hotaks444
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मेने मुन्ना को देखा उसकी आँखों में वासना के लाल लाल डोरे साफ दिख रहै थे,असल में अनिल ने उसे ये कहा था की वो अपनी बीबी को उस से चुदवाना चाहता हें लेकिन उसकी बीबी तेयार नहीं होगी इसलिए वो कमर दर्द दूर करने के बहाने उसे भेजेगा\यानि हम तीनो जानते थे की होगा क्या लेकिन तीनो अपना नाटक कर रहै थे \
मुन्ने ने मुझे दीवान पर लेटने को कहा में पेट के बक लेट गयी, मुन्ना ने मेरी कमर पर हाथ रख दिया और होले होले उसे दबाने लगा मेरी तो जान ही निकल गयी में तो चाहती थी ये भाडू कमर क्या दबा रहा हें ये तो मेरी गांड सहलाये जेसे मुन्ना ने मेरे दिल की बात भाप ली उसके हाथ अब मेरी कमर से हट गए और वो मेरे चुत्डो को दबाने लगा ,हाय पहली बार कोई मर्द मेरे चुत्डो को दबा रहा था में तो उतेजना में मरी जा रही थी \
मेने सोचा इसे तो काफी समय ख़राब हो जायेगा ,मेने अनिल से कहा मुझे तुम्हारा सामने शर्म आ रही हें में अंदर बेडरूम में जाकर अपनी कमर दबवा लेती हूँ अनिल तो नशे में था उसने हाँ भर दी में मुन्ना को लेकर बेडरूम में चली गयी और अंदर जाकर कुण्डी लगा ली \में अंदर जाते ही मुन्ना से चिपट गयी मुन्ना मेरी भावना समझ गया उसने मुझे बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगा उसके होठ मेरे होठो पर थे उसके हाथ मेरी गांड सहला रहै थे उसका लंड कपड़ो में ही खड़ा होकर मेरी चूत का दरवाजा खटखटा रहा था\
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को देखते रहै, फिर मैंने अपने होंट उसके होंटों से मिला दिए और चूसने लगी । करीब दस मिनट तक उसने भी मेरा साथ दिया। चूसते-चूसते उसका एक हाथमेरी चूचियों को और दूसरा हाथमेरी गांड को सहलाने लगा।उसका लंड पैंट के अंदर तूफान मचा रहा था, ऐसा लग रहा था कि पैंट फाड़ कर बाहर निकल आएगा।
मैं कुछ देर उसके बदन की खुशबू लेती हुआ वहीं पड़ी रही ....
उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो ...
फ़िर उसने मेरे टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से अपने कपड़े उतरवा रही थी और वो मुझे चूमे जा रहा था ..
अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी ही थी ....
उसने मेरे बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था !में इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि उसे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगाड़ना सा लगता था ....
तो वो फ़िर सेमुझे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, मेरे समतल पेट को चूमा और अब मेरी नाभि की ओर बढ़ा।
अपनी जीभ को घुमाया मेरी नाभि में और चाटना शुरू किया ! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था ...उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ....वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही था और उसका काला सा बदन मचल रहा था। मगर अब भीमें चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ....
वो चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब उसका मुँह मेरी पैंटी के ऊपर था ...पैंटी से ही उसने चूत को चूमा और मुँह को दबाया मेरी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ....
उसने धीरे से मेरी पैंटी को नीचे सरकाया ...वाह क्या गुलाबी चूत थी मेरी ... बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है मेरी चूत जो उसकी काली सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है ...
उसने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए मेरी चूत को चूमने लगा ...बहुत ही मीठी खुशबू मेरी चूत से आ रही थी और वो पागल हुए जा रहा था ...मेरी चूत के बीच के हिस्से मेंवो चूम रहा था ...चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी ...बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ...
मुन्ने ने मुझे दीवान पर लेटने को कहा में पेट के बक लेट गयी, मुन्ना ने मेरी कमर पर हाथ रख दिया और होले होले उसे दबाने लगा मेरी तो जान ही निकल गयी में तो चाहती थी ये भाडू कमर क्या दबा रहा हें ये तो मेरी गांड सहलाये जेसे मुन्ना ने मेरे दिल की बात भाप ली उसके हाथ अब मेरी कमर से हट गए और वो मेरे चुत्डो को दबाने लगा ,हाय पहली बार कोई मर्द मेरे चुत्डो को दबा रहा था में तो उतेजना में मरी जा रही थी \
मेने सोचा इसे तो काफी समय ख़राब हो जायेगा ,मेने अनिल से कहा मुझे तुम्हारा सामने शर्म आ रही हें में अंदर बेडरूम में जाकर अपनी कमर दबवा लेती हूँ अनिल तो नशे में था उसने हाँ भर दी में मुन्ना को लेकर बेडरूम में चली गयी और अंदर जाकर कुण्डी लगा ली \में अंदर जाते ही मुन्ना से चिपट गयी मुन्ना मेरी भावना समझ गया उसने मुझे बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगा उसके होठ मेरे होठो पर थे उसके हाथ मेरी गांड सहला रहै थे उसका लंड कपड़ो में ही खड़ा होकर मेरी चूत का दरवाजा खटखटा रहा था\
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को देखते रहै, फिर मैंने अपने होंट उसके होंटों से मिला दिए और चूसने लगी । करीब दस मिनट तक उसने भी मेरा साथ दिया। चूसते-चूसते उसका एक हाथमेरी चूचियों को और दूसरा हाथमेरी गांड को सहलाने लगा।उसका लंड पैंट के अंदर तूफान मचा रहा था, ऐसा लग रहा था कि पैंट फाड़ कर बाहर निकल आएगा।
मैं कुछ देर उसके बदन की खुशबू लेती हुआ वहीं पड़ी रही ....
उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो ...
फ़िर उसने मेरे टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से अपने कपड़े उतरवा रही थी और वो मुझे चूमे जा रहा था ..
अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी ही थी ....
उसने मेरे बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था !में इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि उसे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगाड़ना सा लगता था ....
तो वो फ़िर सेमुझे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, मेरे समतल पेट को चूमा और अब मेरी नाभि की ओर बढ़ा।
अपनी जीभ को घुमाया मेरी नाभि में और चाटना शुरू किया ! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था ...उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ....वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही था और उसका काला सा बदन मचल रहा था। मगर अब भीमें चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ....
वो चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब उसका मुँह मेरी पैंटी के ऊपर था ...पैंटी से ही उसने चूत को चूमा और मुँह को दबाया मेरी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ....
उसने धीरे से मेरी पैंटी को नीचे सरकाया ...वाह क्या गुलाबी चूत थी मेरी ... बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है मेरी चूत जो उसकी काली सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है ...
उसने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए मेरी चूत को चूमने लगा ...बहुत ही मीठी खुशबू मेरी चूत से आ रही थी और वो पागल हुए जा रहा था ...मेरी चूत के बीच के हिस्से मेंवो चूम रहा था ...चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी ...बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ...