तीन दिन बाद मां और दीदी वापिश आ गए । मैं अपने मिशन पर लग गया । और तीनों पर नजर रखने लगा। मैं अब घर मे थोड़ा सख्त भी रहने लगा सबको मेरे व्यवहार से थोड़ा अचरज हुआ। लेकिन कोई कुछ भी नही बोली।
मुझे दो दिन में ये मालूम चला कि मम्मी और रीटा दीदी दोनो ही अपनी प्यास हस्तमैथून से बुझाती है लेकिन कोई ऐसा हिंट नही मिला कि गैर मर्द से तालुक हो। मैंने पहले थोड़ा रीटा दी के साथ ओपन होने का सोचा।
“मैं खाना लगा रही हूँ.” सभी बाहर आ जाओ ,कह कर मुस्कुराते हुए किरण दीदी किचन में चली गयी.
दीदी और रोशनी ने खाना लगाया, हम सबने ने खाया, खाना खाते खाते मैं रीटा दीदी के सेक्सी बदन को, उनकी चूचियों को ही घूरे जा रहा था, दीदी भी मेरी इस हरकत को नोटिस कर रही थी.
हमने खाना खत्म किया और वही हाल में बैठकर टीवी देखने लगे।
कुछ देर बाद रीटा दीदी अपने रूम में सोने चली गयी. मैं बस अब रीटा के जवान बदन को बिल्कुल नंगा देखना चाहता था. मैं भी कुछ देर बाद ऊप्पर चला गया।
मेरे पास ज्यादा समय नहीं था अब… मैं बंद दरवाज़े से सट कर खड़ा हो गया और रीटा के पूरी नंगी होने के सही टाइम का अंदाज़ा लगाने लगा. लोअर उतारा होगा.टीशर्ट उतर गयी होगी… अब रीटा सिर्फ ब्रा और पैंटी में होगी.पैंटी भी उतार दी होगी. ब्रा खोल रही होगी.
अब एक गदराई जवान खूबसूरत लड़की नंगी हो चुकी होगी.
यही वक़्त है. 1… 2… 3…
मैंने मास्टर key से झटके से दरवाज़ा खोल दिया.
मेरे होश उड़ गए…. रीटा बेड पर अपनी जाँघें फैलाए पड़ी थी, उसने टॉप पहना हुआ था मगर लोअर उतारा हुआ था, पेंटी नीचे सरकी हुई थी और अपनी चूत में एक खीरा अंदर बाहर कर रही थी.
मुझे देखते ही दीदी चिल्लाई- ये क्या बदतमीज़ी है? नॉक करना नहीं आता तुम्हें?
अपनी पैंटी ऊपर करते हुए बोली रीटा दीदी.
“सॉरी… वेरी सॉरी…” मैं सकपका गया, मैं तो बस आपके साथ बात करने आया था।
अपने को संभाला और वही खड़ा हो गया।
वैसे दीदी आप ये क्या कर रही थीं।
अब दीदी को सांप सूंघ गया। और वो अपनी चुत छुपाने लगि।
मैं हल्का सा मुस्कराया और बोला कि कंटिन्यू दी, एन्जॉय योरसेल्फ।
रीटा थोड़ा मुस्कुरा कर बोली- अब कहा जा रहा है, आ बैठ …
रीटा दीदी को मुस्कुराती देख मेरी जान में जान आई मैं कुछ बोल पाता कि वो फिर बोल पड़ी- देखो… घबराओ मत, मुझे भी आज किसी की जरूरत है… कितने समय से बस इस खीरे से मास्टरबेट कर रही हूँ. आज तुम यहाँ हो तो… समझ गए ना? पर किसी से कुछ कहना नहीं… समझे. अगर मेरी मदद करोगे तो मुझे घर से बाहर नही जाना पड़ेगा ।
ये क्या हो रहा है मैं सोचने लगा। जो काम मे चाह रहा था खुद से ही बन रहा है
मैंने हाँ में सिर हिलाया.
रीटा ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी बड़ी गांड को मटकाते हुए मुझे बगल में बैठा लिया. रीटा ने रिमोट से ए सी चालू किया और मुझे बिस्तर के ऊपर धक्का दिया. मैं गिरा और पूरी नंगी रीटा मेरे ऊपर आकर चढ़ गई और मेरे होंठों को चूमने लगी.
कुछ देर बाद हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए, मैंने पहले रीता की चूत पर पैंटी के ऊपर से ही किस किया, उसमें से हल्की सी खुशबू आ रही थी जो मुझे उत्तेजित करने के लिए काफी थी.
मैंने अपनी उँगलियों से पेंटी एक तरफ सरका के अपनी जीभ जैसे ही चूत पर लगाई, रीटा कराह उठी. उसने मेरी पैन्ट खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे मुख में लेकर कुल्फी की तरह होंठों से चूसने लगी.
इधर मैंने दीदी की चूत में जीभ से चाटा और उधर रीटा दीदी ने मेरा आधा लंड अपने मुख में भर लिया. मैंने दीदी की पैंटी पूरी उतार दी और अपनी एक उंगली रीटा की गांड के छेद पर रख दी और उसे दबाते हुए चूत को चाटने लगा.
रीटा ने मेरे आधे लंड को हाथ से पकड़ा हुआ था और बाक़ी का आधा लंड अपने मुंह में लेकर जोर जोर से चूस रही थी.
आनन्द के मारे मेरे तो होश उड़ चुके थे, रीटा दीदी को चोदने का जो सपना मैं कुछ देर पहले ख्यालों में देख रहा था, वो अब साकार जो होने को था!
रीटा मेरे लंड के चुस्से लगाती रही और मैंने दीदी की गोरी चूत को चाट कर लाल कर दिया था. मैंने रीटा दीदी की गांड में उंगली कर कर के उसे ज्यादा उत्तेजित कर दिया था, अब हम दोनों भाई बहन रियल सेक्स के लिए एकदम तैयार थे.
रीटा दीदी ने मेरे लंड को मुख से निकाला और बोली- चल भाई, अब दे दे अपनी दीदी को असली चुदाई के स्वर्ग का आनन्द! बहुत तड़प रही हु। जिस दिन से तुम्हे रोशनी को चोदते देखा है उस दिन से तुमारा लण्ड अपनी चुत में घुसवाना चाहती थी। आज मौका मिला है।
मैं उठा अपने पूरे कपडे उतारे, इतनी देर में दीदी ने अपने सारे कपडे उतार दिए थे, दीदी ने बिस्तर पर लेट कर अपनी दोनों टाँगें खोली और चूत का फाटक मेरे सामने खोल के रख दिया.
रीटा दीदी की की चूत मेरी नज़रों के सामने थी जिसको मैं अभी कुछ पला पहले चाट चाट कर गर्म कर चुका था, मेरे चाटने से पूरा चूत लाल हुई पड़ी थी.
रीटा दीदी ने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सेट किया.
मैं नीचे झुका और रीटा दीदी के होंठों पर अपने होंठ लगा दिये, रीटा के होंठ चूसते हुए मैंने अपने कूल्हों से एक झटका दिया तो मेरा लंड बिना किसी मुश्किल के दीदी की चूत के अन्दर आधा घुस गया.
रीटा दीदी चुदाई के मामले में पूरी अनुभवी थी, चूत में लंड घुसते ही वो मुझे और भी सेक्सी तरीके से चूमने लगी. हम दोनों की जीभ एक दूसरे से लड़ने लगी थी.
तभी मैंने एक और झटका मारा और इस दूसरे झटके में मेरा लंड पूरा मेरी दीदी की चूत में था.
मैंने एक मिनट तक लंड को चूत के अंदर ऐसे ही रहने दिया, ऐसा करने से मुझे बड़ा मजा आ रहा था, दीदी की गर्म चूत मेरे लंड को दबा रही थी.
अब मैं धीरे धीरे लंड को दीदी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा. दीदी की गीली चूत में लंड हिलाना बड़ा मजेदार था.
रीटा दीदी सिसकारियाँ भर रही थी, कराह रही थी- चोद मेरे भाई… जोर जोर से मेरी प्यासी चूत को चोद! उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर जोर से! बहुत मजा आ रहा है.
“ये लो… ये लो… पूरा मजा लो दीदी, ये ले लो अपने भाई का लंड अन्दर तक!” मैं भी कस कस के अपना लंड दीदी की चूत में ठोक रहा था. भी बहन की जांघों के आपस में टकराने से कमरे में फच फच पट पट की आवाजें रीटा दीदी और मेरी चुदासी आवाजों से मिक्स हो रही थी.
“अह्ह्ह ऊऊऊह अह्ह्ह ह्ह…’ दीदी की चुदास, कामुकता बढ़ रही थी.
मैंने रीटा दीदी के मांसल कंधों को अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया और दीदी को जोर से चोदने लगा. रीटा दीदी की साँसें उखड़ चुकी थी. और दीदी ने तभी मेरे लंड पर चूत के होंठों का दबाव बना दिया.
दीदी झड़ने को थी, एक लम्बी सांस के साथ मैंने भी अपना पानी दीदी की झड़ रही चूत में निकाल दिया. रीटा दीदी की चूत ने मेरे लंड पर जकड़ बनाये रखी और वो भी मेरे साथ झड़ गई!
मेरे वीर्य की एक एक बूंद की दीदी की गर्म चूत में निकल गयी और तब दीदी ने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ्त से आजाद किया. मैंने लंड बाहर निकाला और दीदी के चेहरे को देखा, उनकी आँखों में संतुष्टि के भाव थे और मैं तो खुश था ही अपनी दीदी को चोद कर! संतुष्ट कर दिया।
कुछ देर ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहने के बाद रीटा बोली- यार, बहुत दिन बाद चुदाई की आज… मजा आ गया… तुझे भी मजा आया ना?
मैंने हाँ में सर हिला कर दीदी की बात का जवाब दिया और वहीं नंगी दीदी के बगल में लेट गया।
मैंने दीदी से पूछा कि क्या आपका बाहर भी किसी से अफेयर है।
दीदी ने मना कर दिया वो बोली नही मैं तो बस खुद ही एन्जॉय कर लेती थीं। अभी कूछ दिन पहले तुम्हे और रोशनी को चुदाई करते देखा तो मन मे आया की घर मे ही जब मस्त लंबा लौडा है तो मैं क्यो प्यासी रहू।
अगर आज तुम नही आते तो मैं तुम्हे रोशनी के साथ सेक्स करते हुए पकड़ने वाली थी। और फिर तुमसे चुदती।
फिर हम दोनो आपस मैं बातें करने लगे मैंने रीटा से पूछा की आप अपने ससुराल को छोड़कर क्यूँ चली आई थी| दीदी बताने लगी की उसकी सास-ससुर उसे बहुत ही परेशान करते थे | वो मुझे ताने मारते थे की मैं मा नही बन सकती | दीदी कहने लगी की मेरे पति मुझे प्यार करते थे पर जब वो अपने मा बाप को न समझा सके। और दूसरी शादी के लिए बोलने लगे।अब मैं मा नही बन सकती तो उसमें मेरा क्या दोष,हर रोज की किचकिच थी ससुराल में तो मैं वहां रहकर क्या करती मुझे वहां बिलकुल अच्छा नहीं लगता था | इसलिए पापा ने मेरा तलाक करवा दिया। इतना कहकर दीदी फूट-फूट कर रोने लगी | मैंने दीदी को चुप कराने की कोशिस करने लगा | मैंने दीदी के आंसू पोछे और दीदी को शांत कराने की कोसिस करने लगा | मैंने दीदी को बहुत समझाया और फिर दीदी को शांत कराया | दीदी को चुप कराते समय हम दोनों फिर से बहुत नजदीक आ चुके थे | दीदी की गरम साँसे मुझे बहुत ही कामुक कर रही थी | मैं फिर से गर्म होने लगा। दीदी मेरे और करीब आ गयी दीदी ने कहा संजू तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो | मैंने भी दीदी से कहा की आप भी मुझे बहुत पसंद हो | फिर दीदी ने अपना हाँथ मेरे लंड पर रख दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी |
मैं समझ गया की दीदी मुझसे फिर चुदने के लिए तैयार थी | मैंने दीदी को अपनी बाँहों में भर लिया और किस करने लगा | मैंने दीदी को बिस्तर पर गिरा लिया और दीदी के बूब्स मसलने लगा | मैंने दीदी के बूब्स को मसलते हुए अपना एक हाँथ से उनकी चूत सहलाने लगा | दीदी मेरा पूरा साथ दे रही थी मैं उसके होंठो को चूमे जा रहा था | दीदी मुझसे कहने लगी की संजू मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ आज तुम मेरी प्यास बुझा दो मैं तुम्हारा बहुत एहसान मानूंगी | दीदी बहुत ही हॉट लग रही थी | दीदी के गोरे बूब्स बहुत ही टाइट थे | मैं दीदी के बूब्स को हिलाने लगा और दीदी के बूब्स को अपने मुहँ में ले लिया और उसकी चूचियों को चूसने लगा | दीदी बहुत ही गरम होने लगी थी |दीदी की चूत बहुत ही मस्त थी | दीदी की चूत पर हलके-हलके बाल थे | मैंने दीदी की चूत में अपनी जीभ डाल दी और दीदी की चूत को चाटने लगा | वो मदहोश हो गयी मैं चूत में अपनी जीभ अन्दर-बाहर करने लगा | दीदी थोड़ी देर बाद झड झड गयी मैं उसका सारा रस पी गया और उसकी चूत को चाटकर साफ़ किया | फिर दीदी ने मुझे लिटा दिया और मेरा लंड देखकर दीदी बहुत खुश हुई दीदी ने मुझसे कहा की संजू तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुहँ में डाल लिया और चूसने लगी | दीदी मेरे लंड को मस्ती से चुसे जा रही थी |
दीदी मेरे लंड को ऐसे चाट रही थी जैसे की लोलीपॉप चूस रही हो | मैंने अपना लंड उसके मुहँ से निकाला और दीदी के बूब्स की नाली के बीच में डालकर उनके बूब्स को चोदने लगा | अब दीदी मुझसे कहने लगी संजू अब मुझे मत तडपाओ डाल दो अपना लंड मेरी चूत में बुझा दो मेरी चूत की प्यास , बहुत दिनों बाद इसे लंड मिला है | फिर मैंने दीदी की टांगे फैलाई और चूत पर अपना लंड रखा और एक झटके में चूत में डाल दिया | दीदी के मुहँ से आह निकल गयी | इससे पहले की दीदी और आवाजे निकालती मैंने दीदी के होंठों पर अपने होंठ रख दिया और दीदी को किस करने लगा | मैं दीदी को किस किये जा रहा था और दीदी की चूत को चोदे जा रहा था | 20 मिनट तक मैंने उनकी चुदाई की फिर उनका पूरा शरीर अकड़ने लगा और दीदी ने मुझे कसकर अपनी बाँहों में भर लिया | मैं समझ गया की दीदी फिर से झड़ने वाली है | मैं और जोर से चोदने लगा फिर हम दोनों झड गए | उस रात मैंने दीदी की दो बार ओर चुदाई की दीदी मुझसे बहुत खुश थी। औऱ मैं भी।