी।
सुनील:" आज की कार्यवाही शुरू की जाए। सबसे पहले आप सभी बारी बारी से आए और अपने सामान का प्रदर्शन करते हुए उसकी अच्छाई बताए।
एक के बाद लोग जाने लगे और अपने सामान की क्वालिटी बताने लगे। रूबी ध्यान से सुन रही थी और साहिल से धीमी आवाज में बोली
" साहिल जब हमारा नंबर आएगा तो मैं स्टेज पर जाऊंगी तुम नहीं।
साहिल:" लेकिन आप तो इसके बारे में कुछ नहीं जानती। आप नहीं बता पाओगी।
रूबी:" मेरी बात मानो और मेरे हिसाब से काम करो। तुम मुझे हमारे सामान की क्वालिटी की फाइल दो ताकि मैं देख सकूं
साहिल:" लेकिन मम्मी उससे कोई फायदा नहीं होगा, फाइल के हिसाब से एक भी क्वालिटी हमारे सामान में नहीं हैं।
रूबी:" तुम ज्यादा मत सोचो और मुझे फाइल दो। बाकी मुझे क्या करना हैं वो मैं खुद देख लूंगी।
साहिल ने चुपचाप फाइल रूबी की तरफ बढ़ा दी और रूबी ध्यान से फाइल देखने लगी। बीच बीच में वो नजर उठा कर सुनील की तरफ देख रही थी। सुनील भी उसे देख रहा था कभी कभी लोगो की नज़रे बचाते हुए और ये बात साहिल से ना छुपी रह सकी। साहिल को ये सब देखकर अच्छा नहीं लगा और उसने धीरे से रूबी को बोला:"
" मम्मी वो अध्यक्ष सुनील बार बार आपकी ही तरफ देख रहे हैं और आप जी उन्हें ही देख रही हो। क्या वो आपको जानते हैं ?
रूबी:" बेटा जब तुम बाहर दुबे जी से बात कर रहे थे तो वोट मुझे बाहर मिले थे और पहचान लिया कि मैं योगा वाली रूबी हूं। बोल रहे थे कि मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।
साहिल:" अच्छा ये तो ठीक हुआ, अब शायद काम बन जाएगा। लेकिन इतना आसान नहीं हैं सब कुछ।
रूबी धीमे से बोली:"
" साहिल अभी तुमने मुझे ठीक से समझा ही कहां हैं, मैं अगर अपनी पर अा जाऊ तो दुनिया हिला दू फिर ये सुनील किस खेत की मूली हैं साहिल।
साहिल:" लेकिन मम्मी वो आपको गलत नजर से देख रहा हैं और ये मुझे अच्छा नहीं लग रहा हैं बिल्कुल भी।
रूबी:' देखने दो, वैसे भी आज कल लड़की को सही नजर से देखता ही कौन हैं ।